‘पद्मावती’ में हो सकती है ऐश्वर्या की एंट्री

संजय लीला भंसाली अपनी अगली हिस्टोरिकल फिल्म ‘पद्मावती’ को ‘ऐतिहासिक’ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसलिए ऐश्वर्या राय बच्चन को भी फिल्म से जोड़ने की तैयारी कर रहे हैं भंसाली.

‘पद्मावती’ में दीपिका पादुकोण लीड रोल निभा रही हैं, जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी के रोल में हैं और शाहिद कपूर पद्मावती के पति राजा रावल रतन सिंह का किरदार निभा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो संजय लीला भंसाली एक खास डांस नंबर के लिए ऐश को फिल्म से जोड़ना चाहते हैं.

यह भंसाली का ट्रेडमार्क डांस आईटम होगा, जिसमें दो हीरोइनों की जोड़ी संगीत की दिलकश लय और भव्य सेट पर थिरकती नजर आती है. अब ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ‘पद्मावती’ में किन दो एक्ट्रेस की जोड़ी थिरकेगी, क्योंकि फिल्म में अदिति राव हैदरी रणवीर सिंह के अपोजिट हैं.

अगर ऐश ‘पद्मावती’ से जुड़ती हैं तो वो दीपिका के साथ डांस की जुगलबंदी करेंगी. ऐश बेहतरीन डांसर हैं, लिहाजा उनसे कदम मिलाने के लिए दीपिका को कड़ी मेहनत करनी होगी. जाहिर है ‘पद्मावती’ का ये डांस आईटम भी स्पेशल होने वाला है.

दुल्हन का लिबास हो खास

वैडिंग सीजन की शुरुआत हो चुकी है. अगर आप भी दुल्हन बनने की तैयारी में हैं, तो अपने लिए ब्राइडल वियर खरीदने से पहले एक बार फैशन ट्रैंड का जायजा जरूर ले लें. इस से आप को वैडिंग वियर चुनने में आसानी होगी. हम आप तक पहुंचा रहे हैं वैडिंग वियर के फैशन ट्रैंड से ले कर शेड्स और पैटर्न तक की तमाम जानकारी ताकि आप का काम हो जाए और भी आसान.

लहंगाचोली है दुल्हन की पहली पसंद

सदियों से चली आ रही लहंगाचोली आज भी दुलहनों की पहली पसंद है. लहंगाचोली के साथ दुपट्टे का सैट दिखने में भी काफी खूबसूरत नजर आता है. सिर से ले कर पैर तक कवर होने के बावजूद इस लिबास में दुल्हन की खूबसूरती देखते ही बनती है.

फैशन डिजाइनर नेहा चोपड़ा के अनुसार, अगर आप भी अपने लिए लहंगाचोली खरीद रही हैं तो इस का चुनाव अपने बौडी टाइप को ध्यान में रख कर करें. अगर आप की बौडी शेप ऐप्पल शेप है तो फुल लेयर वाला घेरदार लहंगा खरीदें. इस से आप की कमर पतली नजर आएगी. अपने हैवी अपर बौडी पार्ट को कवर करने के लिए डीप या वीनैक चोली पहनें. पियर बौडी शेप के लिए ए लाइन लहंगा परफैक्ट होता है. यह इन का हैवी हिप्स को आसानी से कवर कर लेता है, लेकिन भूल से भी फिश कट लहंगा न पहनें. इस से हिप्स और भी हैवी नजर आती हैं. चूंकि इन की टमी फ्लैट होती है, इसलिए इन पर शौर्ट लैंथ चोली भी खूब जंचती है. 36-24-36 बौडी शेप पर हर स्टाइल का लहंगाचोली सूट करती है.

अपनेआप में है खास वैडिंग साड़ी

आप चाहें तो लहंगाचोली के बजाय अपनी शादी में पहनने के लिए वैडिंग साडि़यां भी खरीद सकती हैं. बौडी कर्व को हाईलाइट करने के लिए साड़ी से बढि़या परिधान और कोई नहीं. मार्केट में हैवी से ले कर लाइट वैट वैडिंग साडि़यों की ढेरों वैराइटी हैं. डिजाइन के साथ ही आप को डिफरैंट फैब्रिक और पैटर्न की साड़ी भी आसानी से मिल जाएगी.

फैशन डिजाइनर नेहा चोपड़ा कहती हैं, ‘‘अपने हिसाब से साड़ी का चुनाव करने के बाद ब्लाउज की डिजाइन और फिटिंग पर खास ध्यान दें. परफैक्ट ब्लाउज से साड़ी की खूबसूरती और बढ़ जाती है. अगर आप की टमी बाहर की ओर है तो फुललैंथ वाला टौपनुमा ब्लाउज पहनें या फिर चोलीनुमा ब्लाउज भी आप के लिए बेहतर साबित होगा. इसी तरह हौट लुक के लिए स्लीवलैस या हौल्टर ब्लाउज ट्राई कर सकती हैं. स्टाइलिश लुक के लिए क्रौप टौपनुमा ब्लाउज भी पहना जा सकता है. लेकिन किसी भी टाइप का ब्लाउज चुनते वक्त अपने बौडी टाइप को ध्यान में रखें. साड़ी में डिफरैंट लुक के लिए साड़ी ड्रैपिंग के अलगअलग तरीके भी आजमा सकती हैं जैसे पैंट स्टाइल ड्रैपिंग, गुजराती स्टाइल ड्रैपिंग आदि. इस से आप को न्यू लुक मिलेगा.’’

ट्रैंड में है इंडोवैस्टर्न ब्राइडल वियर

अगर आप टिपिकल इंडियन दुल्हन दिखना नहीं चाहतीं तो सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली लहंगाचोली और पारंपरिक परिधान साड़ी के अलावा इंडोवैस्टर्न ब्राइडल वियर भी ट्राई कर सकती हैं. इस का लुक न तो प्योर ट्रैडिशनल होता है और न ही वैस्टर्न. इंडोवैस्टर्न पैटर्न सेमी इंडियन या यह कहें कि सेमी वैस्टर्न लुक देता है.

नेहा कहती हैं, ‘‘इंडोवैस्टर्न वैडिंग वियर की वैराइटी में कोई कमी नहीं है. ब्राइडल ड्रैस से ले कर ब्राइडल गाउन तक में भी डिफरैंट टाइप्स मिलते हैं जैसे साड़ी गाउन और लहंगा गाउन. इन दिनों ये काफी ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं. इसी तरह अनारकली लहंगा विद जैकेट और इंडोवैस्टर्न सूट भी ट्रैंड में हैं. इंडोवैस्टर्न ब्राइडल वियर में मोर स्टाइलिश लुक के लिए लहंगा विद क्रौप टौप और दुपट्टा, ब्राइडल ट्राउजर विद चोली और दुपट्टा भी ट्राई कर सकती हैं.

रैड के बजाय ट्राई करें पिंक शेड्स

ब्राइडल वियर में रैड शेड दुल्हन के लिए कभी आउटडेटेड या आउट औफ फैशन नहीं होता. इस का चुनाव किसी भी सीजन में किया जा सकता है. रैड के अलगअलग शेड जैसे लाइट रैड, डीप रैड, टोमैटो रैड, औरेंज रैड, मैरून रैड आदि में से अपनी स्किनटोन पर सूट करने वाले रैड शेड का चयन करें. रैड कलर की लहंगाचोली ही नहीं, वैडिंग साड़ी, ब्राइडल गाउन भी खरीद सकती हैं. अगर आप टिपिकल रैड शेड पहनना नहीं चाहतीं तो रैड की जगह पिंक शेड का ब्राइडल वियर भी पहन सकती हैं.

पिंक के कई शेड्स ब्राइडल वियर के लिए परफैक्ट हैं जैसे पेस्टल पिंक, ब्राइट पिंक, पीच पिंक, कोरल पिंक, लाइट पिंक, निओन पिंक, रानी पिंक आदि. आप चाहें तो पिंक के साथ दूसरे शेड का कौंबिनेशन जैसे पिंकबेज, पिंकआयवरी, पिंकसिल्वर, पिंकरैड, पिंकरौयल ब्लू भी ट्राई कर सकती हैं.

कंट्रास्ट शेड्स का है क्रेज

सिंगल शेड के बजाय कंट्रास्ट शेड्स का ब्राइडल वियर भी चुन सकती हैं. ये दिखने में भी काफी आकर्षक नजर आते हैं. कंट्रास्ट शेड्स के लिए पिंकऔरेंज, यलोब्लू, रैडग्रीन, पिंकब्लू, औरेंजयलो, पिंकपर्पल, ग्रीनऔरेंज, क्रीमब्राउन जैसे कलर कौंबिनेशन चुने जा सकते हैं. इसके साथ ही लाइट और डार्क शेड का इस्तेमाल कर के बनाए गए ब्राइडल वियर भी आप चुन सकती हैं जैसे आसमानी ब्लू के साथ डार्क ब्लू, सी ग्रीन के साथ डार्क ग्रीन, बेबी पिंक के साथ डार्क पिंक आदि.

कंट्रास्ट शेड्स को पहनने के कई तरीके हैं जैसे लहंगा और दुपट्टा एक कलर का और चोली अलग कलर की या लहंगाचोली एक कलर की और दुपट्टा अलग कलर का या फिर एक तरीका यह भी है कि कंट्रास्ट शेड का इस्तेमाल करते हुए लहंगाचोली और दुपट्टा बनाया जाए.

फैशनेबल हैं पेस्टल शेड्स

अगर आप टिपिकल रैड, पिंक, ग्रीन जैसे डीप और डार्क शेड्स के ब्राइडल वियर नहीं पहनना चाहतीं, तो पेस्टल शेड्स का चुनाव भी कर सकती हैं. ये काफी फैशनेबल नजर आते हैं और इन दिनों काफी डिमांड में भी हैं. पेस्टल शेड्स डे वैडिंग के लिए बिलकुल परफैक्ट हैं. इन का लाइट शेड सुकून का एहसास दिलाता है. पेस्टल शेड्स के ब्राइडल वियर में दुल्हन की ज्वैलरी भी उभर कर दिखाई देती है.

फिल्म रिव्यू: बेफिक्रे

‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘मोहब्बतें’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’ के प्रशंसकों के लिए ‘‘बेफिक्रे’’ नहीं है. इन फिल्मों के मुकाबले अति कमजोर व अति वाहियात फिल्म है ‘बेफिक्रे’. जी हां! प्यार की तलाश के साथरिश्तों व कमिटमेंट के प्रति वर्तमान युग की युवा पीढ़ी की सोच को चित्रित करने वाली फिल्म ‘बेफिक्रे’’ कहानी रहित फिल्म है. पूरी फिल्म किसी रोमांटिक कामेडी सीरियल के कुछ एपीसोड से इतर कुछ नहीं है. फिल्म कीशुरुआती गीत की पक्ति है-‘‘इश्क लबों का कारोबार..’’, पूरी फिल्म इस बात को स्पष्ट नहीं कर पायी, मगर फिल्मकार ने इश्क के नाम पर नंगापन, फूहड़ता, कामुकता, 21 किस परोसकर इश्क का व्यापार करने की कोशिश जरूर की है, वह इसमें कितना सफल होंगे, यह कहना मुश्किल है.

रोमांटिक फिल्म ‘‘बेफिक्रे’’ की कहानी है प्यार को बेफिक्रे अंदाज में जश्न मनाने वालो की. दिल्ली का लड़का धर्मेंद्र उर्फ धर्म (रणवीर सिंह) रोमांच की तलाश में दिल्ली से पेरिस पहुंचता है. पेरिस में वह अपने मित्र मेहरा के ‘‘दिल्ली बेले बार’’ में स्टैंडअप कामेडी के शो करना शुरू करता है. पर पहली रात जब वह अपने जीवन की यात्रा में आगे बढ़ रहा था, तभी उसकी जिंदगी में जंगली किस्म की उन्मुक्त विचरण करने वाली फ्रेंच में जन्मी लड़की सायरा गिल (वाणी कपूर) से होती है. जो कि ट्यूरिस्ट गाइड है. दोनों का व्यक्तित्व एक जैसा है,इसलिए जल्द एक दूसरे के साथ आ जाते हैं. पहली मुलाकात में वह हम बिस्तर हो जाते हैं. कुछ दिन में ही सायरा गिल एक निर्णय लेते हुए अपने माता पिता का घर छोड़कर धर्म के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगती है.

एक वर्ष बाद दोनों के बीच कटुता हो जाती है और दोनों अलग हो जाते हैं. सायरा गिल पुनः अपने माता पिता के पास रहने चली जाती है. पर सायरा व धर्म दोनो दोस्त की तरह मिलते रहते हैं. दोनों अपनी जिंदगी के उतार चढ़ाव से जूझ रहे हैं. दोनों इस बात में यकीन करते हैं कि प्यार में विश्वास होना चाहिए. इस बीच धर्म अपनी उन्मुक्त हवस को पूरा करने के लिए कई लड़कियों संग संबंध बनाता रहता है. फिर एक मुकाम पर सायरा की जिंदगी में एक इंवेस्टमेंट बैंकर अनेय आता है. तो वहीं धर्म की जिंदगी में फ्रेंच लड़की क्रिस्टिना आती है.

जब सायरा बताती है कि वह इंवेस्टमेंट बैंकर अनेय से शादी करने जा रही है, तो धर्म भी क्रिस्टिना के संगशादी का ऐलान करता है. दोनों एक ही दिन एक ही समय चर्च में शादी करने पहुंचते है. जहां धर्म और सायरा को अहसास होता है कि वह दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते. दोनों को इस बात का अहसास है कि प्यार में हिम्मत से ही आगे बढ़ा जा सकता है.

इंटरवल से पहले फिल्म हिचकोले लेकर ही चलती है. कहानी वर्तमान से शुरू होकर एक साल पहले जाती है,फिर वर्तमान में आती है, फिर एक साल पहले जाती है, कथा कथन का आदित्य चोपड़ा का यह अंदाज दर्शकोंको बोर ही करता है. इंटरवल के बाद फिल्मकार खुद अबूझ पहेली बन गए, वह भूल गए कि धर्म और सायरा के रिश्ते को किस तरह किस मोड़ पर ले जाया जाए. जिसके चलते फिल्म का अंत बड़ा अजीब सा हो गया.

क्लायमेक्स तक पहुंचते पहुंचते  फिल्मकार पर भारतीय संस्कृति हावी हो गयी और फिर उन्होंने जो कुछ किया, उसे दर्शक कैसे लेंगे, यह देखने वाली बात है. इंटरवल के बाद ‘बेफ्रिके’ देखते समय कई पुरानी फिल्मों की याद आना स्वाभाविक है. फिल्म का क्लायमेक्स कुछ अंग्रेजी फिल्मों की याद दिलाता है.

फिल्म की कहानी को नजरंदाज कर दें, तो कुछ सीन काफी अच्छे बने हैं. संवाद लेखक को तो संवादों को रचने के लिए बौलीवुड की फिल्मों के नाम उपयोग करने पड़े.

पेरिस में फिल्मायी गयी फिल्म ‘बेफिक्रे’ देखकर लगता है कि यह फिल्म पेरिस के ट्यूरिजम व वहां के संगीत को प्रचारित करने के लिए बनायी गयी है. फिल्म में कुल आठ गाने हैं, इसमें से एक गाना इंस्ट्यूमेंटल है. लगभग दो घंटे की फिल्म में आठ गाने…..बेमानी लगते हैं. कुछ गाने सुनने में तो अच्छे लगते हैं, मगर परदे पर वह चमक खो देते हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो रणवीर सिंह के अभिनय में कोई नवीनता नहीं है. वह बहुत सीमित अभिनय प्रतिभा वाले कलाकार नजर आते हैं. इस फिल्म में उन्होंने अपनी पुरानी फिल्मों के मैनेरिजम को ही दोहराया है. नंगापन या फूहड़ता को अभिनय की श्रेणी कब से दे दी गयी, पता नहीं..वाणी कपूर भी नंगापन दिखाती नजर आयी. वाणी कपूर ने अपने चेहरे/होंठों की प्लास्टिक सर्जरी कराकर अपना चेहरा बिगाड़ लिया.

फिल्म के कैमरामैन कनमे ओनोयामा बधाई के पात्र हैं. उन्होंने पेरिस की खूबसूरती को बहुत बेहतरीन तरीके से कैमरे में कैद किया है. फिल्म ‘‘बेफिक्रे’’ मल्टीप्लैक्स में कालेज में पढ़ रहे लड़के लड़कियो को भले पसंद आ जाए, पर फिल्म देखने के बाद वह दूसरों को यह फिल्म देखने की सिफारिषश करेंगे, इसमें संदेह है. सिंगल थिएटर के दर्शक अपना पैसा बर्बाद नहीं करना चाहेंगे. जिन्हे पेरिस की खूबसूरती को सिनेमाई परदे पर देखना है, वह यह फिल्म देखेंगे.

 फिल्म ‘‘बेफिक्रे’’ का निर्माण ‘‘यशराज फिल्मस’’ के बैनर तले आदित्य चोपड़ा ने किया है. फिल्म के लेखक व निर्देशक आदित्य चोपड़ा हैं. संवाद लेखक शरत कटारिया, संगीतकार विशाल शेखर, कैमरामैन कनमे ओनोयामा, गीतकार जयदीप साहनी तथा कलाकार हैं – रणवीर सिंह, वाणी कपूर व अन्य.

छोटे पर्दे पर वापसी कर रहे हैं किंग खान

शाहरुख के चाहने वालों के लिए अच्छी खबर. किंग खान जल्द ही छोटे पर्दे पर वापसी करने वाले हैं. शाहरुख को जितना लोग बड़े पर्दे पर पसंद करते हैं उससे कहीं ज्यादा लोग उन्हें छोटे पर्दे पर देखना पसंद करते हैं.

शाहरुख ‘बिग बॉस’ और ‘क्या आप पांचवी पास हैं’ होस्ट कर चुके हैं. इस बार शाहरुख ‘स्टार’ के साथ एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और उसी से छोटे पर्दे पर लौटेंगे. वैसे ‘स्टार’ इस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा करने से बच रहा है लेकिन ये शो नॉन-फिक्शन होगा.

शो प्रोडक्शन हाउस ‘फ्रीमेंटल’ के तहत बन रहा है. शाहरुख और उनकी टीम 9 दिसम्बर, 2016 को अपना पहला प्रोमो शूट करने वाली हैं. ये प्रोमो यशराज फिल्म स्टूडियो में शूट किया जाएगा. तो शाहरुख के फैन दिल थामकर बैठ जाएं, जल्द ही वो छोटे पर्दे पर छाने आने वाले हैं.

दीपिका बनी सेक्सिएस्ट एशियन वूमेन

दीपिका पादुकोण ने सेक्सिएस्ट एशियन वूमेन का खिताब अपने नाम कर लिया है. चार बार एशिया की सबसे सेक्सी महिला होने का खिताब जीतने वाली प्रियंका चोपड़ा को इस साल मायूसी हाथ लगी है.

ब्रिटिश वीकली न्यूजपेपर ईस्टर्न आई के कराये गए यू के पोल में इस बार दीपिका को सेक्सीएस्ट एशियन वूमेन के लिए सबसे ज्यादा वोट मिले. इससे पहले प्रियंका चोपड़ा यह खिताब चार बार जीत चुकी हैं.

प्रियंका इस पोल में दूसरे स्थान पर रहीं. तीसरा और चौथा स्थान टीवी कलाकार के नाम रहा. तीसरा स्थान टीवी सीरियल ‘जमाई राजा’ में रोशनी खुराना का किरदार निभाने वाली निया शर्मा को मिला, जो इन दिनों कॉमेडी नाइट बचाओ ताजा में भी काम कर रही हैं.

चौथा स्थान भई टीवी अभिनेत्री के ही नाम ही रहा है, जिसके लिए ‘मधुबाला’ से फेमस हुई दृष्टि धामी को चुना गया है. दृष्टि आजकल ‘परदेस में है मेरा दिल’ में काम कर रही हैं.

इस पोल में आलिया भट्ट ने पांचवा, कटरीना कैफ ने सातवां, सोनम कपूर ने आठवां और गौहर खान ने दसवां स्थान हासिल किया. पाकिस्तानी अभिनेत्री और फिल्म रईस में शाहरुख खान की हीरोइन माहिरा खान नवे नंबर पर रहीं. इस लिस्ट में सबसे काम उम्र की अभिनेत्री सीरियल स्वरागिनी की हेली शाह हैं, जो 31वें नंबर पर हैं.

अमरीकी टीवी शो और हॉलीवुड की फिल्म से जहां प्रियंका ने विदेशों में झंडे गाड़े और कई अवॉर्ड अपने नाम किये वहीं मस्तानी दीपिका भी अपने हॉलीवुड आगाज के लिए तैयार हैं.

इस एक्ट्रेस को स्टंट सिखा रहे हैं अक्की

फिल्म ‘नाम शबाना’ में लीड रोल निभा रहीं बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू इन दिनों अक्षय कुमार से स्टंट करना सीख रही हैं. ‘नाम शबाना’ में अक्षय कैमियो कर रहे हैं. अक्षय कुमार एक बेहतरीन एक्शन स्टार हैं. उन्होंने कई फिल्मों में खतरनाक स्टंट किया है. ‘नाम शबाना’ फिल्म बेबी का प्रीक्वल है और फिल्म में तापसी पन्नू लीड रोल में हैं.

तापसी का कहना है कि अक्षय उन्हें अगले एक्शन स्टार के रूप में देखना चाहते हैं. अक्षय का मानना है कि यदि इस फिल्म में तापसी ने अपने स्टंट्स पर मेहनत कर ली और उनके स्टंट्स पसंद कर लिए गए तो वे एक्शन स्टार के रूप में स्थापित हो सकती हैं.

अक्षय, एक्शन सीक्वेंसेस को बेहतर बनाने में मदद भी कर रहे हैं. यह फिल्म अगले साल 31 मार्च को रिलीज होगी. फिल्म की ज्यादातर शूटिंग मलेशिया में की गई है. मुंबई में भी कुछ हिस्सा शूट होगा. फिल्म में तापसी के अलावा एली अवराम और अनुपम खेर भी अहम भूमिका में हैं.

फिल्म रिलीज के पहले ही ‘रईस’ ने बनाया रिकॉर्ड

शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ के ट्रेलर ने आते ही तूफान मचा दिया है. ढाई मिनट के इस ट्रेलर को अब तक 10 मिलियन से ज्यादा लोगों ने देख लिया है.

राहुल ढोलकिया निर्देशित एक शराब माफिया की कहानी पर बनी रईस के ट्रेलर को 24 घंटे पूरे होने से पहले ही वर्ल्डवाइड 10 मिलियन से ज्यादा व्यूअर्स देख चुके हैं. ट्रेलर को हाल फिलहाल के दिनों में आई फिल्मों के मुकाबले जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है.

3 घंटे 35 मिनट में ही इस ट्रेलर को 1000 लाइक मिल चुके हैं. जिसकी वजह से यह सबसे जल्दी 1000 लाइक मिलने वाला ट्रेलर बन गया है. सभी को पीछे छोड़ते हुए रईस सबसे बड़ा ट्रेलर बन गया है.

सुल्तान को 1000 लाइक 42 घंटों में, दंगल को 8 घंटे 48 मिनट में, शिवाय को 23 घंटे में और एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी को 12 घंटे में मिले थे.

ढाई मिनट के इस ट्रेलर के रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर हैशटैग #RaeesTrailer ट्रेंड करने लगा था. सभी फैंस और क्रिटिक इसके प्रति अपनी एक्साइटमेंट को शेयर करने लगे.

करीब 2 मिनिट 45 सेकंड के ट्रेलर में शाहरुख खान के कई दमदार डायलॉग हैं और साथ में पुलिस ऑफिसर का किरदार निभा रहे नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी अपने उसी अंदाज में हैं. ट्रेलर लॉन्च को लेकर शाहरुख ने खुद ही कमान संभाल रखी थी और वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थे.

फिल्म के प्रवक्ता ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘हमें बहुत खुशी है कि ट्रेलर को इतना जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिला. टीम ने बहुत कड़ी मेहनत की है और हम काफी एक्साइटेड हैं. दर्शक काफी लंबे समय से फिल्म का इंतजार कर रहे हैं. इस स्टनिंग ट्रेलर ने लोगों के मन की उत्सुकता को और, बढ़ाने का काम किया है.’

जानिए क्या है ग्रेच्युटी

किसी भी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी के वेतन का एक भाग ग्रेच्युटी के रूप में डिडक्ट किया जाता है. पर यह किसी तरह का टैक्स नहीं है. ग्रेच्युटी वेतन का वह हिस्सा है जो आपको आपकी सेवाओं के बदले एक निश्चित अवधि के बाद दिया जाता है. यह रिटायरमेंट के बाद कंपनी की तरफ से कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले दिया जाता है.

कई कर्मचारी रिटायरमेंट के पहले नौकरी छोड़ देते हैं, उस वक्त भी ग्रेच्युटी मिलती है. आयकर अधिनियम की धारा 10(10) के मुताबिक किसी भी निगम या कंपनी में न्यूनतम पांच वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने वाला हर कर्मचारी ग्रेच्युटी हासिल कर सकता है. कर्मचारी को उसकी सेवा के प्रत्येक वर्ष के बदले 15 दिनों का वेतन ग्रेच्युटी के तौर पर दिया जाता है. इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता का योग शामिल होता है. ग्रेच्युटी के तहत मिली राशि पर कर देना पड़ता है. केंद्र, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के तहत आने वाले कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रेच्युटी पूरी से टैक्स फ्री होती है.

कुछ नियुक्तिकर्ता ग्रेच्युटी भुगतान को कॉस्ट टू कंपनी(CTC) पैकेज के तहत दिखाते हैं, ऐसे में आपको सीटीसी ऑफर में ग्रेच्युटी कटौती देखने को मिलती है, जिसका कारण है कि नियुक्तिकर्ता द्वारा इसे अपने खर्च के तौर पर देखा जाता है.

समझें आंखों की भाषा

यह सही है कि जो बातें जबान नहीं बोल पाती उन्हें आंखें बोल देती हैं. कभी ऐसा भी होता है कि कुछ लोग मुंह से कम आंखों से ज्यादा बोलते हैं. आंखों की भाषा हमारी बौडी लैंग्वेज का ही एक हिस्सा है. किसी की आंखों को ठीक से पढ़ा जाए तो यह अंदाज लगा सकते हैं कि वह क्या कहना चाहता है. आंखें अपनी बातें अपनी भिन्नभिन्न मूवमैंट्स से बोल देती हैं जैसे:

ऊपर देखना: जब कोई व्यक्ति ऊपर की ओर देखता है तो इस का मतलब है वह कुछ सोच रहा है या याद करने की कोशिश कर रहा है. कभीकभी ऊपर देखने के साथसाथ वह बाएं या दाएं भी देख सकता है. ऊपर देखने का अर्थ यह भी हो सकता है कि वह व्यक्ति अपने चारों तरफ के माहौल से बोर हो रहा है.

सिर नीचे कर देखना: अगर कोई इनसान सिर नीचे किए आंखों से पीछे की ओर किसी दूसरे आदमी को देख रहा हो तो समझें कि वह उस से नाराज है या उस व्यक्ति को शक की निगाहों से देख रहा है अथवा उसे परखने का प्रयास कर रहा है.

नीचे देखना: जब कोई व्यक्ति आप की किसी बात या व्यवहार से आंखें नीची कर देखे तो वह अपने को दोषी स्वीकार रहा है या आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार है. लड़कियां जब ऐसा करें तो यह उन का शरमाना भी होता है.

बगल में देखना: आंखें ज्यादातर सामने देखती हैं. पर जब कोई बगल में देखने लगे तो मतलब आगे की चीज में उस की कोई रुचि नहीं है या फिर किसी दूसरे व्यक्ति या चीज में रुचि रखता है या उसे कुछ खतरा महसूस हो रहा है अथवा अपने आसपास की कोई आवाज सुनना चाहता है.

पार्श्व में देखना: कभी आंखें साइड मूव करती हैं. इस का मतलब यह हुआ कि वह आदमी झूठ बोल रहा है या कोई बहाना बना रहा है अथवा किसी षड्यंत्र के बारे में सोच सकता है.

टकटकी लगाए देखना: किसी को टकटकी लगा कर देखने का अर्थ है कि हम उस में रुचि ले रहे हैं. 2 प्रेमी भी एकदूसरे को इस तरह देख सकते हैं. अकसर ऐसा होता है कि जब हम किसी को कुछ देर टकटकी लगाए देखते हैं तो उस का भी ध्यान हमारी ओर आकर्षित हो जाता है और जब वह हमारी ओर देखने लगता है तो हम आंखें फेर लेते हैं और अपने किए पर शरमा जाते हैं या इस के लिए दोषी महसूस करते हैं.

इस तरह से देखते समय ध्यान देना होता है कि आंखें किधर देख रही हैं. यदि आंखें ऊपर से नीचे तक स्लाइड करें तो मतलब वह उस के प्रति आकर्षित है. अगर सैक्स और्गन पर नजर गड़ाए है तो उस में कामवासना है.

ऊपर से नीचे तक टकटकी लगाए देखने का मतलब यह भी हो सकता है कि वह आदमी अपने को सामने वाले से शक्तिशाली या बेहतर समझता है. कभीकभी ऐसा भी होता है कि एक से ज्यादा विकल्प सामने हों तो ऐसे में आंखें उन्हें परखने के लिए देर तक देखती हैं.

घूरना: आंखों में आंखें डाल कर घूरने का मतलब क्रोध या चैलेंज करना होता है. किसी खास समाचार को सुन कर दुखी या आश्चर्यचकित होने पर भी आंखें फाड़ कर देखते हैं.

आंखों द्वारा पीछा करना: आंखें आदतन अपने आसपास की मूवमैंट, अपने प्रिय व्यक्ति या वस्तु या जिस से खतरे का आभास हो उस का पीछा करती हैं जैसे कोई सेल्समैन अपनी चीज को उंगली या पैन से इंगित कर हमें कुछ दिखाता है तो हमारी आंखें भी उस के इशारे का पीछा करती हैं.

एक झलक या एक नजर देखना: किसी ओर एक झलक देखने के भी कई माने हो सकते हैं जैसे अगर कोई दरवाजे की ओर देख रहा हो तो वह वहां बाहर से जाना चाहता है. खिड़की की ओर देखने का मतलब खिड़की खोलना या बंद करना हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति की ओर बारबार एक झलक देख रहा है तो उस में उस की रुचि है पर देखना मना हो या यह भी हो सकता है कि उसे टकटकी लगा कर देर तक देखने की स्थिति में नहीं है.

आंखों में आंखें डाल कर देखना: इस का मतलब वे दोनों परिचित हैं और उन के बीच स्ट्रौंग कम्यूनिकेशन है. दोनों को एकदूसरे में बराबर रुचि है या दोनों दूसरे की तुलना में अपने को बेहतर या शक्तिशाली समझते हैं.

आई कौंटैक्ट टूटना: किसी को लगातार देर तक घूरना संदेहास्पद स्थिति उत्पन्न कर सकता है. किसी को खतरे या अपमान का आभास हो जाता है तो वह और ज्यादा आई कौंटैक्ट बरदाशत नहीं कर पाता है. अगर वार्त्तालाप के बीच में हम आई कौंटैक्ट तोड़ देते हैं और फिर तुरंत उसे वापस देखते हैं तो इसे फ्लर्टिंग समझा जाए.

अगर किसी व्यक्ति को हम देख रहे हैं और वह आंखें मिलते ही नजरें फेर लेता है तो मतलब है कि उस की आप में रुचि नहीं है.

देर तक आई कौंटैक्ट: नौर्मल से ज्यादा देर तक आई कौंटैक्ट के अनेक माने हो सकते हैं. जब हम किसी को ध्यान से सुनते हैं तो आई कौंटैक्ट बढ़ जाता है बजाय जब हम उस से बात करते हैं.

जिन्हें हम पसंद करते हैं उन्हें देर तक देखते हैं और जो हमें पसंद करते हैं उन्हें भी देर तक देखते हैं. 2 प्रेमी एकदूसरे को देर तक देखते रह सकते हैं. मुसकरा कर देर तक देखने का मतलब उस की ओर हम आकर्षित हैं.

सीमित आई कौंटैक्ट: जब कोई आप से बहुत थोड़ी देर के लिए आई कौंटैक्ट बनाता हो तो समझें कि वह असुरक्षित महसूस कर रहा है. यह भी हो सकता है कि वह झूठ बोल रहा हो.

प्रोत्साहन: कोई आप की बात ठीक से समझे या माने इस के लिए आई कौंटैक्ट जरूरी है. अगर आप किसी की ओर देख कर बात कर रहे हैं और वह आप की तरफ नहीं देख रहा या कहीं ओर देख रहा हो तो समझें कि उस का ध्यान आप की बातों पर नहीं है. अगर आप की बात सुन भी रहा है तो पर्सनल कनैक्शन में कमी है.

जानबूझ कर भेंगापन: अगर किसी आदमी की बातों पर पूर्णतया आंशिक रूप से विश्वास न हो या संदेह हो तो सामने वाला आदमी अपनी अधखुली आंखों से देखता है. झूठ बोलने वाला व्यक्ति भी ऐसा करता है.

आंखों का झिलमिल करना: आंखों का झिलमिलाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिस से पुतलियां आंखों की सफाई करती हैं. किंतु जब हम विचारमग्न हों या स्ट्रैस में हों तो इस की गति बढ़ जाती है. जिस आदमी से हम बात कर रहे हैं उस के बारे में हम क्या सोचते हैं और कैसा रिश्ता है इस का असर भी ब्लिंकिंग पर होता है. आमतौर पर एक मिनट में हम 6 से 10 बार ब्लिंक करते हैं.

नौर्मल ब्लिंकिंग के अतिरिक्त सिर्फ एक बार बीच में ब्लिंक करने का मतलब यह भी हो सकता है कि जो हम देख रहे हैं वह कुछ असाधारण है.

आंख मारना: जब हम सामने वाले को आंख मारते हैं तो मतलब यह बात सिर्फ हम दोनों जानते या समझते हैं या कोई तीसरा जो वहां हो सकता है उस के विरुद्ध कोई चाल है. आमतौर पर इसे अच्छा नहीं मानते हैं.

आंखें बंद कर लेना: आंखें बंद करने के बाद हम कुछ भी नहीं देख सकते हैं. इस का मतलब हमारे सामने जो भी है उसे हम देखना नहीं चाहते हैं. कभी कोई सीरियस वक्ता बोलने के बीच में अपनी आंखें बंद कर लेता है. इस का अर्थ हुआ कि वह गंभीर चिंतन कर कुछ सोच या मन में झांक रहा है ताकि खुली आंखों से उस का ध्यान विचलित न हो.

गीली आंखें और आंसू: आंसू नली आंसुओं द्वारा आंखों की धुलाई करती है. ये आंसू हमारे दुखी होने के भी द्योतक हैं. कभीकभी अपार हर्ष या सफलता पर भी आंखों से आंसू गिरने लगते हैं. जब कभी हम अपने दुख को दूसरों से छिपाना चाहते हैं तब भी आंखें गीली हो जाती हैं.

आंखें रगड़ना: जब कभी हम किसी असहज स्थिति में होते हैं तो आंखें गीली हो सकती हैं. दूसरों को यह पता न चले इस के लिए हम आंखें रगड़ कर उन्हें सूखा करने का प्रयास करते हैं. कभीकभी यह स्थिति हमारी थकावट को भी दर्शाती है.

होम डैकोर ट्रैंड्स 2016

कुछ वर्षों से होम डैकोर यानी घर की साजसजावट से संबंधित रुझान और चलन अतीत की ओर बढ़ता दिख रहा है. इस का मतलब है कि मामूली आधुनिक बदलाव के साथ प्राचीन संस्कृति को अपनाने का चलन फिर से मजबूत हो रहा है. यहां हम ने 2016 में लोकप्रिय कुछ रुझानों का चयन किया है और 2017 में भी इन की लोकप्रियता बरकरार रहने की संभावना है.

इंडियन हैरिटेज

इस साल पुराने समय के आकर्षण के साथ गृह साजसज्जा पर जोर देने की प्रवृत्ति दिख रही है. आकर्षक कलर और टैक्स्चर भारतीय डिजाइन के प्रमुख तत्त्व हैं. बूटेदार तकिए और आकर्षक फर्नीशिंग भारतीय सजावट में शामिल करने के लिए एक प्रमुख तरीका है. भारतीय फर्नीचर देखने में देहाती और गुणवत्ता में मजबूत है और यह सागौन लकड़ी से निर्मित है. भारत को अपने श्रेष्ठ सिल्क और अन्य टैक्सटाइल के लिए जाना जाता है, जिसे भारतीय घरों में खिड़कियों को सजाने से ले कर तकिए बनाने और दीवार पर लटकने वाले सामान सहित और कई कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है. भारतीय शैलियों के इस समावेश की लोकप्रियता अंतर्राष्ट्रीय सजावट में भी दिख रही है और इस के फिलहाल चलन से बाहर होने की संभावना नहीं दिख रही है.

इकत

इकत एक प्रिंटिंग स्टाइल है, जो धागों को फैब्रिक पर विशेष पैटर्न के साथ जोड़ता है. यह मुख्यतौर पर भारत और इंडोनेशिया में लोकप्रिय है. इकत प्रिंट विभिन्न रंगों, आकारों और खास पैटर्न डिजाइनों के साथ आते हैं. ये बेहद सुंदर और अति सूक्ष्म हो सकते हैं. इकत के नए प्रिंट ने दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल की है. इसे न सिर्फ कपड़े पर स्वाभाविक ढंग से बनाया जा सकता है, बल्कि क्लौक, मग और लैंपों पर भी प्रिंट किया जा सकता है.

पीतल और तांबा

पीतल और तांबा हमारे लिए नए नहीं हैं. लेकिन 2 सालों से ये वैश्विक डिजाइन परिदृश्य का हिस्सा बन गए हैं और ऐसा लगता है कि ये यहां लंबे समय तक बने रहेंगे. डिजाइनर पीतल को गला कर, मोड़ कर और पौलिश कर इस के आकर्षण को बनाए रखते हुए झूमर, पैंडेंट लाइट्स से ले कर कुरसियां, बाथ व किचन उपकरण और सजावटी चीजें बनाने के लिए इस प्राचीन धातु का इस्तेमाल कर रहे हैं. तांबा दूसरी धातु है, जिस ने शानदार वापसी की है. टेबलवेयर (मेज पर रखे जाने वाले खाने के बरतन आदि) में तो इस का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है. अब तांबे के लाइटिंग उपकरण भी काफी पसंद किए जा रहे हैं. इस तरह से इस प्राचीन धातु ने आधुनिक रूप हासिल किया है.

क्रिस्टल

क्रिस्टल घर की सजावट में इस्तेमाल होने वाली कोई नई चीज नहीं है. राजशाही के समय से महंगे कांच के कार्य और सुंदर झूमर आदि का इतिहास रहा है. इस सीजन में क्रिस्टल काफी लोकप्रिय है. हर जगह चमकते झूमर और चकाचौंध करने वाला सामान दिख जाता है. मेहमानों को चमचमाते सैंटरपीस से ज्यादा कोई और चीज आकर्षित नहीं करती और मेज पर सजाने के लिए क्रिस्टल जैसी और कोई चीज भी नहीं है. क्रिस्टल कांच और सैंटरपीस फूलदान को गोल्ड चार्जर्स के इस्तेमाल से और आकर्षक बनाया जा रहा है. हालांकि क्रिस्टल के असली झूमर बहुत महंगे हैं, लेकिन नकली क्रिस्टल और क्रिस्टल स्ट्रिंग्स का इस्तेमाल आप अपनी लाइटिंग्स में कर सकती हैं.

इंडिगो कलर

यह रंग शांति और सौहार्द का प्रतीक है और यही वजह है कि इस का इंटीरियर डिजाइन में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है. इंडिगो ऐसे रंगों में से एक है, जिस का लंबे समय से घर की सजावट में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस रंग के साथ काम करना आसान है और यह किसी भी जगह के लिए गर्मजोशी, उत्साह और भव्यता के उपयुक्त समावेश की भी पेशकश करता है. अन्य गहरे रंगों के साथ मिलाए जाने पर इंडिगो संपन्नता, गहन पृष्ठभूमि के तौर पर काम करता है.

जहां इंडिगो का इस्तेमाल चमकीले रंगों के खिलाफ तटस्थता के तौर पर किया जा सकता है, वहीं कुछ अन्य रंगों के साथ मिलाए जाने पर यह बेमिसाल स्टनर का काम भी कर सकता है. इंडिगो डाई ने भारत में गहरी पैठ बनाई है और इसे विभिन्न फर्नीशिंग और डैकोर श्रेणियों में देखा जा सकता है.

मोरक्को का प्रभाव

मोरक्को डैकोरेशन का इस्तेमाल अफ्रीकी, पारसी और यूरोपीय लोग करते हैं. दूसरी पुरानी सभ्यताओं की तरह मोरक्को डैकोरेशन का लंबा इतिहास और अलग स्टाइल है. इस में चटक और समृद्ध रंगों का इस्तेमाल होता है. फर्नीचर आमतौर पर जमीन से ज्यादा ऊंचा नहीं होता, उस के साथ गद्देदार आसनी और टेबल होते हैं. लेकिन कुछ की डिजाइन काफी जटिल होती है. थ्रो पिलोज भी डिजाइन का हिस्सा होते हैं और साथ ही लालटेन और लैंप्स जैसी ऐक्सैसरीज भी होती हैं. पारंपरिक मोरक्कन डैकोरेशन का इस्तेमाल आजकल घरों में करने का ट्रैंड बढ़ा है.

फूलों से सजावट

वैसे तो फूलों से सजावट कोई नई चीज नहीं है, लेकिन फूलों से सजावट के पुराने तरीके की जगह नए तरीके ने ले ली है. फैब्रिक में वालपेपर्स में फूलों के इस्तेमाल का नया ट्रैंड वाटर कलरिंग पेंटिंग्स

से प्रेरित है, जहां फ्लोरल प्रिंट्स करीब आर्ट वर्क जैसा ही है. दुनिया भर में डिजाइनर कुशन, चेयर फैब्रिक्स और यहां तक कि ट्रे और टेबलवेयर में फ्लोरल प्रिंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. फ्लोर डैकोरेशन में आप दीवार पर लगे वालपेपर जैसी चीज का या फ्लोरल डिजाइन वाले झूमर का इस्तेमाल कर सकती हैं. अपने लिविंगरूम में फ्लोरल कुशन का भी उपयोग कर सकती हैं.

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