ऐसे सुधारिए पैन कार्ड के गलत Information

सरकार जल्द ही एक ऐसी व्यवस्था लागू करने जा रही है जिसकी मदद से आप महज 48 घंटों के भीतर पैन (Permanent Account Number) कार्ड बनवा सकते हैं. आम तौर पर पैन कार्ड बनवाने में 15 दिन का समय लगता है. बिना पैन कार्ड के न तो बेहतर बचत का रास्ता खुलता है और न अधिकतर कंपनियों में सैलरी मिल पाती है. आज हम आपको इन्हीं से जुड़ी काम की बातें बताने जा रहे हैं.

दिलचस्प है कि केंद्र सरकार और आरबीआई ने तकरीबन हर लेन-देन में पैन कार्ड को अनिवार्य कर रखा है. पैसों के इन्वेस्टमेंट के समय भी पैन कार्ड लगाना बेहद जरूरी है. हमनें अपनी पिछली सीरीज में आपको बताया था कि आखिर पैन कार्ड कैसे चुटकियों में बनवाया जा सकता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आपने पैन कार्ड बनवा रखा है और उसमें आपका नाम या अन्य जानकारी गलत छप गई हो तो कैसे चंद मिनटों में आप अपना नाम पूरी तरह से सही करवा सकते हैं.

ये हैं कुछ आसान स्टेप्स

1. दरअसल, ई-मेल के जरिए पैन कार्ड पर अपना नाम सही करवाने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा. इस फॉर्म को आप http://www.incometaxindia.gov.in/archive/changeform.pdf से डाउनलोड कर सकते हैं.

2. इस फॉर्म के साथ आपको नाम सही करवाने के लिए सबूत के तौर पर दस्तावेज भी देने पड़ेंगे. अगर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से हुई गलती के कारण पैन कार्ड पर गलत नाम छपा है तो आप उस दस्तावेज का हवाला दे सकते हैं जिस पर आपका नाम सही छपा है.

3. अगर आपने अपना नाम बाद में बदला है तो आपको उस आधिकारिक गजट की कॉपी देनी पड़ेगी जिसमें नाम में बदलाव छापा जाता है.

4. इसके बाद आपको ई-मेल के जरिए आयकर विभाग से एक मेल प्राप्त होगा. जिसमें आपके बदले हुए नाम का विवरण दिया जाएगा. बस उसे अप्रूव करने के बाद आपका नाम और पता बदल जाएगा. इसमें कुछ दिन का ही समय लगता है.

बनवा सकते हैं डुप्लीकेट कार्ड

यदि किसी व्यक्ति का पैन कार्ड गायब हो जाए या खो जाए, तो उसका परेशान होना लाजमी है. लेकिन, ऐसे में परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, क्योंकि पैन कार्ड भी डुप्लिकेट बन सकता है. इसके लिए आसान से चार स्टेप्स अपनाने होंगे और आपका पैन कार्ड फिर से आपकी जेब में होगा.

जानिए क्या हैं वो चार स्टेप्सः

स्टेप 1

इनकम टैक्स पैन सर्विसेज यूनिट की वेबसाइट पर जाएं. यहां आपको कई विकल्प दिखाई देंगे. इनमें से आप ‘रीप्रिंट ऑफ पैन कॉर्ड’ का विकल्प अपनाना चाहिए. यह उन लोगों के लिए होता है जिन्हें पहले से परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) एलॉट किया जा चुका है, लेकिन उन्हें फिर से पैन कार्ड की जरूरत होती है. इस विकल्प को अपनाने के बाद उस आवेदक को एक नया पैन कार्ड जारी किया जाता है, जिस पर वही नंबर होता है.

स्टेप 2

आपको इस फॉर्म के सभी कॉलम भरने होंगे, लेकिन बायें मार्जिन के बॉक्स में किसी पर भी सही का निशान नहीं लगाना है. उसके बाद आपको 105 रुपए का पेमेंट करना होगा. आप चाहें तो क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए यह भुगतान कर सकते हैं. यह सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद आप जब यह फॉर्म जमा करेंगे, तो आपके सामने एकनॉलेजमेंट रिसीट आएगा.

स्टेप 3

आप इस रिसीट का प्रिंट निकालें. इस पर 2.5 सेमी गुणे 3.5 सेमी आकार का रंगीन फोटोग्राफ चिपकाएं. अपने हस्ताक्षर करें. अगर आप डिमांड ड्राफ्ट या चेक के जरिए भुगतान किया है, तो उसकी प्रति साथ में लगाएं. फिर इसे आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और डेट ऑफ बर्थ के प्रूफ के साथ एनएसडीएल के पुणे स्थित कार्यालय में भेज देना चाहिए.

स्टेप 4

ऑनलाइन आवेदन के 15 दिनों के भीतर एनएसडीएल के कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए. इसके 15 दिनों के भीतर आपको अपना डुप्लीकेट पैन कार्ड मिल जाएगा. आप चाहें तो अपने पैन कार्ड की स्थिति जान सकते हैं. इसके लिए आप NSDLPAN टाइप करें, स्पेस छोड़ कर प्राप्ति सूचना नंबर डालें और उसे 57575 पर भेज दें.

एक से ज्यादा ब्वॉयफ्रेंड होना गुनाह नहीं: आलिया

आलिया भट्ट अपने ‘रिलेशनशिप’ के बारे में बिल्कुल बात नहीं करना चाहतीं. वे महसूस करती हैं कि भारतीय समाज लड़कियों की ‘आजाद खयाली’ को लेकर सहज नहीं है. आलिया को इस बात का डर है कि अगर वे पर्सनल जिंदगी के बारे में ज्यादा चर्चा करेंगी, तो उन पर तोहमतों की बौछार कर दी जाएगी.

बता दें कि सिद्धार्थ मल्होत्रा और आलिया के नजदीकी रिश्ते हमेशा से सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन दोनों में से किसी ने ये बात कभी कबूल नहीं की. आलिया ने हमेशा यही कहा कि प्यार का प्रैक्टिकल अनुभव लेने का उनका बिल्कुल इरादा नहीं है. शादी, प्यार या रिलेशनशिप उनके लिए जरूरी हैं, लेकिन अभी कॅरियर में आगे बढ़ने का वक्त है.

टेलर स्विफ्ट के बारे में ये क्या बोल गई आलिया…

आलिया ने आगे कहा, “मुझे निजी जिंदगी को लेकर बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं होती, पर समाज इसके लिए तैयार नहीं है. भारत में हम एक ऐसी सोसायटी का हिस्सा हैं, जो हर बात को लेकर जजमेंटल है. यहां एक लड़की के कई ब्वॉयफ्रेंड होना अब भी बहुत बड़ी बात मानी जाती है.”

अमेरिकन सिंगर और सॉन्ग राइटर टेलर स्विफ्ट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “स्विफ्ट जिस तरह डेट पर जाती हैं, अगर वे भारतीय होतीं तो उन्हें अपनी रुचियों के लिए शर्मिंदा होना पड़ता. यकीनन, तब टेलर स्विफ्ट का जीवन, इमेज और प्रेजेंस एक दम अलग तरीके की होती.”

आलिया ने ये भी कहा कि, “खुद को बुरी चर्चा से बचाना मेरी जिम्मेदारी है और इसीलिए मैं ‘लव लाइफ’ को लेकर चुप रहती हूं.”

सुपरस्टार हो कर भी सुपरस्टार नहीं हैं शाहरुख

शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ की ऍक्ट्रेस माहिरा खान ने अपने को-स्टार की जमकर तारीफ की है. माहिरा पाकिस्तान की जानी मानी ऍक्ट्रेस हैं. लिहाजा, बॉलीवुड में उनके डेब्यू का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. लेकिन रईस अब पोस्टपोंड होते होते 26 जनवरी तक पहुंच चुकी है.

अपनी सादगी और खूबसूरती की वजह से माहिरा खान काफी पॉपुलर हैं. और भारत में उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है. लिहाजा, हाल ही में माहिरा ने अपने फैंस के साथ फेसबुक चैट किया. जहां फैंस ने उनसे तरह तरह से सवाल किये.  एक फैन ने जब पूछा कि माहिरा ने रईस की शूटिंग के दौरान शाहरुख खान से क्या सीखा.. तो माहिरा ने दिलचस्प जवाब दिया.

माहिरा ने कहा, शाहरुख खान दुनिया के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं, लेकिन वह जब भी सेट पर होते हैं तो सिर्फ बतौर ऍक्टर होते हैं. किंग खान सेट पर कभी भी स्टार की तरह नहीं रहते. वह अपने किरदार पर बहुत मेहनत करते हैं और मैंने शाहरुख से यही सीखा है.

कोई शक नहीं कि शाहरुख इन्हीं खूबियों की वजह से सबके चहेते हैं.

शाहरुख खान की आने वाली फिल्में

रईस

राहुल ढ़ोलकिया की इस फिल्म का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है. फिल्म के ट्रेलर में शाहरुख का काफी डार्क किरदार दिखाया गया है. फिल्म ईद के मौके पर इस साल रिलीज होने वाली थी. अब 26 जनवरी को रिलीज होगी.

डियर जिंदगी इंग्लिश-विंग्लिश

विंग्लिश फेम निर्देशक गौरी शिंदे की अगली फिल्म में शाहरुख खान और आलिया भट्ट को लॉक किया गया है. यह एक अलग तरह की लव स्टोरी होगी. फिल्म 25 नवंबर को रिलीज होगी.

इम्तियाज अली की फिल्म

वहीं, शाहरुख खान ने इम्तियाज अली की अगली फिल्म के लिए भी हामी भर दी है. कोई शक नहीं कि हमें इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है. अफवाहों की मानें तो यह फिल्म गाइड की रीमेक होगी.

आनंद एल राय की फिल्म

शाहरुख खान आनंद एल राय की फिल्म भी कर रहे हैं. बता दें, यह फिल्म एक बौने आदमी पर होगी. शाहरुख के अपोजिट फिल्म में दीपिका दिख सकती हैं.

डॉन 3

हमें पता है कि फिल्म से जुड़ी कोई बात सामने नहीं आई है, लेकिन फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने इतना तो फाइनल कर ही दिया है कि डॉन 3 में शाहरुख खान फाइनल हैं.

आदित्य चोपड़ा की फिल्म

साल 2017 के अंत तक शाहरुख को लेकर आदित्य चोपड़ा अगली फिल्म की शुरूआत करेंगे. यह एक पीरियड ड्रामा होगी, जिसमें शाहरुख योद्धा का किरदार निभाएंगे.

कौन दे रहा है सुल्तान को धोखा

बॉलीवुड के ‘सुल्तान’ यानी सलमान खान के साथ यशराज फिल्मस ने चीटिंग की है. सूत्रों की मानें तो यशराज फिल्म्स की ओर से फिल्म ‘सुल्तान’ की कमाई काफी कम बताई जा रही है, जबकि एक्चुअल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कुछ और ही है.

बता दें, कि सुल्तान जल्द ही 300 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली है. फिलहाल फिल्म की कमाई 298 करोड़ रुपए के आसपास है.

शाहरुख, आमिर जैसी डील चाहते थे सलमान…

सूत्रों के मुताबिक यशराज फिल्म्स और सलमान खान के बीच डील हुई थी, जिसके मुताबिक यदि फिल्म 300 करोड़ पार कर जाती है तो सलमान को पार्टनरशिप में अच्छा खासा हिस्सा मिलेगा. जब आदित्य चोपड़ा ने ‘सुल्तान’ के लिए सलमान से संपर्क किया तो सलमान ने साफ कह दिया था कि वे भी शाहरूख (फैन) और आमिर (धूम-3) जैसी डील ही चाहते हैं. इसके मुताबिक मुनाफे में 80-20 की प्रॉफिट शेयरिंग रहेगी.

सलमान के साथ पहले भी हो चुका है ऐसा…

आदित्य चोपड़ा सलमान की डील से एग्री भी हो गए थे, क्योंकि बड़े स्टार्स आज कल प्रॉफिट में अपना हिस्सा लेते ही हैं. लेकिन अब यशराज फिल्म्स सुल्तान के प्रॉफिट को कम कर बता रहा है. बता दें, सलमान की फिल्म ’एक था टाइगर’ के दौरान भी ऐसा ही हुआ था, जब ट्रेड एनालिस्ट्स ने फिल्म की कमाई 200 करोड़ से ज्यादा बताई थी, जबिक यशराज फिल्म्स ने इसे 199.6 करोड़ रुपए बताया था.

अंधविश्वासी यहां कभी न जायें…

डरावनी दीवारें, रहस्यमय वातावरण और अजीब घटनाएं! कुछ ऐसी ही पहचान हैं इन जगहों की जो. अगर आप आम जगहों से हटकर कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो जरा इस लिस्ट पर गौर फरमाईएगा. आज हम आपको दुनिया के सबसे डरावने पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहें हैं और अगर आप कमजोर दिल के नहीं है, तो आप वहां जाना जरूर पसंद करेंगे.

ओकिघारा, जापान

दुनिया में सुसाइड फॉरेस्ट के नाम से मशहूर ओकिघारा का यह जंगल जापान में माउंट फुजि की तलहटी में बसा है. यहां सैकड़ों की संख्या में हर साल लोग सुसाइड के लिए जाते हैं. सुसाइड किए हुए लोगों की लाशों को हटाने के लिए यहां की लोकल पुलिस सालाना अभियान चलाती है. 2004 में यहां से 108 लाशें बरामद हुई थी. लोगों को सुसाइड से रोकने के लिए पुलिस ने जंगल में जगह-जगह नोटिस बोर्ड लगा रखे हैं, जिन पर लिखा है ‘आपकी जिंदगी आपके पैरेंट्स के लिए एक अनमोल तोहफा है’, और ‘कृपया मरने का निश्चय करने से पूर्व एक बार पुलिस से संपर्क करें.’ कहा जाता है कि जिन लोगों ने यहां सुसाइड किया है, उनकी आत्माओं का यहां वास है.

द प्रिंसेस थियेटर, ऑस्ट्रेलिया

इस थियेटर में 1888 में एक इटैलियन सिंगर फ्रेडेरिक बेकर की स्टेज पर मौत हो गई थी. तब से ऐसा माना जाता है कि उसकी आत्मा यहां भटकती है. कई सालों तक यहां जब कोई भी परफॉर्मेंस होती थी तो उस दौरान फ्रेडरिक के लिए एक सीट रिजर्व रखी जाती थी.

इयुलिया हसडेउ, रोमानिया

रोमानिया में स्थित इस इमारत का निर्माण इयुलिया नाम की 19 साल की लड़की की मौत के बाद उसके पिता ने करवाया था. पिता ने इस महल और अपने पूरे जीवन को लुलिया के लिए समर्पित कर दिया था और आध्यात्मिक हो गए थे. कहते हैं कि इयुलिया के पिता इस इमारत के एक कमरे में इयुलिया की आत्मा से संपर्क किया करते थे. इस कमरे की सारी दीवारें काले रंग से पुती हुई थीं. लोगों का यह मानना है कि आज भी यहां इयुलिया सफेद कपड़ों में रात को टहलती है और पियानो पर दर्दनाक संगीत बजाती है.

मनीला फिल्म सेंटर, फिलीपींस

यह टिपिकल डरावनी जगहों की तरह दिखाई तो नहीं देता है, लेकिन इसे यहां सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है. 1981 में यहां निर्माण कार्य के दौरान 169 मजदूर सीमेंट ढहने से दब गए थे और कई की दर्दनाक मौत हो गई थी. दुर्घटना के बाद करीब 9 घंटे तक कोई रेस्क्यू टीम यहां नहीं पहुंची थी. कहते हैं कि मृत मजदूरों की आत्माएं आज भी यहां भटकती हैं, कई लोग उन्हें देखने और अपने डरावने अनुभव का दावा करते हैं.

यूनियन स्टेशन, फीनिक्स, यूएसए

1950 तक यह स्टेशन, सिटी का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन माना जाता था. लेकिन सिटी में एयरपोर्ट बन जाने के बाद इस स्टेशन को 1955 में बंद कर दिया गया. इसके बाद यहां काम करने वाले एक कर्मचारी को स्टेशन पर चहलकदमी करता भूत दिखाई दिया था. स्टेशन की देखरेख करने वाले डुडले वेल्डन का कहना है कि एक दिन अचानक किसी ने उसके सिर पर मारा, लेकिन उसे दूर-दूर तक कोई दिखाई नहीं दिया.

तो खूब चढ़ेगा मेंहदी का रंग

मेंहदी लगाना न केवल सोलह श्रृंगार में से एक है बल्क‍ि इसे शुभ शगुन के तौर पर भी देखा जाता है. हमारे देश में कोई भी खास मौका हो, हाथों में मेंहदी रचाए बिना पूरा नहीं माना जाता. पर मेंहदी तभी खूबसूरत लगती है, जब उसका रंग गहरा हो और यह सही से रचे. मेहंदी का एक खास गहरा लाल रंग होता है जो हाथों पर बेहद खूबसूरत लगता है.

कई बार ऐसा होता है कि मेंहदी लगी तो बहुत अच्छी होती है लेकिन सही से न रचने के कारण खूबसूरत डिजाइन भी खिलकर नहीं आ पाता. ऐसे में आप इन उपायों को अपनाकर गहरी और खूबसूरत मेंहदी रचा सकती हैं. हालांकि पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी मेंहदी का घोल अच्छे से तैयार किया गया हो.

इन उपायों को अपनाने से गहरी रचेगी मेंहदी :

1. मेंहदी लगाने के बाद धैर्य रखना बहुत जरूरी है. कम से कम पांच से छह घंटे के लिए मेंहदी को हाथों पर रचे रहने दें. इससे मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

2. नींबू और चीनी के घोल के इस्तेमाल से भी मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है. दरअसल, इस घोल को लगाने से मेंहदी ज्यादा देर के लिए हाथों में चिपकी रहती है और इससे उसका रंग गहरा हो जाता है.

3. फ्राइंग पैन में लौंग की कुछ कलियों को डालकर हाथ पर उनका धुंआ लेना भी एक कारगर उपाय है. ऐसा करने से मेंहदी का रंग गहरा हो जाता है.

4. मेंहदी छुड़ाने के लिए पानी का इस्तेमाल न करें. हो सके तो 10 से 12 घंटों तक हाथों पर पानी के इस्तेमाल से बचें. साबुन के इस्तेमाल से दूर ही रहें तो बेहतर होगा. मेंहदी छुड़ाने के बाद सरसों के तेल को हाथों पर मल लें. इन उपायों को अपनाने से मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

ग्रीन टी पीने का ये है सही तरीका

अगर आप फिटनेस के बारे में सोचते हैं और फिट रहने की कोशिश करते हैं तो हो न हो, ग्रीन टी जरूर पीते होंगे. बीते कुछ सालों में ग्रीन टी की लोकप्रियता काफी बढ़ी है.

वजन कम करने वालों का तो ये पसंदीदा पेय है. इसके अलावा स्क‍िन की क्वालिटी सुधारने, मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने और लंबे समय तक एक्ट‍िव बने रहने के लिए भी ग्रीन टी पीना फायदेमंद है. ग्रीन टी फायदेमंद है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप एक के बाद एक कई कप ग्रीन टी पी जाएं.

आमतौर पर लोग ऐसी गलती करते हैं. इसके साथ ही ग्रीन टी पीने का एक सही समय भी तय होना चाहिए, वरना ये नुकसानदेह भी हो सकता है. ग्रीन टी में कैफीन और टेनिन्स पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रिक जूस को डाइल्यूट करके पेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके बहुत अधि‍क इस्तेमाल से चक्कर आने, उल्टी आने और गैस होने जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं.

ग्रीन टी के फायदे पाने के लिए जरूरी है कि आप ग्रीन टी सही समय पर और सही मात्रा में लें.

अगर आपको भी ग्रीन टी के इस्तेमाल का सही समय और तरीका पता नहीं है तो ये टिप्स आपकी मदद करेंगे.

1. खाली पेट कभी भी ग्रीन टी न पिएं.

2. खाना खाने से एक या दो घंटे पहले ही ग्रीन टी पी लें.

3. कुछ लोग ग्रीन टी में दूध और चीनी मिलाकर पीते हैं. ग्रीन टी में चीनी और दूध मिलाने से परहेज करें.

4. ग्रीन टी को शहद के साथ मिलाकर पीना फायदेमंद रहेगा.

5. खाने के तुरंत बाद ग्रीन टी पीना खतरनाक हो सकता है.

6. एक दिन में दो या तीन कप ये ज्यादा ग्रीन टी पीना खतरनाक हो सकता है.

चलिए भारत के आखिरी गांव

बर्फ से लदी पर्वत चोटियों से सटे हरे-भरे घास के मैदानों के बीच से निकलती छोटी-छोटी नदियां, जिनकी सतह पर मौजूद सफेद पत्थरों पर जब सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो अविरल धारा पर उभरते सफेद मोती जैसे प्रतिबिंब को देख ऐसा लगता है कि कहीं यह किसी चित्रकार की कल्पना तो नहीं. भारत-तिब्बत सीमा पर बसा चितकुल (छितकुल) गांव ऐसी ही एक जगह है. इसे भारत का अंतिम गांव भी कहा जाता है. यह समुद्र तल से करीब 3450 मीटर की ऊंचाई पर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित बास्पा घाटी का अंतिम और ऊंचा गांव है.

बास्पा नदी के दाहिने तट पर स्थित इस गांव में स्थानीय देवी माथी के तीन मंदिर बने हुए हैं. इस गांव को किन्नौर जिले का क्राउन भी कहा जाता है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 250 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव प्रकृति की अद्भुत सुंदरता को खुद में समेटे है.

हाटू मंदिर

घुमावदार पहाड़ी रास्तों पर करीब 50 किलोमीटर चलने के बाद शिवालिक पर्वत श्रेणी से घिरे 2710 मीटर की ऊंचाई पर बसा है नारकंडा. नारकंडा भी लोकप्रिय हिल स्टेशन है. नारकंडा से 5 किलोमीटर दूर देवदार के पेड़ों से घिरे 3400 मीटर की ऊंचाई पर हाटू पीक है. यहां लकड़ी से बना हाटू माता का मंदिर है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर रावण की पत्नी मंदोदरी का है.

खतरनाक सड़कें

नारकंडा से रामपुर, सराहन, वांगटू, करच्छम, सांगला से होते हुए दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक सड़कों हैं, इन्हें ड्राइविंग के लिए एक चुनौती माना जाता है. रक्छम रक्छम पहाड़ की ऊंचाइयों पर बसा खूबसूरत गांव है. बर्फ से लदी पर्वत चोटियों के बीच बसे छितकुल से 10 किलोमीटर पहले करीब 3050 मीटर की ऊंचाई पर यह गांव है. यहां से हरे-भरे घास के मैदानों से होते हुए छोटी-छोटी जल धाराएं निकलती हैं, जो आगे चलकर बास्पा नदी में समा जाती हैं.

ट्रैकर्स के लिए अद्भुत जगह

जो लोग एडवेंचर यानी ट्रैकिंग के शौकीन हैं, वे रक्छम से छितकुल के बीच 10 किलोमीटर की लंबी ट्रैकिंग कर सकते हैं. जो लोग इससे भी ज्यादा ट्रैकिंग करने का साहस रखते हैं, वे रक्छम से 12 किलोमीटर का ट्रैक कर रक्छम कांडा तक जा सकते हैं. यहां नदियों के उद्गम स्थल भी दिखाई देंगे.

दर्शनीय स्थल

सांगला वैली के कामरू गांव में करीब 2600 मीटर की ऊंचाई पर कामरू फोर्ट 15वीं शताब्दी में बना था. इसी के प्रांगण में कामाख्या देवी का मंदिर है. लकड़ी का बना यह फोर्ट लकड़ी पर की गई अद्भुत नक्काशी के लिए विख्यात है. यहां पहुंचने के लिए लगभग 500 मीटर पैदल चलना पड़ता है. यहीं से किन्नर कैलाश को भी देखा जा सकता है. यहां से आप रिकांगपियो, पूह विलेज, नाको, काजा होते हुए स्पीति वैली जा सकते हैं.

कब जाएं

छितकुल आने के लिए सही समय अप्रैल से मध्य जून और अगस्त से अक्टूबर तक माना जाता है. लेकिन याद रहे, चाहे चिलचिलाती गर्मी का ही मौसम क्यों न हो अपने साथ गर्म कपड़े हमेशा रखें, क्योंकि यहां बारिश के छींटे भी दिसंबर और जनवरी की कड़कड़ाती सर्दी का अहसास कराने के लिए काफी है.

कैसे पहुंचें

शिमला से किन्नौर के लिए बसें मिल जाती हैं. नजदीक का हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन शिमला में ही है. नेशनल हाईवे 22 पर शिमला से रिकांगपिओ तक का सफर लगभग 10 घंटे का है. आप रिकांगपिओ या फिर रक्छम से छितकुल के लिए बस या फिर किराये की गाड़ी भी ले सकते हैं.

कहां ठहरें

छितकुल में ठहरने और खाने-पीने की उचित व्यवस्था है. यहां आपको आधुनिक सुख-सुविधाओं वाले होटल मिल जाएंगे.

मां हॉस्पिटल में थी और मैं स्टेज पर: भारती

मूल रूप से अमृतसर, पंजाब की रहने वाली भारती सिंह स्टार वन पर आने वाले ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज सीजन 4’ की सेकेंड रनरअप रहीं, जहां वह लल्ली बन कर आईं थी. बाद में उन्होंने कॉमेडी के कई शोज में काम किया.

सैलिब्रिटी डांस रिऐलिटी शो ‘झलक दिखला जा’ में भी एक प्रतियोगी के तौर पर आईं. पहली महिला स्टैंडअप कौमेडियन के रूप में भारती अपनी जिंदगी को सिंड्रैला की कहानी जैसी मानती हैं.

वे अपनी मां से बहुत अटैच हैं. 2 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. वे कहती हैं, ‘‘मैंने कभी नहीं जाना कि पापा का प्यार कैसा होता है? उनकी डांट कैसी होती है? इसलिए शादी के बाद यह तय है कि मैं अपने ससुर को बहुत प्यार करूंगी ताकि अपने पापा की कमी पूरी कर सकूं.’’

भारती कलर्स चैनल पर आने वाले शो ‘कॉमेडी नाइट लाइव’ में चिंटू बन कर लोगों को हंसा रही हैं. आइए, जानते हैं उन की जिंदगी के बारे में थोड़ा करीब से:

क्या आप घर में भी इसी तरह जौली मूड में रहती हैं?

बिलकुल, घर में भी मैं जौली मूड में रहती हूं. मैं ही क्या, मुझ से कहीं ज्यादा मेरी मां जौली मूड में रहती हैं. सच तो यह है कि यह क्वालिटी मुझे अपनी मां से ही मिली है. जब मैं घर जाती हूं तो वे खूब मजेदार बातें करती हैं. ऐसी बातें, जो मुझे बहुत पसंद हैं.

घर में सब आप को लल्ली के रूप में पसंद करते हैं या चिंटू के रूप में?

बचपन की चिंटू और लल्ली ही आज भारती बन गई है. सब मुझे हर रूप में पसंद करते हैं. मैं बहुत मस्तीखोर हूं, लेकिन घर में ज्यादा बोलने या मस्ती करने का समय ही नहीं मिलता. ज्यादातर मैं घर वालों को सोता छोड़ कर आती हूं. सुबह 7 बजे घर से निकल जाती हूं और शाम 5 बजे के बाद ही पैकअप होता है. संडे के दिन भी व्यस्त रहती हूं.

कॉलेज के दिनों में कैसी थीं भारती?

मैं कॉलेज में बहुत सीधी-सादी थी. बोलती अधिक थी पर ऍक्टर नहीं थी. राइफल शूटर थी. यह शौक काफी महंगा था. मगर इच्छा यही रहती थी कि मैं शूटिंग में जाऊं. आज मैं शूटिंग करती तो हूं, बस स्टाइल बदल गया है. राइफल शूटिंग के बजाय कॉमेडी शूटिंग करने लगी हूं.

फिर इस क्षेत्र में कैसे आना हुआ?

कॉमेडी के मेरे गुरु कपिल शर्मा, सुदेश लहरी, राजीव ठाकुर वगैरह मेरे कॉलेज में यूथ फैस्टिवल में आते थे. उन्हें मेरी आवाज पसंद आई थी. ‘लाफ्टर चैलेंज सीजन 4’ के समय उनके कहने पर मैंने इंटरव्यू दिया और मेरा चयन हो गया.

कोई ऐसा लमहा जब आप कमजोर पड़ गई हों?

2008 में मैं लाफ्टर चैलेंज में हिस्सा लेने मुंबई आई थी. हमें होटल में ठहराया गया था. मैं अपनी मां के साथ थी. उसी दौरान मां को अल्सर हो गया. उस दिन वे आईसीयू में थीं और मुझे परफॉरमेंस देने जाना था. मुझे बहुत बुरा लग रहा था. तब मां ने मुझ से कहा कि जा और सब को हंसा. मैंने मन को कड़ा किया. शो तो होना ही था. मैं स्टेज पर गई. ध्यान मां की तरफ लगा था. फिर भी दिल से परफॉर्म किया. सब को बहुत हंसाया. मुझे स्टैंडिंग ओवेशन मिला. सब ने मेरी बहुत तारीफ की. हॉस्पिटल आई तो मां की तबीयत भी बेहतर थी.

आप को डांस करना ज्यादा पसंद है या कॉमेडी?

मुझे दोनों ही बहुत पसंद हैं. मैं अमृतसर से हूं. पंजाबी वैसे ही नाचगाना पसंद करते हैं. फिर कॉमेडी तो मेरा पैशन है ही. तभी तो ऐंट्री लेती हूं, तो डांस करते हुए ताकि दोनों इच्छाएं पूरी हो जाएं.

किसी को डेट कर रही हैं?

नहीं, अभी ऐसा कुछ नहीं है. पर मेरा मानना है कि प्यार और शादी करना कहीं से भी गलत नहीं. इसलिए जब प्यार करूंगी तो बिंदास सब को बताऊंगी इस बारे में. जो अफवाहें उड़ी थीं, मुझे बहुत बुरा लगा था. आखिर जिस टीम के साथ आप हमेशा रहती हैं, घर भी आसपास हो तो उस के साथ आनाजाना

तो होगा ही न.

अपने जीवनसाथी में कैसे गुण चाहती हैं? वह जौली नेचर का होना चाहिए या सीरियस?

मुझे चुप रहने वाले शख्स पसंद हैं. जीवनसाथी ऐसा हो जो मेरी सुने, क्योंकि मैं बहुत बोलती हूं. मैं चाहती हूं कि मेरा जीवनसाथी मुझे समझने वाला हो, सपोर्टिव हो. यदि मैं अपनी कमाई परिवार को दूं तो वह कुछ बोले नहीं. मुझे अपने परिवार का ध्यान रखना है. वह मेरे साथ मेरे परिवार को भी सपोर्ट करे.

गृहशोभा पढ़ती हैं?

बिलकुल पढ़ती हूं. बहुत अच्छी और पुरानी पत्रिका है. यदि मुझे कोई नाम देना हो तो मैं इसे पत्रिकाओं का ‘अमिताभ बच्चन’ कहना चाहूंगी. इस में प्रकाशित कहानियां, लेख, पाठकों की समस्याएं, टिप्स वगैरह सब काफी दिलचस्प होते हैं.

इस हादसे ने किशोर को बना दिया सुरीला

यह कहना गलत नहीं होगा कि बीते जमाने के गायकों को आज की पीढ़ी लगभग बिसारती जा रही हैं. आज युवा पीढ़ी को तड़क-भड़क वाले ‘फास्‍ट सांग’ पसंद हैं, लेकिन किशोर दा इसके अपवाद हैं उनके नगमे आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं. शायद यही ‘खंडवा वाले किशोर कुमार’ की सबसे बड़ी खूबी है. समय भले ही बदल गया हो लेकिन किशोर अभी भी प्रासंगिक हैं.

किशोर को महज गायक के रूप में संबोधित करना उनके साथ ज्‍यादती होगी. बहुमुखी प्रतिभ के धनी यह शख्‍स अभिनेता, गायक, निर्देशक, निर्माता, गीतकार सब कुछ था. यह भी कहा जा सकता है कि हिंदी सिनेमा की गायकी के आसमान पर चकाचौंध बिखेरने के बाद अभिनेता किशोर को लगभग अनदेखा कर दिया गया.

अभिनेता किशोर को वह श्रेय नहीं मिला जिसके वे हकदार थे. 60-70 के दशक में किशोर की गायकी का आलम यह था कि वे राजेश खन्‍ना, देवानंद और अमिताभ बच्‍चन जैसे बड़े सितारों की ‘आवाज’ बन चुके थे.

किशोर की खूबी यही थी कि देव साहब जैसे सीनियर मोस्‍ट अभिनेताओं से लेकर संजय दत्‍त, राजीव कपूर, सनी देओल जैसे उनके समय के नवोदित अभिनेताओं तक पर उनकी आवाज सूट करती थी. योडलिंग और अपने चुलबुलाहट भरी आवाजों से वे गानों में जान फूंकते थे. ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’ और ‘चला जाता हूं किसी की धुन में धड़कते दिल के तराने लिये’ जैसे गाने इसका शानदार उदाहरण हैं.

लेकिन क्‍या आप यकीन करेंगे कि आभास कुमार गांगुली यानी फिल्‍मी दुनिया के किशोर कुमार बचपन में ‘बेसुरे’ थे. उनके गले से सही ढंग से आवाज नहीं निकलती थी लेकिन एक हादसे में उनके गले से इतनी ‘रियाज’ करवाई कि वे सुरीले बन गए.

किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि किशोर का पैर एक बार हंसिए पर पड़ गया. इससे पैर में जख्‍म हो गया. दर्द इतना ज्‍यादा था कि किशोर कई दिन तक रोते रहे.  इतना रोये कि गला खुल गया और उनकी आवाज में ‘जादुई असर’ आ गया.

हरदिल अजीज किशोर कुमार का जन्म मध्‍यप्रदेश के खंडवा में 4 अगस्त, 1929 को हुआ. पिता कुंजीलाल गांगुली मशहूर वकील थे. बचपन से ही किशोर को संगीत को शौक था.  कुंदनलाल (केएल) सहगल को वे आदर्श मानते थे और उन्‍हीं की तर्ज में गाया करते थे.

इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में उन्‍होंने पढ़ाई की. उनके सहपाठी बताते हैं कि मनमौजी किशोर को गाने उल्‍टे करके गाने का शौक था. नाम पूछने पर कहते थे ‘रशोकि रमाकु’. पढ़ाई में अपने प्रश्‍नों के जवाब भी वे गाने के लहजे में याद किया करते थे. चूंकि बड़े भाई अशोक कुमार हिंदी फिल्‍म जगत में सक्रिय थे, ऐसे में किशोर भी फिल्‍मों में किस्‍मत आजमाने बंबई (अब मुंबई) आ गए.

अभिनेता के रूप में उनकी शुरुआत 1946 की फिल्‍म ‘शिकारी’  से हुई. पहली बार गाने का मौका मिला फिल्‍म ‘जिद्दी’ में, इस गाने को देवानंद पर फिल्‍माया गया. यह वह दौर था जब अभिनेता किशोर को अपने गाने के लिए दूसरे सिंगर की आवाज उधार लेनी पड़ती थी.

वैसे तो किशोर ने कई फिल्‍मों में काम किया लेकिन ‘चलती का नाम गाड़ी’ और ‘पड़ोसन’ अभिनेता और गायक के रूप में उनके लिये मील का पत्‍थर रहीं. ‘चलती का नाम गाड़ी’ में उनके दो भाइयों अशोक कुमार और अनूप कुमार ने भी काम किया.

गायक के रूप में किशोर को शुरुआत में बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लिया गया. एक बार एसडी बर्मन जैसे वरिष्‍ठ संगीतकार ने किशोर को सहगल साहब को कॉपी करने के बजाय खुद का स्‍टाइल अपनाने की सलाह दी. इसके बाद तो किशोर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

उन्‍होंने एक के बाद एक सुपरहिट सांग दिये. युवाओं पर उनकी गायकी का जादू चढ़ता गया. उन्‍होंने आठ आठ फिल्मफेयर पुरस्कार हासिल किये. अमर प्रेम, गाइड, आराधना और कटी पतंग, डॉन जैसी फिल्‍मों के आने के बाद तो लोग उनके दीवाने हो गए.

संजीदा हों,  रोमांटिक या फिर मस्‍ती भरे, हर मूड के गाने किशोर बेहद कुशलता से गाते थे. स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर और आशा भोसले के साथ उन्‍हें कई सुपरहिट सांग दिये. आशा ने एक बार कहा था, ‘किशोर के साथ डुएट सांग गाते हुए मुझे अपने को बेहद तैयार करना पड़ता था. किशोर गाना गाते समय अलग तरह की आवाज निकाल इसमें खास टच’ देते थे और उनके मुकाबले के लिए मुझे भी इसी अंदाज में उनका जवाब देना पड़ता था.

गायकी महारत किशोर अपने मूडी और एक हद तक सनकी स्‍वभाव के कारण भी सुर्खियां बटोरते थे. 1975 में आपातकाल के समय एक सरकारी समारोह में भाग लेने से साफ मना कर देने पर तत्कालीन सरकार ने किशोर के गीत आकाशवाणी पर प्रसारित करने पर रोक लगा दी, लेकिन वे नहीं झुके.

किशोर कुमार ने चार शादियां कीं. पहली शादी रूमा देवी से हुई. उसके बाद अभिनेत्री (स्‍वर्गीय) मधुबाला और योगिता बाली से भी उन्‍होंने विवाह किया. रूमा और योगिता से उनकी शादी ज्‍यादा नहीं चल सकी. किशोर ने 1980 में चौथा विवाह एक अन्‍य अभिनेत्री लीना चंदावरकर से किया, जिनसे उनका एक बेटा सुमीत है.

13 अक्टूबर 1987 को 58 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. किशोर की इच्‍छा जिंदगी के अंतिम क्षणों में अपने शहर खंडवा में बसने की थी. उनकी यह इच्‍छा तो पूरी नहीं हो पाई लेकिन उनका अंतिम संस्‍कार खंडवा में ही किया गया. बेशक किशोर को ‘अलविदा’ कहे 25 से अधिक वर्ष हो गए हैं लेकिन उनकी आवाज अभी भी लोगों के दिलों पर राज करती है.

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