मौक स्ट्राबैरी डागरी

सामग्री

2 बड़े चम्मच स्ट्राबैरी क्रश्ड

11/2 कप कोल्डड्रिंक स्प्राइट या 7 अप

1 बड़ा चम्मच नीबू का रस

1 बड़ा चम्मच स्ट्राबैरी कटी

बर्फ जरूरतानुसार.

विधि

कटी हुई स्ट्राबैरी के अलावा बाकी सारी सामग्री एकसाथ मिला कर अच्छी तरह ब्लैंड कर लें. एक गिलास में कटी हुई स्ट्राबैरी डालें और फिर ब्लैंड की हुई सामग्री डाल कर सर्व करें.

बीन स्क्वेयर

सामग्री

1 बड़ा चम्मच औलिव औयल

1/2 छोटा चम्मच लहसुन कटा

1/2 छोटा चम्मच हरीमिर्च पेस्ट

1 छोटा चम्मच मिक्स्ड हर्ब

1 प्याज बारीक कटा

1/4 कप शिमलामिर्च कटी

1 टमाटर कटा

2 बड़े चम्मच टोमैटो सौस

1 बड़ा चम्मच रैड चिली सौस

1/2 कप बींस बेक्ड

1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च कुटी

2 चीजक्यूब्स कद्दूकस की

ब्रैड जरूरतानुसार

नमक स्वादानुसार.

विधि

एक पैन में औलिव औयल गरम कर के इस में हरीमिर्च पेस्ट, लहसुन व प्याज डाल कर सुनहरा होने तक भूनें. फिर शिमलामिर्च, टमाटर, टोमैटो सौस, रैड चिली सौस व बेक्ड बींस डाल कर अच्छी तरह पकाएं. अब कालीमिर्च, चीज क्यूब्स और मिक्स्ड हर्ब व नमक मिला कर कुछ देर भूनें. 1 ब्रैडस्लाइस को किनारों से 1/2 इंच छोड़ते हुए काट कर बीच का हिस्सा निकाल दें. अब 1 और ब्रैडस्लाइस ले कर उस पर थोड़ा औलिव औयल लगाएं व कटी हुई ब्रैड के स्क्वेयर रिंग को इस के ऊपर सैट करें. इस पर भी औलिव औयल लगाएं और फिर तैयार मिश्रण को इस में भर कर 250 डिग्री तापक्रम पर पहले से गरम ओवन में 10 मिनट तक बेक करें. फिर गरमगरम सर्व करें.

घूंघट उठाना भी है एक कला

कहावत है कि शादी एक ऐसा लड्डू है, जिसे खाने वाला भी पछताता है और न खाने वाला भी. इसलिए हमारी राय है कि जब दोनों ही सूरत में पछताना है, तो फिर लड्डू क्यों छोड़ा जाए?

अब अगर आप ने शादी करने का फैसला कर ही लिया है, तो हमें आप से पूरी हमदर्दी है और इसी हमदर्दी के तहत हम आप को अपने तजरबों से हासिल किए कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिन पर गौर कर आप अपनी दुलहन के मन पर अपनी मुहब्बत की मुहर लगा सकते हैं.

हां यह बात अलग है कि हम अपने तजरबों का फायदा न उठा सके, कम से कम आप ही फायदा उठा सकें तो हमें संतोष होगा.

शादी के बाद दूल्हे के इम्तिहान की पहली घड़ी तब आती है जब सुहागरात में उसे दुलहन का घूंघट उठाना पड़ता है. तो जानिए इस इम्तिहान में अच्छे नंबरों से पास होने के ये टिप्स:

दुलहन का घूंघट उठाना भी एक कला है और जिस तरह दूसरी कलाओं को साधने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह घूंघट उठाने के लिए भी प्रैक्टिस की जरूरत होती है. अब यह प्रैक्टिस किस के साथ करें, यह फैसला तो आप ही कर सकते हैं. हम सिर्फ इतना बता सकते हैं कि घूंघट जरा नजाकत के साथ उठाना सीख लें ताकि ऐन वक्त पर आप के हाथ न कांपने लगें.

कुछ खूबसूरत शेर याद कर लें, जिन्हें दुलहन के चांद से मुखड़े को देखते ही फटाफट बोलना शुरू कर दें. हां, शेर का मतलब जरूर समझ लें वरना पोल खुलने का खतरा हो सकता है.

अपने चेहरे पर कम से कम डेढ़ सैंटीमीटर मुसकान जरूर रखें, क्योंकि दुलहन भी तो आप का चेहरा देखेगी.

दुलहन की सुंदरता की तारीफ करने के लिए कुछ फिल्मी संवाद अच्छी तरह याद कर लें. इन में कुछ सुंदर उपमाओं का होना भी जरूरी है. जैसे चांद सा मुखड़ा, हिरनी सी आंखें, गुलाब की पंखुडि़यों जैसे होंठ, सुराहीदार गरदन, रेशमी जुल्फें वगैरहवगैरह.

घूंघट उठाने से पहले अपनी आवाज साफ और मधुर रखने की कोशिश करें. आवाज को धीमा और रोमांटिक रखें. हकलाने से काम बिगड़ सकता है.

घूंघट उठाने में न जल्दबाजी करें और न ही इतनी देर लगाएं कि दुलहन खुदबखुद घूंघट उठा कर कहे, लो देखो मेरा चांद सा मुखड़ा.

घूंघट उठाते समय अपने चेहरे पर मासूमियत का मुरब्बा चढ़ा कर रखें ताकि दुलहन पहली नजर में ही आप को शरीफ इनसान समझने का धोखा खा जाए.

दुलहन का चेहरा देखने के बाद उसे कोई न कोई कीमती तोहफा जरूर दें, भले ही आप को इस के लिए दोस्त से रुपए उधार लेने पड़ें.

दुलहन से बातें करते समय उस के मायके वालों की तारीफ के जितने पुल बांध सकें, बांधें.

दुलहन के सामने भूल कर भी अपनी प्रेमिकाओं का जिक्र न करें वरना सुहाग की सेज जंग का अखाड़ा बन सकती है.

 दुलहन का हाथ अपने हाथ में ले कर प्यार से चूमें और मन ही मन कामना करें कि यह हाथ कभी बेलन या सैंडल को हथियार न बनाए.

दुलहन के आगे सिर झुका कर बातें करें. आखिर आगे भी तो आप को ऐसा करना है न.

दुलहन से चांदतारे तोड़ कर लाने और धरती को आकाश से मिलाने का वादा करें, मगर भूल कर भी साड़ीजेवर दिलाने का ऐसा वादा न करें, जिसे पूरा करने में आप गंजे हो जाएं.

भले ही आप की जेब का दिवाला निकल चुका हो, मगर दुलहन को यही यकीन दिलाएं कि आप उस की हर फरमाइश पूरी करने की ताकत रखते हैं.

प्यारमुहब्बत के मामले में खुद को अनाड़ी जाहिर करें ताकि दुलहन की गलतफहमी बनी रहे कि आप उस की मुट्ठी में रहेंगे.

बातबात पर अपनी जिंदादिली का सुबूत पेश करें, हंसीमजाक से दुलहन का मनोरंजन करें, क्योंकि शायद यह आप के हंसने का आखिरी मौका हो.

दुलहन की अदाओं पर मरने की ऐक्टिंग करें, बाद में भले ही खुदकुशी का इरादा करना पड़े.

दुलहन को भविष्य के रंगीन सपने जरूर दिखाएं, चाहे आप के सपने ब्लैक ऐंड व्हाइट भी न रहें.

दूसरों के सामने खुद को निडर भले ही जाहिर करें, मगर दुलहन के सामने अकड़ने का नाम भी न लें वरना जिंदगी भर अकड़ने की नौबत नहीं आएगी.

दुलहन को अच्छी तरह यकीन दिला दें कि शादी के बाद आप किसी दूसरी लड़की को आंख उठा कर भी नहीं देखेंगे. आप के सिर और आंखों की सलामती इसी में है.

अपनी समय की पाबंदी का सुबूत दें ताकि दुलहन समझे कि आप औफिस से सीधे घर ही आएंगे.

अपनी आदतों के बारे में यही कहें कि आप को झूठ बोलने के अलावा और कोई बुरी आदत नहीं है. यही आप का सब से बड़ा झूठ होगा.

दुलहन से गाना सुनाने की फरमाइश जरूर करें. अगर वह गाने लगे तो आप झूमने लगें, लेकिन गलती से भी संगीतप्रेमी बनने की कोशिश न करें वरना रात भर गाने सुनने पड़ सकते हैं.

हो सके तो अपने घर वालों की बुराई करें ताकि दुलहन आप को अपना सच्चा हमसफर समझे.

दुलहन के लाख पूछने पर भी अपनी असली आमदनी बताने की भूल न करें वरना सारी जिंदगी उस के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा..

प्लस साइज को कर लिया जीरो साइज

कुछ समय पहले आई फिल्म ‘दम लगा के हइशा’ की मोटी हीरोइन भूमि को देख कर किसी ने नहीं सोचा था कि यह प्लस साइज की बाला एकदम से जीरो साइज की हो जाएगी. पिछले दिनों भूमि ने अपना वजन कम करने के बाद का फोटो पहले के फोटो के साथ पोस्ट किया. आज की भूमि को देख कर यह कहीं से नहीं लगता कि यह वही मोटी वाली भूमि होगी. वजन कम करने के बारे में वे बताती हैं कि यह सब करिश्मा पानी की वजह से हुआ है. मैं एक दिन में 6-7 लिटर पानी पीती हूं, जिस की वजह से सारे ऐंटीऔक्साइड बौडी से बाहर हो जाते हैं. इस के साथ ही बैलेंस्ड डाइट व लैमन वाटर लेती हूं, जिस का रिजल्ट अब सब के सामने है.

आलू कोरमा

सामग्री

250 ग्राम छोटे आलू

1 छोटा चम्मच जीरा

1 छोटा चम्मच सौंफ पाउडर

1/4 कप प्याज बारीक कटा

2 छोटे चम्मच अदरक व लहसुन पेस्ट

मीडियम आकार के 2-3 टमाटरों की प्यूरी

1/2 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 बड़ा चम्मच खसखस पाउडर

1 कप ताजा नारियल कद्दूकस किया

1 छोटा चम्मच मिर्च पाउडर

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

4 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल

नमक स्वादानुसार

सजाने के लिए थोड़ी सी धनियापत्ती कटी.

विधि

आलुओं को प्रैशरकुकर में पानी के साथ 1 सीटी आने से पहले ही आंच बंद कर दें. आलू कम गलने चाहिए ताकि उन के छिलके उतारे जा सकें. छिलके उतार कर ठंडा कर कांटे से हर आलू को चारों तरफ से गोद दें. अब खसखस और नारियल को मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें. एक नौनस्टिक पैन में 2 बड़े चम्मच तेल गरम कर आलू सौते करें. बचे तेल को प्रैशरकुकर में डाल कर जीरा तड़का कर प्याज से पारदर्शी होने तक भूनें. अब इस में अदरकलहसुन पेस्ट डाल कर 2 मिनट भूनें. फिर नारियल पेस्ट डाल कर तेल छूटने तक भूनें. इस में टोमैटो प्यूरी डालें और साथ ही सूखे मसाले भी. जब सब अच्छी तरह भुन जाएं तो आलू डाल कर 2 कप पानी व नमक डालें और 1 सीटी आने तक पकाएं. सब्जी के ऊपर गरममसाला बुरकें और फिर धनियापत्ती बुरक दें. आलू कोरमा तैयार है.

लखनऊ: चप्पे चप्पे पर आपको दिखेगी नवाबी शान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गोमती नदी के किनारे बसा है. नवाबों के शहर के नाम से मशहूर लखनऊ के चप्पे-चप्पे पर नवाबी शानोशौकत की छाप देखी जा सकती है. वैसे भी इस शहर का इतिहास बहुत पुराना है इसलिए समय के साथ इस के नाम में भी बदलाव आए. पहले इस का नाम लक्ष्मणपुरी फिर लखनपुरी और बाद में लखनऊ हो गया.

1775 से 1856 तक लखनऊ अवध रियासत की राजधानी था. तब यहां पर अवध की तहजीब व अदब का विकास हुआ. नवाबों की बनवाई कई इमारतें आज भी लखनऊ में मौजूद हैं. यहां केवल ऐतिहासिक इमारतें ही देखने लायक नहीं हैं बल्कि यहां की चिकनकारी, नवाबी तहजीब, मुगलई खाना, आभूषण और चांदी का वर्क आदि भी मशहूर हैं. आज अपनी नजाकत और नफासत को संभालते हुए लखनऊ एक मेट्रो शहर के रूप में आगे बढ़ रहा है.

पर्यटकों को नवाबी मजा देने के लिए ऐतिहासिक स्थलों को घूमने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम ने बग्घियों की नई व्यवस्था शुरू की है. इस के अलावा हाल ही में गोमती के किनारे पर खूबसूरत टूरिस्ट स्पाट का भी निर्माण किया गया है.

दर्शनीय स्थल

बड़ा इमामबाड़ा : चारबाग रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ा इमामबाड़ा वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. इस के एक छोर पर कागज फाड़ने की जैसी कम आवाज को भी दूसरी तरफ से सुना जा सकता है. इस इमारत का निर्माण नवाब आसिफुद्दौला ने 1784 में अकाल से अपनी जनता को राहत देने के लिए करवाया था. करीब 50 फुट लंबा और 16 फुट ऊंचा हाल, बगैर किसी खंभे के सहारे पर टिका है. यह भवन भूलभुलैया के नाम से भी जाना जाता है. बड़ा इमामबाड़ा सैलानियों के लिए सुबह 6 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है.

छोटा इमामबाड़ा : इसे हुसैनाबाद के इमामबाड़े के नाम से भी जाना जाता है. यह बड़े इमामबाड़े से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस का निर्माण 1837 में मोहम्मद अली शाह ने करवाया था. दूर से इस इमामबाड़े का बाहरी नक्शा ताजमहल जैसा दिखता है. इस में नहाने के लिए एक खास किस्म का हौज बनाया गया था जिस में गरम और ठंडा पानी एकसाथ आता था. इस इमारत में शीशे के लगे हुए झाड़फानूस बेहद खूबसूरत हैं.

रूमी दरवाजा : इस का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था. इस को तुर्किश गेटवे के नाम से भी जाना जाता है. इस विशाल दरवाजे की ऊंचाई 60 फुट है. इस दरवाजे के निर्माण में कहीं भी लकड़ी या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

घड़ी मीनार : रूमी दरवाजे से कुछ कदमों की दूरी पर घड़ी मीनार है. इस का निर्माण अंगरेजों ने 1881 में करवाया था. 67 मीटर ऊंची इस मीनार पर यूरोपियन स्टाइल में की गई नक्काशी इसे कुछ अलग आकर्षण देती है. यहां लगी घड़ी के डायल 12 पंखडि़यों वाले फूल की तरह नजर आते हैं, पेंडुलम लगभग 14 फुट लंबा है.

पिक्चर गैलरी : घड़ी मीनार से कुछ दूर आगे चल कर पिक्चर गैलरी है जिस में अवध के नवाबों के तैलचित्र लगे हैं. इस से नवाबी संस्कृति का पता चलता है.

रेजीडेंसी : इस भवन का निर्माण भी नवाब आसिफुद्दौला ने करवाया था. इस इमारत को बनाने की शुरुआत 1780 में हुई थी और 1800 में बन कर तैयार हुई. 1857 में आजादी की लड़ाई के बाद अंगरेजों ने इस पर कब्जा कर लिया और इस में अपना निवास बनाया तो इस का नाम रेजीडेंसी पड़ गया. इस इमारत की दीवारें आजादी की लड़ाई की गवाह हैं. यहां एक कब्रगाह है जिस में गदर के दौरान मारे गए लोगों को दफनाया गया है. सुबह 9 से शाम साढ़े 5 बजे तक यह पर्यटकों के लिए खुला रहता है. यहां बना खूबसूरत लान इस की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है.

शहीद स्मारक : यह स्मारक 1857 में शहीद हुए वीरों की याद में गोमती नदी के किनारे बनाया गया है. यहां नौका विहार का भी मजा लिया जा सकता है. यहां फूलों से लिखा शहीद स्मारक देखने लायक है.

जामा मसजिद : यह मसजिद 4950 वर्ग मीटर के विशाल विस्तार में फैली है. इस के 15 धनुषाकार गुंबद आने वाले सैलानियों को हैरान कर देते हैं. इस का निर्माण अहमद शाह के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ और उस की बेगम ने पूरा कराया. इस इमारत में 260 खंभे हैं.

टमाटरी रसम सूप

सामग्री

5 टमाटर मीडियम आकार के

1 बड़ा चम्मच इमली का गूदा

चुटकी भर हींग पाउडर

2 छोटे चम्मच रसम पाउडर

2 करीपत्ते

1 साबूत लालमिर्च

1 छोटा चम्मच जीरा

1 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

3 कलियां लहसुन

1 छोटा चम्मच रिफाइंड औयल

सजाने के लिए थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

नमक स्वादानुसार.

विधि

टमाटरों को धो कर 4-4 टुकड़े कर 2 कप पानी डाल कर स्टील के भगोने में करीब 5 मिनट उबालें. हैंड मिक्सर से चर्न कर सूप वाली छलनी से छान लें. कालीमिर्च, जीरा, लालमिर्च व लहसुन को दरदरा पीस लें. अब एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के हींग, करीपत्ते व लहसुन वाले मिश्रण को कुछ सैकंड भूनें. अब इस में रसम पाउडर, टमाटर का मिश्रण, इमली का गूदा व 2 कप पानी व स्वादानुसार नमक डाल कर 2 मिनट उबालें. फिर सर्विंग बाउल में डाल कर धनियापत्ती बुरक कर सर्व करें.

कौर्न फ्रिटर्स

सामग्री

1/2 कप मैदा द्य 1/4 कप बेसन

1/4 कप मूंगदाल आटा द्य 2 बड़े चम्मच सूजी

2 बड़े चम्मच चावल का आटा

1/4 कप मक्की के दाने उबले

1/4 कप प्याज कटा

1/4 कप मूंगफली भुनी व दरदरी कुटी

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

1/4 छोटा चम्मच हलदी पाउडर

1 बड़ा चम्मच धनियापत्ती कटी

चुटकी भर खाने वाला सोडा

फ्रिटर्स तलने के लिए पर्याप्त रिफाइंड औयल

नमक स्वादानुसार.

विधि

सभी आटों को मिक्स कर पानी डाल कर गाढ़ा घोल तैयार करें. इस में नमक व मिर्च भी डाल दें. 15 मिनट मिश्रण ढक कर रखें. पुन: फेंटें और बची सारी सामग्री डाल कर अच्छी तरह मिक्स करें. गरम तेल में फ्रिटर्स तलने से पहले सोडा मिलाएं मिश्रण में. छोटेछोटे फ्रिटर्स सुनहरा होने तक तल लें.

स्पिनैच मटर पुलाव

सामग्री

11/2 कप चावल द्य 3 कप पालक के पत्ते धुले व बारीक कटे

1 कप मटर उबले

1 इंच टुकड़ा दालचीनी

4 कालीमिर्च

2 लौंग

1 बड़ी इलायची साबूत

1 छोटा चम्मच जीरा

2 छोटे चम्मच अदरकहरीमिर्च पेस्ट

1 तेजपत्ता द्य 2 बड़े चम्मच रिफाइंड औयल

नमक स्वादानुसार.

विधि

चावलों को अच्छी तरह से धो कर 1/2 घंटा पानी में भिगोएं. फिर 8 कप पानी एक बड़े भगोने में डाल कर जीरे को छोड़ कर बाकी सभी खड़े गरममसाले डाल दें. जब पानी उबलने लगे तो चावलों को पानी से निथार कर डालें. जब चावल गलने में सिर्फ थोड़ी सी कसर रह जाए तब मांड़ पसा दें. चावलों को थोड़ा ठंडा होने दें. एक नौनस्टिक कड़ाही में तेल गरम कर के जीरा चटकाएं, फिर अदरकहरीमिर्च पेस्ट भूनें. इस में कटा पालक डाल कर उसे पानी सूखने तक तेज आंच पर पकाएं. इस में चावल, नमक व मटर डाल दें. 3 मिनट हलके हाथों से उलटेंपलटें. फिर 5 मिनट आंच बंद कर के ढक कर रख दें.

वैजिटेबल सूप

सामग्री

11/2 कप आलू छिले व कटे

2 कप टमाटर कटे

1/2 कप प्याज बारीक कटा

1 छोटा चम्मच अदरक कद्दूकस किया

1/2 कप पत्तागोभी बारीक कटी

2 बड़े चम्मच राजमा उबले

2 बड़े चम्मच दलिया उबला

1 बड़ा चम्मच औलिव औयल
थोड़ी सी धनियापत्ती कटी सजाने के लिए
कालीमिर्च पाउडर व नमक स्वादानुसार.

विधि

एक प्रैशरकुकर में आलू, आधी प्याज, आधे टमाटर व पत्तागोभी और 2 कप पानी डालें. 1/2 छोटा चम्मच नमक डाल कर ढक्कन बंद कर 1 सीटी आने दें. फिर आंच धीमी कर के 3 मिनट और पकाएं. जब कुकर की भाप निकल जाए तब हैंड ब्लैंडर से मैश कर के छान लें. अब एक नौनस्टिक पैन में तेल गरम कर के बचे प्याज को पारदर्शी होने तक भून कर उस में पत्तागोभी, राजमा और बचे टमाटर डाल कर 2 मिनट सौते करें. अब इस में 2 कप गरम पानी व नमक डालें. जब उबलने लगे तो उबली व छनी प्यूरी डाल दें. 1 मिनट उबाल कर सर्विंग बाउल में डालें. कालीमिर्च पाउडर और धनियापत्ती बुरक कर सर्व करें.

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