यहां मिलते हैं फ्री प्रोडक्ट्स

अगर आपसे यह कहा जाए कि‍ आपको ब्रांडेड कंपनि‍यों के प्रोडक्‍ट फ्री में दि‍ए जा रहे हैं तो आप क्‍या कहेंगी? फ्री में मि‍लने वाले प्रोडक्‍ट को इनकार करना तो मुश्‍कि‍ल ही है. एफएमसीजी से लेकर कंज्‍यूमर गुड्स सेक्‍टर की कई कंपनि‍यां अपने नए और पुराने प्रोडक्‍ट्स और सर्वि‍सेज को प्रोमोट करने के लि‍ए प्रोमोशनल ऑफर्स पर डील्‍स के दौरान फ्री सैम्‍पल प्रोवाइड करती हैं. ये फ्री सैम्‍पल्‍स देश की कुछ वेबसाइट्स के जरि‍ए लि‍ए जा सकते हैं. यहां हम आपको उन वेबसाइट्स की जानकारी दे रहे हैं.

फ्री का माल

फ्री का माल वेबसाइट कोई नया नाम नहीं है लेकि‍न इसे केवल बेहतरीन डील्‍स और ऑफर्स को आसानी से ढूंढने के लि‍ए जाना जाता है. इस वेबसाइट पर रीचार्ज कूपन, फूड संबंधि‍त चीजें, ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट्स, मोबाइल ऐप्‍लीकेशन के अलावा दूसरी रोजाना इस्‍तेमाल होने वाले प्रोडक्‍ट्स के लि‍ए कई डील्‍स दि‍खते हैं. अगर आप फ्री सैम्‍पल लेना चाहते हैं तो आपको वेबसाइट के साथ रजि‍स्‍ट्रेशन कराना होगा.

माई टोकरी

इस वेबसाइट पर कई लोग रोज वि‍जि‍ट करते हैं और वह शैम्‍पू, मूवी टि‍कट बुकिंग, कॉफी, टोस्‍टर ओवन, फ्री कॉलिंग पैक्‍स और ट्रैवलिंग के लि‍ए कई ऑफर्स और डील्‍स का फायदा उठाते हैं. इस वेबसाइट के जरि‍ए भी ब्रांडेड कंपनि‍यां लोगों को फ्री सैम्‍पल देकर प्रोमोशन करती हैं.

सेव माई रुपी

डील्‍स प्रोवाइड करने वाली यह वेबसाइट दूसरे तरीके के ऑफर्स देती है जैसे कैश बैक, वाटर प्‍युरि‍फायर का फ्री होम डेमो, हेल्‍थ संबंधि‍त चीजें, फेस वॉश और कई और प्रोडक्‍ट्स. 

माल फ्री का

यहां कई वि‍भिन्‍न तरीके के प्रोडक्‍ट्स पर ऑफर्स मि‍ल सकते हैं जैसे बेबी डाइपर्स, हेयर रीमूवल क्रीम, कोल्‍ड क्रीम्‍स का फ्री सैम्‍पल, फ्री वेलकम गि‍फ्ट स्‍पाई पेन और कई दूसरे प्रोडक्‍ट्स. जो लोग जीरो कॉस्‍ट के प्रोडक्‍ट लेना चाहते हैं वह इस वेबसाइट को देख सकते हैं.

गेट फ्री डील्‍स

यहां कई चीजें मि‍ल सकती हैं जैसे नोटबुक्‍स, क्‍लॉथ और फुटवेयर, लैपटॉप और स्‍मार्टफोन, कार और बाइक एक्‍सेसरीज, ब्‍ल्‍यूथुट, मोबाइल फोन, डोरमैट, डबल बेड शीट, हार्ड डि‍स्‍क और कई दूसरे प्रोडक्‍ट्स के लि‍ए डि‍स्‍काउंटेड प्राइस और कूपन कोड मि‍लते हैं.

ऑर्डर फ्री स्‍टफ

यह डील प्रोवाइड करने वाली नई वेबसाइट है. यहां शूज, परफ्यूम, ब्यूटी क्रीम, हेयर ऑयल या हेयर केयर आइटम्‍स और पेन ड्राइव संबंधि‍त ऑफर्स के लि‍ए वि‍जि‍ट कि‍या जा सकता है.

आकर्षक लुक पाना अब अपने हाथ में

क्या आप को पता है कि कुछ ब्यूटी ट्रीटमेंट्स से आपका लुक आकर्षक हो जाएगा? पेश हैं, कुछ ऐसे ही खुद को खूबसूरत बनाने के आधुनिक तरीके. पर ध्यान रहे ये ट्रीटमेंट्स किसी अच्छे विशेषज्ञ से ही कराएं.

लिप औग्मैंटेशन

होंठों को खूबसूरत बनाने का आधुनिक तरीका है लिप औग्मैंटेशन. यह एक बेहद सरल प्रक्रिया है, जिस में चंद मिनटों का समय लगता है होंठों को खूबसूरत और आकर्षक लुक देने के लिए. उन में इंजैक्शन के जरीए कुछ फिलर भरते हैं. भराव के लिए भी कई विकल्प मौजूद हैं, जो अलगअलग प्रकार के बेहतरीन परिणाम देते हैं.

यह मुख्यरूप से एचए फिलर्स के साथ काम करता है. ऐसे में एचए फिलर्स के द्वारा किया गया लिप इन्हांसमैंट 8 से 10 महीनों तक रहता है. इस के बाद इसे दोबारा कराने की आवश्यकता होती है. यह अवधि इस बात पर भी निर्भर करती है कि कौन सा फिलर प्रयोग किया गया है और किस जगह पर इंजैक्शन लगाया गया है.

लिप इन्हांसमैंट से होंठ जहां एक ओर संपूर्ण और अधिक फूले दिखाई देते हैं, वहीं इस से मुंह के आसपास की झुर्रियां भी कम हो जाती हैं. लिप औग्मैंटेशन के द्वारा उन्हें खासा फायदा होता है जिन के होंठ बहुत पतले हों या फिर जिन का आकार ठीक न हो अथवा जिन के मुंह के चारों ओर बारीक लाइनें आ गई हों.

समय व खर्च

इस प्रक्रिया में 20 से 25 मिनट का समय लगता है और खर्च करीब 20 से 25 हजार तक आता है.

नोज शेपिंग

अगर आप की नाक की शेप प्रौपर नहीं है, तो आप 1-2 घंटों में हो जाने वाले नोज शेपिंग ट्रीटमैंट की मदद से सही शेप पा सकती हैं. इतना ही नहीं, इस के साथ आप अपने अपरलिप पार्ट और नोज के बीच नोज पौइंट का ऐंगल भी ठीक करवा सकती हैं. चाहें तो इसे फेस लिफ्ट के साथ भी करवा सकती हैं.

इसके लिए आप को बस 1 दिन के लिए ही ऐडमिट होना पड़ता है. हालांकि पूरी तरह से सूजन जाने में

2 महीने का वक्त लग जाता है. मगर आप अपने काम पर 2-3 हफ्तों बाद जा सकती हैं.

खर्च व समय

इस प्रक्रिया में 1 से 2 घंटों का समय लगता है व खर्च करीब 30 से 40 हजार तक आता है.

हाथों में फिलिंग

आप अपनी उम्र छिपाने की कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन आप के हाथोें की त्वचा उस की पोल खोल ही देती है. लेकिन आज बाजार में कई ऐसी प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं, जो आप की इस समस्या को पलक झपकते दूर कर सकती हैं.

आखिर शादी हो या अन्य कोई फंक्शन हाथों की खूबसूरती सचमुच आप की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है. इसीलिए आजकल बाजार में हैंड फिलिंग के लिए औटोमैटिक इंजैक्शन के विकल्प भी मौजूद हैं. यह तकनीक आप के हाथों को पहले की तरह नर्ममुलायम और भरा हुआ लुक देती है. यानी आप के हाथ पहले की तरह आकर्षक बन जाते हैं.

खर्च व समय

15 से 30 हजार का खर्च आता है और इस प्रक्रिया में 20 से 40 मिनट का ही समय लगता है. यह प्रक्रिया शुरू में 4 महीनों तक हर महीने 4 बार करानी होती है. फिर साल में 1 बार ट्रीटमैंट कराना होता है.

फेस लिफ्ट

फेस लिफ्ट कौस्मैटिक सर्जरी का औपरेशन है. इस के द्वारा कौस्मैटिक सर्जरी कर के ढीली त्वचा को खींच दिया जाता है. त्वचा को खींचने पर झुर्रियां अपनेआप खत्म हो जाती हैं तथा त्वचा में युवावस्था जैसा खिंचाव पैदा हो जाता है. कोई कितनी भी वृद्ध क्यों न हो, फेस लिफ्ट कर के उस की त्वचा में युवावस्था की त्वचा जैसा निखार पैदा किया जा सकता है.

एक बार केस लिफ्ट कराने का असर लगभग 10 वर्षों तक रहता है. तत्पश्चात दोबारा फेस लिफ्ट कराने की आवश्यकता पड़ती है. फेस लिफ्ट के औपरेशन के साथसाथ वृद्धावस्था के अन्य लक्षण मिटाने के भी औपरेशन किए जाते हैं जैसे लटकी भौंहों को ऊपर उठा दिया जाता है.

लटकी पलकों को तथा पलकों के नीचे होने वाली सूजन को हटा दिया जाता है. इस से आंखों की दशा यौवनावस्था जैसी हो जाती है, चिन तथा गरदन के नीचे की त्वचा को भी कस दिया जाता है.

खर्च व समय

इस प्रक्रिया पर लगभग 15 हजार से ले कर क्व1 लाख तक खर्च आता है और समय 1 से डेढ़ घंटा लगता है.

ऐंटीऐजिंग फेशियल

दिन भर की विभिन्न गतिविधियों के दौरान त्वचा धूप, धुएं और प्रदूषण से प्रभावित होती ही हैं. अल्ट्रावायलेट किरणें और प्रदूषणकारी तत्त्व त्वचा को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं. सूर्य की किरणों और फ्रीरैडिकल्स से क्षतिग्रस्त त्वचा की देखभाल के लिए ऐंटीऐजिंग मैडिफेशियल ट्रीटमैंट उपलब्ध है.

इस में ऐंटीऔक्सीडैंट, विटामिन सी और रेटिनोल का उपयोग किया जाता है. इसी तरह हाइड्रेटिंग फेशियल, सनडैमेज फेशियल, संवेदनशील त्वचा के लिए फेशियल, मेनोपौज के बाद त्वचा में हुए परिवर्तनों के लिए रिन्यूअल फेशियल और ऐक्ने ट्रीटमेंट्स भी दिया जाता है.

मैडिफेशियल के साथ कुछ अन्य ट्रीटमैंट भी दिए जाते हैं जैसे कैमिकल पील से ले कर हेयर रिमूवल, डर्मारोलर, बोटोक्स इंजैक्शन आदि. प्रशिक्षित व्यक्ति ही मैडिफेशियल देते हैं. इन्हें त्वचा और उस की समस्याओं का ज्ञान होता है, साथ ही उस के लिए उपयुक्त कौस्मैटिक्स व मैडिकल ट्रीटमैंट की भी जानकारी होती है. समस्या के आधार पर चिकित्सक द्वारा उपयुक्त मैडिकल फेशियल का चुनाव किया जाता है.

खर्च व समय

3 हजार से इस की शुरुआत होती है और 1-2 घंटों में यह ट्रीटमैंट पूरा हो जाता है.

एक महल 1000 दरवाजों का

किसी महल की यात्रा हमें उस समय में ले जाती है जब शाही खानदानों का बोलबाला था. भारत में तो कई ऐसे महल आज भी मौजूद हैं पर कोई समय के हाथों बर्बाद हो रहा है तो किसी पर सरकार निगेहबान है. इन्हीं सबके बीच शाही ठाठ-बाट के साथ आज भी अपनी ऐतिहासिक चमक को लिए हुए पश्चिम बंगाल में स्थापित हजारद्वारी महल खड़ा है.

जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा होगा कि हजारद्वारी ऐसा महल है जिसमें हजार दरवाजे हैं. इस महल का निर्माण 19वीं शताब्दी में नवाब निजाम हुमायूं जहां के शासनकाल में हुआ जिन्होंने बंगाल. इनका राज्य बिहार और ओड़िशा तीनों तक फैला हुआ था. पुराने जमाने में इसे बड़ा कोठी के नाम से जाना जाता था. यह महल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में स्थित है जो कभी बंगाल राजधानी हुआ करती थी. इस कृति को प्रसिद्ध वास्‍तुकार मैकलिओड डंकन द्वारा ग्रीक (डोरिक) शैली का अनुसरण करते हुए बनवाया गया था.

महल को कौन सी चीजें खास बनाती हैं?

भागीरथी नदी के किनारे बसे इस तीन मंजिले महल में 114 कमरे और 100 वास्तविक दरवाजे हैं और बाकि 900 दरवाजे आभासी(हूबहू मगर पत्थर के बने हुए हैं). इन दरवाजों की वजह से इसे हजारद्वारी महल कहा जाता है.

– महल की रक्षा के लिए ये दरवाजे बनवाये गए थे.

– दरवाजों की वजह से हमलावर भ्रमित हो जाते थे और पकड़े जाते थे.

– लगभग 41 एकड़ की जमीन पर फैले हुए इस महल में नवाब अपना दरबार लगाते थे.

– अंग्रेजों के शासनकाल में यहां प्रशासनिक कार्य भी किये जाते थे.

– इस महल का इस्तेमाल कभी भी आवासीय स्थल के रूप में नहीं किया गया.

महल के दीवार को निजामत किला या किला निजामत कहा जाता है. महल के अलावा परिसर में निजामत इमामबाड़ा, वासिफ मंजिल, घड़ी घर, मदीना मस्जिद और बच्चावाली तोप भी स्थापित हैं. 12-14 शताब्दी में बनी इस 16 फीट की तोप में लगभग 18किलो बारूद इस्तेमाल किया जा सकता था. कहते हैं कि इसे सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल किया गया है और उस समय धमाका इतना बड़ा और तीव्र हुआ था कि कई गर्भवती महिलाओं ने समय से पूर्व ही बच्चों को जन्म दे दिए था, इसलिए इसे बच्चावाली तोप कहते हैं.

भागीरथी नदी के तट से लगभग 40 फीट के दूरी पर बने इस महल की नींव बहुत गहरी रखी गई थी, इसलिए आज भी यह रचना इतनी मजबूती से खड़ी है. महल की ओर जाती भव्य सीढ़ियां और भारतीय-यूरोपियन शैली इस संरचना के अन्य मुख्य आकर्षण हैं.

महल का संग्रहालय

यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्थल संग्रहालय है. सन् 1985 में इस महल के बेहतर परिक्षण के लिए इसे भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण को सौंप दिया गया. यह संग्रहालय भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण का सबसे बड़ा स्‍थल संग्रहालय माना जाता है और इसमें बीस दीर्घाएं प्रदर्शित हैं जिनमें 4742 पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं जिनमें से जनता के लिए 1034 पुरावस्‍तुएं प्रदर्शित की गई हैं.

पुरावस्‍तुओ के संग्रह में विभिन्‍न प्रकार के हथियार, डच, फ्रांसिसी और इतालवी कलाकारों द्वारा बनाए गए तैल चित्र, संगमरमर की मूर्तियां, धातु की वस्‍तुएं, चीनी मिट्टी और गचकारी की मूर्तियां, फरमान, विरल पुस्‍तकें, पुराने मानचित्र, पाण्‍डुलिपियां, भू-राजस्‍व के रिकॉर्ड, पालकी आदि शामिल हैं जिनमें से अधिकतर 18वीं और 19वीं शताब्‍दियों से सम्‍बंधित हैं.

इस संग्राहलय में पर्यटक 2700 से अधिक हथियारों को देख सकते हैं. इन हथियारों में नवाब अलीवर्दी खान, सिराजुद्दौला और उनके दादाजी की तलवारें प्रमुख हैं. यहां घूमने के बाद पर्यटक विन्टेज कारों का अद्भुत संग्रह भी देख सकते हैं. इन कारों का प्रयोग शाही घराने के सदस्य किया करते थे.

संग्राहलय और पैलेस देखने के बाद पर्यटक यहां पर बने पुस्तकालय में भी घूमने जा सकते हैं. पुस्तकालय में घूमने के लिए पर्यटकों को पहले विशेष अनुमति लेनी पड़ती है. अकबरनामा की मूल प्रति भी यहीं रखी हुई है.

महल संग्रहालय के पुरावशेष में शाही परिवार के कई सामान मौजूद हैं, जिनमें दरबार हॉल में लगा हुआ खूबसूरत झूमर भी शामिल है. यह झूमर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा झूमर है, पहला बकिंघम महल में है. यह झूमर नवाब को रानी विक्टोरिया द्वारा तोहफे के रूप में भेंट किया गया था.

संग्रहालय की गैलरियों में शस्त्रागार विंग, राजसी प्रदर्शनी, लैंडस्केप गैलरी, ब्रिटिश पोर्ट्रेट गैलरी, नवाब नाज़िम गैलरी, दरबार हॉल, समिति कक्ष, बिलबोर्ड कक्ष, पश्चिमी ड्राइंग कक्ष और धार्मिक वस्तुओं वाली गैलरी शामिल हैं. इस महल को देखने के लिए कुछ प्रवेश शुल्क भी निर्धारित है. शुक्रवार के दिन यह महल पर्यटकों के लिए बंद रहता है.

यहां आने का सही समय

महल के भ्रमण के लिए सबसे अच्छा समय सितम्बर से मार्च तक का महीना है.

यहां कैसे पहुंचें?

मुर्शीदाबाद, पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजधानी कोलकाता से लगभग 230 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

सड़क यात्रा द्वारा: कोलकाता से मुर्शिदाबाद के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है.

रेल यात्रा द्वारा: कोलकाता से मुर्शिदाबाद के लिए कोलकाता के रेलवे स्टेशन से कई ट्रेनें चलती हैं.

हवाई यात्रा द्वारा: कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है.

“शाहरुख जैसे हैं विन डीजल”

अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपनी पहली हॉलीवुड फिल्म ‘एक्सएक्सएक्स: रिटर्न ऑफ जेंडर केज’ के अपने सहकलाकार अभिनेता विन डीजल की तारीफ करते हुए उन्हें अपने परिवार के सदस्य जैसा बताया है.

दीपिका ने फिल्म की शूटिंग के दौरान डीजल और उनकी बहन समांथा से हुई अपनी दोस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि वह जब भी लॉस एंजिलिस में होती हैं, डीजल को सबसे पहले फोन करती हैं.

दीपिका ने कहा ‘जब मैंने यहां काम करना शुरू किया था तब मेरे लिए जैसे शाहरुख और फराह थे, डीजल और उनकी बहन समांथा मेरे लिए वैसे ही हैं. वे परिवार की तरह हैं.’

दीपिका पादुकोण ने फराह खान निर्देशित ‘ओम शांति ओम’ फिल्म से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था जिसमें उनके साथ शाहरुख मुख्य भूमिका में थे. दीपिका की अब भी दोनों से गहरी दोस्ती है.

ट्रिपल धमाके को तैयार हैं सुपरस्टार रजनीकांत

सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही साल 2010 में आई फिल्म ‘रोबोट’ के सीक्वल ‘2.0’ में नजर आने वाले हैं. रोबोट में अपने डबल रोल से डबल धमाके किए हैं और अब वह अपने ट्रिपल रोल से ट्रिपल धमाका करने को तैयार हैं. जी हां, फिल्म ‘2.0’ में रजनीकांत ट्रिपल रोल में नजर आने वाले हैं.

फिल्म में रजनीकांत पहले पार्ट की तरह वैज्ञानिक और रोबोट के रोल में नजर आएंगे, लेकिन तीसरे रोल में वह एक बैडमैन के रोल में नजर आएंगे. बता दें कि इस फिल्म में रजनीकांत के साथ अक्षय कुमार लीड रोल में हैं. फिल्म में अक्षय एक विलेन के रोल में नजर आने वाले हैं.

फिल्म में अक्षय का लुक एक कौवे जैसा है. फिल्म के डायरेक्टर एस शंकर ने फिल्म की शूटिंग लगभग खत्म कर दी है. ए आर रहमान ने फिल्म में म्यूजिक दिया है, लेकिन फिल्म में कितने गाने हैं इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.

एस शंकर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में रजनीकांत, अक्षय के अलावा एमी जैकसन लीड रोल में है. फिल्म 20 नवंबर को रिलीज होगी.

23 किस ही नहीं 21 थप्पड़ भी खाए

अभी तक फिल्म ‘बेफिक्रे’ में रणवीर सिंह और वाणी कपूर के बीच जो 23 किस हैं, उन्हीं की चर्चा सुनने को मिली है. लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि रणवीर ने ‘बेफिक्रे’ में सिर्फ 23 लिपलॉक ही नहीं दिए हैं, बल्कि 21 थप्पड़ भी खाए हैं.

दरअसल, रणवीर को ‘बेफिक्रे’ के टाइटल सॉन्ग ‘उड़े दिल बेफिक्रे…’ में एक उदास और आलसी शख्स की भूमिका निभानी थी. उन्हें गले में एक बोर्ड लटका कर बैठना था, जिस पर लिखा है कि काम करने में बहुत आलस आता है, इसलिए मुंह पर कहीं भी 2 थप्पड़ मारिए और एक यूरो दीजिए.

अब रणवीर को किरदार में घुसने के लिए उदास होना था. लेकिन काफी कोशिश के करने के बाद भी रणवीर के चेहरे पर वो दुखी होने वाले भाव आ ही नहीं पा रहे थे. ऐसे में रणवीर को एक आइडिया आया.

रणवीर ने शूटिंग में मौजूद 21 क्रू-मेंबर्स से कहा कि वो उसे एक-एक करके थप्पड़ मारें, ताकि उनके चेहरे के भाव बदल सकें. फिर क्या था क्रू-मेंबर्स ने रणवीर के चेहरे पर एक-एक करके 21 थप्पड़ मारे. रणवीर इस दौरान कह रहे थे ‘और तेज मारो…!’ आखिरकार रणवीर के चेहरे पर वो भाव आ गए, जिनकी डायरेक्टर को तलाश थी.

एक्टिंग छोड़ राजनीति में करियर बनाएंगे फवाद खान!

फवाद खान भारत छोड़कर अपने देश पाकिस्तान क्या गए उन्हें नए नए ऑफर आने शुरू हो गए. और इस बार उन्हें किसी फिल्म का ऑफर नहीं बल्कि राजनीति में आने का ऑफर मिला है. जी हां. खबरों की मानें तो फवाद खान पाकिस्तान की राजनीति में कदम रख सकते हैं.

सूत्रों की मानें तो फवाद को पूर्व क्रिकेर इमरान खान ने उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को जॉइन करने के लिए अप्रोच किया है. इमरान का मानना है फवाद खान की पॉपुलैरिटी इतनी है कि उन्हें बहुत वोट मिल सकते हैं.

यही नहीं, भारत में पाकिस्तानी एक्टर के बैन होने के कारण लोग उनके लिए और भी ज्यादा संवेदनशील रहेंगे. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या फवाद इमरान के इस ऑफर को स्वीकार कर लेंगे. अगर हां, तो क्या राजनीति में आने के बाद फवाद एक्टिंग छोड़ देंगे?

आपको बता दें कि फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में कैमियो करने पर उरी हमले के बाद फवाद खान के खिलाफ काफी बवाल हुआ था. इसके बाद फवाद भारत छोड़ पाकिस्तान चले गए.

पहले तो औरतों की इज्जत करना सीखो

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डौनल्ड ट्रंप का एक वीडियो, जो 2005 में लिया गया था, आजकल धड़ल्ले से चल रहा है. इस वीडियो में ट्रंप बड़े फक्र से कहता है कि उस ने कितनी ही विवाहित औरतों से सैक्स संबंध बनाए हैं. उस की भाषा में जननांगों तक का जिक्र है. वह बड़े फक्र से कहता है कि अगर आप के पास पैसा व नाम है तो औरतें आसानी से ऐसा करने देती हैं.

2005 में यह हिस्सा टैलीविजन कार्यक्रम में नहीं दिखाया गया था. अब इस ने हंगामा मचा दिया है. हालांकि डौनल्ड ट्रंप इस पर सफाई दिए बिना राष्ट्रपति पद के लिए रेस में बने रहने पर अड़ा हुआ है. उस ने अपने गलत बयान पर माफी तो मांगी थी पर साथ ही यह भी जोड़ कर राष्ट्रपति चुनाव की गरिमा को और खराब कर दिया कि हिलेरी क्लिंटन के पति बिल क्लिंटन तो इस से भी बुरा काम कर चुके हैं.

जनता इसे गलती या माफी मानेगी, यह नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अमेरिकी समाज में आजकल ऐसे सिरफिरों की कमी नहीं है, जो दुनिया भर में फैल रहे आतंक और चीन व रूस की धमकियों का मुकाबला करने के लिए एक मर्द को राष्ट्रपति पद देना चाहते हैं. वे भूल रहे हैं कि इंदिरा गांधी ने 1971 बांग्लादेश मामले में पाकिस्तान पर और मार्गरेट थैचर ने 1982 में फाकलैंड युद्ध में अर्जेंटाइना पर बिना मर्द हुए विजय पाई थी.

लड़ाई में सही फैसले काम आते हैं, सर्वोच्च नेता का बड़बोलापन या उस की औरतों के प्रति मर्दानगी नहीं. चुनाव में उसी व्यक्ति को उतरना चाहिए, जो देश के हर वर्ग को बराबर का आदर दे और अपनी जबान पर नियंत्रण कर सके. अमेरिकी समाज में ढीले राष्ट्रपतियों की कमी नहीं रही है, चाहे बाद में उन के चरित्र के ढीलेपन को उन के उल्लेखनीय कामों के बीच छिपा दिया गया हो.

यह अफसोस की बात है कि नेता बनने की इच्छा रखने वाले मर्द भी औरतों को हेय दृष्टि से देखने से बाज नहीं आते. औरतों के प्रति लगभग हर समाज में इस प्रकार की भावना मौजूद है कि वे न केवल कमजोर हैं, पैर की जूती हैं, ऊंचे पदों के लायक नहीं हैं और साथ ही जो चाहे जब चाहे उन्हें लिटा कर अपनी मनमानी कर सकता है.

यह भावना अगर कूटकूट कर पुरुषों में भरी है तो इस का बड़ा कारण धर्म है, जो अपने भगवानों व देवताओं के खिलाफ अपने ही ग्रंथों में लिखे सही शब्दों तक को दोहराने पर घबरा कर कहने वाले का मुंह बंद कर देता है पर आधी आबादी को उस धर्म को मानने में कोई एतराज नहीं है.

भारत में ही या पश्चिमी एशिया में औरतों को कहीं भी धर्म से आदरसम्मान नहीं मिलता. उन्हें हर धर्म की लड़ाई में कुरबान कर दिया जाता है. धर्म ही उन पर उन दोषों के लिए जिम्मेदारी थोपता है जो मर्दों के कारण हुई हों. पति से बाहर सैक्स, बलात्कार, छेड़छाड़, देह व्यापार आदि में दोषी कभी भी पुरुष नहीं होते, हमेशा औरतें ही होती हैं.

डौनल्ड ट्रंप भी इसी विश्वास पर लड़ रहा है कि न केवल अमेरिका के मर्द, उन मर्दों की गुलाम सी उन की पत्नियां, बहनें, बेटियां, मांएं एक उस व्यक्ति को वोट दिलवा देंगे जो औरतों का आदर करना नहीं जानता और उन्हें केवल अपने सैक्स सुख का गुलाम मानता है.

तुम नहीं तो कुछ भी नहीं

‘मैं ने तो तुम से हमेशा ही मुहब्बत की है, तुम्हारे मना करने से हकीकत नहीं बदलेगी…’ पतिपत्नी का रिश्ता कुछ इस तरह का हो तो ही संबंध लंबे समय तक खुशनुमा रह सकते हैं. पतिपत्नी में विवाद होने पर भी मुहब्बत और निर्भरता कम नहीं होती. ‘तुम ने मेरे लिए क्या किया?’ या ‘तुम ने मेरे साथ ऐसे क्यों किया?’ कहने से पतिपत्नी का प्यार कम नहीं होता.

अफसोस यह है कि आज पतिपत्नी के बीच तर्क व शिक्षा के सीमेंट के पुल बनने के बाद भी उन तत्त्वों की कमी नहीं है, जो पुलों में मोटे छेद बनाने में लगे हैं और जिन में फंस कर पतिपत्नी एक की मुहब्बत को नकार कर शून्य बना देते हैं. औरतों की सुरक्षा और उन के सशक्तीकरण के नाम पर बन रहे कानून और पहले के बने कानूनों का फैलता दायरा पतिपत्नी के संभावित प्रगाढ़ प्रेम की सीमेंट को रेतीला बना रहा है.

आज के युग में कोई लड़का खुद को लड़की पर नहीं थोपता और न ही लड़की लड़के के गले में बंदूक की नाल के बल पर बांधी जाती है. हर विवाह खुशियों का जखीरा होता है जिस में पूरा परिवार शामिल होता है. हैसियत से ज्यादा खर्च किया जाता है और वर वधू को यह एहसास दिलाया जाता है कि उन के बंधन को हमेशा तरोताजा देखने में कितने लोग उत्सुक हैं. फिर भी उन मामलों की कमी नहीं है जिन में लाल या कढ़े हुए जोड़ों में चमचमाती लड़कियां कुछ दिनों के बाद अदालतों में काले कोटों के बीच या पुलिस स्टेशनों में खाकी वरदियों के बीच दिखने लगती हैं.

पतिपत्नी का संबंध असल में तो कुछ ऐसा है-

‘हमारा अंदाज कुछ ऐसा है, जब हम बोलते हैं तो फुहारों की तरह बरस जाते हैं

और जब चुप रहते हैं तो सन्नाटे से वे तरस जाते हैं…’

पर कानून उस बरसने को तूफान बना रहा है और चुप्पी को जीवनपर्यंत की सजा दे रहा है. यह अफसोस है कि जिस कानून को संबंधों को मजबूत करना था, विवादों को हल करना था, समस्याओं को दूर करने की कोशिश करना था, हदों की लाइनें खींचना था वह अब सिर्फ और सिर्फ अलग रहना सिखा रहा है.

‘किसी के साथ हमेशा रहना चाहते हो, तो उस से थोड़ा दूरदूर रहो’ को बदल कर औरतों की सुरक्षा के कानूनों ने ‘किसी के साथ हमेशा रहना आखिर क्यों जरूरी है, उस से सदा के लिए दूर रहो’ बना डाला है.

कठिनाई यह है कि देश के विकास के नारों और गौरक्षा, सीमा रक्षा, नौकरी रक्षा में उलझे नेताओं को परिवार रक्षा का खयाल तक नहीं है और उन्हें नहीं मालूम कि किस तरह पतिपत्नी अलगाव के बाद एक दुखी व तनाव की जिंदगी जीते हैं. जिस कठिनाई को वे पहले असहनीय मानते थे उस से वे उस आग में कूद जाते हैं, जो पूरे जीवन को राख बना देती है. अफसोस यह आग कानून हमेशा जलाए ही नहीं रखता, हर गली के कोने पर इस का अलाव रख दिया गया है.

‘जो ले जाओ (ए कानून) मेरी नींद सुखचैन उफ भी कैसे करेंगे हम,

अब तो ख्वाब भी गए, चैन भी गया

जीने को जिंदा लाश बची है और बस तनहाई साथ में है…’

म्युचुअल फंड के बदले लीजिए लोन

म्युचुअल फंड में अगर आप पहले से इन्वेस्ट कर रही हैं तो यह निवेश आपके लिए बड़े काम का हो सकता है. बैंक और कई एनबीएफसी कंपनियां आपको म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसों पर लोन देते हैं, जिस पर काफी कम ब्याज लगता है. ऐसे में आप लोन लेकर घर का रेनोवेशन, नए घर की बुकिंग या फिर ऑटो लोन लेने के लिए डाउन पेमेंट कर सकती हैं.

कैसे मिलता है म्युचुअल फंड पर लोन

म्युचुअल फंड में किए गए निवेश के बदले अधिकतर बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन देती हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की गाइडलाइंस के अनुसार, आपको इस प्रकार का लोन लेने के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी के पास अपनी म्युचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखना पड़ेगा. यूनिट्स के एनएवी के आधार पर आपको लोन मिलेगा. इसके लिए बैंक या कंपनी आपके द्वारा लिए गए यूनिट्स पर लिन मार्क कर देगी. बैंक या कंपनी आपको एक साल तक के लिए लोन देगा, जो आपको इसी पीरियड में चुकाना होगा.

कितना लगता है इंटरेस्ट

अगर आप पर्सनल लोन की बजाए इक्विटी म्युचुअल फंड पर लोन लेती हैं तो वे आपसे पर्सनल लोन से बहुत कम इंटरेस्ट चार्ज करते हैं. सेबी और आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार बैंक आपसे 10-18 फीसदी के बीच इंटरेस्ट चार्ज कर सकते हैं. बैंक और एनबीएफसी कंपनियां लोन अमाउंट, फंड में मौजूद यूनिट्स की एनएवी और आपके द्वारा पहले लिए गए किसी लोन की रिपेमेंट हिस्टरी को देखकर इंटरेस्ट लेती हैं.

प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख बैंकों में से एक- एक्सिस बैंक इक्विटी म्युचुअल फंड पर 10.50 फीसदी से लेकर के 12.5 फीसदी तक इंटरेस्ट चार्ज करता है.

समझिए डायनैमिक और नॉर्मल लिन के बारे में

म्युचुअल फंड में लिन दो तरह से बैंक या एनबीएफसी मार्क करती है. यह नॉर्मल और डायनैमिक लिन होता है. नॉर्मल लिन में आप पहले से अपने फंड मैनेजर को बता देते हैं कि कितने यूनिट्स पर आप लिन मार्क करवाना चाहते हैं. इस तरह के लिन पर डिविडेंड या इंटरेस्ट मिलने पर उस पर लिन मार्क नहीं होगा.

डायनैमिक लिन में डिविडेंड या इंटरेस्ट को रिइन्वेस्ट करने पर वह भी लिन मार्क हो जाएगा. लोन अमाउंट को पूरा पे करने के बाद आपको एक बार फिर से अपने फंड मैनेजर को लिखकर देना होगा कि आपने लोन का पूरा पेमेंट कर दिया है. फंड मैनेजर संबंधित बैंक या कंपनी से पूछताछ करके आपके म्युचुअल फंड पर से लिन हटा देगा.

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