Jasmin Bhasin की आंखें हुई खराब, बैंडेज लगाए एक्ट्रेस की फोटो आई सामने

टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी ऐक्ट्रेस जैस्मिन भसीन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है फिलहाल अभिनेत्री जैस्मिन भसीन मुश्किल दौर से गुजर रही हैं, क्योंकि उनके लेंस में समस्या के कारण उनकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. अभिनेत्री ने बताया, “मैं 17 जुलाई को एक कार्यक्रम के लिए दिल्ली में थी, जिसके लिए मैं तैयारी कर रही थी.

मुझे नहीं पता कि मेरे लेंस में क्या समस्या थी, लेकिन उन्हें पहनने के बाद मेरी आंखों में दर्द होने लगा और दर्द धीरेधीरे बढ़ता गया. मैं डौक्टर के पास जाना चाहती थी, लेकिन चूंकि यह वर्क कमिटमेंट थी, इसलिए मैंने कार्यक्रम में भाग लेने और फिर डौक्टर के पास जाने का फैसला किया.”

वह आगे कहती हैं, “मैंने कार्यक्रम में धूप का चश्मा पहना था और टीम ने मुझे चीजों को संभालने में मदद की, क्योंकि एक समय के बाद मैं कुछ भी नहीं देख पा रही थी. देर रात हम एक आइ स्पेशलिस्ट के पास गए, जिन्होंने मुझे बताया कि मेरी कार्नियल डैमज हो गई है और मेरी आंखों पर पट्टी बांध दी.

अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में बात करते हुए, वह कहती हैं, “मुझे बहुत दर्द हो रहा है. डौक्टरों ने मुझे बताया है कि मैं अगले चारपांच दिनों में ठीक हो जाऊंगी, लेकिन तब तक मुझे अपनी आंखों का अच्छे से ख्याल रखना होगा. यह आसान नहीं है क्योंकि मैं देख नहीं सकती और दर्द के कारण मुझे सोने में भी दिक्कत हो रही है.”

जैस्मिन को उम्मीद है कि वह जल्द ही काम पर वापस लौट आएंगी. “सौभाग्य से, मुझे अपना कोई भी काम स्थगित नहीं करना पड़ा. मुझे उम्मीद है कि मैं कुछ दिनों में ठीक हो जाऊंगी और काम पर वापस लौट जाऊंगी,” वह कहती हैं.

समझदार सासूमां: नौकरानी की छुट्टी पर जब बेहाल हुईं श्रीमतीजी

किचनमें पत्नीजी के द्वारा जिस तरह से जोरजोर से बरतन पटके जा रहे थे, उस से मुझे अंदाजा हो गया कि घर में काम करने वाली ने एक सप्ताह की छुट्टी ले ली है, इसलिए नाराजगी बरतनों पर निकल रही है.

नौकरानी का घर पर नहीं आने का दोष भला बरतनों पर क्यों उतारा जाए? मैं सोचता रहा लेकिन उन से कुछ कहा नहीं. रात को बिस्तर में जाने से पहले वे फोन पर अपनी मां से नौकरानी की शिकायतें करती रहीं, ‘‘मम्मी, ये कमला ऐसे ही नागा करती है. इस का वेतन काटो तो बुरा मुंह बना लेती है. मैं तो यहां की नौकरानियों से तंग आ चुकी हूं.’’

उधर सासूजी न जाने क्या कह रही थीं, जिसे सुन कर पत्नीजी हांहूं किए जा रही थीं. फिर वे कह उठीं, ‘‘नहीं मम्मीजी, ऐसा मत कहो,’’ और फिर जोरों से हंस दीं.

आखिर मामला क्या है? सोच कर मेरा दिल जोरों से धड़क उठा.

पत्नीजी ने टैलीफोन रखा और गीत गुनगुनाती हुई आ कर लेट गईं.

‘‘बड़ी खुश हो, क्या नई नौकरानी खोज ली?’’ मैं ने उन से पूछा.

‘‘मेरी खुशी भी नहीं देखी जाती?’’ उन्होंने तमक कर कहा.

‘‘यही समझ लो, फिर भी बताओ तो कि मामला क्या है? क्या सासूजी आ रही हैं?’’

‘‘आप को कैसे पता?’’ पत्नी ने खुशीखुशी कहा.

मुझे तो जैसे बिजली का करंट लग गया. मैं ने सोचा सासूजी आएंगी तो कई महीने रह कर घर का बजट किसी भूकंप की तरह तहसनहस कर के ही जाएंगी.

मैं भी कल से 7-8 दिनों की छुट्टी ले कर कहीं चला जाता हूं, मैं ने मन ही मन विचार किया.

‘‘तुम्हें इतना खुश देख कर समझ गया था कि तुम्हारी मम्मीजी आ रही हैं,’’ मैं ने उन से कहा.

‘‘तुम कितने समझदार हो,’’ पत्नीजी ने मुझ से कहा तो सच जानिए मैं शरमा गया.

‘‘इसीलिए तो तुम ने मुझ से विवाह किया,’’ मैं ने कहा और उन के चेहरे को पढ़ने लगा. वे भी शर्म से लाल हो रही थीं.

मैं ने फिर प्रश्न किया, ‘‘वह घर की नौकरानी कब तक आ रही है?’’

पत्नीजी ने कहा, ‘‘एक बात सुन लीजिए. जब तक किसी के जीवन में चुनौतियां न हों, जीने का मजा ही नहीं आता. और प्रत्येक व्यक्ति के पीछे एक सैकंड लाइन होनी आवश्यक है.’’

मैं ने सुना तो मैं घबरा गया. पत्नीजी आखिर ये कैसी बातें कर रही हैं? मैं ने तो कभी पत्नीजी के पीछे किसी सैकंड लाइन के विषय में सोचा तक नहीं और आज ये क्या कह रही हैं? क्या मैं छुट्टी पर जा रहा हूं तो कोई दूसरा पुरुष मेरे स्थान पर यहां होगा? सोच कर ही मेरी रूह कांप गई. मेरे चेहरे पर आ रहे भावों को देख कर वे ताड़ गईं कि मेरे मन में क्या भाव चल रहा है.

हंसते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप के विषय में नहीं कह रही हूं…’’

‘‘फिर?’’

‘‘मैं घर की नौकरानी कमला के बारे में कह रही हूं. उस की नागा, उस के अत्याचार इतने बढ़ चुके हैं कि आप विश्वास नहीं करेंगे कि मुझे उस से डर लगने लगा है. कभी भी नागा कर जाती है, वेतन काटो तो नौकरानियों के यूनियन में जाने की धमकी देती है. काम ठीक से करती नहीं. लेकिन मैं काम से निकाल नहीं सकती, क्योंकि घर में काम बहुत अधिक है…’’

‘‘फिर क्या सोचा…?’’

‘‘प्रत्येक परेशानी का कोई न कोई उपाय तो निकलता ही है.’’

‘‘क्या उपाय है वह?’’

‘‘वह उपाय ले कर ही तो मम्मीजी आ रही हैं,’’ पत्नीजी ने रहस्य को उजागर करते हुए कहा.

‘‘क्या उपाय है कुछ तो बताओ.’’

‘‘यह तो उन्होंने बताया नहीं, लेकिन वे कह रही थीं कि पूरी कालोनी की कामवाली बाइयों को सुधार कर रख दूंगी.’’

चूंकि सासूजी से मेरी कभी पटी नहीं थी, इसलिए मैं ने फिर सोचा कि उन के आने पर 7-8 दिनों की छुट्टी ले कर मैं शहर से बाहर घूम आता हूं. फिर मैं जिस सुबह बाहर गया, उसी रात को सासूजी ने मेरे घर में प्रवेश किया. पूरे 8 दिनों बाद मैं जब घर लौट कर आया तो देखा कि बालकनी में हमारी पत्नी गरमगरम पकौड़े खा रही हैं. सासूजी झूले में लेटी हैं और कमला यानी घर की नौकरानी रसोई में पकौड़े तलतल कर खिला रही है.

हमें आया देख कर पत्नीजी दौड़ कर हम से लिपट गईं और कहने लगीं, ‘‘यहां सब ठीक हो गया.’’

‘‘यानी कमला बाई वाला मामला…?’’

‘‘हां, कमला बाई एकदम ठीक हो गई.’’

‘‘कैसे…?’’

‘‘वह मैं बाद में बताऊंगी.’’

इतनी देर में कमला बाई प्रकट हो गई. हमारा सामान उठाया, कमरे में रखा और घर के बरतन साफ कर के, किचन में पोंछा लगा कर जातेजाते हमारे कमरे में आई और पत्नीजी से कहने लगी, ‘‘जाती हूं मेम साब नमस्ते.’’ यह कह कर वह सासूजी की ओर पलटी और बोली, ‘‘मैं जाती हूं अध्यक्षजी,’’ फिर वह विनम्रता के साथ चली गई.

घमंड में चूर रहने वाली कमला, जो एक भी अतिरिक्त काम नहीं करती थी और हमेशा अतिरिक्त काम का अतिरिक्त रुपया मांगती थी, आखिर ऐसा क्या हो गया कि इतनी बदल गई? मैं सोच रहा था, लेकिन कुछ समझ नहीं पा रहा था.

रात को भोजन के बाद जब पत्नीजी, मैं और सासूजी बैठ कर गप्पें मारने बैठे तो पत्नीजी ने बताया, ‘‘मैं कमला से बहुत परेशान हो गई थी. इस का असर पूरी गृहस्थी पर पड़ रहा था. मम्मीजी से मैं ने यह बात शेयर की, तो मम्मीजी ने कहा कि मैं आ कर एक दिन में सब परेशानियों को निबटा दूंगी.’’

‘‘वह कैसे?’’

‘‘वही तो बता रही हूं पर आप को एक पल का भी चैन नहीं है. हुआ यह कि मम्मीजी ने मुझे आने पर बताया कि उन का परिचय कमला बाई से यह कह कर करवाया जाए कि जहां ये रहती हैं वहां की नौकरानियों की यूनियन अध्यक्ष हैं. मैं ने वही किया भी. मम्मीजी ने यहां के काम को देखा और कमला बाई के सामने मुझ से कहा कि पूरी कालोनी में कितनी नौकरानियों की जरूरत है? मैं कामवाली बाइयों को काम भी दिलवाती हूं और इस समय 150 से अधिक काम करने वाली महिलाओं का पंजीयन मेरे पास है. वे सब यहां दिल्ली में काम करने के लिए आने को भी तैयार हैं. यहां काम कम, वेतन अधिक है और शहर की सारी सुविधाएं हैं.

‘‘लेकिन मम्मीजी इतनी कामवाली बाइयां रहेंगी कहां?’’ मैं ने पूछा तो वे बोलीं कि तू उस की चिंता मत कर. वैलफेयर डिपार्टमैंट ऐसी महिलाओं के निवास की व्यवस्था कम से कम दामों में कर देता है.

‘‘मम्मीजी पूरी कालोनी में 10 काम करने वाली महिलाओं की जरूरत है, मैं ने मम्मीजी से कहा तो उन्होंने तुरंत मोबाइल निकाल कर कमला बाई के सामने नंबर मिलाया ही था कि कमला ने दौड़ कर मम्मीजी के पांव पकड़ लिए और रोते हुए कहने लगी कि मैडमजी पीठ पर लात मार लो, लेकिन किसी के पेट पर लात मत मारो.

‘‘क्यों क्या हुआ? मम्मीजी बोलीं तो वह बोली कि मैडमजी सारी कामवाली बाइयां बेरोजगार हो जाएंगी.

‘‘लेकिन तुम भी तो परेशान करने में कसर नहीं करती हो, यह कहने पर उस का कहना था कि ऐसा नहीं है मैडमजी, हम जानबूझ कर छुट्टी ले कर केवल अपनी उपयोगिता बताना चाहते हैं कि हम भी इंसान हैं और हमारे नहीं आने से आप के कितने काम डिस्टर्ब हो जाते हैं. इसलिए आप हमें इंसान समझ कर इंसानों को जो बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए उन्हें हमें भी दिया करें.’’

‘‘कह तो यह सच रही है, मेरी ओर मम्मीजी ने देख कर कहा.

‘‘मैं पूरी बुनियादी सुविधाएं देने को तैयार हूं,’’ मैं ने झट से कहा.

‘‘आप को कभी मुझ से शिकायत नहीं मिलेगी. मुझ से ही नहीं कालोनी की काम करने वाली किसी भी महिला से,’’ उस ने मुझे आश्वासन दिया तो मम्मीजी ने मोबाइल बंद कर दिया और उसी दिन से कमला के व्यवहार में 100% परिवर्तन आ गया,’’ पत्नीजी ने पूरी बात का खुलासा करते हुए कहा.

‘‘वाह, क्या समझदारी का सुझाव सासूजी ने दिया. सांप भी मर गया, लाठी भी नहीं टूटी,’’ मैं ने प्रसन्नता से कहा.

‘‘लेकिन आप नौकरानी यूनियन की अध्यक्ष कब बनीं?’’ मैं ने सासूजी से हैरत से पूछा.

‘‘लो कर लो बात. तुम भी कितने भोले हो. अरे वह तो उस को ठीक करने का नाटक था,’’ सासूजी बोलीं.

फिर हम सभी जोर से हंस पड़े. हमें अपनी समझदार सासूमां की तरकीब पर गर्व हो आया.

नींव: क्या थी रितू की जेठानी की असलियत

विवेकवेक ने लंच ब्रेक के दौरान मोबाइल पर मुझे जो जानकारी दी उस ने मुझे चिंता से भर दिया.

‘‘विनोद भैया ने किराए का मकान ढूंढ़ लिया है. मुझे उन के दोस्त ने बताया है कि

2 हफ्ते बाद वे शिफ्ट कर जाएंगे,’’ विवेक की आवाज में परेशानी के भाव साफ झलक रहे थे.

‘‘हमें उन्हें जाने से रोकना होगा,’’ मैं एकदम बेचैन हो उठी.

‘‘बिलकुल रोकना होगा, रितु. अब रिश्तेदार और महल्ले वाले हम पर कितना हंसेंगे. तुम आज शाम ही भाभी को समझना. मैं भी बड़े भैया को अभी फोन करता हूं.’’

‘‘नहीं,’’ मैं ने उन्हें फौरन टोका, ‘‘अभी आप किसी से इस विषय पर कोई बात न करना प्लीज. यह मामला समझनेबुझने से नहीं सुधरेगा.’’

‘‘फिर कैसे बात बनेगी?’’

‘‘पहले शाम को हम आपस में विचारविमर्श करेंगे फिर कोई कदम उठाएंगे.’’

‘‘ओ. के.’’

इधरउधर की कुछ और बातें करने के बाद मैं ने फोन काट दिया. खाना खाने का मन नहीं कर रहा था. मैं ने आंखें मूंद लीं और वर्तमान समस्या के बारे में सोचविचार करने लगी…

संयुक्त परिवार की बहू बन कर सुसराल आए मुझे अभी सालभर भी नहीं हुआ है. अब मेरे जेठजेठानी अलग होने की सोच रहे हैं. इस कारण मैं परेशान तो हूं, पर मेरी परेशानी का कारण जगहंसाई का डर नहीं है.

संयुक्त परिवार से जुड़े रहने के फायदों को, उस की सुरक्षा को मैं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर जानती हूं.

मेरे पापा का दिल के दौरे से जब अचानक देहांत हुआ, तब मैं बी.कौम. के अंतिम वर्ष में पढ़ रही थी. साथ रह रहे मेरे दोनों चाचाओं का पूरा सहयोग हमारे परिवार को न मिला होता, तो मेरी कालेज की पढ़ाई बड़ी कठिनाई से पूरी होती. फिर बाद में जो मैं ने एमबीए भी किया, उस डिगरी को प्राप्त करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था.

एमबीए करने के बाद मुझे अच्छी नौकरी मिली, तो मैं अपने संयुक्त परिवार का मजबूत स्तंभ बन गई. अपने छोटे भाई को इंजीनियर व बड़े चाचा के बेटे को डाक्टर बनाने में मेरी पगार का पूरा योगदान रहा. अपनी शादी का लगभग पूरा खर्चा मैं ने ही उठाया. मेरे मायके में संयुक्त परिवार की नींव आज भी मजबूत है.

अपनी ससुराल में भी मैं संयुक्त परिवार की जड़ों को उखड़ने नहीं देना चाहती हूं. काफी सोचविचार के बाद मैं अपने बौस अमन साहब से मिलने उठ खड़ी हुई. वे मुझे बहुत मानते हैं और इस समस्या के समाधान के लिए मैं उन की सहायता व सहयोग पाने की इच्छुक थी.

शाम को घर में घुसते समय मेरे पास सब को सुनाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खबर

थी. उसे मैं शानदार अभिनय करते हुए सुनाना चाहती थी, पर वैसा कुछ हो नहीं सका क्योंकि मेरी सासूमां संध्या भाभी पर बु%B

Bad Newz स्टार विक्की कौशल की फेवरेट हैं कियारा अडवाणी

कियारा आडवाणी इंडियन सिनेमा की सबसे वर्सेटाइल और फेवरेट एक्ट्रेसेस में से एक हैं. अपने प्रभावशाली करियर में, एक्ट्रेस ने कई एक्टर्स के साथ काम किया है, और उनमें से एक विक्की कौशल हैं. कियारा ने पहली बार विक्की के साथ ‘लस्ट स्टोरीज़’ में काम किया था. यह फिल्म उन दोनों के लिए टर्निंग पाइंट थी और फिर वे गोविंदा नाम मेरा में फिर से नजर आए.

हाल ही में, अपनी आगामी फिल्म ‘बैड न्यूज़’ के प्रचार के दौरान, विक्की कौशल ने कियारा आडवाणी के बारे में बहुत बात की और कहा, “कियारा इंडस्ट्री में मेरी पसंदीदा लोगों में से एक हैं. मैं उन्हें एक इंसान के तौर पर और एक अभिनेता के तौर पर भी प्यार करता हूं. हम अक्सर बात नहीं करते और मिलते नहीं हैं, लेकिन मुझे उनके साथ लस्ट स्टोरीज में काम करने में मजा आया और मैंने उनके साथ गोविंदा नाम मेरा में काम किया.”

इसके बाद विक्की ने कहा, “जब मैं उनके साथ काम करता हूं तो मुझे अलग तरह का एहसास होता है, जहां मुझे लगता है कि हम दोनों के बीच बहुत सहजता है, हम दोनों के बीच सहजता है और हमें ऐसा लगता है कि हम एकदूसरे का साथ दे रहे हैं. मैं उनके बारे में बहुत कुछ कहना चाहता हूं, लेकिन मैं भावुक हो रहा हूं, लेकिन मेरे दिमाग में, मुझे मिलने वाली हर फिल्म के बारे में, मेरे दिमाग में यह बात है कि यार ये कियारा के साथ होती तो मजा आ जाता. वह वाकई एक बेहतरीन इंसान हैं.”

वर्कफ्रंट की बात करें तो कियारा आडवाणी गेम चेंजर, वार 2 और डौन 3 में नजर आएंगी और विक्की कौशल बैड न्यूज और चावा में नजर आएंगे.

Fitness Tips : वेट लूज करना चाहती हैं, तो बस 15 मिनट डांस करें

Fitness Tips :  तेज म्यूजिक पर आप अपने पैरों को थिरकने से नहीं रोक पाते. रिपोर्ट्स की मानें तो दिन में कुछ देर बस ऐसे ही थिरकने से शरीर को कई फायदे होते हैं.  थोड़ी देर डांस करके हेल्दी तरीके से वेट लूज किया जा सकता है. डांस एक ऐसा वर्कआउट है, जो आपकी पूरी बॉडी को फिट रखेगा.  इसके साथ ही आपने कभी डांस नहीं किया है, तो आप एक स्किल भी सीख लेंगी. आइए जानते हैं वेट लूज करने के साथ ही डांस के दूसरे बेनिफिट्स क्या क्या है ?

 डांस करने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है

डांस एक प्रकार की कार्डियो ऐक्सरसाइज है, जिसे करने से शरीर में कैलोरी तेजी से बर्न होती है. करीब 1 घंटा डांस करने से लगभग 500 से 800 कैलोरी बर्न होती है जो वजन घटाने में काफी फायदेमंद हो सकती है. इस से मैटाबोलिज्म की प्रक्रिया भी तेज होती है, जिस से शरीर में जमा वसा की मात्रा आसानी से पिघलती है. वजन घटाने के लिए आप रोजाना कम से कम 15 से 20 मिनट तक डांस कर सकते हैं. अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के अनुसार, अगर आप का वेट  150 पाउंड्स है तो सिर्फ  30 मिनट नाचने से आप अच्छीखासी कैलोरीज बर्न कर सकते हैं. अच्छी बात यह कि ज्यादा वजन वाले लोग भी कैलोरी बर्न करने के इस अंदाज को आजमा सकते हैं.

इन डांस को आजमाएं –
ज़ुंबा सही मायने में कार्डियो मूव्स और लैटिन म्यूजिक का कौम्बिनेशन है. अनुमान के अनुसार यह 30 मिनट में 300 से 400 कैलोरी तक बर्न कर सकता है.

हिप-हॉप डांस: यह एनर्जेटिक स्टाइल वाला डांस है, इसे करने से पूरे शरीर की मुवमेंट होती है.  इससे तेजी से वजन घटता है. आप अपनी बौडी के हिसाब से ही करें.
भांगड़ा :  इस इंडियन डांस को करने के लिए भी काफी एनर्जी लगानी पड़ती है.   इस पंजाबी डांस फौर्म की खासियत है कि यह 30 मिनट में 350–400 कैलोरी तक बर्न कर सकता है. यह काफी एंटरटेनिंग डांस फौर्म है.
बॉलीवुड डांस: यह न केवल और एंजौय कराता है बल्कि साथ ही साथ पसीना बहाने में भी मदद करता है. वेस्टर्न मूव्स वाले डांस करके देखें, आपके शरीर को फायदा नजर आएगा. 200–300 कैलोरी बर्न हो सकती है. कुछ लोग इसी डांस फौर्म को  एरोबिक डांस भी कहते हैं, यह पेट की चर्बी को भी कम करता है.
सालसा,  जैज़  और बैले: डांस के ये रूप युथ्स में पौपुलर हैं. यह वजन घटाने के साथ मसल्स को टोन करने को काम करता है.

नींद अच्छी आएगी

दिनभर में की गई आधे घंटे की डांस थेरैपी से आप रात में चैन की नींद सो पाएंगे. दरअसल, डांस करने से आप के शरीर के सभी अंग हिलतेडुलते हैं, जिस से शरीर में थकान का भी अनुभव रहता है. ऐसे में रात को अच्छी नींद आती है.

वर्क ऐफिशिएंसी भी बढ़ती है. डांस से हमारा दिमाग पूरी तरह फ्रैश हो जाता है और हम बाकी सभी चिंताओं से खुद को मुक्त कर के केवल डांस पर ही फोकस करते हैं. इस से हमारे अंदर एकाग्रता बढ़ने लगती है और हम आसानी से किसी भी काम को पूरे मन से कर पाते हैं. दिनभर में कुछ मिनटों तक डांस करना सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही आप को मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाता है. इस से आप की वर्क ऐफिशिएंसी भी बढ़ती है.

भूख न लगने की समस्या भी दूर होगी

अगर आप को भूख नहीं लगती और  वजन धीरेधीरे कम हो रहा है तो दिन में 1 घंटा डांस करना शुरू कर दें. इस से थकान होगी  और भूख और प्यास दोनों लगने लगेंगी. जब डाइट सही होगी तो वजन भी अपनेआप सही हो जाएगा.

श्वसन तंत्र में सुधार

नाचने से श्वसन तंत्र में सुधार होता है क्योंकि इस में म्यूजिक के साथ कूदना भी शामिल होता है और ये हाई इंटैंसिटी स्टैप्स होते हैं.  नाचने से ब्रीथिंग रेट बढ़ता है जिस से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.

मसल्स स्ट्रौंग होती हैं

जुंबा, साल्सा, पोल डांस, बैलेट आदि  डांस करने से आप की हड्डियां मजबूत रहती  हैं. यों तो ये केवल कुछ नाम हैं पर आप  डांस कोई भी करें आप का पूरा शरीर  उस समय काम कर रहा होता है. नृत्य करने से मसल्स स्ट्रौंग होती हैं, बौडी स्ट्रैच होती है.

वेट लूज करने की अच्छी ऐक्सरसाइज है

आजकल सोशल मीडिया पर हरकोई अपनीअपनी तरह से वजन कम करने के लिए बहुत सा ज्ञान दे रहा है लेकिन कई स्टडीज में साबित हो गया है कि डांस करने से शरीर की कैलोरी बर्न होती है. शोधकर्ताओं की मानें तो नियमित तौर पर डांस करने से बौडी मास इंडैक्स, बौडी मास, कमर की चरबी कम होने के साथ ही फैट पर्सैंटेज भी काफी हद तक कम होता है. डांस नहीं करने वाले लोगों की तुलना में रोजाना डांस करने वाले लोगों में फैट की मात्रा आसानी से कम होती है. शोध के अनुसार तो यह ऐक्टिविटी आप की फिजिकल और मैंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के साथ ही मोटापे से बचाने में भी लाभकारी होती है. अगर आप वजन या फिर फैट लौस करना चाहते हैं तो नियमित तौर पर इस शारीरिक गतिविधि में शामिल हो सकते हैं.                  Fitness Tips

वीकेंड पर सुनें दिल को छूने वाले ये New Trending Song

New Trending Song : संगीत दिल को कितना सुकून देता है. दुनिया में  कोई भी ऐसा व्यक्ती नहीं होगा, जिसे गाने सुनना पसंद न हो… खुशी के पल हो या गम के, गाने सुनकर हम अपना हालएदिल बयां करते हैं. हर मिजाज के हिसाब से गाने बनाए गए हैं. म्यूजिक ही एक ऐसी चीज है, जो सिर्फ मन को शांति देती है.

 

बारिश का मौसम चल रहा है, बारिश पर न जाने कितने गाने लिखे गए होंगे, लेकिन मुझे किशोर कुमार दा और लता जी का गाना ”रिमझिम गिरे सावन” बहुत पसंद है. ऐसे और भी कई गाने हैं, जिन्हें सौ बार से भी ज्यादा सुन लो, तो भी मन नहीं भरता. अब आप अपनी फेवरेट प्लेलिस्ट भी अपने फोन में क्रिएट कर सकते हैं. बढ़ते टेक्नोलौजी के कारण कोई भी गाने सुनना बहुत ही आसान हो गया है.

Woman using headphones for music at home in bed

ड्राइविंग, एक्सरसाइज, वाक करते समय गाने सुनने की बात ही अलग होती है. गाने सुनकर मन में एक अलग ही सुकून मिलता है. किसी भी काम में मन न लगे, तो अपना फेवरेट गाने सुन लें, आप उसी टाइम बूस्ट हो जाएंगे और पहले से बेहतर महसूस करेंगे. मेरे साथ ऐसा अक्सर होता है, जब किसी काम में मेरा मन नहीं लगता, मैं अपना फेवरेट प्लेलिस्ट सुन लेती हूं. यूं कहे तो गाने सुनकर इंसान एनर्जेटिक महसूस करता है.

गाने तो कई तरह के होते हैं, लाउड म्यूजिक, रोमांटिक म्यूजिक, स्लो म्यूजिक और लिरिक्स भी म्यूजिक के हिसाब से ही होते हैं. हालांकि पुराने गाने की लिरिक्स बहुत ही गहरे होते थे. उसमें म्यूजिक कम होता था, लेकिन आजकल के गानों में लिरिक्स से ज्यादा म्यूजिक होते हैं. कुछ लोगों को ये गाने पसंद होते हैं, तो वहीं कुछ लोग पुराने गाने ही सुनना पसंद करते हैं. पहले की तुलना में अब गाने के बोल भी बदल गए हैं.

Beautiful woman listening to music with headphones on the orange sofa apartments

पुराने गानों के रीमिक्स का ट्रेंड काफी पहले से चल रहा है. हालांकि इसके लिए सिंगर्स ट्रोल भी होते हैं. नई फिल्म Bad Newz के ‘मेरे महबूब मेरे सनम’ के रीमेक पर लोग भड़क गए थे. खैर बौलीवुड इंडस्ट्री में फिल्म के साथसाथ गाने के भी बोल बिगाड़े जाते हैं. आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में बौलीवुड के कुछ नए ट्रेंडिग गाने लेकर आए हैं, जिन्हें आप इस वीकेंड जरूर सुनें.

1.तौबा तौबा ( Bad Newz)

Bad Newz का ‘हुसन तेरा तौबा तौबा’ सौन्ग आजकल ट्रेंड में हैं. विक्की कौशल ने इस गाने पर शानदार डांस किया है. इन दिनों ये गाना हर किसी के जुबां पर है. इस गाने को बास्को मार्टिस ने कोरियोग्राफ किया है जबकि इसके सिंगर करण औजला हैं.

2. मार उड़ी (Sarfira)

अक्षय कुमार की फिल्म सिरफिरा ‘मार उड़ी’ गाने में एक्टर का अलग ही अंदाज देखने को मिला है. इस गाने में आम आदमी बने अक्षय जिद्दी अंदाज में दिख रहे हैं. यह गाना उन सभी के लिए है, जो सपने देखने और असंभव को संभव करने की हिम्मत रखते हैं. इसे यदु कृष्णन, सुगंध शेखर, हेस्टन रोड्रिग्स और अभिजीत राव ने मिलकर गाया है. मनोज मुंतशिर का  लिखा गया गाना ‘मार उड़ी’ साहस का प्रतीक है.

3. ‘भैरव एंथम’ (Kalki 2898 AD)

‘भैरव एंथम’ इस गाने को मशहूर पंजाबी और बौलीवुड सिंगर दिलजीत दोसांझ ने गाया है, इस गाने को सुनकर आप थिरकने पर मजबूर हो जाएंगे. दिलजीत ने इसे हिंदी के अलावा तमिल भाषा में भी गाया है. इस गाने को विजयनारायण और संतोष नारायणन ने भी आवाज दी है. राइटर कुमार ने ‘भैरव एंथम’ के लिरिक्स को लिखा है.

4. निकट (kill)

फिल्म किल के इस गाने को काफी पसंद किया जा रहा है. ‘निकट’ इस गाने को हारून गेविन ने कंपोज किया है और सिद्धांत कौशल ने इसे लिखा है. यह गाना प्यार करने वालों के लिए बहुत ही खास है. रेखा भारद्वाज का गाया यह गाना लोगों का दिल जीत रहा है.

5. चल करे तयारी (धर्मवीर 2)

मराठी फिल्म धर्मवीर 2 के गाने ‘चल करे तयारी’ संगीत प्रेमियों के बीच धूम मचा रही है. इस गाने की धून भी काफी शानदार है. इस गाने को आप यूट्यूब पर देख सकते हैं. यह गाना साहस को दर्शाता है.

Hrithik Roshan की कजिन पश्मीना रोशन फैशन आईकन बनकर दिखा रही हैं जलवा, देखें खूबसूरत Photos

हाल ही में बड़े पर्दे पर डेब्यू करने वाली पश्मीना रोशन जल्दी ही चर्चा का विषय बन गई हैं. वह न केवल अपनी पहली फिल्म इश्क विश्क रिबाउंड में अपने अभिनय से बल्कि अपने बेहतरीन फैशन औप्शनों से भी चर्चा में हैं. पश्मीना का स्टाइल इजी, अक्ट्रेटिव, क्लासी और ट्रेंडी है. बौडीसूट, ड्रेस से लेकर पैराशूट पैंट तक, पश्मीना रोशन निश्चित रूप से शहर की नई फैशनिस्टा हैं! यहां कुछ ऐसे पल हैं जब एक्ट्रेस ने फैशन की दुनिया में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को अचंभित कर दिया.

सीक्विन्ड ब्लू आफ

शोल्डर ड्रेस: इश्क विश्क रिबाउंड के प्रीमियर के दौरान, पश्मीना आफ शोल्डर ब्लू स्पार्कली और सीक्विन्ड ड्रेस में हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत लग रही थीं.

खूबसूरत फिट के साथ ट्रांसपरेंट हील्स और खूबसूरत सिल्वर ज्वेलरी में अभिनेत्री ने ग्लैमर बिखेरा. ओस भरे मेकअप और खुले बालों के साथ, पश्मीना बिल्कुल सपनों जैसी लग रही थीं!

कूल, कैजुअल और आरामदायक:-

हर कोई आराम और फैशन को मिलाने की कला नहीं जानता, हालांकि, पश्मीना ने निश्चित रूप से इसमें महारत हासिल की है. अभिनेत्री ने ब्रालेट टौप, बेज जागर्स और एक कोजी आरामदायक ब्राउन स्वेटर के साथ एक परफेक्ट स्टेएटहोम लुक बनाया. ढीले कर्ल और नेचुरल मेकअप के साथ.

कौर्सेट प्ले:

पश्मीना एक सिंपल रेड कौर्सेट ड्रेस में बिल्कुल मंत्रमुग्ध कर देने वाली लग रही थीं. उनकी ड्रेस के बोल्ड कलर और फिगर की बात ही खास उस पर स्ट्रेट हेयर तारीफ के काबिल है. फिंगर में सुंदर क्रिस्टल स्टड और रेड हाई हील के शूज के साथ एक्सेसराइज किया.

टेनिस कोर

टेनिस कोर फैशन ट्रेंड को अपनाते हुए, पश्मीना को एक सफेद कमरकोट और एक प्लीटेड मिनी स्कर्ट पहने देखा गया. एक्ट्रेस ने अपने हेयर पर एक समान कलर का धनुष बांधा, जिससे लुक को बो गेट का स्पर्श मिला. कम से कम मेकअप और मोती की बालियों के साथ, लुक ने ट्रेंडीनेस, स्पोर्टी टच का एक सुंदर मिश्रण दिखाया.

बौडीसूट और डेनिम:

कैजुअली टेम्परेचर बढ़ाना और शानदार दिखना पश्मीना का शौक है! ग्रे बॉडीसूट और लो-वेस्ट डेनिम पैंट के साथ उन्होंने जेन जेड के लिए कुछ खास लक्ष्य पूरे किए. इस फिट को 10 गुना हॉट बनाने वाली चीज थी दस्ताने की जोड़ी जिसने पूरे लुक को पूरा किया.

हाई ग्लैम फिट से लेकर डेली पहनने तक, रोशन ने निश्चित रूप से अपनी फैशन में बहुमुखी प्रतिभा साबित की है. चाहे वह फैंसी रेड कार्पेट की शोभा बढ़ा रही हो या एक साधारण ठाठ वाला लुक अपना रही हो, पश्मीना का स्टाइल ट्रेंडीनेस और परिष्कार का शानदार मिश्रण है. यह कहना गलत नहीं होगा कि पश्मीना न सिर्फ एक उभरती हुई स्टार हैं, बल्कि एक फैशन आइकन भी हैं.

बारिश में इन तरीकों से करें बालकनी गार्डन की देखभाल

प्रकृति प्रेमी अविका ने अपने थ्री बी एच के फ्लैट की बालकनी को बहुत महंगे महंगे पौधों से सजा रखा था जो भी उसके घर आता था उसकी बालकनी की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाता था. बारिश का मौसम जैसे ही प्रारम्भ हुआ तो भी उसके सारे पौधे जस के तस रखे रहे. परन्तु कुछ दिनों के बाद उसने देखा कि एडेनियंम, एगलोनिमा, क्रोटोन और पाम जैसे अधिकांश पौधों की जड़ें गल गयी और वे पौधे धीरे धीरे सूख गए. दरअसल आजकल अधिकांश घरों बालकनी या टेरेस गार्डन होते हैं जहां पर पौधों को गमले में लगाया जाता है, इनकी जड़ें चूंकि एक छोटे से गमले में होतीं हैं इसलिए इन्हें अतिरिक्त पोषण और देखभाल की आवश्यकता होती है. बारिश के मौसम में ये भली भांति बढ़ते रहें इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है.

1.अक्सर गार्डन की जमीन को साफ रखने के लिए गमलों के नीचे प्लेट्स लगा दीं जातीं हैं परन्तु यही प्लेट्स बारिश में पानी से भर जाती हैं ये भरा हुआ पानी एक तरफ जहां गमले में लगे पौधों की जड़ों को नुकसान तो पहुंचाता ही है, दूसरी तरफ लंबे समय तक भरे पानी में डेंगू जैसे बीमारी के जीवाणु पनपने की संभावना भी होती है इसलिए बारिश के प्रारम्भ होते ही गमलों के नीचे से प्लेट्स हटा देना ही उचित रहता है.

2. चूंकि बारिश में अक्सर पानी बरसता है इसलिए गमले के नीचे के ड्रेनेज होल को चेक कर लें ताकि गमले से बारिश का पूरा पानी ड्रेनेज होल से निकल जाए यदि गमले में पानी भरा रहेगा तो गमले में लगा पौधा ही सड़ जाएगा. यदि पानी गमले की ऊपरी सतह पर हो तो गमले को थोड़ा सा टेढ़ा करके पानी निकाल दें.

3. बारिश के दिनों में जहां गर्मी से झुलसते पौधों को जिंदगी मिल जाती है वहीं इस मौसम में विविध प्रकार के कीट भी पौधों पर हमला कर देते हैं इनसे बचाव के लिए 1 टेबलस्पून तरल सोप को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर सप्ताह में 1 बार स्प्रे करें.

4. एडेनियंम, कैक्टस, जेड प्लांट, पाम जैसे लो मेंटेनेंस वाले पौधे जिन्हें बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है उन्हें 2-3 बार की बारिश के बाद ऐसे स्थान पर रखें जहां वे बारिश के पानी से बचे रहें.

5. इन दिनों में पानी बरसने के कारण गमलों की मिट्टी गीली हो जाती है जिससे इनकी मिट्टी की गुड़ाई नहीं हो पाती, इसलिए जब भी आप थोड़ा सा मौसम खुला देंखें पौधों की हल्की सी गुड़ाई अवश्य कर दें ताकि इन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती रहे.

6. पौधों को नाइट्रोजन युक्त खाद्य देने का यह सही समय होता है. केमिकल युक्त खाद की अपेक्षा और्गेनिक अथवा गोबर की खाद प्रत्येक पौधे में 1-1 टेबलस्पून डाल दें इससे पौधे को पर्याप्त पोषण मिलेगा और वह जल्दी बढ़ेगा.

7-बारिश का पानी पौधों के लिए संजीवनी का काम करता है इसलिए घर के सभी इंडोर प्लांट्स कुछ दिनों के लिए खुले में अवश्य रखें ताकि ये बारिश के पानी का लाभ ले सकें परन्तु इनमें पानी भरने न पाए इस बात का विशेष ध्यान रखें.

8-ये मौसम नए पौधे लगाने, कटिंग करने या पौधों को ट्रांसफर करने का सर्वाधिक उपयुक्त समय होता है, इसलिए इन दिनों में आप अपने मनमुताबिक पौधों को लगा सकते हैं.

आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नहीं… इससे खुद को ऐसे बचाएं

आत्महत्या एक ऐसा आसान तरीका है जो हर वो कमजोर आदमी अपनाना चाहता है जो जिंदगी से बेजार हो चुका है. और अपनी मुश्किलों से भरी जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए उसको आत्महत्या ही एक ऐसा आसान तरीका लगता है जो हर समस्या का समाधान उसकी नजर में है. कई लोगों में ऐसी प्रवृत्ति पाई जाती है जो छोटी-छोटी बात पर भी आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं. बिना यह सोचे की उनकी इस हरकत से उनके अपनों पर क्या हाल होगा. जैसे की कई युवा प्यार में असफलता पाने के बाद , या परीक्षा में फेल होने के बाद, या बेरोजगारी के चलते पैसे पैसे को मोहताज होने के चलते कर्जे में डूबने के बाद अपनी जिंदगी खत्म करने का आसान तरीका अर्थात आत्महत्या अपना लेते हैं.

आज के टेंशन भरे माहौल में जब कि हर कोई किसी न किसी बात को लेकर परेशान है लिहाजा वह ऐसी खराब जिंदगी जीने के बजाय आत्महत्या करके पूरी तरह से दुख से छुटकारा पाना चाहता है. ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जो बहुत ज्यादा इमोशनल होते हैं और थोड़ा सा दुख आने पर भी आत्महत्या तक करने का फैसला ले लेते हैं. कई बार ऐसे जघन्य कारण भी होते हैं जबकि इंसान मजबूर होकर न सिर्फ खुद आत्महत्या करता है बल्कि ऐसे जालिम समाज से अपने परिवार को बचाने के लिए या तो पूरे परिवार को जहर दे देता है या गोली मारकर हत्या कर देता है और खुद भी फांसी पर लटक जाता है.

पिछले कुछ सालों में कई किसानों ने भी कर्जे में फंसे होने की वजह से आत्महत्या कर ली. ऐसे में सवाल यही उठता है की क्या आत्महत्या हर समस्या का हल है? क्या आत्महत्या की कोशिश करने वाले मजबूर और दुखी लोगों को बचाया जा सकता है? हर साल कई लोग अपनी परेशानी से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं क्या इसका कोई हल है. पेश है इसी सिलसिले पर एक नजर…

ग्लैमर वर्ल्ड में भी हर साल आत्महत्या के बढ़ते केस…

मुंबई शहर सपनों की नगरी फिल्म इंडस्ट्री , ग्लैमर वर्ल्ड एक ऐसी चकाचौंध है, जिसे देखकर कई सारे युवा अपनी तकदीर आजमाने मुंबई शहर आते हैं. और अपने आप को यहां के माहौल में ढालने के लिए किसी भी हद तक समझौते करने के लिए भी तैयार रहते हैं. ताकि वह न सिर्फ अपने सपने पूरे कर सके बल्कि गरीबी से निकलकर आलीशान जिंदगी जी सके.कई सारे एक्टर अपने टैलेंट और मेहनत के चलते कामयाब भी हो जाते है .लेकिन जब उन्हें इस चकाचौंध के पीछे गहरे अंधेरे कड़वे सच का एहसास होता है तब वह अपने आप को संभाल नहीं पाते और फांसी लगाकर या नींद की गोली खाकर आत्महत्या कर लेते हैं. आश्चर्य तो तब होता है जब उनकी इस मंशा का पता तक नहीं लग पाता और अचानक पता चलता है की शूटिंग करते-करते अपने मेकअप रूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

ऐसा ही कुछ हाल पिछले दिनों ही एक टीवी एक्ट्रेस तुनिषा शर्मा का हुआ जिन्होंने शूटिंग के दौरान काफी कम उम्र में आत्महत्या करके अपना जीवन खत्म कर लिया. इससे पहले भी कई सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी का अंत बहुत बुरी तरह आतमहत्या करके किया है ,जब कि वह एक नामचीन इंसान थे और उनके हजारों करोड़ों चाहने वाले थे. जैसे सुशांत सिंह राजपूत, परवीन बॉबी, प्रत्युषा बनर्जी, साउथ की हीरोइन सिल्क स्मिता, पुराने एक्टर लेखक डायरेक्टर गुरुदत्त, मूवी और टीवी एक्टर कुशाल पंजाबी, जितेंद्र के कजिन नितिन कपूर, एक्टर मॉडल शिखा जोशी, प्रसिद्ध एक्ट्रेस जिया खान, यह रिश्ता क्या कहलाता है सीरियल की 29 वर्षीय हीरोइन वैशाली ठक्कर आदि जेसे कई एक्टर और मॉडल हर साल किसी ना किसी वजह के चलते आत्महत्या कर लेते हैं. और पीछे छोड़ जाते हैं अपने परिवार और अपनों को रोते बिलखते .

आत्महत्या करने से रोकने और बचने के उपाय…

एक कड़वा सच यह भी है कि जब कोई इंसान अपने आप को पूरी तरह अकेला, बेसहारा, और मजबूर समझता है. जब उसको अपनी समस्या का कोई हल नजर नहीं आता तभी वह ऐसा भयानक फैसला लेता है . वही एक ऐसा क्षण होता है जब इस इंसान के दिमाग में आत्महत्या करने का फितूर सवार होता है अगर ऐसे नाजुक वक्त में उसको किसी का सपोर्ट मिल जाता है जिससे वह अपने दिल की बात कर सकता है या अपनी समस्या का समाधान पा सकता है तो वह आत्महत्या करने से भी बच जाता है . इस लिए बहुत जरूरी है कि चाहे कितना ही आपका जीवन व्यस्त हो आप अपने परिवार से दूर ना रहे किसी तरह मोबाइल या फोन के जरिए उनसे जुड़े रहे , घर के किसी ना किसी एक सदस्य से दिल की बात जरूर शेयर करे. परिवार में कोई ऐसा बंदा नहीं है तो कुछ दोस्त ऐसे जरूर बनाएं जिससे आप अपनी हर प्रॉब्लम शेयर कर सकें और और उस पर विश्वास कर सके. क्योंकि जहां परिवार काम नहीं आता वहां दोस्त काम आते हैं. एक दो सच्चे और अच्छे दोस्त जरूर बनाएं.जो आपको आपके बुरे वक्त में ना सिर्फ सही रास्ता दिखाएं बल्कि आपको मानसिक तौर पर पूरा सपोर्ट भी करें.

छोटे परदे और बड़े पर्दे के कई कलाकारों ने इस बात से सहमति जताई है कि उनके मन में भी आत्महत्या का ख्याल आया था. जैसे की टीवी एक्ट्रेस अर्चना गौतम ने अपने संघर्ष के दिनों की बात बताते हुए कहा की एक बार वह इतनी परेशान हो गई थी कि उन्होंने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया था लेकिन उसी दौरान उनके मन में ख्याल आया कि अगर मैं मर गई तो मां को कौन संभालेगा, और मां कैसे करजा चुकाएगी. टीवी एक्टर अभिषेक कुमार ने भी बताया प्यार और करियर में असफलता के चलते उनके मन में भी आत्महत्या का ख्याल आया था लेकिन उनके मां-बाप के सपोर्ट की वजह से वह बच गए. स्पेशली उनकी मां ने अभिषेक को मानसिक तौर पर मजबूत किया और आज वह कामयाबी पा भी रहे हैं. कहने का मतलब यह है की हर एक ऐसे इंसान के दिल में कभी ना कभी मरने का ख्याल जरुर आता है, जब वह परेशानी में होता है.

ऐसे ही नाजुक वक्त में किसी शुभचिंतक का थोड़ा सा सपोर्ट भी उसके जीने का कारण बन जाता है. इसलिए बहुत जरूरी है की आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए परिवार वाले भी उसे इंसान का जरूर साथ दें जिसे उनकी बहुत जरूरत है. पैसों के लालच में या अपने स्वार्थ के चलते अपने सबसे प्यारे सदस्य को मरने के लिए अकेला ना छोड़े.

फिल्मों में आत्महत्या दिखाने की बजाय आत्महत्या रोकने के पॉजिटिव कहानिया कई लोगों की जान बचा सकती हैं…

कहते हैं कि फिल्में समाज का आईना है. यहां ऐसे भी कह सकते हैं कि लोगों पर फिल्मों का बहुत असर होता है कई फिल्में ऐसी होती हैं जिसकी कहानी आम लोगों को मानसिक तौर पर इफेक्ट करती है. फिल्मों में दिखाई जाने वाली नेगेटिविटी आम लोगों को निराशा की तरफ धकेलती है. जिसके चलते फिल्मों में दिखाए जाने वाले आत्महत्या के दृश्य कई युवा लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं जैसे की 3 इडियट्स में शर्मन जोशी ने आत्महत्या की थी फैमिली प्रेशर के चलते. फिल्म मसान में रिचा चड्ढा और उसके प्रेमी ने पुलिस से प्रताड़ना के चलते आत्महत्या करते दिखाया गया.

सलमान खान अभिनीत जय हो में अपाहिज जेनेलिया डिसूजा को परीक्षा में फेल होने की वजह से आत्महत्या करते दिखाया गया, इसी तरह फिल्म डर्टी पिक्चर में विद्या बालन जिन्होंने सिल्क स्मिता का किरदार निभाया था उनको आत्महत्या करते दिखाया गया. लिहाजा इस तरह की फिल्में ऐसे लोगों को प्रेरित करती है जो आत्महत्या करने के बारे में सोचते रहते हैं.फिल्मों में आत्महत्या के दृश्य में बदलाव करते हुए अगर कहानी में किसी युवा को आत्महत्या करने से बचाते हुए दिखाया जाए तो निश्चित तौर पर युवा वर्ग में अच्छी सोच पैदा होगी जिसमें मुश्किलों से ना डरते हुए किसी भी चुनौती का सामना करके जीत हासिल करने का हौसला बुलंद होगा और आत्महत्या केस कम होंगे.

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