चलो इबादतगारों की करें इबादत

भारत में हर धर्म की ऐतिहासिक इमारतों का खजाना भरा हुआ है और इसी कड़ी में पेश है यहां की मशहूर मस्जिदें. अपनी खूबसूरत शिल्‍पकला, वास्‍तुकला और कलाकारी के लिए इनको जाना जाता है और यहां सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है.

1. जामा मस्जिद, पुरानी दिल्‍ली

दिल्ली की जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है. इस आलीशान मस्जिद को शाहजहां ने बनवाया था. इस विशाल मस्जिद का निर्माण 1650 से 1656 तक हुआ.यह मस्जिद मुगलकाल की बेहद खूबसूरत कलात्मक शैली में बनी हुई है.

2. मक्का मस्जिद, हैदराबाद

मक्का मस्जिद हैदराबाद की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है और इसे देश की सबसे बड़ी मस्जिदों में गिना जाता है. मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने 16 वीं सदी में इस मस्जिद का निर्माण करवाया था.

3. ताज-उल-मसाजिद, भोपाल

भोपाल की ताज-उल-मसाजिद भारत की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है. इसे देश की सबसे बड़ी मस्जिद होने का भी गौरव प्राप्त है. इस आलीशान मस्जिद की संरचना बेहद आकर्षक और भव्य है.

4. बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ

लखनऊ स्थित बड़ा इमामबाड़ा को आसिफ इमामबाड़ा के नाम से भी जाना जाता है क्‍योंकि इसे 1783 में लखनऊ के नबाव आसफ-उद-दौला ने बनवाया गया था. बड़ा इमामबाड़ा भारत की सबसे उत्‍कृष्‍ट इमारतों में से एक है.

5. जामा मस्जिद, आगरा

1648 में मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी सबसे प्यारी बेटी जहांआरा बेगम की याद में इस मस्जिद को बनवाया था. यह मस्जिद आगरा के मुख्य आकर्षणों में से एक है.

6. जमाली और कमाली मस्जिद, दिल्ली

यह मस्जिद दिल्ली के महरौली में स्थित है. यहां सोलवहीं शताब्दी के सूफी संत जमाली और कमाली की कब्र मौजूद है. सूफी संत जमाली लोधी हुकूमत के राज कवि थे. इसके बाद बाबर और उनके बेटे हुमायूं के राज तक जमाली को काफी तवज्जो दी गई. माना जाता है कि जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के राज के दौरान पूरा किया गया. जमाली कमाली मस्जिद का निर्माण 1528-29 में किया गया था.

7. कुव्वत-उल-इस्लाम-मस्जिद, दिल्ली

कुव्वत-उल-इस्लाम-मस्जिद का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने करवाया था और यह दिल्ली में कुतुबमीनार के नजदीक स्थित है. यह भारत में निर्मित पहली तुर्क मस्जिद है. इस मस्जिद की सर्वोत्कृष्ट विशेषता उसका ‘मकसूरा’ एवं इसके साथ जुड़ा ‘किबला लिवान’ है. स्थापत्य कला की दृष्टि से यह पहला ऐसा उदाहरण है, जिसमें स्पष्ट हिन्दू प्रभाव परिलक्षित होता है.

8. अढ़ाई दिन का झोपड़ा, अजमेर

अढ़ाई दिन का झोपड़ा एक मस्जिद है जिसके पीछे एक रोचक कथा है. ऐसा माना जाता है कि यह संरचना अढ़ाई दिन में बनाई गई थी. यह भवन मूल रूप से एक संस्कृत विद्यालय था जिसे मोहम्मद गोरी ने 1198 ई. में मस्जिद में बदल दिया था. यह मस्जिद एक दीवार से घिरी हुई है जिसमें 7 मेहराबें हैं, जिन पर कुरान की आयतें लिखी गई हैं.

9. जामा मस्जिद, अजमेर

सफेद संगमरमर से बनी इस मस्जिद का निर्माण शाहजहां ने करवाया था. यह मस्जिद तीन भागों में बंटी हुई है.

10. नगीना मस्जिद, आगरा

आगरे के किले में ही मौजूद है नगीना मस्जिद जिसे दरबार की महिलाओं के लिए बनवाया गया था और इसके अंदर जनाना मीना बाजार था जिसमें केवल महिलाएं ही सामान बेचा करती थी.

11. हजरतबल मस्जिद, जम्‍मू और कश्‍मीर

हजरतबल मस्जिद, डल झील के पश्चिमी ओर स्थित है और यह मुसलमानों का एक महत्‍वपूर्ण धर्मिक स्‍थल है. इस मस्जिद को कई नामों से जाना जाता है जैसे- मदिनात-अस-सनी, असर-ए- शरीफ और दरगाह शरीफ. मस्जिद सफेद संगमरमर से बनी हुई है और देखने में हु- ब-हू हिमालय पर्वत की श्रृंखला की पृष्‍ठभूमि के समान लगती है.

12. जामिया मस्जिद, श्रीनगर

श्रीनगर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है जामिया मस्जिद. ब्रिटिश वास्तुकला में बनी इस मस्जिद की खूबसूरती देखने लायक है. 370 खम्बों पर खड़ी यह मस्जिद इतनी बड़ी है कि इसके अंदर तकरीबन 30,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं.

ज्वाइंट एकाउंट खोलने से पहले जानें जरूरी बातें

क्या आप अपनी पत्नी/पति, माता-पिता, भाई/बहन या बच्चों के साथ ज्वाइंट सेविंग्स एकाउंट खोलना चाहते हैं? आपको बता दें कि सारे बैंक जहां सेविंग एकाउंट्स खोलने की सुविधा है, वहां ज्वाइंट एकाउंट भी खोला जा सकता है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक एक ज्वाइंट एकाउंट खोलने के लिए कितने भी सदस्य हो सकते हैं. इस पर कोई भी लिमिट नहीं है. लेकिन ऐसे कई बैंक हैं, जो चार सदस्यों से ज्यादा की अनुमति नहीं देते. साथ ही किस तरह आप अपना ज्वाइंट एकाउंट ऑपरेट करते हैं यह बात बैंक के साथ किए गए एग्रीमेंट पर निर्भर करता है.

जानिए विभिन्न प्रकार के ज्वाइंट एकाउंट

ज्वाइंट सेविंग्स एकाउंट के साथ कई विकल्प होते हैं, जैसे कि जीवित में से कोई भी एकाउंट ऑपरेट कर सकता है, फॉर्मर या सर्वाइवर यानि कि इसमें से केवल पहला ही एकाउंट चला सकता है.यह सभी टर्म्स इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि आप किस तरह एकाउंट ऑपरेट करते हैं और एकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में उस पैसे का क्या किया जाना है-

1.ईदर या सर्वाइवर (Either or survivor)

यदि आप इस विकल्प का चयन करते हैं तो जीवित ऑपरेटर्स में से कोई भी एकाउंट चला सकता है. उदाहरण के तौर पर ज्वाइंट एकाउंट के होल्डर भाई बहन हैं, तो दोनों ही एकाफंट ऑपरेट कर सकते हैं.

2. फॉर्मर या सर्वाइवर (Former or Survivor)

इस ऑप्शन को चुनने से केवल पहला एकाउंट होल्डर एकाउंट चला सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर पति-पत्नी का ज्वाइंट एकाउंट है और पत्नी पहली एकाउंट होल्डर है तो इस स्थिति में केवल पत्नी ही ऑपरेट कर सकती है.

3. लैटर या सर्वाइवर (Latter or Survivor)

इस ऑप्शन के चयन करने से केवल दूसरा एकाउंट होल्डर एकाउंट ऑपरेट कर सकता है. जैसे पति पत्नी के ज्वाइंट एकाउंट में पत्नी पहली होल्डर और पति दूसरा एकाउंट होल्डर है तो एकाउंट का संचालन पति ही कर सकता है.

अगर कई सारे एकाउंट होल्डर हैं तो उस स्थिति में बैंक एक और विकल्प देते हैं. यह विकल्प एनिवन या सर्वाइवर (anyone or survivor) है. इसके तहत सभी एकाउंट होल्डर एकाउंट ऑपरेट कर सकते हैं.

यदि एकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए तो पैसे का क्या किया जाता है?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अधिसूचना के तहत अगर एक ज्वाइंट एकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो सर्वाइवर को बैंक से पैसा लेने के लिए वैध दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने होंगे, हालांकि सर्वाइवर इस पैसे की देखरेख कानूनी उत्‍तराधिकारी के ट्रस्‍टी के रूप में करेगा (जो कि सर्वाइवर भी हो सकता है),  जब तक कि सर्वाइवर खुद अकेला एकाउंट में शेष राशि हासिल करने वाला लाभार्थी न हो या मरने वाले का अकेला कानूनी वारिस न हो.

यदि मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी एकाउंट में पड़े पैसे को क्लेम करता है तो बैंक सारा पैसा सर्वाइवर को दे देता है. मसलन, अगर बैंक कोर्ट ऑर्डर के अधीन नहीं है तो वह एकाउंट में दिए गए सर्वाइवर के नाम के व्यक्ति को पैसा दे देते हैं. यदि ज्वाइंट एकाउंट के दिशा निर्देश ने यह नहीं लिखा कि अमाउंट सर्वाइवर को जाए तो इस स्थिति में सारा पैसा सर्वाइवर और मृत व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी को बराबर दिया जाएगा.

तुलसी के औषधीय गुण

कुछ लोग इम्युनिटी कमजोर होने के चलते बार-बार सर्दी-खांसी और बुखार की चपेट में आ जाते हैं. बार-बार दवाओं का इस्तेमाल आपके लिए घातक साबित हो सकता है. आप तुलसी की चंद हरी पत्तियों से इन छोटी-छोटी समस्यायों से राहत पा सकते हैं. आपको बता दें कि तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं. ये इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने और आपको तनाव, सिरदर्द व साइनसाइटिस आदि से बचाने में सहायक होते है.

एक अध्ययन के अनुसार, तुलसी की पत्तियां इन्फेक्शन के खिलाफ टी साइटोकिन्स, एनके (नेचर किलर) सेल और टी लिम्फोसाइट्स जैसी इम्यून सेल्स का उत्पादन बढ़ाती हैं. तुलसी में इम्यून-मोडुलेटरी तत्व होते हैं, जिस वजह से ये इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने में भी मददगार है. एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लैमटोरी गुण होने की वजह से ये बुखार कम करने और सर्दी-खांसी के इलाज में भी मदद करती है.

तुलसी की चाय

एक कप गर्म पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डालकर कम से कम दस मिनट का उबालें. बुखार, मलेरिया और डेंगू बुखार से राहत पाने के लिए इसे दिन में दो बार पिएं.

तुलसी का दूध

अगर आपको तेज बुखार है तो आप तुलसी के पत्तों को दूध में डालकर पिएं. इसके लिए आधे लीटर पानी में तुलसी के पत्ते और इलायची पाउडर डालकर उबाल लें. इसमें दूध और चीनी मिलाकर पिएं.

तुलसी का जूस

शरीर का तापमान कम करने के लिए आप तुलसी के पत्तों का जूस भी पी सकते हैं. ये बच्चों के लिए ज्यादा प्रभावी है. 10-15 पत्तों को थोड़े से पानी में मिलाकर जूस निकाल लें. हर दो से तीन घंटे में इसे ठन्डे पानी के साथ पिएं.

चोट के निशान को यूं मिटाएं

अगर आपको दाग धब्बे प्राकृतिक रूप से कम करने हों तो चंदन, टी ट्री ऑयल और नीम्बू के रस का मिश्रण काफी असरदार होता है. इस घर पर बने पैक से आपके दाग धब्बे कम होंगे और लगातार इस्तमाल से यह खत्म भी हो जाएंगे.

इस पैक से दाग धब्बों वाली जगह पर स्वस्थ सेल बनते हैं जिससे दाग धब्बे खत्म हो जाते हैं. निम्बू का रस चेहरे पर ब्लीच का काम भी करता है और यह दाग धब्बे वाली जगह को हल्का कर देता है जिससे दाग धब्बों का रंग कम काला दिखता है.

दाग धब्बों के ऊपर से मृत सेल के हट जाने और नए सेल के आ जाने से इस पैक से दाग धब्बों से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है.

आवश्यक सामग्री

चंदन पॉवडर- 1 बड़ी चम्मच 

टी ट्री ऑयल- 2 छोटे चम्मच 

नीम्बू का रस- 2 छोटे चम्मच

पैक को बनाने और लगाने की विधि

एक कटोरे में बतायी गई सामग्री को मिला लें और पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को दाग धब्बों पर बराबर लगा लें. हल्का मसाज करें और 15 मिनट तक रहने दें. अब साबुन और ठंडे पानी से चेहरा धो लें.

रिकॉर्ड: 7 दिन में 200 करोड़

ईद के मौके पर इस साल रिलीज हुई सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ ने कमाई के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है.

सलमान, अनुष्का स्टारर यह फिल्म 200 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है. यह फिल्म बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म बन गई है जिसने 7 दिन में 200 करोड़ रुपये की बेहतरीन कमाई की है.

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर बताया कि सलमान की अब तक 3 फिल्में (किक, प्रेम रतन धन पायो और सुल्तान) 200 करोड़ क्लब में और एक फिल्म (बजरंगी भाईजान) 300 करोड़ क्लब में पहुंच गई है.

ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने एक और ट्वीट में लिखा कि फिल्म ‘सुल्तान’ ने इतिहास रचा है. पहली हिंदी फिल्म जिसने 7 दिन में 200 करोड़ की कमाई की है. इससे पहले ‘पीके’, ‘बजरंगी भाईजान’ और फिल्म ‘धूम3’ को यह आंकड़ा छूने में 9 दिन का समय लगा था.

फिल्‍म की कुल कमाई की अगर बात करें तो फिल्‍म ने पहले दिन इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 36.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था. दूसरे दिन यानी गुरुवार को फिल्म का कलेक्शन 37.3 करोड़ रुपये रहा. तीसरे दिन यानी शुक्रवार को फिल्म का कलेक्शन 31.5 करोड़ रुपए रहा, जो कि पहले दिन के मुकाबले 5 करोड़ रुपये कम है.

चौथे दिन यानी शनिवार को फिल्म ने लगभग 30 करोड़ रुपये की कमाई की. पांचवे दिन रविवार को 38.21 करोड़ रुपये और छठे दिन यानी सोमवार को 15.54 करोड़ और 6 दिन में फिल्म ने करीब 195.90 करोड़ रुपये की बेहतरीन कमाई की और मंगलवार के आंकड़े अभी साफतौर पर आए नहीं है.

बता दें, ईद के मौके पर रिलीज हुई फिल्म ‘सुल्तान’ में सलमान खान ने हरियाणा के एक पहलवान की भूमिका निभाई है. इस फिल्म में सलमान खान के अपोजिट अनुष्का शर्मा हैं. इस फिल्म को समीक्षकों ने भी अच्छा बताया है. पहली बार अनुष्का और सलमान किसी फिल्म में एकसाथ नजर आएं हैं.

सुल्तान का ‘सुल्तान’ के खिलाफ मामला दर्ज

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक स्थानीय अदालत में सलमान की फिल्म ‘सुल्तान’ पर कथित धोखाधड़ी के मामले में सुनवाई हुई. मुजफ्फरपुर के निवासी मोहम्मद साबिर अंसारी उर्फ साबिर बाबा ने आठ जुलाई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक शिकायत मामला दायर कराया था.

यह शिकायत बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री अनुष्का शर्मा, फिल्म निर्देशक अली जफर अब्बास और अन्य के खिलाफ दर्ज हुई थी.

साबिर का क‍हना था कि पिछले सप्ताह रिलीज ‘सुल्तान’ के कलाकार सलमान ने उन्हें उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म बनाने के लिए रॉयल्टी के रूप में 20 करोड़ रुपये देने का वादा किया था.

उनके वकील सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि साबिर ने साल 2010 में मुंबई में सलमान को अपनी कहानी सुनाई थी और अभिनेता ने वादा किया था कि अगर इस पर फिल्म बनाई गई तो वह इसके बदले उन्हें पैसे देंगे.

सीजेएम, मुजफ्फरपुर राम चंद्र प्रसाद के सामने यह मामला सुनवाई के लिए आया जिन्होंने इसे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एसके त्रिपाठी की अदालत में स्थानान्तरित कर दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. यह मामला कई धाराओं के तहत दर्ज कराया गया है.

सलमान-रितिक के बीच कोल्ड वॉर

आजकल मायानगरी मुंबई से सेलेब्रिटीज के बीच तकरार के किस्से खूब सुनने को मिल रहे है. दीपिका पादुकोण और प्रिंयका चोपड़ा के बाद ताजा मामला सामने आया है बॉलीवुड के दबंग सलमान खान और रितिक रोशन का. खबर है कि आजकल सलमान रितिक रोशन से नाराज चल रहे हैं.

दरअसल आईफा 2016 में सलमान और रितिक के बीच कुछ अनबन हो गई थी और इस अनबन की वजह बॉलीवुड अभिनेत्री डेजी शाह थी. अटकलें है कि सलमान ने आईफा सेरेमनी में रितिक को उनकी चहेती डेजी शाह के साथ परफार्म करने के लिए कहा था, जिसे रितिक ने मना कर दिया.

यंहा तक कि रितिक ने आईफा के ऑर्गेनाइजर को भी साफ मना कर दिया था कि वे डेजी के साथ स्टेज शेयर नहीं करेंगे.

इससे पहले भी सलमान और रितिक के बीच तल्ख होते रिश्तों की खबरें आती रही हैं. रितिक रोशन की फिल्म ‘गुजारिश’ पर सीधा वार करते हुए सलमान ने यहां तक कह दिया था कि “इस फिल्म को तो कोई कुत्ता भी देखने नहीं गया होगा” ( Not even a dog went to watch it). सलमान के इस बयान पर फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने भी नाराजगी जाहिर की थी.

आ सकती है सुल्तान 2!

सलमान खान की फिल्म ‘सुल्तान’ रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर धड़ाधड़ कमाई के रिकॉर्ड बनाने में कामयाब होती नजर आ रही है. रिलीज के पहले ही दिन 40 करोड़ की कमाई कर ‘सुल्तान’ ने कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवा लिए हैं.

अब ‘सुल्तान’ के फैन्स के लिए एक और खुशखरी है. ‘सुल्तान’ के सीक्वल की तैयारी भी शुरू कर दी गई है.

‘सुल्तान’ के सीक्वल की चर्चा को लेकर खबरें आ रही हैं कि आदित्य चोपड़ा ने फिल्म को मिल रहे बेमिसाल रिस्पॉन्स को देखते हुए ‘सुल्तान’ का सीक्वल बनाने का मन बना लिया है और इस पर काम भी शुरू हो गया है.

सूत्रों की मानें तो आदित्य चोपड़ा ने सुल्तान के डायरेक्टर अली अब्बास जफर को सुल्तान 2 की स्क्र‍िप्टिंग करने की बात भी कही है. यही नहीं यह भी चर्चा है कि आदित्य चोपड़ा ने सलमान खान को ‘सुल्तान 2’ का ऑफर दि‍या है जिस पर सलमान ने हामी भी भर दी है.

सलमान को एक बार फिर ‘सुल्तान’ के अंदाज में देखने के लिए फैन्स दिल थाम के इंतजार करेंगे.

चलिए गार्डन की सैर कर आयें

1.बुचार्ट गार्डन

ब्रिट‌िश कोलंबिया के वैंक्यूवर आइसलैंड में है. इससे पहले यह जगह पोर्टलैंड सीमेंट की खदान के तौर पर इस्तेमाल की जाती है, जो 1904 में बंद हो गई. इसके बाद पोर्टलैंड सीमेंट के मालिक की पत्नी जेनी बुचार्ट ने अपने कौशल से इसको तैयार करने में अहम भूमिका निभाई. 55 एकड़ में फैला ये बगीचा 700 अलग-अलग पौधों से सजाया गया है, जो मार्च से अक्टूबर तक खिलते हैं.

2.इशिकावा गार्डन

जापान के सबसे बेहतरीन 3 बगीचों में से एक इशिकावा शांति और सौहार्द का प्रतीक है, केनरोकू-एन-गार्डन. बसंत के मौसम में इस बगीचे में चेरी ब्लॉसम देखने लायक होता है.

3.सैंस सॉउसी गार्डन

सैंस सॉउसी गार्डन जर्मनी के पोट्स डैम में है. फ्रे‌डरिक महान इस बगीचे में खेती करना चाहता था, इसलिए उन्होंने इसे तैयार करवाया था. बाद में यहां से दिखने वाले खूबसूरत नजारे के कारण फ्रे‌डरिक ने इसे गर्मी के मौसम में रहने के लिए घर के तौर

पर तैयार करवाया.

4.मौजेराल गार्डन

मोरक्को के मार्राकेश में फ्रेंच पेंटर जैकस मौजेरोल (1886-1962) ने मौजेराल गार्डन तैयार किया. इसकी खूबसूरती के कारण इसे शहर का दिल भी कहा जाता है. इस बगीचे में इस्लामिक आर्ट म्यूजियम का आनंद ले सकते हैं.

5.क्रिस्टनबोश बॉटेनिकल गार्डन

दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में मशहूर क्रिस्टनबोश बॉटेनिकल गार्डन में अलग-अलग 22 हजार से ज्यादा पौधों की प्रजाति मौजूद है. इसकी अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसका इस्तेमाल दवाइयों और जड़ी-बूटियों में किया जाता है.

6.द मास्टर्स ऑफ नेट्स गार्डन

द मास्टर्स ऑफ नेट्स गार्डन चीन के सुजोहू में स्थित है. यह बगीचा वांगशियुआन नाम से पहचाना जाता है. मंडप, हॉल, संगीत वाले कमरे, बांस के पेड़ों जैसे स्थान इस बगीचे में मौजूद हैं, जिनकी खूबसूरती से देखकर आप होश खो बैठेंगे.

7.रॉयल बोटेनिक गार्डन

इंग्लैंड के क्यू में 132 हेक्टेयर में फैला रॉयल बोटेनिक गार्डन अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है. आप इस लैंडस्केप बगीचे में 150 साल पुराने बोनसाई पेड़ हासिल कर सकते हैं.

8.रॉयल बोटेनिकल गार्डन

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में मौजूद रॉयल बोटेनिकल गार्डन 40 हेक्टेयर में फैला है. इसमें बच्चों का गार्डन, आदिवासी विरासत, वनस्पति संग्रहालय और ऑब्जरवेट्री मौजूद है. विक्टोरियो में यह सबसे मशहूर बोटेनिकल बगीचा है. साल में करीब 15 लाख लोग इसका आनंद लेने आते हैं. इस बगीचे में बच्चों के लिए योगा की सुविधा है.

9.ला पाज वॉटरफॉल गार्डन

ला पाज वॉटरफॉल गार्डन में खूबसूरत राहें, झरने और 100 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां मौजूद हैं. पर्यटक इस बगीचे में निजी जगह बुक कराके इसका आनंद ले सकते हैं. यहां आपको पांच खूबसूरत झरने देखने को मिलेंगे.

10.चेताऊ दे वर्सेल्स गार्डन

फ्रांस के वर्सेल्स में लुईस 15वें की सहमति के बाद फ्रांस के मशहूर लैंडस्केप डिजाइनर आंद्रे ले नोट्रे ने चेताऊ दे वर्सेल्स गार्डन को 17वीं शताब्दी में पेरिस के दक्षिणपश्चिम में तैयार करवाया. राजा चाहते थे कि ये बगीचा वर्सेल्स की शान का प्रतीक बने. 101 हेक्टेयर में फैला ये बगीचा सुंदर फूलों और रास्तों से घिरा है. इस बगीचे को सुंदर सजावटी झील, खूबसूरत पेड़-पौधों और नहर से तैयार किया गया है.

तो इन आधारों पर बैंक पास करते हैं लोन

आपके क्रेडिट स्कोर ज्यादा हैं तो आपको लगता है कि आपके लिए लोन लेना आसान है. लेकिन, यह गलत धारणा है क्योंकि कई बार 900 में 750 प्लस क्रेडिट स्कोर के बावजूद लोन ऐप्लिकेशन रिजेक्ट हो गए. यानी, इतना तो तय है कि लोन देने से पहले बैंक या दूसरी संस्थाएं सिर्फ क्रेडिट स्कोर नहीं बल्कि कई बातों पर गौर करती हैं. आगे की स्लाइड्स पर देखिए, किन आधार पर पास होता है लोन

रिपोर्ट में कॉमेंट पर नजर

क्रेडिट रिपोर्ट में पिछले लोन लेंडर्स के कॉमेंट होते हैं जिनपर अब लोन देने वाले गंभीरता से विचार करते हैं. इन कॉमेंट्स में रीपेमेंट को लेकर आपके पिछले व्यवहार का जिक्र होता है. Written Off, Settled और Days past dues आदि जैसे नेगेटिव रिमार्क्स आपको आगे लोन लेने से रोक सकते हैं.

..तब ईमानदारी भी काम नहीं आती

अगर आप अपनी सैलरी का अच्छा-खासा हिस्सा अभी लोन चुकाने में दे रहे हैं तो बैंक या कंपनियां समझेंगी कि आपको लोन नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि आप आगे पैसे नहीं चुका पाएंगे. उनकी इस सोच पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने पुराने लोन के रीपेमेंट हमेशा समय पर किए हैं.

कर्जखोर हैं तो गड़बड़

अगर आपने पिछले साल लोन लिया और इस साल दुबारा लोन मांग रहे हैं तो बैंक इस सोच में पड़ जाते हैं कि कहीं यह कर्जखोर तो नहीं. यानी, बार-बार कर्ज मांगना भी नुकसान दायक साबित हो सकता है, भले ही रीपेमेंट का आपका ट्रैक रिकॉर्ड कितना भी साफ-सुथरा क्यों ना हो.

टैक्स हिस्ट्री

बैंक कम-से-कम दो सालों से टैक्स पे करने वाले लोगों को तवज्जो देते हैं. इससे किसी खास व्यक्ति के लोन की पत्रता की झलक मिल जाती है. रिटर्न फाइल करने से भी लोगों की फाइनैंशल हैबिट का पता चलता है.

पहले का कर्ज रखता है मायने

लोन देने वाले आपके पहले के लोन का नेचर देखते हैं कि क्या वे सिक्यॉर्ड थे या अनसिक्यॉर्ड. अगर आपने सिक्यॉरिटी या गारेंटर के मार्फत मिलने वाले लोन, मसलन ऑटो लोन या होम लोन आदि ले रखे हों तो बैंकों को बहुत चिंता नहीं होती है.

हालांकि, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड लोन जैसे अनसिक्यॉर्ड लोन ले रखे हों तो अगला लोन देने से पहले बैंक या कंपनियां यह चेक करेंगी कि आपने लोन के कितने आवेदन दे रखे हैं. अगर सिक्यॉर्ड लोन के मुकाबले अनसिक्यॉर्ड लोन का प्रतिशत ज्यादा है तो मुमकिन है कि बैंक आपको अनसेफ कैंडिडेट घोषित कर दें.

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