एक दुल्हन, तीन लड़के और…

सुपरहिट फिल्म ‘कॉकटेल’ से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली डायना पेंटी भले ही चार साल से गायब थीं. लेकिन अब उन्होंने एक बार फिर धमाकेदार कमबैक करने का प्लान कर लिया है. जी हां, फिल्म ‘हैप्पी भाग जाएगी’ में डायना पेंटी दिखेंगी.

फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया जा चुका है. कपिल शर्मा के शो में इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया. ‘हैप्पी भाग जाएगी’ में डायना के साथ अभय देओल, जिम्मी शेरगिल और अली फजल मुख्य किरदारों में दिखेंगे.

कोई शक नहीं कि आनंद एल राय की यह फिल्म भी मजेदार होगी. ट्रेलर देखकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे, फिल्म की कहानी भारत से शुरू होकर पाकिस्तान के लाहौर तक पहुंच जाती है.

फिल्म 30 सितंबर को रिलीज होगी. मुदस्सर अजीज के निर्देशक में बनी इस फिल्म को आनंद एल राय ने प्रोड्यूस किया है.

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सुल्तान दोबारा: नया पोस्टर, नया अंदाज

सलमान खान के फैन्स सुल्तान का कलेक्शन 300 करोड़ पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और यही कारण है कि अब ट्विटर पर फिल्म को दोबारा देखने की मुहिम शुरू कर दी गई है.

इसमें फैन्स का साथ दिया है यशराज फिल्म्स की टीम ने जिसने फिल्म का नया पोस्टर लॉन्च किया है, प्रिस्मा में. प्रिस्मा एक नया एप है, जिससे आपकी तस्वीर की पेंटिंग बन जाती है.

और बॉलीवुड में प्रिस्मा का जमकर इस्तेमाल हो रहा है. तो फिर सलमान खान और सुल्तान इससे दूर कैसे रहते भला. तो बस सुल्तान के नए प्रिस्मा पोस्टर के साथ फिल्म को दोबारा देखने का एलान कर दिया गया है.

अब तक फिल्म ने 276 करोड़ की कमाई कर ली है और माना जा रहा है कि इस प्लान के बाद फिल्म इस हफ्ते के अंत तक आराम से 300 करोड़ पहुंच जाएगी. हालांकि कुछ फिल्म क्रिटिक की मानें तो ऐसा मुश्किल है.

लेकिन फैन्स का क्रेज अभी भी सुल्तान को लेकर बरकरार है और इस नए पोस्टर को देखकर फैन्स एक बार फिर एक्साइटेड ज़रूर होंगे और सुल्तान दोबारा देखने का प्लान भी ज़रूर बनाएंगे.

किसकी पत्नी बनना चाहती हैं दीपिका!

बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के रिश्ते से तो सभी वाकिफ हैं. इनकी शादी की खबरें भी पिछले कुछ दिनों से मीडिया में छाई हुई हैं. लेकिन पिछले दिनों खबर आई थी कि दीपिका अब रणवीर सिंह नहीं बल्कि किसी और की पत्नी बनने जा रही हैं.

दरअसल हाल ही में कहा जा रहा था कि दीपिका को संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म ‘पद्मावती’ के लिए साइन कर लिया गया है. इस फिल्म में उनके पति की भूमिका के लिए अभिनेता विक्की कौशल ने ऑडिशन दिया है.

विक्की को फिल्म ‘मसान’ और ‘रमन राघव 2.0’ जैसी फिल्मों के लिए काफी सराहना हासिल हो चुकी है. लेकिन अब खबर आई है कि दीपिका ने उन्हें अपना पति बनाने और उनके साथ रोमांस करने से साफ इंकार कर दिया है.

फिल्म में दीपिका पादुकोण पद्मावती की भूमिका निभाने वाली हैं और विक्की उनके पति राजा रावल रतन के किरदार में नजर आने वाले थे. लेकिन दीपिका ने फिल्म में उनके साथ यह भूमिका निभाने से इंकार कर दिया है.

दरअसल सूत्रों के अनुसार इस फिल्म में दीपिका को अपने पति के साथ काफी रोमांटिक और अंतरंग सीन देने थे. ऐसे में वह चाहती हैं कि उनके पति की भूमिका कोई बड़ा अभिनेता करे. लेकिन वहीं इस बात की भी चर्चा है कि कोई भी बड़ा अभिनेता उनके इस फिल्म में उनके पति का किरदार नहीं निभाना चाहता, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि यह काफी कमजोर किरदार है.

वैसे इस फिल्म में दीपिका के अलावा रणवीर सिंह भी होंगे. लेकिन फिल्म में इन दोनों के काफी कम सीन साथ में होंगे. इसमें इन दोनों के बीच कोई हॉट सीन नहीं फिल्माया जाएगा. रणवीर-दीपिका इससे पहले ‘बाजीराव मस्तानी’ और ‘गोलियों की रासलीला रामलीला’ में भी नजर आ चुके हैं.

किस एक्ट्रेस ने कट्रीना को कहा ‘आंटी’

बॉलीवुड एक्ट्रेसेस की उम्र चाहे कितनी भी हो जाए, उन्हें आमतौर पर ‘आंटी’ कहकर कोई नहीं पुकारता है. लेकिन कट्रीना कैफ को हाल ही में एक चाइल्ड एक्ट्रेस ने आंटी कहा, तो सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ना शुरू हो गया. हालांकि कट्रीना ने इस बात का बिल्कुल भी बुरा नहीं माना.

दरअसल, बॉलीवुड की नन्ही कलाकार हर्षाली मल्होत्रा ने बीते 16 जुलाई को कट्रीना के जन्मदिन पर ‘Happy birthday … Katrina Kaif auntie’ लिखकर बधाई दी थी. ये वहीं हर्षाली हैं जो सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में नजर आई थीं. तभी से हर्षाली कई एक्ट्रेस की लाडली बन गई हैं. पिछले दिनों कृति सेनन के साथ भी हर्षाली की फोटो चर्चा में आई थीं.

सोशल मीडिया यूजर्स ने हर्षाली से कहा कि कैट को दीदी बोलो. हालांकि बाद में कट्रीना ने हर्षाली को जन्मदिन की बधाई के लिए दिल से धन्यवाद दिया. कट्रीना के प्यार भरे रिप्लाई ‘Thank you love’ को हजारों लोगों ने पसंद भी किया.

बता दें कि कट्रीना ने इस साल अपना बर्थडे मुंबई में ही सेलिब्रेट किया था. इस पार्टी में करण जौहर, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा जैसे कलाकारों ने शिरकत की थी. हालांकि इस पार्टी में कट्रीना के एक्स ब्वॉयफ्रेंड रणबीर कपूर और सलमान खान नहीं पहुंचे थे.

पार्टी लवर्स कर सकते हैं ये 5 बिजनेस

अगर आपको जॉब करना अच्‍छा नहीं लगता, बल्कि आप हमेशा पार्टियों के बारे में सोचते हैं या पार्टियां ऑर्गनाइज करना चाहते हैं, लेकिन कमाई की चिंता में आप अपने इस शौक को पूरा नहीं कर पाते हैं तो आप परेशान न हों. अपने इस शौक को आप बिजनेस में बदल सकते हैं. पार्टियां ऑर्गनाइज करना भी एक बिजनेस है, जिसे आप पैशन के साथ करें तो इसमें लाखों रुपए कमा सकते हैं. आज हम आपको इन बिजनेस और उनकी खूबियों के बारे में जानते हैं.

रोजाना ऑर्गनाइज कर सकते हैं पार्टी

– जिस बिजनेस आइडिया की हम बात कर रहे हैं, यदि वह चल निकले तो आप रोजाना पार्टी ऑर्गनाइज कर सकते हैं.

– इस बिजनेस को इंवेंट मैनेजमेंट कहा जाता है.

– इंवेंट भी कई तरह के होते हैं. ऐसे में बस आपको अपने शौक या पसंद के मुताबिक इंवेंट का आइडिया सेलेक्‍ट करना है.

– उसके बारे में व्‍यवहारिक जानकारी लेने के बाद आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं.

कॉरपोरेट हाउस के साथ मिलकर करें बिजनेस

अगर आप बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रोडक्‍ट्स के लॉन्चिंग सेरेमनी का हिस्‍सा बनने की चाहत रखते हैं या सेमीनार-एग्जिबिशन जैसे इंवेंट को ऑर्गनाइज कर सकते हैं तों आपके लिए बिजनेस का मौका है. बड़ी-बड़ी कंपनियां आए दिन तरह-तरह के इंवेंट कराती हैं. इनमें हाई लेवल मीटिंग, कॉन्‍फ्रेंस, एग्जिबिशन, प्रोडक्‍ट लॉन्‍च, इम्‍पलॉयज के लिए फन एंड अम्‍यूजमेंट इंवेंट या सेमीनार का आयोजन करती रहती है.

शादी का जश्‍न या बर्थडे सेलिब्रेशन का हिस्‍सा बनें

अब शादी का आयोजन करने के लिए पूरे परिवार, नाते रिश्‍तेदार को महीने भर तक मेहनत करने की जरूरत नहीं रही. अब तो वर व वधू दोनों परिवारों को केवल अपनी खरीददारी करनी होती है विवाह वाले दिन वेन्यू पर पहुंच जाते हैं. सब कुछ तैयार मिलेगा. यह काम एक इंवेंट कंपनी करती है. अगर आप को शादी विवाह की पार्टी का हिस्‍सा बनने का शौक है तो आप भी मैरिज प्‍लानर बन कर इंवेंट कंपनी के तौर पर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं. जब शादी का काम न मिले तो आप बर्थडे सेलिब्रेशन हो या गृह प्रवेश या कोई भी सोशन फंक्‍शन, आप इन सब इंवेंट का कॉन्‍ट्रेक्‍ट ले सकते हैं. इससे आपको 2 से 10 लाख रुपए तक की कमाई आसानी से हो सकती है.

सेलिब्रिटीज से मिलने के शौक को बनाएं बिजनेस

अगर आप फिल्‍मी हीरो-हिरोइन से मिलने का शौक है और उनके साथ समय बिताना चाहते हैं तो अपने इस शौक को बिजनेस में तब्‍दील कर सकते हैं. आप एक इंवेंट कंपनी बना कर अपने शहर या आसपास के इलाकों में  सेलिब्रिटी शो का आयोजन कर सकते हैं. या शो करने वालों के कॉन्‍ट्रेक्‍ट करके ऐसे आयोजन कर सकते हैं. इसके लिए आपको सेलिब्रिटीज से संपर्क करना होगा, जैसे-जैसे आपके कॉन्‍टेक्‍ट मजबूत होंगे, आपका बिजनेस बढ़ता जाएगा और एक इंवेंट पर आप 10 से 20 लाख रुपए तक बचा सकते हैं.

स्‍पोर्ट्स में इंटरेस्‍ट हो तो अपनाएं यह बिजनेस

अगर आप कोई ऐसा बिजनेस करना चाहते हैं, जिससे आप अपने फेवरेट खिलाड़ी से मिलते रहें तो आप अपने शहर में ऐसे इंवेंट का आयोजन कर सकते हैं, जो आपको इन खिलाड़ियों के नजदीक पहुंचा सकता है. ये खिलाड़ी सेलेब्‍स के तौर पर तो फंक्‍शन में शामिल होते ही हैं. साथ ही, आप कोई चैरिटेबल या कोई प्रतियोगी मैच करा कर इन खिलाडि़यों को बुलवा सकते हैं. इस एक इंवेंट में आप 1 से 10 लाख रुपए तक कमा सकते हैं. 

जब हों डिप्रैशन की शिकार

एकल परिवारों में जहां मातापिता दोनों नौकरीपेशा होते हैं वहां बच्चे अपनी समस्या का हल खुद ही निकालने की कोशिश करते हैं और जब वे इस में कामयाब नहीं हो पाते हैं तब कई बार आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं.

रंजना एक सिंगल पेरैंट हैं. अपनी बेटी श्रेया को ले कर वे बहुत महत्त्वाकांक्षी रही हैं. वे उसे डाक्टर बनाना चाहती थीं, परंतु श्रेया की साइंस में बिलकुल दिलचस्पी नहीं थी. यह बात वह कभी रंजना को खुल कर नहीं बता पाई. धीरेधीरे वह कुंठित होती गई. घंटों कमरे में बंद रहती. धीरेधीरे डिप्रैशन में चली गई.

हाल ही में एक युवती और एक युवक ने मैट्रो के आगे कूद कर आत्महत्या कर ली. कारण, युवती की शादी टूट गई थी और वह काफी दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रही थी.

युवक की आत्महत्या का कारण बेरोजगारी बताया गया. परिवार वालों का कहना था कि नौकरी न मिलने के कारण वह काफी दिनों से मानसिक तनाव में था.

दोनों ही मामलों में परिवार वाले जानते थे कि वे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. ऐसे में परिवार वालों की भूमिका अहम हो सकती थी. वे उन्हें समझा सकते थे कि शादी टूटना या बेरोजगार होना जिंदगी का अंत नहीं है, परंतु अक्सर परिवार वाले उन्हें उन के हाल पर छोड़ देते हैं और अंजाम सामने है.

ऐसे कितने ही लोग हमारे आसपास जीते हैं जो मानसिक तनाव से गुजरते हैं और परिवार से कट कर रह जाते हैं. ऐसे में परिवार का फर्ज बनता है कि वह ऐसे व्यक्तियों को मनोचिकित्सक के पास ले जाएं ताकि उन का सही इलाज को सके.

मानसिक अस्वस्थता लाइलाज नहीं

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने राज्य सभा में आंकड़े प्रस्तुत किए जिन के अनुसार देश की 6 फीसदी से भी ज्यादा आबादी किसी न किसी तरह के मानसिक असंतुलन का शिकार है.

लगभग 2 करोड़ लोग सीजोफ्रेनिया और लगभग 5 करोड़ लोग डिप्रैशन, चिंता और तनाव से ग्रस्त हैं. ये आंकड़े काफी चिंतित करने वाले हैं.

हमारे समाज में एकल परिवारों के बढ़ने के चलते व्यक्ति का अकेलापन बढ़ गया है. युवावर्ग से ले कर बुजुर्ग तक मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं.

प्रत्येक आयुवर्ग के लोग अपनीअपनी समस्याओं से घिरे हैं. उन की समस्याएं विकट हैं पर इतनी नहीं कि उन के हल ही न निकाले जा सकें. विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और उस प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्राणी उस के मुहरे हैं फिर चाहे वे बच्चे हों, युवा हों अथवा बड़ेबुजुर्ग. बुजुर्गों में बढ़ता अकेलापन जहां हमारे देश का सामाजिक और आर्थिक वातावरण तेजी से बदल रहा है, वहीं एक पीढ़ी का दूसरी पीढ़ी के साथ तालमेल न होना संबंधों में खटास पैदा कर रहा है, इस से हमारे बुजुर्गवर्ग में अकेलापन बढ़ता जा रहा है. उन की अत्यधिक उपेक्षा बच्चों के साथ उन के संबंधों में दरार डाल रही है.

गलीमहल्लों के नुक्कड़ों में बैठे ठहाके लगाते बुजुर्ग अब गायब होते जा रहे हैं. उन्होंने अपनेआप को चारदीवारी में बंद कर लिया है.

ऐसे में जरूरत है कि कोई उन्हें समझाए, उन्हें काउंसलिंग दे ताकि वे डिप्रैशन में जाने से बचें. हमारे समाज में आज भी यह भ्रांति है कि मनोचिकित्सक के पास जाने का अर्थ व्यक्ति का पागलपन है.

तनु की सास के देहांत के बाद उस के ससुर अकेले रह गए. तनु और उस के पति दोनों दिनभर औफिस में रहते. घर में उस के ससुर सारा दिन अकेले रहते.

उन्हें चिड़चिड़ा होते देख कर तनु ने पति को उन्हें मनोचिकित्सक के पास ले जाने की सलाह दी. इस पर उस के पति भड़क उठे. उन का कहना था कि पिताजी उदास हैं. कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे.

बुजुर्ग महिलाएं अपने को घर के कामकाज में व्यस्त कर लेती हैं, परंतु पुरुषों के लिए घर पर रह कर समय काटना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस पर एक पार्टनर के जाने पर अकेलापन उन्हें डिप्रैशन में ले जाता है.

डिप्रैशन रोकने के उपाय

अकसर लोग डिप्रैशन के शिकार लोगों को पहचान ही नहीं पाते. वे सब के बीच में रह कर अजीबअजीब हरकतें भी करते हैं पर उन की बीमारी पकड़ में नहीं आती. जब तक वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते उन्हें मनोचिकित्सक के पास नहीं ले जाया जाता. इसलिए जरूरी हो जाता है कि पारिवारिक रिश्तों में मधुरता रहे और अपना सामाजिक दायरा मजबूत बना रहे. समाज में मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता भी कम है, इसलिए भी समय पर इन का इलाज नहीं हो पाता.

हिंसक व्यवहार

पिछले साल तेलंगाना में 26 साल के डिप्रैशन से गुजर रहे एक सौफ्टवेयर इंजीनियर ने इसी हालत में 22 लोगों को तलवार से घायल कर दिया था, जिन में उस के अपने मातापिता भी थे.

सिविल सर्विस परीक्षा में असफल होने के बाद से वह गहरे डिप्रैशन में था. वह हमेशा पढ़ाई में टौपर रहा था, इसलिए इस असफलता को सहन नहीं कर पाया.

अगर समय रहते उस का इलाज हो जाता तो ऐसी नौबत न आती. बाद में वह पुलिस फायरिंग में मारा गया.

परिवार की भूमिका

हमारे देश में हमेशा से संयुक्त परिवार की प्रथा रही है. उस समय घर का कोई सदस्य भी परिवार में अकेला नहीं होता था. आज स्थिति बदल गई है. एकल परिवार और आर्थिक दबावों की वजह से जीवन में तनाव बढ़ गया है, इसलिए इन सब से जूझने के लिए परिवार में एकदूसरे के प्रति आत्मीयता जरूरी है.

अगर घर का कोई सदस्य तनाव में रहता है तो उस का समुचित इलाज कराएं व उस का विशेष ध्यान रखें. उस की पसंदनापसंद का विशेष खयाल रखें ताकि वह अपनेआप को उपेक्षित न महसूस करे. चाहे बच्चा हो या बूढ़ा उस की जरूरतें और उस के कार्यों के लिए वक्त निकालें.

आमतौर पर लोग मनोचिकित्सक के पास जाना अच्छा नहीं मानते. हमें इस भ्रांति को तोड़ना होगा. जिस प्रकार बाकी बीमारियों का इलाज दवा से होता है उसी प्रकार मानसिकरूप से अस्वस्थ व्यक्ति का इलाज भी दवा से संभव है.                           

मानसिक बीमारी के लक्षण

– किसी भी कार्य में मन न लगना.

– बेवजह खाते जाना या भूखेप्यासे घंटों बिस्तर पर पडे़ रहना.

– कटेकटे रहना.

– किसी को खुश देख कर चिड़चिड़ा हो जाना आदि.

इस तरह के लक्षण अगर किसी भी व्यक्ति में नजर आएं तो परिवार के सदस्यों को उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाने में देरी नहीं करनी चाहिए और उस के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करनी चाहिए.

स्पाइसी वैजी एगी टोस्ट

सामग्री

– 2 बडे़ चम्मच हरा प्याज कटा

– 2 बड़े चम्मच फ्रैंचबींस कटी

 – 2 बड़े चम्मच हरी शिमलामिर्च कटी

– 2 बड़े चम्मच लाल व पीली शिमलामिर्च कटी

– 1 टमाटर कटा

– 1 गाजर कटी

– 4 अंडे

– 2 बड़े चम्मच मक्खन

– 4 ब्रैडस्लाइस

– 1 चुटकी गरम मसाला

– 1/2 छोटा चम्मच देगी मिर्च

– हरीमिर्च व नमक स्वादानुसार

विधि

अंडों को तोड़ कर अच्छी तरह फेंट लें. सारी सब्जियां मिला लें. गरममसाला, नमक व मिर्च मिक्स कर लें. एक फ्राइंगपैन में मक्खन गरम कर चौथाई अंडों व सब्जियों का मिश्रण डाल कर ऊपर से 1 ब्रैडपीस रख दें और तैयार होने तक धीमी आंच पर पकाएं. अब ब्रैड को पलट कर सेंकें. ब्राउन होने पर उतार लें. सारे टोस्ट इसी तरह बनाएं. 4 पीस के लिए मिश्रण को भी 4 भागों में बांट कर फ्राइंगपैन में डालें और 1-1 ब्रैड के लिए हर बार मिश्रण डाल कर टोस्ट बनाएं. चटनी के साथ गरमगरम सर्व करें.

पाएं फटी एड़ियों से निजात

एड़ियों का फटना सामान्य समस्या है और ये अक्सर सर्दियों में ज्यादा फटती हैं क्योंकि मौसम की खुश्की की वजह से  मॉश्चराइजर की कमी होने लगती है. इसके अलावा भी एड़ियां किसी भी मौसम में और किसी भी उम्र में फट सकती हैं. एक ओर जहां फटी एड़ियां देखने में बुरी लगती हैं, वहीं तकलीफ बढ़ जाने पर इनमें से खून आना भी शुरू हो जाता है, जिससे पैरों में काफी दर्द होता है.

आइए जानें, इस दर्द भरी समस्या से राहत देने वाले ये तीन घरेलू उपायों के बारे में…

1. स्क्रबिंग करेगी कमाल

फटी एड़ियों को स्क्रबिंग की मदद से मुलायम बनाया जा सकता हैं. ऐसा करने से डेड स्किन हट जाती है और एड़ियां मुलायम हो जाती है. स्क्रबिंग करने से पहले अपने पैर को थोड़ी देर के लिए गुनगुने पानी में डुबोकर रखें.

2. नारियल तेल

फटी और बेजान एड़ियों के लिए नारियल तेल एक अच्छा घरेलू उपाय है. ये एड़ी की नमी को बनाए रखता है. इसके अलावा ये फंगस जैसे बैक्टीरिया संक्रमण से भी एड़ी को सुरक्षित रखता है.

3. रोज लगाएं ग्लि‍सरीन

फटी एड़ियों के लिए ग्लि‍सरीन किसी वरदान से कम नहीं. आप इस हर रात सोने से पहले लगा लें. ऐसा नियमित करते रहने से एड़ी जल्दी ठीक हो जाएगी. नींबू में अम्लीय गुण मौजूद होता है, जो डेड स्किन को हटाने का काम करता है. साथ ही ये त्वचा को कोमल-मुलायम बनाता है.

ये है दुनिया की सबसे रिस्की सेक्स पोजीशन

साइंटिस्ट्स ने सबसे कॉमन सेक्स पोजीशंस में से एक को सबसे खतरनाक बताया है. साइंटिस्ट्स के मुताबिक, आधे से ज्यादा पीनाइल फ्रैक्चर्स के लिए वूमन ऑन टॉप पोजीशन जिम्मेदार है. ब्राजील के रिसर्चर्स ने तीन हॉस्पिटल्स में केसेज की स्टडी के बाद ये खुलासा किया है.

इस पोजीशन में महिलाएं अपने पूरे बॉडी वेट के साथ पेनिस को कंट्रोल करती हैं. अगर पेनेट्रेशन में जरा भी गड़बड़ी हुई तो मर्द कुछ नहीं कर पाते. इसमें महिलाओं को तो दर्द नहीं होता लेकिन पेनिस को चोट पहुंचती है. डॉगी स्टाइल सेक्स भी 29 परसेंट फ्रैक्चर्स के लिए जिम्मेदार माना गया है.

रिसर्च में, मिशनरी पोजीशन सेक्स के लिए सेफेस्ट पोजीशन के तौर पर सामने आई है. रिसर्चर्स ने हॉस्पिटल में इलाज कराने आए 44 पुरुषों का अध्ययन किया. इनमें से 28 फ्रैक्चर्स हेट्रोसेक्सुअल सेक्स से हुए, 4 होमोसेक्सुअल से और 6 पेनिस मैनिपुलेशन से. हालांकि बाकी 4 फ्रैक्चर्स का कारण डॉक्टर्स को समझ नहीं आया.

रिसर्चर्स ने नोट किया कि केसेज में चोट अनकॉमन है और जिन्हें फ्रैक्चर होता है, वे बताने से डरते हैं. ऐसे में इस तरह के फ्रैक्चर्स की असल संख्या और ज्यादा हो सकती है. रिसर्च पेपर के कंक्लूजन में लिखा है, “हमारी स्टडी के मुताबिक, वूमन ऑन टॉप पोजीशन के साथ सेक्सुअल इंटरकोर्स पीनाइल फ्रैक्चर्स के लिए सबसे रिस्की है. जब एक मर्द मूवमेंट को कंट्रोल करता है तो वो पेनेट्रेशन के दौरान पेनिस में दर्द को रोकने की स्थिति में होता है.”

कैरियर को नए आयाम देते प्राइवेट कालेज

अमूमन बच्चों का सपना मैनेजमैंट, इंजीनियरिंग या फिर मैडिकल के क्षेत्र में भविष्य बनाने का होता है. ऐसे बच्चे आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में जाने का सपना संजोते हैं. लेकिन यह सपना सच केवल कुछ बच्चों का ही होता है. कई बच्चे इन कालेजों की प्रवेश परीक्षा में भले ही उतने अंक प्राप्त न कर पाते हों जितने अंकों की जरूरत इन में प्रवेश हेतु होती हो लेकिन उन के वे अंक एक अच्छा प्राइवेट कालेज पाने के लिए पर्याप्त होते हैं.

बैंगलुरु निवासी आईटी प्रोफैशनल चित्रप्रिया गुप्ता कहती हैं, ‘‘भारत में अभिभावकों का एक पारंपरिक सपना होता है कि उन का बच्चा एक दिन किसी बड़े संस्थान से पढ़ कर निकलेगा

और एक बेहतरीन जौब उस के हाथ में होगी. खासतौर पर जिन बच्चों के मातापिता ने उन्हें इंजीनियर बनाने का ख्वाब देखा होता है उन के लिए आईआईटी सब से पहली प्राथमिकता बन जाता है. जबकि वर्तमान समय में आईआईटी की बराबरी के कई प्राइवेट कालेज खड़े हो चुके हैं. देश में ऐसे कई सफल प्रोफैशनल्स और व्यवसायी हैं, जो कभी आईआईटी और आईआईएम नहीं गए.’’

आइए, मैनेजमैंट, इंजीनियरिंग और मैडिकल से जुड़े कुछ ऐसे ही प्राइवेट कालेज के बारे में बात की जाए.

मैंनेजमैंट कालेज

वैसे तो मैंनेजमैंट कोर्स करने वाले हर बच्चे की इंडियन इंस्टिट्यूट औफ मैनेजमैंट में पढ़ने की ख्वाहिश होती है, लेकिन यदि इस संस्थान में ऐडमिशन न मिले तो दूसरे प्राइवेट कालेज भी हैं, जिन्हें सुनहरे भविष्य के लिए  चुना जा सकता है:

इंडियन इंस्टिट्यूट औफ बिजनैस: फाइनैंशियल टाइम्स की ग्लोबल एमबीए रैंकिंग के तहत 2016 में विश्व भर के मैनेजमैंट कालेजों में इसे 29वां स्थान प्राप्त हुआ है, यह एक ऐसा मैंनेजमैंट कालेज है, जहां न तो डिप्लोमा दिया जाता है और न ही डिग्री, बल्कि हर पाठ्यक्रम के लिए यहां बच्चों को सर्टिफिकेट दिया जाता है. यहां मौजूद कोर्स में पोस्ट ग्रैजुएट इन मैनेजमैंट, पोस्ट ग्रैजुएट इन मैनेजमैंट, सर्टिफिकेट फौर बिजनैस ऐनालिस्ट, सैंटर फौर एग्जीक्यूटिव, फैलोशिप इन मैनेजमैंट एवं मैनेजमैंट इन पब्लिक पौलिसी प्रमुख हैं, जिन में से मैनेजमैंट इन पब्लिक पौलिसी अपनेआप में भारत का पहला ऐसा कोर्स है, जिसे मिड कैरियर प्रोफैशनल्स के लिए डिजाइन किया गया है.  इन कोर्स के लिए जीमैट ऐग्जाम्स क्वालिफाई करना होता है. इस कालेज की 2 शाखाएं हैं. पहली हैदराबाद में और दूसरी मोहाली में.

जेवियर लेबर रिलेशन इंस्टिट्यूट: भारत में तीसरे नंबर पर सबसे अच्छे प्राइवेट कालेज की ख्याति इसी कालेज को प्राप्त है. जमशेदपुर स्थित इस मैनेजमैंट कालेज में फुलटाइम रैजीडैंशियल एमबीए, रिसर्च प्रोग्राम, मास्टर कोर्स और ऐग्जीक्यूटिव कोर्स विद्यार्थियों का भविष्य संवारने के लिए उपलब्ध हैं.

इस कालेज में ऐडमिशन के लिए जेवियर ऐप्टिट्यूट टैस्ट (जैट)देना होता है. जैट का स्कोर देश भर के 70 कालेजों में स्वीकार किया जाता है और उस के आधार पर बच्चों को अन्य प्राइवेट कालेजों में ऐडमिशन मिलता है.

नरसी मोंजी इंस्टिट्यूट औफ मैनेजमैंट स्टडीज: 2003 में यूजीसी द्वारा डीम्ड यूनिवर्सिटी घोषित किया जा चुका यह मैनेजमैंट कालेज रैंकिंग के हिसाब से भारत का छठवां प्राइवेट मैनेजमैंट कालेज है. यहां ऐडमिशन के लिए एनमैट परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है.

मैडिकल कालेज

बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले देशों की सूची में भारत का नाम भी दर्ज है. इस का श्रेय देश में मौजूद विश्व के सब से अच्छे मैडिकल कालेजों को जाता है.

वैसे तो भारत में कई सरकारी मैडिकल कालेज हैं, लेकिन उन में प्रवेश आसान नहीं है. मगर चुनिंदा प्राइवेट मैडिकल कालेज भी हैं जिन की परीक्षा के लिए बच्चे तैयारी कर सकते हैं.

क्रिश्चियन मैडिकल कालेज ऐंड हौस्पिटल, विल्लौर: मैडिकल कालेजों की रैंकिंग में पहले नंबर पर इसी कालेज का नाम लिया जाता है. यह भारत का पहला किडनी ट्रांसप्लांट और बोनमैरो ट्रांसप्लांट करने वाला अस्पताल भी है. इन खूबियों के साथ ही यह कालेज नर्सिंग डिप्लोमा, बैचलर औफ साइंस, मास्टर औफ साइंस, पी.एच.डी, एमबीबीएस, एमएस, एमडी, डीएम, एमसीएच जैसे कोर्स की डिग्री भी देता है. इस कालेज में प्रवेश हेतु नैशनल ऐलिजिबिलिटी कम ऐट्रैंस टैस्ट देना होता है.

कस्तूरबा मैडिकल कालेज, मणिपाल: भारत में दूसरे नंबर का सबसे अच्छा प्राइवेट मैडिकल कालेज केएमसी मणिपाल है. यहां से मिली एमबीबीएस की डिग्री भारत में ही नहीं, बल्कि कई और देशों में भी महत्त्व रखती है.

इस के साथ ही यहां एशिया महाद्वीप की सब से बड़ी हैल्थ साइंस लाइब्रेरी भी है.

इस कालेज में दाखिला लेने के लिए आल इंडिया मणिपाल यूनिवर्सिटी औनलाइन ऐंट्रैंस टैस्ट देना होता है.

एआईएमएस, केरल: भारत के इस प्रसिद्ध अस्पताल में प्रिवैंटिव मैडिसिन, मैडिकल ऐजुकेशन और रिसर्च प्रोग्राम विद्यार्थियों को मैडिकल के क्षेत्र में उज्जवल भविष्य निर्माण करने हेतु कोर्स औफर किए जाते हैं. साथ ही यहां बीडीएस, बी. फार्मा जैसे कोर्स भी उपलब्ध हैं. यहां प्रवेश के लिए आल इंडिया अमृता ऐंट्रैंस ऐग्जाम क्वालिफाई करना जरूरी है.

इंजीनियरिंग कालेज

 जो बच्चे मैडिकल के क्षेत्र में रुचि नहीं रखते उनके लिए विज्ञान के माध्यम से ही तकनीक के क्षेत्र से जुड़ने का विकल्प खुला रहता है और इस में उन की मदद करते हैं इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट. भारत में सैंकड़ो इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट हैं, लेकिन इंजीनियर बनने की इच्छा रखने वाले बच्चों की मानसिकता आज भी आईआईटी और एचबीटीआई जैसे सरकारी कालेजों में दाखिला प्राप्त करने के इर्दगिर्द ही घूमती है. जबकि आज ऐसे कई प्राइवेट संस्थान हैं जो काबिल इंजीनियर्स तैयार कर रहे हैं.

ऐसे ही कुछ संस्थानों के नाम प्रस्तुत हैं:

इंडियन इंस्टिट्यूट औफ साइंस, बैंगलुरु: वैज्ञानिक रिसर्च एवं हायर ऐजुकेशन के लिए मशहूर आईआईएस कालेज एक डीम्ड यूनिर्वसिटी के रूप में अंडरग्रैजुएट स्टूडैंट्स के लिए बैचलर औफ साइंस में डिग्री कोर्स कराता है. यह कोर्स विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य बनाने वाले बच्चों के लिए लौंचिंग पैड जैसा है, जो न केवल इंडस्ट्री में जौब दिलवाने, बल्कि ऐकैडेमिक्स में भी भविष्य आजमाने में सहायक होता है. इस कालेज में प्रवेश के लिए आईआईटीजेईई मेन और ऐडवांस में से किसी एक की परीक्षा देनी होती है.

बिड़ला इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी: डीम्ड यूनिवर्सिटी के साथ ही यूएसए, यूके और कनाडा की यूनिवर्सिटीज के साथ इस का कोलैबरेशन हायर ऐजुकेशन का वर्ल्ड क्लास ऐकैडेमिक नैटवर्क बनाता है. सिविल,

कंप्यूटर, कैमिकल, मेकैनिकल, प्रोडक्शन, बायोटैक्नोलौजी जैसे विषयों में इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध इस कालेज में बिटसैट प्रवेश परीक्ष उत्तीर्ण करनी होती है.

हम यह नहीं कह रहे कि सरकारी संस्थानों में प्रवेश के लिए कोशिश न करें. हां, यदि इन संस्थानों में दाखिला न मिले तो बताए गए विकल्प भी कैरियर को नई दिशा देने में सहायक होंगे.

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