एक मुसकान बनाए जीवन आसान

आज की भागतीदौड़ती जिंदगी ने लोगों के चेहरों से हंसी छीन ली है और उन्हें दुख, निराशा व तनाव ने घेर लिया है. पर क्या आप जानते हैं कि इन सब परेशानियों की एक ही दवा है और वह दवा है मुसकान.

खूबसूरत मुसकान खूबसूरती को भी बढ़ाती है और व्यक्तित्व भी निखारती है. सामान्य से सामान्य चेहरा भी एक खूबसूरत मुसकान से खिल उठता है. मुसकान स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है. आप के आत्मविश्वास और मैत्रीपूर्ण व्यक्तित्व से भी लोगों को अवगत कराती है. मुसकान का यह खजाना हर किसी के पास होता है. बस जरूरत होती है इसे अपनाने की.

आइए, जानते हैं कि स्वस्थ रहने व तनाव से उबारने में मुसकान लोगों की किस तरह मदद करती है.

मनोचिकित्सक प्रांजलि मल्होत्रा का कहना है, ‘‘मुसकान रिश्तों को मजबूत बनाती है, क्योंकि कभीकभी राह चलता कोई अजनबी चेहरा भी जब हमें देख कर स्माइल देता है, तो उस से कोई रिश्ता न होते हुए भी एक अनकहा रिश्ता बन जाता है. लेकिन मुसकान तभी पूरी होती है जब वह दिल से शुरू हो कर आंखों से झलके और किसी के भी चेहरे पर रोशनी बन कर चमके.’’

मुसकान कैसीकैसी

मुसकान कैसी हो? मुसकान सच्ची और मन से हो. मुसकराहट का हमारे विचारों और भावनाओं से गहरा रिश्ता होता है. हमेशा दूसरों के अच्छे गुणों पर ध्यान दें. तब हमें उन्हें देख कर मुसकराने में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि यह सच्ची मुसकान होगी.

हमेशा मुसकराने से पहले सहज होने की कोशिश कीजिए वरना मुसकान नकली लगेगी. जब मुसकान मन से निकलेगी तो आंखों में चमक होगी और तब दूसरों को भी यह समझते देर नहीं लगेगी कि यह मुसकान सच्ची और मन से है.

ऐसे भी लोग

मगर कुछ लोगों के लिए मुसकराना आसान नहीं होता. ऐसा नहीं है कि उन्हें मुसकराना नहीं आता, पर वे गंभीर माहौल में पलेबढ़े होते हैं और उन्हें वैसा ही बने रहने पर जोर दिया जाता है. तभी तो वे मन में प्यार होने के बावजूद मुसकरा कर बात नहीं कर पाते.

इस के अलावा कुछ लोग शर्मीले स्वभाव के होते हैं. इस वजह से मुसकराना उन के लिए आसान नहीं होता. फिर इंसानों का स्वभाव भी अलगअलग होता है. कोई ज्यादा मुसकराता है तो कोई कम. पर एक छोटी सी कोशिश तो की ही जा सकती है. अगर आप मुसकरा कर किसी को हायहैलो कहेंगे तो वह भी आप की कद्र करेगा और ऐसा करने की आदत डाल लेगा. तब मुसकराना आप के लिए आसान हो जाएगा.

ऐसी मुसकराहट से रहें सावधान

कहते हैं कि हर मुसकान सच्ची नहीं होती है और यह सच भी है. मक्कार, मतलबी, धोखेबाज लोग लुभाने के लिए गजब की मुसकान बिखेरते हैं लेकिन उन की मुसकराहट खोखली होती है.

इसलिए हर मुसकान का अर्थ समझें और यह भी समझें कि सामने वाला किसलिए मुसकरा रहा है. कहीं यह कुटिल मुसकान आप को अपमानित, जलील करने या फिर आप का उपहास उड़ाने के लिए तो नहीं? ऐसी मुसकान से हमेशा सावधान रहें.

मुसकान की खासीयत

मुसकान की यह खासीयत है कि इस से आप बिना कुछ कहे अपने मन की भावनाएं दूसरों के सामने व्यक्त कर सकते हैं. वहीं किसी का गुस्से वाला चेहरा देख कर आप को घबराहट होने लगेगी और आप निराश हो जाएंगे. इस का असर सिर्फ आप पर ही नहीं होगा, बल्कि उस पर भी होगा जिसे देख कर आप मुसकराए थे.

अगर हम दूसरों के साथ बात करते समय तनाव महसूस कर रहे हैं, तो एक मुसकान से उसे दूर किया जा सकता है. मुसकान से हम निराशा या तनाव का आसानी से सामना कर सकते हैं.

अगर कोई आप को मुसकान के साथ सलाह या नसीहत दे तो आप उसे खुशीखुशी मान लेंगे जबकि गुस्से में दी गई सलाह का असर विपरीत ही होगा. तनाव भरे माहौल में मुसकराहट से बहुत सी गलतफहमियां दूर हो जाती हैं.

मुसकराने के बहाने

– खुश रहने के लिए आप ऐसे लोगों के संपर्क में रहें, जो हंसमुख हों.

– हमेशा लड़ाईझगड़ों से बचें.

– पौजिटिव सोच रखें. इस से तनाव दूर रहेगा.

– कहीं घूमने जाएं. इस से रिलैक्स और ऊर्जावान फील करेंगे.

बेहतर खानपान

शरीर को पोषक तत्त्वों की बहुत आवश्यकता होती है, अत: दिन में 1-2 बार एकसाथ ज्यादा भोजन करने के बजाय 5-6 बार थोड़ाथोड़ा खाएं. खाना हमेशा संतुलित व पौष्टिक खाएं, क्योंकि खुश रहने के लिए खाने से अच्छा कोई टौनिक नहीं है. इस के अलावा भरपूर नींद लें.

स्वास्थ्य की दृष्टि से

सफदरजंग अस्पताल के मैडिकल औफिसर डाक्टर अशोक रामपाल का कहना है, ‘‘खुश रहना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. मन से हंसना तनाव को कम करता है और शरीर को रिलैक्स्ड रखता है. हंसने से स्ट्रैस हारमोन जैसे कार्टिसोल और एड्रीनलीन का स्तर कम होता है. हंसी शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाती है, दिल की बीमारियों से बचाती है.

‘‘मुसकान उत्तेजना और भय से दूर रखती है. खुल कर हंसने से धमनियों में फैलाव आता है, जिस से खून तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचता है. हंसी हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है.

‘‘अगर किसी को बहुत टैंशन रहती हो या बुरे खयाल आते हों तो उस के बीमार पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है. इस के विपरीत, जो लोग खुश रहते हैं, ठहाके लगा कर हंसते हैं उन में बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है.’’ 

स्माइल बनाए खूबसूरत

खूबसूरत स्माइल के लिए खूबसूरत दांतों का होना बेहद जरूरी है और यह तभी संभव है जब आप के दांत सफेद व सुंदर दिखें. इस के लिए टूथपेस्ट अच्छा होना चाहिए. यों तो बाजार में कई टूथपेस्ट मौजूद हैं पर बेहतर रिजल्ट के लिए थोड़ा ज्यादा खर्च करने में कोई बुराई नहीं. क्लोजअप का नया उत्पाद ‘क्लोजअप डायमंड अट्रैक्शन’ सही मापदंड को पूरा करता है. कंपनी के अनुसार यह टूथपेस्ट कौस्मैटिक डैंटिस्ट के साथ मिल कर बनाया गया है, जिस का न सिर्फ फ्लेवर अच्छा है, बल्कि प्रथम इस्तेमाल से ही फर्क महसूस किया जा सकता है.

तो स्माइल को बनाइए खूबसूरत और रहिए आत्मविश्वास से भरपूर.

इस से अच्छा क्या तरीका

सस्ती पर टिकाऊ शादी के लिए भारत में बहुत जगह बहुविवाह सम्मेलन होते हैं. मुंबई में तो एक में सभी धर्मों के लड़केलड़कियों को बुलाया गया कि दूल्हादुलहन ढूंढ़ो, शादी करो और सुख से रहो. जब घर वाले न हों या बहुत चूंचूं कर रहे हों तो इस से अच्छा क्या तरीका है.

आकर्षण आज भी बरकरार

इटली की राजधानी रोम का ऐतिहासिक आकर्षण आज भी बरकरार है. ईसापूर्व बने इस विशाल स्टेडियम कोलोसियम को देखे बिना रोम से कोई जा ही नहीं सकता. इसीलिए तो इंगलैंड के शाही खानदान के प्रिंस हैरी ने भी एक गाइड पकड़ी और पहुंच गए इस कोलोसियम में होने वाली रेसों और कुश्तियों के बारे में जानने के लिए.

यह कैसी सनक

अमेरिका में सिरफिरे गनमैनों का आतंक जारी है. वहां का संविधान हरेक नागरिक को बंदूक रखने का हक देता है. पर इस का जम कर दुरुपयोग हो रहा है और तनावपरस्त युवा निहत्थे, निर्दोषों को गोलियों से छलनी कर रहे हैं. नया मामला 22 वर्षीय इलीयट रोजर का है जिस ने कई को मारा और फिर खुद आत्महत्या कर ली. उस के शव के पास से 3 बंदूकें, सभी कानूनन मिलीं. उन बिलखते चेहरों को देखें जिन के अजीज इस हत्यारे के रास्ते में आए और बिना वजह मारे गए.

हमें भी हक है

अब ये आदमी हैं या औरतें यह न पूछें पर लड़कियों की पोशाकों में तड़कभड़क वाली में दर्शकों की रुचि बहुत होती है. बर्लिन, जरमनी में इन्होंने जम कर उत्सव मनाया. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी अभी हाल ही में हिजड़ों को संवैधानिक हक दे कर इन के छिने अधिकार वापस लौटाए हैं.

हौलीवुड की सुपर हीरोइन

बेशक एंजेलिना जोली हौलीवुड की सब से आकर्षक और बढि़या अभिनेत्री हैं. उन की फिल्में करोड़ों में बनाती हैं. नई फिल्म ‘मैलफीसेंट’ को भी भारी सफलता मिल रही है और इस के लिए जब वे टोक्यो पहुंची तो वहां भी प्रशंसकों की भीड़ कम न थी.

हैटों की होड़

लंदन के बर्कशायर में होने वाली रेसों में घोड़ों से ज्यादा वहां रेस देखने पहुंची युवतियों के हैटों की होड़ धूम मचाती है. लोग घोड़ों को देखें या न देखें, हैटवालियों को जरूर देखते हैं.

अजब नाव की गजब सवारी

नाव की सैर करने जा रहे हैं तो इतरा क्यों रहे हो. अजी, इतरा इसलिए रहे हैं कि ये नावें घरों में बनी हैं और इन के डूबने का पूरा डर है. डूबीं तो मरेंगे तो नहीं, पर भीगेंगे जरूर. यह किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक की एक झील में कंपीटिशन में हुआ. वहां जम कर गरमी पड़ी, भारत की तरह.

यह हुजूम कैसा

इतने सारे लोग, सत्ता पलटने के लिए? नहीं समाज को दिखाने के लिए कि समलैंगिक संबंध हक हैं, दया नहीं. और यह हुजूम जमा कहां हुआ? इसलामी देश टर्की की राजधानी इंस्तांबुल में. टर्की कई दशकों से कभी उदार यूरोपीय देश बनना चाहता है तो कभी इसलामी एशियाई देश, क्योंकि यह देश दोनों महाद्वीपों में फैला है.

कानून एक सवाल अनेक

बलात्कार के मामलों की गिनती बढ़ रही है पर इस के साथ ही उन मामलों को भी बलात्कार कहा जाने लगा है जहां युवती ने अपनी मरजी से युवक के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे. देश के थानों में सैकड़ों ऐसे मामले दर्ज हैं जिन में शिकायतकर्ता युवती का कहना है कि उस का अभियुक्त के साथ सालों तक संबंध रहा. अभियुक्त विवाह का वादा करता रहा फिर मुकर गया. इसलिए यह संबंध बलात्कार की श्रेणी में आता है.

इंडियन पीनल कोड की धारा 375 में बलात्कार के अपराध की परिभाषा दी गई है, जिस में सहमति से हुए यौन संबंध को बलात्कार नहीं माना गया. पर अगर सहमति बहलाफुसला कर या चाहने के लिए राजी करने के नाम पर ली गई है तो यह सहमति नहीं मानी जाएगी. इस प्रावधान का इस्तेमाल अब लड़कियां गुस्से में जानबूझ कर इसलिए कर रही हैं क्योंकि उन का कहना है कि न तो वे सुख से जीएंगी न जीने देंगी.

अगर लड़कियों की मरजी होती है तो वे जब चाहें प्यार, दोस्ती या लिव इन और लगातार बने यौन संबंधों को छोड़ कर जा सकती हैं. पर यदि लड़के ऐसा करें तो अब लड़कों को थानों में लाइनें लगानी होती हैं. केरल के एक मामले में एक लड़के ने, जो विवाहित था, अपनी मुसलिम प्रेमिका से संबंध बनाए. दोनों साथ रहने लगे पर चूंकि लड़का अपनी पत्नी को तलाक न दे पाया, युवती ने आरोप लगा दिया कि उसे यह कह कर झांसे में रखा गया कि उस का तलाक हो चुका है.

इस मामले में और पेच भी हैं और बहुत से अनुत्तरित सवाल भी. पर मुख्य बात यह है कि जब बालिग लड़की बिना जोरजबरदस्ती के एक जानपहचान वाले युवक के साथ घूमफिर रही हो, घंटों फोन पर बातें कर रही हो, जगहजगह होटलों में दोनों पतिपत्नी की तरह रह रहे हों, वहां बलात्कार का मामला दर्ज भी कैसे हो सकता है?

बलात्कार का मामला दर्ज होने का मतलब है खाकी और काली वरदी वालों की बन आना. खाकी वरदी वाली पुलिस तुरंत न केवल लड़के बल्कि उस के दोस्तों और घर वालों को भी बंद करने पर आमादा हो जाती है, तो काले कोट वाले वकील मामले को लंबा लटकाने के लिए हर तरह के बहाने बनाते हैं. लड़के की रातें जेलों में कटती हैं और उस के घर वालों की मकानजायदाद बेच कर पैसे गिनने में.

शारीरिक संबंध प्रकृति की देन है, वे चाहे विवाहित लोगों में हो, अविवाहितों में हो या एक विवाहित और एक अविवाहित में हो. जब तक रजामंदी है तब तक अपराध बनता ही नहीं है. मारपीट, जबरदस्ती, नशा कराने आदि के बाद यदि बलात्कार हो तो ही अपराध माना जाना चाहिए और तब ही पुलिस हरकत में आए और वह भी तब जब पीडि़ता सीधे पुलिस के पास जाए. 2-4 सप्ताहों, महीनों या सालों बाद की गई शिकायत पर ध्यान देना प्रकृति के बीच आ कर यौन आनंद से खिलवाड़ करना है.

कुछ अदालतों ने अब लड़कों को छूट देनी शुरू कर दी पर यह छूट भी तब मिलती है जब महीनों जेल काटी जा चुकी हो और वकीलों पर खर्च हो चुका हो. सहमति का अधिकार छीनने का हक क्या समाज और कानून को है?

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