इस फेस्टिव सीजन दिखें सबसे खूबसूरत, फौलो करें ये टिप्स

इस बात में कोई संदेह नहीं कि त्योहारों के मौसम में हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है. ऐसे में विटामिन सी से भरपूर शहतूत और कोकोआ आपकी त्वचा में निखार लाने में काफी मदद करते हैं. हम आपकी त्वचा में निखार लाने का उपाय बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं:

 

विटामिन-सी

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) त्वचा पर चमक व निखार लाने में काफी अहम भूमिका निभाता है. यह त्वचा की कोशिकाओं के पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है. एक अध्ययन के अनुसार, यह धूप व पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान को रोक कर त्वचा को ठीक करती है.

कोकोआ

जब त्वचा पर पराबैंगनी किरणों की रोशनी पड़ती है तो ऑक्सीजन के प्रतिक्रियाशील चरित्र के कारण अणु मुक्त होते हैं. सूर्य की रोशनी के कारण त्वचा की उम्र बढ़ना व झुर्रिया पड़ना लाजिमी है. एंटी ऑक्सीडेंट से समृद्ध कोकोआ कोशिकाओं की मरम्मत करता है और हानिकारक असर को खत्म करके त्वचा को पोषण देता है.

समुद्री शैवाल

सूजन को कम कर मुंहासों को खत्म करने में यह मददगार है. इसमें मौजूद प्राकृतिक एक्सफॉलिएंट रोम छिद्रों को बंद कर सकने वाले मृत कोशिकाओं को भी हटा देता है. शरीर पर लगाने पर यह त्वचा से अधिक तरल और अपशिष्ट पदार्थ को निकालता है. त्वचा पर जमी गंदगी हटाने के लिए क्लींजर का काम भी करता है.

आरब्यूटिन

यह बेयरबेरी पौधे से प्राप्त एक अणु है, जो मेलानीन को बनने से रोकता है. चेहरे का रंग साफ कर काले धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है.

शहतूत

पुरुषों और महिलाओं द्वारा अक्सर त्वचा के रूखेपन, मुंहासों और बढ़ती उम्र के असर को बेअसर करने के लिए शहतूत द्वारा इलाज किया जाता है. संवेदनशील त्वचा पर भी निखार लाने के लिए शहतूत का प्रयोग किया जा सकता है. त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ ही दाग-धब्बों से भी छुटकारा दिलाता है. यह बालों का टूटना कम कर उनको बढ़ाने और चमक लाने में भी सहायक है.

ब्यूटी प्रौडक्ट खरीदने से पहले ध्यान रखें ये बातें, स्किन डैमेज से बच सकती हैं आप

महिलाएं सुंदर दिखने के लिए हजारों सालों से ब्यूटी प्रसाधनों का इस्तेमाल करती आ रही हैं. मगर पहले ये ब्यूटी प्रौडक्ट प्राकृतिक चीजों जैसे हलदी, नीबू, मेहंदी, चंदन, फूलों इत्यादि से तैयार किए जाते थे, जिन के इस्तेमाल करने पर बिना किसी दुष्प्रभाव के सौंदर्यवर्धन होता था पर आज अधिकांश ब्यूटी प्रसाधनों में अनेक रसायनों का उपयोग होता है, जिन का स्किन पर दुष्प्रभाव हो सकता है.

 

इसके अलावा आज नामी कंपनियों की नकल के सस्ते ब्यूटी प्रसाधनों की भी बाजारों में भरमार है. साथ ही कुछ महिलाएं सस्ते के चक्कर में ब्रैंडेड ब्यूटी प्रौडक्ट न खरीद कर नकली व लोकल खरीद कर खुद ही मुसीबत से दोचार होती हैं. इन डुप्लीकेट ब्यूटी प्रसाधनों के निर्माण में घटिया और हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल होता है.

आइए जानते हैं कि ब्यूटी प्रसाधनों को खरीदने से पहले किनकिन बातों पर गौर करना जरूरी है.

ब्यूटी प्रसाधनों के संभावित दुष्प्रभाव

ब्यूटी प्रौडक्ट में मौजूद विभिन्न रसायनों के प्रभाव से संवेदनशील स्किन वालों को श्वसन तंत्र की ऐलर्जी हो सकती है. स्किन में लालिमा, खुजली, दाने, चकत्ते आदि हो सकते हैं. फिर ऐलर्जी के कारण जुकाम, आंखों में जलन, लालिमा, पानी बहना यहां तक कि दमा भी हो सकता है.

अनेक ब्यूटी प्रसाधनों के निर्माण में कोलतार का उपयोग किया जाता है, जो ऐलर्जी कर सकता है. साथ ही यह कैंसर का कारक भी माना जाता है. इस के प्रभाव से मूत्राशय कैंसर, नौनहौजकिन लिंफोमा आदि की भी संभावना बढ़ जाती है.

कुछ चेहरे के दाग, मुंहासे, दाने मिटाने वाले ब्यूटी प्रौडक्ट के उपयोग से संवेदनशील स्किन वालों में अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न होने के कारण दाने, मुंहासे खत्म होने के बजाय और बढ़ सकते हैं.

  • टैलकम, डस्टिंग पाउडर, कौंपैक्ट इत्यादि का उपयोग करने से स्किन के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं, जिस के कारण मुंहासे, झुर्रियां, चकत्ते हो सकते हैं. लंबे समय तक इन का इस्तेमाल करने से स्किन की प्राकृतिक कोमलता नष्ट हो जाती है. वह खुरदरी, निस्तेज, अनाकर्षक हो जाती है.
  • घटिया क्वालिटी की लिपस्टिक को लंबे समय तक लगाने से होंठों की श्लेष्मा झिल्ली सिकुड़ने लगती है. होंठ काले, ओजहीन, खुरदरे हो जाते हैं. लिपस्टिक में मौजूद रसायनों की कुछ मात्रा शरीर के अंदर भी पहुंचती है, जिस के हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं.
  • नेलपौलिश के अत्यधिक उपयोग से नाखूनों की प्राकृतिक चमक कम हो जाती है. वे कमजोर, खुरदरे हो सकते हैं, टूट सकते हैं. कुछ युवतियों को ऐलर्जी के कारण नाखूनों की जड़ों में दाने, खुजली हो सकती है.
  • आंखें नाजुक अंग हैं. काजल, आईलाइनर, आईशैडो, मसकारा, आईलैशेज, आईब्रोज पैंसिल आदि का इस्तेमाल आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है. इन से ऐलर्जी के कारण आंखों में खुजली, आंखों के नीचे काले घेरे, स्किन का खुरदरापन, पलकों के बालों का कड़ा हो कर झड़ना इत्यादि समस्याएं हो सकती हैं.
  • बिंदी के पीछे लगे ऐडहैसिव से बिंदी लगाने के स्थान पर खुजली, लालिमा, संक्रमण, दाग हो सकते हैं.
  • सिंदूर, पैंसिल वाली बिंदियों में तरल रूप से लगाई जाने वाली बिंदियां भी समस्या पैदा कर सकती हैं.
  • डाई के भी संश्लेषित रसायनों से निर्मित होने के कारण उस से भी ऐलर्जी, बाल झड़ने, जल्दी सफेद होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कार्बनिक रंजकों से निर्मित हेयर डाई के लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है.
  • बालों को सैट करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली क्रीमें, जैल, स्प्रे, लोशन, तेल में मौजूद रसायन, सुगंध भी बालों की जड़ों को कमजोर कर सकती हैं. बाल जल्दी सफेद हो सकते हैं, उन की नैसर्गिक कोमलता व चमक समाप्त हो सकती है.
  • हेयर रिमूविंग क्रीम लोशन, साबुन भी पूरी तरह से दुष्प्रभावरहित नहीं होते हैं. इन के उपयोग से भी ऐलर्जी, कालापन, रूखापन, धब्बे इत्यादि परेशानियां हो सकती हैं.

सलाह

ब्यूटी प्रसाधनों के लिए यथा संभव कृत्रिम पदार्थों के स्थान पर प्राकृतिक ब्यूटी प्रसाधनों का उपयोग करें. कृत्रिम, संश्लेषित रसायनों से निर्मित कौस्मैटिक उत्पादों का उपयोग कम से कम करें. प्रतिष्ठित कंपनियों के द्वारा निर्मित ब्यूटी प्रसाधनों का ही प्रयोग करें और उन्हें विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें ताकि सही मूल्य पर असली कौस्मैटिक मिले. कोलतार मिले कौस्मैटिक को आंखों, पलकों पर न लगाएं.

एक जगह के लिए बने ब्यूटी प्रौडक्ट को दूसरे ब्यूटी प्रौडक्ट की जगह जैसे लिपस्टिक को ब्लशर की और आईशैडो को गीला कर आईलाइनर की जगह इस्तेमाल न करें वरना ऐलर्जी या अन्य समस्याएं हो सकती हैं.

यदि किसी ब्यूटी प्रौडक्ट से ऐलर्जी है या कोई और समस्या होती है, तो उस का इस्तेमाल भविष्य में कभी न करें. सोने से पहले मेकअप जरूर उतार लें.

ध्यान रखें कि चेहरे की स्किन काफी संवेदनशील होती है. इसलिए ब्यूटी प्रौडक्ट केवल नामी कंपनियों वाले अथवा ब्रैंडेड ही खरीदें.

अगर आप भी हैं कौस्मेटिक्स की दीवानी, तो जान लें ये जरूरी बातें

आजकल खूबसूरत, स्वस्थ और सुंदर त्वचा पाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस आपके पास कौस्मेटिक्स होना चाहिए. कई लोग ऐसे होते हैं जो सुंदर दिखने के लिए रोज कौस्मेटिक्स का इस्तेमाल करते हैं. उनकी जिंदगी तो कौस्मेटिक पर ही आधारित हो जाती है. सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक उनके लिए कौस्मेटिक बेहद जरूरी हो जाता है.

अगर आप में भी ऐसी ही कोई आदत है तो हम आपको बताते हैं कि रोजमर्रा में इस्तेमाल किए जाने वाले कौस्मेटिक किस तरह आपके लिए हानिकारक हैं.

1. मौश्चराइजर

नहाने के बाद हर कोई त्वचा की नमी बरकरार रखने के लिए मौश्चराइजर का इस्तेमाल करता है. कुछ लोग तो जितनी बार पानी के संपर्क में आते हैं उन्हें मॉश्चराइजर की जरूरत पड़ती है. अगर आपकी भी आदत कुछ ऐसी ही है तो इसे सुधारे क्योंकि बाजार में मिलने वाले ज्यादातर मॉश्चराइजर में डिटर्जेंट वाले केमिकल पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा की नमी को छीन लेते हैं. इसलिए अगर संभव हो तो घर पर बने या प्राकृतिक मॉश्चराइजर का ही इस्तेमाल करें.

2. ब्लीच

बहुत सी लड़किया चेहरे की गंदगी साफ करने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं. ब्लीच में मौजूद रसायन आपकी त्वचा की नमी छीन लेते है. जब त्वचा की गहराई से सारा ऑयल निकल जाता है तो त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है. इसकी वजह से कई बार त्वचा में झुर्रियां भी हो जाती हैं.

3. लिपस्टिक

कई लड़कियों के लिपस्टिक का बड़ा शौक होता है. उनके पास इसके शेड्स का बेहतर से बेहतर कलेक्शन होता लेकिन शायद उन्हें ये नहीं पता कि लिपस्टिक आपके होंठों की नमी को छीन लेता है. कुछ लिपस्टिक का रंग गाढ़ा करने के लिए उसमें अत्यधिक मात्रा में लेड का उपयोग किया जाता है. ये लेड आपके दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए लिपस्टिक की जगह लिप बाम का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

4. काजल

आंखों की सुंदरता बढ़ाने का सबसे आसान उपाय है, काजल. कुछ लड़कियां तो बिना काजल लगाए घर से बाहर ही नहीं निकलती हैं. इसमें भी कई ऐसे केमिकल पाए जाते हैं. जिसकी वजह से आपकी आंखों में कई तरह के संक्रमण, कंजेक्टिव आई, ग्लूकोमा और ड्राई आई जैसी समस्या हो जाती है. इसलिए कोशिश करें कि सूरमें और काजल का प्रयोग कम से कम से करें. या फिर आंखों पर किसी भी तरह का मेकअप करने से बचें.

5. नेलपौलिश

नेलपौलिश आपके नाखूनों को बेहद सुंदर बनाता है लेकिन इसमें मौजूद एक कठोर केमिकल आपके नाखूनों को कमजोर बना देता है. कई बार डार्क कलर की नेलपॉलिश आपके नाखूनों पर धब्बे छोड़ जाती है और उन्हें पीला और कमजोर बना देती है. इसलिए नाखूनों की जैतून के तेल से मसाज करें और जितना हो सके नेलपॉलिश के इस्तेमाल से बचें.

फंगल इन्फैक्शन से नाखून बढ़ते नहीं है, मैं क्या करूं?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल-

मु झे कुछ दिन पहले हाथों के नाखूनों में फंगल इन्फैक्शन हो गया था. उस के बाद मेरे नेल्स अच्छे से नहीं बढ़ते. हमेशा टूटते रहते हैं. देखने में भी शेप सुंदर नहीं आती. बताएं क्या करूं?

जवाब-

अगर फंगल इन्फैक्शन खत्म हो गया हो तब ही उस के ऊपर कुछ काम करने की जरूरत है. जब नेल्स की शेप सही नहीं आती तो हलके गरम औलिव औयल से उन की रोज मसाज करें. एक सुंदर शेप बनाएं और फाइल कर के रखें. आप चाहें तो नेल ऐक्सटैंशन के द्वारा एक बार लंबे नेल्स करने से वे खूबसूरत हो जाएंगे. उन पर चाहें तो परमानैंट नेलपौलिश भी लगा सकती हैं. जब भी नेल्स बढ़ें तो रिफिलिंग करा सकती हैं. इस से नेल्स हमेशा लंबे खूबसूरत दिखाई देंगे. कोई फंक्शन हो तो उन पर आप नेल आर्ट भी करा सकती हैं.

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आजकल बड़े और लंबे नाखूनों का चलन है. ये रंग-बिरंगे, अलग-अलग आकार और विभिन्न सलीके से तराशे हुए नाखून, आपकी सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं. ये आपके हाथों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ, आपके व्यक्तित्व में भी एक निखार लेकर आते हैं.

आपकी इस सुंदरता को बरकरार रखने के लिये ये जरूरी है कि आप अपने नाखूनों को अच्छे तरीके से काटें और उन्हें साफ रखें. कुछ युवतियों के नाखून जरुरत से ज्यादा मुलायम हो जाते हैं, इस कारण किसी भी तरह की चोट लग जाने से या जरा साभी मुड़ने पर भी वो टूट सकते हैं.

आज हम आपको कुछ उपायों को बताने जा रहे हैं. इन सारे उपायों को ध्यान में रखकर आप अपने  नाखूनों की सुंदरता को और निखार सकते हैं और ज्यादा आकर्षक बना सकते हैं..

 

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भी भेज सकते हैं, submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेरे चेहरे पर बहुत जल्दी रैशेज हो जाते हैं?

सवाल-

मैं नेपाल की रहने वाली हूं. मेरे चेहरे पर बहुत जल्दी रैशेज हो जाते हैं. इन रैशेज से बचने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

अगर आप की त्वचा का रंग लाल हो रहा है या फिर उस में खुजली या रेशैज हो रहे हैं तो यह स्किन के ड्राई होने के लक्षण हैं. हो सकता है आप की स्किन सैंसिटिव है इसलिए सुगंधित और प्रेजेर्वेटिव युक्त किसी भी चीज का उपयोग करने से पहले सावधानी बरतें.

अगर स्किन पर रेशैज हो ही गए हों तो उस पर चंदन के पाउडर को रोज वाटर में अच्छी तरह मिक्स कर के उस पेस्ट को रेशैज पर लगाएं. ऐलर्जी होने पर फिटकरी के पानी से प्रभावित स्थान को धो कर साफ करें. नारियल का तेल त्वचा के लाल होने पर उस स्थान पर लगाने से कुछ राहत मिलती है. कैलेमाइन लोशन पर लगाने से भी ठंडक मिलती है. डाक्टर की सलाह से ऐंटीएलर्जिक दवाएं लें.

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गर्मियों के मौसम में हमें त्वचा संबंधित कई समस्याएं होती हैं. इनमें से सबसे ज्यादा हम जिस समस्या से परेशान होते हैं वह है रैशेज. गर्मियों के दिनों में धूप और गर्मी अधिक होने के कारण खुद त्वचा को ही नुकसान होने लगता है ऐसे में कुछ लोग गर्मी से बाहर निकलने से ही परहेज करते है जो जाहिर तौर पर एक अच्छा विकल्प है पर फिर भी हमें रैशेज जैसी समस्या हो जाती है.

रैशेज होने के कारण

पसीने से हमारी त्वचा चिपचिपी हो जाती है जिसकी वजह से हमारे रोम छिद्र जो हमारी त्वचा के माध्यम से हमारे शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर करते है बंद हो जाते हैं. जिसके कारण त्वचा में एक्ने ,खुजली और फोड़े फुंसी जैसी समस्याए आती है .

परफेक्ट लुक पाना चाहती हैं, तो स्किन टोन केअनुसार चुनें लिपस्टिक और आईशैडो

सही और संतुलित मेकअप जहां आप की खूबसूरती में चार चांद लगाता है वहीं आप का व्यक्तित्व भी निखर कर सामने आता है. जब बात मेकअप की हो तो सही लिपस्टिक और आईशैडो का चयन काफी मायने रखता है. अगर इस में थोड़ी भी चूक हुई तो आप की खूबसूरती अधूरी रह जाती है. इस के विपरीत यदि आप अपने स्किन टोन के हिसाब से परफेक्ट लिप कलर और आईशैडो का प्रयोग करती हैं तो महफ़िल में आप का कोई जवाब नहीं होगा.

आइये जानते हैं मेकअप आर्टिस्ट नीति बलजीत से कि लिपिस्टिक और आईशैडो का चयन किस आधार पर करें;

woman applying eyeshadow

लिपस्टिक शेडस का चयन

  • अगर आप का रंग गोरा है तो आप के पास काफी ओपशंस हैं. आप न्यूड पिंक या बेबी पिंक जैसे कलर्स बड़े आराम से लगा सकती हैं. आप मैट लिपस्टिक भी बेझिझक हो कर इस्तेमाल कर सकती हैं. आप पर सुर्ख लाल या बैगनी रंग के हलके शेड्स भी अच्छे लगेंगे.
  • अगर आप की स्किन गेहुएं रंग की है तो आप हलके से ले कर गहरे शेड्स की लिपस्टिक लगा सकती हैं. गहरा शेड्स लगाते वक़्त इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि आप का चेहरा ब्राइट दिख रहा हो न कि डल. चेहरे को ब्राइट दिखाने के लिए बीबी क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं.
  • अगर आप की स्किन न्यूट्रल कलर की है तो गुलाबी, लाल जैसे रंगों का ही इस्तेमाल करें और क्लासी लुक के लिए ज़्यादा से ज़्यादा मैट शेड्स लगाने की कोशिश करें.
  • अगर आप की त्वचा का रंग सांवला है तो आप के ऊपर मरून या भूरा रंग काफी जंचेगा.

आईशेडो का चयन

  • अगर आप की त्वचा गोरी है, तो हल्के रंग के आईलाइनर जैसे नीले या हरे रंग का चुनाव करें.
  • भारतीयों की गेहुंआ त्वचा पर स्मोकी आईज सब से अच्छी लगती है.आप काले के बजाय भूरे और मोव आईलाइनर का चुनाव भी कर सकती हैं. मध्यम या गेहुएं रंग की त्वचा वाले लोग वास्तव में हल्के और गहरे रंगों में अच्छे दिख सकते हैं.मध्यम त्वचा टोन के लिए, दिन के लिए मैट आईशैडो और रात के लिए ग्लिटरी आईशैडो बेहतर चाइस है.
  • औलिव या टैन स्किन टोन वाले लोगों के लिए ब्लैक आईलाइनर सब से उत्तम हैं. डार्क इंडियन स्किन कौम्प्लेक्शन पर चमकदार आई मेकअप बहुत अच्छा लगता है. उन्हें हल्के रंगों से दूर रहना चाहिए क्यों कि ये आप के रंग को अधिक गहरा दिखाएंगे.

दागधब्बों ने छीन लिया है आपकी खूबसूरती, तो लगाएं ये नेचुरल मास्क

यहां दाग धब्बों को कम करने के लिए जिन प्राकृतिक मास्क की सूची दी गयी है वो कनेक्टिव टिशु देकर स्वयं को सुधारने के लिए ताकत प्रदान करती है. घाव, काटना, जलना आदि से लेकर मुंहासों तक की त्वचा की सारी समस्याओं के उपचार में ये होम मेड मास्क उपयोगी हैं.

यदि आपका घाव ताज़ा है तो इन उपचारों को अपनाने से पहले अपने घाव को अच्छी तरह धो डालें. यहां शरीर के दाग धब्बों को हटाने के लिए 10 प्राकृतिक मास्क बताए गए हैं.

1. नीम

यह दाग धब्बों को हल्का करने के लिए एक विश्वसनीय तरीका है. नीम में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो किसी भी प्रकार की जलन को कम करते हैं और दाग धब्बों को हल्का बनाते हैं. क्या करें नीम की कुछ पत्तियों को पीसकर पानी की सहायता से पेस्ट बनायें. इस पेस्ट को दाग वाली जगह पर लगायें. इसे 30 मिनिट तक लगा रहने दें. इसके बाद इसे धो दें तथा थपथपा कर सुखा दें. ऐसा प्रतिदिन करें.

2. टमाटर

टमाटर में लाइकोपिन और एंटीऑक्सीडेंटस होते हैं जो त्वचा को चिकना बनांते हैं, मृत कोशिकाओं को निकालते हैं तथा स्वच्छ त्वचा को बाहर लाते हैं.

 क्या करें

पके हुए टमाटर का एक पतला टुकड़ा काटें. इसे प्रभावित जगह पर लगायें. इसे ऐसे ही सूखने दें. जब आपकी त्वचा में खिंचाव महसूस होने लगे तब इसे पानी से धो डालें. इसे प्रतिदिन सुबह के समय करें.

3. रोजमेरी ऑइल

रोजमेरी ऑइल में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो गहरे दाग धब्बों को भी हल्का कर देते हैं.

क्या करें

प्रतिदिन सुबह 15 मिनिट तक ऑर्गेनिक रोज़मेरी ऑइल से त्वचा की मालिश करें. इसे धोएं नहीं. रोजमेरी हल्का तेल होता है जो आसानी से त्वचा में सोख लिया जाता है तथा यह अपने पीछे गुलाब की खुशबू छोड़ जाता है.

4. हल्दी

हल्दी में एंटीऑक्सीडेंटस होते हैं जो त्वचा की परतों में अंदर तक जाते हैं, कनेक्टिव टिशूज को सुधारते हैं तथा दाग धब्बों को कम करते हैं.

क्या करें

एक चम्मच हल्दी में समान मात्रा में कच्चा दूध मिलाएं. इस पेस्ट को धब्बों पर लगायें. इसे 20 मिनिट तक लगा रहने दें तथा बाद में धो डालें. दाग धब्बों को दूर करने के लिए इसे दिन में दो बार दोहरायें.

5. दही

दही में उपस्थित लेक्टिक एसिड त्वचा को मुलायम बनाता है, जलन को कम करता है तथा दाग धब्बों को हल्का करता है.

क्या करें

एक चम्मच दही में एक चुटकी हल्दी मिलाएं. इसे प्रभावित जगह पर लगायें. इसे 20 मिनिट तक लगा रहने दें तथा उसके बाद धो डालें. इसके बाद त्वचा पर थोड़ा नारियल का तेल लगायें.

6. एलो वीरा

एलोवीरा एक प्राकृतिक शीतक है जो क्षतिग्रस्त त्वचा को सुधारते हैं तथा त्वचा के नए ऊतकों के निर्माण में सहायक होते हैं.

क्या करें

एक कटोरे में एलोवीरा जैल लें. इसे दाग पर लगायें तथा 5 मिनिट तक मालिश करें. इसे तब तक लगा रहने दें जब तक यह सूख न जाए. इसे ठंडे पानी से धो डालें. दाग धब्बों में परिणाम दिखाई देने के लिए इसे दिन में दो बार लगायें.

7. जैतून का तेल 

जैतून के तेल में विटामिन ई और एंटी ऑक्सीडेंटस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. ऑलिव ऑइल त्वचा को हाईड्रेट रखता है जो त्वचा में सुधार की प्रक्रिया को तीव्र करता है.

क्या करें

प्रभावित जगह पर ऑलिव ऑइल से मसाज करें. त्वचा को इस पोषक तत्व को अवशोषित करने दें.

8. फिश ऑइल

फिश ऑइल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो त्वचा के पुन:निर्माण और घाव भरने में सहायक होते हैं. चाहे आप इसे त्वचा पर लगायें या आवश्यकतानुसार इसका उपयोग करें दोनों ही स्थितियों में इसका प्रभावी असर दिखता है.

9. अंडे की सफेदी

अंडे प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत है तथा इसमें त्वचा के लिए उपयोगी एलबुमिन पाया जाता है जो दाग धब्बों में बहुत प्रभावकारी है.

क्या करें

रुई के फाहे को अंडे की सफेदी में डुबायें तथा इसे धीरे धीरे दाग पर लगायें. इसे टब तक लगा रहने दें जब तक त्वचा खिंचने न लगे. उसके बाद धोकर साफ कर लें. प्रभावी प्रभाव देखने के लिए इसे सप्ताह में तीन बार अपनाएं.

वर्चुअल मीटिंग के लिए तैयार होने के लिए मेरा मेकअप कैसा होना चाहिए?

सवाल-

कोरोना के कारण लौकडाउन में मेरे औफिस की मीटिंग्स भी अब वर्चुअल होने लगी हैं. भले ही मैं घर पर रह कर काम कर ही हूं, लेकिन उस दौरान भी मेरा प्रेजैंटेबल होना बेहद जरूरी है क्योंकि वर्चुअल मीटिंग के दौरान मुझे अपने सीनियर्स व बौस के साथ कनैक्ट होना पड़ता है. अत: वर्चुअल मीटिंग के लिए तैयार होने के लिए मेरा मेकअप कैसा होना चाहिए?

जवाब-

औनलाइन मीटिंग के लिए आप बेसिक मेकअप कर सकती हैं, जिस में बेस बनाने के लिए लाइटवेट फाउंडेशन या सीसी क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तरह का मेकअप ओवर नहीं लगता और ग्लो भी लाता है. वर्चुअल मीटिंग मेकअप के लिए स्पार्कल आईशैडो या ब्राइट ब्लश को यूज करने के बदले नो मेकअप लुक को अपनाएं. इस के लिए आप अपनी ब्रो को फिल करें और मसकारा नीचे और ऊपर की आईलैशेज पर अच्छी तरह लगाएं. लाइट पिंक या न्यूड लिपस्टिक में से कोई एक लगा सकती हैं व हलका सा ब्लशर लगाना काफी है. इस दौरान आप अपनी आंखों के नीचे के घेरों व ब्लेमिश को छिपाने के लिए कंसीलर का इस्तेमाल कर सकती हैं. कैमरे के सामने ब्लैक लाइनर काफी डार्क नजर आ सकता है, इसलिए ब्लैक आईलाइनर को ब्राउन या ग्रे के साथ स्विच करें. आईलाइनर की तरह ही आईशैडो व लिप शेड्स को भी लाइट ही रखें तो अच्छा. वर्चुअल मीटिंग में प्रेजैंटेबल दिखने के लिए सिर्फ मेकअप पर ही नहीं, बल्कि आप को लाइटिंग पर भी फोकस करना चाहिए. इसलिए वर्चुअल मीटिंग के लिए आप घर के ऐसे कोने का चयन करें, जहां पर नैचुरल लाइट अधिक आती हो. इस से आप का फेस खुदबखुद ब्राइटन नजर आएगा.

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केवल फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र की महिलाओं को खूबसूरत दिखना होता है. लेकिन इस बीच देशविदेश में लागू लौकडाउन की वजह से बहुत से लोगों को जमीनी हकीकत यानी रियल लुक पर ले आया है.

जाहिर है, इस दौरान न आप मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवा सकती हैं और न ही खुद को ग्रूम करने के लिए किसी ब्यूटीपार्लर में जा सकती हैं. ऐसे में अब कईयों का रियल लुक नजर आने लगा है.

आईब्रोज से दें चेहरे को नया लुक

चेहरे को आकर्षक बनाने में आईब्रोज की मुख्य भूमिका होती है. अगर आईब्रोज की सही तरीके से ग्रूमिंग न हो या उन का शेप सही न हो, तो चेहरे की सुंदरता कम हो जाती है.

वैसे हर इनसान की आईब्रोज आमतौर पर उस के चेहरे की बनावट के अनुसार होती हैं. जैसे किसी की मोटी तो किसी की पतली आईब्रोज की शेप ठीक कराने के लिए अधिकतर महिलाएं पार्लर जाती हैं. पर वहां सही शेप न बनने पर सिर्फ चेहरा ही नहीं चेहरे के भाव भी बदल जाते हैं, इसलिए हमेशा अच्छे ब्यूटीपार्लर में ही जा कर आईब्रोज की ग्रूमिंग करानी चाहिए.

इस के बारे में ओरिफ्लेम की ब्यूटी ऐंड मेकअप ऐक्सपर्ट आकृति कोचर बताती हैं कि कोई भी मेकअप ट्रैंड फिल्मों से आता है. पहले हीरोइनें पतली आईब्रोज रखा करती थीं, इसलिए उस का ट्रैंड चला. अभी बुशी आईब्रोज का फैशन पिछले कुछ सालों से चल रहा है. मेकअप में आईब्रोज का सही आकार आप की उम्र को 5 साल तक कम कर सकता है और आईब्रोज को वैसे तो आर्क शेप में होनी चाहिए पर वह शेप भी हर महिला के चेहरे के अनुसार अलगअलग रखा जाता है. जैसे अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन का चेहरा बहुत शार्प है, इसलिए उन पर पारंपरिक हाई आईब्रोज वाला आर्क शेप अच्छा लगता है, तो अभिनेत्री काजोल की आईब्रोज जुड़ी हुई हैं पर वे उन की आंखों की खूबसूरती बढ़ाती हैं. कुल मिला कर बात यही है कि चेहरे के अनुरूप सही तरीके से ग्रूमिंग की गई आईब्रोज हर किसी के फीचर को उभारती हैं और नया लुक देती हैं. फिर चाहे वे रानी मुखर्जी हों, कैटरीना या दीपिका. सब की आईब्रोज उन के चेहरे को सुंदर बनाती हैं.

आइए जानते हैं कि किस चेहरे पर कैसी आईब्रोज फबती हैं:

– ओवल चेहरे पर उभरी हुई आईब्रोज अच्छी लगती हैं. बौलीवुड अभिनेत्रियां आमतौर पर इसी तरह की आईब्रोज बनवाती हैं. ऐसी आईब्रोज का अंतिम हिस्सा कान की तरफ नीचे मुड़ना चाहिए.

– गोल चेहरा हो तो ऊंची आईब्रोज बनवाएं. बीच में ज्यादा उभार हो.

– वर्गाकार चेहरे पर भी आईब्रोज ऊंची रखनी चाहिए और उन का ऐंगल शार्प होना चाहिए.

– चौकोर चेहरे पर आईब्रोज चौड़ी रखें. इस के अलावा हलकी गोलाई ऐसे चेहरे पर अच्छी लगती है.

– हार्ट शेप चेहरा होने पर राउंड शेप में आईब्रोज बनवाएं. कर्व बेहद हलका दें. इस से चेहरे की खूबसूरती बढ़ेगी.

– आईब्रोज को अधिक नुकीला न बनवाएं. आईब्रोज हमेशा आंखों से थोड़ी लंबी होनी चाहिए. अगर नाक बड़ी और चौड़ी है, तो दोनों आईब्रोज के बीच अधिक दूरी नहीं रखनी चाहिए. दोनों आईब्रोज के बीच की दूरी दोनों आंखों के बीच की दूरी के बराबर होनी चाहिए.

– सही आईब्रोज से चेहरे पर चमक आती है. 30 से 40 साल तक की उम्र में आईब्रोज अच्छी रहती हैं, लेकिन 50-60 की उम्र में त्वचा ढीली हो जाती है तो आईब्रोज कम होने लगती हैं. ऐसे में ब्लैक या डार्क ब्राउन आईशैडो या आईब्रो पैंसिल का प्रयोग करना चाहिए.

आकृति आगे बताती हैं कि आईब्रो पैंसिल के स्ट्रोक, आईब्रोज के हेयर के हिसाब से धीरेधीरे करने चाहिए. सैंटर से हेयर ग्रो की तरफ हलके हाथों से ताकि आप का लुक नैचुरल लगे.

कई बार आईब्रोज कम होने पर महिलाएं अधिक चिंतित होती हैं तो आर्टिफिशियल आईब्रोज लगवाने के लिए कौस्मैटिक सर्जन के पास जाती हैं. ऐसा करें, लेकिन अच्छे कौस्मैटिक सर्जन से ही आईब्रोज लगवाएं. इस के अलावा आईब्रोज पर टैटू भी किया जाता है, जो परमानैंट होता है. टैटू के द्वारा इस में कलर भर दिया जाता है, जो खराब नहीं होता. इस से अलग एक बात यह है कि कैस्टर औयल लगाने से आइब्रोज अच्छी निकलती हैं.

न करें ये गलतियां

कुछ कौमन गलतियां जो महिलाएं अकसर करती हैं, निम्न हैं:

सही रंग की आईब्रोज न बनाना. आईब्रोज हेयर कलर के अनुरूप होनी चाहिए. अधिक गाढ़ा या हलका रंग ठीक नहीं होता.

नैचुरल आर्क को बनाए न रखना.

सही तरह से आईब्रो पैंसिल का प्रयोग न करना.

आईब्रोज अधिक पतली कर लेना.

दोनों आईब्रोज को समान रूप से न बनाना

क्या मेकअप से मुहांसों की प्रौब्लम होती है?

सवाल-

मैं 19 साल की युवती हूं. पिछले 2-3 सालों से मेरे चेहरे पर कभीकभी मुंहासे हो जाते हैं. नानी कहती हैं कि मुंहासे खून की अशुद्धि से होते हैं. क्या यह बात सच है? वे मुझे खानेपीने को ले कर भी टोकती रहती हैं. क्या आप यह स्पष्ट कर सकते हैं कि किन चीजों को खाने से मुंहासे होने का डर रहता है? वे मुझे चेहरे पर कौस्मैटिक्स लगाने से भी मना करती हैं. क्या सौंदर्यप्रसाधन सचमुच मुंहासों को बढ़ावा देते हैं?

जवाब-

कीलमुंहासे खून की अशुद्धि से नहीं, बल्कि त्वचा के भीतर छिपी सिबेशियस ग्रंथियों के फूलने से होते हैं. किशोर उम्र में जब शरीर में सैक्स हारमोन बनने शुरू होते हैं तो हारमोन की प्रेरणा से ही सिबेशियस ग्रंथियां बड़ी मात्रा में सीबम बनाने लगती हैं. उस समय अगर सिबेशियस ग्रंथि से सीबम की ठीक से निकासी नहीं होती है, तो यह ग्रंथि फूल जाती है और छोटीछोटी फुंसियों में बदल जाती है.

खानेपीने की बहुत सी चीजें मुंहासों को बिगाड़ने का अवगुण रखने के लिए बदनाम हैं. इन में तली हुई चीजें, चाटपकौड़ी और चौकलेट को सब से बुरा माना जाता है. पर इस सोच के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक आधार नहीं है. हां, किसी एक चीज के साथ अगर मुंहासे बारबार बढ़ते नजर आएं, तो उस चीज से परहेज करें. जहां तक मुंहासों और सौंदर्यप्रसाधनों के बीच संबंध होने की बात है, तो यह किसी सीमा तक सच है. त्वचा पर तैलीय सौंदर्यप्रसाधन, फाउंडेशन क्रीम, मौइश्चराइजिंग क्रीम, लोशन और तेल लगाने से रोमछिद्र बंद होने और मुंहासों के बढ़ने का पूरा रिस्क रहता है. अत: इन से परहेज बरतने में ही भलाई है. पर अगर आप कैलेमिन लोशन, पाउडर, ब्लशर, आईशैडो, आईलाइनर, मसकारा और लिपस्टिक लगाना चाहें, तो इन में कोई नुकसान नहीं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

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