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पुरुषों की ही तरह महिलाओं को भी जीवन में आगे बढ़ना, विकास करना आकर्षित करता है. उन्हें भी सपने देखने व उन्हें हकीकत में बदलने का अधिकार है. वे भी घररूपी पिंजरे से बाहर निकल कर खुले आसमान में उड़ना और चहकना चाहती हैं. वे भी परिश्रम कर ऊंचाइयां छूना चाहती हैं. आज हर नारी का सफलता के आसमान में सूरज बन कर चमकने का अरमान है. ऐेसे में यह जरूरी है कि अपने परिवार, समाज में खुद के लिए सोचने व काम करने के लिए औरतों को पुरुषों के बराबर अवसर मिलें.
स्पर्धा व संघर्ष की रोक में औरत
आज सभी इस बात से अवगत हैं कि समाज में स्पर्धा का जोर है. जिसे देखो वही दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगा है. गुजराती लेखक हरींद्र दवे ने क्या खूब लिखा है:
‘‘एक रज सूरज बनने को बेचैन,
उदय में जा उड़े, पल भर में अस्त हो चले.’’
आज दुनिया कितनी भी आगे क्यों न निकल गई हो औरत को प्रोफैशनल लैवल पर कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. समाज, घरपरिवार में भी मानसिक सोच, विचार भेद, स्वतंत्रता बाबत बातें झेलनी पड़ती हैं. इतनी रुकावटों के बावजूद औरत मानसिक रूप से पुरुषों से कई गुना मजबूत व सशक्त होती है. वह किसी भी हालात से जूझना जानती है, अपने बूते समस्या का समाधान निकाल लेती है.
प्रस्तुत हैं, आज की औरत के व्यक्तित्व की 3 खूबियों पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण:
बोल्डनैस
प्राचीनकाल से ही औरत को अबला व कमजोर समझा जाता रहा है, जबकि सचाई यह है कि वह प्राचीन समय से सशक्त व्यक्तित्व की स्वामिनी रही है और इस के कई उदाहरण हमारे इतिहास में मौजूद हैं. झांसी की रानी, कस्तूरबा गांधी, सरोजिनी नायडू, कमला नेहरू, विजया लक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी, अरुणा आसफ अली जैसी और न जाने कितनी महिलाएं समाज और महिलाओं के लिए मार्गदर्शक बनीं. इन का नाम आज भी सम्मान से लिया जाता है.
वर्तमान समय की ही बात करें तो सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, बिजनैस वूमन इंद्रा नूई, मैरी कौम, प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण आदि ने अपनी अलग सोच व किसी भी मुद्दे पर बेबाक अपनी बात समाज के सामने रख कर दुनिया में भारत को गौरव दिलाया है.
ब्राइटनैस
ब्राइटनैस आधुनिक नारी के व्यक्तित्व का सबल गुण है. ब्राइट यानी तेज. यह एक ऐसा गुण है, जो दूसरों को प्रभावित करता है. आज की नारी अपनी चपलता और तेजस्विता से सभी को प्रभावित कर रही है. ज्ञान का दूसरा नाम है प्रतिभा और प्रतिभा यानी तेज. आज नारी का ज्ञान आसमान छू रहा है. समाज में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम जोरों पर है. पहले मातापिता अपनी बेटियों को ‘पराई अमानत’, ‘पराया धन’ कह कर नहीं पढ़ाते थे. कहते थे कि लड़कियां पढ़लिख कर क्या करेंगी? उन्हें तो पराए घर जा कर घर का काम ही तो करना है?
परंतु आज इस पुरानी सोच व हालात में परिवर्तन आया है. लड़कों की तुलना में लड़कियां ज्यादा गंभीरता से शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. फिर अब मातापिता भी इस बात को बखूबी समझने लगे हैं कि अगर लड़कियां पढ़ीलिखी होंगी तो उन की घरगृहस्थी भी सुचारु चलेगी.
बे्रन विद ब्यूटी
अपनी सुंदरता व बुद्धि से आज नारी स्वयं को हर क्षेत्र में साबित कर रही है. किसी भी महिला के व्यक्तित्व की यह खासीयत होती है कि वह अपने विकास के साथसाथ अपने साथ जुड़े हर व्यक्ति को भी प्रगति के पथ पर ले कर चलती है. ब्यूटी के 2 प्रकार कहे जा सकते हैं- बाह्य और आंतरिक. नारी में कुदरती रूप से किसी भी व्यक्ति को समझने की शक्ति होती है. पुरुषों की तुलना में महिलाएं किसी भी समस्या का हल आसानी से निकाल सकती हैं. तभी तो कहा गया है कि एक मां सौ शिक्षकों के बराबर होती है.
आज देश में असहिष्णुता, कट्टरवाद, असंवेदनशीलता जैसे विषयों पर खूब बहसें और हंगामे हो रहे हैं. हमारे देश में प्राचीनकाल से ही मां का अपने बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सब से ज्यादा योगदान रहा है. अगर महिलाएं ठान लें तो वे कोई भी मुश्किल काम कर सकती हैं. अगर हमें भावी पीढ़ी को समाज के प्रति संवेदनशील, सहिष्णु बनाना है तो हमें भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मुहिम में भागीदार बनना होगा. सशक्त महिलाएं ही समाज को सही राह दिखाने व सामाजिक मूल्यों को बरकरार रखने में सहायक हो सकती हैं.
हर बार सुपरहिट फिल्म के लिए जानी जाने वाली आलिया पर फिल्म ‘शानदार’ के फ्लौप होने का तमगा लग ही गया, इसलिए आजकल वे हर कदम सोचसमझ कर रख रही हैं. उन की आने वाली फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म ‘शानदार’ में उन के कोस्टार रहे शाहिद कपूर के साथ आ रही है, इसलिए फिल्म के हरेक हिस्से को वे बड़े ध्यान से देख रही हैं. फिल्म के कुछ दृश्यों को आलिया रीशूट कराना चाहती हैं पर इस के लिए फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे तैयार नहीं हुए, क्योंकि वे बेवजह अपनी फिल्म का बजट नहीं बढ़ाना चाहते. पर आलिया की सब से बड़ी चिंता शाहिद के साथ दोबारा काम करने की है. वे नहीं चाहतीं कि इस का हाल भी ‘शानदार’ जैसा हो.
वैलेंटाइन डे प्यार करने वालों के लिए एक खास दिन होता है. इस खास दिन पर अगर आप भी अपने समवन स्पैशल यानी अपने पार्टनर को कुछ स्पैशल अंदाज में सरप्राइज करना चाहती हैं और अपने स्वीट होम की हवा में प्यार की महक को बरकरार रखना चाहती हैं, तो अपने घर को रोमांस व प्यार की डैकोरेशन से इस तरह सजाएं कि आप का वैलेंटाइन डे खास बन जाए.
सिंबल औफ लव
हार्ट शेप गुब्बारे, गुलाब की पत्तियां, हार्ट शेप कुशंस, हार्ट शेप पिलो, गुलाब के फूलों का गुलदस्ता, हार्ट शेप फोटो फ्रेम जिस में हो आप के रोमांटिक पलों की एक खूबसूरत तसवीर. इन सभी चीजों को घर के हर कोने में सजाएं. लाल रंग प्यार का प्रतीक होता है. बैडरूम में लाल रंग की बैडशीट बिछाएं. उस पर हार्ट शेप कुशंस और पिलो सजाएं. बैडरूम की दीवार पर रैड रिबन से अपने वैलेंटाइन के लिए खूबसूरत सा लव मैसेज लिखें.
घर पर करें कैंडल लाइट डिनर
घर से बाहर भीड़भाड़ में कैंडल लाइट डिनर करने के बजाय आप अपने डाइनिंग टेबल पर कैंडल लाइट डिनर करते हुए एकदूसरे के साथ अंतरंग पल बिता सकते हैं. कैंडल लाइट डिनर के लिए टेबल को खास अंदाज में सजाने के लिए टेबल पर रैड व व्हाइट कलर का टेबल क्लौथ बिछाएं. टेबल को रोमांटिक वातावरण देने के लिए उस पर रैड व व्हाइट कैंडल्स लगाएं. खूबसूरत से फ्लौवर वास में रैड रोजेज का बुके सजाएं. चाहें तो ट्रांसपैरेंट ग्लास के बाउल में रोज की पेटल्स डाल कर फ्लोटिंग कैंडल्स भी सजा सकती हैं. डिनर की क्रौकरी भी रैड ऐंड व्हाइट कलर की लें. एक ग्लास में रैड ऐंड व्हाइट कलर के नैपकिन को खूबसूरत स्टाइल में फोल्ड कर के टेबल पर रखें. यकीन मानिए, इस स्पैशल अरैंजमैंट को देख कर आप का पार्टनर खुद को आप के नजदीक आने से रोक नहीं पाएगा. आप बाजार से एक कौफी मग ले कर अपनी दोनों की फोटो उस पर प्रिंट करा कर डाइनिंग टेबल पर रख सकती हैं. टेबल डैकोरेशन का यह अंदाज उन्हें व्यक्तिगत छुअन का एहसास देगा.
ड्राइंगरूम की सजावट
एक फोटो फ्रेम बनवाएं, जिस में अलगअलग रैड हार्ट शेप पेपर पर आप अपने पार्टनर की खूबियों का बखान करें. इस फोटो फ्रेम को आप ड्राइंगरूम में सजा सकती हैं. फोटो फ्रेम के जरीए अब आप के दिल का मैसेज आप के समवन स्पैशल तक पहुंचेगा, तो आप का यह वैलेंटाइन खास बन जाएगा. ड्राइंगरूम में आप कलरफुल फ्लोटिंग हार्ट बैकड्रौप लटका सकती हैं. जब हवा के साथ ये बैकड्रौप लहराएंगे तो हवाओं में प्यार की खुशबू फैल जाएगी. आप चाहें तो रंगबिरंगे लिफाफे में लवनोट्स लिख कर भी टांग सकती हैं.
ड्राइंगरूम में आप हार्ट शेप्ड रैड कलर की पेपर लैंटरन लगा सकती हैं, जिस में से छन कर आती रोशनी आप के प्यार भरे माहौल को और भी रोमांटिक बना देगी
बेशक महिला हमेशा खूबसूरत और जवां दिखना चाहती हैं, लेकिन उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे रोका नहीं जा सकता. हालांकि मेकअप ऐसा विकल्प है, जो चेहरे से कुछ साल तक की उम्र छिपा सकता है, लेकिन चेहरे पर हमेशा मेकअप लगा कर रखना भी संभव नहीं है. 40 की उम्र पार होते ही चेहरे पर बढ़ती उम्र की लकीरें नजर आनी शुरू हो जाती हैं, जो 50 तक पहुंचतेपहुंचते गहरी होती जाती हैं. लेकिन उम्र बढ़ने के बावजूद चमकती और कसी हुई त्वचा सभी की चाहत होती है.
आमतौर पर लोग सुंदरता को कायम रखने के लिए घरेलू उपाय अपनाते हैं, लेकिन अगर घरेलू उपायों के साथ ही आज के नए जमाने की ब्यूटी टैक्नीक का भी सहारा लिया जाए तो लंबे समय तक सैलिब्रिटीज जैसी खूबसूरती बरकरार रह सकती है, जो उम्रदराज होने पर भी अपनी उम्र से छोटी नजर आती हैं. इतना ही नहीं, इस तरह की तकनीक से त्वचा की रंगत भी उजली की जा सकती है, जिसे कई बौलीवुड ऐक्ट्रैस अपना चुकी हैं. इस के लिए आप को किसी ऐक्सपर्ट और ऐक्सपीरियंस्ड डर्मैटोलौजिस्ट और कौस्मैटोलौजिस्ट का चयन करना होता है, जो आप की त्वचा और उम्र के हिसाब से उचित तकनीक का प्रयोग करे.
आइए, जानते हैं कि 40 के पार की महिलाओं के लिए कौनकौन सी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं:
त्वचा की कसावट के लिए बोटोक्स: बोटोक्स का इंजैक्शन मसल्स में लगाया जाता है. यह त्वचा पर उभरी झुर्रियों और लकीरों को मिटान का काम करता है, इसलिए इस से उम्र कम लगने लगती है. हालांकि इस इंजैक्शन का असर स्थाई नहीं रहता. समयसमय पर इसे लगवाते रहना पड़ता है. 30 से 60 साल तक की उम्र के लोग इस का इस्तेमाल कर रहे हैं और 40 से अधिक उम्र के लोगों में इस का प्रचलन अधिक है. इस में एक सिटिंग में क्व8 हजार से क्व12 हजार तक का खर्च आता है.
फिलर्स: त्वचा में कसाव लाने व झुर्रियों को मिटाने के लिए फिलर्स का प्रयोग किया जाता है. यह भी एक तरह का इंजैक्शन होता है और त्वचा की ऊपरी सतह को ही छूता है. यह बोटोक्स की तरह त्वचा के अंदर नहीं जाता. इस की सहायता से चेहरे को आकर्षक शेप में लाया जा सकता है.
लेजर थेरैपी: उम्र के हिसाब से बनने वाले त्वचा के दागधब्बे व गड्ढे मिटाने में यह लेजर थेरैपी कारगर साबित होती है. चेहरे के अनचाहे बालों को हटाने के लिए भी इस थेरैपी का प्रयोग किया जाता है.
लाइपोसक्शन: आमतौर पर 40 की उम्र के बाद से शरीर पर चरबी बढ़ने लगती है, जिस की वजह से शरीर का आकार बेडौल नजर आता है. लाइपोसक्शन ट्रीटमैंट चरबी की समस्या से मुक्ति दिलाता है, इसलिए मोटापा से परेशान लोग इस तकनीक का सहारा लेते हैं. इस के तहत एक छोटी सी सर्जरी के जरीए पेट या शरीर के दूसरे हिस्सों से फैट को गलाया जाता है. यह काम कई बार कुछ इंजैक्शनों की मदद से भी किया जाता है. इस ट्रीटमैंट में ज्यादा कष्ट नहीं होता.
स्किन पौलिशिंग: 40 की उम्र तक आतेआते हमारी त्वचा तमाम तरह के पर्यावरण और शारीरिक बदलाव संबंधी असर झेल चुकी होती है. धूप, टैनिंग, पिगमैंटेशन, दागधब्बे, झांइयां, मुंहासे, हर रोज का प्रदूषण और धूलमिट्टी हमारी त्वचा को धूमिल, अस्वस्थ, रूखी और बेजान बना देती है. धूमिल व बेजान हो चुकी त्वचा की ऊपरी परत को हटा कर इसे दोबारा जवां और निखरी बनाने में माइक्रोडर्माऐब्रोजन के जरीए स्किन पौलिशिंग की प्रक्रिया बेहद कारगर साबित होती है. इस प्रक्रिया में त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए उस में छोटेछोटे क्रिस्टल डाले जाते हैं और उन्हें तकनीकी तरीके से बेहद सौम्यता से त्वचा पर घुमाया जाता है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो आप की त्वचा को ऐक्फोलिएट और पौलिश करती है और त्वचा की अशुद्धियां निकालने की प्राकृतिक क्षमता को बढ़ाती है. आमतौर पर इसे चेहरे, गरदन, पीठ और हाथों को खूबसूरत, मुलायम और दागरहित बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
औक्सीजन इन्फ्यूजन स्किन थेरैपी: औक्सीजन न सिर्फ हमारे जीवन बल्कि शरीर के सभी अंगों की जीवनरेखा होता है. रक्तसंचार के माध्यम से शरीर के सभी हिस्सों, जिस में त्वचा भी शामिल है, तक औक्सीजन पहुंचता है. यह त्वचा की रिपेयरिंग और नवीनीकरण प्रक्रिया को बढ़ाता है और उसे फ्री रैडिकल्स से मुक्त करने में सहायक होता है. पर्यावरण संबंधी कारणों जैसे कि यूवी रेडिएशन और प्रदूषण का हमारी त्वचा और इस के रिपेयर होने एवं नवीनीकरण की प्राकृतिक क्षमता पर असर पड़ता है. औक्सीजन इन्फ्यूजन थेरैपी में त्वचा के भीतर औक्सीजन की डोज दी जाती है, जिस से इस की रिपेयरिंग और नवीनीकरण की क्षमता बढ़ती है. परिणामस्वरूप त्वचा पर से झांइयां, दागधब्बे हटते हैं और यह जवां और निखरी हुई दिखती है. इस में माइक्रोनीडलिंग जैट का इस्तेमाल करते हुए, त्वचा की अंदरूनी परत में औक्सीजन की डोज दी जाती है. यह प्रक्रिया ठीक उसी तरह से काम करती है, जैसे त्वचा के ऊपर लगाया गया कोई नमी बढ़ाने वाला तत्त्व अथवा सीरम करता है.
ब्रोलिफ्ट: ब्रोलिफ्ट यानी भौंहों को तीखापन देने के लिए भी बोटोक्स का इस्तेमाल किया जाता है. बोटोक्स जब किसी मांसपेशी में लगाया जाता है, तब यह मांसपेशी को आराम पहुंचाता है और वहां की बारीक रेखाएं और झुर्रियां हटाता है. आईब्रोज का आकार ठीक करने के लिए जब इस का इस्तेमाल होता है तब डाक्टर उन मांसपेशियों में बोटोक्स लगाते हैं, जिन के चलते भौंहें नीचे की ओर झुकी होती हैं. इस से भौंहों को ऊपर खींचने वाली मांसपेशी फांटेलिस सही ढंग से काम करती है. इस प्रक्रिया में सिर्फ कुछ मिनटों का ही समय लगता है और बेहद आसानी से भौंहों को आर्च शेप दे कर चेहरे को आकर्षक बना दिया जाता है.
त्वचा की चमक के लिए फिलर्स: उम्र बढ़ने पर प्रतिदिन के काम और औफिस व परिवार की जिम्मेदारी निभाना काफी थका देने वाला होता है. साथ ही मौसम की मार, नींद पूरी न होने और खराब खानपान से भी त्वचा पर खराब असर पड़ता है. परिणामस्वरूप त्वचा अपनी प्राकृतिक चमक खो देती है और उस पर बारीक रेखाएं नजर आने लगती हैं. ह्यालुरौनिक ऐसिड बेस्ड फिलर जैसे कि जुवेडर्म रिफाइन का एक सैशन त्वचा की खोई रंगत और चमक लौटा सकता है. अगर त्वचा का उभार कम हो गया है, तो जुवेडर्म वौल्यूमा अपने हाइड्रेटिंग और फिलिंग ह्यालुरौनिक ऐसिड जैल के गुणों से इसे वापस जवां बना देता है. यह प्रक्रिया आंखों के नीचे से काले घेरे व बारीक लाइनें हटाने और आप के होंठों को दिलकश बनाने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है.
स्किन लाइटनिंग: स्किन लाइटनिंग के जरीए फ्रैश और ग्लोइंग लुक आसानी से मिल सकता है. त्वचा के प्रकार के अनुसार डाक्टर यह सुनिश्चित करता है कि स्किन लाइटिंग के लिए किस प्रकार की प्रक्रिया जैसे टौपिकल कौस्मैटिक, कैमिकल पील या लेजर का प्रयोग किया जाएगा. स्किन लाइटनिंग ट्रीटमैंट की शुरुआत से पहले उस के फायदे और साइट इफैक्ट की जानकारी भी ले लेनी जरूरी होती है. ऐडवांस स्किन लाइटिंग ट्रीटमैंट के लिए स्किन टाइप के अनुसार 5-6 सैशन की आवश्यकता होती है. ट्रीटमैंट के कुछ दिनों बाद ही आप को अपनी त्वचा हलकी और उजली नजर आने लगेगी. इस के साथ ही अगर किसी को ऐक्ने, ओपन पोर्स, झुर्रियों या फोटो डैमेज जैसी समस्या है, तो लाइनिंग इफैक्ट के कारण इस में काफी फायदा नजर आएगा. ऐडवांस लेजर में विभिन्न प्रकार के पील्स और कौमेलन ट्रीटमैंट का प्रयोग किया जाता है.
ऐंटीऐजिंग: ऐंटीऐजिंग थेरैपी ओवरऔल फिजिकल कंडीशन को इंपू्रव करती है. परिणामस्वरूप थकान कम महसूस होती है. चाल और पोस्चर में परिवर्तन आता है और कार्यक्षमता बढ़ती है. ऐंटीऐजिंग ट्रीटमैंट के अंतर्गत चेहरे और शरीर के कुछ लक्षणों जैसे फाइन लाइंस, झुर्रियां, ऐज स्पौट, अनईवन स्किन टोन आदि का उपचार किया जाता है.
इलैक्ट्रोलिसिस: इस विधि के जरीए अनचाहे बालों को पूरी तरह जड़ से निकाल दिया जाता है. इस में एक बहुत महीन इलैक्ट्रिक सूई को बालों के रोम में डाल देते हैं, जो बालों को जला कर बाहर निकाल देती है. यह प्रक्रिया महंगी है और इसे विशेषज्ञ से ही करवाएं. जरा सी गलती आप की त्वचा खराब कर सकती है.
लेजर तकनीक: अनचाहे बालों को लेजर द्वारा स्थाई तौर पर हटाया जा सकता है. इस में लगभग 7 से 8 सिटिंग्स लगती हैं. लेजर हेयर रिमूवल की प्रक्रिया में हेयर फौलिकल्स को स्थाई रूप से हटा दिया जाता है. हेयर फौलिकल या बालों की जड़ ही वह जगह होती है जहां से बाल दोबारा उग जाते हैं. यही कारण है कि शेविंग या वैक्सिंग के बाद दोबारा बाल आ जाते हैं. इस प्रक्रिया में हाई ऐनर्जी वाले लेजर का इस्तेमाल कर के हेयर फौलिकल्स को स्थाई रूप से खत्म कर दिया जाता है. ऐसे में बाल वापस नहीं आते हैं. यह प्रक्रिया कई सिटिंग्स में पूरी होती है.
अनचाहे बालों के लिए: अनचाहे बाल महिलाओं की एक आम समस्या हैं. इन को हटाने के तमाम उपाय किए जाते हैं, लेकिन ये दोबारा आ जाते हैं. अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए ऐसे उपाय अपनाने चाहिए, जिस से आप की त्वचा को भी कोई नुकसान न पहुंचे और आप की खूबसूरती भी बरकरार रहे. अनचाहे बालों को हटाने का एक बहुत ही लाभकारी और सब से ज्यादा इस्तेमाल में आने वाला तरीका है वैक्सिंग. वैक्सिंग से अनचाहे बाल पूरी तरह साफ हो जाते हैं और त्वचा मुलायम हो जाती है. चेहरे के बाल हटाने के लिए कटोरी वैक्सिंग की जाती है. वैक्सिंग के बाद बाल लंबे समय तक दोबारा नहीं आते, क्योंकि इस में बालों को त्वचा के अंदर से जड़ों से निकाला जाता है.
-डा. रोहित बतरा, डर्मैटोलौजिस्ट, सर गंगाराम हौस्पिटल
हौट, गौर्जियस और फैब्यूलस लुक के लिए नए ट्रैंड को समझ उसे अपना कर अपनी पर्सनैलिटी में नया निखार लाया जा सकता है. यह जरूरी नहीं कि खूबसूरत दिखने की चाह में घर में सौंदर्य प्रसाधनों की दुकान खोल लें, बल्कि जरूरत है फैशन, ब्यूटी व मेकअप के बदलते ट्रैंड के साथ अपनी पर्सनैलिटी को अपडेट करने की.
पौप रैड ग्लैम लिप्स
इस सीजन में लिप्स के लिए 100% पौप ग्लैम आइडिया बैस्ट रहेगा यानी निओन मेकअप के चलन के साथ हौट रैड, निओन शेड, प्लम शेड और पिंक ग्लैमरस शेड्स का चलन रहेगा, इसलिए लिपस्टिक का चुनाव करते समय थोड़े बोल्ड और ग्लैमरस शेड शामिल करें.
हेयर वर्क
बालों में फंकी पिनअप, अनइवन लुक, रोलर, शाइनिंग, स्ट्रेटनिंग, सौफ्टी रोलिंग, वीविंग, निटिंग, ट्विस्ट पफ, अनटाइडिंग स्मजिंग चोटी, नोटिड बन आदि स्टाइल का चलन रहेगा, जिन्हें ग्लैमराईज करने के लिए आर्टिफिशियल फ्लोरल से डाईग्नल डिजाइन में डैकोरेट किया जाएगा. इस के अलावा जरकन, पर्ल, ग्लिटर, फैदर आदि से न्यू लुक पाने का चलन रहेगा.
निओन मेकअप
2016 के शुरू में निओन मेकअप का चलन रहेगा. अगर आप आत्मविश्वास से भरपूर फन लविंग पर्सनैलिटी की स्वामिनी हैं और यही अपने मेकअप में दर्शाना चाहती हैं तो निओन मेकअप से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं है. अगर आप सब से अलग दिखना चाहती हैं तो अपनी स्किनटोन से
1 शेड लाइटर फाउंडेशन का चुनाव करें. आईशैडो में फन लविंग वाईब्रैंट कलर यलो, औरेंज, पिंक, ब्लू, पर्पल, फ्यूशिया ग्रीन, फ्लोरो ग्रीन, मजैंटा आदि शैड चुनें. वौल्यूमाइजिंग थिक लेयर मसकारा व हैवी ट्रांसपैरेंट लिपग्लौस विद निओन व पेस्टल लिपस्टिक से अपने लुक को कंप्लीट करें. आंखों की क्रीज के लिए वाटरलाइन में व्हाइट लाइनर या पैंसिल का इस्तेमाल करें. यंगर लुकिंग के लिए पिंक शेड ब्राइट लिपस्टिक का चुनाव करें.
हाईलाइटिंग
बालों को हाईलाइट करने में क्रिएटिविटी पर जोर रहेगा. ऐक्सपैरिमैंटल फंकी व निओन हाईलाइटिंग का ट्रैंड रहेगा, जिस में हेयर स्प्रे, हेयर चोक व हेयर ग्लिटर प्रमुख रहेंगे. केवल गोल्डन कौपर हाईलाइटिंग ही नहीं वरन इस बार वाईब्रैंट कलर का भी चलन रहेगा.
शीट मास्क
इंस्टैंट ग्लो के लिए कोरियन शीट मास्क का चलन रहेगा. इस के बेहतर परिणाम के कारण इस का आने वाले सालों में भी ट्रैंड बढ़ेगा. शीट मास्क लगाने में बेहद सरल व सुगम है. यह फेस स्किन को ऐक्सफौलिएशन के द्वारा गजब का निखार देता है. शीट मास्क में ऐंटीऐजिंग, ब्राइटनिंग, हाईड्रेटिंग, मौइश्चराइजिंग, ऐंटीऐक्ने, हाइड्रोजैल, पर्ल मास्क आदि प्रमुख हैं. इन्हें आप औनलाइन भी और्डर कर सकती हैं.
केरैटिन स्मूदनिंग
हेयर ट्रीटमैंट की बात करें तो केरैटिन ट्रीटमैंट का चलन रहेगा. इस में प्रोफैशनल हेयर केयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से डैमेज हेयर्स को रिपेयर करने में मदद तो मिलती ही है, साथ ही हेयर्स को नरिश व विटामिन मैरिन बोटैनिकल की मदद से बालों में स्मूदनैस व शाइन भी आता है.
मैग्नेटिक नेल आर्ट
नेल आर्ट में एक्रेलिक नेल आर्ट डिजाइन व मैग्नैटिक नेलपेंट्स का काफी चलन देखने को मिलेगा. इस के अलावा निओन शेड पेस्टल, गोल्ड डस्ट, थीम बेस, ज्वैल नेल, नेल पियर्सिंग, फ्यूजन टिप नेल आर्ट आदि का चलन रहेगा. इस के साथ रूटीन लाइफ में मार्बल आर्ट, वर्टिकल लाइन, फैदर टच व फ्लोरल और रेनबो का इफैक्ट देखने को मिलेगा. जिन महिलाओं को ग्लिटर नेलपेंट का शौक है उन के लिए ग्लिटर रिमूवर नेल स्क्रबिंग पैड भी मार्केट में उपलब्ध रहेगा.
स्मोकी विद लौंग लैशेज आईज
इस सीजन में स्मूदी, स्मोकी, मैटेलिक फिनिश ऐक्वैटिक और फौरस्टिंग कलर्स का ट्रैंड देखने को मिलेगा. आईज लुक को कंप्लीट करने के लिए लौंग फेयर आर्टिफिशियल लैशेज से आंखों की ब्यूटी को बढ़ाया जाएगा.
ग्राफिक आईलाइनर
इस सीजन में डबल विंग्स वाला स्ट्रेट थिक आउटर कौर्नर वाले कैट लुक आईलाइनर का फैशन रहेगा. ग्लैमरस लुक के लिए आर्टिफिशियल लैशेज के साथ उभार लिए हुए आईलाइनर का उपयोग डबल विंग्स और ज्योमैटिक विंग्स के रूप में खासा पसंद किया जाएगा. इस के अलावा कलर्स मैटेलिक फिनिशिंग लाइनर का भी क्रेज देखने को मिलेगा.
आई ग्लौस
आई ग्लौस आईज मेकअप का ट्रैंड रहेगा, जिस में कार्बन ग्लौस लाइनर हो या वाइब्रैंट ग्लौस. टोटली स्मजफ्री और लौंगलास्टिंग इफैक्ट के साथ बैस्ट आइडियल फौर 1 मिनट टचअप के लिए ट्राई करें लोरियल पैरिस, लैक्मे व कलरबार.
सामग्री
200 ग्राम मशरूम
1 बड़ा चम्मच काजू पेस्ट
2 बड़े चम्मच तेल
10 कलियां लहसुन कटा
1 बड़ा चम्मच अदरक पेस्ट
2 प्याज कटे
2 टमाटर कटे
1/4 बड़ा चम्मच जीरा पाउडर
2 बड़े चम्मच क्रीम
कसूरी मेथी जरूरतानुसार
1 हरीमिर्च कटी
1/4 बड़ा चम्मच हलदी
गरममसाला, मिर्च व नमक स्वादानुसार
थोड़ी सी धनियापत्ती.
विधि
1 पैन में तेल गरम कर के लहसुन और प्याज को सुनहरा होने तक भूनें. अब इस में अदरक पेस्ट, टमाटर, हरीमिर्च, हलदी, गरममसाला व जीरा पाउडर डाल कर भूनें. फिर मशरूम और थोड़ा सा पानी डालें और ढक कर कुछ देर तक पकाएं. अब इस में काजू पेस्ट, क्रीम और कसूरी मेथी व नमक डाल कर भूनें. तैयार हो जाने पर धनियापत्ती से सजा कर सर्व करें.
सामग्री
1 पिज्जा बेस
2 बड़े चम्मच टोमैटो सौस
1 छोटा चम्मच रैड चिली सौस
जरूरतानुसार टौबेस्को सौस
1/2 छोटा चम्मच ओरिगैनो
1 छोटा चम्मच प्याज कटा
1 छोटा चम्मच शिमलामिर्च कटी
1 छोटा चम्मच ग्रीन औलिव कटा
1 छोटा चम्मच जैलपीनो
1 छोटा चम्मच औलिव औयल
थोड़ा सा चीज कद्दूकस किया
नमक व कालीमिर्च पाउडर स्वादानुसार.
विधि
एक बाउल में टोमैटो सौस, रैड चिली सौस, टौबेस्को सौस, ओरिगैनो, प्याज, शिमलामिर्च, ग्रीन औलिव, जैलपीनो, औलिव औयल, नमक व कालीमिर्च डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. तैयार मिश्रण को पिज्जा बेस पर स्प्रैड करें और ऊपर से चीज डाल कर 200 डिग्री तापक्रम पर पहले से गरम ओवन में 10 मिनट तक बेक करें. बेक हो जाने पर पिज्जा कटर से इस की चौड़ी स्टिक्स काटें और गरमगरम सर्व करें.
सामग्री
1 बड़ा चम्मच बटर
1 बड़ा चम्मच गाजर कटी
2 बड़े चम्मच बींस कटी
1 बड़ा चम्मच कौर्न
1/2 कप सूजी
1 कप दूध
1 हरीमिर्च कटी
1/2 छोटा चम्मच गरममसाला
1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च
1 छोटा चम्मच चाटमसाला
3 छोटे चम्मच नीबू रस
1 आलू उबला व मैश किया
2 बड़े चम्मच मैदा
पानी जरूरतानुसार
1/4 कप ब्रैडक्रंब्स
नमक स्वादानुसार.
विधि
एक पैन में बटर पिघला कर गाजर, बींस व कौर्न डाल कर तेज आंच पर क्रंची होने तक भूनें फिर एक प्लेट में निकाल लें. अब इसी पैन में सूजी को सुनहरा होने तक भूनें और फिर इस में दूध डाल कर मिश्रण गाढ़ा होने तक पकाएं. फिर सारी भुनी सब्जियां, उबला आलू, नीबू रस और मसाले इस मिश्रण में डाल कर पकाएं. तैयार मिश्रण से छोटेछोटे नगेट्स तैयार करें. मैदा और पानी मिला कर एक घोल तैयार करें. फिर इस में नगेट्स को डिप कर के ब्रैडक्रंब्स में लपेट कर कुछ देर के लिए फ्रिज में रखें. सैट हो जाने पर डीप फ्राई करें और मनपसंद चटनी के साथ परोसें.