घर को दें विदेशी लुक

घर में कोई मेहमान आए और उन्हें लगे कि वे विदेश में आ गए हैं तो आपकी सोच और कलात्मकता की तारीफ तो जरूर होगी. अगर आप ऐसा चाहती हैं तो फिर मिड नाइट ब्लू और सुनहरे रंग को केंद्र में रखते हुए अपना लें ये टिप्स और दें अपने घर को इंटरनेशनल लुक.

– अपने घर की दीवारों पर ब्राइट और बड़ी कलाकृतियां लगाएं.

– आपने जो कलाकृतियां लगाई हैं उनका आपस में तालमेल हो.

– लाइटिंग इफेक्ट को नजरअंदाज न करें. मूड और स्टाइल के अनुसार घर को रोशन करें.

– शीशों का इस्तेमाल समझदारी से करें.

– ध्यान रहे कि जो रंग आप दीवार और छत के लिए प्रयोग कर रही हैं वे आपके स्टाइल को और बढ़ाते नजर आएं.

– कालीन का प्रयोग बेहतर लगेगा.

– लाउंज और बेडरूम्स में सुंदर कुशन अच्छे लगेंगे.

– फॉल्स सीलिंग की योजना बनाएं ताकि संगीत और रोशनी के प्रभाव से खूबसूरती बढ़े.

– कमरों में सामान कम रखें, ऐसा न लगे कि गंदगी फैली है.

– साइड और सेंटर टेबल्स पर पीतल और कांसे जैसी धातु से बने कंटेम्परेरी शो पीस रख सकती हैं.

कुदरती स्वास्थ्यवर्धक पेय नारियल रस

दुनियाभर में कुदरती स्वास्थ्यवर्धक पेयों की मांग दिनबदिन बढ़ रही है. नारियल रस या कहें नारियल के दूध ने स्वास्थ्यवर्धक पेयों में अपना स्थान बना लिया है. चूंकि नारियल के गूदे को निचोड़ कर नारियल दूध प्राप्त किया जाता है, इसलिए नारियल में निहित सारे पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्धक गुण नारियल दूध में भी निहित होते हैं.

कद्दूकस की गई नारियल की गिरी में पानी डाल कर निचोड़ने से जो नारियल का दूध प्राप्त होता है, पानी की मात्रा के अनुसार उस के संघटन में अंतर आ जाता है. यह नारियल रस के नाम से भी जाना जाता है.

नारियल दूध का प्रयोग व्यंजन, मिठाई और सूप बनाने के लिए तो किया ही जाता है, इस का प्रयोग पीने के लिए भी किया जाता है. चाय, कौफी आदि में दूध की जगह भी इस का प्रयोग किया जा सकता है. नारियल दूध का उपयोग शाकाहारी लोगों द्वारा विशेष कर उन लोगों द्वारा किया जाता है, जिन्हें जानवरों के दूध से ऐलर्जी होती है. फल रस में मिलाने के लिए भी इस का उपयोग किया जा सकता है.

नारियल दूध का उत्पादन विविध जायकों में एक पौष्टिक एवं गुणकारी पेय के रूप में होता है. जानवरों के दूध से भिन्न नारियल के दूध में लैक्टोज नहीं होता है. इसलिए लैक्टोज असहिष्णु लोग भी इस का उपयोग कर सकते हैं. विविध जायकों में फ्लेवर्ड नारियल रस बनाने की टैक्नोलौजी नारियल विकास बोर्ड के इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी में विकसित की गई है.

फ्लेवर्ड नारियल दूध बनाने के लिए9 से 10 महीने का कच्चा नारियल प्रयोग किया जाता है. इस नारियल से जो दूध मिलता है वह अधिक गाढ़ा होता है और उस में वसा की मात्राभी कम होती है. नारियल दूध की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए उस में नारियल पानी भी मिलाया जाता है.

नारियल रस के पौष्टिक गुण

नारियल दूध में मीडियम चेन संतृप्त वसा होती है. इस में 50% लारिक अम्ल होता है. लारिक अम्ल मानव शरीर में मोनोलारिन बन जाता है. मोनोलारिन में वायरसरोधी, बैक्टीरियारोधी और फफूंदरोधी गुण होते हैं. इसलिए नारियल दूध का उपयोग करने से वायरस एवं बैक्टीरिया के प्रकोप को रोका जा सकता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

लारिक अम्ल कोलैस्ट्रौल और ट्राइग्लीसराइड स्तर भी कम करता है, जिस से हृदयरोग और पक्षाघात का खतरा कम हो जाता है. प्राकृतिक नाममात्र आहार सामग्री में लारिक अम्ल पाया जाता है. अत: नारियल दूध नियमित प्रयोग करने से शरीर को लारिक अम्ल के स्वास्थ्यकारी गुण प्राप्त होते हैं.

नारियल दूध में निहित मध्यम शृंखला वसा अम्ल शरीर में जमता नहीं है. इस के बजाय ऐसे वसा अम्ल शरीर को विशेष कर कोशिकाओं को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं. इसीलिए मोटापा कम करने में तथा इंसुलिन प्रतिरोध की अवस्था में नारियल दूध फायदेमंद है. इन वसा अम्लों के अलावा नारियल दूध में अनिवार्य पौष्टिक तत्त्व भी होते हैं, जिन के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं.

विटामिन और खनिज

नारियल दूध विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है. इस में विटामिन सी, ई, के, डी और बी समूह के कई विटामिन होते हैं. विटामिन सी और ई से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. विटामिन बी से कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है. नारियल दूध में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फासफोरस और आयरन बड़ी मात्रा में होते हैं.

मैग्नीशियम से हृदय की धड़कन नियमित रहती है और नाड़ी सूत्र का काम भी ठीक तरह से होता है. फासफोरस दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है. एक व्यक्ति को प्रतिदिन संस्तुत आयरन का 22% नारियल दूध से प्राप्त होता है और यह लाल रक्ताणुओं के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाता है. आयरन की कमी यानी ऐनीमिया में नारियल दूध पीना लाभकर होता है. इन के सिवा कैल्सियम, जिंक आदि भी इस में पर्याप्त मात्रा में होते हैं.

प्रतिओक्सीकारक

नारियल दूध प्रतिओक्सीकारकों से भरपूर होता है, जो शरीर को खतरनाक मुक्त रैडिकलों और कोशिकाओं व ऊतकों पर उन के हानिकारक प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है. मुक्त रैडिकलों से कैंसर, हृदयरोग, अलजाइमर्स आदि होने का खतरा रहता है.

नारियल दूध में पाचनशक्ति बढ़ाने तथा पोषक तत्त्वों के अवशोषण के लिए सहायक ऐसिड फास्फेट, कैटालैस, डिहाईड्रेजनैस, पैरोक्सिडैस जैसे सारे तत्त्व होते हैं. इस संपूर्ण पेय को फंक्शनल फूड का दर्जा दिया जा सकता है. इस तरह कई गुणों से संपन्न नारियल रस को रोजाना पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है.

मराठी के बाद पंजाबी फिल्मों में डेब्यू करेंगी प्रियंका

मराठी फिल्म ‘वेंटिलेटर’ में बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू करने के बाद अब प्रियंका चोपड़ा पंजाबी फिल्म में डेब्यू करने जा रही हैं. फिल्म का टाइटल ‘सरवन’ है. इस फिल्म में भी प्रियंका बतौर प्रोड्यूसर ही डेब्यू कर रही हैं. जिसकी जानकारी खुद प्रियंका ने ही अपने ट्विटर अकाउंट पर दी है. ये फिल्म अगले महीने दिसंबर में रिलीज होगी.

इस फिल्म में अमरिंदर गिल, रंजीत बावा और सीमि चहल लीड रोल में होंगे. वाकई में बड़े पर्दे पर इस फिल्म को देखना काफी दिलचस्प होगा. ये फिल्म प्रियंका चोपड़ा, डॉ. मधु चोपड़ा और दीपशिखा देशमुख प्रॉड्यूस करेंगे. तो वहीं इसके डायरेक्टर होंगे वासु भगनानी. फिल्म रिलीज तो दिसंबर में होगी लेकिन रिलीजिंग डेट अभी तक तय नहीं हुई है.

क्या सेफ हैं आपके माइक्रोवेव कंटेनर्स?

हम में से कई लोग माइक्रोवेव कंटेनर्स को ‘सेफ’ मार्क देखकर खरीद लेते हैं. चूंकि इनके बैक में सेफ मार्क होता है इसलिए हम निश्चिंत भी हो जाते हैं. हालांकि इन पर केवल यह लिखा होना ही सेफ होने की गारंटी नहीं है.  

कंटेनर्स में कमी

माइक्रोवेव कंटेनर्स को प्रयोग के लिए मानकों पर खरा पाए जाने के बाद ही इनका प्रयोग करें. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि पतली प्‍लास्टिक बॉडी वाले कंटेनर्स सुरक्षित नहीं होते हैं चाहे उन पर सेफ का मार्क हो भी तो भी. कई अध्‍ययनों में सामने आया है कि इन कंटेनर्स से BPA यानी बिसेफनॉल A निकलता है और जब इन्‍हें गर्म किया जाता है तो वह भोजन में मिल जाता है. छोटी-छोटी मात्रा में BPA लेना काफी हानिकारक होता है और इसका असर लंबे समय तक बना रहता है. अब तो इसे बैन करने की मांग भी उठ रही है.

क्‍या है बेहतर

कई प्‍लास्टिक कंटेनर्स एक बार प्रयोग होने के बाद अगले प्रयोग के लिए ठीक से साफ नहीं होते. प्‍लास्टिक की कुछ मात्रा भोजन में मिलती ही है. साथ ही ऐसे कंटेनर्स, जिसमें डिटर्जेंट या पेंट आदि रखा गया हो उसे धोकर भोजन रखने के लिए कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए.

इन्‍हें करें इस्‍तेमाल

शीशे के मोटे बर्तनों को अवन के लिए प्रयोग करें. अच्‍छे ग्‍लासवेयर में ही भोजन को दोबारा गर्म करें. डेकोरेटिव ग्‍लास प्‍लेट्स को प्रयोग करने से बचें. पेपर प्‍लेट को भी भोजन गर्म करने के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

घर बैठे भेजें पैसे

इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के जरिए किसी के भी खाते में पैसे ट्रांसफर करना अब बेहद आसान हो गया है. अब आप कहीं से भी और कभी भी किसी के खाते में कितना भी रुपया ट्रांसफर कर सकते हैं. आज के समय में उपभोक्ताओं की अलग-अलग जरूरतों और राशि के मुताबिक इंटर बैंक ट्रांसफर, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, यूपीआई जैसे कई मनी ट्रांसफर विकल्प उपलब्ध हैं.

जानिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर के विकल्पों के बारे में

अगर आपको किसी भी व्यक्ति के बैंक के अकाउंट में पैसे भेजना हो तो आप इसके लिए एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर), आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम), आईएसपीएस (इंटरबैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस), यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और इंटर बैंक व इंटर एकाउंट मनी ट्रांसफर विकल्प में से किसी एक को चुन सकते हैं.

एनईएफटी

हम बैंक के काउंटर पर जाकर पैसा जमा करवाते हैं. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर ठीक इसी तरह काम करता है. इसके जरिए आप सामान्य बैंकिंग कार्यदिवसों (वर्किंग डेज) में सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. दूसरे और चौथे शनिवार, रविवार या सार्वजनिक अवकाश के दिन, जब सामान्य बैंक भी बंद होते हैं, एनईएफटी से पैसे ट्रांसफर नहीं किए जा सकते हैं. एनईएफटी के तहत एक रुपए की राशि से लेकर 5 लाख रुपए तक फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए बैंक 2.5 रुपए से लेकर 25 रुपए तक चार्ज करते हैं.

आरटीजीएस

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम पैसे ट्रांसफर करने का तेज विकल्प है. इसके तहत 24 घंटे में कभी भी फंड ट्रांसफर किया जा सकता है. पैसे ट्रांसफर करने के तुरंत बाद से लेकर अधिकतम 2 घंटे के भीतर पैसा संबंधित खाते में जमा हो जाते हैं. अगर किन्ही वजहों से बैंक दो घंटों के भीतर यह राशि बैंक खाते में जमा नहीं कर पाते, तो यह राशि पैसा भेजने वाले के खाते में जमा हो जाती है. इसके लिए बैंक 25 रुपए से 50 रुपए तक चार्ज करते हैं. बैंकिंग टाइमिंग के बाद फंड ट्रांसफर के लिए अतिरिक्त चार्ज का भुगतान करना पड़ता है.

आईएमपीएस

इंटर बैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस छोटी राशि ट्रांसफर करने का सबसे तेज माध्यम है. यह प्लेटफॉर्म मुख्य रुप से मोबाइल बैंकिंग के तहत पैसे ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए तैयार किया गया है. इसमें फंड ट्रांसफर करने की कोई मिनिमम लिमिट नहीं होती है. बैंक इसके लिए 5 से 15 रुपए तक की राशि चार्ज करते हैं. इसके जरिए इंटरनेट बैंकिंग के अलावा आप मोबाइल नंबर पर भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.

इंटर बैंक और इंटर एकाउंट मनी ट्रांसफर

इसमें पैसों का लेन-देन बैंक के नेटवर्क के बीच में ही होता है. यह सिस्टम रियल टाइम आधार पर काम करता है. इसके तहत एकाउंट होल्डर किसी भी वक्त अपने या उसी बैंक में किसी तीसरे व्यक्ति के एकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकता है. रियल टाइम सिस्टम के जरिए ट्रांसफर की गई राशि तुरंत उस एकाउंट में क्रेडिट हो जाती है. इसमें पैसे ट्रांसफर की कोई लिमिट नहीं है. बैंक इस सुविधा के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलते हैं.

यूपीआई

अगस्त महीने में लॉन्च हुई यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सर्विस का नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) तेजी से विस्तार करने की तैयारी में है. यूपीआई एक यूनिक पेमेंट सॉल्यूशन है जिसे यूपीआई समर्थित किसी भी एप को ई-मेल, आधार नंबर और मोबाइल नंबर से एक्टिवेट कर सकते हैं.

..तो इसलिए पूनम ने दिए बोल्ड सीन

कभी बोल्ड अंदाज तो कभी बोल्ड बयान को लेकर अक्सर विवादों में घिरी रहने वालीं पूनम पांडे ने इस बार ऐसा करने का कारण भी शेयर किया है. उन्होंने विवाद पैदा करने का कारण बॉलीवुड के खान्स और कपूर्स पर लगाया है.

जी हां, पूनम पांडे का कहना है, ‘मैं हमेशा से चाहती थीं कि लोग मुझे भी नोटिस करें. मगर बॉलीवुड में नई एक्ट्रेस को खान्स और कपूर्स के आगे नजरअंदाज ही कर दिया जाता है. मैं ऐसा नहीं चाहती थीं, इसलिए ‘कंट्रोवर्सी क्वीन’ बन गई.’

आपको बता दें कि पूनम पांडे ने यह दावा किया था कि यदि भारतीय क्रिकेट टीम साल 2011 का वर्ल्ड कप जीत जाती हैं तो वो न्यूड हो जाएंगी. इसके बाद से ही वो सुर्खियों में आई थीं.

उन्होंने इस बारे में बताया, ‘मैं अपने जर्नलिस्ट दोस्त के साथ बैठी थी. हम सोच रहे थे कि कुछ बड़ा किया जाए. मैंने इससे पहले 25-30 कैलेंडर शूट ही किए थे. वो सभी बड़े थे, मगर पहचान फिर भी गायब थी. मैं यह पहले ही देख चुकी थी कि इंडस्ट्री में कई लड़कियां मेहनत करती हैं, मगर खान्स और कपूर्स के आगे सभी उन्हें भूल जाते हैं. ऐसे में अपनी पहचान बनाना मुश्किल था और यह काम तब और भी कठिन हो जाता है कि जब आप किसी खास जगह से नहीं आते. ऐसे में तो कंट्रोवर्सी ही वो चीज बचती है, जो आपको पहचान बनाने में मदद करती है.’

पूनम पांडे सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड तस्वीरें व वीडियो शेयर करने को लेकर सुर्खियों में छाई रहती हैं. इस बारे में उनका कहना है, ‘मेरा कोई ड्रीम रोल नहीं है, मगर हां साड़ी और घूंघट में खुद को देखकर मैं बहुत ज्यादा खुश हो जाऊंगी.’

कुछ इस तरह मरना चाहते हैं किंग खान

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की जिंदगी पर लिखी गई एक किताब लॉन्च हुई है. ‌इस किताब में शाहरुख खान के बॉलीवुड में 25 सालों के सफर की पूरी कहानी है. फोटोज और शब्दों के जरिए उनके इस सफर को बखूबी बयां किया गया है.

उनकी इस किताब से हर रोज कोई ना कोई किस्सा सामने आ रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ’25 Years Of A Life’ किताब में शाहरुख की मौत के बारे में क्या लिखा गया है. उन्होंने खुद इस बारे में खुलासा किया है.

शाहरुख का कहना है कि वो काम करते हुए यानि शूटिंग के दौरान ही मौत को गले लगाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा से कहता हूं कि मेरे लिए दुनिया से विदाई लेने का सबसे अच्छा तरीका होगा कि कोई रोल-कैमरा-एक्‍शन बोले और मैं दुनिया से चला जाऊं.’

शाहरुख ने कहा कि वो अपनी आखिरी सांस तक काम करना चाहते हैं. उन्होंगे आगे बताया, ‘मुझे अपने स्टारडम से बहुत प्यार है और मैं इसे खोने से बहुत डरता हूं. मुझे पसंद है कि लोग मेरे घर के बाहर आते रहें और मुझे अपना प्यार दें.’

शाहरुख ने कहा कि ये मुझे रास्ते पर खड़े होकर पावभाजी खाने से भी ज्यादा अच्छा लगता है. इससे पहले इस किताब से सामने आया था कि हेमा मालिनी ने शाहरुख की नाक देखकर उन्हें ‌फिल्म ‘दिल आशना है’ में साइन किया था.

सलमान नहीं रितिक करेंगे ‘रेस’

बॉलीवुड के जाने माने निर्देशक अब्बास-मस्तान अपनी सुपरहिट फिल्म ‘रेस’ का तीसरा संस्करण बनाना चाहते हैं. ‘रेस’ और ‘रेस 2’ में सैफ अली खान ने मेन रोल निभाया था. ‘रेस 3’ में सलमान खान के होने की चर्चा थी लेकिन फिल्ममेकर्स का कहना था कि उन्होंने सलमान से इस बारे में कोई बात नहीं की.

अब खबर है कि रितिक रोशन ने ‘रेस 3’ में दिलचस्पी दिखाई है, उन्हें स्क्रिप्ट भी पसंद है. चर्चा है कि वो निर्माता रमेश तौरानी की फिल्म ‘रेस-3’ में रितिक लीड रोल में नजर आएंगे.

‘रेस’ के तीसरे पार्ट के लिए सलमान खान को लीड रोल में लेने पर अब्बास-मस्तान ने कहा था कि ‘रेस 3’ के लिए सलमान से अब तक संपर्क नहीं किया गया है, अब्बास मस्तान ने कहा था, हमने सलमान से किसी विचार पर चर्चा नहीं की है. हमने अब तक ‘रेस 3’ पर काम शुरू नहीं किया है. अगले साल हम फिल्म के कलाकारों और अन्य चीजों पर फैसला करेंगे. सलमान इन दिनों कबीर खान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की शूटिंग कर रहे हैं.

रितिक रोशन ‘काबिल’ की शूटिंग लगभग खत्म कर चुके हैं. ‘कृष 4’ शुरू होने में समय है. बचे हुए समय में वे ‘रेस 3’ की शूटिंग कर सकते हैं. इसीलिए उन्होंने फिल्म के लिए हां कहा है.

थ्रिलर फिल्म ‘रेस’ के इससे पहले के दोनों पार्ट्स ने अच्छा कारोबार किया था. इसका पहला संस्करण 2008 में रिलीज हुआ था जिसमें सैफ अली खान और अक्षय खन्ना अहम भूमिकाओं में थे जबकि इसकी सीक्वल 2013 में रिलीज हुई थी.

फिल्म रिव्यू: रॉक ऑन 2

2008 की सफलतम फिल्म ‘‘रॉक ऑन’ के सिक्वअल ‘‘रॉक ऑन 2’’ से काफी उम्मीदे थी. फरहान अख्तर ने इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी एक प्रतिभाशाली निर्देशक शुजात सौदागर को सौंपी. उन्होंने 2005 में साठ मिनट की एक लघु फिल्म ‘‘बाली’’ का निर्देशन कर सर्वश्रेष्ठ फिल्म का ‘आईटीए’ अवार्ड भी जीता था. मगर कमजोर कहानी व पटकथा के चलते फिल्म का बंटाधार हो गया.

फिल्म ‘‘रॉक ऑन 2’’ की कहानी पिछली आठ वर्ष पहले आयी फिल्म ‘रॉक ऑन’ से आगे बढ़ती है. इस बीचपांच वर्ष पहले मशहूर संगीतज्ञ पं.विभूति (कुमुद मिश्रा) के बेटे राहुल शर्मा की आत्महत्या का बोझ लेकर आदित्य श्राफ (फरहान अख्तर) मुंबई छोड़कर शिलांग के एक गांव में जाकर बस गया है. उसकी पत्नी साक्षी (प्राची देसाई) व बेटा मुंबई में ही रह रहे हैं. शिलांग के गांव में आदित्य गांव के किसानों के साथ मिलकर कोआपारेटिव मूममेंट के अलावा पंचायत स्कूल से जुड़ चुका है. पर उसे हर दिन यह बात सताती रहती है कि उसकी वजह से गायक राहुल शर्मा ने आत्महत्या की थी. वास्तव में आदित्य का बैंड मैजिक लोकप्रिय था, तो राहुल ने आदित्य को अपने गानों की सीडी दी थी. कई बार याद दिलाने के बावजूद आदित्य ने वह सीडी नहीं देखी. और जब एक म्यूजिकल कंसर्ट में आदित्य ने ‘जागो’ गीत गाया, तो इस गीत के संगीत की आलोचना करने के साथ साथ आदित्य से राहुल ने बहस की थी. अंत में राहुल यह कह कर चला गया था कि कल से वह उसकी आवाज नहीं सुनेंगे और फिर उसी रात राहुल ने आत्महत्या कर ली थी.

मैजिक बैंड से जुड़े जोसेफ उर्फ जो मास्र्कंहस (अर्जुन रामपाल) अब टीवी के रियालिटी शो के जज के अलावा अपना एक पब चला रहे हैं. जबकि केदार झवेरी उर्फ के डी (पूरब कोहली) अभी भी संगीत से जुड़ा हुआ है. यह तीनों अलग होते हुए भी दोस्त हैं. आदित्य के जन्मदिन पर सभी उससे मिलने शिलांग जाते हैं. तथा आदित्य के मन में संगीत को जगाने का प्रयास कर वापस आ जाते हैं.

उधर किसानों की वेलफेअर बोर्ड के अध्यक्ष महेंद्र से आदित्य की अनबन हो जाती है. एक दिन पूरे गांव में आग लग जाती है. सब कुछ खत्म हो जाता है. वह आत्महत्या करने जाता है, तो चेरापूंजी में उसकी मुलाकात उभरती म्यूजीशियन व गायिका जिया शर्मा (श्रद्धा कपूर) से होती है. जो कि पं.विभूति की बेटी और राहुलशर्मा की बहन है. अब केडी, आदित्य को लेकर मुंबई आ जाता है. उधर जिया के साथ एक सरोद वादक उदय (शशांक अरोड़ा) जुड़ चुका है. उदय के प्रयासों से ही के डी, जिया व उदय का गाना सुनने के लिए अपने स्टूडियो में बुलाता है. तभी जिया की पहचान सामने आती है. अपने पिता के नाराज हो जाने के डर से जिया स्टेज पर नही गाती है. पं.विभूति शर्मा ठहरे शास्त्रीय संगीतकार, तो उन्हे राक कल्चर समझ में नहीं आता. वह फ्यूजन संगीत के खिलाफ हैं.

पर इसी बीच आदित्य को पता चलता है कि शिलांग के गांव में जो आग लगी थी, उसकी वजह से वहां के लोग भूखे मर रहे हैं. तो वह उनकी मदद के लिए वहां जाता है. इससे नाराज होकर आदित्य की पत्नी साक्षी उससे अलग हो जाती है. फिर आदित्य, केडी, जो, उदया, जिया मिलकर उसी गांव में एक बड़ा म्यूजिकल कंसर्ट कर पैसा जमाकर गांव वालों की मदद करना चाहते हैं. सारी तैयारी हो जाती है. महेंद्र इस कंसर्ट को रोकने का असफल प्रयास करता है. फिर गांव वालों की जिंदगी पुरानी पटरी पर आ जाती है. अब अब आदित्य व जिया मिलकर संगीत तैयार करने लगे हैं. आदित्य का बेटा भी संगीत में रूचि लेने लगा है.

फरहान अख्तर और फिल्म के निर्देशक शुजात सौदागर ने हमसे बातचीत करते हुए दावा किया था कि यह पूरी तरह से संगीत प्रधान फिल्म है. पर फिल्म देखकर यह दावे खोखले साबित होते हैं. फरहान ने दावा किया था कि इस फिल्म में बदली हुई सामाजिक या राजनीतिक स्थितियों का जिक्र नहीं है. मगर किसानों का मसला, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को बहुत ही शुष्क तरीके से पिरोकर फिल्म का बंटाधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

फिल्म देखते समय यदि दर्शकों को साक्षी व आदित्य के रिश्ते का टूटना देखकर फरहान अख्तर की निजी जिंदगी की कहानी याद आ जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. वैसे इस फिल्म में यदि प्राची देसाई का किरदार न होता, तो भी कोई फर्क न पड़ता. वैसे भी प्राची देसाई के हिस्से करने को कुछ है ही नहीं. पर प्राची ने इस फिल्म में अभिनय किया, यह भी कम आश्चर्य की बात नहीं है.

इंटरवल से पहले फिल्म बहुत धीमी गति से आगे बढ़ती है. और कहानी इस तरह से आगे बढ़ती है कि दर्शक बुरी तरह से बोरीयत के चलते झल्ला उठता है. इंटरवल के बाद कहानी का ऐसा घालमेल है, कि दर्शक पूछ बैठता है कि संगीत कहां गया? बाप-बेटी, भाई-बहन और दोस्ती इन सभी रिश्तों को कहानी के एक सूत्र में बांधने में कहानीकार व पटकथा लेखक पूरी तरह से असफल है. कथानक के स्तर पर जबरदस्त विरोधाभास है.रिश्तों व दोस्ती की बात करने वाली फिल्म ‘रॉक ऑन’ में आदित्य को अपने वैवाहिक रिश्ते, अपनी पत्नी साक्षी से रिश्ते की बजाय बल्कि जिया के करियर की चिंता ज्यादा सताती है. फिल्म के कुछ भावुक दृश्य अच्छे बन पड़े हैं, कुछ संवाद भी अच्छे हैं, मगर इससे फिल्म संभलती नही है. पुरानी फिल्म ‘‘रॉक ऑन’’ के मुकाबले कहानी के स्तर पर उसका सिक्वल ‘‘रॉक ऑन 2’’ कहीं नहीं ठहरता. संगीत का स्तर पहली फिल्म के मुकाबले काफी कमजोर है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो शशांक अरोड़ा ने काफी अच्छी परफॅामेंस दी है. अर्जुन रामपाल या पूरब कोहली बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं. श्रद्धा कपूर का अभिनय देखकर लगता है कि अब वह अभिनय की बजाय सिर्फ संगीत व गायन में करियर बनाना चाहती हैं.

फिल्म में मेघालय व शिलांग की लोकेशन जरुर लोगों को पसंद आएगी. फरहान अख्तर व रितेश सिद्धवानी निर्मित दो घंटे बीस मिनट की अवधि वाली फिल्म के निर्देशक शुजात सौदागर, संगीतकार शंकर एहसान लाय हैं.

रिच ऐंड रौयल लुक दें ब्रोकेड साड़ियां

डेलीवियर में हम किसी भी तरह का आउटफिट क्यों न पहनें, लेकिन जब बात हो फैस्टिवल, मैरिज या पार्टीज की, तो महिलाएं इंडियन ड्रैस को ही प्रैफर करती हैं. इंडियन ड्रैस यानी औनली साड़ी.

ब्रोकेड साड़ियों की खासीयत

आजकल ब्रोकेड साड़ियों की बेहद डिमांड है. कोलकाता के साड़ी विक्रेता सुभाष मुखर्जी बताते हैं कि इस बार इन साड़ियों की धूम है. इस की वजह है इन का गुड व रौयल लुक. अब भले ही फैस्टिवल सीजन समाप्त हो गया हो, लेकिन मैरिज पार्टीज व न्यूली ब्राइड के लिए आप ब्रोकेड साड़ी पसंद कर सकती हैं.

साड़ियों की शौकीन मीनाक्षी सिन्हा बताती हैं कि मुगल पीरियड से पहले ब्रोकेड साडि़यों में इसी मैटीरियल का प्रयोग किया जाता था. इस की मुख्य वजह थी सिल्वर, गोल्डन व कौटन फैब्रिक्स. यही कारण है महिलाएं ब्रोकेड साड़ियां ज्यादा प्रैफर कर रही हैं.

खूबसूरत बौर्डर ही है साड़ी की खूबसूरती

यदि साड़ी में खूबसूरत बौर्डर हो तो बात ही क्या. अगर महिलाएं उन्हें स्टाइल व केयर के साथ कैरी करती हैं तो साड़ी का खूबसूरत बौर्डर उन के लुक को रिच, रौयल व हाई बनाता है. डिजाइनरों द्वारा बौर्डर को खूबसूरत बनाने का लगातार प्रयास किया जाता है ताकि इन साड़ियों की डिमांड दिनोंदिन बढ़े. डिजाइनर बौर्डर की क्वालिटी, ड्युरैबिलिटी और फास्ट कलर आदि का खास ध्यान रखते हैं ताकि इस की क्वालिटी मैंटेन रहे. इस के अतिरिक्त विविध प्रकार के पैरामीटर जैसे, शेड्स, शेप, विथ व थिकनैस भी ब्रोकेड साड़ियों की खास पहचान है.

जौर्जेट सिल्क फैब्रिक

सिल्क ब्रोकेड के लिए बुनकरों द्वारा साड़ियों को साटन व लूम से तैयार किया जाता है. बुनाई में कलरफुल थ्रेड यूज किए जाते हैं. यही वजह है कि आप इन खास साड़ियों को फैस्टिवल के अलावा मैरिज व अन्य मौकों के लिए भी चूज कर सकती हैं. सिल्क जौर्जेट ब्रोकेड साड़ियां अपनी स्मूदनैस, सौफ्टनैस व शाइनी लुक के कारण लोकप्रिय व डिमांड में हैं.

अदर आउटफिट्स

साड़ियों के अलावा आजकल ब्रोकेड ब्लाउज, सलवारसूट व लहंगे भी युवतियों व महिलाओं को खूब भा रहे हैं. कारण इन की ड्युरैबिलिटी, थिकनैस व ब्राइटनैस. अन्य वैराइटिज में कांचीपुरम ब्रोकेड साड़ी या बनारसी ब्रोकेड साड़ी भी आप कैरी कर सकती हैं.

अदर प्रोडक्ट्स

ब्रोकेड फैब्रिक युवतियों व महिलाओं को खूब भा रहा है. सब की पसंदीदा व बेहद डिमांड की एक अन्य वजह साड़ियों के अलावा ब्रोकेड फैबिक्र की जूतियां, बैग्स, हैंगिंग ज्वैलरी भी हैं, जिन्हें आप अपनी सुविधानुसार इस्तेमाल कर सकती हैं.

रखरखाव

इन खूबसूरत साड़ियों को पहनते समय कुछ खास बातों का भी ध्यान रखें.

जब भी साड़ी पहनें आंचल को ओपन कैरी करें. बौर्डर ही इस की खूबसूरती है. अत: जब भी कैरी करें बौर्डर स्ट्रेट हो, यह ध्यान रखें. ब्रोकेड साड़ियों के साथ ब्रोकेड बौर्डर वाले ब्लाउज यूज कर सकती हैं. आप चाहें तो हाफ स्लीव नैट या जौर्जेट ब्लाउज भी कैरी कर सकती हैं. पार्टी आदि से आने के बाद कुछ देर साड़ी को खुला रखने के बाद ही तह लगाएं.

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