श्रद्धा कपूर का 8 साल पुराना सपना हुआ सच

‘रॉकऑन-2’ की हीरोइन बनकर श्रद्धा कपूर का 8 साल पुराना एक सपना पूरा हो गया है. 2008 में ‘रॉकऑन’ रिलीज हुई थी और तभी श्रद्धा कपुर ने इस फिल्म के सीक्वल में काम करने का सपना देखा था, जो पूरा हो चुका है.

फिल्म ‘रॉकऑन-2’ 2008 कि म्यूजिकल हिट फिल्म ‘रॉकऑन’ का सीक्वल है. इस फिल्म में श्रद्धा कपूर के साथ फरहान अख्तर और अर्जुन रामपाल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.

‘रॉकऑन-2’ के एक प्रमोशनल इवेंट पर श्रद्धा इस फिल्म से जुड़ने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “जब मैंने पहली ‘रॉकऑन’ देखी थी तभी मैंने एक ख्वाब देखा था कि मैं इसके सीक्वल में काम करूंगी. आज मेरा सपना पूरा हो चुका है. खुशकिस्मत हूं कि मैंने जो सपना देखा था वह सच में पूरा हो गया और मैं ‘रॉकऑन-2’ का हिस्सा हूं.

श्रद्धा कपूर का फिल्मी सफर 2010 में फिल्म ‘तीन पत्ती’ से शुरू हुआ था और ‘रॉकऑन’ 2008 में रिलीज हुई थी. यानी फिल्मों में आने से पहले ही श्रद्धा ने सीक्वल में आने का सपना देख लिया था. अगर यह बात सच है तो वाकई एक हसीन इत्तेफाख है, जो शायद फिल्मों और फिल्मी दुनिया में ही पूरा हो सकता है.

ये तेरा चेहरा खिला-खिला..

हम सुंदर और जवां चेहरा पाने के लिए क्या नहीं करते हैं. जिससे कि हमारे चेहरे पर निखार आ जाए. आप निखार पाने के लिए सप्ताह में एक बार पार्लर तो जरुर जाती होंगी. जिससे कि आप सबसे खूबसूरत दिखें. लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपके किचन में ऐसी-ऐसी चीजें होती है जो आपको प्राकृतिक निखार दे सकती हैं. ऐसे ही आपके किचन में मौजूद चावल भी आपके सेहत और सौंदर्य दोनो के लिए फायदेमंद है.

उबला चावल का पानी यानी कि जिसे हम मांड कहते है. चावल से निकलने वाला पानी हमारे लिए काफी फायदेमंद है. हां जी चावल आपकी खूबसूरती में चार-चांद लगा सकता है. अगर आप इसका इस्तेमाल सप्ताह में एक बार भी करें तो आपको पार्लर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

चावल के पानी में अधिक मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे स्किन की नमी हमेशा बरकरार रखता है. इसके इस्तेमाल से आपके चेहरे के दाग-धब्बों के साथ-साथ झुर्रिया भी गायब हो जाती है. साथ ही इससे आपके चेहरे में कसावट और बंद पोर्स भी खुल जाते है. यह एक अच्छा क्लींजर साबित हो सकता है. जानिए इसका इस्तेमाल कैसे करें.

एक कप में चावल लेकर अच्छी तरह से साफ करके भिगों दे. आधे घंटे बाद इन्हें एक पैन में डालकर पकने के लिए रख दे. इसके बाद जब चावल पक जाए तो इसका पानी या मांड निकाल लें और इसे ठंडा होने के लिए रख दें.इसके बाद जब यह ठंड़ा हो जाए तो इसे अपने चेहरे में लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें. मसाज करने के बाद कम से कम 10 मिनट ऐसे लगा रहने दे. फिर एक साफ कपड़े से इसे अच्छी तरह से पोछ लें. इससे आपके त्वचा में तुंरत बदलाव नजर आएगा.

इतना ही नहीं यह हमारे बालों के लिए भी काफी फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से आपके बेजान और रुखे बाल फिर से चमकदार हो जाएगे. इसे आपके कंडीशनर की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए इसके पानी को अपने बालों में लगाए और कम से कम  20 मिनट लगाए रहने के बाद शैम्पू और कंडीशनर से अपने बालों को धो लें. इससे आपके बाल सुंदर और चमकदार हो जाएंगे. 

क्या आंखों में काजल लगाते ही फैल जाता है?

 

हम लोग अपने बचपन की बात करें, तो हमारी मां हमारी आंखो में स्कूल जाने से पहले काजल लगाती थी. फिर चाहें वो लड़का या फिर लड़की. ताकि किसी की बुरी नजर न लगे. इसमें कितना सच है ये नहीं बोल सकते है, लेकिन इसको लगाने से आपकी आंखे जरुर सुंदर हो जाती हैं. साथ ही ये आंखो में होने वाली बीमारियों से भी बचाता है.

आज के समय की बात करें तो काजल फैशन के साथ-साथ मेकअप में शामिल हो गया. इसके बिना तो लड़कियों का श्रृंगार ही अधूरा लगता है. इसको लगाने से आपकी आंखो काफी सुंदर और बड़ी दिखने लगती है.

आजकल मार्केट में कई तरह के काजल आसानी से उपलब्ध हैं. लेकिन इन्हें लगाते ही आपकी आंख के नीचे पूरा काजल फैल जाता है. जिसके कारण आपका पूरा चेहरा खराब हो जाता हैं. साथ ही यह बहुत ही भद्दा भी लगता है.

अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, जिसके कारण आप काफी परेशान भी रहती हैं. कई उपाय अपनाए आपने लेकिन आंखो का काजल फैलना नहीं कम हुआ, तो आप इन उपायों को अपनाकर इस समस्या से निजात पा सकती हैं.

– जब आप काजल लगाए, तो उससे पहले अपनी आंखो के नीचें थोड़ा सा बेबी पाउडर लगा लें. इससे आपके आंखो का काजल नहीं फैलेगा.

– आप चाहें तो मार्केट में मिलने वाला वॉटर प्रूफ काजल का इस्तेमाल कर इसे  फैलने से रोक सकते है. यह लंबे समय तक आंखों में टिका भी रहता है.

– अगर आपके आंखो का काजल फैल जाता है, तो इसके लिए आप आईलाइनर का भी इस्तेमाल कर सकते है. ऐसा करने के लिए सबसे पहले आईलाइनर को आंखो में लगाकर फिर काजल लगाएं. इससे काजल फैलेगा नहीं.

– काजल लगाने से पहले टोनर से आंखो के नीचे अच्छी तरह से साफ कर लें. जिससे कि वहां मौजूद ऑयल खत्म हो जाएं. इसके बाद ही काजल लगाएं. इससे वह फैलेगा नहीं.

राजनीति में परिवारवाद सही या गलत

राजनीति भी धंधा ही है और जो लोग गांधी परिवार की आज भी सत्ता पर पकड़ से चिढ़ कर परिवारवाद को राजनीति का काला धब्बा मानते हैं, गलत ही हैं. जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद लगा था कि नेहरू परिवार नाम की चीज न रहेगी पर फिर इंदिरा गांधी आ गईं. 1977 में हारने के बाद लगा कि अब परिवार समाप्त हो गया पर 1981 में फिर आ गईं.

पहले संजय गांधी और फिर इंदिरा गांधी की असामयिक मौत के बाद लगा कि परिवार का राज गया पर फिर राजीव गांधी आ गए. 1989 में हारने के बाद लगा कि लो अब तो अंत हो गया पर 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद नरसिंह राव की जो सरकार बनी वह गांधी परिवार की ही थी.

1998 में सोनिया गांधी राजनीति में आ गईं पर लगा कि वे केवल मुखौटा रहेंगी पर 2004 में जीत गईं और अब 2014 में हारने के बाद भी वे जमी हुई हैं और शायद प्रियंका गांधी भी राहुल गांधी के साथ मिल कर परिवारवाद का कलश चमकाए रखें.

यह यहीं नहीं हो रहा. अमेरिका में बिल क्लिंटन की 8 साल की प्रैजीडैंसी का लाभ उठा कर हिलेरी क्लिंटन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. दूसरी ओर सिरफिरे दिखने वाले डोनाल्ड ट्रंप के चारों ओर 2 बेटे, 1 बेटी और पत्नी चुनाव का भार संभाले हुए हैं. 8-10 साल बाद मिशेल ओबामा राजनीति में कूद पड़ें तो आश्चर्य न होगा. वहां कैनेडी परिवार तो जानामाना परिवारवादी था पर अब चूंकि एकएक कर के बहुत से मौत के शिकार हो गए, अब यह नाम भुला दिया गया है.

राजनीति में परिवारवाद नहीं चलेगा, ऐसा नहीं हो सकता. रामायण की कहानी परिवारवाद से भरी पड़ी है. महाभारत का युद्ध विदेशियों में नहीं परिवार में हुआ. मुगलों का इतिहास परिवार में सत्ता की लड़ाई से भरा है. सभी देशों में राजा के पुत्र का राजा बनना स्वाभाविक लगता है. लोकतंत्र और वोटतंत्र उसे समाप्त नहीं कर पाया है.

इसे सहज स्वीकारने में हिचक नहीं होनी चाहिए. लोगों को अनुभवी शासक चाहिए जिस के बारे में वे जानते हों. जैसे विवाह से पहले वरवधू के गुण कम उन के मातापिताओं के गुण ज्यादा देखे जाते हैं, वैसे ही राजनीति में नए नेता को परखने के लिए उस के मातापिता का इतिहास काम में आता है.

डोनाल्ड ट्रंप या हिलेरी क्लिंटन में कौन राष्ट्रपति बनता है यह दूसरी बात है पर राज परिवार का चलेगा, यह पक्की बात है.

शरीर मेरा, हक मेरा

उत्तेजक, झीने कपड़ों में डांस करना एक पेशा हो सकता है पर इस का अर्थ यह कतई नहीं हो सकता कि कोई डांसर 1 नहीं 4-4 आदमियों को गनपौइंट पर अपने बदन से खिलवाड़ करने की इजाजत भी दे रही है. औरतों का अपना शरीर दिखाने या उसे चला कर मोहित कर देने का हक वैसा ही है जैसा एक पहलवान का कुश्ती में दांवपेंचों को दिखाना या एक प्रवचनकर्ता का लाखों की भीड़ को मुग्ध कर देना.

लखनऊ में एक कंपनी ने अपने किसी उत्सव में एक डांसर को भी मनोरंजन के लिए बुलाया पर बाद में 4 लोगों ने उसे कमरे में बुला कर बलात्कार कर डाला. मामला तो बन गया और सजा होगी या नहीं यह पता नहीं पर मुख्य सवाल यह है कि डांसर से साथ सोने की पेशकश करना ही कैसे संभव है?

औरत का शरीर बिकाऊ नहीं है. सैक्स बेचने की नहीं प्रेम की चीज है. जिसे डांस करना आता है वह सैक्स बेच कर वैसे भी पैसा नहीं कमाएगी. जो औरतें शरीर बेचती हैं वे दरअसल, कोठा मालकिनों, दलालों, माफिया की गुलाम होती हैं. सैक्स में प्रेम आवश्यक है और पैसा प्रेम का केवल प्रतीक भर है.

यह खेद की बात है कि दुनिया भर का लोकतंत्र देहव्यापार को रोक नहीं पाया है. औरतों को बताया जाता है कि वे देह बेच कर भी पैसा बना सकती हैं और पुरुषों को सिखाया जाता है कि खरीदी हुई देह भी प्रेम का प्रतीक है जबकि दोनों वहशीपन, जंगलीपन और पशुता के प्रतीक हैं.

यदि एक पैसे वाली कंपनी अपने किसी उत्सव के लिए कर्मचारियों के लिए डांस का प्रोग्राम रख सकती है तो स्पष्ट है कि वहां काम करने वाले गंवार, गुंडे तो नहीं होंगे. सभ्य, शिक्षित और सफल औरतों के प्रति ऐसे विचार रखें कि जिसे नचाया जा सकता है उसे जबरन बिस्तर पर ले जाना सभ्यता और शिक्षा पर कलंक है.

विरोध सैक्स की आजादी का नहीं, सैक्स को जबरन पाने की सोच का होना चाहिए और यह नियम ठीक उस तरह होना चाहिए जैसे सड़क पर चलते हुए लोग गाड़ी बाईं ओर ही चलाते हैं. यह जीवन का अंग होना चाहिए कि औरत का शरीर, पुरुष के शरीर की तरह उस की अपनी संपत्ति है और वह अपना सर्वस्व किसी को सौंपती है तो वह प्रेम का प्रतीक है चाहे 1 साल का हो या जीवन भर का.

औरत का शरीर उस का व्यक्तित्व है और उस की गरिमा का आदर करना समाज का कर्तव्य है. वह जमाना नहीं रहा जब औरत लूटी जाती थी, खरीदी जाती थी, दान में दी जाती थी. अब औरतों को हर काम करने की इजाजत है, देह दिखाने और सैक्स बेचने की भी पर अपनी शर्तों पर, जोरजबरदस्ती से नहीं. समाज व कानून को यह मानना होगा. इस में कंप्रोमाइज नहीं हो सकता. हक तो हक है. बराबर का, पहलवान का भी और प्रधानमंत्री का भी.

क्रिस्पी हैल्दी वैज रोल्स

सामग्री आटे की

– 2 कप मैदा

– 1 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर

– 1 छोटा चम्मच ओरिगैनो

– 1 छोटा चम्मच तेल

– स्वादानुसार नमक

सामग्री फिलिंग की

– जरूरतानुसार मटर, आलू कटे, शिमलामिर्च कटी, गाजर कटी, धनियापत्ती कटी – 1 छोटा चम्मच मक्खन

– 1/2 कप स्वीट कौर्न

– थोड़ी सी बींस कटी

– थोड़ी सी पत्तागोभी कटी

– 1 प्याज कटा

– 1 छोटा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

– मिर्च पाउडर स्वादानुसार द्य चाटमसाला पाउडर स्वादानुसार

– नमक स्वादानुसार

सामग्री कौर्नफ्लोर कोटिंग की

2 छोटे चम्मच कौर्न स्टार्च 1/2 कप पानी में घुला हुआ

– 1 कप ब्रैडक्रंब्स

विधि

सब से पहले आटा गूंध कर 2 घंटों के लिए अलग रख लें. अब फिलिंग तैयार करने के लिए एक पैन में 1 छोटा चम्मच मक्खन डालें और 1/2 चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें. फिर 1 मिनट बाद प्याज और बाकी सारी सब्जियां डालें. इस के बाद पानी डालें और पैन को ढक कर सब्जियों को पकाएं. अब इस में सारे मसाले और धनियापत्ती डालें और अच्छी तरह तब तक मिक्स करें जब तक पानी सूख न जाए. इस के बाद आटे की चौकोर रोटियां बनाएं और उन में फिलिंग कर अच्छी तरह रोल करें. अब रोल को कौर्न स्टार्च के घोल में डिप करें और फिर ब्रैडक्रंब्स में लपेट कर हैवल्स एअरफ्रायर में 15 मिनट तक 200 डिग्री तापमान पर पकाएं. सुनहरा होने पर हरी चटनी के साथ गरमगरम रोल्स सर्व करें.

लड़की को बचाने के लिए मनचलों से भिड़ी ये अभिनेत्री

बॉलीवुड एक्ट्रेस रिचा चड्ढा की बतौर निर्माता पहली फिल्म ‘खून आली चिट्ठी’ की स्क्रीनिंग ऑस्ट्रेलिया में हुई. इंडियन फिल्म फेस्टिवल के दौरान हुई इस स्क्रीनिंग में रिचा वहां मौजूद थीं. उन्‍होंने फेस्टिवल में “बॉलीवुड में महिलाएं” पर मास्‍टर क्‍लास भी ली.

सूत्रों की मानें तो रिचा ऑस्ट्रेलिया में चैपल स्ट्रीट के एक स्टोर में शॉपिंग कर रही थीं. तभी स्टोर की मैनेजर पास आई और उनसे मदद मांगी. वह काफी डरी हुई थी. सर्दियों का मौसम है इसलिए वहां पर एक-दो लोग ही दिख रहे थे.

मैनेजर को डरा हुआ देख रिचा ने पूछा कि क्या बात है? इस पर मैनेजर ने कहा कि एक लड़का उसका पीछा कर रहा है और उसे परेशान कर रहा है. यह सुनने के बाद रिचा उसके साथ स्टोर बंद होने तक रुकी रहीं. स्टोर बंद होने के बाद वह मैनेजर को अपने साथ खाना खिलाने भी ले गईं.

रिचा ने मैनेजर को समझाते हुए कहा कि उसे इसकी शिकायत करनी चाहिए. इस बारे में रिचा कहती हैं कि मेरे ख्‍याल से उसने अगले दिन ही शिकायत दर्ज करा दी थी. यह काफी चौंकाने वाली बात है कि पूरी दुनिया में ऐसा होता है.

रिचा से पहले बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्‍नू ने दिल्‍ली में एक लड़की को शोहदों से बचाया था. दिल्‍ली में अपनी फिल्म की शूटिंग के दौरान तापसी ने देखा कि कुछ लड़के एक लड़की को परेशान कर रहे थे. तापसी तुरंत लड़की को वहां से लेकर आईं और उसे उसके घर तक पहुंचाया.

अब भारती बन गईं रेसलर

सब टीवी के शो ‘डॉ. मधुमति ऑन ड्यूटी’ में जल्द ही कॉमेडियन भारती सिंह की एंट्री होने वाली है. भारती पहली बार टीवी पर रेसलर की भूमिका में नजर आएंगीं.

सूत्रों की मानें तो भारती सिंह शो में अपने बेटे का मैरेज प्रपोजल लेकर मधुमति के सामने जाएंगी. और और फिर कई ट्विस्ट आने वाले हैं. अब यह बात तो जाहिर है कि शो में अगर भारती की एंट्री होगी, तो हंसी-खुशी का माहौल होगा.

शो में डॉ. मधुमति का किरदार निभा रहीं देबिना बैनर्जी इस बारे में कहती हैं कि भारती सिंह के साथ काम करने में हमेशा ही मजा आता है. हम हमेशा शूटिंग के दौरान मस्ती करते हैं. खासतौर से जब भारती ने मुझे गोद में उठाया, तो मैं तो बिल्कुल चौंक गयी थी.

भारती ज्यादातर स्टैंडअप कॉमेडी में नजर आती रही हैं. फिक्शनल शो का हिस्सा वह कम ही बनती हैं. इसलिए इस बार उनके इस शो को लेकर काफी उत्सुकता है.

क्या है रेखा की जिंदगी का दर्दनाक सच

रेखा और अमिताभ बच्चन के अफेयर के किस्से और उनकी विनोद मेहरा से शादी की खबरों से तो आप वाकिफ ही होंगे, लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ और भी राज हैं जो शायद ही कभी बाहर आए हों, लेकिन यासीर उस्मान की किताब ‘रेखा: एन अनटोल्ड स्टोरी’ है में न सिर्फ रेखा के फिल्मी करियर, बल्कि उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी कई बातों का विस्तार से वर्णन किया गया है.

रेखा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बेहद कम उम्र में कर दी थी. ‘अनजाना सफर फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी उम्र महज 15 साल की थी. फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दर्दनाक किस्सा भी इस किताब का हिस्सा है, जिसने रेखा को रोने पर मजबूर कर दिया था.

दरअसल, एक रोमांटिक गाने की शूटिंग के लिए रेखा सेट पर पहुंचीं. वहां जैसे ही डायरेक्टर ने एक्शन बोला एक्टर बिस्वजीत ने उन्हें होठों पर किस करना शुरू कर दिया जोकि 5 मिनट तक चला. कैमरा रोल करता रहा. रेखा ने अपनी आंखें बंद की जिसमें आंसू भरे हुए थे. यूनिट के सदस्य इस सीन पर सीटियां मार रहे थे. सीन के बारे में रेखा को कोई जानकारी नहीं थी. बाद में उन्होंने इस सीन पर आवाज उठाने का फैसला किया लेकिन अंजाम के डर से खामोश हो गईं.

विनोद मेहरा के साथ शादी का भी जिक्र इस किताब में किया गया है. जब रेखा और विनोद कोलकाता में शादी करने के बाद मुंबई लौटे तो विनोद की मां ने रेखा का स्वागत चप्पल से किया. दरअसल रेखा की सास कमला इस शादी को लेकर बेहद नाराज थीं, जैसे ही रेखा आशीर्वाद लेने के लिए झुकीं तुरंत उनकी सास ने उन्हें ढकेल दिया. इतना ही नहीं, कमला गुस्से में इतनी आग बबूला हो गईं कि उन्होंने रेखा को मारने के लिए चप्पल भी निकाल लिया था और घर में घुसने से मना कर दिया.

ऐसे ही रेखा की जिंदगी से जड़ी कुछ और अनसुनी बातें इस किताब में दर्ज हैं, जिसे पढ़ने के बाद आप भी चौंक जाएंगे. आज रेखा का नाम बॉलीवुड की बेहतरीन अभिनेत्रियों में लिया जाता है, लेकिन ये मुकाम हासिल करने के लिए उन्हें भी कई कठिन सफर तय करना पड़ा जो अमुमन बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई एक्ट्रेस को करना पड़ता है.

बेबी डॉल पहुंची वहां जहां पहुंच ना सका कोई

सनी लियोन की फिल्में अब तक भले ही बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई हों, मगर धीरे-धीरे ही सही वो बॉलीवुड में अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही हैं और इसका असर भी देखने को मिल रहा है.

उन्हें अब ए-लिस्ट की फिल्में मिलने लगी हैं. शाहरुख खान और आमिर खान जैसे सुपरस्टार्स को उनके साथ स्क्रीन शेयर करने में कोई दिक्कत नहीं है और अब तो वो कुछ ऐसा करने जा रही हैं जो अब तक किसी बॉलीवुड हीरोइन तो क्या किसी बॉलीवुड कलाकार को करने का मौका नहीं मिल पाया है.

जी हां, बॉलीवुड की ‘बेबी डॉल’ के नाम से पुकारी जाने वालीं सनी लियोन जल्द आयोजित होने जा रहे न्यूयॉर्क फैशन वीक में हिस्सा लेने जा रही हैं और वो इसमें रैंप वॉक करने वाली पहली बॉलीवुड कलाकार होंगी. सनी इसको लेकर बेहद उत्साहित हैं और उनके लिए ये सपने के सच होने जैसा है.

सनी ने अपने इस ट्वीट में लिखा है, ‘बहुत उत्साहित हूं. सपना सच हो रहा है. मैं आठ सितंबर 2016 को अर्चना कोचर के ओपनिंग शो के लिए न्यूयॉर्क फैशन वीक एसएस 17 में वाक कर रही हूं.’ वहीं एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ‘सपने वाकई सच हो रहे हैं.’

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