सुंदर दिखना पसंद है : आलिया भट्ट

‘स्टूडैंट औफ द ईयर’ से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत करने वाली 21 वर्षीय अभिनेत्री आलिया भट्ट ने फिल्म ‘हाइवे’, ‘टू स्टेट्स’ और ‘हंपटी शर्मा की दुलहनिया’ में अलगअलग भूमिकाएं निभा कर अपना नाम शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में शुमार कर लिया है. यही वजह है कि आज कैटरीना और करीना की भारी फीस के चलते फिल्म मेकर आलिया को लेना पसंद कर रहे हैं. आलिया इसे महज इत्तफाक मानती हैं, क्योंकि एक फिल्म मेकर और निर्देशक अपनी कहानी और चरित्र के आधार पर कलाकारों का चयन करता है.

केवल फिल्में ही नहीं इन दिनों आलिया भट्ट विज्ञापनों में भी नजर आ रही हैं. कुछ अरसा पहले गार्नियर फ्रुक्टिस की ब्रैंड ऐंबैसेडर बनीं आलिया भट्ट से की गई बातचीत के अंश इस प्रकार हैं:

किसी बड़े ब्रैंड से जुड़ना आप की कामयाबी को दर्शाता है. इस संबंध में कुछ कहना चाहेंगी?

गार्नियर के साथ जुड़ने पर मुझे बेहद खुशी हुई है. इस से जुड़ने पर लग रहा है कि मैं अभिनय के क्षेत्र में सफल हो रही हूं. एक समय ऐसा भी था जब लोग मेरे अभिनय का मजाक उड़ाते थे. मुझ पर हंसते थे. पर फिल्म ‘हाइवे’ के बाद उन के मुंह बंद हो गए. मैं अपनी आने वाली फिल्मों में और भी अच्छा अभिनय करने की अपनी तरफ से पूरीपूरी कोशिश कर रही हूं. मैं आप को बता दूं कि कामयाबी ही इंसान की सब से बड़ी दुश्मन होती है. कुछ लोग इसी इंतजार में बैठे रहते हैं कि कब आप से कोई गलती हो और वे आप पर उंगली उठाएं.

आप अपनी ब्यूटी को ले कर कितनी सतर्क हैं?

मैं इस के प्रति हमेशा सतर्क रहती हूं. सुंदर दिखना मुझे पसंद है. मगर कई बार आप सुंदर हो कर भी सुंदर नहीं दिखते. इसलिए आप का यह अनुभव करना कि आप सुंदर हैं जरूरी है. मैं कभी अधिक खाना नहीं खाती हूं और जो भी खाती हूं पौष्टिक खाती हूं. नियमित और समय पर वर्कआउट करती हूं. पूरी नींद सोती हूं. इस के अलावा जो भी परिधान पहनती हूं वह मुझ पर सूट कर रहा है या नहीं इस बात का भी ध्यान रखती हूं, क्योंकि उपयुक्त परिधान सौंदर्य में चार चांद लगा देता है.

मैं बालों में हमेशा ब्रैंडेड प्रोडक्ट लगाती हूं. कई बार चरित्र के अनुसार बालों में कलरिंग की जाती है या उन्हें सैट किया जाता है, जिस से वे अस्तव्यस्त हो जाते हैं. ऐसे में सही शैंपू, कंडीशनर व हेयर औयल बालों में इस्तेमाल करती हूं ताकि मेरे बालों की सेहत बनी रहे.

इस के अलावा अलगअलग मौसम का भी बालों पर प्रभाव पड़ता है. तब भी उन की विशेष देखभाल करती हूं. हमेशा ऐसा शैंपू और कंडीशनर बालों में इस्तेमाल करती हूं जो उन्हें पोषण दे.

आप यूथ आइकोन मानी जाती हैं. ऐसे में आप की जिम्मेदारी क्या बनती है?

मेरी जिम्मेदारी यह है कि मैं उन्हें हमेशा सही रास्ता दिखाऊं. इसलिए मैं जो भी करने जा रही हूं वह सही है या नहीं इस की परख अवश्य करती हूं ताकि उस का प्रभाव सही हो. मेरे फैंस में अधिकतर कम उम्र की लड़कियां हैं. उन्हें अपने आसपास देख कर मुझे बड़ी संतुष्टि होती है.

आप की रोल मौडल कौन हैं?

मेरी मां. जब मैं छोटी थी उन के हर हावभाव को रिपीट करती थी. उन जैसा हेयरस्टाइल, बातचीत सब कुछ फौलो करती थी. मैं आज भी उन से स्टाइल के टिप्स लेती हूं.

खुद को फिट रखने के लिए क्या करती हैं?

मैं नियमित ऐक्सरसाइज करती हूं. खूब सारा पानी पीती हूं. ग्रीन टी लेती हूं. इस के अलावा हमेशा खुश रहती हूं. मैं पहले पूरी, पिज्जा आदि खा लेती थी, पर अब नहीं खाती. 8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करती हूं.

आप की अधूरी इच्छाएं कौन सी हैं?

मैं वृद्धाश्रम खोलना चाहती हूं, जो चैरिटेबल हो. मैं अपने नानानानी के बहुत क्लोज हूं. बचपन से ही जब वे हमारे घर आते थे, तो मैं उन के सामने परफौर्म करती थी. मेरे अभिनय की ट्रेनिंग यहीं से शुरू हुई थी. मेरी मां ने नानानानी का बहुत खयाल रखा है. पर कई ऐसे बुजुर्ग हैं, जिन का खयाल नहीं रखा जाता. उन का परिवार उन्हें छोड़ देता है. मैं उन्हें शरण देना चाहती हूं.

गोंद के लड्डू

सामग्री

100 ग्राम गोंद, 250 ग्राम गेहूं का आटा, 150 ग्राम बूरा, 1/4 कप बारीक कटे बादाम, 1 बड़ा चम्मच किशमिश, 1 बड़ा चम्मच चिरौंजी, 2 बड़े चम्मच खरबूजे की मींग, 3/4 कप देशी घी, 1 छोटा चम्मच अजवाइन, 1/2 छोटा चम्मच कालीमिर्च पाउडर, 1/2 छोटा चम्मच छोटी इलायची पाउडर.

विधि

एक नौनस्टिक कड़ाही में घी गरम कर के गोंद फ्राई कर के निकाल लें. इसे मिक्सी में मोटामोटा पीस लें. बचे घी में आटा सुनहरा होने तक भूनें. जब आटा भुनने की खुशबू आने लगे तो उस में खरबूजे की मींग. अजवाइन और कालीमिर्च पाउडर डाल कर 1 मिनट और भूनें. आंच बंद कर के आटा उसी में रहने दें ताकि खरबूजे की मींग भुन जाएं. जब मिश्रण अच्छी तरह ठंडा हो जाए तो बची सामग्री इस में मिलाएं व छोटेछोटे लड्डू बना लें. ये लड्डू काफी समय तक खराब नहीं होते.

काजू गुलकंद रोल

सामग्री

100 ग्राम काजू टुकड़ा, 50 ग्राम चीनी, 3 बड़े चम्मच गुलकंद, 1 छोटा चम्मच बारीक कतरा पिस्ता, 1 छोटा चम्मच बादाम बारीक कटे.

विधि

गुलकंद में बादाम व पिस्ता मिला कर रख लें. काजू के टुकड़ों को मिक्सी में पीस कर पाउडर बना लें. एक भारी तले की कड़ाही में चीनी डालें और उस में एकचौथाई कप पानी डाल कर मीडियम आंच पर चीनी घुलने के लिए रखें. जब 1 तार की चाशनी तैयार हो जाए तो उस में काजू पाउडर डालें. आंच बंद कर के मिश्रण को अच्छी तरह घोटती रहें. थोड़ी देर में गोले की तरह बन जाएगा. मिश्रण की 4 लोइयां बनाएं. उन्हें थोड़ा बेलें. बीच में गुलकंद मिश्रण रख कर रोल करें. इस तरह लंबे रोल बनाएं. चाकू से काट कर छोटा करें. बढि़या स्वादिष्ठ मिठाई तैयार है.

शाही ब्रैड राउंड्स

सामग्री

5 ब्रैडस्लाइस, 1/4 लिटर फुलक्रीम मिल्क, 1/2 कप कंडैंस्ड मिल्क, 1/4 छोटा चम्मच छोटी इलायची पाउडर, 2 छोटे चम्मच चिरौंजी, 1 बड़ा चम्मच बादाम बारीक कतरे, ब्रैडस्लाइस तलने के लिए पर्याप्त देशी घी.

विधि

दूध को गाढ़ा होने के लिए उबलने रखें. ब्रैड को गोल आकार में काटें और गरम घी में सुनहरा तल लें. चाशनी के लिए चीनी को 1/2 कप पानी के साथ उबालें. जब चीनी घुल जाए तो सभी तले ब्रैड के टुकड़ों को चाशनी में डिप कर के तुरंत निकाल लें. दूध जब आधा रह जाए तो उस में कंडैंस्ड मिल्क डाल कर धीमी आंच पर 5 मिनट पकाएं. अच्छा गाढ़ा होना चाहिए. ठंडा कर इस में छोटी इलायची पाउडर व चिरौंजी मिला दें. ठंडा होने पर मिश्रण और गाढ़ा हो जाता है. प्रत्येक ब्रैड राउंड पर मिश्रण फैलाएं और बादाम पिस्ता बुरक घर सर्व करें.

पाइनऐप्पल बरफी

सामग्री

100 ग्राम पनीर कद्दूकस किया, 100 ग्राम खोया कद्दूकस किया, 1/2 कप टिंड पाइनऐप्पल चौपर से बारीक कटे, 1/2 कप चीनी का बूरा, 1/2 कप नारियल बुरादा, 10-12 धागे केसर के, 1 छोटा चम्मच पिस्ता बारीक कतरा, 3-4 बूंदें पाइनऐप्पल ऐसेंस.

विधि

खोए को एक नौनस्टिक कड़ाही में थोड़ा भूनें. रंग नहीं बदलना चाहिए. पनीर को भी पानी सूखने तक भूनें. अंत में इस में चौप किया पाइनऐप्पल डालें. दोनों मिश्रण अच्छी तरह ठंडे हो जाएं तो उन में बूरा व नारियल पाउडर, पाइनऐप्पल ऐसेंस व केसर को थोड़ा सा घोट कर मिला दें. एक प्लेट में डालें. ऊपर से पिस्ता बुरक दें. 3 घंटे फ्रिज में रखें. फिर इच्छानुसार टुकड़े काटें व सर्व करें.

केसरी खीर कदंब

सामग्री

10 छोटे सफेद रसगुल्ले, 250 ग्राम खोया, 3 बड़े चम्मच पिसी चीनी, 1/2 छोटा चम्मच केवड़ा ऐसेंस, 2 बड़े चम्मच दूध, 10-12 धागे केसर, 1 बड़ा चम्मच पिस्ते की कतरन.

विधि

खोए को कद्दूकस कर उस में से 3 बड़े चम्मच खोया अलग रख दें. बचे खोए में चीनी व दूध मिला कर अच्छी तरह हाथ से मैश करें. अब प्रत्येक रसगुल्ले से चाशनी अलग करें. नीबू के बराबर खोए वाला मिश्रण लें. बीच में रसगुल्ला रख कर चारों तरफ से कवर करें. केसर को केवड़ा ऐसेंस में भिगो कर घोट लें. बचे खोए को स्टील की छलनी से दबादबा कर निकालें ताकि एकसार बुरादा तैयार हो जाए. प्रत्येक लड्डू को इस पर रोल करें. फिर केसर के घुटे धागों से खीर कदंब के मध्य उंगली से बड़ा सा निशान बनाएं और थोड़ा सा पिस्ता चिपका दे. स्वादिष्ठ खीर कदंब तैयार है.

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कंगना की दीवानी परिणीति

आजकल हर किसी की जुबान पर केवल एक ही अभिनेत्री का नाम है और वे हैं परिणीति चोपड़ा. परिणीति की फिल्म ‘दावत ए इश्क’ भी चर्चा का विषय बनी हुई है. यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी यह फिल्म एक कौमेडी फिल्म है. निर्माता ने इस फिल्म की रिलीज डेट 19 सितंबर तक बढ़ा दी है. परिणीति इन दिनों बबली गर्ल कंगना की तारीफ करते थकती नहीं हैं. उन का कहना है कि कंगना का ड्रैस सैंस बहुत ही बढि़या है. वे जो कुछ भी पहनती हैं सब कुछ उन के ऊपर फिट बैठता है. कहीं परिणीति इस तारीफ का कोई और मतलब तो नहीं है.

डिजाइनर स्टूडियो खोलना सपना था – दीपिका चोपड़ा

समय के साथसाथ न केवल फैशन बदलता है बल्कि उस को पेश करने का अंदाज भी बदल जाता है. कुछ साल पहले फैशनपरस्त लोगों की पहली पसंद बुटीक हुआ करता था, लेकिन अब बड़ेबड़े डिजाइनरों ने अपने डिजाइनर स्टूडियो खोल लिए हैं जहां हर कोई अपनी पसंद की ड्रैस डिजाइन कराना चाहता है. यह कोशिश भी रहती है कि उस का डिजाइन, कट्स और कलर कहीं और न मिल सके. ऐसे में बड़े डिजाइनर स्टूडियो अपने ब्रैंड की कीमत वसूल करते हैं, जिस से ड्रैस की कीमत बढ़ जाती है. दिल्ली ’निफ्ट’ से फैशन डिजाइनिंग सीखने के बाद लखनऊ निवासी दीपिका चोपड़ा ने अपना खुद का डिजाइनर स्टूडियो खोलने का सपना देखा.

डिजाइनर स्टूडियो की शुरुआत कोई आसान काम नहीं था. इस के लिए दीपिका ने सब से पहले अपनी डिजाइन की ड्रैसेज की प्रदर्शनी लगाने का फैसला किया. इस के लिए उस ने समर सीजन का चुनाव किया. दीपिका ने समर ड्रैसेज की प्रदर्शनी लखनऊ में लगाई. इस में उस ने फैब्रिक के रूप में कौटन का उपयोग किया और कूल दिखने वाले कलर्स का प्रयोग किया. नैट और शिफौन का जरूरत के हिसाब से प्रयोग कर कुछ नए डिजाइन की ड्रैसेज तैयार कीं. दीपिका ने इस के लिए युवतियों और टीनएज गर्ल्स को सामने रख कर काम किया. उसे यह नहीं पता था कि लोग कैसे उस की प्रदर्शनी से प्रभावित होंगे. इस के बाद भी उसे अपनी ड्रैस डिजाइनिंग पर पूरा भरोसा था. इस प्रदर्शनी को लोगों ने न केवल सराहा बल्कि खूब खरीदारी भी की. इस से दीपिका का हौसला बढ़ा.

दीपिका कहती हैं, ’’प्रदर्शनी लगाने के बाद मुझे पता चल गया कि मेरी बनाई ड्रैसेज लोग पसंद कर रहे हैं और मुझे लगा कि अब अपना डिजाइनर स्टूडियो खोलने का वक्त आ गया है. इस के लिए पूंजी की जरूरत भी थी. सब से मुश्किल काम जगह को तलाश करना भी था. मेरे लिए आसान बात यह थी कि मेरे घर में एक हिस्सा ऐसा था, जहां मैं अपना डिजाइनर स्टूडियो खोल सकती थी. मेरे घर की लोकेशन भी महानगर में थी, जहां तक लोगों को पहुंचना आसान था. मैं ने अपने घर वालों से बात की और मुझे घर में ही डिजाइनर स्टूडियो खोलने की अनुमति मिल गई.’’

दीपिका के लिए मुश्किल काम अपने डिजाइन किए कपड़ों की सिलाई करना था. अगर सिलाई अच्छी न हो तो अच्छे से अच्छा कपड़ा और अच्छे से अच्छा डिजाइन भी कोई खास प्रभाव नहीं डालता. इस के लिए दीपिका ने अच्छी सिलाई करने वाले कारीगरों का चुनाव किया और उन्हें कुछ दिन टिप्स दिए.

दीपिका ने यह पता करना शुरू किया कि किस तरह का कपड़ा किस बाजार में सस्ता और अच्छा मिलता है. दिल्ली, जयपुर, कोलकाता और मुंबई के बाजारों को उस ने देखा व समझा. इस तरह से दीपिका ने अपना डिजाइनर स्टूडियो ‘आल्यूर’ खोलने की पूरी तैयारी कर ली.

दीपिका कहती है, ’’प्रदर्शनी में जिन ड्रैसेज को हम रखते थे, वह इंडियन और वैस्टर्न ड्रैस का फ्यूजन होता था. इस में सलवारकुरते को स्टाइलिश बनाने के लिए जैकेट को जोड़ा, इसे युवाओं ने खूब पसंद किया. साड़ी को डिजाइनर लुक देने के लिए उस में नैट और कढ़ाई का बेहतर प्रयोग किया. डिजाइनर स्टूडियो में मेरा फोकस ब्राइडल ड्रैस पर था. हम ने इसी तरह से इस को तैयार भी किया था. जरदौजी, पुराना रेशम वर्क और मुकैश का सहारा ले कर कुछ नई ड्रैसेज तैयार कीं. ब्राइडल ड्रैस का थोड़ा ग्लैमरस लुक भी दिया. मेरा बनाया अनारकली सूट लोगों को बहुत अच्छा लगा.’’

दीपिका को शादी में केवल दुलहन की ड्रैस ही तैयार करने को नहीं मिली बल्कि लड़की की मां, बहन और उस की सहेलियों की ड्रैस तैयार करने का भी मौका मिला. दीपिका कहती है, ’’आज शादी का समारोह ड्रैस के हिसाब से भी खास होने लगा है. अब लोग दुलहन की ड्रैस के साथ मैच करते कलर और अलग डिजाइन की ड्रैस पहनना चाहते हैं. ऐसे में एक ही जगह ड्रैस तैयार होने से उन की इच्छा पूरी करना संभव हो जाता है. ड्रैस दुलहन से पूरी तरह से मैच भी नहीं करती और एक जैसी भी दिखती रहती है. इसे ’वैडिंग ट्रूजो’ के नाम से जाना जाता है. अब दुलहन के साथ के लोग भी अपनी पसंद की ड्रैस पहनते हैं, जिस से फोटोग्राफी में बेहतर लुक आ सके.’’

दीपिका कहती है,’’देखा जाए तो पहले यह काम मुश्किल था. इस के लिए पैसा भी ज्यादा खर्च करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. बड़े डिजाइनरों के भारी कीमत वाली ड्रैसेज के मुकाबले काफी कम कीमत में ड्रैस मिल जाती है. इसलिए इस को महंगा नहीं कहा जा सकता है. हमारे पास दुबई, यूएसए और यूके के ग्राहक भी हैं. वे अब वहां बस गए हैं. विदेशों में भी जब कोई ऐसा कार्यक्रम होता है, तो यह लोग इंडियन साड़ी और लहंगा जरूर पहनना चाहते हैं. वे लोग हम से ऐसे कपड़े डिजाइन कराते हैं. कई बार तो ऐसा होता है कि लोग बड़े डिजाइनर या फिर किसी फिल्मी स्टार की ड्रैस को दिखा कर कहते हैं कि ऐसी ड्रैस तैयार करवा दो. तब उन्हें समझाना पड़ता है कि जो दूसरों पर अच्छा लग रहा है जरूरी नहीं कि आप पर भी अच्छा लगे.’’ 

अपने काम से संतुष्टि के लिए दीपिका कहती है, ’’मुझे इस बात की खुशी है कि मैं ने किसी कंपनी में नौकरी करने के बजाय अपना डिजाइनर स्टूडियो खोला. 3 साल में मुझे अच्छा काम मिलने लगा है. जैसेजैसे लोगों की फैशन के प्रति सोच और नजरिया बदल रहा है, इस बिजनैस के अवसर भी बढ़ रहे हैं. आप देखें तो बड़ेबड़े ब्रैंड छोटेछोटे शहरों की ओर भाग रहे हैं. इन के स्टोर में लोगों की जरूरत के हिसाब से बहुतकुछ तैयार नहीं हो पा रहा है. मुझे लगता है, फैशन वही है जिसे हम आरामदायक तरीके से पहन सकें. शायद यही कारण है कि वैस्टर्न डिजाइन तैयार करने वालों को भी अब इंडियन लुक का ध्यान रखना पड़ रहा है.’’

दीपिका का मानना है कि इंडियन साड़ी, सलवारसूट और लहंगे में बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे. इन इंडियन ड्रैसों को पहनने का क्रेज कम नहीं हो रहा है. बड़ी से बड़ी पार्टी में भी इंडियन साड़ी का अलग लुक चर्चा में रहता है. ड्रैस की कीमत पर दीपिका का कहना है कि ड्रैस की कीमत तय करते समय हम उस के फैब्रिक, स्टिचिंग और डिजाइनिंग का ध्यान रखते हैं. कीमत उतनी होती है, जितनी खरीदते समय ज्यादा न लगे. इस बिजनैस में भी पब्लिसिटी का अपना महत्त्व है. इस के बाद भी जब ग्राहक खुश हो कर जाता है, तो अपने दूसरे कस्टमर को भी लाता है, हां, लेकिन ऐसे काम करने से पहले इस से जुड़ी जानकारी और पढ़ाई करना भी बेहद जरूरी होता है.

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