इस 15 अगस्त हमारे देश को आजाद हुए 70 साल होने जा रहे हैं, जो आजादी हमने अपने कई जवानों के शहिद होने के बाद पाई थी. पूरा देश इस दिन देश प्रेम में डूब जाएगा. जगह-जगह अपना तिरंगा झंडा लहराता हुआ नजर आएगा.
इस बार के 15 अगस्त की अलग बात यह है कि यह वीकेंड की छुट्टी के बाद ही मतलब इस बार के वीकेंड की छुट्टियाँ ज़्यादा हैं. है ना यह खुशी की बात! तो इस स्वतंत्रता दिवस अपने परिवार के साथ तैयार हो जाइए इन खास जगहों की यात्रा के लिए, जहां पहुंच आप देशभक्ति के रंग में सराबोर हो जाएँगे.
लाल किला, दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के लाल किले से अच्छी जगह और क्या होगी. सबसे पहले यहाँ सुबह-सुबह तिरंगा झंडा फहराया जाता है. शहीदों को सत्-सत् नमन कर अन्य रंग बिरंगे कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा पेश किए जाने वाले देशभक्ति कार्यक्रम सबसे ज़्यादा दर्शकों का मान मोहते हैं.
इंडिया गेट, दिल्ली
इंडिया गेट का नाम सुनते ही अलग से रूह में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ती है. यहाँ स्थित अमर जवान ज्योति, जो भारतीय सैनिकों का मंदिर है लोगों में देश प्रेम की भावना को और बढ़ा देती है. आपको कई देशभक्ति फिल्मों में इंडिया गेट के नज़ारे देखने को ज़रूर मिलेंगे. रंग दे बसंती का वो सीन तो आप सबको याद ही होगा जब सारे दोस्त इंडिया गेट से गुज़रते हुए इंडिया गेट को सलामी देते जाते हैं.
राज घाट
यमुना नदी के किनारे स्थित राज घाट, महात्मा गाँधी के यादों का स्मारक है. इसके साथ ही जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक भी विजय घाट के नाम से स्थित हैं. हर साल यहाँ आज़ादी के दिन इन महान व्यक्तियों को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है.
वाघा बॉर्डर
वाघा बॉर्डर, पाकिस्तान और भारत के बीच की इकलौती सड़क सीमा है, जहाँ हर साल 15 अगस्त के दिन लोगों का हुजूम उमड़ता है यहाँ के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए. दोनो देश इसी सीमा पर एक दूसरे को आज़ादी की बधाई देते हैं. देशभक्ति गीतों पर लोग नाचते गाते मौज मानते हैं. इस दिन यहाँ लोगों का जोश देखने लायक होता है.
जलियाँवाला बाग
जलियाँवाला नरसंहार भारत का सबसे बड़ा और दुखद नरसंहार था, जिसे पूरा देश कभी नहीं भूल सकता. 13 अप्रेल 1919 बैसाखी वाले दिन ही अमृतसर शहर के जलियाँवाला बाग में रोलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें अँग्रेज़ी ऑफिसर जनरल डायर ने गोलियाँ चलवा दीं. इस क्रूर हत्याकांड के निशान अब भी वहाँ मौजूद हैं.
अल्फ्रेड पार्क,इलाहाबाद
अल्फ्रेड पार्क जिसे कंपनी गार्डेन के नाम से भी जाना जाता है, वही जगह है जहाँ चंद्र शेखर आजाद ने देश के लिए लड़ाई लड़ते हुए अपनी जान गँवाई थी. इसे चंद्र शेखर आजाद पार्क के नाम से भी जाना जाता है. इलाहाबाद का यह सबसे बड़ा पार्क है जहाँ चंद्रशेखर आजाद का स्मारक स्थापित है.
साबरमती आश्रम
गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी के किनारे स्थित साबरमती आश्रम का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका है. सत्याग्रह आंदोलन और दांडी मार्च की शुरुआत यहीं से हुई थी.
झाँसी का किला
झाँसी का किला जहाँ से झाँसी की रानी हमारे देश की सबसे वीर महिला ने देश की आजादी के लिए लड़ाई आरंभ की थी.आज भी हर साल झाँसी का महोत्सव इसे किले में ही मनाया जाता है.
बैरकपोर बाग, कोलकाता
बैरकपोर बाग, पश्चिम बंगाल में स्थित बाग है जिसे मंगल पांडे बाग के नाम से भी जाना जाता है. इस बाग में अँग्रेज़ों का विरोध करने वाले कई भारतीय सैनिकों को सन् 1857 में फाँसी के फंदे पर लटका दिया गया था.
नेताजी भवन
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित नेताजी भवन, एक स्मारक सभागार और संग्रहालय है, जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया था.
तिहाड़ जेल
तिहाड़ जेल अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेर में स्थित अँग्रेज़ी शासकों का जेल है. जहाँ देश की आजादी के लिए लड़ने वाले देशभक्तों को कैदी बना कर रखा गया था. यहाँ उन्हें कई जटिल यातनाओं का सामना करना पड़ा था.