कहां पहनें कौन सा परिधान

‘फर्स्ट इम्प्रेशन इज द लास्ट इम्प्रेशन’ यह तो आपने सुना ही होगा. इसलिए जब भी आप कहीं बाहर जाएं तो इस बात को ध्यान में रखकर ही जाएं, ताकि आपका इंप्रेशन हमेशा सही हो. यह जरूरी नहीं है कि हर जगह तैयार होकर ही जाया जाए, लेकिन अपने पहनावे और तरीके में जगह और मौके के अनुसार बदलाव जरूर करते रहें ताकि देखने वालों की नजर में आप अप-टू-डेट दिखाई दें. इस काम में आपकी मदद करेंगे यह 5 टिप्स –

1. बिजनेस मीटिंग –  अगर आप किसी बिजनेस मीटिंग में जाने वाले हैं और वहां से किसी लंच पर जाने का कार्यक्रम भी है तो आप किसी डार्क कलर की पैंट, ट्राउजर या स्कर्ट पहन सकती हैं. इसके साथ अगर पेस्टल कलर की शर्ट पहनेंगी तो यह आपको बिजनेस वुमन का लुक देगा. इस ड्रेस के साथ हाई हील के बजाए प्लेटफॉर्म हील या फिर ब्लैक, व्हाइट या ब्राउन कलर के सैंड‍ल पहनेंगी और यह बेहतरीन लगेगा.

2. पिकनिक पर – अगर आपका दोस्तों के साथ पिकनिक पर जाने का प्लान है तो बिल्कुल आरामदायक कपड़े और फुटवेयर पहन कर जाएं ताकि‍ आप पिकनिक का आनंद ले पाएं और उठने, बैठने या भागने दौड़ने में किसी प्रकार की परेशानी न हो.

इसके लिए आप केप्री, फुल लैंथ स्कर्ट, शॉर्ट पैंट, प्लाजो या कुर्ता पहन सकते हैं साथ ही स्लीपर, ब्राइट कलर में रबर या प्लास्ट‍िक की चप्पलें आपको कूल बनाएंगी.

3. डेट पर – किसी खास के साथ अगर डेट पर जाने का प्लान है तो दिखावे के लिए कोई ड्रेस पहनने से बेहतर होगा कि आप वही पहनें जिसमें आत्मविश्वास के साथ बैठ सकें.

हां रंगों का चुनाव अपनी त्वचा के रंग और समय के अनुसार करें. ब्लैक, रेड, व्हाइट तो सदाबहार है साथ ही आप पेंसिल हील पहन सकती हैं. गर आपको आरामदायक न लगे तो अपने अनुसार हल्की हील वाली मैचिंग फुटवेयर पहन लें.

4. शादी – किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर शादी में जा रहे हैं ते हमेशा ट्रेडि‍नल ही पहनें साथ ही हील वाल मैचिंग सेंडल.

अगर आप चाहें तो इंडो वेस्टर्न भी पहन सकते हैं, लेकि‍न आपकी ड्रेस बहुत ज्यादा भारी या चमकदार न हो इसका ध्यान रखें. ऐसी ड्रेस घर के फंक्शन में ही अच्छे लगती हैं. हां साड़ी का चयन आप कर सकती हैं.

सोने से पहले क्या करती हैं आप?

कहीं आप भी तो उन लोगों में से नहीं जो सोना तो चाहते हैं लेकिन रात करवट बदल-बदलकर ही बिता देते हैं? क्या आपको भी चैन की नींद नहीं आती?

दिनभर की थकान के बावजूद अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती है तो ये खतरे की घंटी है. दरअसल, जिस तरह सांस लेना, खाना, पीना जरूरी है उसी तरह सोना भी बेहद जरूरी है. नींद नहीं आना या फिर थोड़ी-थोड़ी देर में जगना एक तरह की बीमारी है.

नींद नहीं आने के बहुत से कारण हो सकते हैं. ज्यादातर मामलों में तनाव से जूझ रहे लोगों को नींद नहीं आती है. लेकिन एक स्टडी की मानें तो सोने से पहले हम क्या कर रहे हैं, इससे हमारी नींद पर अच्छा और बुरा असर होता है.

पर आप चाहें तो लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके नींद से जुड़ी इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में हुई इस स्टडी के अनुसार, अगर आप सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपकी नींद पर असर पड़ेगा.

इलेक्ट्रॉनिक चीजों का इस्तेमाल करने से बेहतर है कि आप सोने से पहले कुछ देर मेडिटेशन करें. इसके अलावा सोने वाला कमरा ठंडा हो तो बेहतर होगा. ठंडे कमरे में ज्यादा अच्छी नींद आती है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे अगली सुबह काम करने के लिए ऊर्जा बनी रहती है.

चलिए दून घाटी

अगर आप शहर की जिंदगी और भाग-दौड़ से थक चुके हैं, तो कुछ समय निकालकर दून वैली हो आइए, यह घाटी शांति-सुकून के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है. अगर आप शहर की जिंदगी और भाग-दौड़ से थक चुके हैं, तो कुछ समय निकालकर दून वैली हो आइए, यह घाटी शांति-सुकून के परफेक्ट डेस्टिनेशन है.

दून वैली में देहरादून एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित देहरादून उत्तराखंड का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. रोज की व्यस्तता से थक चुके लोगों के लिए दून घाटी काफी सुकून देने वाली है. देहरादून शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों को मिलाकर हुई है- देहरा शब्द का अर्थ निवास स्थान या डेरा है और दून का अर्थ द्रोण या पर्वत घाटी है. इस घाटी में सौंग और आसन जैसी कई नदियां हैं.

खूबसूरत है घाटी

दून की हरियाली भरी घाटी बेहद खूबसूरत है. हालांकि यह पूरी घाटी भ्रमण के लिए काफी सुकून देने वाली है. गुच्चु पानी, सहस्त्रधारा, डाक पत्थर, बीजापुर नहर, टपकेश्वर, लच्छीवाला, चकराता, वाडिया भूगर्भ विज्ञान संस्थान, वन अनुसंधानशाला आदि यहां के खास स्थान हैं. देहरादून के आसपास की जगहें भी सुंदरता से भरे हैं.

शहर से थोड़ी ही दूर पर रोवर्स केव नामक पिकनिक स्पॉट को ही गुच्चु पानी कहते हैं. यह एक गुफा है, जो दोनों तरफ से पहाड़ी से घिरी हुई है. कहीं-कहीं रास्ता इतना संकरा है कि एक ही आदमी इससे बाहर निकल सकता है. इसमें एक प्राकृतिक जलधारा निकलती है. कहीं-कहीं पानी घुटनों से नीचे तो कहीं छाती तक पहुंच जाता है. हरे-भरे मैदानों और सुंदर बगियों वाला डाक पत्थर एक शांत पिकनिक स्थल है, जो देहरादून-चकराता मार्ग पर स्थित है.

दर्शनीय स्थल

देहरादून और आसपास के पर्यटन स्थलों की बात करें, तो टपकेश्वर मंदिर, मालसी डियर पार्क, कलंगा स्मारक, चंद्रवाणी, साईं दरबार, गुच्चुपानी, वन अनुसंधान संस्थान, तपोवन और वाडिया संस्थान दर्शनीय हैं. इसके अलावा, प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मसूरी, सहस्त्रधारा, चकराता, लाखामंडल और डाक पत्थर की यात्रा की जा सकती है. 

वाइल्डलाइफ का दीदार करना हो, तो राजाजी नेशनल पार्क और मालसी हिरण पार्क जैसे प्रसिद्ध अभयारण्य जा सकते हैं. ट्रैकिंग और रॉफ्टिंग की सुविधा है, फन एंड फूड और फन वैली जैसे मनोरंजन पार्क भी हैं. देहरादून से तकरीबन 95 किलोमीटर दूर शांत, रमणीक और प्रदूषण रहित सैरगाह चकराता स्वच्छ जलवायु के कारण प्रसिद्ध है. नहर के किनारे बच्चों के लिए पाक्र्स एवं झूलों वाला सुंदर पिकनिक स्थल लच्छीवाला है. यह शहर से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर है. घाटी का सबसे पौराणिक और आकर्षक स्थल है टपकेश्वर. यह देहरादून से 5 किलोमीटर दूर अत्यंत दर्शनीय स्थल पहाड़ की गुफा में है. यहां से शिवालिक पहाड़ियों का अप्रतिम सौंदर्य मन को मोह लेता है. यहां शिव दुर्गा लोकप्रिय मंदिर है.

शॉपिंग ऑप्शन

देहरादून में खरीदारी के लिए सबसे मशहूर केंद्र पल्टन बाजार है. इसके अलावा, क्लॉक टावर, राजपुर रोड और एश्ले हॉल के आसपास की दुकानों से भी खरीदारी की जा सकती है. यहां पर आप गिफ्ट आइटम्स, हाथ के बने सामान आदि खरीद सकते हैं. किताबों के शौकीन काफी पहले से चली आ रही इंग्लिश बुक डिपो और उसके पास ही नेताजी ग्रीन बुकशॉप से इन्हें खरीद सकते हैं.

कैसे और कब जाएं

दिल्ली से देहरादून की दूरी करीब 209 किलोमीटर है. ट्रेन, बस और कार के जरिए भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां बरसात को छोड़कर कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन सितंबर-अक्टूबर से जून का मौसम सबसे उपयुक्त माना जाता है.

सलमान ने बर्बाद कर दिया मेरा कॅरियर

सलमान खान जल्द बिग बॉस के नए सीजन के साथ छोटे पर्दे पर वापसी करने वाले हैं. सलमान इस कंट्रोवर्शियल रिएलिटी शो को पिछले सात सालों से होस्ट कर रहे हैं.

इस शो को कंट्रोवर्शियल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें कभी किसी का प्यार, कभी शादी तो कभी झगड़े अकसर ही खबरों में रहते हैं. अब इस शो से जुड़ी एक और बड़ी खबर सामने आ रही है.

बिग बॉस सीजन-5 में शो के कंटेस्टेंट रहे आकाशदीप ने सलमान पर एक बड़ा आरोप लगाया है. आकाश का आरोप है कि सुल्तान सलमान खान ने उनके एक्टिंग कॅरियर को बर्बाद किया है.

आकाश ने कहा, शो पर जो हुआ मैं भूल चुका हूं. लेकिन मुझे नहीं पता कि वो भूले हैं या नहीं. मैंने कभी भी किसी का कॅरियर बर्बाद करने के लिए पीआर एजेंसी हायर नहीं की. मेरे पास छोटा दिमाग नहीं है. खुद को ताकतवर दिखाने के लिए मैं 10 लोगों को साथ नहीं रखता.

आकाश सीजन-5 के बहुत ही चर्चित कंटेस्टेंट थे. अकसर ही घरवालों से उनका विवाद चलता रहता था. हमेशा से ही अपने इसी मसाले से टीआरपी में छाया रहने वाला ये शो जल्द ही अपना नया सीजन लाने वाला है.

इस शो के 16 कंटेस्टेंट में 8 सेलिब्रिटी और 8 कॉमन मैन होने वाले हैं. मतलब साफ है कि इस बार भी कुछ अलग ही देखने को मिलेगा. शो अभी से अपने कंटेस्टेंट्स को लेकर चर्चा में है. खबर है कि शो में एक महिला रेस्लर कविता दलाल को भी इन्विटेशन भेजा गया है. यह वही कविता दलाल ने जिन्होंने अपना पहली फाइट में खली की स्टूडेंट बुलबुल को चित कर दिया था.

प्रतिभा नहीं रंग-रूप की पूछ: प्राची देसाई

अपनी आगामी फिल्म ‘रॉक ऑन-2’ के लिए तैयारी कर रहीं अभिनेत्री प्राची देसाई का कहना है कि फिल्म जगत अन्य चीजों की तुलना में रंग-रूप को ज्यादा महत्व देता है. प्राची ने बताया, “मुझे लगता है कि ऐसे कई प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिन्हें कुछ कारणों से उनके योग्य पद नहीं मिल पाया. मुझे लगता है कि फिल्म जगत रंग-रूप पर ज्यादा ध्यान देता है.”

बॉलीवुड की 27 वर्षीया अभिनेत्री को पिछली बार फिल्म ‘अजहर’ में देखा गया था. इस फिल्म में प्राची को भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद अजहरुद्दीन का किरदार निभाने वाले अभिनेता इमरान हाशमी और संगीता बिजलानी की भूमिका में नजर आईं नरगिस फाखरी के साथ देखा गया था.

प्राची का कहना है कि लोग प्रतिभा को अधिक महत्व नहीं देते हैं. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोग प्रतिभा से अधिक रंग-रूप को जरूरी समझते हैं और फिल्म जगत भी इसी पर ध्यान देता है.”

सलमान ने किया रिजेक्ट, शाहरुख ने डाल दी फिल्म में जान

कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिसे आप बार बार देखना पसंद करते हैं और कितनी भी बार देख लें उसे फिर देखने का मन कर ही जाता है. फिल्म के डॉयलोग से लेकर गाने तक में आप बार बार तालियां बजा उठते हैं. ऐसी ही एक फिल्म है चक दे इंडिया.

9 साल पहले ये फिल्म रिलीज हुई थी लेकिन आज भी हम उस फिल्म को क्यूं याद कर रहे हैं! इस सवाल का जवाब का है शाहरुख खान और इस फिल्म में अन्य कास्ट का शानदार अभिनय और फिल्म की दिल छूने वाली कहानी. फिल्म कई मायनों में अहम थी. कबीर खान के रोल में शाहरुख ने अपनी जान फूंक दी थी.

बहरहाल, आज 9 सालों के बाद हम एक बार फिर फिल्म से जुड़ी कुछ बातें, कुछ यादें ताजा करने जा रहे हैं. बता दें, जिस फिल्म को आज शाहरुख के कॅरियर के बेहतरीन फिल्मों में से एक माना जाता है, उसके लिए शाहरुख पहली पसंद नहीं थे. जी हां शाहरुख से पहले यह किरदार सलमान खान को ऑफर किया गया था. लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

वैसे कहना गलत नहीं होगा की जितने शानदार तरीके से इस रोल को शाहरुख खान ने निभाया कोई और स्टार निभा ही नहीं सकता था.

चक दे इंडिया से जुड़ी कुछ यादें

इंडिया

सलमान खान को फिल्म के नाम में इंडिया शब्द से आपत्ति थी. लेकिन शाहरुख का यह डॉयलोग काफी फेमस हुआ था मुझे स्टेट्स के नाम ना सुनाई देते हैं, न दिखाई देते हैं. सिर्फ एक ही मुल्क का नाम सुनाई देता है. I-N-D-I-A

वार सामने वाले के दिमाग पर करो

वार करना है तो सामने वाले के गोल पर नहीं, सामने वाले के दिमाग पर करो. गोल खुद-ब-खुद हो जाएगा.

70 मिनट

ये है फिल्म का सबसे फेमस डॉयलोग. सत्तर मिनट, सत्तर मिनट हैं तुम्हारे पास. शायद तुम्हारी जिंदगी के सबसे खास 70 मिनट.

टीम

हर टीम में सिर्फ एक ही गुंडा हो सकता है. और इस टीम का गुंडा मैं हूं. 

तिरंगा

पहली बार किसी गोरे को भारत का तिरंगा लहराते देख रहा हूं.

पीछे से नहीं

पीछे से नहीं, मर्दों की तरह आगे से लड़ो. वो क्या है, हमारी हॉकी में छक्के नहीं होते.

इंडिया के लिए

इस टीम को सिर्फ वो प्लेयर्स चाहिए, जो पहले इंडिया के लिए खेल रहे हैं, इंडिया फिर अपनी टीम, अपनी साथियों के लिए और उसके बाद भी अगर थोड़ी बहुत जान बच जाती है तो अपने लिए.

कंगना रनौत ऐसे भागीं…

और दिखाओ याद है? वही इंटरटेनमेंट कंपनी जिन्होंने सनी लियोन वाला शानदार नो स्मोकिंग एड बनाया था? अब वो नया एड कैंपेन लेकर आए हैं.

“Don’tLetHerGo” यानि कि उसे जाने मत दो. एड को डायरेक्ट किया है प्रदीप सरकार ने और यह एड बेहतरीन है. स्वच्छ भारत अभियान पर बने इस एड में कंगना रनौत, रवि किशन और ओमकार कपूर एक साथ आए हैं और उनका साथ दे रही है अमिताभ बच्चन की आवाज.

इस एड की सबसे बेहतरीन बात है इसका आईडिया, भारत की नब्ज पकड़कर लोगों को भारत को साफ रखने की अपील की गई है. कॉन्सेप्ट कुछ यूं है कि लोग एक तरफ लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं और दूसरे तरफ हर जगह कचरा फेंकते हैं. ऐसे में लक्ष्मी माता सबके घरों में लगी फोटो से भाग रही हैं.

बस उनका आंचल उड़ता दिख रहा है. फिर फाइनल लक्ष्मी मईया दिखती हैं, सोने के सिक्कों से भरे घड़े के साथ, लेकिन अब चूंकि लक्ष्मी माता कंगना रनौत हैं तो स्वैग होना तो बनता है. इसलिए माता बाईक पर बैठती है और निकल लेती हैं.

एड जितना ही शिक्षाप्रद है, उतना ही इंटरटेनमेंट भी दे रहा है.

गैस की समस्या का घरेलू इलाज

कई बार ऐसा होता है कि बहुत अधिक मसालेदार खाना खाने से एसिडिटी की प्रॉब्लम हो जाती है. एसिडिटी के चलते भारीपन और पेट दर्द की शिकायत भी हो जाती है.

एसिडिटी एक बहुत ही नॉर्मल प्रॉब्लम है, जिससे अक्सर लोगों को दो-चार होना पड़ता है. अगर आप तले हुए और चटपटे खाने के शौकीन हैं तो आपको भी ये प्रॉब्लम हो जाती होगी.

एसिडिटी एक ऐसी प्रॉब्लम है जिसे आप बिना दवा के घरेलू उपायों की मदद से ही दूर कर सकते हैं.

ये हैं वो 5 चीजें जिनके इस्तेमाल से आप बिना दवा लिए भी एसिडिटी की प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते हैं.

1. आजवायन

एसिडिटी हो जाने पर अजवायन का उपाय बहुत कारगर होता है. दो चम्मच अजवायन को एक कप पानी में अच्छी तरह उबाल लें. जब ये पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर छानकर पी लें. अगर आपको स्वाद अच्छा न लगे तो आप इसमें चुटकीभर नमक भी मिला सकते हैं.

2. आंवला

अगर आपको अक्सर एसिडिटी की शिकायत रहती है तो आंवला खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा. आप चाहें तो घर पर भी आंवला कैंडी बना सकते हैं. वैसे ये बाजार में भी आसानी से मिल जाती है.

3. तुलसी की पत्त‍ियां

तुलसी एक औषधि है. जो सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों के साथ ही एसिडिटी में भी राहत दिलाने का काम करती है.

4. जीरा

जीरा, पेट दर्द, कब्ज और एसिडिटी के इलाज में काफी कारगर है. जीरे को भूनकर काले नमक के साथ खाने से जल्दी आराम मिलता है.

5. हल्दी

दही में हल्दी मिलाकर खाना भी कब्ज और एसिडिटी में फायदेमंद होता है. अगर आपको पेट दर्द, कब्ज और ऐंठन की समस्या है तो दही में हल्दी मिलाकर खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा.

नहीं होगा थ्रेडिंग के दौरान दर्द

ज्यादातर लड़कियों के लिए पार्लर जाने का मतलब सिर्फ थ्रेडिंग करवाना ही होता है. थ्रेडिंग करवाना सबसे सामान्य चीज है. कुछ लड़कियां घर पर ही प्लकर की मदद से आइब्रो सेट कर लेती हैं लेकिन इससे त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है.

पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि थ्रेडिंग करवाना एक दर्दनाक प्रक्रिया है. जिसमें कई बार आंखों से आंसू तक छलक पड़ते हैं. कुछ लोगों की त्वचा तो इतनी कोमल होती हैं कि आइब्रो बनवाने के दौरान उन्हें खून आने की भी शिकायत हो जाती है.

पर आप चाहें तो ये आसान से उपाय अपनाकर अपने इस दर्द को कम कर सकती हैं लेकिन एक बात जो ध्यान रखने वाली है कि आप जिस पार्लर में अब तक आईब्रो बनवाती आ रही हैं वहीं हमेशा बनवाइए. इस तरह आईब्रो बनवाने वाली लड़की या लड़के का हाथ आपके अनुसार सेट हो जाएगा जिससे दर्द कम होगा और शेप भी सही रहेगी.

थ्रेडिंग के दर्द से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय:

1. थ्रेडिंग करवाने के बाद मॉइश्चराइजर या कोई क्रीम जरूर लगाएं. इसके इस्तेमाल से त्वचा को गर्माहट मिलने के साथ ही आराम भी आता है.

2. अगर आपके पास टोनर है तो उसका भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

3. अगर आपके पास इनमें से कोई भी प्रोडक्ट नहीं है तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो प्रभावित जगह पर बर्फ भी रगड़ सकती हैं. इससे खिंचाव कम हो जाता है.

4. अगर आपको थ्रेडिंग करवाने के दौरान बहुत अधिक दर्द होता है तो आप पहले से ही उस जगह मिंट वाला टूथपेस्ट लगा सकती हैं.

5. थ्रेडिंग कराने से पहले पाउडर का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इससे त्वचा मुलायम हो जाती है जिससे बाल आसानी से निकल जाते हैं.

इन उपायों के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आइब्रो बहुत ज्यादा नहीं बढ़ने पाए. बाल जितने बड़े हो जाएंगे, उतना ही अधिक दर्द होगा.

अब व्‍हाट्सएप से कीजिए निवेश

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अब सोशल मीडिया प्‍लैटफॉर्म जैसे व्‍हाट्सएप और दूसरे कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप का सहारा ले रही हैं. इन नई सुविधाओं के जरिए निवेशक म्‍यूचुअल फंडों की  खरीददारी और बिक्री सरल तरीके से लेकिन तेजी से कर पाएंगे.

इन फंड कंपनियों ने अपनाया ये तरीका

म्‍यूचुअल फंड कंपनियों ने निवेशकों की आसानी के साथ-साथ अपना वितरण बढ़ाने के लिए इंटरनेट और मोबाइल का सहारा ले रही हैं. ऐसी कंपनियों में एक्सिस म्‍यूचुअल फंड, रिलायंस म्‍यूचुअल फंड, यूटीआई म्‍यूचुअल फंड, एल एंड टी म्‍यूचुअल फंड, क्‍वांटम म्‍यूचुअल फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्‍यूचुअल फंड शामिल हैं.

इसके अलावा, कई म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अपने ग्राहकों को निवेश करने, पैसे निकालने और फंडों की स्विचिंग की सुविधा मोबाइल फोन पर दे रहे हैं. जो म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अभी इस माध्‍यम को नहीं अपना पाई हैं वह निवेशकों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लेने की तैयारी कर रही है.

क्‍वांटम एसेट मैनेजमेंट कंपनी के कस्‍टमर डिलाइट के प्रमुख हर्षद चेतनवाला के अनुसार, आज के युग में डिजिटलाइजेशन से निवेशकों की सुविधा और सरलता बढ़ जाती है. इंटरनेट के साथ-साथ स्‍मार्टफोन की बढ़ती संख्‍या और डिजिटलाइजेशन को निवेशकों ने हमेशा तरजीह दी है.

निवेशकों द्वारा खरीद-बिक्री को ज्‍यादा सरल बनाने के लिए म्‍यूचुअल फंड कंपनियां ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर ज्‍यादा फोकस कर रही हैं.

ऑनलाइन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार की है जरूरत

वर्तमान में कई म्‍यूचुअल फंड कंपनियां ऑनलाइन निवेश की सुविधा उपलब्‍ध करा रही हैं. लेकिन उद्योग के जानकारों का मानना है कि इसे प्रोत्‍साहित करने और निवेशकों के लिए और यूजर-फ्रेंडली बनाए जाने की जरूरत है. इसके लिए इस प्‍लैटफॉर्म के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को सुधारने के साथ-साथ सक्षमता बढ़ाने की भी जरूरत है.

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भी विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है जो डिजिटल मोड के जरिए प्रोडक्‍ट का वितरण बढ़ाने के मसले पर सुझाव देगा.

सेबी का मानना है कि वितरण चैनल के तौर पर इंटरनेट के इस्‍तेमाल से म्‍यूचुअल फंडों का पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी, विशेष तौर पर युवा निवेशकों को यह चैनल काफी पसंद आएगा.

नियामक के अनुसार, ऑनलाइन की दुनिया तेजी से अपना पांव पसार रही है. ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग, खास तौर से युवा पीढ़ी अब ऑनलाइन लेन-देन जैसे इंटरनेट बैंकिंग, शॉपिंग और टिकटिंग को ज्‍यादा उपयोग कर रहे हैं.

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