बेटी के जन्म के बाद स्ट्रैच मार्क्स आ गए हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

बेटी के जन्म के बाद मेरे पेट पर स्ट्रैच मार्क्स के निशान पड़ गए हैं. बताएं उन्हें कैसे दूर करूं?

जवाब-

आप स्ट्रैच मार्क्स के निशानों पर वर्जिन कोकोनट औयल लगाएं, जो स्ट्रैच मार्क्स को कम करने में मदद करता है. यह औयल त्वचा के रंग की चमक बनाए रखने में भी सहायक होता है. इस के इस्तेमाल से त्वचा अधिक चमकदार, मुलायम नजर आने लगेगी. इस के अलावा किसी भी प्रकार के निशान के लिए जैसे कभीकभी हमें किसी चोट का निशान पड़ जाता है या फिर खरोंच के निशान हो जाते हैं, यह उन निशानों को भी मिटाने में फायदेमंद साबित होता है. हर रात चेहरे पर वर्जिन कोकोनट औयल को एक नाइट क्रीम के रूप में इस्तेमाल करें.

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स्‍ट्रेच मार्क्‍स शरीर पर पड़ी वह सफेद क्षीण रेखाएं होती हैं जो कि प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर अचानक मोटे हो जाने पर पड़ जाती हैं. यह देखने में काफी भद्दा लगता है. ज्यादातर स्‍ट्रेच मार्क्‍स पेट, पीठ या जांघों पर पड़ता है. कई केसों में तो स्‍ट्रेच मार्क्‍स अपने आप ही गायब हो जाते हैं लेकिन ज्‍यादातर केसों में यह नहीं जाते. बाजार में कई तरह के स्‍ट्रेच मार्क्‍स रिमूवर क्रीम और लोशन उपलब्‍ध हैं लेकिन सभी की सभी असरदार हों यह जरुरी नहीं हैं. इन क्रीमों की वजह से शरीर पर साइड इफेक्‍ट भी हो जाते हैं. अच्‍छा होगा कि आप प्राकृतिक चीजों का इस्‍तेमाल कर इन्‍हें हल्‍का करें. आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ प्राकृतिक उपाय.

एलो वेरा

स्‍ट्रेच मार्क्‍स पर ताजा एलो वेरा का गूदा मसाज करने से त्‍वचा टोन होती है और इसमें शामिल एंजाइम खराब हो चुकी त्‍वचा को हटा कर दूसरी त्‍वचा को हाइड्रेट करता है.

मेरे पति को गुटका खाने की आदत है, इसे छुड़ाने के लिए क्या करूं?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और 8 महीने पहले ही विवाह के बंधन में बंधी हूं. पति का व्यवहार मेरे प्रति बहुत प्रेमभरा है और उन के परिवार वाले भी मेरा पूरा आदर करते हैं. मैं खुद पर गर्व करती हूं कि मुझे इतना अच्छा जीवनसाथी मिला है. मगर मन ही मन बहुत परेशान भी हूं. वह इसलिए कि मेरे पति को गुटका खाने की आदत है. मैं ने सुना है कि गुटका-तंबाकू चबाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. यहां तक कि कैंसर भी हो सकता है. क्या यह सच है? उन्हें 2-3 बार गुटका छोड़ने के लिए कह चुकी हूं, लेकिन बात को हंस कर टाल देते हैं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

यह सच है कि गुटका, तंबाकू, खैनी चाबाना सेहत के लिए नुकसानदेह है. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्टरी के अनुसार यह लत भारतीय पुरुषों और स्त्रियों में कैंसर होने का सब से बड़ा कारण है. गुटकातंबाकू चबाने वालों के मुंह, जीभ, होंठ, गला, खाने की नली और अमाशय का कैंसर होने की प्रबल आशंका रहती है और यदि किसी कारण इलाज में देर हो जाए तो बीमारी के लाइलाज होते देर नहीं लगती.

गुटकेखैनी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के पीछे कौनकौन से ठोस कारण हैं, इस पर भी बहुत कुछ काम किया जा चुका है. चिकित्सा वैज्ञानिकों ने गुटकेखैनी में अब तक 28 ऐसे हानिकारक रसायनों को भी खोज निकाला है जिन के चबाने से यह संकट उपजता है. इन रसायनों में नाइट्रोसामीन, पोलोनियम 210 और पौलिसायक्लिक ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन प्रमुख हैं.

गुटका खाने से मसूड़ों और मुंह का स्वास्थ्य तो बिगड़ता ही है, धमनियों के लचीलेपन और उन की रक्तवाहक क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है, जिस से शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त आपूर्ति में खलल पड़ने लगता है. कोरोनरी धमनियों का आयतन सिकुड़ जाए तो दिल का दौरा भी पड़ सकता है. इसी प्रकार मस्तिष्क की धमनियों में खून का दौरा घटने से मस्तिष्क की कामकाजी क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है.

आप अपने पति को समझाएं कि यदि उन्हें अपने स्वास्थ्य और आप का जरा भी खयाल है, तो मन चाहे जितना भी ललचाए, गुटके का साथ छोड़ दें, उसे हाथ भी न लगाएं. इसी में सब का भला है.

अगर आप के पति संकल्प लेने के बाद भी इस बुरी आदत को न छोड़ सकें तो अच्छा होगा कि आप उन्हें किसी ऐसे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं जो डीएडिक्शन के क्षेत्र में विशेष रूप से अनुभवी हो और जरूरत पड़ने पर दवा देने के साथसाथ आप के पति को आवश्यक काउंसलिंग भी दे सकें.

चेहरे की तुलना में मेरी गरदन का कलर डार्क नजर आता है, मै क्या करूं?

सवाल-

मेरे चेहरे की तुलना में मेरी गरदन का कलर डार्क नजर आता है. कृपया इसे ठीक करने के लिए कोई उपाय बताएं?

जवाब-

गरदन का कालापन चेहरे की सुंदरता को खराब कर देता है. कई बार ऐसा सिर्फ इसलिए होता है, क्योंकि आप चेहरे पर तो ध्यान देती हैं पर गले को भूल जाती हैं. गरदन के रंग को निखारने के लिए ओट स्क्रब लगाएं. 3-4 चम्मच ओट ले कर अच्छी तरह पीस लें. बेहतर रिजल्ट के लिए इस में 2 चम्मच टमाटर का गूदा भी मिला लें. इस पेस्ट को अच्छी तरह मिक्स कर के गले पर लगाएं. 1 हफ्ते में 2-3 बार लगाने से फर्क दिखने लगेगा.

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गरमी बढ़ते ही हमारी स्किन प्रौब्लम की प्रौब्लम्स शुरू हो जाती हैं. जिनसे निपटने के लिए हमें कईं बार डौक्टर्स के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन इस बार हम आपको हर घर में मौजूद हल्दी के कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बताएंगे, जिससे आपको इस गरमी स्किन प्रौब्लम से होने वाली प्रौब्लम से छुटकारा तो मिलेगा ही. साथ ही आपको ग्लोइंग स्किन भी मिलेगी. आइए आपको बताते हैं, हल्दी के कुछ असरदार टिप्स…

1. हल्दी से पा सकते हैं टैन से छुटकारा

हल्दी और नींबू का रस मिलाएं औुीर 30 मिनट के लिए चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. फिर गुनगुने पानी से धो दें. इसके अलावा, थोड़ी से हल्दी को एक चम्मच मिल्क पाउडर, दो चम्मच शहद और आधे नींबू के रस में मिलाएं और सूखने तक चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. इसके बाद धो दें और फर्क देखें.

मैं अपनी स्किन का टाइप जानना चाहती हूं, कृपया मुझे बताएं?

सवाल-

मेरी उम्र 24 साल है. मैं अपनी स्किन का टाइप जानना चाहती हूं. इस का पता कैसे कर सकती हूं?

जवाब-

चेहरे को कुनकुने पानी और साबुन से धो लें. 2 घंटे बाद टिशू पेपर से माथा, नाक, चेहरा और ठुड्डी पोंछें. अगर टिशू पेपर पर तेल के निशान हों तो समझें स्किन औयली है, निशान हलका हो तो सामान्य स्किन है और अगर निशान नहीं है तो आप की स्किन ड्राई है.

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गरमी हो चाहे सरदी, हमारी स्किन जैमेज किसी न किसी कारण डैमेज हो जाती है. जो कभी हमारे गलत शैम्पू चुनने के कारण होता है या फिर गलत साबुन के इस्तेमाल के कारण होता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपने साबुन को अपनी स्किन और बौडी टाइप के अनुसार चुनें. आज हम आपको स्किन और बौडी टाइप के अनुसार कैसे साबुन चुनें इसकी टिप्स के बारे में बताएंगे.

औयली स्किन के लिए बेस्ट है एंटीबैक्टीरियल साबुन

बाजार में उपलब्ध एंटीबैक्टीरियल साबुन में ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं. इस प्रकार के साबुन का अधि‍क प्रयोग आपकी स्किन को रूखापन आ सकता है. औयली स्किन वालों के लिए सह साबुन जरूर फायदेमंद हो सकता है. अन्यथा यह रूखापन और परेशानी भी दे सकता है.

ड्राई स्किन के लिए परफेक्ट है मौश्चराइजर साबुन

ड्राई स्किन के लिए खास तौर से कई तरह के मौश्चराइजर सोप बाजार में उपलब्ध है. इस तरह के साबुनों में तेल, शिया बटर, पैराफिन वैक्स, ग्लिसरीन आदि चीजों का प्रयोग किया जाता है, जो आपकी स्किन को सौफ्ट बनाने में मदद करते हैं. ड्राई स्किन के लिए यह फायदेमंद होते हैं.

कौम्बिनेशन स्किन टाइप के लिए ग्लिसरीन वाले साबुन का करें इस्तेमाल

ग्लिसरीन युक्त साबुन मेडिकेटेड मौश्चराइजर सोप होते हैं और यह मिली-जुली यानी कौम्बिनेशन स्किन टाइप वालों के लिए फायदेमंद होता है. इसके अलावा यह ड्राई और सेंसिटिव स्किन के लिए भी फायदेमंद है.

टेंशन से दूर करने के लिए बेस्ट है अरोमाथैरेपी वाले साबुन

इस तरह के साबुन में एसेंशि‍अल औइल और सु्गंधित फूलों का अर्क होता है. यह आरामदायक, शांतिदायक और प्रसन्न और तनावमुक्त रखने में मदद करते हैं. कौम्बिनेशन स्किन के लिए यह ठीक हैं, लेकिन इन्हें पहले आजमा लेना बेहतर होगा.

कुछ दिनों से मेरी आईब्रो के बाल झड़ रहे हैं, क्या करूं?

सवाल-

मेरी आयु 25 साल है. कुछ दिनों से मेरी आईब्रो के बाल झड़ रहे हैं, जिस कारण मुझे बहुत चिंता हो रही है. कृपया कोई उपाय बताएं जिस से मेरी आईब्रोज के बाल झड़ने बंद हो जाएं?

जवाब-

अगर आप की आईब्रोज के बाल झड़ रहे हैं तो इस का कारण तनाव हो सकता है. दरअसल, ज्यादा टैंशन लेने से बाल झड़ने लगते हैं. इसलिए तनाव लेना बंद करें.

भोजन में पोषण और विटामिन की कमी जैसे जिंक, आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी12 की कमी से भी आईब्रोज के बाल झड़ते हैं. अत: भोजन में इन्हें शामिल करें. जरूरत से ज्यादा प्लकिंग न करें. इस से भी आईब्रोज के बाल झड़ने लगते हैं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए औलिव औयल से हलके हाथों से आईब्रोज की सर्कुलर मोशन में मसाज करें. 30 मिनट तक तेल को लगा रहने दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरा धो लें.

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आजकल घनी और मोटी आकार की आइब्रो काफी ट्रेंड में है. इस तरह की आइब्रो आपके चेहरे को सुंदर व आकर्षक बनाती है. वैसे तो अलग अलग फेसकट के अनुसार, अलग अलग आइब्रो शेप फबती है लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है आइब्रो का घना और मोटा होना. हालांकि कुछ लड़किया जिनकी आइब्रो हल्की होती है वो बाजार में मिलने वाली आइब्रो पेंसिल का इस्तेमाल कर अपने आइब्रो को अस्थायी रूप से मोटा दिखाने का प्रयास करती हैं जो देखने में सुंदर भी लगता है. लेकिन प्राकृतिक रूप से घने आइब्रो की बात ही कुछ अलग है, यह आपको नेचुरल रूप से खूबसूरत दिखाते हैं. अगर आपकी आइब्रो भी हल्की हैं तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि नीचे दिए हुए कुछ घरेलू उपाय अपनाकर आप घर बैठे ही इस समस्या से निजात पा सकती हैं.

आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहनने से स्किन पर दाने हो जाते हैं, क्या करूं?

सवाल-

  मैं 22 साल की हूं. मेरी परेशानी यह है कि मैं जब भी आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहनती हूं, तो मेरी स्किन पर दाने पड़े जाते हैं. मुझे इन से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब-

आर्टिफिशियल ज्वैलरी पहनने से पहले स्किन सेफ्टी क्रीम का प्रयोग करें. इस के अलावा ज्वैलरी को उतारने के बाद जहां-जहां ज्वैलरी का स्पर्श हुआ है उस जगह को डेटोल से धोएं. इस से आप परेशानी से बच सकती हैं.

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हर शादी या पार्टी में आपके लुक पर चार-चांद लगाती है ज्वैलरी. साथ ही आपके लुक को भी कम्पलीट करती है. वहीं मौनसून में भी आप किसी पार्टी या शादी का हिस्सा बनते होंगे. पर क्या आप अपनी ज्वैलरी का ख्याल रखते है. गरमियों में ज्वैलरी का ख्याल रखना आसान है लेकिन जब बाद मौनसून की आती है तो ज्वैलरी पर का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है. मौनसून में नमी से ज्वैलरी का ख्याल न रखने से वह खराब हो सकती हैं, इसीलिए आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिससे आपकी ज्वैलरी मौनसून में भी चमकती रहेगी.

1. ज्‍वैलरी को क्लीन रखना है जरूरी  

ज्वैलरी की चमक को बनाए रखने के लिए उसे अच्‍छी तरह से साफ करके और सुखाकर रखें. गले का हार हो, अंगूठी, ब्रेसलेट, ईयर रिंग या फिर कोई भी ज्वैलरी आइटम हो, आपको उसे किसी क्रीम, लोशन, परफ्यूम और आयल या पानी से साफ करके ही रखना चाहिए. ज्वैलरी को पहनने से पहले उस पर क्रीम या परफ्यूम लगाना ना भूलें. सभी ज्वैलरी को अलग-अलग बॉक्‍स में रखें ताकि उनका रंग एक-दूसरे की वजह से खराब ना हो. आप चाहें तो एक बड़े से बॉक्‍स में अलग-अलग ज्वैलरी के छोटे बाक्‍स भी रख सकती हैं.

2. ध्‍यान से रखें ज्‍वैलरी

अपनी फैशन ज्वैलरी को किसी सुरक्षित जगह पर ही रखें. गले के हार को उसके हूक्‍स में डालकर रखें और कोई भी ज्वैलरी एक-दूसरे के साथ चिपके ना. कोई भी कीमती ज्वैलरी तो बिलकुल भी एक-दूसरे से स्‍पर्श नहीं करनी चाहिए वरना उस पर जंग लग सकती है.

मुझे औस्टियोआर्थ्राइटिस डायग्नोज हुआ है, क्या इससे मेरे घुटनों पर असर होगा?

सवाल-

मेरी उम्र 35 साल है. मुझे औस्टियोआर्थ्राइटिस डायग्नोज हुआ है. क्या आगे चल कर मेरे घुटने खराब हो सकते हैं?

जवाब-

औस्टियोआर्थ्राइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. जब ऐसा होता है तो हड्यों के बीच कुशन न रहने से वे आपस में टकराती हैं, जिस से जोड़ों में दर्द होना, सूजन आ जाना, कड़ापन और मूवमैंट प्रभावित होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं. औस्टियोआर्थ्राइटिस के कारण घुटनों के जोड़ों के खराब होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. कई उपाय हैं, जिन के द्वारा आप औस्टियोआर्थ्राइटिस के कारण होने वाली जटिलताओं को कम कर सकते हैं. कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर भोजन का सेवन करें. वजन न बढ़ने दें. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. रोज कम से कम 1 मील पैदल चलें. इस से बोन मांस बढ़ता है.

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दिल्ली-एनसीआर में आर्थराइटिस की एक बड़ी वजह अंडरग्राउंड वौटर या बोरवेल के पानी का इस्तेमाल भी है. डाक्टरों का कहना है कि अंडरग्राउंड वौटर में फ्लोराइड की अधिक मात्रा से लोगों की हड्डियों के जौइंट खराब हो रहे हैं. उन्हें आर्थराइटिस और ओस्टियो आर्थराइटिस जैसी बीमारी हो रही है. देश के जिन इलाकों में अंडरग्राउंड वौटर में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, उनमें दिल्ली भी शामिल है.

इंडियन कार्टिलेज सोसायटी और आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. राजू वैश्य ने बताया कि दिल्ली के वेस्ट, नौर्थ-वेस्ट, ईस्ट, नौर्थ ईस्ट और साउथ वेस्ट जोन में इस बीमारी के मरीज ज्यादा हैं. आए दिन लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि फ्लोराइड युक्त पानी लगातार पीने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. जोड़ों में कड़ापन आ जाता है. इसके बाद आर्थराइटिस और ओस्टियो आर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो जाती हैं. गंभीर स्थिति में हाथ-पैर की हड्डियां टेड़ी हो जाती हैं. जब कोई ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी लगातार पीता है तो उसे फ्लोरोसिस होने का खतरा भी होता है. जिन एरिया में पाइपलाइन की सप्लाई नहीं है, वहां बोरवेल का पानी खूब इस्तेमाल हो रहा है.

वेंकटेश्वर हास्पिटल के आर्थोपेडिक सर्जन डाक्टर आर.के. पांडेय का भी यही मानना है. उन्होंने बताया कि जो लोग लगातार बोरवेल का पानी पीते हैं, उनमें आर्थराइटिस का खतरा काफी होता है. जब खून में फ्लोराइड का लेवल बढ़ता है तो वह जाइंट को खराब करने लगता है. डाक्टर वैश्य ने कहा कि फ्लोरोसिस कई तरह के होते हैं. अस्थि फ्लोरोसिस हड्डियों पर असर करता है. यह युवा और बुजुर्ग दोनों को हो सकता है. इसमें गर्दन, कूल्हे, बांह और घुटनों के जौइंट में दर्द होता है. हड्डियों का लचीलापन खत्म हो जाता है. इसे शुरुआती दौर में पहचान पाना मुश्किल है.

बिजी शेड्यूल की वजह से अपनी स्किन की तरफ ध्यान नहीं दे पा रही हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 45 वर्ष है. 1 महीने बाद मेरे बेटे की शादी है. काम की व्यवस्तता के कारण अपनी ओर कम ही ध्यान दे पा रही हूं. मैं जानना चाहती हूं कि मुझे फेशियल कितने दिन पहले कराना चाहिए? मेरे बाल भी हलकेहलके सफेद हो रहे हैं. मुझे उस दिन कैसा हेयरस्टाइल बनाना चाहिए?

आप को अपने बेटे की शादी से 3-4 दिन पहले फेशियल कराना चाहिए. किसी प्रोफैशनल सैलून में जा कर बालों पर ब्रैंडेड हेयर कलर करा सकती हैं या फिर सफेद बालों को छिपाने के लिए हिना का इस्तेमाल कर सकती हैं. किसी अच्छे पार्लर में जा कर आप अपने चेहरे और बालों की लंबाई के मुताबिक हेयरस्टाइल बनवा सकती हैं.

हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में यह आसान काम नही है. हाल ही किए गए एक सर्वे के मुताबिक एक औफिस जाने वाली महिला मेकअप के लिए 55 मिनट देती है. इसीलिए अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए और अपने डेली रूटीन को बदलने के लिए इन टिप्स को जरूर फौलो करें…

1. रात को कर लें प्लानिंग…

रात को ही सुबह की प्लानिंग करते हुए अपने सामान को व्यस्थित रखें, इससे सुबह आप को फैसला लेने में कम वक्त के साथ सामान ढूंढ़ने में भी समय नही लगेगा.

2. बालों के लिए माइक्रोफाइबर टौवेल का इस्तेमाल…

रोजाना इस्तेमाल होने वाले टौवेल के मुकाबले माइक्रोफाइबर टौवेल ज्यादा जल्दी पानी सोखता है. यह न केवल आप के ड्रायर से बाल सुखाने का समय आधा करता है, बल्कि आप के बालों को लगने वाली गरमी की मात्रा भी कम करता है.

3. बीबी या सीसी क्रीम…

रोजाना इस्तेमाल होने वाली बीबी या सीसी क्रीम में एसपीएफ होता है. यह आप की त्वचा को नमी देने के साथ कोमल बनाती है. साथ ही धूप से बचाते हुए चमकदार बनाती है. इसे लगाने के बाद आप को कंसीलर, फाउंडेशन, मौइस्चराइजर और सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नही पड़ती है.

मेकअप किट के इस्तेमाल से मुझे पिंपल हो गए, क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 32 साल है. मेरे चेहरे पर बहुत पिंपल्स हैं.  मेकअप किट का प्रयोग करने के बाद मुझे भी पिंपल्स हो गए. क्या दूसरे की मेकअप किट प्रयोग करने से पिंपल्स होने का खतरा रहता है?

जवाब-

पिंपल्स हारमोन असंतुलन के कारण होते हैं. मेकअप किट का प्रयोग करने से इन के होने का खतरा नहीं रहता है. दूसरे की मेकअप किट प्रयोग करने से दूसरी तरह की परेशानियां हो सकती हैं. जैसे अगर किसी को फंगल इन्फैक्शन है और आप उस की मेकअप किट इस्तेमाल कर लेती हैं तो आप को भी फंगल इन्फैक्शन की परेशानी हो सकती है. इसलिए हमेशा यह कोशिश करें कि किसी और की मेकअप किट का प्रयोग कतई न करें.

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चेहरे पर आया एक छोटा सा पिंपल हमारा सारा मूड खराब कर देता है. चेहरे के पिंपल को जाने में करीब 4 से 5 दिन लगते हैं, और जब यह जाते हैं तो चहरे पर एक निशान छोड़ जाते हैं. क्‍या आपने कभी पिंपल को एक दिन में हटाने की सोची है? आप सोंच रही होंगी कि यह कैसे हो सकता है. लेकिन ऐसा आइस क्‍यूब के इस्‍तेमाल से मुमकिन है. चलिये जानते हैं फिर वो तरीके जिनसे यह संभव हो सकता है.

स्‍टेप 1: पहले अपने चेहरे को गरम पानी और फेस वाश से धो लें. पिंपल वाले चेहरे पर कभी भी स्‍क्रब का प्रयोग ना करें वरना पिंपल का पस पूरे चेहरे पर फैल जाएगा.

मुझे प्रैग्नेंसी में मूड स्विंग्स की प्रौब्लम हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और 3 महीनों से प्रैग्नेंट हूं. मुझे मूड स्विंग्स की समस्या हो रही है. अगर कोई मेरी बात न सुने या मेरे मन का न हो तो मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और मैं किसी से भी लड़ने लगती हूं. यह हरकत मेरे लिए प्रौब्लम क्रिएट कर रही है. प्लीज, बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

प्रैगनैंसी के समय हारमोनल फ्लक्चुएशंस की वजह से मूड स्विंग्स होना नौर्मल है. आप अच्छी नींद लें, अपने को रैस्ट दें, माइल्ड ऐक्सरसाइजेज की मदद लें. तनाव बिलकुल न लें, अपने पार्टनर से बातें शेयर करें, उन की हैल्प लें और पौष्टिक खाना खाएं.

प्रेग्नेंसी का वक्त महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दौरान महिलाओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इसके अलावा उन्हें अच्छी डाइट की जरूरत होती है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर किसी तरह का बुरा असर ना पड़े. इन्ही सारी जरूरी चीजों में अच्छी और पूरी नींद भी शामिल है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जो उनकी सेहत पर असर डालते हैं. इस दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में भी बहुत से बदलाव होते हैं जो उनकी दिनचर्या पर बुरा असर डालते हैं. इन बदलावों का नतीजा है कि कई बार गर्भवती महिलाओं को घबराहट महसूस होती है. ऐसे में उन्हें नींद नहीं आती, जिसका सीधा असर उनके बच्चे पर भी होता है.

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