वैक्सिंग: Myth पर Facts हैं भारी 

कोई भी महिला नहीं चाहती कि उसके चेहरे , शरीर पर बाल आए. लेकिन हमारा खानपान , शरीर में हो रहे बदलाव व होर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने की वजह से हाथपैरों, चेहरे पर अनचाहे बाल आ जाते हैं. जो न तो दिखने में अच्छे लगते हैं और साथ ही हमारे कोन्फिडेन्स को भी कम करने का काम करते हैं. लेकिन आज इन सब चीजों के लिए हमारे सामने अनेक ओप्शन्स उपलब्ध हैं. लेकिन सवाल यह है कि हेयर रिमूवल के ढेरों ओपशंस होने के बावजूद उनसे जुड़े अनेक मिथ्स हैं , जो हमें उन ओपशंस को चूज करने के लिए मन में अनेक तरह के डाउट पैदा करने का पर मजबूर करते हैं. लेकिन हम आपको हेयर रिमूवल से जुड़े सभी फैक्ट्स के बारे में बताते हैं , जिससे आपके मन में उनसे जुड़े मिथ नहीं रहेंगे.

1. मिथ अबाउट हेयर रिमूवल क्रीम 

इन दिनों हेयर रिमूवल क्रीम काफी डिमांड में है. क्योंकि वायरस के कारण बढ़ते केसेज  के कारण घर से बाहर निकलना सेफ जो नहीं है. और दूसरे इजी तो अप्लाई एंड रिमूव हेयर्स भी है. लेकिन अधिकांश लड़कियां व महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से इसलिए कतराती हैं कि इसे अप्लाई करने से स्किन पर एलर्जी, रेडनेस होने के साथसाथ स्किन काली भी पड़ जाती है. और इसे अप्लाई करने के बाद जब दोबारा से हेयर ग्रोथ आती है तो वो काफी जल्दी, ज्यादा व हार्ड ग्रोथ होती है. इस चक्कर में हेयर रिमूवल क्रीम्स का इस्तेमाल कम ही किया जाता है.

फैक्ट आपको बता दें कि ये क्रीम्स डर्मेटोलॉजिस्ट टेस्टेड होती हैं. इसलिए ये स्किन पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है. लेकिन अगर आपकी स्किन पर एलर्जी हुई हुई है और आप उस पर इसे अप्लाई करती हैं तब ही ये आपकी स्किन पर एलर्जी करेगा. इसमें हेयर ग्रोथ भी जड़ से निकलने के कारण लंबे समय तक नहीं आती है. क्योंकि ये केराटिन प्रोटीन को ब्रेक कर जड़ से बालों को निकालने का काम जो करता है. अगर आप क्रीम की जगह रिमूवल क्रीम स्ट्रिप यूज़ करती हैं तो उसके छोटेछोटे पैचेज इस्तेमाल करने पर न तो आपकी स्किन रेड होगी और न ही किसी भी तरह की इर्रिटेशन. बस जब भी इस्तेमाल करें तो उसकी थोड़ी थोड़ी क्वांटिटी लें, साथ ही एक्सपायरी देख कर ही प्रोडक्ट को इस्तेमाल करें. प्रोडक्ट को जितनी देर स्किन पर लगाने के लिए बोला है, उतनी देर ही लगाएं, इससे  स्किन सेफ रहेगी. आप 20 – 25 दिन में दोबारा इसका इस्तेमाल कर सकते हैं , ये आपकी स्किन पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. ये हर स्किन टाइप को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाता है.

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2. मिथ अबाउट वैक्सिंग 

आप जब भी ब्यूटी एक्सपर्ट के पास वैक्सिंग करवाने के लिए जाते हैं , तो वे आपको वैक्सिंग से ही हेयर रिमूव करवाने की सलाह देते  हैं. लेकिन आप अंदर ही अंदर यही सोचती हैं कि इससे काफी दर्द होने के साथसाथ स्किन जल भी सकती है. साथ ही ग्रोथ भी ठीक नहीं आती है.

फैक्ट वैक्सिंग हेयर रिमूवल का बहुत ही सेफ तरीका है. क्योंकि इससे स्किन को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. आजकल मार्केट में एक से बढ़ कर एक वैक्सिंग प्रोडक्ट्स हैं. जैसे बिकिनी वैक्स, रीका वैक्स, एवोकाडो वैक्स, चॉकलेट वैक्स, मिल्क वैक्स  आदि. इसमें आलमंड आयल, ग्लिसरीन, विटामिन्स व ओलिव आयल जैसी प्रोपर्टीज भी होने के काऱण ये स्किन को ठंडक पहुंचाने के साथसाथ स्किन पर सूजन व उसे लाल पड़ने से रोकने का काम करते हैं. वैक्सिंग स्किन को तभी जलाती है जब उसके टेम्परेचर का ध्यान नहीं रखा जाता है. आजकल ऐसे हीटर उपलब्ध हैं , जिसमें ओटो कट की सुविधा होने के कारण वे उसे उतना ही गरम करते हैं , जितनी जरूरत होती है. इसलिए जलने का डर नहीं. साथ ही अगर आप इसे रेगुलर करवाते हैं तो धीरेधीरे इससे हेयर ग्रोथ कम होती जाती है. क्योंकि ये जड़ से बालों को निकालती है, जिससे अगली बार बाल धीरे व पतले आते हैं. अगर इसमें छोटीछोटी स्ट्रिप लेकर वैक्स की जाती है तो ये स्किन पर जरा भी दर्द नहीं करती है. बस इसमें खास तौर से टेक्निक का ध्यान रखने की जरूरत होती है.

3. मिथ अबाउट लेज़र ट्रीटमेंट 

बहुत सी महिलाओं के चेहरे व शरीर पर अनचाहे बाल उग आते हैं , जिनके लिए कभी वे हेयर रिमूवल क्रीम का इस्तेमाल करती हैं तो कभी रेज़र का तो कभी हेयर रिमूवल क्रीम का. लेकिन जब वे रोजरोज इनका सहारा लेलेकर थक जाती हैं तो लेज़र हेयर रिमूवर से परमानेंट हेयर रिमूव के बारे में सोचती हैं. लेकिन इस बात को लेकर उनके मन में ये मिथ है कि इस तकनीक में रेज़र का इस्तेमाल करने के कारण शेविंग जैसे बाल आते हैं, स्किन टेन हो जाती है, काफी दर्द होता है और इसमें बारबार ट्रीटमेंट लेने की जरूरत होती है.

फैक्ट  ये ऐसा ट्रीटमेंट है , जो सेफ होने के साथसाथ आपको अनचाहे बालों से हमेशा के लिए छुटकारा दिलवाने का काम करता है. इस ट्रीटमेंट में थोड़ा वक्त व ज्यादा सिटिंग्स इस बात पर निर्भर करती हैं कि किसी के बालों की ग्रोथ ज्यादा व हार्ड  होती है. इसमें लाइट की तेज किरणों को प्रभावित हिस्सों पर ड़ालकर फोलिकल्स को नष्ट करने की कोशिश की जाती है. जबकि ये फोलिकल्स धूप से स्किन को बचाने का काम करते हैं , इसलिए इस ट्रीटमेंट को करवाने के बाद स्किन को ठंडा रखने व कुछ घंटों धूप से बचाने को कहा जाता है. अगर इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता तभी पिगमेंटेशन की शिकायत होती है. इसमें 8 – 9 सिटिंग दी जाती  है, लेकिन अगर हॉर्मोन्स का संतुलन ज्यादा ख़राब होता है तो सिटिंग्स उस पर निर्भर करती है. लेकिन रिजल्ट काफी अच्छे व लौंग लास्टिंग मिलते है. अगर ये काम एक्सपर्ट्स से करवाया जाता है तो रिजल्ट अच्छे मिलने के साथसाथ पैन, स्किन रेड होने , स्किन पिग्मेंट होने के चांसेस काफी कम हो जाते हैं.

रोल ओन वैक्स 

आजकल हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना बहुत जरूरी हो गया है. ऐसे में चाहे आप ब्यूटी एक्सपर्ट के पास जाकर वैक्स करवाएं या फिर उन्हें घर बुलाकर , लेकिन आप आजकल डिमांड में रहने वाली रोल ओन वैक्स या कार्ट्रिज वैक्स के ओप्शन को ही चूज करें. क्योंकि ये क्रॉस संदूषण की किसी भी संभावना को कम करता है. जो वैक्स हीटर में बारबार स्पैटुला को डालने के कारण होती है. ये इजी टू अप्लाई होने के साथ आप इसमें अपनी पसंद की वैक्स भी डाल सकते हैं. इसे अपने साथ कैरी करना भी काफी आसान है. लेकिन इसमें भी आपको अपनी स्किन को उसी तरह तैयार करना होता है जैसे नार्मल वैक्सिंग में किया जाता है. यकीन मानिए मिनटों में वैक्सिंग होने के साथसाथ आपकी सेफ्टी भी नजरअंदाज नहीं होती है.

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वैक्सिंग के बाद ड्राईनेस क्यों 

अकसर हम सबकी ये शिकायत होती है कि वैक्सिंग करने के बाद हमारी स्किन ड्राई हो जाती है. हम इसे वैक्सिंग का साइडइफ़ेक्ट मानने लगते हैं.  ऐसा अकसर ड्राई स्किन वालों के साथ ज्यादा होता है. इसका कारण यह है कि एक तो स्किन का मोइस्चर पहले से ही खत्म हो गया है और दूसरा ऐसी स्किन पर जब इंग्रीडिएंट्स को ध्यान में नहीं रखकर वैक्सिंग का इस्तेमाल किया जाता है तो स्किन की डॉयनेस और बढ़ जाती है. इसलिए जिन लोगों को डॉयनेस की प्रोब्लम है उन्हें अवोकेडो बटर वैक्स, कोकोनट वैक्स, ओलिव आयल व मिल्क रिच वैक्स, मिल्क वैक्स इत्यादि का इस्तेमाल करना चाहिए . साथ ही वैक्सिंग के बाद स्किन को मॉइस्चराइज़ जरूर करें. इससे वैक्सिंग के बाद आपकी स्किन में डॉयनेस की प्रोब्लम नहीं आएगी.

नेल पीलिंग को कैसे रोकें 

चाहे चेहरे पर पिम्पल्स की बात हो , बालों में स्पिलिट एंड्स की या फिर पीलिंग नेल्स की, न चाहते हुए भी हमें इसका सामना करना ही पड़ता है, जो हमारी सुंदरता को कम करने का काम करते हैं. ऐसे में जब बात हो  पीलिंग नेल्स की , तो ये समस्या न सिर्फ हमारे नेल्स की खूबसूरती में बाधा बनने का काम करती है, बल्कि हमारे लिए काफी पीड़ादायक भी होती है. ऐसी स्तिथि में बस हम यही सोचते हैं कि  कैसे इस समस्या से समाधान पाएं. लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि हम आपको कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स के बारे में बताते हैं , जिससे आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं.

क्या है नेल पीलिंग की समस्या 

कह सकते हैं  कि बदलते मौसम की मार स्किन की तरह हमारे नेल्स पर भी पड़ती है, जिसके कारण हमारे नेल्स के आसपास की स्किन छिल जाती है. जिसमें से कई बार खून निकलने के कारण काफी दर्द होता है, जो सूजन का कारण भी बनता है. साथ ही कई बार विटामिन्स व आयरन की कमी भी इसके लिए जिम्मेदार होती है. इसलिए हमें अपनी हैल्थ की तरह इन क्यूटिकल्स की केयर करना भी उतना ही जरूरी होता है, क्योंकि ये हमारे नेल्स को सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करते हैं. ऐसे में हमें इस समस्या से निजात पाने के लिए खानेपीने में हैल्दी चीजों को शामिल करने के साथसाथ कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी अप्लाई करने की जरूरत होती है,  ताकि हमें इस समस्या से जल्दी से जल्दी निजात मिल सके और किसी तरह का कोई नुकसान भी न हो.

 नेल पीलिंग किन कारणों से होती है– 

– स्किन का ड्राई होकर उसका मोइस्चर खत्म हो जाना.

– हार्श सोप का इस्तेमाल करना.

– सैनिटाईजर  का ज्यादा इस्तेमाल करना.

–  शीत लहर का प्रभाव

–  एलर्जी

– शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी आदि कारण इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं.

कैसे पाएं निजात– 

1. सुपरफूड बेस कोड

जैसा नाम वैसा काम, असल में जब भी हमारे क्यूटिकल्स को नुकसान पहुंच रहा होता है,  तो हमें ऐसे बेस कोड का चयन करना चाहिए,, जिसमें एन्टिओक्सीडैंट्स रिच बोटैनिकल तत्व हो, क्योंकि ये स्किन को डीटोक्स करने के साथसाथ उन्हें एक्सफोलिएट करने का काम करते हैं.  नेल्स की स्किन की रेडनेस को कम करने में मददगार होने के साथसाथ उन्हें हाइड्रेट रखते हैं. साथ ही इसमें केराटिन की मौजूदगी नेल्स को मजबूती प्रदान करने के साथसाथ उन्हें नौरिश करने का काम करती है, जिससे क्यूटिकल्स को ठीक होने में आसानी होती है.

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2. फाउंडेशन बेस कोट 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह घर को बनाने के लिए मजबूत नीव की जरूरत होती है, उसी तरह नेल्स को प्रोटेक्शन्स और उन्हें और ज्यादा फिनिशिंग देने के लिए  फाउंडेशन बेस कोट बड़े काम का साबित होता है. इसलिए जब भीं आप इसे खरीदें तो देखें कि इसमें प्लांट बेस्ड इंग्रीडिएंट्स होने के साथसाथ उसमें एसेंशियल मिनरल्स और विटामिन इ भी हो, जो नेल्स की हैल्थ और उन्हें नौरिश करने के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं. जब नेल्स को पर्याप्त मात्रा में नौरिशमेंट मिलता रहता है तब न तो नेल्स के टूटने की प्रोब्लम होती है और न ही क्यूटिकल्स को कोई नुकसान पहुंचता है.

3. नौरिशिंग क्यूटिकल रिपेयर क्रीम

अगर आपके नेल्स के आसपास की स्किन निकली हुई है और आपको तुरंत दर्द से राहत चाहिए , तो ऐसी नौरिशिंग क्यूटिकल रिपेयर क्रीम खरीदे, जिसमें शी बटर और सोडियम ह्यलुरॉनट   हो, जो स्किन को हाइड्रेशन प्रदान करने का काम करता है, साथ ही इसमें  विटामिन ए , सी और इ भी हो , जो नेल्स को स्ट्रेंथ देने के साथसाथ उन्हें पीला होने से भी बचाता है.

4. जैल बेस्ड क्यूटिकल क्रीम 

क्यूटिकल्स का कारण या तो शरीर में न्यूट्रिशन की कमी या फिर स्किन में मोइस्चर की कमी को ही माना जाता है. ऐसे में  जैल बेस्ड क्यूटिकल क्रीम में अगर सैलिसिलिक एसिड हो तो आपकी  इस प्रोब्लम का सोलूशन होगा. क्योंकि ये एक्सफोलिएटर का काम करता है, जो क्यूटिकल्स से डेड स्किन को रिमूव करने में कारगर माना जाता है.  साथ ही ये क्रीम्स के मुकाबले में काफी लाइट होता है, जिससे आपको लगाने के बाद एहसास भी नहीं होता कि आपने नेल्स पर कुछ लगाया हुआ भी है. आप बेस्ट रिजल्ट के लिए इसे रात को सोते वक़्त अप्लाई करें.

5. मल्टी पर्पस बाम 

अगर आपकी पॉकेट काफी टाइट है और आपको क्यूटिकल्स की भी प्रोब्लम है तो आप एक प्रोडक्ट को खरीद कर उसे कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे आपकी प्रोब्लम भी सोल्व हो जाएगी और ये आपकी सुंदरता को भी बढ़ाने का काम करेगा.  जी हां ,  मल्टी पर्पस बाम , जिसमें शी बटर और नेचुरल ऑयल्स मिले हुए हो. जिन्हें आप क्यूटिकल्स पर लगाकर उन्हें हाइड्रेट रखकर ठीक कर सकते हैं , लिप्स पर लगाकर उन्हें शाइनी बना सकते हैं या फिर फटी एड़ियों पर भी इसे लगाकर आराम पाया जा सकता है. ये नेल्स को स्ट्रेंथ देने के साथसाथ उन्हें नौरिश करने का काम करता है.

6. बटर क्यूटिकल क्रीम 

जब स्किन ड्राई हो जाती है तो उसे मोइस्चर की जरूरत होती है, जो उसे  बटर क्यूटिकल क्रीम से मिल सकता है. क्योंकि इसमें कोको सीड बटर, आलमंड आयल और बीस वैक्स होने के काऱण ये पूरे दिन हाइड्रेशन का काम करता है. साथ ही अगर इसमें विटामिन इ भी हो तो ये नेल्स को पील होने से बचाने के साथसाथ उन्हें पीले होने से भी बचाता है.

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अगर आप चाहती हैं कि आपके नेल्स हैल्थी हो, टूटे नहीं, पीले न पड़े व नेल्स के आसपास की स्किन न निकलें तो आप आपकी डाइट में हैल्दी चीजों को शामिल करें. ताकि आप अंदर व बाहर दोनों जगह से फिट हो सकें . इसके लिए आप अपनी डाइट में बीन्स, दाल , हरी सब्जियों , अंडे, नट्स , साबुत अनाज को जरूर शामिल करें.

क्या आप जानते हैं गाय के दूध के ये फायदे

गाय का दूध अपनेआप में संपूर्ण भोजन है. यह दुनियाभर में उपलब्ध है और प्राचीनकाल से ही दुनिया के हर हिस्से में इस का इस्तेमाल किया जाता है. 1 गिलास दूध अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. जिस के बराबर पोषण दुनिया की कोई और चीज नहीं दे सकती.

दूध में मौजूद पोषक तत्त्व

कैल्सियम: गाय का दूध कैल्सियम का सब से अच्छा स्रोत है. कैल्सियम शरीर में कई तरह से फायदेमंद है. खासतौर पर यह दांतों और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी है. कैल्सियम खून का थक्का जमाने और घाव भरने, ब्लड प्रैशर पर नियंत्रण रखने, पेशियों की गतिविधियों और दिल की धड़कनों को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है.

पोटैशियम: इस का सही मात्रा में सेवन स्ट्रोक, दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप से बचाता है. हड्डियों का घनत्व सामान्य बनाए रखता है और किडनी में पथरी बनने से रोकता है.

कोलाइन: दूध कोलाइन का भी अच्छा स्रोत है. यह एक जरूरी पोषक तत्त्व है जो नींद, पेशियों की गतिविधियों, याददाश्त और सीखने की क्षमता को सामान्य बनाए रखता है. कोलाइन कोशिका झिल्ली यानी सैल मैंब्रेन का रखरखाव करता है, तंत्रिका आवेग के संचरण में मदद करता है, वसा के अवशोषण में सहायक है और क्रोनिक/पुरानी सूजन को कम करने में कारगर है.

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विटामिन डी: विटामिन डी गाय के दूध में प्राकृतिक रूप से उपस्थित नहीं होता, लेकिन यह गाय के दूध को फोर्टीफाई कर इस में शामिल किया जा सकता है. विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. यह हड्डियों में टूटफूट की मरम्मत के लिए जरूरी है. यह कैल्सियम के अवशोषण तथा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस की कमी औस्टियोपोरोसिस, डीप्रैशन, थकान, पेशियों में दर्द, उच्च रक्तचाप, स्तन एवं कोलोन कैंसर का कारण बन सकती है.

बच्चों के लिए गाय के दूध के फायदे

विकास: प्रोटीन शरीर के विकास के लिए जरूरी है, लेकिन ये कई प्रकार के होते हैं. गाय के दूध में सभी जरूरी प्रोटीन होते हैं. इसलिए यह दूध न केवल शरीर में ऊर्जा पैदा करता है, बल्कि विकास में भी सहायक होता है. बच्चों के लिए रोजाना दूध पीना बहुत जरूरी है ताकि उन के शरीर और दिमाग का विकास ठीक से हो सके.

पेशियों का निर्माण: शरीर में मैटाबोलिज्म को सामान्य बनाए रखने के लिए पेशियों का विकास भी जरूरी है. इस के अलावा वजन भी सामान्य बना रहना चाहिए. पेशियों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. डेयरी प्रोटीन पेशियों के विकास और टूटफूट की मरम्मत के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाता है: दूध में ऐंटीऔक्सीडैंट जैसे विटामिन ई, सैलेनियम और जिंक होते हैं. ये शरीर से हानिकारक फ्री रैडिकल्स को निकालते हैं और शरीर को बीमारियों से बचाते हैं.

अच्छी नींद के लिए जरूरी: दूध में सभी जरूरी प्रोटीन होते हैं, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी हैं. अगर बच्चे को सोने से पहले 1 गिलास दूध पिलाएं तो उसे अच्छी नींद आएगी.

हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है:  दूध में कैल्सियम और ऐसे कई जरूरी पोषक तत्त्व होते हैं जो हड्डियों और दांतों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी हैं. उम्र बढ़ने के साथसाथ हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है. अत: दूध पीने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है.

दिल का स्वास्थ्य: ओमेगा 3 फैटी ऐसिड को अच्छा कोलैस्ट्रौल माना जाता है, जो दिल को बीमारियों से बचाता है तथा हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक से सुरक्षित रखता है.

दिमाग के लिए जरूरी: गाय के दूध में विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में होता है जो दिमाग, तंत्रिकातंत्र को सामान्य बनाए रखने के लिए जरूरी है. इस से सोनेजागने का चक्र भी नियंत्रित होता है.

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मां के लिए फायदे

दूध और औस्टियोआर्थ्राइटिस: गाय का दूध कैल्सियम और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को सेहतमंद रखने के लिए जरूरी है. घुटनों का औस्टियोआर्थ्राइटिस आजकल आम हो गया है, लेकिन रोजाना 1 गिलास दूध पी कर महिलाएं अपनेआप को इस बीमारी से बचा सकती हैं.

कैंसर से लड़ने में मददगार: विटामिन डी कैंसर से बचाता है और कोशिकाओं का विकास सामान्य बनाए रखता है. दूध में विटामिन डी होता है. ज्यादा मात्रा में डेयरी उत्पादों के सेवन से कैल्सियम और लैक्टोज की पर्याप्त मात्रा शरीर में जाती है और महिलाएं अपनेआप को ओवेरियन कैंसर से सुरक्षित रख सकती हैं.

मधुमेह से बचाता है: गाय के दूध में विटामिन बी और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो मैटाबोलिज्म को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं. शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन का स्तर सामान्य बनाए रखते हैं. इस से मधुमेह पर नियंत्रण बना रहता है.

डिप्रैशन से बचाता है: दूध में मौजूद विटामिन डी सैरेटोनिन के निर्माण में मददगार है. यह एक ऐसा हारमोन है, जो अच्छी नींद, भूख के लिए जरूरी है. मूड को भी ठीक रखता है. विटामिन डी की कमी के कारण व्यक्ति डिप्रैशन और थकान से पीडि़त हो सकता है. गाय के दूध में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में होता है.

वजन में कमी: दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह भूख शांत करता है. इस से मैटाबोलिज्म भी सामान्य बना रहता है. यह शरीर की ऊर्जा बनाए रखता है और गतिहीन जीवनशैली से दूर रखता है. व्यक्ति को सक्रिय बनाता है, जिस से वजन कम होता है.

त्वचा को चमकदार बनाता है: दूध से त्वचा चमकदार और मुलायम बनती है. उस की रंगत में सुधार आता है. दूध में मौजूद पोषक तत्त्व त्वचा को झुर्रियों से बचाते हैं.

शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है: दूध शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है. यह पेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है, तनाव कम करता है, आंखों को सेहतमंद बनाता है, कैंसर की संभावना को कम करता है, कोलैस्ट्रौल एवं रक्तचाप कम करता है. कुल मिला कर सेहत के लिए वरदान है.

लेखिका: श्रुति शर्मा

बैरिएट्रिक काउंसलर व न्यूट्रिशनिस्ट, जेपी हौस्पिटल, नोएडा

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पूरा तन सजाएं हनीमून यादगार बनाएं

हनीमून में पति जहां अपनी पत्नी पर भरपूर प्यार उड़ेल देना चाहता है, वहीं पत्नी चाहती है कि उस का साथी उस के रूप पर मुग्ध हो जाए. वह केवल सजना के लिए ही सजना चाहती है, लेकिन उस के पास मेकअप करने के लिए समय बहुत कम होता है और शादी में खूब सजनेधजने के बाद बिना मेकअप उस के सौंदर्य की चमक फीकी लगती है. हनीमून पर मेकअप के लिए ज्यादा सामान भी ले जाना संभव नहीं होता.

पेश हैं, कुछ खास टिप्स जिन्हें अपना कर वह आसानी से कम समय में आकर्षक लग सकती है:

चांद सा रोशन चेहरा

मेकअप से पहले बीबी, सीसी या फिर डीडी क्रीम लगाएं. इन की विशेषता यह है कि कई प्रकार की क्रीम्स का काम ये अकेले ही करती हैं. इन को लगाने के बाद प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन या सनस्क्रीन लगाने की आवश्यकता नहीं होती.

बीबी क्रीम को ब्लैमिश बाम या ब्यूटी बाम भी कहा जाता है. यह स्किन को पूरी तरह कवर कर लेती है और चेहरा दमकने लगता है. चेहरा थोड़ी अनइवन रंगत लिए है तो सीसी क्रीम का प्रयोग करना चाहिए. यह त्वचा के साथ आसानी से घुलमिल जाती है और रंगत निखर उठती है. यही कारण है कि इसे कलर कंट्रोल क्रीम भी कहा जाता है.

यदि चेहरे पर पिगमैंटेशन या दागधब्बे हैं तो डायनैमिक डू औल या डेली डिफैंस कही जाने वाली डीडी क्रीम का प्रयोग अच्छा होगा. चेहरे के साथसाथ गरदन पर भी क्रीम अप्लाई करना ठीक रहता है.

गुलाबी गाल

अपनी स्किन के अनुसार चीक्स पर ब्लशर के प्रयोग से गाल सुंदर दिखाई देते हैं. नईनवेली जब हनीमून पर हो तो पीच या चैरी पिंक कलर ही उस के गालों पर ज्यादा खिलता है. हलके रंग के कपड़ों के साथ प्लम या मैरून और गहरे रंग की ड्रैस के साथ बेज या आमंड अच्छा लगता है. त्वचा को ध्यान में रखते हुए ड्राई या नौर्मल स्किन के लिए केक और क्रीम बेस्ड ब्लशर ठीक होंगे जबकि औयली स्किन पर पाउडर बेस्ड ब्लशर खूबसूरत दिखाई देंगे. ब्लश लगाने में ज्यादा समय नहीं लगता पर इस के प्रयोग से गालों के साथसाथ चेहरा भी लालिमायुक्त हो कर गुलाब सा खिल उठता है.

कजरारे नैन

आंखों में काजल लगाएं. यदि काजल वाटरप्रूफ हो तो अच्छा है. मेकअप करने के लिए पर्याप्त समय है तो ड्रैस के रंग से मिलता आईशैडो लगाएं. हनीमून पर किसी अच्छी कंपनी के 2 या 3 शेड्स वाला पैक ही काफी है. इस में हलके व गहरे दोनों शेड्स होते हैं. जिस दिन टाइम की कमी हो, आईलाइनर का प्रयोग भी किया जा सकता है. यदि भौंहें अनियंत्रित लग रही हैं और ट्रिम करने का समय नहीं है तो उन्हें आईब्रो पेंसिल से सही आकार दिया जा सकता है.

मसकारा आंखों की खूबसूरती बढ़ा देता है, पर ध्यान रहे कि हनीमून के समय केवल ट्रांसपेरैंट और वाटरप्रूफ मसकारा ही प्रयोग करें. ट्रांसपेरैंट मसकारा लगाने से आई मेकअप हलका लगेगा और पलकें भी दिखेंगी.

महके तनमन

शादी के समय ब्राइडल रूटीन के दौरान वैसे तो अनचाहे बालों को हटा दिया जाता है, फिर भी यदि हनीमून के समय ये बाधा बन रहे हों तो वैक्ंिसग क्रीम का प्रयोग कर इन्हें हटा देना चाहिए. इस के लिए डेपिलेटरी क्रीम का प्रयोग भी किया जा सकता है.

साफसुथरे शरीर पर डीओ या परफ्यूम का प्रयोग करें. परफ्यूम की सुगंध पार्टनर की पसंद को ध्यान में रखते हुए चुनी जाए तो अच्छा है. चौकलेट या वुडी परफ्यूम सब को पसंद आते हैं.

भीगे होंठ

आजकल विभिन्न प्रकार की लिपस्टिक्स के कई शेड्स बाजार में मिलते हैं. अलगअलग अवसरों पर अलग प्रकार की लिपस्टिक का चुनाव किया जाता है.

लिप्स हनीमून के समय आभा बिखेरते रहें. इस के लिए सही शेड और सही प्रकार की लिपस्टिक का प्रयोग कर इन की खूबसूरती में चार चांद लगाएं.

इस समय के लिए किस प्रूफ लिपस्टिक सब से अच्छा औप्शन है. घूमने के लिए बाहर जाते समय देर तक टिकने वाली लिपस्टिक का प्रयोग सही रहता है. रोज पिंक, कोरल व कौफी शेड्स किसी भी स्किन टोन के साथ अच्छे लगते हैं.

होंठों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए शिमर या ग्लौस लिपस्टिक का प्रयोग किया जा सकता है. इस वैरायटी में डार्क वौयलेट, चौकलेट ब्राउन, हौट रैड और लाल व ब्राउन रंग से बना मरसाला शेड बहुत सुंदर लगता है.

होंठ चिकने और चमकदार भी दिखें और लंबे समय तक रंगीन भी रहें इस का एक बढि़या औप्शन है लिप स्टेन. ये अधिकतर तरल रूप में आते हैं जो औयल और रंगों को मिला कर बनाए जाते हैं. इन से होंठ सूख जाते हैं इसलिए लगाने से पहले क्रीम या लिप बाम लगाना अच्छा रहता है.

हनीमून पर ये भीगे होंठ पति को मंत्रमुग्ध कर देंगे और इन रंगीन होंठों से प्यार के इजहार का भी अपना अलग ही चार्म होगा.

खूबसूरत हाथ

हाथों की खूबसूरती बहुत हद तक नाखूनों पर निर्भर करती है. इन दिनों नेल आर्ट चलन में है. हनीमून पर नाखूनों को सजाने के लिए बहुत समय देना तो संभव नहीं होता, पर इन्हें अनदेखा भी नहीं किया जा सकता. इस के लिए सब से अच्छा तरीका है कुछ हट कर आकर्षक नेल पेंट साथ ले जाना जैसे रेनबो कलर, मिंट ग्रीन या मैट ब्लैक.

हाथों में शादी का लाल चूड़ा हो तो लाइट कलर के नेल पेंट भी अच्छे लगते हैं. अगर चूड़े की जगह हाथों में ब्रैसलेट या कुछ बैंगल्स ही हैं तो नेलपौलिश के बाद ‘ग्लिटर डस्ट’ का प्रयोग किया जा सकता है. इसे इस्तेमाल करना आसान है.

रेशमी जुल्फें

बालों की खूबसूरती स्त्री की सुंदरता में हमेशा ही चार चांद लगाती है. शैंपू के साथ कंडीशनर रखना न भूलें. छोटे बालों को रोज धोया जा सकता है पर लंबे बालों के साथ ऐसा संभव नहीं होता. इसलिए गीले कंघे या ब्रश से बालों को कौंब कर हेयर क्रीम लगानी चाहिए. बाल घुंघराले हों तो हेयर सीरम का प्रयोग करना होगा.

समय की कमी होने से सुंदर हेयरस्टाइल बनाना संभव नहीं होता. यदि बाल घुंघराले हैं तो उन्हें खुला ही रहने दें. सीधे बाल भी खुले हुए अच्छे लगते हैं. फिर भी बालों को नया लुक देना चाहें तो ऊपर से बाल ले कर फ्रैंच टेल या हाफ बन या फिर आधे बालों की पोनी अच्छे विकल्प हैं.

एक आसान तरीका यह भी है कि दोनों साइड से थोड़थोड़े बाल ले कर उन्हें ट्विस्ट कर पीछे बांध लें और क्लिप लगा लें. ब्लैक या आइवरी कलर के क्लिप्स हर रंग की ड्रैस के साथ चलते हैं.

हसीन पांव

पैरों पर चमकरहित गहरे रंग की नेलपौलिश हर ड्रैस के साथ जंचती है. स्कर्ट या कैप्री के साथ एक पैर में ऐंकलैट भी पहनी जा सकती है. सैंडल ऐंकलैट्स पहनी हों तो प्रियतम को कहना ही पड़ेगा कि ये हसीन पांव जमीन पर न रखना, इन की जगह तो हमेशा मेरे दिल में रहेगी.

हनीमून का आनंद बढ़ाने में मेकअप की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. बस ध्यान इस बात का रखा जाए कि मेकअप का सामान क्वालिटी को ध्यान में रख कर खरीदा जाए. सस्ते और घटिया प्रोडक्ट्स से त्वचा और होंठों पर ऐलर्जी हो जाती है, जिस से हनीमून का मजा खराब हो सकता है.

सौंदर्य निखारें ब्यूटी आयल से

होम ब्यूटी ट्रीटमेंट में अगर आप कुछ खास तेलों को जगह दें, तो सौंदर्य में अपने आप निखार आने लगेगा. इतना ही नहीं आपका ब्यूटी प्रोडक्ट और कौस्मेटिक पर होनेवाला मोटा खर्च बच जाएगा. तेलों में बहुत से ऐसे तत्व होते हैं, जो त्वचा को पौष्टिकता देने और रंग को साफ करने में मदद करते हैं. सिर में लगाने के अलावा तेलों से अपने लिए नेचुरल स्क्रब, बौडी लोशन, आई क्रीम, मेकअप रिमूवर भी बना सकती हैं.

बौडी स्क्रब और नारियल तेल : नारियल तेल में थोड़ी सी चीनी मिला कर नेचुरल फुट स्क्रब बनाएं. इसके इस्तेमाल से मृत कोशिकाएं दूर होंगी और त्वचा चमकदार बनेगी. नारियल तेल को बेस आइल बनाएं और अपनी पसंद का असेंशियल आइल डालें, इसकी महक से मस्तिष्क को ठंडक मिलेगी और थकान दूर होगी.

मेकअप रिमूवर आलिव आइल : दिन में अगर आप मेकअप करती हैं, या शादी, पार्टी में मेकअप लगाना का इस्तेमाल करती हैं, तो शाम को मेकअप उतारना ना भूलें. इसे उतारने के लिए पानी में भिगोयी हुई रुई पर आलिव आइल की कुछ बुंदें डालें और मेकअप साफ करें. अगर मेकअप हेवी है, तो इस प्रक्रिया को 2-3 बार दोहराएं. इस तरीके से वाटरप्रूफ मेकअप भी हटा सकती हैं. इसे बेहद हल्के हाथों से हटाएं. इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. रक्तसंचार बढ़ेगा, बंद पोर्स खुलेंगे और त्वचा की खोयी नमी लौट आएगी. आइली या मुंहासेवाली त्वचा पर इसका प्रयोग ना करें. इससे मुंहासे में संक्रमण होने की समस्या और बढ़ेगी.

बादाम का तेल व अंडर आई क्रीम : आंखों के नीचे काले घेरे और महीन रेखाओं को दूर करने का सबसे आसान और प्रभावी उपाय है बादाम का तेल. रोज रात को सोने से पहले अपनी अनामिका उंगली में एक बूंद बादाम का तेल मलें और आंखों के नीचे लगाएं. कुछ ही हफ्ते में आंखों के नीचे की त्वचा का रंग साफ और त्वचा मुलायम हो जाएगी.

त्वचा और बादाम का तेल : माना जाता है कि त्वचा पर सीधे आइल मसाज नहीं करनी चाहिए. इससे त्वचा की रंगत सांवली पड़ सकती है. लेकिन सभी तेल की मसाज से ऐसा हो, यह जरूरी नहीं. बादाम का तेल लगाने पर रंग निखरता है. इसे सर्कुलर मोशन में तब तक मालिश करें, जब तक यह त्वचा पर पूरी तरह जज्ब(सोख न ले) ना हो जाए. त्वचा की झुर्रियां और बारीक रेखाओं को दूर करने के लिए क्रीम लगाने की जगह बादाम के तेल का प्रयोग कर सकती हैं.

प्री ब्राइडल ट्रीटमैंट में बौडी स्पा का कमाल

दुलहन को अपनी शादी में खूबसूरत दिखने के लिए अनेक तैयारियां करनी पड़ती हैं. अगर वह शादी से पहले ही कुछ ब्यूटी ट्रीटमैंट ले ले, तो शादी के दिन उस की खूबसूरती और बढ़ जाती है. प्री ब्राइडल ट्रीटमैंट्स में खास है बौडी स्पा ट्रीटमैंट, जो दुलहन के शरीर को भी खूबसूरत बनाता है.

वीएलसीसी ग्रुप की स्पा टे्रनर व वीआईपी स्पा थेरैपिस्ट केवालिन बुआपेट एन्नी बता रही हैं कि दुलहन की खूबसूरती निखारने के लिए क्या करें, जिस से उस की बौडी में निखार आए.

बौडी स्पा

बौडी की ड्राईनैस को दूर करने के लिए शादी से पहले 2-3 बार बौडी स्पा कर सकती हैं या करा सकती हैं. सब से पहले हनी, आमंड व तिलों का पेस्ट बना लें. फिर कच्चे दूध से बौडी को क्लीन करें और तिल के तेल से 10 मिनट मसाज करें. फिर बौडी को 5 मिनट कवर कर के रखें. 5 मिनट के बाद गरम पानी में तौलिए को भिगो कर हलका निचोड़ कर बौडी को पोंछ कर दोबारा बौडी को कवर कर दें. फिर तैयार आमंड पेस्ट लगा कर 5 मिनट लगा रहने दें. फिर पोंछ कर मौइश्चराइजर लगाएं.

पेट की मसाज

पेट की मसाज के लिए लाइम और जिंजर औयल का इस्तेमाल करें और मसाज हमेशा नीचे से ऊपर की ओर हलके हाथों से ही करें. फिर क्लियरिंग फाइन पेपर 20 मिनट तक पेट पर लगा कर रखें या ज्यादा से ज्यादा 50 मिनट तक. उस से ज्यादा समय तक न लगाएं.

इस के अलावा वीएलसीसी की टमी ट्रैक क्रीम लगा कर 10 से 15 मिनट तक फिर पूरे पेट पर क्लियरिंग फाइन पेपर लपेट दें. यह पेट को गरमी दे कर पेट की चरबी को कम करता है. 20 मिनट के बाद क्लियरिंग पेपर हटा लें. पेट की स्किन सौफ्ट और स्मूद बन जाएगी.

इस वीकेंड आजमा कर देखें ये शानदार ब्यूटीकेयर टिप्स

कैसा हो आई मेकअप

आंखों की खूबसूरती के लिए आई मेकअप हमेशा परफैक्ट होना चाहिए.

आईब्रोज के नीचे हमेशा लाइट शेड्स लगाएं, अच्छा दिखेगा.

पलकों के पास और आंखों की साइड्स पर डार्क शेड्स अप्लाई करें.

पलकें छोटी हों तो लैंथनिंग मसकारा लगाएं.

पलकें कम घनी हों तो वौल्यूम देने वाला मसकारा यूज करें.

कौंटैक्ट लैंस या संवेदनशील आंखों पर हमेशा जैंटल मसकारा अप्लाई करें.

औयली स्किन से छुटकारा

स्किन औयली हो तो हमेशा उसे ब्लौटिंग पेपर से पोंछें, जो अतिरिक्त तेल को सोख लेता है.

बालों को बाउंसी बनाएं ऐसे

बालों में अगर आप ने कोई कलर नहीं लगाया है और आप के बाल नैचुरल हैं, तो उन्हें कभी हेयरब्रश से ब्रश न करें. इस से अच्छा होगा कि आप अपनी उंगलियों से सुलझाने का प्रयास करें. ऐसा करने से बालों में बाउंस आने लगेगा.

चिपचिपे बालों के लिए

अगर बाल चिपचिपे हो गए हों तो इस का मतलब आप ने कंडीशनिंग सही नहीं की है. कंडीशनर को हमेशा बालों के सिरों पर लगाएं न कि उन की जड़ों में.

फेक आईलैशेज

फेक आईलैशेज को उभारने व सुंदर दिखाने के लिए आईलैशेज अप्लाई करने के बाद उन पर भी हलके हाथों से मसकारा ऊपर की ओर लगाएं.

पहचानें अपना फाउंडेशन

फाउंडेशन का चयन करना हो तो उसे जौ लाइन के पास की स्किन पर ही अप्लाई करें. अप्लाई करते समय ध्यान रहे कि आप नैचुरल लाइट में हों. आप के चेहरे की स्किनटोन आप की गरदन की नैचुरल स्किनटोन से अलग नहीं होनी चाहिए, इस बात का ध्यान रखें.

दिल्ली प्रैस भवन में आयोजित फेब मीटिंग में स्किन व हेयर से जुड़ी कुछ खास टिप्स मेकअप व ब्यूटी ऐक्सपर्ट्स द्वारा.

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