रिफ्रैशिंग औरेंज

सामग्री

3 संतरे

2 बड़े चम्मच पीसी हुई चीनी

1/2 कप औरेंज सोडा

क्रश्ड आइस.

विधि

संतरों का छिलका उतार कर फांकों से बीज निकाल लें. सोडा छोड़ कर बाकी सामग्री को ब्लैंडर में ब्लैंड कर लें. छान कर इस में सोडा मिलाएं और संतरे की फांक से सजा कर ठंडाठंडा सर्व करें.

मैंगो टैंगो

सामग्री

1 कप आम का जूस

1 कप संतरे का जूस

एक स्कूप वैनिला आइसक्रीम

1 स्कूप मैंगो आइसक्रीम

2 बड़े चम्मच कुचले हुए आम.

विधि

कुचले हुए आम, संतरे और आम के जूस को मिक्सर या ब्लैंडर में मिलाएं. फिर इस में मैंगो आइसक्रीम ब्लैंड करें. गिलास में डाल कर ऊपर से वैनिला आइसक्रीम डालें और फलों से सजा कर सर्व करें.

गोल्डन गे्रट

सामग्री

2 बड़े चम्मच बटरस्कौच सिरप

2 बड़े चम्मच स्ट्राबैरी क्रश्ड

आवश्यकतानुसार सोडा.

विधि

सभी सामग्री को मिक्सर या ब्लैंडर में मिलाएं और गिलास में डालें. अगर जरूरत समझें तो गिलास में सोडा डालें और फलों से सजा कर सर्व करें.

बढ़ती उम्र बने रहें रोमांटिक

40-45 की उम्र पार कर चुके लोग समझने लगते हैं कि अब उन की रोमांस करने की उम्र गुजर चुकी है. लेकिन सचाई यह होती है कि आजकल की भागदौड़ वाली दिनचर्या में इस के लिए उन के पास न तो समय होता है, न ही घरपरिवार में एकांत. यदि दांपत्य जीवन को सुखमय बनाना चाहते हैं तो रोमानियत के पलों को चुरा लें. ये बढ़ती उम्र में रिश्तों में आई ऊब और बासीपन को दूर कर नई ऊर्जा और सुखद एहसास को बरकरार रख सकते हैं. इस के लिए बस जरूरत होती है अपने में थोड़ा सा बदलाव लाने की. इस से आप के पार्टनर को जो खुशी, संतुष्टि और नयापन मिलेगा, उस से आप के प्यार की बगिया फिर से महक उठेगी.

बीना वैसे तो ठीकठाक हैं, मगर उन के 52 वर्षीय पति विवेक को उन से शिकायत है कि उन की सैक्स के प्रति हिचकिचाहट ने उन के दांपत्य जीवन को नीरस बना दिया है. जब भी विवेक उन से सैक्स की इच्छा जाहिर करते हैं, तो बीना का यह कहना होता है कि यह भी कोई उम्र है यह सब करने की. पत्नी बीना की यह बात पति की चाह को ऐसे बैठा देती है जैसे दूध में आए उफान को पानी के छींटे बैठा देते हैं.

यौन रोग विशेषज्ञा डा. सरोज जयंत का मानना है, ‘‘चिकित्सकीय अनुसंधान साबित करते हैं कि यौन व्यवहार शरीर और मन को तरोताजा रखने के लिए बेहद जरूरी है, खासकर बढ़ती उम्र में इस की बेहद आवश्यकता होती है. इस से शरीर की हारमोनल क्रियाएं शरीर को ताजगी व ऊर्जा देती हैं.’’ हमारे यहां जैसेजैसे पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं, वैसेवैसे सैक्स की नियमितता, अवधि और बारंबारता कम होती जाती है. यह एक सामाजिक नियम जैसा है. सैक्स को हमारे समाज में मात्र संतानोत्पत्ति के रूप में ही देखा जाता है. ऐसे में 40 के बाद पतिपत्नी में रोमांस, प्यार पहले जैसा नहीं रह पाता.

आपसी तालमेल

जिन पतिपत्नी में कुछ सालों बाद तालमेल बैठ जाता है, उन की सैक्सलाइफ, रोमांटिकलाइफ बढ़ती उम्र में बेहतर होती जाती है. प्यार पाना, प्यार देना व पति का साथ पाना महज एक शारीरिक क्रिया नहीं है. उस का संबंध हमारी भावनाओं और दैनिक क्रियाकलापों से भी उतना ही होता है.

पहले से तैयारी करें

एक उम्र के बाद पतिपत्नी के बीच एक दूरी सी बनने लगती है. ऐसे में दूरी और न बढ़े, इस के लिए आप अपने पति के साथ की तैयारी करें. पति को 1 दिन पहले ही बता दें कि आने वाली रात बस आप दोनों की होगी. रीमा कहती हैं कि वह अपने पति दिनेश को खुश करने के लिए नएनए तरीके खोजती हैं. कई बार पति को बाहर मिलने के लिए बुलाती हैं. चलतेचलते बांह पकड़ कर खींच लेती हैं, रैस्टोरैंट में जा कर पति की पसंद का खाना और्डर करती हैं. जो रात दोनों को एकसाथ बितानी होती है उस के लिए वह पहले से ही सारी तैयारी कर लेती हैं. बच्चों को अलग कमरे में सुला देती हैं.

बैडरूम को सजाएं

सैक्स स्पैशलिस्ट डा. अशोक के अनुसार, ‘‘पतिपत्नी के प्यार के बीच बैड की अपनी अलग अहमियत है. पति को भरपूर सुख देने के लिए बैडरूम में गुलाब के फूलों के प्रिंट वाली चादर बिछाएं. ‘‘बैडरूम में दीवान के किनारे रखी मेज पर गुलाब के फूलों को गुलदस्ते में सजाएं, खुशबू भी डाल दें. छोटी टोकरी में मौसम के अनुसार फल रखें. बैडरूम में ही डिनर रखवाएं. मेज को करीने से सजाएं. छोटीछोटी मोमबत्तियां रखें. 2 कुरसियां भी रखें. रूम फ्रैशनर प्रयोग करें.’’

कैंडललाइट डिनर करें

अपने पति को बैडरूम में ही कैंडललाइट डिनर के लिए आमंत्रित करें. शाम को पति की पसंद का भोजन तैयार कर के हौटकेस में रख लें. सब कुछ व्यवस्थित कर के पहले से रख लें.

तैयार हों

पति की पसंद को ध्यान में रखते हुए पति के लिए तैयार हों. इसे बेकार का झंझट न समझें. उन के पसंद के रंग की साड़ी या सूट पहन कर उन का इंतजार करें. आप का शृंगार सिर्फ उन के लिए होगा, तो यकीनन उन की नजरें आप पर से हटेंगी नहीं.

संगीत लगाएं

एकदूसरे की पसंद का गीत धीमी आवाज में लगाएं. रोमांटिक गीत भी लगाएं जैसे, ‘मेरे प्यार की उम्र हो इतनी सनम, तेरे नाम से शुरू तेरे नाम पे खत्म…’, ‘छुप गए तारे नजारे क्या बात हो गई, दिल ने दिल को पुकारा…’ आदि. यदि कैंडल डिनर से पहले डांस पसंद करती हों तो उस का भी आनंद लें.

यादगार लमहों को दोहराएं

एकदूसरे को अपने अच्छे पलों की याद दिलाएं कि कैसे आप दोनों शादी से पहले एकदूसरे को फोन करते थे, कैसे छिपछिप कर मिला करते थे, एकदूसरे का हाथ थामने से भी घबराते थे. कालेज के दोस्त किस तरह आप दोनों को मिलवाने की मदद करते थे. क्लास बंक कर के कैसे पिक्चर देखने जाते थे.

प्यार कैसे करें

बिस्तर पर जाने से पहले पार्टनर के मूड को जान लें. किस तरह प्यार करें, कौन सा तरीका उन्हें बेहद पसंद आएगा, यह भी तय कर लें. सैक्स के प्रति विरक्ति नहीं आसक्ति पैदा करें.

फोरप्ले करें

पतिपत्नी को एकदूसरे के स्वभाव, इच्छाओं, शौक आदि की जानकारी होती है. चुंबन, आलिंगन, स्पर्श, सहलाते हुए एकदूसरे की आंखों में झांकें, होंठों को उंगलियों से सहलाएं. पत्नी को पूरी तरह मूड में लाएं. जैल या अच्छी क्रीम का इस्तेमाल करें.

चरमसुख के बाद अलग न हों

अकसर चरमसुख के बाद पतिपत्नी अलग हो कर सो जाते हैं, ऐसा न करें. पत्नी अकसर यह सोच बैठती है कि अभी कितना प्यार जता रहे थे और अब प्यार करने के बाद मुझे अलग कर दिया. दीप अकसर पत्नी तरुणा के साथ सैक्स करने के बाद उसे घर के अन्य काम करने के लिए तुरंत बाहर जाने के लिए कहता. तरुणा कहकह के थक जाती कि नहीं, मैं नहीं जाऊंगी. लेकिन दीप नहीं मानता. आज हालात यह है कि दीप के इसी स्वभाव को ले कर तरुणा अपने पति से चिढ़ने लगी है. वह पति को स्वार्थी कहती है. दोनों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं.

सुबह की चाय एकसाथ पिएं

सुबह एकसाथ चाय पिएं. रात की खुमारी, मानसिक सुख दांपत्य जीवन को सुख से भर देंगे. इस उम्र में आप को प्यार का ऐसा मजबूत बंधन चाहिए, जिस में नयापन हो. शाम को पत्नी को उस की पसंद का गिफ्ट दें. उम्र के बढ़ने के साथसाथ अपनत्व बढ़ता जाता है, सैक्स लाइफ बेहतर होती जाती है, बशर्ते उस में ये तमाम तत्त्व जरूर हों. तभी आप का दांपत्य जीवन सुखमय होगा.

पंजाबी फिल्म में गौहर

थप्पड़ की कंर्टोवर्सी तो काम न आई, लेकिन एक पंजाबी फिल्म जरूर मिल गई गौहर खान को. उन्होंने हाल ही में गायक अभिनेता जस्सी गिल के साथ पंजाबी फिल्म साइन की है. गौहर को पंजाबी सिखाने की जिम्मेदारी भी जस्सी ने ले ली है. यह पंजाबी फिल्म एक रोमांटिक फिल्म है. हुआ यह है कि गौहर को जल्दी ही समझ में आ गया है कि छोटीमोटी हरकतों से बौलीवुड में तो काम मिलने वाला नहीं है, इसलिए चुपचाप ही क्षेत्रीय फिल्मों का हाथ थाम लिया है.

त्वचा की समस्याएं

हरेक की कदकाठी अलग होती है. कोई छोटा, कोई लंबा, कोई मोटा तो कोई पतला होता है. इसी तरह हर किसी की त्वचा में भी बहुत अंतर होता है. किसी की त्वचा बहुत गोरी होती है, तो किसी की बहुत काली. किसी की मिश्रित होती है, तो किसी की सांवली.हर किस्म की त्वचा की अपनी खूबियां होती हैं, तो कमियां भी, साथ ही हर त्वचा की अपनीअपनी समस्याएं भी होती हैं. ऐसी ही कुछ समस्याओं के हल खोजने के लिए हम ने जानीमानी सौंदर्य विशेषज्ञा भारती तनेजा से बातचीत की.

देखा गया है कि कई बार चेहरे की त्वचा बहुत खराब हो जाती है. ऐसे में कौन सा फेशियल कराना फायदेमंद रहता है?

कई बार समस्या जो दिखती है, वह होती नहीं है. कहने का अर्थ यह है कि चेहरे की त्वचा का खराब होना सिर्फ बाहरी ही नहीं, अंदरूनी कमी को भी दर्शाता है. इसलिए फेशियल कराने के साथसाथ खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. संतुलित भोजन का सेवन कर के अपनी त्वचा को सुंदर बना सकती हैं. अकसर खानपान पर ध्यान देने के बाद भी कई बार त्वचा काफी डल लगती है. ऐसे में शाइन ऐंड ग्लो फेशियल कराया जा सकता है. यह टीनएजर्स और औफिस जाने वाली लड़कियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. इस में मसाज और स्क्रब करने के साथसाथ त्वचा पर मौइश्चराइजर क्रीम भी लगाई जाती है, जिस से त्वचा में काफी निखार आ जाता है.

आंखों के नीचे और आसपास की ब्लैक स्किन को ढकने के लिए क्या करना चाहिए?

आजकल की भागतीदौड़ती जिंदगी में न ठीक से खाने का टाइम मिलता है और न ही ठीक से सोने का. कामकाजी महिलाओं को घर और दफ्तर दोनों की जिम्मेदारियां निभाते हुए अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता. हर समय काम की चिंता की वजह से उन की त्वचा के खराब होने के साथसाथ उन की आंखों के नीचे काले घेरे भी आने लगते हैं. ऐसे में मेकअप करते समय आप कंसीलर लगा सकती हैं. कंसीलर 2 तरह के होते हैं, लिक्विड और क्रीमी. इन के कई कलर बाजार में उपलब्ध हैं. आप अपनी त्वचा से मेलखाता हुआ कंसीलर फाउंडेशन के साथ मिला कर लगाएं. उस के बाद आंखों का मेकअप करें.

कई बार चेहरे पर कोई निशान या आईब्रो के नीचे किसी तरह का निशान हो जाता है. उसे ढकने के लिए क्या करना चाहिए?

आंखों की तरह आईब्रो के पास या नीचे किसी तरह के निशान को ढकने के लिए आप कंसीलर का इस्तेमाल कर सकती हैं. इस के अलावा लेजर के माध्यम से भी वह निशान हटाया जा सकता है. आजकल माइकोडर्मा विजन लेजर के जरिए यह आसानी से हो जाता है. इस से चेहरे के कहीं के भी और किसी भी तरह के दाग हटाए जा सकते हैं. इस में धीरेधीरे नई त्वचा आती है और पुरानी हटती जाती है.

सांवले रंग की त्वचा पर डार्क कलर के निशान को भरने के लिए क्या करना चाहिए?

अकसर गहरे दाग को भरने के लिए फाउंडेशन का इस्तेमाल किया जाता है. ज्यादा गहरा दाग है, तो आप फाउंडेशन के साथसाथ कंसीलर भी लगा सकती हैं. इस के अलावा परमानैंट इलाज के रूप में लेजर के जरिए आप दाग हटवा सकती हैं.

कई बार पार्टी में जाते समय महिलाएं दूसरों की देखादेखी ज्यादा मेकअप कर लेती हैं, जो उन पर सूट नहीं करता है. ऐसे में उन्हें किस बात का ध्यान रखना चाहिए?

यों तो पार्टी में डार्क मेकअप ही अच्छा लगता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि पार्टी दोपहर में है या रात में. सब से पहले उन्हें अपनी त्वचा का रंग देखना चाहिए. इस के बाद पहनावे पर ध्यान देना चाहिए जैसे, डार्क कलर के साथ डार्क और लाइट के साथ मैचिंग लाइट कलर ही इस्तेमाल करना चाहिए. दूसरों को देख कर अपना मेकअप करने से अच्छा है कि अपनी ड्रैस से मेलखाता हुआ मेकअप ही करें.

कई बार किसी चेहरे पर कोई चीज सूट करती है और कभी नहीं. ऐसे में किन बातों का खयाल रखना चाहिए?

सी परिस्थिति में चेहरे पर कोई भी मेकअप की चीज लगाने से पहले उसे त्वचा पर हलका लगा कर चैक करना चाहिए कि कहीं उस की वजह से इचिंग या जलन तो नहीं हो रही. ऐसी स्थिति में मेकअप में उन्हीं चीजों को शामिल करना चाहिए, जो आप की त्वचा को सूट करती हों.

बौडी का मेकअप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बौडी मेकअप में सब से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि अतिरिक्त बाल कहीं न हों. फिर त्वचा से मेलखाते फाउंडेशन का इस्तेमाल करते हुए बौडी का मेकअप करना चाहिए.

गरमियों में रहें कूल कूल

मौसम के बदलते रूप ने झुलसाना शुरू कर दिया है. तपता सूरज अपने साथ एक नहीं, कई समस्याएं एकसाथ ले कर आता है. गरमी के मौसम में धूप के कारण त्वचा का झुलस जाना, डार्क सर्कल्स बनना, पसीने की बदबू आना और न जाने क्याक्या समस्याएं पैदा हो जाती हैं. लेकिन थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो इन समस्याओं से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है.

मौइश्चराइजर का करें नियमित प्रयोग

कौस्मैटिक: काया ब्यूटी क्लीनिक की ब्यूटी ऐक्स्पर्ट मनीषा कहती हैं कि गरमी के मौसम में वाटरबेस्ड मौइश्चराइजर का प्रयोग उत्तम होता है. इस के साथ ही चेहरा साफ पानी से बारबार धोना भी अच्छा होता है.

घरेलू उपाय: इस मौसम में आसानी से मिलने वाले खीरे को गुलाबजल के साथ मिला कर प्रयोग करना लाभदायक है. इस के अलावा चंदन, हलदी, एलोवेरा, आंवला आदि चीजों का प्रयोग भी त्वचा को सुंदर बनाने के लिए किया जा सकता है.

मौसम की जरूरत सनस्क्रीन

कौस्मैटिक: मनीषा की मानें तो एक आकलन के अनुसार 90% मामलों में प्रीमैच्योर एजिंग धूप में ओवर एक्सपोजर के कारण होती है. इस से बचने के लिए घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना जरूरी है. गरमियों के मौसम में स्किन को डबल प्रोटैक्शन की आवश्यकता होती है. इस मौसम में टैनिंग या सनबर्न की ज्यादा प्रौब्लम होती है. मौसम देखते हुए 20 से 25% सन प्रोटैक्शन फैक्टर वाली क्रीम का यूज करना चाहिए.

घरेलू उपाय: धूप से घर में आने पर सब से पहले खीरे या आलू का रस चेहरे पर लगाएं. तैलीय त्वचा वालों को, संतरे, तरबूज या खरबूजे का रस लगाना चाहिए. इस से फ्रैशनैस आती है और ताजगी रहती है.

बालों की देखरेख

कौस्मैटिक: मनीषा कहती हैं कि गरमी के मौसम में अधिक पसीना आने से चिपचिपाहट बढ़ जाती है, जिस का सीधा प्रभाव बालों पर भी पड़ता है. तेज धूप, प्रदूषण व देखभाल की कमी से बाल अपनी चमक खो देते हैं और बेजान से लगते हैं. बालों को सुरक्षा कवच पहनाने के लिए हेयर सीरम या सनशील्ड का प्रयोग करें. इस मौसम में ऐसा हेयरस्टाइल रखें, जो आसानी से मैनेज किया जा सके. शैंपू करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शैंपू हर्बल और ब्रांडेड हो. कभी भी तेज धूप में खुले सिर न निकलें, कैप या छतरी का प्रयोग अवश्य करें. नियमित सफाई व उचित खानपान से आप के बाल निश्चित रूप से सुंदर बने रहेंगे.

घरेलू नुसखे: दही व मुलतानी मिट्टी का पैक बना कर बालों पर लगाएं, आधे घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें. यदि दही से नियमित रूप से बाल धोए जाएं तो बालों का झड़ना भी रुक जाता है. विटामिन ए, विटामिन बी कांपलैक्स तथा प्रोटीनयुक्त आहार का अधिक से अधिक सेवन करें. अंकुरित गेहूं को दूध में उबालें और उस का सेवन करें. इस से बालों को बहुत लाभ होता है. पपीता, केला, आंवला, आम, अमरूद व तरबूज जैसे फलों का भरपूर प्रयोग करें. सब्जियों में टमाटर, मटर, प्याज, बैगन, भिंडी, पुदीना, चौलाई, सेम, मूली, पत्तागोभी आदि का सेवन बालों को स्वस्थ व सुंदर रखने में सहायक होता है.

पैरों को न करें नजरअंदाज

कौस्मैटिक: संपूर्ण सुंदरता के लिए पैरों का सुंदर होना भी जरूरी है. अकसर होता यह है कि चेहरे व बालों की देखभाल पर तो आप विशेष ध्यान देती हैं, मगर पैर उपेक्षित रह जाते हैं. एक अच्छा सा फुट स्क्रब खरीदें. हर रोज नहाते समय साबुन लगा कर इस से एडि़यां रगड़ें. इस से उन की गंदगी साफ होगी व मृत त्वचा निकल जाएगी, एडि़यां साफसुथरी व चिकनी रहेंगी. पैरों को कुनकुने पानी में डाल कर 10 मिनट रखें, फिर सुखा कर किसी फुट क्रीम से मसाज करें.

घरेलू उपाय: रात को सोने से पहले पैरों को अच्छी तरह धो कर साफ करें. यदि एडि़यां फटी हैं तो सरसों के तेल में गरम वैक्स को मिला कर क्रीम जैसा बना लें. इसे एडि़यों पर लगाने से एडि़यों की दरारें भर जाएंगी. सेब, संतरा व विटामिन ए से भरपूर आहार का सेवन भी पैरों की त्वचा को सुंदर बनाता है. इन फलों का भरपूर प्रयोग करें.

आंखों का खयाल

गरमी के मौसम में जब भी बाहर निकलें, सनग्लासेस का प्रयोग करें. ये आंखों के सुरक्षा कवच तो हैं ही, आप की सुंदरता को भी बढ़ाते हैं. गरमी की जलन से राहत पाने के लिए गुलाबजल में साफ कौटन को भिगो कर आंखों पर रखें और कुछ देर आंखें बंद कर के लेटें. इस से आंखों को शीतलता मिलती है और थकान भी दूर होती है.

नवजात का स्वागत

नवजात शिशु जब इस दुनिया में कदम रखता है तो नर्सिंग होम में उसे सफेद कपड़े में लपेट दिया जाता है, एक पोटली की तरह. दुनिया में आने के बाद यही उस का पहला कपड़ा होता है. लेकिन थोड़ा वक्त गुजरते ही बच्चे के लिए बहुत सी चीजों की जरूरत होती है. बच्चे की परवरिश के लिए पहले ही दिन से ढेर सारे कपड़े, नैपी, डाइपर, तौलिया, टिशू पेपर, कौटन बौल, सोने के लिए छोटे गद्दे, तकिए, नहाने के लिए टब, मग, साबुन, मालिश के लिए तेल वगैरह होने चाहिए. इसलिए यह जरूरी यह होता है कि योजना बना कर बच्चे के लिए खरीदारी पहले ही कर ली जाए.

  1.  खरीदें आरामदेह पोशाकें

च्चे के लिए कपड़े खरीदते वक्त बड़ी सावधानी से उन का चयन करें. बाजार में बहुत अच्छेअच्छे डिजाइन और स्टाइल वाली पोशाकें मिल जाती हैं, लेकिन दिखने में खूबसूरत के बजाय पहनने में आरामदेह पोशाकें ही खरीदें. इस की वजह यह है कि बच्चा हमेशा लेटा या सोया रहता है. बकल, बड़ेबड़े बटन जैसी सजावटी चीजें लगी पोशाक या चुभने वाले चमकीले या भड़कदार मैटेरियल से तैयार की गई पोशाक लेने से बचें. पोशाक के साथ ऊनी कपड़े, टोपी, जुराबें, फुल पैंट, स्वैटर आदि की भी खरीदारी कर लें. ऊनी चीजों में फलालैन की पोशाकें कई जोडि़यों में जरूर लेनी चाहिए. ये गरम होती हैं, हलकीफुलकी भी और बारिश के दिनों में जब ऊनी कपड़े पहनना जरूरी न हो फलालैन की पोशाकें बच्चों के बड़े काम आती हैं. ऊनी टोपी ऐसी होनी चाहिए, जो सिर को ढकने के साथ ही साथ कान भी ढक दे, क्योंकि कान के जरिए ठंड जल्द ही लगती है.

2. नैपी और डाइपर

पोशाक के साथ दिन भर की जरूरत के लिए पर्याप्त नैपी और डाइपर होना जरूरी है. पोशाक खरीदने के दौरान ही नैपी और डाइपर भी लें. डाइपर इतने जरूरी हैं कि कितने भी खरीद कर रखे जाएं, हर 2 दिन में ये कम ही पड़ जाते हैं. इसीलिए 1 हफ्ते की जरूरत समझ कर पहले से खरीद कर रख लिए जाएं. अब बारी है बच्चे के लिए प्रसाधन सामग्रियों और अन्य जरूरी सामानों की, जिस में बेबी पाउडर, बेबी क्रीम, बेबी लोशन, बेबी औयल, बेबी शैंपू, बेबी हेअर ब्रश जैसी बहुत सारी चीजें हैं. इन के अलावा विभिन्न साइज के कई टौवेल, बाथ टब, टिशू पेपर, कौटन बौल, छोटा कंबल ऐसी चीजें हैं, जिन की बच्चे के जन्म के बाद घर लौटते ही जरूरत पड़ जाती है. जहां तक प्रसाधन सामग्रियों की बात है, तो बाजार में कई विश्वनीय कंपनियां हैं, जिन पर आंख बंद कर के पूरा भरोसा किया जा सकता है. इन के पूरे सैट भी उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसे सैट उपहार में देने के लिए ठीक हैं. घर की जरूरत के लिए सैट के बजाय इन सामानों को अलग बड़े साइज में ही लेना उचित है. तेल मालिश के लिए औलिव औयल की एक बड़ी बोतल जरूर रखनी चाहिए और क्रीम या लोशन की बात करें, तो बच्चे की त्वचा का ध्यान रख कर डाक्टरी सलाह से ही किसी क्रीम और पाउडर का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि बच्चों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है.

3. बोतल व टंबलर

वैसे तो नवजात बच्चा मां के दूध पर ही निर्भर रहता है और स्तनपान करने वाले बच्चे को पानी पीने की जरूरत नहीं होती, लेकिन कुछ बच्चों को कभीकभी डब्बे के दूध की भी जरूरत पड़ जाती है. साथ ही, 5-6 महीने में बच्चों के खानेपीने की जरूरत अलग होती है. उस के अनुरूप बोतल, टंबलर के साथ कई दूसरी चीजों की भी जरूरत पड़ती है. बच्चों के बरतन, चाहे वह बोतल हो, टंबलर हो या सीपर, की साफसफाई का बड़ा ध्यान रखना पड़ता है. ऐसे बरतनों को जीवाणुमुक्त करने के लिए उबालने की जरूरत पड़ती है. आजकल बच्चों की बोतल, बरतन जैसे सामानों को जीवाणुमुक्त करने के लिए इलैक्ट्रौनिक उपकरण भी उपलब्ध हैं, जिन का इस्तेमाल सुविधाजनक होता है. घर पर नया मेहमान आने के साथ यह उपकरण लिया जा सकता है.

नवजात शिशु के लिए 18 से 20 घंटे की नींद जरूरी है. जाहिर है, इस के लिए आरामदायक साजोसामान होना जरूरी है. चूंकि बच्चा अपनी तकलीफ के बारे में बोल कर तो बता नहीं सकता, इसीलिए अगर उस की यह जरूरत पूरी नहीं हो पाती तो उस चिड़चिड़ापन आ जाता है. सोने के लिए मोमजामा, तकिए, गद्दे, मसहरी की भी जरूरत होती है. बच्चे के लिए तकिए का चयन बड़ी सावधानी से करना चाहिए. आमतौर पर घर की बुजुर्ग महिलाएं तकिए के खिलाफ होती हैं, लेकिन सिर के ठीक से गठन के लिए तकिया जरूरी होता है. ऐसा विशेष प्रकार का बेबी पिलो बाजार में कहीं भी मिल जाता है. लेकिन बंगाल में आमतौर पर तकिए के मामले में पुरानी मान्यता को तरजीह दी जाती है. यहां आज भी नवजात के लिए विशेष रूप से तकिया बनाया जाता है, जो सरसों या राई का होता है. तकिए में रुई के बजाय सरसों या राई को भरा जाता है. नवजात बच्चों में देखा गया है कि वे प्राय: किसी तरफ करवट ले कर अधिक सोते हैं. ऐसे में सिर का आकार बिगड़ जाने का अंदेशा होता है. राई या सरसों से सिर का आकार बिगड़ने की संभावना कम हो जाती है.

आजकल क्या गांव, क्या शहर, हर जगह मच्छरों का प्रकोप है, इसलिए बेबी कार्ट के साथ मसहरी लेना न भूलें.

4. नवजात के लिए उपहार

यह सब तो नवजात के मातापिता की बात हुई, लेकिन भारत में नवजात की मुंहदिखाई में सगेसंबंधियों द्वारा भी कुछ देने का रिवाज है. आमतौर पर भारतीय परिवार में रिवाज के तहत नवजात बच्चे को देखने आने वालों का तांता लग जाता है. ऐसे में करीबी रिश्तेदार बच्चे के लिए जो चीजें लाते हैं, वे उन्हें बच्चे की जरूरत को समझते हुए ही लाते हैं. उपरोक्त सामानों में काफी कुछ रिश्तेदारों द्वारा भी दिए जाते हैं. लेकिन नवजात के लिए उपहार देने के मामले में विदेशी चलन को भी अपनाया जा सकता है. विदेशों में शादीब्याह का मौका हो या बच्चे की पैदाइश का, उपहार में क्याक्या दिया जा सकता है, इस की एक फेहरिस्त सगेसंबंधियों या शुभेच्छुओं को दे दी जाती है.

अकसर होता यह है कि एक ही तरह के उपहारों की भरमार हो जाती है और बच्चे की जरूरत की ही चीजें छूट जाती हैं. इसीलिए विदेशों में बच्चे के मातापिता से सलाह ले कर ही उपहार देने का चलन है और कभीकभी तो बच्चे के मातापिता खुद ही बता देते हैं कि उन्हें बच्चे के उपयोग में आने वाली किनकिन चीजों की जरूरत है. यह स्वस्थ और उपयोगी चलन हमारे यहां भी शुरू किया जा सकता है.

विभा का बिकनी लुक

कलर्स पर आने वाले धारावाहिक ‘बालिका वधू’ की सुगना तो आप को याद होगी? इस रोल को विभा आनंद ने निभाया था. लेकिन अब बेहद शांत रहने वाली विभा का बिकनी लुक सामने आया है. विभा का यह नया लुक किसी धारावाहिक के लिए नहीं है. उन्होंने अपनी एक ट्रिप के दौरान बिकनी पहन कर फोटोग्राफी कराई और इंटरनैट पर पिक्चर्स मेल कर दीं. अपने नए अंदाज पर विभा का कहना है कि मैं लिमिट क्रौस नहीं करती हूं पर अपनी शर्तों पर मुझे जीना पसंद है. किसी की टोकाटाकी मुझे पसंद नहीं.

Hot Gold Style

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