कमाल हलदी का

हलदी से कौन परिचित नहीं होगा. भारतीय रसोई की इस के बिना कल्पना भी नहीं की जाती. पीली हलदी जहां हर दाल, सब्जी में डाली जाती है, वहीं हरी हलदी को छील कर उस के छोटे टुकड़े काट कर नीबू के साथ अचार बनाया जाता है.

गले में दर्द हो तो हलदी मिले कुनकुने पानी से गरारे करें, दर्द में जल्दी आराम आ जाएगा.

जब बदन दर्द कर रहा हो या कहीं भी दर्द हो तो दूध में एक चुटकी हलदी डाल कर पिएं, आराम आएगा. आप रोजाना भी इस दूध को पीने का नियम बना सकती हैं. काफी फायदेमंद रहेगा.

सब्जियों के लिए या किसी भी चीज को बघार लगाते वक्त जब मिर्च या करीपत्ता डालते हैं तो तेल बाहर उछल जाता है. अगर बघार से पहले तेल में थोड़ी सी हलदी डाल दी जाए तो बघार बाहर नहीं उछलेगा.

केले के चिप्स तलने हों तो तेल में थोड़ी हलदी डाल दें. चिप्स काले नहीं पड़ेंगे, खाने में मजेदार और रंग भी सुनहरा पीला रहेगा.

करेले बनाने से पहले उन्हें छील कर हलदी लगा कर कुछ देर छोड़ दें, करेलों का कड़वापन काफी कम हो जाएगा.

सांगरी को भिगोते वक्त उस में 1/2 छोटा चम्मच हलदी डाल दें, फिर उबालें. सांगरी की रंगत खिलीखिली रहेगी.

कहीं भी चोट लग जाए या त्वचा छिल जाए, कुछ समझ न आए कि कौन सी दवा लगाएं तो जरा सी हलदी को पानी में घोलें और लगा लें, आराम आ जाएगा.

कई बार होंठ बुरी तरह फट जाते हैं और दर्द करने लगते हैं, वैसलीन में एक चुटकी हलदी मिला कर लगाएं, फटे होंठों को राहत मिलेगा.

हलदी के बिना तो किसी उबटन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. त्वचा की रंगत निखारने के लिए हर उबटन में एक चुटकी हलदी डालना न भूलें.

अगर सनबर्न हो गया हो तो दही या छाछ में एक चुटकी हलदी डालें फिर लगाएं. 5-10 मिनट त्वचा पर रहने दें, फिर हलके हाथों से मालिश करें या रगड़ें. कुनकुने पानी से धो लें. टैन जल्दी निकल जाएगा.

किचन में चींटियां आ रही हों तो वहां थोड़ी हलदी बुरक दें, चींटियां नहीं आएंगी.

सोने के आभूषणों को धोते वक्त पानी में थोड़ी हलदी मिला दें और कुछ देर भिगो कर रखें, आभूषण सुनहरे बने रहेंगे.

1.5 करोड़ दे दो तलाक ले लो

यहां तलाक का मामला अलग तरह का है. पति से जब पत्नी ने तलाक मांगा तो उस ने 1.5 करोड़ की मांग की. बात टीवी ऐक्ट्रैस दीप शिखा नागपाल और उन के दूसरे पति केशव के बीच की है. लंबे समय इन दोनों के रिश्तों में काफी लड़ाईझगड़ों की खबरें आ रही थीं. ऐसे में जब दीपशिखा ने केशव से कहा कि मुझे तलाक चाहिए, तो उन्होंने कहा कि मुझे  1.5 करोड़ रुपए दे दो और तलाक ले लो. केशव का कहना है कि मैं ने 2 साल से ज्यादा समय तक दीपशिखा के टीवी शो में काम किया है. अब अगर उन्हें तलाक चाहिए तो मेरा मेहताना दे दें और तलाक ले लें. दीपशिखा कहती हैं कि मैं ऐसी महिला हूं जो अपने घर के लिए खुद कमाती है. मैं पहले पति से भी पैसा नहीं लिया और न ही अपने घर वालों से कुछ मांगती हूं. लेकिन मैं ने केशव को 1.5 करोड़ दे दिए तो मैं सड़क पर आ जाऊंगी.

 

अदा की यह अदा पसंद आई

पिछले दिनों एक खबर वायरल हो गई मौडलऐक्ट्रैस अदा शर्मा का ऐक्सीडैंट हो गया है. पर अदा ने ट्वीट कर के इस खबर का खंडन किया है, जिस में कहा गया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी थी. उन्होंने बताया कि उन का ऐक्सीडैंट नहीं हुआ, बल्कि उन्हें बुखार है. उन्होंने ट्वीट किया कि किसी तरह की अफवाह के फैलने से पहले सभी जान लें कि मैं जिंदा हूं. हैदराबाद में बहुत गरमी है और मुझे बुखार है. घबराओ मत, मुझे कुछ नहीं हुआ है. इस समय अदा हैदराबाद में एक फिल्म की शूटिंग कर रही हैं.

रसोई बोझ नहीं शक्ति का केंद्र

समय पर खाना न मिलने पर औरतों को पति या सासससुर की डांट तो अकसर खानी ही पड़ती है, कभीकभी तो मारपीट तक भी हो जाती है. औरतों को गुलाम समझने वाली मानसिकता समाज में बहुत गहरी बैठी हुई है और हर पीढ़ी उस को और ज्यादा गहरा रंग देती है. शादी के बाद घर की सुरक्षा और बच्चों का प्रेम औरतों को इस कदर बांध देता है कि वे चाह कर भी पति या सास से विद्रोह नहीं कर पातीं. ऊपर से हमारा समाज युवा बहुओं पर हर तरह के जुल्म करने को तैयार रहता है. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 2 औरतों को एक पंचायत ने 20-20 छडि़यों से पिटाई का हुक्म दे डाला, क्योंकि उन्होंने सास को समय पर खाना नहीं दिया था. पंचायतों को इस तरह के फैसले करने का हक किसी ने दिया हो या नहीं, 10-20 बूढ़े लोग मिल कर पंचायत बना कर घरेलू मामलों में दखल देना अपना हक समझते हैं.

औरतों का काम चूल्हाचक्की ही नहीं है पर इस का अर्थ यह भी नहीं है कि औरतों को इस काम से आसानी से छुटकारा मिल सकता है. घर में किसी को तो खाना बनाना ही होगा और अगर पति घर से बाहर जा कर कमाएगा तो पत्नी को खाना बनाना ही होगा. इस में ज्यादा विवाद, अनमने ढंग से खाना बनाना, ठंडा, खराब खाना देना बेवकूफी है. घर वाले सुखी रहें, शांत रहें यह हर घर में हरेक की जिम्मेदारी है पर घर का मुखिया पत्नी की अहम जिम्मेदारी है और इस की चाबी वह खाना ही है जिस के लिए पति ही नहीं, बच्चों और सासससुर को भी पत्नी का मुंह ताकना होता है. पति को रसोई में हाथ बंटाने की इजाजत देना असल में अपने राज में दखल देने को निमंत्रण देना है, जो घातक साबित होगा.

पति और घर के दूसरे सदस्यों का गुस्सा करना भी निरर्थक है. पर जब पत्नी अपना समय व्यर् के कामों में लगाए या रसोई को आफत समझे तो विवाद होगा ही. रसोई शक्ति का केंद्र है, अगर पत्नी यह समझ ले तो इसे पूरे घर पर अपनी चलाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है और बाहरी दखल को रोक सकती है. रसोई को बोझ समझना असल में गलत बात है और इस का कारण यह है कि बहुत घरों में रसोई को सही ढंग से नहीं रखा जाता और उसे कैद समझा जाने लगता है. गड़बड़ी यहीं होती है.रसोई आकर्षक हो, खुशनुमा हो, खुशबूदार हो तो सास तो क्या पति भी उस पर कब्जा करना चाहेंगे. छोटी व संकरी रसोई ही संकरे विचार पैदा करती है और यही समस्या की जड़ है. 

कठिन परिश्रम से बनाया ब्रैंड नेम : अंबिका पिल्लई

अंबिका पिल्लई दुनिया भर में मशहूर एक ऐसी सौंदर्य विशेषज्ञा हैं, जिन्होंने ब्यूटी और स्टाइलिंग के क्षेत्र में अपना ब्रैंड नेम बनाया है.

आइए, जानते हैं उन से ही उन की कुछ खास बातें.

कठिन दौर : पति से तलाक होने के बाद मैं अकेली और निराश हो गई थी. फिर भी मैं अपनी बेटी के साथ दिल्ली आई और शहनाज हुसैन के यहां से ब्यूटी कोर्स किया. कोर्स खत्म होने के बाद मैं ने अपने जन्मस्थान से ही बिजनैस शुरू करने का विचार किया, लेकिन शहनाज हुसैन ने मुझे अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचने की जौब औफर की. मुझे वह प्रस्ताव नहीं जंचा क्योंकि उस में सैलरी बहुत कम थी.

पहली जौब: तभी अचानक मुझे एक जौब मिली. वहां पर मेरी सैलरी क्व 2,000 थी. मैं ने यह बात अपने पेरैंट्स को बताई, तो वे खुश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि हम तुम्हें क्व 2,000 देंगे, तुम घर वापस आ जाओ. पर मैं इस के लिए तैयार नहीं थी. मैं ने दिल्ली में ही रहने का फैसला कर लिया. हालांकि मैं ने ब्यूटीशियन का कोर्स किया था पर मुझे वैक्सिंग वगैरह करना कभी पसंद नहीं आया, इसलिए मैं ने हेयर कटिंग और स्टाइलिंग सीखने की सोची. फिर ब्लौसम कोचर के पिवोट पौइंट से हेयर कटिंग सीखी. बाद में जब मैं प्रसिद्ध ब्रैंड बन गई, तब मैं ने शहनाज हुसैन के साथ कई प्रोग्रामों में भागीदारी की.

पहला हेयरकट: जब मैं ने पहला हेयरकट किया तो वह इतना खराब था कि मुझे वहां से फौरन बाहर कर दिया गया. यानी वहां से मेरी जौब छूट गई. फिर मैं अपनी फ्रैंड सिल्वी के पास गई. वहां उन्होंने अपने बौस से रिक्वैस्ट किया तो मुझे वहां जौब मिल गई.

पहला सैलून: एक दिन मैं ने सोचा कि अपना सैलून खोलना चाहिए तो इस के बारे में सिल्वी से बात की. फिर अपने पिता की आर्थिक मदद से अपना सैलून खोला. पर यह सैलून सिल्वी ब्रैंड था. यह 7 साल चला लेकिन नुकसान बहुत ज्यादा हुआ, इसलिए मैं ने पार्टनरशिप खत्म कर दी. मुझे अपना निवेश किया पैसा वापस नहीं मिला, तो मुझे गंभीर आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा.

फिर मैं ने अपने फ्रैंड मोहित के साथ एक सैलून खोला. हालांकि मेरे पिता मुझे आर्थिक मदद करते रहते थे, पर मैं ने भी कठिन परिश्रम किया और अपना अंबिका पिल्लई ब्रैंड बनाया. पर यहां भी पहले की तरह हुआ तो फिर पाटर्नरशिप खत्म की और अपना नया सैलून शुरू किया, जिस का उद्घाटन सुष्मिता सेन ने किया. शुरू में बिजनैस बहुत धीमा था पर बाद में यह सैलून बिजी सैलून हो गया.

डिजाइनर हेमंत त्रिवेदी के लिए काम: प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर हेमंत त्रिवेदी ने अपनी मौडलों की हेयर ड्रैसिंग के लिए मुझे बुलाया और एक मौडल की हेयर सैटिंग करने को कहा तो मैं ने 2 मिनट में यह काम कर दिया. फिर मैं ने उन के लिए मुंबई में काम किया.

मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय का मेकअप: मुझे ऐश्वर्या राय का मेकअप करने का भी मौका मिला और मैं ने उसे इतनी अच्छी तरह से किया कि कोई सोच ही नहीं सकता. यहां तक कि खुद ऐश्वर्या बहुत रोमांचित हो गईं. उस समय मैं ने मेकअप आर्टिस्ट आईफा अवार्ड भी जीता.

फेमस हुआ अंबिता पिल्लई ब्रैंड: मैं ने दिल्ली में 2 सैलून और खोले, क्योंकि अंबिका पिल्लई ब्रैंड बहुत फेमस हो गया था और उस की मांग बहुत थी. मैं ने बहुत से प्रसिद्ध व्यक्तियों का मेकअप किया जैसे सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन, दीपिका पादुकोण आदि का.

अंबिका पिल्लई प्रोडक्ट्स: जब मुझे लगा कि मेरे किए मेकअप में अपेक्षित प्रभाव नहीं आ रहा है, तो मैं ने अपने प्रोडक्ट्स बनाने का निश्चय किया और बनाए भी.

अरब फैमिलीज का मेकअप: मुझे सऊदी अरब, दुबई, कुवैत आदि के शाही परिवार के सदस्यों का मेकअप करने का भी मौका मिला. जब मैं सऊदी अरब में एक शाही परिवार में गई तो उस परिवार के लोगों का गहरा मेकअप देख कर आश्चर्यचकित हो गई. मैं उन से सहमत नहीं थीं, लेकिन उन्होंने मुझ से कहा कि राजकुमारी सारा को ज्यादा मेकअप पसंद नहीं है, इसीलिए आप को यहां बुलाया गया. मुझे हंसी इस बात पर आई कि राजकुमारी सारा तो पूरे दिन सोती थीं और रात को जागती थीं.

नए सैलून: अब दिल्ली में मैं मेरे सैलून्स की संख्या 4 है. इन के अलावा केरल में 2, कोच्चि में 1 और कालीकट में 1 है. मैं ने अभी हाल ही में दुबई में भी अपना नया सैलून शुरू किया है.

सौंदर्य समस्याएं

कालेज में पढ़ने वाली छात्रा हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरे चेहरे पर काफी बाल हैं, जिन की वजह से चेहरा बेरौनक लगता है. ब्लीच के अलावा कोई और उपाय बताएं ताकि मैं इन से छुटकारा पा सकूं?

चेहरे पर बालों के होने का कारण हारमोनल बदलाव हो सकता है. इस के लिए पहले अपनी मैडिकल जांच कराएं. उस के अतिरिक्त पार्लर ट्रीटमैंट के तौर पर आप कटोरी वैक्स करा सकती हैं. बालों को प्लक न करें. आप चाहें तो लेजर ट्रीटमैंट या परमानैंट हेयर रिमूवल तकनीक भी अपना सकती हैं.

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मैं 16 वर्षीय लड़की हूं. मेरी समस्या यह है कि मेरे चेहरे पर पिंपल्स हैं. हर सप्ताह 1-2 और हो जाते हैं. साथ ही पिंपल्स के निशान भी रह जाते हैं. चेहरे पर चमक भी नहीं है. मैं क्या करूं जिस से पिंपल्स और न हों व चेहरा ग्लो करे?

आमतौर पर औयली स्किन पर पिंपल्स अधिक होते हैं. उन से छुटकारा पाने के लिए चेहरे पर चंदन का पैक लगाएं. पिंपल न हों, इस के लिए औयलफ्री फेसवाश व मौइश्चराइजर का प्रयोग करें. अगर तब भी समस्या का समाधान न हो तो ओजोन ट्रीटमैंट भी ले सकती हैं. साथ ही चेहरे पर ऐस्ट्रिंजैंट अवश्य लगाएं. इस से पोर्स ओपन नहीं होंगे और पिंपल्स होने की संभावना कम होगी.

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मैं 15 वर्षीय छात्रा हूं. मेरी समस्या मेरे नाखूनों को ले कर है. आजकल वे लंबे भी नहीं हो रहे और टूट भी जल्दी जाते हैं. जब मैं अपनी सहेलियों के प्रौपर फाइल्ड व नेलपैंट लगे खूबसूरत नेल्स देखती हूं तो मुझे अपने नेल्स देख कर ग्लानि होती है. कृपया बताएं कि मैं क्या करूं, जिस से नेल्स लंबे व मजबूत बनें?

नाखूनों के टूटने या उन के न बढ़ने के पीछे कैल्सियम की कमी होना मुख्य कारण होता है. नाखून लंबे व मजबूत रहें इस के लिए कैस्टर औयल से नाखूनों की मसाज करें. साथ ही भोजन में दूध, दही, पनीर अधिक से अधिक शामिल करें.

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मैं 35 वर्षीय महिला हूं. मैं जानना चाहती हूं कि उम्र के किस पड़ाव पर महिलाओं की त्वचा ढीली होने लगती है? आजकल मेरी त्वचा भी लूज हो रही है. चेहरे की त्वचा पहले जैसे नहीं रही है. मैं क्या करूं जिस से चेहरे पर रौनक बनी रहे?

ज्यादातर महिलाओं की त्वचा 32 वर्ष के बाद लूज होने लगती है. जहां औयली स्किन जल्दी लूज होती है, वहीं ड्राई स्किन में झांइयां जल्दी पड़ने लगती हैं. त्वचा का ग्लो और कसाव बनाए रखने के लिए हर महीने फेशियल करवाएं. फेशियल त्वचा की प्रकृति के अनुसार ही कराएं.

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मैं 18 वर्षीय छात्र हूं. मेरी समस्या यह है कि  मेरे बाल बहुत झड़ रहे हैं. मैं  गंजेपन का शिकार हो रहा हूं.  मैं ने कई आयुर्वेदिक तेल लगाए व और कई उपाय किए पर कोई  लाभ नहीं हुआ. मैं क्या करूं जिस से बाल झड़ने कम हो जाएं या फिर गंजेपन का कोई परमानैंट इलाज बताएं?

बालों की नियमित नारियल या जैतून तेल से मसाज करें. ऐसा सप्ताह में 1 बार अवश्य करें. इस के अलावा संतुलित डाइट लें. चाहें तो ओजोन ट्रीटमैंट भी ले सकते हैं. बालों में औयलिंग के बाद हौट टौवेल से स्टीम लेना न भूलें, इस से स्कैल्प के पोर्स खुल जाते हैं व बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है. परमानैंट इलाज के लिए आप हेयर ट्रांसप्लांट तकनीक की मदद ले सकते हैं.

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मैं 30 वर्षीय महिला हूं. वैसे तो मेरे चेहरे का रंग साफ है लेकिन हाथों और पैरों का रंग गहरा है, जिस की वजह से शौर्ट व स्लीवलैस कपड़े पहनने में झिझक महसूस होती है? बताएं क्या करूं?

शरीर के वे भाग जो खुले रहते हैं उन के गहरे होने की संभावना अधिक रहती है. वैसे भी गरमी के मौसम में सूर्य की तेज किरणें त्वचा में टैनिंग बढ़ा देती है. इस से बचने के लिए घर से निकलते समय सनस्क्रीन लोशन लगाएं व हाथपैरों को ढक कर रखें. हाथपैरों की रंगत सुधारने के लिए स्क्रब के तौर पर दही में बादाम पाउडर, उरद की दाल का पाउडर, सूजी व शहद मिला कर पेस्ट तैयार करें व नहाते समय स्क्रब की तरह प्रयोग करें. ऐसा करने से हाथपैरों की रंगत में निखार आएगा.

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मैं 28 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. देर रात को काम के बाद जब घर लौटती हूं तो आंखों में जलन महसूस होती है. आंखें सूजीसूजी सी भी लगती हैं. कृपया समस्या का समाधान करें.

दिन भर कंप्यूटर पर काम करने व घर से बाहर धूलमिट्टी, प्रदूषण के संपर्क में आने से आंखों में जलन व सूजन की समस्या होती है. इस से बचने के लिए घर से निकलते समय सनग्लासेज का प्रयोग करें व घर पहुंचने के बाद आंखों पर गीले टी बैग्स रखें या गुलाबजल डालें. इस से आंखों को आराम मिलेगा.

– समाधान ब्यूटी ऐक्सपर्ट  रेनू महेश्वरी के सहयोग से.

एग व्हाइट स्पैनिश आमलेट

सामग्री

300 ग्राम आलू

1 प्याज

50 मि.लि. औलिव औयल

3 बड़े चम्मच पार्सले पत्ता कटा हुआ

6 अंडों की सफेदी

नमक व कालीमिर्च पाउडर स्वादानुसार.

विधि

आलुओं को छील कर उन्हें पतला काट लें. प्याज को बारीक काट लें. अब फ्राइंग पैन में तेल गरम करें और आलू व प्याज को ढक कर मुलायम होने तक पकाएं. अब अंडों की सफेदी को फेंट लें. इस में आलू मिश्रण पार्सले, नमक व कालीमिर्च मिला लें. बचे हुए तेल को एक पैन में डाल कर गरम करें. फिर तैयार मिश्रण पैन में डाल कर धीमी आंच पर पकाएं. इसे कलछी से दबाते हुए आमलेट का आकार दें और दोनों तरफ उलटपलट कर अच्छी तरह पकाएं. परोसने से 10 मिनट पहले प्लेट में डाल कर इसे ठंडा होने दें.

मूसली योगर्ट परफेट

सामग्री

100 ग्राम फ्लेवर्ड दही

50 ग्राम कुरकुरी मूसली

50 ग्राम मिक्स कटे फल

सजाने के लिए स्ट्राबैरी और कुछ पुदीने की पत्तियां.

विधि

एक गिलास में थोड़ा दही लें. इस के ऊपर मूसली और कुछ फलों के टुकड़े डालें. इस प्रक्रिया को गिलास भरने तक दोहराएं. फिर इसे स्ट्राबैरी और पुदीने की पत्तियों से सजा कर परोसें.

फिल्म छोड़ आने पर आई शामत

हर शख्स के जीवन में कोई न कोई ऐसी घटना जरूर होती है, जो उस के जीवन पर प्रभाव डालती है. ऐसी ही एक घटना को अभिनेता रणबीर कपूर ने एक फिल्म प्रमोशन के दौरान पत्रकारों से बांटा. रणबीर ने कहा कि एक बार मैं ने फिल्म ‘जोधा अकबर’ बीच में छोड़ी थी, क्योंकि मैं नाइट शो देखने गया था. मैं काफी थका हुआ था और फिल्म काफी लंबी थी, इसलिए मैं इंटरवल में निकल गया था. फिर घर जाने पर मुझे पापा से बहुत डांट पड़ी थी. उन्होंने कहा था कि अगर फिल्म छोड़नी हो तो घर में बैठ कर देखो. बाहर जा कर फिल्म का अनादर न किया करो. उस के बाद मैं ने कोई फिल्म बीच में नहीं छोड़ी.

घर परिवार डर से नहीं, प्यार से चलते हैं

जनता और पीडि़त पुरुषों के दबाव में आ कर सरकार आखिर दहेज विरोधी कानून, जो इंडियन पीनल कोड की धारा 498ए में है, में संशोधन करने को तैयार हो गई है. यह कानून बहुओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकने और दहेज के लिए बहुओं को जलाने से रोकने के लिए बनाया गया था. पर इस बीमारी को जिस दवा से रोकना चाहा था वही दवा जहर बन गई और आज सैकड़ों परिवारों के हजारों लोग इस की वजह से जेलों में बंद हैं और बहुएं रानी लक्ष्मीबाई बनी सीना तान कर खड़ी तो हैं पर वे खद भी अपने ही मातापिताओं, भाइयोंभाभियों के तानों की शिकार हैं.इस कानून ने न केवल एक औरत के पति को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई वरन उस को मायके में पटकवा कर उस का वर्तमान और भविष्य भी चौपट कर दिया. कानूनी हथियार तो धारा 498ए ने दे दिया पर यह ऐसा हथगोला साबित हुआ जो फेंकने वाले के कदमों पर ही फटता है और पति व उस के घर वालों को तारतार करता है तो फेंकने वाले के भी वह कपड़े जला डालता है.

आधेअधूरे आंकड़ों के अनुसार 2013 में 1,98,866 व 2012 में 1,06,527 मामले धारा 498ए के अंतर्गत देश के थानों में दर्ज किए गए. कम से कम 10% मामले तो पुलिस ने ही झूठे पाए. कुल कितने मामलों में वास्तव में सजा हुई यह पता नहीं चलेगा, क्योंकि दर्ज किए मामलों का अंतिम फैसला आतेआते 10-12 साल तो लग ही जाते हैं.इस दौरान पति और उस के मातापिता, भाईबहन, भानजा, ननदोई, चाचा, दादा, दादी और न जाने कौनकौन जेल काट आए होते हैं. हर मजिस्ट्रेट पहले दिन तो जेल भेज ही देता है चाहे औरत की शिकायत सच्ची हो या झूठी. जो मामले चले उन से कई  गुना ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिन में इस एटम बम को फोड़ने की धमकी दे कर पति को ब्लैकमेल किया जाता है या उसे मातापिता से अलग रहने को मजबूर किया जाता है या फिर मोटी रकम दे कर तलाक के लिए दबाव डाला जाता है.

इस कानून की वजह से लाखों परिवार हर साल भूकंप पीडि़त जैसे हो जाते हैं और इन भूकंपों में उस औरत की दुर्दशा ही होती है जिस ने इस का दुरुपयोग किया हो.सरकार जो संशोधन कर रही है, वह आधाअधूरा है. असल में यह प्रावधान ही हटना चाहिए, क्योंकि घरेलू मारपीट, ताने देने आदि पर वैसे ही दूसरे कई कानून हैं. यह मामला पारिवारिक है और अगर परिवार में नहीं सुलझ सकता तो कहीं नहीं सुल झेगा. अगर विवाह ही तोड़ना है तो जेल की क्या जरूरत? सीधा कानून बना दो कि अगर दहेज की मांग की गई तो तलाक 1 माह में पत्नी को मिल जाएगा. अगर पत्नी को डर होगा कि उसे घर छोड़ना पड़ेगा तो उस की हिम्मत न होगी. आज उसे उसी के मातापिता चढ़ा देते हैं कि लड़ती रहो हम साथ हैं, जेल में चक्की पिसवा देंगे. जो मातापिता, भाईभाभी हजारोंलाखों खर्च कर के विवाह कराते हैं वे बेटी के घर में आग लगाने में हिचक नहीं दिखाते, क्योंकि उन्हें गलतफहमी रहती है कि धमकी से पति व उस के घर वाले दुम दबा लेंगे.

घरपरिवार डर से नहीं प्यार से चलते हैं. पति के घर वाले साथ रहते हैं, तो आर्थिक जबरदस्ती होती है. आज कोई जना बेटेबहू के साथ तब तक नहीं रहना चाहता जब तक उस में अपना दम है. पति के मातापिता के साथ रहना बोझ नहीं नेमत है. वहां की खटपट को, अपने मातापिता की रोकटोक लड़कियां समझें तो ही वे सुखी रह सकती हैं. इस तोड़क कानून को तो गंगा की गंदगी में मिला कर बहा दिया जाना चाहिए

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