होम लोन शिफ्ट करने से पहले

जब भी रिजर्व बैंक रेपो रेट में बदलाव करता है, इसके बाद तकरीबन सभी बैंकों व कर्जदाताओं को बेस रेट घटाना पड़ता है. ऐसे में बहुत से लोग होम लोन ऐसे बैंक को शिफ्ट करना चाहते हैं जिसका बेस रेट सबसे कम हो. ऐसा करते वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. वजह यह है कि होम लोन में केवल ब्याज दर की ही अहमियत नहीं होती. लिहाजा, उसे शिफ्ट करने से पहले कुछ अन्य बातों पर ध्यान देना जरूरी है.

बैंक से अच्छे से बात करें

होम लोन शिफ्ट करने में उन सारी प्रक्रियाओं को फिर से पूरा करना पड़ता है जो पहला होम लोन लेते वक्त करनी पड़ी थी. फिर नया होम लोन प्रदाता आपकी साख की नए सिरे से समीक्षा करेगा. लिहाजा पहले अपनी मौजूदा क्रेडिट हिस्ट्री और स्कोर के अलावा मकान खरीद संबंधी कागजात और कानूनी व तकनीकी पहलुओं की जांच कर लें.

ईएमआई पर भी विचार करें

ब्याज दरों की तुलना करना आवश्यक है. इसी के साथ यह भी देखें कि कितने समय तक ईएमआइ की अदायगी और करनी है. यदि अभी हाल ही में होम लोन लिया है और ईएमआइ की अदायगी के कुछ वर्ष ही हुए हैं तो कम ब्याज दर के लिए होम लोन शिफ्ट करना फायदेमंद हो सकता है.

लोन शिफ्ट करने का खर्च

होम लोन स्विच करने पर खर्च आता है. इसमें प्रोसेसिंग फीस, प्रॉपर्टी का मूल्यांकन कराने, कागजात तैयार करवाने, स्टांप ड्यूटी तथा बीमा कराने आदि के खर्च शामिल हैं. इन सबका आकलन करें. यदि कम ब्याज दर से मिलने वाला लाभ इस खर्च से काफी अधिक है तभी होम लोन शिफ्ट करने के लिए आगे बढ़ें.

क्रेडिट स्कोर व रिपोर्ट पर भी हो नजर

होम लोन शिफ्ट करने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट अवश्य देख लें. जिस नए बैंक को आप अपना होम लोन शिफ्ट करने जा रहे हैं वह क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया)लिमिटेड (सिबिल) से आपका क्रेडिट स्कोर व रिपोर्ट मंगाकर जरूर देखेगा. यदि क्रेडिट हिस्ट्री कमजोर व क्रेडिट स्कोर कम हुआ तो नया बैंक होम लोन ट्रांसफर का आवेदन अस्वीकार कर सकता है.

चेहरा दिखे खिला खिला

विंटर सीजन अपने साथ खुशनुमा मौसम लाता है और साथ ही लाता है आप की त्वचा के लिए रूखापन और खिंचाव. जलवायु त्वचा की सब से बड़ी दुश्मन होती है. अगर उचित देखभाल नहीं की जाए तो चेहरे पर रूखापन आ सकता है.

जानिए कुछ नैचुरल फेस केयर टिप्स जो आप के चेहरे को ठंड के मौसम में भी कोमल और खूबसूरत बनाए रखने में आप की मदद करेंगे:

ऐलो वेरा प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल

ऐलो वेरा को चेहरे के लिए बहुत ही बेहतरीन मौइश्चराइजर माना जाता है. ऐलो वेरा स्किन रिजुविनेट करता है और साथ ही चेहरे को तरोताजा भी रखता है. यह चेहरे को मुलायम और सुंदर बनाए रखने में बहुत उपयोगी है. ऐलो वेरा में जैतून का तेल मिला कर रोजाना लगाने से चेहरे की त्वचा पर सर्दियों की वजह से आया खिंचाव व इरिटेशन दूर हो जाती है और चेहरा ग्लो करता है.

लाएं इस्तेमाल में खीरा

ठंड का मौसम अपने साथ लाता है बहुत सारी स्किन प्रौब्लम्स जिन की वजह से चेहरा बहुत ही अनाकर्षित और रूखा दिखने लगता है. सर्दियों में सब से बड़ी परेशानी रूखी और असामान्य स्किनटोन होती है. पर इस समस्या से निबटने के उपाय हैं. ये उपाय आप के किचन में ही हैं. जैसे कि खीरा एक बहु उपयोगी चीज है जोकि न सिर्फ आप की सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि आप की स्किन के लिए भी बहुत अच्छा है. खीरे का फेस पैक चेहरे के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. इस के इस्तेमाल से चेहरे का रूखापन दूर होता है और आप की त्वचा मुलायम और कोमल बनी रहती है.

शहद से स्किन केयर

यदि आप को ठंड के मौसम में अपने चेहरे को रूखेपन से बचना है और अपनी त्वचा को कोमल बनाए रखना है, तो शहद का इस्तेमाल करना आप की त्वचा के लिए उपयोगी होगा. शहद में कुछ ऐसे तत्त्व होते हैं, जो त्वचा को मौइश्चराइज भी करते हैं और उस की नमी को भी बनाए रखते हैं.

दूध से पाएं कोमल त्वचा

सर्द हवाएं चेहरे की त्वचा से कोमलता चुरा कर उसे रूखा बना देती हैं. ऐसे में दूध से चेहरे की स्क्रबिंग और क्लींजिंग करना बेहद लाभकारी होता है. चेहरे की सफाई के लिए दूध का इस्तेमाल कर रही हैं, तो बेहतर होगा कि यह काम रात में करें जिस से चेहरे की सारी गंदगी साफ हो जाए. दूध के नैचुरल मौइश्चराइजिंग तत्त्व त्वचा को साफ कर उसे कोमल बनाते हैं.

सर्दियों में नहीं झड़ेंगे आपके बाल

वैसे तो बालों के झड़ने की प्रॉब्लम हमेशा ही बनी रहती है लेकिन सर्दियों में यह कुछ बढ़ जाती है. ऐसा कहा जाता है कि एक दिन में 100 बाल गिरना समान्य बात है लेकिन अगर इनकी गिनती बहुत ज्यादा है तो यह वक्त संभलने का है. इन उपायों को अपनाकर आप अपने बेशकीमती बालों को गिरने से रोक सकती हैं.

बाल धोने से पहले कंघी जरूर करें. बाल धोने के दौरान उलझ जाते हैं. ऐसे में पहले से ही उलझे बाल और भी बुरे हो जाएंगे. इसके साथ ही यह भी याद रखें कि गीले बालों में गलती से भी कंघी न करें. इससे बाल कमजोर हो जाएंगे.

हर रात कंघी करके ही सोएं. इससे सुबह उठने पर आपको उलझे हुए बाल नहीं मिलेंगे. इससे बालों का गिरना भी कम होगा.

गुनगुने पानी से बाल धोएं. गर्म पानी से बाल धोना सही नहीं है. इससे बाल और ज्यादा गिरने लगेंगे. ज्यादातर लोग इन दिनों में गर्म पानी से बाल धो लेते हैं, जिससे यह समस्या बढ़ जाती है.

बेबी शैंपू यूज करें. माइल्ड शैंपू यूज करने से बाल उलझेंगे भी कम और झड़ेंगे भी कम.

कंडिशनर का इस्तेमाल करें लेकिन जड़ों में नहीं.

बालों को सामान्य तरीके से सूखने दें. ड्रायर का इस्तेमाल बालों को रूखा तो बनाएगा ही साथ इससे बाल भी गिरेंगे.

सुल्तान से बेहतर है दंगल: सलमान

अभिनेता सलमान खान ने ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान की कुश्ती पर आधारित फिल्म ‘दंगल’ की तारीफ करते हुए कहा है कि यह ‘सुल्तान’ से बेहतर है. ‘दंगल’ शुक्रवार को दुनियाभर में रिलीज की गई है. अली अब्बास जफर निर्देशित सुल्तान इस साल रिलीज हुई थी. इसमें सलमान ने हरियाणा के पहलवान का किरदार निभाया था, जिसका सफल करियर उसके जीवन में तबाही मचा देता है.

सलमान ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, “मेरे परिवार ने ‘दंगल’ देखी और उन्हें लगता है कि यह ‘सुलतान’ से काफी बेहतर है. निजी पर मैं आपको प्यार करता हूं आमिर, लेकिन पेशेवर तौर पर आप मुझे पसंद नहीं.”

इस पर आमिर ने ट्वीट किया, “सलमान खान आपकी नफरत में मुझे केवल प्यार महसूस होता है. मैं आपको उसी तरह प्यार करता हूं जिस तरह आपसे नफरत करता हूं.”

नितेश तिवारी निर्देशित यह फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है. यह एक पिता के द्वारा अपनी बेटियों को कुश्ती में प्रशिक्षित करने और सशक्त बनाने की प्रेरणादायक यात्रा है. इस फिल्म में आमिर ने कुश्ती के एक पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन खिलाड़ी महावीर सिंग फोगट का किरदार निभाया है, जो अपनी पत्नी और पूरे गांव की असहमति के बावजूद अपनी बेटियों गीता और बबीता को कुश्ती का प्रशिक्षण देते हैं.

इतना ही नहीं सलमान खान ने खुद आमिर की फिल्म दंगल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया उन्होंने कहा कि आमिर की दंगल उनके घरवालो ने भ जिसे देखकर उन्हें काफी मजा आया.

“गौडफादर सिर्फ इंडस्ट्री में एंट्री करा सकता हैं”

छोटा मुंबई कहे जाने वाले शहर इंदौर में पली बढ़ी समीक्षा ने एक्टिंग में जाने का मन तभी बना लिया था जब उन्होंने पत्रकारिता में ग्रैजुएशन करने के लिए एडमिशन लिया था. जीवन के हर कदम पर मां का साथ पाने वाली समीक्षा कहती हैं कि वे आज जो कुछ भी हैं अपनी मां के कारण हैं. अपने पहले ही औडिशन में जी टीवी के शो ‘जिंदगी की महक: महक’ में लीड रोल पाने वाली समीक्षा इसे अपनी जिंदगी का सब से बड़ा अचीवमैंट मानती हैं.

खाने और खिलाने की शौकीन समीक्षा कहती हैं कि शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब उन की रसोई से लजीज खाने की महक न आती हो. कड़ाही और चम्मच तो जैसे उन के खास दोस्त बन गए हैं. जी टीवी के इस शो की कहानी चूंकि दिल्ली की है इसलिए दिल्ली की रियल लोकेशन पर इस की शूटिंग की जा रही है. शूटिंग स्पौट पर ही समय निकाल कर समीक्षा ने अपनी बातें गृहशोभा से शेयर कीं:

जब पहली बार कैमरे के सामने आईं तो कैसा अनुभव रहा?

उस दिन को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी. जब इस शो के प्रोमो शूट के लिए मैं शूटिंग स्पौट पर पहुंची, तो पूरी शूटिंग यूनिट, भारीभरकम लाइटों और कैमरों को देख कर हालत पतली हो गई. उस समय मैं सोच रही थी कि कैसे मैं अपना सीन कर पाउंगी. पर शो के निर्देशक और पूरी टीम ने मेरा हौसला बढ़ाया. शुरुआत में कुछ समस्याएं आईं, क्योंकि इस से पहले मैं ने कभी कोई सीन शूट नहीं किया था. पहली बार कैमरे से रूबरू हुई थी. मैंने उन छोटीछोटी प्रौब्लम्स को बहुत अच्छे तरीके से सुलझाया और आज एक ही टेक में सीन ओके हो जाता है. रीटेक की नौबत कम ही आती है. कारण है मैं अब थोड़ीबहुत एक्टिंग में मैच्यौर हो गई हूं, क्योंकि अब 3 महीनों से ज्यादा का समय शूटिंग करते बीत गया है.

महक से समीक्षा कितनी मिलती है ?

सच बताऊं तो मैं खाने की बहुत शौकीन हूं, मुझे तरहतरह का खाना बहुत पसंद है, पर बनाना नहीं आता है. शो के कैरैक्टर महक को भी खाना बहुत पसंद है पर वह अच्छा खाना बना भी लेती है. मैं भी संयुक्त परिवार से हूं और महक के परिवार में भी सभी साथ रहते हैं. जब इस शो की कहानी मुझे सुनाई गई तब मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरी ही कहानी सुनाई जा रही है. जब इस शो का औडिशन देने गई तब भी मैं डर रही थी कि मैं कैसे कर पाऊंगी, क्या होगा. लेकिन मेरी मां ने मेरा आत्मविश्वास बहुत मजबूत कर दिया था, इसलिए बेखौफ हो कर औडिशन दिया और सलैक्ट हो गई.

जर्नलिस्ट से एक्टर कैसे बन गईं?

मैं ने इलैक्ट्रौनिक मीडिया में ग्रैजुऐशन किया है. जब ऐडमिशन लिया था तभी यह सोच लिया था कि पत्रकार नहीं बनना है. कुछ हट कर काम करूंगी. एक्टिंग का कीड़ा बचपन से ही था. स्कूल में होने वाले नाटकों में मेरी सक्रियता हमेशा रहती थी. शुरुआत में मुझे सैट डिजाइनिंग का शौक था. कालेज में पढ़ाई करते हुए इस पर ही फोकस किया था. कुछ प्रोजेक्ट्स और डौक्यूमैंटरीज बनाते समय एक्टिंग भी की.

इस के बाद लगा कि सैट डिजाइनिंग के बजाय मेरे लिए सही कैरियर औप्शन एक्टिंग है. इसलिए छोटीछोटी डौक्यूमैंटरीज में काम कर के अपनी एक्टिंग स्किल को ग्रूम करना शुरू किया. इस ग्रूमिंग की मदद से ही आज यह बड़ा ब्रेक मिल पाया है. मैं आज 21 साल की हूं. 6 साल पहले मैं ने सोच लिया था कि मैं कुछ ऐसे काम में कैरियर बनाऊंगी जो हट कर हो. मेरे हर फैसले पर मेरी मां का बहुत साथ मिला. उन्होंने हमेशा प्रोत्साहित किया है. मेरे पापा शुरू में कुछ असमंजस में थे पर उन्हें इतना विश्वास था कि उन की बेटी जो भी फैसला लेगी अच्छा ही लेगी.

इंदौर को मिस करती हैं?

बहुत ज्यादा. वहां के राजबाड़ा की शाम और दोस्तों के साथ जा कर स्ट्रीट फूड का मजा लेना बहुत याद आता है. 4 महीने से मैं घर नहीं गई हूं. दिल्ली में ही हूं. परिवार के लोग तो मिलने यहां आ जाते हैं पर दोस्तों से नहीं मिल पाई हूं. याद तो सभी आते हैं पर यह सोच कर अपने को समझा लेती हूं कि घर वालों के साथसाथ मेरे शहर वालों की मुझ से बहुत उम्मीदें हैं. कुछ अच्छा करूंगी तभी सब की उम्मीदों पर खरा उतर पाऊंगी.

दिल्ली ने दिल जीता या नहीं?

यहां के लोग अच्छे हैं, दिलवाले भी हैं पर यहां प्रदूषण और ट्रैफिक बहुत ज्यादा है. पिछले दिनों दीवाली के बाद छाई धुंध को देख कर मैं सकते में आ गई थी. मुझे सांस लेने में परेशानी होने लगी थी. यहां रहने वाले लोग कैसे इस प्रदूषण को सहन करते होंगे. हमेशा इतना शोर होता है कि लगता है कि यहां ज्यादा रहूंगी तो कम सुनाई देने लगेगा. पिछले दिनों हमारे शो की शूटिंग चांदनी चौक में हुई. तब मैं ने रियल दिल्ली को देखा. लोगों की रेलमपेल के बीच परांठे वाली गली का स्वाद भी चखा. लेकिन मैं कहती हूं कि दिल तक पहुंचने का रास्ता पेट से हो कर जाता है और पेट भरने का सब से अच्छा तरीका हम इंदौरियों से अच्छा कौन जानता है.

इस शो में महक को ऐसी लड़की के तौर पर दिखाया गया है, जो अपने परिवार और खाने का बहुत ध्यान रखती है. तो रियल लाइफ में घर संभालना कितना बड़ा टास्क है?

होममेकर होना कोई छोटी चीज नहीं है. यह बहुत बड़ा काम है. बहुत सारी ऐसी घरेलू महिलाएं हैं, जो अपनी अहमियत नहीं समझ पाती हैं. उन्हें फैमिली के सामने कुछ नजर नहीं आता. कभी वे खाना बनाने में बिजी होती हैं, तो कभी किसी के लिए कुछ और करने में. मेरा कहना है कि उन्हें अपना भी ध्यान रखना चाहिए.

क्या अकेले दम पर अपनी पहचान बनाना मुमकिन है?

हां, अगर मन में ठान लिया जाए तो यह जरूर मुमकिन है. शुरुआत में तमाम मुश्किलों से दोचार होना पड़ता है पर मंजिल निश्चित मिलती है. आप का गौडफादर या इंड्रस्ट्री में रहने वाला रिलेटिव आप की यहां इजी ऐंट्री तो करा सकता है पर सर्वाइव तो आप को ही करना पड़ता है. अगर आप में वह काबिलीयत और अदाकारी नहीं है तो जल्द ही आप बाहर हो जाते हैं. हमारी इंडस्ट्री में तो ऐसे स्टार किड्स के कई उदाहरण आप को मिल जाएंगे जो अच्छे बैनर की फिल्मों के सहारे लौंच तो हुए लेकिन उस के बाद आज भी उन की पहचान उन के पेरैंट्स से है. उन की अपनी पहचान कुछ नहीं है.

‘हरामखोर’ को मिली हरी झंडी

काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार ‘हरामखोर’ को ट्रीब्यूनल से रिलीज की हरी झंडी मिल ही गई. इस फिल्म में नवाजुद्दीन मुख्य भूमिका हैं. फिल्म एक टीचर और स्टूडेंट के बीच नाजायज संबंधों पर आधारित है, जिसमें स्टूडेंट की भूमिका श्वेता त्रिपाठी ने निभाई है. नवाज टीचर के रोल में हैं.

फिल्म के विषय को लेकर सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया था. बाद में फिल्म के निर्माता अनुराग कश्यप, गुनीत मोंगा, फिरोज आलमगीर और निर्देशक श्लोक शर्मा ये मामला फिल्म सर्टिफिकेशन अपेलेट कोर्ट ट्रीब्यूनल (एफएसीटी) में लेकर गए, जहां एक पैनल ने फिल्म देखी और पाया कि ये फिल्म एक कदम आगे बढ़ कर सामाजिक संदेश देती है और लड़कियों को उनके अधिकारों के बारे में चेतावनी देती है.

ट्रीब्यूनल से फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट मिला है. फिल्म 13 जनवरी, 2017 को रिलीज होगी. गौरतलब है कि इससे पहले काफी विवादों के बाद फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ को भी ट्रीब्यूनल से ही रिलीज के लिए हरी झंडी मिली थी.

ऑस्कर की रेस में धोनी और सरबजीत

बायोपिक फिल्में ‘सरबजीत’ और ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ ऑस्कर अवॉर्ड्स के रास्ते पर चल पड़ी हैं. इन दोनों फिल्मों को उन 336 फिल्मों की लिस्ट में शामिल किया गया है, जिन्हें ऑस्कर अवॉर्ड की प्रक्रिया में कंसीडर किया जाता है.

द अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने इन फिल्मों की लिस्ट जारी की है. एकेडमी अवॉर्ड लिस्ट में एंट्री के लिए फिल्मों को 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच लॉस एंजेलिस काउंटी के कमर्शियल थिएटर्स में लगातार सात दिन तक दिखाया जाना जरूरी है. इस शर्त को पूरा करने के बाद धोनी और सरबजीत की बायोपिक फिल्मों को ऑस्कर के लिए योग्य माना गया है.

धोनी की बायोपिक फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत ने लीड रोल निभाया था. वहीं सरबजीत में ऐश्वर्या राय और रणदीप हुड्डा ने लीड रोल्स प्ले किए थे. उमंग कुमार की ये सेकंड डायरेक्टोरियल फिल्म है.

शादी से पहले निखरें कुछ ऐसे

जिस तरह परीक्षा में अव्वल आने के लिए डट कर तैयारी करने की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार शादी, पार्टी व किसी खास दिन भी रैड कार्पेट स्टाइल व प्रिसेंस जैसी खूबसूरती पाने के लिए समय रहते प्लानिंग करनी पड़ती है. प्रीब्राइडल रूटीन इसी प्लानिंग का एक अहम हिस्सा है.

तो कैसा हो आप का प्रीब्राइडल रूटीन, आइए जानते हैं:

बाल

 जब बात हो रही है हैड टू टो ब्यूटी की तो शुरुआत हैड से होनी चाहिए. व्यक्तित्व में चार चांद लगाने वाले बालों को स्वस्थ व सुंदर बनाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

स्वस्थ व चमकदार बाल पूरे रूप पर चार चांद लगाते हैं. इन की चमक को बरकरार रखने के लिए हर हफ्ते हैड मसाज करवाएं. इस में यूज होने वाले औयल से बालों को पोषण मिलेगा, साथ ही मसाज स्ट्रोक्स से रिलैक्स भी होंगी.

आज की इस फास्ट लाइफ में बालों का डैमेज होना आम बात है. ऐसे में समयसमय पर कैराटिन हेयर स्पा भी जरूर करवाएं.

ओवरऔल लुक में चेंज लाने के लिए हेयर कलरिंग भी करवा सकती हैं. इस से लुक गौर्जियस नजर आएगा. लेकिन हेयर कलर स्किन व आंखों के कलर के मुताबिक हो, क्योंकि अपनी स्किनटोन के मुताबिक हेयर कलर करवाने पर आप अपने रूप को बदल सकती हैं. पर ध्यान रहे कि बालों में कलर शादी से कम से कम 15 दिन पहले करवाएं.

फेस

स्वस्थ त्वचा व शानदार फीचर्स से खूबसूरती उभारने वाले चेहरे का सुंदरता में बहुत बड़ा योगदान होता है. हालांकि शादी के दिन करैक्टिव मेकअप के जरीए फीचर्स को खूबसूरत बनाया जा सकता है, लेकिन स्किन को फ्लालैस टैक्सचर देने के लिए प्रीबाइडल पैकेज में ये बातें अनिवार्य होती हैं.

यदि आप को स्किन प्रौब्लम्स हैं तो उन से छुटकारा पाने के लिए बेहतर होगा कि प्रीब्राइडल ट्रीटमैंट किसी ऐसे कौस्मैटिक क्लीनिक से लें जहां डाक्टर मौजूद हों, जोकि आप की स्किन की सही जांच कर पाए और सही वक्त पर ट्रीटमैंट शुरू कर सके. ऐसा होने से शादी तक आप की प्रौब्लम्स काफी हद तक समाप्त हो जाएंगी.

टैन्ड फेस की रंगत निखारने के लिए ब्लीच जरूर करवाएं. हो सके तो चेहरे पर माइल्ड ब्लीच का ही इस्तेमाल करें. आज कल मार्केट में कई प्रकार के माइल्ड ब्लीच उपलब्ध हैं, जैसे मिल्क ब्लीच, प्रोटीन ब्लीच आदि. इन के इस्तेमाल से टैनिंग तो दूर होती ही है, साथ ही स्किन भी सौफ्ट हो जाती है.

डैड स्किन को रिमूव करने के लिए हर 15 दिन के अंतराल पर किसी अच्छे ब्यूटी क्लीनिक से वैज या फ्रूट पीलिंग करवा सकती हैं. पीलिंग से ब्लैक हैड्स रिमूव होते हैं, जिस से ऐक्ने की समस्या भी नहीं होती.

ग्लोइंग स्किन व रिलैक्सेशन के लिए फेशियल भी करवा सकती हैं. फेशियल को आप अपनी प्रौब्लम के अनुसार चुन सकती हैं. जैसे यदि ड्राई स्किन है तो कुकून, डल है तो सुपर गोल्ड या वाइन, सांवली है तो स्नो व्हाइट फेशियल करवा सकती हैं. डार्क लिप्स या अंडर डार्क सर्कल की समस्या से जूझ रही हैं, तो स्पैशल पील की मदद से इस समस्या को सुलझा सकती हैं.

यदि आप सफेद दाग या ल्यूकोडर्मा पैचेस की शिकार हैं तो पर्मानैंट कलरिंग करवा सकती हैं. इस के अंतगत स्किन से मैच करते कलर को त्वचा की डर्मिस लेयर तक पहुंचाया जाता है, जिस से दाग छिप जाते हैं. पर्मानैंट कलरिंग का असर 2 साल से ले कर 15 साल तक बना रह सकता है.

आईब्रोज को नियंत्रित शेप देती रहें. चेहरे के अनचाहे बालों को रैड वैक्स या थ्रैड के जरीए रिमूव कर सकती हैं, लेकिन ये पर्मानैंट समाधान नहीं है. चेहरे के अनचाहे बालों को स्थाई रूप से रिमूव करने के लिए पल्स ट्रीटमैंट बैस्ट है. इस से 80% तक अनचाहे बाल रिमूव हो जाते हैं और शेष बाल इतने पतले और हलके रंग के हो जाते हैं कि नजर नहीं आते.

अगर शादी में अभी 5-6 माह का समय हो तो तुरंत इस की सिटिंग्स शुरू कर दें ताकि आप हमेशा हेयरफ्री औैर खूबसूरत नजर आएं.

बौडी

खूबसूरती वह नहीं जो सिर्फ चेहरे पर नजर आए, बल्कि यह तो पूरी पर्सनैलिटी से नजर आनी चाहिए. इसे निखारने के लिए जाने कुछ अहम बातें.

बौडी को टैनफ्री व रिलैक्स करने के लिए बौडी उबटन या पौलिशिंग करवाना अच्छा रहता है. उबटन से त्वचा की मृत कोशिकाएं हटती हैं, साथ ही टैनिंग भी रिमूव होती है, जिस से त्वचा में कोमलता व निखार आता है. इस के अलावा मसाज से आप स्ट्रैस फ्री भी महसूस करती हैं. इसे महीने में कम से कम 2 बार करवाएं. लेकिन अगर आप की बौडी पर टैनिंग ज्यादा है तो 4 बार करवा सकती हैं.

शादी तक अपने रोमरोम में सुगंध का एहसास जगाने के लिए 2 हफ्तों में अरोमैटिक औयल से मसाज करवा सकती हैं. यह न सिर्फ आप की बौडी, बल्कि दिमाग को भी रिलैक्स करता है.

बौडी की रंगत को एकसमान करने के लिए ब्लीच जरूर करवाएं. कोशिश करें कि चेहरे की तरह बौडी पर भी किसी माइल्ड ब्लीच का ही इस्तेमाल किया जाए, ताकि स्किन में निखार के साथसाथ सौम्यता भी बनी रहे. वैसे तो ब्लीच आवश्यकतानुसार कभी भी करवा सकती हैं, लेकिन शादी से 2-3 दिन पहले जरूर करवाएं.

फुल बौडी पर रेशम सा एहसास जगाने के लिए फ्लेवर्ड करवा सकती हैं. वैसे बेहतर यही होगा कि अनचाहे बालों को रिमूव करने के लिए पल्स लाइट ट्रीटमैंट का सहारा लें. जिस से शरीर के किसी भी हिस्से जैसे नाक, अपरलिप्स, चिन, कान, आर्म्स, पांव और बिकिनी लाइन के हेयर आसानी से रिमूव हो जाते हैं और आप का रेशम सी त्वचा पाने का ख्वाब भी पूरा जाता है.

हैंड ऐंड टो

हाथों औैर पांवों की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए निम्न बातों का खयाल रखें:

शादी के कई समारोह जैसे इंगेजमैंट, मेहंदी आदि में आप के हाथ व पांव आकर्षण का केंद्र होते हैं इसलिए मैनीक्योर व पैडीक्योर हर 15 दिन में करवाती रहें. ऐसा करने से आप के हाथों व पांवों का रंग तो निखरेगा ही, साथ ही वे सौफ्ट भी हो जाएंगे और मेहंदी का भी रंग खिल कर आएगा.

सगाई पर हाथों में हाथ थामने के मौके होते हैं. ऐसे में अपने हाथों को औैर भी ज्यादा खूबसूरत व कोमल बनाने के लिए मैनीक्योर के साथसाथ पैराफीन वैक्स भी जरूर लगवाएं ताकि आप की त्वचा को भीतर तक पोषण मिले.

खूबसूरत वादियों का शहर ऊटी

नीलगिरी की पहाड़ियों में समुद्रतल से करीब 7,350 फीट की ऊंचाई पर बसा है ऊटी. घाटी में चारों ओर पसरी हरियाली, प्रकृति के खूबसूरत नजारे, ऊंचे बुलंद पहाड़, आसमान को छूते देवदार व चीड़ के पेड़ और सीढ़ीनुमा खेत, बेशक नेचर लवर्स को ये नजारे खूब लुभाते हैं. यही नहीं, चाय-कॉफी के बागानों की महक भी यहां आने वालों को तरोताजा कर देती है.

अगर आपको भी दिल स्टेशनंस पर घुमना पसंद है तो आप ऊटी जाने के बारे में सोच सकती हैं. तमिलनाडु के इस हिल स्टेशन के नजारे आपको पूरे सीजन फ्रेश रखेंगे. यहां आपको हमेशा खुशगवार मौसम मिलेगा.

बॉटेनिकल गार्डन

1848 में बनाया गया बॉटेनिकल गार्डन आज भी ऊटी का बड़ा आकर्षण है. 22 हेक्टेयर में फैले इस गार्डन में छोटी-बड़ी क्यारियों में अलग-अलग प्रजाति के पेड़-पौधों की 650 से ज्यादा वैराइटी रखी गई है. यहां आप एक अच्छी वॉक का मजा ले सकते हैं. थक जाएं, तो छतरी के नीचे लगे बेंच पर बैठकर सुस्ताएं. बेशक यह आपको एक अलग ही मजा देगा.

ऊटी लेक

शहर से 3 किलोमीटर दूर ऊटी लेक टूरिस्ट्स में खासी पॉप्युलर है. इस आर्टिफिशल लेक का निर्माण 1825 में कोयम्बटूर के कलेक्टर जॉन सुलीवन ने करवाया था. बाद में इसी लेक के नाम पर शहर का नाम रखा गया. यहां आप बोटिंग और परमिशन मिलने पर फिशिंग भी कर सकते हैं. लेक परिसर के बाहर घुड़सवारी का भी आनंद उठा सकते हैं.

चिल्ड्रन पार्क

लेक परिसर में बना चिल्ड्रन पार्क बच्चों को नहीं, बड़ों को भी खूब पसंद आता है. यहां लगे झूलों का तो बच्चों में खासा क्रेज रहता है. छोटे-छोटे डिब्बों वाली टॉय ट्रेन में बच्चे ही नहीं, बड़े भी सैर करते हैं. यही नहीं, यहां जादू का खेल भी दिखाया जाता है.

रोज गार्डन

ऊटी के चेरिंग क्रॉस के पास 10 एकड़ में फैला रोज गार्डन पर्यटकों को खूब लुभाता है. गार्डन में गुलाब की 1000 से अधिक किस्में देखने को मिलती हैं. यहां सजाए गए डेकोरेटिव प्लांट्स भी सभी को बहुत पसंद आते हैं.

ऊटी म्यूजियम

मैसूर रोड पर 1989 में बनाया गया ऊटी का म्यूजियम भी देखने लायक है. यहां जहां एक ओर आदिवासी वस्तुओं और कपड़ों को प्रदर्शित किया गया है, वहीं दुनिया भर में मशहूर तमिलनाडु की मूर्तिकला, चित्रकला, सैंडलवुड से बनी अनेक वस्तुओं, मैसूर सिल्क और साउथ कॉटन के कपड़ों को भी दिखाया गया है. यहां आपको ऊटी से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिलेगी.

चेरिंग क्रॉस

इसे ऊटी का दिल कहा जा सकता है. मूलत यह एक चौराहा है, जिसके चारों ओर कमर्शल रोड है. चौराहे के बीचोंबीच चारों दिशाओं की ओर मुंह एंजेल बच्चों वाला एक फाउंटेन है, जो आपका ध्यान बरबस ही खींच लेगा. रात के समय फव्वारे के बहते पानी पर पड़ने वाली रंग-बिरंगी लाइट की बदौलत इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है.

चेरिंग क्रॉस में तकरीबन हर दूसरी दुकान पर ऊटी में बनी चाय पत्ती, होममेड चॉकलेट और मसालों की पचासों वराइटी मिल जाती है. इनके अलावा, आप यहां से हैंडीक्राफ्ट आइटम या फिर हाथ से बनी वूलन शॉल ले सकते हैं.

टॉय ट्रेन

ऊटी से कुन्नूर के बीच चलने वाली टॉय ट्रेन में जाने का अलग ही मजा है. तीन डिब्बों वाली यह टॉय ट्रेन स्टीम इंजन से चलती है. इस ट्रेन के रास्ते में 16 सुरंगे और करीब 250 पुल आते हैं. तकरीबन एक घंटे के इस सफर में आपको नीलगिरी की पहाड़ियों को नजदीक से देखने का मौका मिलता है. मात्र 3 रुपये का टिकट लेकर आप इंजॉय कर सकते हैं.

कुछ ऐसे बचा सकती हैं आप अपना टैक्स

जब बात टैक्स बचाने की आती है, तो आप आईटी एक्ट की धारा 80सी के तहत मिलने वाले विकल्प खंगालने लगती हैं. टैक्स बचाने के कुछ ऐसे रास्ते हैं, जिस पर ज्यादा लोग ध्यान नहीं देते. आइए जानते हैं क्या हैं वो तरीके.

चैरिटेबल संस्‍थान को दान

आप पैसे को दान दे सकती हैं बशर्ते जिस भी धर्मार्थ संस्‍थान को आप राशि दान दे रहे हैं, वह डोनेशन के लिए मंजूर की गई संस्‍थानों की सूची में होना चाहिए.

आश्रित सदस्य के इलाज या रखरखाव पर खर्च

आप अपने आश्रितों पर खर्च करके भी टैक्स बचा सकती हैं. लेकिन ध्यान रहे ये व्यक्ति पूरी तरह और सिर्फ आप पर आश्रित होना चाहिए. साथ ही यह तब भी लागू होता है जब आपने इलाज के खर्च से निपटने के लिए विकलांग कर्मचारी के तौर पर टैक्स कटौती का आवेदन ना किया हो.

आश्रित सदस्य की खास बीमारी का इलाज

इसके लिए शर्त यह है कि जो भी इलाज में खर्च आया है, उसके बदले आपको अपनी कंपनी या फिर बीमा कंपनी से कोई रकम ना मिली हो. इसके अलावा ये छूट सिर्फ कैंसर और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के मामले में मिलती है.

होम लोन पर ब्याज

अगर आप मकान में रहते हैं, केवल तभी इस विकल्प का फायदा उठा सकते हैं. अगर यह मकान किराए पर दिया हुआ है, साल का पूरा ब्याज टैक्स बचत के रूप में क्लेम किया जा सकता है.

किराया भरकर

अगर आपकी सैलरी में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) नहीं मिलता है, तो इसका भी लाभ लिया जा सकता है.

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