सिर जो तेरा चकराए…

चक्‍कर आना एक आम समस्‍या है जिसमें कमजोरी महसूस होती है और बेहोशी लगती है. इसके आने के कई कारण होते हैं. कई बार शरीर में हारमोनल प्रॉब्‍लम की वजह से चक्‍कर आने लगते हैं और कई बार रक्‍तचाप के संतुलित न रहने के कारण ऐसा होता है.

चक्‍कर आने के दौरान, व्‍यक्ति को कम सुनाई देता है, उसे धुंधला दिखाई देता है और बात करने में तकलीफ होती है, साथ ही आलस्‍य भी आता है. चक्‍कर आने की वजह से वर्टिगो भी हो सकता है जिसमें व्‍यक्ति को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि वह चक्‍कर खाकर गिर जाएगा.

अधेड़ उम्र की महिलाओं में ये समस्‍या अक्‍सर देखने को मिलती है. कई व्‍यक्ति अपना संतुलन भी खो देता है और गिर जाता है. रक्‍तचाप में अचानक से बदलाव आने से ऐसा होता है. इसके लिए व्‍यक्ति को अपना ध्‍यान रखना चाहिए, उसे समय पर भोजन करना चाहिए और कभी भी भोजन को स्किप नहीं करना चाहिए.

एंटीबायोटिक के सेवन के दौरान भी चक्‍कर आ सकता है. इसलिए, डॉक्‍टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें. एनिमिया होने की स्थिति में चक्‍कर आना सामान्‍य है क्‍योंकि शरीर में रेड ब्‍लड सेल्‍स की कमी हो जाती है. अगर किसी के शरीर में पानी की कमी है तो उस अवस्‍था में भी चक्‍कर आ सकता है.

ऐसे में अपने साथ हमेशा एक बोतल पानी रखें और समय-समय पर पीते रहें. धड़कन सही न होने पर शरीर से ब्रेन को रक्‍त उचित मात्रा में नहीं पहुँच पाता है, कई बार इस कारण से भी चक्‍कर आने लगते हैं. बहुत बार, इस कारण से मृत्‍यु तक हो जाती है. दिल स्‍वस्‍थ न होने पर भी चक्‍कर आता है.

अब नहीं होंगे डार्क सर्कल

आंखों के नीचे काले घेरे पड़े हुए हैं तो इसका साफ मतलब है कि आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है. यानी अब से आपको पूरे 8 घंटों की नींद लेनी शुरु कर देनी चाहिये. इसके अलावा आपको खीरे और नींबू के रस का मिश्रण लगाना होगा, जिससे आपको कुछ ही दिनों में रिजल्‍ट मिलना शुरु हो जाएगा. आइये जानते हैं यह मिश्रण किस तरह से बना कर लगाना है.

सामग्री

खीरा और नींबू  बनाने और लगाने की विधि  

खीरे को घिस कर उसमें आधा नींबू का रस मिलाइये.  फिर इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिये छोड़ दीजिये.  जब यह ठंडा हो जाए तब इसे छान कर इसका रस निकाल लीजिये और इस रस को आंखों के नीचे उंगलियों की सहायता से लगाइये. 15-20 मिनट के बाद चेहरे को धो लीजिये.  इस विधि को हर दूसरे दिन कीजिये और रिजल्‍ट देखिये.

निवेश फ्रॉड से बचाएगा ‘सचेत’

अब आपके लिए कंपनियों में सुरक्षित निवेश करना आसान हो गया है. अब आप भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट सचेत पर जाकर यह जान सकते हैं कि इस कंपनी को डिपॉजिट लेने की अनुमति मिली हुई है या नहीं.

इसके साथ ही अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्लेन भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी कंप्‍लेन को ट्रैक भी कर सकते हैं कि आपकी शिकायत पर रेगुलेटर ने क्‍या कदम उठाए हैं या नहीं. आप को किसी ऐसी कंपनी के बारे में पता चलता है जिसकी गतिविधियां आपको संदिग्ध लगती है तो आप सचेत के जरिए इसकी सूचना रेगुलेटर के साथ साझा कर सकते हैं.

पैसा लगाने से पहले चेक करें कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन

अगर आप किसी कंपनी में पैसा लगा रहे है तो सबसे पहले आप सचेत की वेबसाइट पर जाकर चेक करें कि यह कंपनी आरबीआई या किसी और रेगुलेटर के पास रजिस्टर्ड या नहीं. सचेत वेबसाइट पर आरबीआई, सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए), पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफआरडीए जैसे रेगुलेटर के पास रजिस्‍टर्ड कंपनियों की लिस्‍ट है. अगर कोई कंपनी इन रेगुलेटर के पास रजिस्‍टर्ड नहीं है तो आपका निवेश सुरक्षित नहीं होगा. 

फंस गया है पैसा तो करें कंप्‍लेन

अगर आपका पैसा किसी कंपनी में फंस गया है तो आप सचेत वेबसाइट पर जाकर इसकी कंप्‍लेन कर सकते हैं. अगर आप यह जानते हैं कि आपकी कंपनी किस सेगमेंट की है और उसका रेगुलेटर कौन है तो आप उस रेगुलेटर के लिंक पर क्लिक करके कंप्‍लेन फाइल कर सकते हैं. अगर आप रेगुलेटर के बारे में नहीं जानते हैं तब भी आप सचेत पर उस कंपनी के बारे में कंप्‍लेन फाइल कर सकते हैं.

अपनी कंप्‍लेन को कर सकते हैं ट्रैक

आप सचेत वेबसाइट पर अपनी कंप्‍लेन को ट्रैक भी कर सकते हैं. आप अपने मोबाइल नंबर, कंप्‍लेन नंबर या अपनी ई मेल आईडी के जरिए कंप्‍लेन को ट्रैक कर सकते हैं. इससे आप को पता चल जाएगा कि आपकी कंप्‍लेन पर क्‍या एक्‍शन लिया जा रहा है.

संदिग्‍ध कंपनी के बारे में रेगुलेटर को दें जानकारी

अगर आपको पता चलता है कि आपके इलाके में काई कंपनी अवैध तरीके से डिपॉजिट ले रही है.  या कंपनी ऊंचे रिटर्न के वादे के साथ आम जनता से पैसा जुटा रही है तो आप इस कंपनी के बारे में सचेत वेबसाइट पर जाकर रेगुलेटर के सा‍थ जानकारी साझा कर सकते हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर करें इन प्रमुख जगहों की यात्रा

इस 15 अगस्त हमारे देश को आजाद हुए 70 साल होने जा रहे हैं, जो आजादी हमने अपने कई जवानों के शहिद होने के बाद पाई थी. पूरा देश इस दिन देश प्रेम में डूब जाएगा. जगह-जगह अपना तिरंगा झंडा लहराता हुआ नजर आएगा.

इस बार के 15 अगस्त की अलग बात यह है कि यह वीकेंड की छुट्टी के बाद ही मतलब इस बार के वीकेंड की छुट्टियाँ ज़्यादा हैं. है ना यह खुशी की बात! तो इस स्वतंत्रता दिवस अपने परिवार के साथ तैयार हो जाइए इन खास जगहों की यात्रा के लिए, जहां पहुंच आप देशभक्ति के रंग में सराबोर हो जाएँगे.

लाल किला, दिल्ली

स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के लाल किले से अच्छी जगह और क्या होगी. सबसे पहले यहाँ सुबह-सुबह तिरंगा झंडा फहराया जाता है. शहीदों को सत्-सत् नमन कर अन्य रंग बिरंगे कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा पेश किए जाने वाले देशभक्ति कार्यक्रम सबसे ज़्यादा दर्शकों का मान मोहते हैं.

इंडिया गेट, दिल्ली

इंडिया गेट का नाम सुनते ही अलग से रूह में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ती है. यहाँ स्थित अमर जवान ज्योति, जो भारतीय सैनिकों का मंदिर है लोगों में देश प्रेम की भावना को और बढ़ा देती है. आपको कई देशभक्ति फिल्मों में इंडिया गेट के नज़ारे देखने को ज़रूर मिलेंगे. रंग दे बसंती का वो सीन तो आप सबको याद ही होगा जब सारे दोस्त इंडिया गेट से गुज़रते हुए इंडिया गेट को सलामी देते जाते हैं.

राज घाट

यमुना नदी के किनारे स्थित राज घाट, महात्मा गाँधी के यादों का स्मारक है. इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक भी विजय घाट के नाम से स्थित हैं. हर साल यहाँ आज़ादी के दिन इन महान व्यक्तियों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है.

वाघा बॉर्डर

वाघा बॉर्डर, पाकिस्तान और भारत के बीच की इकलौती सड़क सीमा है, जहाँ हर साल 15 अगस्त के दिन लोगों का हुजूम उमड़ता है यहाँ के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए. दोनो देश इसी सीमा पर एक दूसरे को आज़ादी की बधाई देते हैं. देशभक्ति गीतों पर लोग नाचते गाते मौज मानते हैं. इस दिन यहाँ लोगों का जोश देखने लायक होता है.

जलियाँवाला बाग

जलियाँवाला नरसंहार भारत का सबसे बड़ा और दुखद नरसंहार था, जिसे पूरा देश कभी नहीं भूल सकता. 13 अप्रेल 1919 बैसाखी वाले दिन ही अमृतसर शहर के जलियाँवाला बाग में रोलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें अँग्रेज़ी ऑफिसर जनरल डायर ने गोलियाँ चलवा दीं. इस क्रूर हत्याकांड के निशान अब भी वहाँ मौजूद हैं.

अल्फ्रेड पार्क,इलाहाबाद

अल्फ्रेड पार्क जिसे कंपनी गार्डेन के नाम से भी जाना जाता है, वही जगह है जहाँ चंद्र शेखर आजाद  ने देश के लिए लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गँवाई थी. इसे चंद्र शेखर आजाद  पार्क के नाम से भी जाना जाता है. इलाहाबाद का यह सबसे बड़ा पार्क है जहाँ चंद्रशेखर आजाद  का स्मारक स्थापित है.

साबरमती आश्रम

गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी के किनारे स्थित साबरमती आश्रम का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका है. सत्याग्रह आंदोलन और दांडी मार्च की शुरुआत यहीं से हुई थी.

झाँसी का किला

झाँसी का किला जहाँ से झाँसी की रानी हमारे देश की सबसे वीर महिला ने देश की आजादी के लिए लड़ाई आरंभ की थी.आज भी हर साल झाँसी का महोत्सव इसे किले में ही मनाया जाता है.

बैरकपोर बाग, कोलकाता

बैरकपोर बाग, पश्चिम बंगाल में स्थित बाग है जिसे मंगल पांडे बाग के नाम से भी जाना जाता है. इस बाग में अँग्रेज़ों का विरोध करने वाले कई भारतीय सैनिकों को सन् 1857 में फाँसी के फंदे पर लटका दिया गया था.

नेताजी भवन

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित नेताजी भवन, एक स्मारक सभागार और संग्रहालय है, जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया था.

तिहाड़ जेल

तिहाड़ जेल अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेर में स्थित अँग्रेज़ी शासकों का जेल है. जहाँ देश की आजादी के लिए लड़ने वाले देशभक्तों को कैदी बना कर रखा गया था. यहाँ उन्हें कई जटिल यातनाओं का सामना करना पड़ा था.

भारतीय सेना को ट्रिब्यूट देंगे रामपाल

बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन रामपाल अब सियाचिन की चढ़ाई पर निकलने वाले हैं. अपनी फिट बॉडी और टफ लुक के लिए जाने जाने वाले अर्जुन 15 अगस्त से तकरीबन 20 दिन के टूर पर निकलेंगे. अगर आप कंफ्यूजड हो रहे हैं तो हम आपको बताते है कि आखिर माजरा क्या है?

दरअसल मशहूर प्रोडक्शन हाउस ‘इरोस नाओ’ ने यह टूर आयोजित किया है. इसमें अर्जुन के साथ 8 और सेलिब्रिटीज होंगे. लेह लद्दाक से अर्जुन का यह कारवां निकलेगा. अर्जुन का कहना है कि यह भारतीय सेना को ट्रिब्यूट देने का एक तरीका है, जो अपनी जान की परवाह न करते हुए रात दिन हमारी रक्षा में लगे रहते हैं.

सत्रों की मानें तो अर्जुन के साथ इस चढ़ाई में भारतीय टीम के फास्ट बॉलर आरपी सिंह, हॉकी प्लेयर युवराज बाल्मिकी, टीवी अभिनेता हसन जैदी, अभिनेता अरुणोदय सिंह भी शामिल होंगे. इस टूर को लेकर सभी बेहद उत्साहित हैं. देखना होगा कि बिना फोन और सिर्फ तीन जोड़ी कपड़ों में ये सेलिब्रिटीज कैसे सरवाइव करते हैं. अर्जुन कहते हैं, ‘मेरे नाना भी आर्मी में थे. इसके जरिए मैं अपने नाना को सलामी देना चाहता हूं.’

इस टूर पर जाने से पहले सबको जबरदस्त ट्रेनिंग से भी गुजरना पड़ा है. अर्जुन और उनके साथियों की ये पूरी यात्रा रिकॉर्ड की जाएगी और बाद में टीवी पर टेलिकास्ट भी होगी.

‘टॉयलेट…’ में अक्षय संग भूमि!

अक्षय कुमार इन दिनों अपनी फिल्म ‘रुस्तम’ को लेकर सुर्खियों में हैं, जिसमें वह एक नौसेना अधिकारी के रोल में नजर आ रहे हैं. नीरज पांडे ने फिल्म का निर्माण किया है. सूत्रों की माने तो अक्षय अगली फिल्म भी नीरज पांडे के साथ करेंगे.

सूत्रों की मानें तो नीरज पांडे की अगली फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी अभियान ‘स्वच्छ भारत’ पर आधारित होगी. इस फिल्म का नाम है, ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’. फिल्म के जरिए लोगों को साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा. सुनने में आ रहा है कि फिल्म में अक्षय कुमार लीड रोल में नजर आएंगे.

‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ में अक्षय कुमार के अपोजिट भूमि पेडनेकर नजर आएंगी. भूमि पेडनेकर को कई बार ‘रुस्तम’ के सेट पर नीरज पांडे से मुलाकात करते हुए देखा गया है. सूत्रों की मानें तो भूमि और नीरज पांडे में फिल्म को लेकर काफी बातचीत हो चुकी है.

भूमि ने अपने एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत यश राज प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘दम लगा के हाईशा’ से सकी थी. इस फिल्म में अपने किरदार के लिए उन्होंने 12 किलो वजन बढ़ाया था.

बताया जा रहा है कि फिल्म की स्क्रिप्ट भी तैयार है. यह एक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. फिल्म की शूटिंग इस साल दिसंबर में शुरू हो सकती है. जल्द ही फिल्म को लेकर अधिकारित घोषणा हो सकती है.

गंदी बात, गंदी बात, क्वीन की गंदी बात

अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि खुद को साफ सुथरा रखने से उनके जीवन में अच्छे बदलाव आने शुरू हुए. ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्‍स’ स्टार का कहना है कि वह बहुत ही आलसी हुआ करती थीं और नहाना उन्हें कतई पसंद नहीं था.

संवाददाताओं से बातचीत में कंगना ने कहा, ‘मैं बहुत आलसी थी और नहाने से तो नफरत थी. मेरे माता-पिता मुझ से तंग आ चुके थे. ईमानदारी से कहूं तो उस दौरान मेरे जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. मेरे कोई दोस्त नहीं बने, कोई अवसर नहीं मिला.’

उन्होंने कहा, ‘फिर मैंने तत्वों, सम्मिश्रण और ऊर्जा के बारे में काफी पढ़ा और मुझे पता चला कि ऊर्जा तीन तरह की होती है और उनमें से एक है स्वच्छता जो सबसे महत्वपूर्ण है. यह सच्चाई है.’

‘क्वीन’ की अभिनेत्री का कहना है कि इन तकनीकों को अपनाने से उनका जीवन बदल गया. कंगना ने कहा, ‘मैंने वेदांत पढ़े, स्वामी विवेकानंद के रास्ते पर चली. मैंने सीखा कि कैसे खुद को और ऊर्जाओं के ऊपर उठाना है और बदलाव करने हैं. ‘उन्होंने कहा, ‘मैंने बाह्य स्वच्छता से शुरुआत की यह मूल काम है. जब मैंने इससे शुरुआत की, तो जीवन में चीजें बदलनी शुरू हो गईं. अब मैं नहाती हूं, स्वच्छ रहती हूं और सुनिश्चित करती हूं कि गंदगी ना फैलाऊं. पिछले 12 साल में मैंने कचरा नहीं फैलाया है.’

स्वच्छ भारत अभियान पर बनी ‘डोंट लेट हर गो’ शीर्षक वाली लघु फिल्म के लॉन्च पर कंगना संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं. फिल्म में कंगना देवी लक्ष्मी के रूप में नजर आई हैं. प्रदीप सरकार के निर्देशन में बनर इस लघु फिल्म में ईशा कोप्पिकर और ओंकार कपूर भी हैं. इसके लिए मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज दी है.

सुशांत का छक्का ज्यादा अच्छा

काफी समय से इस फिल्म के ट्रेलर का इंतजार था और आखिर क्यों ना हो फिल्म भी तो ऐसे ही शख्स पर है. जी हां हम बात कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ की. काफी दिनों से महेंद्र सिंह धोनी के फैन्स और फिल्म पसंद करने वाले दर्शक खासकर इस फिल्म के ट्रेलर का इंतजार कर रहे थे.

दरअसल कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी पिछले कई सालों से लगातार भारतीय क्रिकेट की रीढ़ बने हुए हैं लिहाजा उनकी देश में अलग ही इज्जत है और साथ ही अच्छी खासी फैन फॉलोइंग. धोनी के रोल में सुशांत सिंह राजपूत शानदार लग रहे हैं . हर तरह से वो धोनी ही नजर भी आ रहे हैं.

फिल्म तो सिनेमाघरों में 30 सितंबर 2016 को आएगी और उम्मीद की जा रही है फिल्म लोगों को पसंद भी आएगी. एक रेलवे के टीसी से लेकर वर्ल्ड कप जीतने तक का सफर देखना रोचक होगा. खुद धोनी भी सुशांत सिंह राजपूत के साथ कई शहरों में जाकर ट्रेलर लांच किए हैं. वैसे तो कई मायनों में ट्रेलर अच्छा है लेकिन कुछ बातें आप इस फिल्म और ट्रेलर से जुड़ी इग्नोर भी नहीं कर सकते.

ट्रेलर से जुड़ी पॉजिटिव और निगेटिव बातें

सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सिंह राजपूत ट्रेलर में बहुत ही अच्छे लग रहे हैं. कई शॉट्स में तो ऐसा लग रहा है कि स्क्रीन पर धोनी ही दिख रहे हैं.

इंटरेस्टिंग लाइफ

3 मिनट के ट्रेलर में इतना तो पता चल गया कि फिल्म में धोनी की बचपन से लेकर उनकी जिंदगी का हर खास लम्हा दिखाया जाएगा. धोनी के फैन्स के लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है.

क्रिकेट है सुपरहिट

फिल्म के ट्रेलर में कहीं भी एक सेकेंड के लिए क्रिकेट से इतर नहीं दिखाया गया है. हमारे देश में तो वैसे भी क्रिकेट वैसे भी लोगों के दिल में बसता है और फिल्म के ट्रेलर से ये पता चल रहा है कि फैन्स को काफी मजा आने वाला है.

म्यूजिक और भाषा

फिल्म का म्यूजिक शानदार है और ये ऐसी फिल्म है जिसमें म्यूजिक का खासकर बैकग्राउंड म्यूजिक का खास रोल होता है और जिस तरह सुशांत सिंह राजपूत को बिहार की हिंदी बोलते दिखाई गई है वो भी शानदार है.

सबसे बड़ी बात

ट्रेलर में देखकर कहीं भी ये नही लगा कि फिल्म में कुछ ऐसा दिखाया जाएगा जो धोनी के बारे में लोग नहीं जानते हैं या कहीं नहीं पढ़े हैं.

जल्दबाजी तो नहीं

धोनी अभी भी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं और आगे कई और भी रिकॉर्ड और कीर्तिमान बना सकते हैं. अब जब अभी वो खेल रहे हैं तो फिल्म का अंत क्या दिखाया जाएगा और पिछले 11 सालों में धोनी को लोगों ने देखा है तो उनकी क्रिकेट लाइफ के बारे मे भी सबको बखुबी याद है.

इंप्रेसिव नहीं

सुशांत सिंह राजपूत जरूर ट्रेलर में बहुत अच्छे लगे लेकिन पूरे ट्रेलर की बात की जाए तो ये उतना इंप्रेस नहीं कर पाई.

पर्सनल लाइफ

ट्रेलर से ऐसा लग रहा है कि उनके स्ट्रगल और निजी जिंदगी पर काफी फोकस किया गया है.

ऐसे बनें पार्टी की शान

किसी पार्टी में जाना हो और काम की व्यस्तता में समय न मिले, तो भागमभाग में तैयार होकर पार्टी में जाना तब अखर जाता है, जब सभी महिलाएं सही मेकअप में होती है और हम पार्टी में खुद को कम आंकते हैं. लेकिन आप टेंशन मत लीजिए इसका इलाज है हमारे पास. जानिए खूबसूरत दिखने के लिए मिनटों में कैसे करें मेकअप –

2 मिनट में मेकअप – दो मिनट का समय निकालना कोई मुश्किल काम नहीं है. ये आसान और असरदार भी है. सबसे पहले चेहरे पर फाउंडेशन व आंखों पर लाइट कलर का आई शेडो लगाएं.

चिकबोन पर लाइट शेड का ब्लश ऑन और होठों पर लिप ग्लॉस लगाएं. इस तरह आप 2 मिनट में सॉफ्ट और सोफेस्टिकेटेड लुक के साथ तैयार हो सकती हैं. रोजमर्रा के लिए इतना मेकअप काफी है.

5 मिनट में मेकअप – स्पेशल यानी खास मौके पर जाना हो तो पहले फाउंडेशन लगाएं फिर कॉम्पेक्ट से फाइनल टच दें. इस बार आंखों पर भी थोड़ा ज्यादा मेकअप करें. पहले लाइनर फिर लाइट शेड या दो शेड को मिलाकर आई शेडो लगाएं. आप चाहें तो काजल भी लगा सकती हैं. चिकबोन पर हल्के पिंक या पीच शेड का ब्लश ऑन लगाएं. होठों का मेकअप हल्का रखें. होंठो के लिए लिप ग्लॉस ही काफी है.

10 मिनट में मेकअप – पार्टी में यदि आप कुछ अलग और खास नजर आना चाहती हैं तो मेकअप को 10 मिनट दें. सबसे पहले चेहरे के दाग-धब्बे छुपाने के लिए कंसीलर, फिर केक फाउंडेशन, कॉम्पेक्ट या पैन केक से बेस लगाएं.

आंखों के लिए ग्रे, पर्पल जैसे शेड चुनें. साथ ही इस बार आईलाइनर, मस्कारा और काजल भी लगाएं. ब्लश ऑन थोड़ा डार्क रखें या शाईनर का उपयोग करें. लिपलाइनर से आउटलाइन करके लिपिस्टिक लगाएं. अंत में लिप ग्लॉस से फाइनल टच दें.

वफादारी से प्रेरित फिल्म ‘रुस्तम’

साल 1959 नैवेल ऑफिसर के.एम.नानावटी की घटना से प्रेरित होकर निर्देशक टीनू सुरेश देसाई ने फिल्म ‘रुस्तम’ बनाई. इस फिल्म में अक्षय की जबरदस्त भूमिका देखने को मिली जिसमें उनका साथ दिया इलियाना डिक्रुज ने. फिल्म में कोई मर्डर मिस्ट्री तो नहीं थी, क्योंकि सबको पता चलता है कि मर्डरर कौन है.

ये एक अलग तरह की थ्रिलर फिल्म है. फिल्म में उस दशक के ‘बॉम्बे’ को पूरी तरह से उतारने की कोशिश की गई है जिसमें पहनावे से लेकर साज सज्जा परिवेश सबका ध्यान रखा गया है, जो इसकी खासियत है.

इंटरव्यू के दौरान अक्षय कुमार ने कहा था कि ये फिल्म महिलाओं के लिए समर्पित है और ये सही रहा. उस दशक में ‘एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स’ को पति द्वारा माफ कर देना शायद बड़ी बात थी, क्योंकि आज भी ऐसे संबंधों को कोई पति माफ नहीं कर सकता. फिल्म में मीडिया की खास भूमिका को दर्शाया गया है कि किस तरह से मीडिया ने ‘रुस्तम’ को माफी के लिए भूमिका तैयार की.

फिल्म की कहानी इस प्रकार है

इंडियन नेवी का कमांडर रुस्तम पावरी (अक्षय कुमार) अपनी खबसूरत पत्नी सिंथिया पावरी (इलियाना डिक्रुज) के साथ अपना शादीशुदा जीवन बिता रहा है. रुस्तम को अचानक कुछ महीने के लिए एक सीक्रेट मिशन पर विदेश जाना पड़ता है.

इसी बीच उसका रंगीन मिजाज वाला व्यवसाई दोस्त विक्रम मखीजा (अरजन बाजवा) सिंथिया पर डोरे डालता है और कामयाब भी होता है. इसमें साथ देती है उसकी बहन प्रीती मखीजा (ईशा गुप्ता). दोनों की नजदीकियां हद से ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसे में एक दिन रुस्तम अपनी ड्यूटी से निर्धारित समय से जल्दी वापस आकर घर पर अपनी पत्नी को न देखकर परेशान हो जाता है और विक्रम के घर जाकर उसका मर्डर कर देता है.

खुद पुलिस स्टेशन आकर सरेंडर कर देता है. विक्रम की बहन किसी भी सूरत में रुस्तम को सजा दिलवाना चाहती है और एड़ी चोटी की जोड़ लगाती है. ऐसे ही कई घटनाओं से गुजर कर कहानी अंजाम तक पहुंचती है.

टीनू देसाई ने स्क्रिप्ट को अच्छी तरह से पर्दे पर पेश करने की कोशिश की है अगर थोड़ी कैची वे एडिटिंग के वक्त प्रयोग करते तो फिल्म की रफ्तार थोड़ी और ठीक लगती. अक्षय अपनी वर्दी में खूब जंचे है.

जेल से लेकर कोर्ट रूम में आने तक का हर सीन अच्छा था. छल, धोखा और मर्डर पर बनी इस फिल्म में एक नौ सेना की देश प्रेम को भी दिखाया गया है. इसके अलावा उस समय नौ सेना में लिप्त भ्रष्टाचार को भी ये फिल्म संकेत देती है.

ये सही है कि जब सलमान खान और शाहरुख खान ईद और दीवाली पर फिल्में रिलीज करते है ऐसे में सिर्फ अक्षय ही राष्ट्रीय त्यौहार पर फिल्म रिलीज करने की हिम्मत रखते है. ये वे खुद भी स्वीकारते है कि उनके अंदर देश प्रेम है और इस तरह की स्क्रिप्ट उन्हें आकर्षित करती है.

वकील के भूमिका में सचिन खेड़ेकर ने अच्छा अभिनय किया. फिल्म के गाने उस परिवेश के मुताबिक है. इसे थ्री स्टार दिया जा सकता है.

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