आईब्रोज से दें चेहरे को नया लुक

चेहरे को आकर्षक बनाने में आईब्रोज की मुख्य भूमिका होती है. अगर आईब्रोज की सही तरीके से ग्रूमिंग न हो या उन का शेप सही न हो, तो चेहरे की सुंदरता कम हो जाती है.

वैसे हर इनसान की आईब्रोज आमतौर पर उस के चेहरे की बनावट के अनुसार होती हैं. जैसे किसी की मोटी तो किसी की पतली आईब्रोज की शेप ठीक कराने के लिए अधिकतर महिलाएं पार्लर जाती हैं. पर वहां सही शेप न बनने पर सिर्फ चेहरा ही नहीं चेहरे के भाव भी बदल जाते हैं, इसलिए हमेशा अच्छे ब्यूटीपार्लर में ही जा कर आईब्रोज की ग्रूमिंग करानी चाहिए.

इस के बारे में ओरिफ्लेम की ब्यूटी ऐंड मेकअप ऐक्सपर्ट आकृति कोचर बताती हैं कि कोई भी मेकअप ट्रैंड फिल्मों से आता है. पहले हीरोइनें पतली आईब्रोज रखा करती थीं, इसलिए उस का ट्रैंड चला. अभी बुशी आईब्रोज का फैशन पिछले कुछ सालों से चल रहा है. मेकअप में आईब्रोज का सही आकार आप की उम्र को 5 साल तक कम कर सकता है और आईब्रोज को वैसे तो आर्क शेप में होनी चाहिए पर वह शेप भी हर महिला के चेहरे के अनुसार अलगअलग रखा जाता है. जैसे अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन का चेहरा बहुत शार्प है, इसलिए उन पर पारंपरिक हाई आईब्रोज वाला आर्क शेप अच्छा लगता है, तो अभिनेत्री काजोल की आईब्रोज जुड़ी हुई हैं पर वे उन की आंखों की खूबसूरती बढ़ाती हैं. कुल मिला कर बात यही है कि चेहरे के अनुरूप सही तरीके से ग्रूमिंग की गई आईब्रोज हर किसी के फीचर को उभारती हैं और नया लुक देती हैं. फिर चाहे वे रानी मुखर्जी हों, कैटरीना या दीपिका. सब की आईब्रोज उन के चेहरे को सुंदर बनाती हैं.

आइए जानते हैं कि किस चेहरे पर कैसी आईब्रोज फबती हैं:

– ओवल चेहरे पर उभरी हुई आईब्रोज अच्छी लगती हैं. बौलीवुड अभिनेत्रियां आमतौर पर इसी तरह की आईब्रोज बनवाती हैं. ऐसी आईब्रोज का अंतिम हिस्सा कान की तरफ नीचे मुड़ना चाहिए.

– गोल चेहरा हो तो ऊंची आईब्रोज बनवाएं. बीच में ज्यादा उभार हो.

– वर्गाकार चेहरे पर भी आईब्रोज ऊंची रखनी चाहिए और उन का ऐंगल शार्प होना चाहिए.

– चौकोर चेहरे पर आईब्रोज चौड़ी रखें. इस के अलावा हलकी गोलाई ऐसे चेहरे पर अच्छी लगती है.

– हार्ट शेप चेहरा होने पर राउंड शेप में आईब्रोज बनवाएं. कर्व बेहद हलका दें. इस से चेहरे की खूबसूरती बढ़ेगी.

– आईब्रोज को अधिक नुकीला न बनवाएं. आईब्रोज हमेशा आंखों से थोड़ी लंबी होनी चाहिए. अगर नाक बड़ी और चौड़ी है, तो दोनों आईब्रोज के बीच अधिक दूरी नहीं रखनी चाहिए. दोनों आईब्रोज के बीच की दूरी दोनों आंखों के बीच की दूरी के बराबर होनी चाहिए.

– सही आईब्रोज से चेहरे पर चमक आती है. 30 से 40 साल तक की उम्र में आईब्रोज अच्छी रहती हैं, लेकिन 50-60 की उम्र में त्वचा ढीली हो जाती है तो आईब्रोज कम होने लगती हैं. ऐसे में ब्लैक या डार्क ब्राउन आईशैडो या आईब्रो पैंसिल का प्रयोग करना चाहिए.

आकृति आगे बताती हैं कि आईब्रो पैंसिल के स्ट्रोक, आईब्रोज के हेयर के हिसाब से धीरेधीरे करने चाहिए. सैंटर से हेयर ग्रो की तरफ हलके हाथों से ताकि आप का लुक नैचुरल लगे.

कई बार आईब्रोज कम होने पर महिलाएं अधिक चिंतित होती हैं तो आर्टिफिशियल आईब्रोज लगवाने के लिए कौस्मैटिक सर्जन के पास जाती हैं. ऐसा करें, लेकिन अच्छे कौस्मैटिक सर्जन से ही आईब्रोज लगवाएं. इस के अलावा आईब्रोज पर टैटू भी किया जाता है, जो परमानैंट होता है. टैटू के द्वारा इस में कलर भर दिया जाता है, जो खराब नहीं होता. इस से अलग एक बात यह है कि कैस्टर औयल लगाने से आइब्रोज अच्छी निकलती हैं.

न करें ये गलतियां

कुछ कौमन गलतियां जो महिलाएं अकसर करती हैं, निम्न हैं:

सही रंग की आईब्रोज न बनाना. आईब्रोज हेयर कलर के अनुरूप होनी चाहिए. अधिक गाढ़ा या हलका रंग ठीक नहीं होता.

नैचुरल आर्क को बनाए न रखना.

सही तरह से आईब्रो पैंसिल का प्रयोग न करना.

आईब्रोज अधिक पतली कर लेना.

दोनों आईब्रोज को समान रूप से न बनाना

भूखे रहने से नहीं, खाने से होगा पेट कम

क्या आप भी बढ़ते वजन, निकलते पेट और कमरा रूपी कमर से परेशान हैं? क्या आप भी अपने पुराने फिगर को मिस कर रही हैं? मोटापा आज के समय की एक बहुत बड़ी समस्या है. यह सिर्फ वयस्कों की ही समस्या नहीं है पर बच्चों और टीनेजर में भी मोटापा फैल रहा है.

मोटापे को कंट्रोल करने के लिए, सबसे पहले आपको अपने डाइट पर नजर रखनी होगी. कुछ महिलायें ये समझती हैं कि मोटापे को नियंत्रित करने के लिए खाना बंद कर देना चाहिए. डाइटिंग का मतलब भूखे रहना नहीं होता है. इसके साथ ही रेगुलर एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है. डाइटीशियन की मानें तो सही समय पर सही डाइट से आप अपना वजन कम कर सकती हैं. वजन कम करने के लिए सही मात्रा में फल सब्जियां लेना बहुत जरूरी है. फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन और फाइबर होता है. इससे आपकी इम्युनिटी भी बढ़ती है.

इन फलों को खाकर आप मोटापा कम कर सकती हैं:

1. सेब

सेब प्रोपर डाएजेशन के लिए बहुत फायदेमंद हैं. सेब खाने से आपकी भूख भी कंट्रोल में रहती है. सेब लाल और हरे दोनों ही रंगों में पाया जाता है. सेब में कई विटामिन और मिनरल होते हैं. इसमें भरपूर फाइबर भी पाया जाता है.

2. चेरी

चेरी भी वजन कम करने बहुत कारगर है. खाली पेट चेरी खाना स्वास्थय के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

3. स्ट्रॉबेरी

स्ट्रॉबेरी न सिर्फ आपके एक्सेस फैट को कंट्रोल करता है बल्की आपकी खूबसूरती को भी निखारता है. प्रतिदिन 5-6 स्ट्रॉबेरी खाना आपको अंदर से फिट और बाहर से कुदरती निखार देगा.

4. अनार

अनार खाने से न सिर्फ आपका पेट कम होगा बल्कि आपके शरीर में खून की मात्रा भी बढ़ेगी. अनार खाने या अनार का रस पीने से आप फिजीकली फिट रहेंगी. जिन महिलाओं को खून की कमी है उनके लिए अनार खाना बहुत फायदेमंद है. दिन भर आपको पूरे घर की देखभाल करनी पड़ती है, वर्किंग महिलाओं के लिए ये और मुश्किल हो जाता है. पर सिर्फ एक अनार खाने से आप अपने शरीर की कुछ हद तक देखभाल कर सकती हैं.

5. प्लम

प्लम के आकार पर मत जाइए. सुबह प्लम खाने से आप पूरे दिन एनर्जेटिक फील करेंगी. कमर घटाने के साथ ही यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है.

Summer Special: फैमिली के लिए बनाएं राइस रोल एंड रगदा चना

अगर आप वीकेंड पर नई रेसिपी ट्राय करना चाहते हैं तो राइस रोल एंड रगदा चना रेसिपी आपके काम की है. आसानी से बनने वाली ये रेसिपी आपकी फैमिली को बेहद पसंद आएगी.

सामग्री चावल के रोल के लिए

– 160 ग्राम इडली चावल

– 1/2 कप नारियल दूध

– नमक स्वादानुसार

सामग्री रगदा की

– 120 ग्राम चना

– 2 बड़े चम्मच प्याज कटा

– 1 बड़ा चम्मच हरामिर्च कटी

– 2 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी

– 2 बड़े चम्मच टमाटर कटे

– 1 बड़ा चम्मच अनारदाना पाउडर

– 1 चुटकी हींग

– 1 चुटकी जीरा

– 1 चुटकी हलदी पाउडर

– 1 बड़ा चम्मच अदरक कटा

विधि

चावलों को धो कर रात भर भिगोए रखें. सुबह पानी निकाल कर ब्लैंडर में नारियल दूध मिला कर पेस्ट बना लें. इस में स्वादानुसार नमक मिलाएं. फिर ढ़क कर 8 घंटों के लिए यानी खमीर उठने तक रख दें. अब रगद के लिए चना को प्रैशर कुकर में तब तक उबालें जब तक वह मुलायम न हो जाए. अब इसे पानी निकाल कर टेबल पर फैला कर ठंडा करें. अब इस पर प्रैस करते हुए बेलन चला दें. फिर एक पैन गरम कर बरतन में प्याज, टमाटर, अदरक और मसाले और अनारदाना पाउडर मिल कर भून लें. इस में चना डाल कर अच्छी तरह मिला कर चावल का मिश्रण से पैनकेक बना कर आंच पर सेंकें. अब नौनस्टिक पैन में इस मिश्रण को मिला कर पतला पैनकेक बनाएं. इस में 2 बड़े चम्मच रगदा मिश्रण डाल कर राइस पैन केक के साथ रोल करें. तुरंत इसे करीपत्ते चटनी के साथ परोसें.

सही रास्ते पर: क्यों मुस्कुराई थी लक्ष्मी

भूख के मारे लक्ष्मी की अंतडि़यां ऐंठी जा रही थीं. वह दिनभर मजदूरी के लिए इधरउधर भटकती रही, मगर उसे कहीं भी मजदूरी नहीं मिली.

आज शहर बंद था. वजह थी कि कल दिनदहाड़े भरे बाजार में सत्ता पक्ष के एक खास कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी.

इस हत्या के पीछे जो भी  वजह रही हो, मगर इस से शहर की राजनीति गरमा गई थी. हत्यारा खून कर के फरार हो चुका था. दिनभर पूरे शहर में पार्टी वाले पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते रहे.

सुबह जब लक्ष्मी शासकीय भवन पर मजदूरी करने गई थी, तब ठेकेदार के अलावा वहां कोई नहीं था.

उसे देख कर ठेकेदार मुसकराते हुए बोला, ‘‘लक्ष्मी, आज काम बंद है… कल आना.’’

‘‘क्यों ठेकेदार साहब?’’ लक्ष्मी ने पूछा.

‘‘पूरा शहर बंद है न इसलिए,’’ ठेकेदार ने जवाब दिया.

‘‘पर, आप ने काम क्यों बंद कर दिया ठेकेदार साहब?’’ लक्ष्मी ने फिर पूछा.

‘‘मुझे नुकसान कराना है क्या? और फिर जिस नेता का खून हुआ है, उस ने मुझे यह ठेका दिलवाया था, इसलिए मेरा भी फर्ज बनता है कि मैं उस की याद में एक दिन के लिए काम बंद कर दूं,’’ ठेकेदार ने बताया.

‘‘ठेकेदार साहब, बंद का असर आप पर तो नहीं पड़ेगा, मगर हमारे पेट पर जरूर पड़ेगा,’’ लक्ष्मी ने कहा.

‘‘तो मैं क्या करूं? मैं ने रोजरोज काम देने का ठेका नहीं लिया है. जा, कल टाइम पर आ जाना. आज जहां मजदूरी मिले, वहां जा कर कर ले,’’ ठेकेदार ने टका सा जवाब दे कर उसे वहां से भगा दिया.

लक्ष्मी निराश हो कर वहां से चल दी. फिर वह काम तलाशने उसी चौराहे पर आ गई, जहां रोज आ कर बैठती थी. वहां सारे मजदूर जमा होते थे और अपनी जरूरत के मुताबिक लोग वहां से उन्हें ले जाते थे. मगर लक्ष्मी को वहां पहुंचने में देर हो गई थी. सारा चौराहा मजदूरों से तकरीबन खाली हो चुका था.

कुछ बचेखुचे मजदूर ही वहां बैठे हुए थे. लक्ष्मी भी उन के बीच जा कर बैठ गई. मगर काफी देर बैठने के बाद भी उसे काम के लिए कोई नहीं ले गया.

थोड़ी देर बाद लक्ष्मी वहां से उठ कर काम की तलाश में काफी देर तक इधरउधर भटकती रही, मगर उसे कहीं काम नहीं मिला.

घर में लक्ष्मी के 2 बच्चों और सास के अलावा कोई नहीं था. समाज की नजरों में मांगीलाल उस का पति था, मगर उस ने एक दूसरी औरत रख ली थी. वह सारी कमाई

उसी पर उड़ाता था. उस औरत के बारे में लक्ष्मी कभी कुछ कहती तो वह उसे मारतापीटता था.

शुरूशुरू में तो मांगीलाल लक्ष्मी को कुछ खर्चा देता था, मगर बाद में उस

ने वह भी देना बंद कर दिया, इसलिए

वह मजदूरी करने लगी. कभीकभी तो मांगीलाल उस की मजदूरी भी छीन कर ले जाता था और दारू में उड़ा देता था.

लक्ष्मी ने कुछ पैसे साड़ी के आंचल में छिपा कर रखे थे. उस ने सोचा था कि जिस दिन मजदूरी नहीं मिलेगी, उस दिन यह बचा हुआ पैसा काम आएगा, मगर मांगीलाल ने वे छिपे पैसे भी जबरन छीन लिए थे.

जब दोपहर हो गई, तो लक्ष्मी थकहार कर घर लौट आई. डब्बे में एक भी रोटी नहीं बची थी. सब रोटियां सास और उस के दोनों बच्चे खा चुके थे. घर में पकाने के लिए भी कुछ नहीं था.

लक्ष्मी दिनभर शहर के इस छोर से उस छोर तक भूखी ही काम के लिए भटकती रही. उसे शाम के राशन का इंतजाम जो करना था. मगर शाम तक भी उसे कोई काम नहीं मिला. तब वह एक होटल के पास आ कर बैठ गई.

यह वही होटल है, जहां शहर के रईस लोग आएदिन पार्टियां करते रहते हैं और उन्हें मजदूरों की जरूरत पड़ती रहती है. मगर वहां पर भी उसे बैठेबैठे रात हो गई.

‘‘क्या कोई ग्राहक नहीं मिला? चलेगी मेरे साथ?’’ पास खड़े एक आदमी ने लक्ष्मी से पूछा.

उस आदमी की आंखों में वासना झलक रही थी. वह लक्ष्मी को देह धंधा करने वाली औरत समझ रहा था.

लक्ष्मी बोली, ‘‘फोकट में ही ले जाएगा या पैसे भी देगा?’’

‘‘हां दूंगा… कितने लेगी?’’ उस आदमी ने पूछा.

‘‘दिनभर काम करती हूं, तो मुझे

50 रुपए मिलते हैं,’’ लक्ष्मी ने बताया.

‘‘चल, मैं तुझे 50 रुपए ही दूंगा,’’ उस ने कहा, तो लक्ष्मी की इच्छा हुई कि उस के मुंह पर थूक दे, मगर उसे जोरों की भूख लग रही थी.

लक्ष्मी ने सोचा, ‘मांगीलाल भी तो मेरे जिस्म से खेल कर चला जाता है. और फिर मुझे अब मजदूरी भी कौन देगा?’

‘‘क्या सोच रही है?’’ उसे चुप देख उस आदमी ने पूछा.

‘‘लगता है, मेरी तरह तू भी बहुत भूखा है. तेरी घरवाली नहीं है क्या?’’ लक्ष्मी ने पूछा.

‘‘अभी तो कुंआरा हूं,’’ वह बोला.

‘‘तो शादी क्यों नहीं कर लेता है?’’ लक्ष्मी ने दोबारा पूछा.

‘‘खुद अपना पेट तो पूरी तरह भर नहीं पाता हूं, फिर उसे क्या खिलाऊंगा?’’ वह बोला.

‘‘सही बात है. जो आदमी अपनी घरवाली को खिला नहीं सकता, वह मरद नहीं होता है…’’ कह कर लक्ष्मी ने पूछा, ‘‘कहां ले जाएगा मुझे?’’

‘‘शहर के बाहर एक खंडहर है, जहां अंधेरा रहता?है,’’ उस ने बताया.

‘‘ठीक है, मुझे तो पैसों से मतलब है,’’ लक्ष्मी ने कहा.

‘‘तो चल मेरे पीछेपीछे,’’ उस आदमी ने कहा और लक्ष्मी उस के पीछेपीछे चलने लगी.

वह आदमी पीछे मुड़ कर देख लेता कि वह औरत आ रही है या नहीं. मगर लक्ष्मी उस के पीछेपीछे साए की तरह चल रही थी.

अभी लक्ष्मी एक चौराहा पार कर ही रही थी कि सामने से मांगीलाल आता दिखाई दिया. वह डर के मारे कांप उठी.

मांगीलाल ने पास आ कर पूछा, ‘‘कहां जा रही हो?’’

‘‘तुम पूछने वाले कौन हो?’’ लक्ष्मी ने नफरत से कहा.

‘‘तुम्हारा पति…’’ मांगीलाल बोला.

‘‘खुद को पति कहते हुए तुम्हें शर्म नहीं आती…’’ लक्ष्मी गुस्से से बोली, ‘‘जो आदमी अपने बीवीबच्चों और मां को भूखाप्यासा छोड़ कर दूसरी औरत पर कमाई लुटाए, वह किसी का पति कहलाने लायक नहीं होता.’’

मांगीलाल नीची गरदन कर के चुपचाप किसी मुजरिम की तरह सुनता रहा.

‘‘मगर, तुम जा कहां रही हो?’’ मांगीलाल ने फिर पूछा.

‘‘कहीं भी जाऊं… वैसे भी तुम ने तो मियांबीवी का रिश्ता उसी दिन तोड़ दिया था, जिस दिन तुम दूसरी औरत के साथ रहने लगे थे.’’

‘‘देखो लक्ष्मी, तुम अपनी हद से ज्यादा बढ़ कर बात कर रही हो. मैं तुम्हारा पति हूं. चलो, घर चलो,’’ मांगीलाल भड़क उठा.

‘‘नहीं जाना मुझे तुम्हारे साथ. देखो, मैं उस आदमी के साथ जा रही हूं. वह मुझे 50 रुपए दे रहा है,’’ कह कर लक्ष्मी ने मुड़ कर देखा, मगर वह आदमी तो उन का झगड़ा देख कर वहां से भाग चुका था.

यह देख कर लक्ष्मी बोली, ‘‘आखिर भगा दिया न उसे…’’

‘‘इस का मतलब यह हुआ कि तुम धंधा करने लगी हो,’’ मांगीलाल गुस्से से बोला.

‘‘हमें अपने पेट की भूख मिटाने के लिए यही करना पड़ेगा. तुम तो दूसरी औरत के साथ मस्त रहते हो. मुझे तुम्हारी मां और दोनों बच्चों को देखना पड़ता है.

‘‘आज दिनभर काम नहीं मिला. आखिर क्या करती? घर में न आटा?है, न चावल,’’ कहते हुए लक्ष्मी ने दिनभर की भड़ास निकाल दी.

वह आगे बोली, ‘‘अब कहां से उन लोगों के खाने का इंतजाम करूं?’’

‘‘लक्ष्मी, मैं तुम्हारा गुनाहगार हूं. मुझे माफ कर दो. अब मैं तुम्हें कभी शिकायत का मौका नहीं दूंगा,’’ माफी मांगते हुए मांगीलाल बोला.

‘‘रहने दो. तुम्हारा क्या भरोसा? यह बात तो तुम कई बार कह चुके हो. फिर भी तुम से वह औरत नहीं छूटती है. उस के पीछे तुम ने मुझे कितना मारापीटा है…’’ लक्ष्मी ने कहा, ‘‘ठीक है, मैं कोई दूसरा ग्राहक ढूंढ़ती हूं. पेट की आग तो बुझानी ही पड़ेगी न.’’

‘‘नहीं लक्ष्मी, अब तुम कहीं नहीं जाओगी और न ही मजदूरी करोगी,’’ मांगीलाल ने लक्ष्मी को रोकते हुए कहा.

‘‘अगर मजदूरी नहीं करूंगी तो मेरा, तुम्हारे बच्चों का और तुम्हारी मां का पेट कैसे भरेगा?’’ लक्ष्मी चिढ़ कर बोली.

‘‘मैं कमा कर खिलाऊंगा सब को,’’ मांगीलाल बोला.

‘‘तुम कमा कर खिलाओगे… कभी आईने में अपना चेहरा देखा है?’’

‘‘हां लक्ष्मी, तुम्हें जितना ताना देना हो दो, जो कहना है कह लो, मगर मैं बहुत शर्मिंदा हूं. क्या तुम मुझे माफ नहीं करोगी?’’ मांगीलाल गिड़गिड़ाया.

‘‘माफ उसे किया जाता?है, जिस की आंखों में शर्म हो. मैं तुम पर कैसे यकीन कर लूं कि तुम सही रास्ते पर आ जाओगे?’’ लक्ष्मी ने सवाल दागा.

‘‘हां, तुम्हें यकीन आएगा भी कैसे? मैं ने तुम्हारे साथ काम ही ऐसा किया है, मगर मैं अब पिछली जिंदगी छोड़ कर तुम्हारे साथ पूरी तरह रहना चाहता हूं. यकीन न हो तो मुझे एक महीने की मुहलत दे दो,’’ मांगीलाल बोला.

‘‘मगर, मेरी भी 2 शर्तें हैं?’’ लक्ष्मी ने कहा.

‘‘मैं तुम्हारी हर शर्त मानने को तैयार हूं,’’ मांगीलाल ने कहा.

‘‘सब से पहले तो उस औरत को छोड़ना होगा. दूसरा, दारू पीना भी छोड़ना होगा,’’ लक्ष्मी बोली.

‘‘मुझे तुम्हारी ये दोनों शर्तें मंजूर हैं,’’ मांगीलाल बोला.

‘‘तो फिर चलो घर, पहले राशन ले लो. सभी भूखे होंगे,’’ लक्ष्मी बोली.

‘‘हां लक्ष्मी, अब तो तुम जो कहोगी, वही मैं करूंगा,’’ कह कर मांगीलाल मुसकरा दिया. बदले में लक्ष्मी भी भूखे पेट मुसकरा दी. मगर आज तो उस की मुसकान में सुख छिपा था.

मांगीलाल चलतेचलते बोला, ‘‘आज मैं बहुत राहत महसूस कर रहा हूं लक्ष्मी. मैं अपने रास्ते से भटक गया था. तुम मुझे सही रास्ते पर ले आई हो.’’

मांगीलाल सोच रहा था कि लक्ष्मी कुछ बोलेगी, पर जवाब देने के बजाय वह मुसकरा दी.

सोनाक्षी सिन्हा के होने वाले Father In Law से उधार लेते थे सलमान खान, अभी तक लौटाया नहीं 

एक्टर और पौलिटिशियन शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी सोनाक्षी सिन्हा 23 जून को जहीर इकबाल से शादी करने जा रही है.  जहीर के बारे में कुछ बातें सबको पता है जैसे उन्होंने सलमान खान की मूवी नोटबुक’ से  इस एक्टर ने अपना कैरियर शुरू किया, हालांकि यह मूवी बौक्स औफिस पर पानी भी नहीं मांग सकी.  इस मूवी में  सलमान खान ने जहीर के अपोजिट मोहनिश बहल की बेटी प्रनूतन बहल को कास्ट किया था. इस फिल्म के बाद न तो मोहनीश बहल की बेटी का कुछ अतापता चला और ना ही जहीर इकबाल कुछ खास कर पाए.

जहीर का नाम इन दिनों दो वजहों से चर्चा में है, पहला कि ये शत्रुघ्न सिन्हा के दामाद बनने जा रहे हैं और दूसरा सलमान खान से अपने खास कनेक्शन की वजह से. कम ही लोगों को पता है कि जहीर इकबाल के पिता और सलमान खान की दोस्ती पुरानी है. जब सलमान ने जहीर को लौन्च किया था, तो उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि ज़हीर के पिता उनको उधार देते थे और जिसका ब्याज कभी नहीं वसूला. सलमान खान का यह पोस्ट काफी चर्चा में रहा था .

 जहीर इकबाल के फादर यानी सोनाक्षी सिन्हा के ससुर इकबाल रत्नासी एक नामीगिरामी बिजनेसमैन हैं. इसके साथ ही उनका ज्वेलरी का भी बिजनेस हैं. 80 के दशक में ये सलमान को फाइनेंशियली हेल्प किया करते थे. टीनए में सलमान ने उनसे 2011 रुपए इकबाल रत्नासी से लिए थे, जो अभी तक नहीं चुकाया. सलमान ने दबंग मूवी में सोनाक्षी को साल 2012 लौन्च किया था और इसके बाद ज़हीर को भी उन्होंने ही लौन्च किया था और इस लॉन्च की एक बड़ी वजह इस कपल के फादर के साथ सलमान के दोस्ताना ताल्लुक थे.

सोनाक्षी और ज़हीर के बारे में कहा जाता है कि दोनों की मुलाकात एक पार्टी में हुई थी, जिसके होस्ट एक्टर सलमान खान थे.  इसके बाद दोनों में दोस्ती हुई, जो प्यार में बदल गई. इन दोनों मूवी डबल एक्सएल में साथ काम भी किया.  पहले कहा जा रहा था कि सोनाक्षी के पापा शत्रुघ्न सिन्हा शादी से नाराज है लेकिन हाल ही में इस कपल के साथ नजर आए और इस रूयमर को झूठा  करार दिया. 

 

बहुत सुंदर हैं क्या… कंगना के थप्पड़कांड पर Annu Kapoor ने ऐसे किया रिएक्ट

बौलीवुड के दिग्गज अभिनेता अन्नू कपूर अक्सर सुर्खियों में छाए रहते हैं. इन दिनों वो अपनी अपकमिंग फिल्म ‘हमारे बारह’ को लेकर चर्चे में बने हुए हैं. एक्टर अपने बेबाक अंदाज के लिए भी फेमस हैं.

 

हाल ही में प्रेस कौंफ्रेंस के दौरान दौरान जब अन्नू कपूर से कंगना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ ऐसा जवाब दिया, जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे.

दरअसल, अन्नू कपूर ने अपनी पूरी टीम के साथ एक प्रसे कंफ्रेस आयोजित की थी. इस दौरान एक्टर ने कई सवाल के जवाब दिए. जब एक्टर से कंगना रनौत के थप्पड़कांड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बिना सवाल सुने कहा, ये कंगना जी कौन हैं..फिर पब्लिक के चीयर करने पर उन्होंने हाथ जोड़कर शांत रहने का इशारा किया. एक्टर ने आगे कहा, भाई प्लीज, बताओ न आप, कौन हैं?

 

अन्नू कपूर ने कहा बताइए आप मुझे कि बहुत बड़ी हिरोइन होंगी. सुंदर है क्या? उनका जवाब सुनने के बाद लोग हूटिंग करने लगे. इसके बाद वहां मौजूद लोगों में से किसी ने बताया कि कंगना ने हाल ही में मंडी से चुनाव जीता है और नवनिर्वाचित सांसद हैं, इस पर अन्नू कपूर ने रिएक्शन दिया कि ओहो वो भी हो गईं.इस कौंफ्रेस के दौरान अन्नू कपूर बौलीवुड के जानेमाने निर्देशक संजय लिला भंसाली पर भी भड़कते नजर आएं.

मंडी (हिमाचल प्रदेश) लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद और बौलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर बदसलूकी किया गया. दरअसल , एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी चेक के बाद CISF की एक महिला जवान कुलविंदर कौर ने एक्ट्रेस को थप्पड़ मारा. दरअसल, थप्पड़ मारने का कारण 4 साल पुराना ट्विट है. यह ट्विट किसान आंदोलन के दौरान की है. कंगना रनौत ने एक ट्विट किया था, जिसमें उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन से जुड़े 80 साल की बुजुर्ग महिला की गलत पहचान कर उन्हें बिलकिस बानो बताया था. कंगना ने इस बुजुर्ग महिला की तस्वीर ट्विट करते हुए लिखा था कि ” हा हा, ये वही दादी हैं, जिन्हें टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं.”

टीनएजर्स को गलत तरीके से टच करे सगा अंकल

कई बार काम या किसी मजबूरी की वजह से पेरेंट्स टीनएजर गर्ल्स को घरवालों के भरोसे छोड़कर बाहर जाते हैं. हालांकि गर्ल्स के मामले में कहा जाता है कि जब तक वे इंडिपेंडेंट न हो जाए, तो उन्हें अपने साथ ही रखना चाहिए, लेकिन आजकल हसबैंडवाइफ दोनों वर्किंग होते हैं, तो हर टाइम टीनएजर्स के साथ रहना मुश्किल होता है.

एक बार मम्मी ने मुझे अंकल के भरोसे घर पर छोड़कर चली गई, अंकल ने मुझे कुछ सामान देने के बहाने अपने पास बुलाया, लेकिन गलत तरीके से मुझे टच किया. मैं एकदम सन्न रह गई. मैं समझ नहीं पा रही थी कि मेरे साथ क्या हुआ, किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था.

हालांकि जब मम्मी घर आईं, तो उन्होंने इसका कारण भी पूछा. मैंने डरकर अपनी मम्मी को नहीं बताया, कहीं वह उल्टा में मुझे ही डांटने लगेगी.

कई बार टीनएजर्स फैमिली सेक्सुअल एब्यूज का शिकार होती हैं और वो अपनी पेरेंट्स कह भी नहीं पाती हैं. जो मामा या चाचा पेरेंट्स के सामने लड़कियों को गुड़ियागुड़िया कह कर अपने पास बुलाते हैं, उन्हें चौकलेट्स या कोई गिफ्ट देतें हैं, फिर प्यार करने का दिखावा करते हैं. वहीं मामाचाचा पेरेंट्स के पीठ पीछे टीनएजर्स के साथ जो हैवानियत करते हैं, वो दबा दिया जाता है.

क्या है फैमिली सेक्सुअल एब्यूज

फैमिली सेक्सुअल एब्यूज में परिवार के सदस्य किसी बच्चे या एडल्ट मेंबर के साथ आपत्तिजनक हरकत करते हैं. यह जरूरी नहीं है कि ‘परिवार का सदस्य’ सगा ही हो, वह परिवार से किसी भी तरह से जुड़ा हो सकता है या कोई बहुत करीबी दोस्त भी हो सकता है.

टीनएजर्स भी डर से अपने पेरेंट्स से नहीं कह पाती हैं कि उन्हीं के रिश्तेदार ने यौन शोषण किया है. कई बार तो पेरेंट्स के सामने मामा या चाचा की पोलपट्टी भी खुल जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी यह बात दबा दी जाती है कि घर की बात घर में ही रहे. मातापिता सोचते हैं कि बेटी मोलस्टेशन का शिकार तो हुई, लेकिन इसके बारे में लोगों को पता चलेगा, तो हमारी इज्जत जाएगी और रिश्तेदारों को बुरा कहेंगे. यही सोच इस हैवानियत को बढ़ावा देती है.

राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर 15 मिनट में एक बच्चे का यौन शोषण होता है. ऐसे अपराधों को रोकने का एकमात्र तरीका है, बच्चे खुद को प्रोटेक्ट करना सिखें, लेकिन पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चों के सामने ‘सेक्सुअल एब्यूज’ कहने से कतराते हैं, इस पर चर्चा करना तो दूर की बात है.

पेरेंट्स को लगता है कि टीनएजर्स से कहना आसान है कि भूल जाए, लेकिन कोई भी लड़की यह नहीं भूल सकती कि उसके साथ कैसे अपने ही मामाचाचा ने जबरदस्ती की. इन्हीं हरकतों के कारण लड़कियां अकेले रहने या घर से बाहर जाने से कतराती हैं. कोई एक घटना इतना असर कर जाती है कि उस हादसे की याद जिंदगीभर रहती है और खुद की लाइफ बोझिल लगने लगती है.

अगर फैमिली के किसी मेंबर ने टीनएजर्स के साथ यौन शोषण किया है, तो ऐसे डील करें-

  • अगर आप टीनएज की हैं, तो झूठबोल कर भी अपने हक के लिए लड़ें.
  • आपको अपने अंकल का टच अच्छा नहीं लगता है, तो उन्हें बेझिझक मना करें.
  •  बैड टच के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगाी, तो इससे आपकी स्टडी पर असर पड़ेगा.
  • शोषण करने वालों के खिलाफ चाहें वो आपके घर का ही सद्स्य क्यों न हो, उसे सजा दिलाने के लिए कानून की मदद लें.
  • टीनएजर्स को दोष देना और अपमानित करना बंद करें.
  • दुर्व्यवहार के कारण लड़की की आजादी पर रोक न लगाएं.
  • अगर आपकी बच्ची छोटी है, तो उसे गुड और बैड टच दोनों के बारे में बताएं.

रील्स के चक्कर में बर्बाद हो रहे हमारे युवा

रील्स बनाने का चस्का ऐसा है कि कई लोग सोशल मीडिया पर कुछ व्यूज और लाइक्स पाने की चाह में जान की बाजी लगाने से भी नहीं हिचकते. इस चक्कर में कई लोग रील बनाते बनाते बड़े हादसे का शिकार भी हो जाते हैं. इस 18 जून को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक युवती को रील बनाना इतना महंगा पड़ा कि उसे अपनी जान से ही हाथ धोना पड़ा.

दरअसल कार में बैठ कर एक युवती रील बनवा रही थी. इस 23 वर्षीय युवती ने अभी हाल-फिलहाल ही कार चलाना सीखा था. युवती और उसका दोस्त शिवराज संजय मुले दोनों किसी काम से संभाजीनगर से दत्ता मंदिर इलाके में आए थे. इस जगह पर मोबाइल पर रील बनाते समय युवती ने गलती से कार को आगे ले जाने के बजाय रिवर्स गियर में डाल दिया और कार खाई में जा गिरी. कार के घाटी में गिरने से युवती की मौके पर ही मौत हो गई. रील बना रहे उसके दोस्त के मोबाइल में यह पूरी घटना कैद हो गई जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

आजकल सोशल मीडिया पर फेसबुक या इंस्टाग्राम रील्स का खुमार हर उम्र और वर्ग के लोगों पर दिखाई दे रहा है. ख़ासकर युवाओं में यह सब से ज्यादा लोकप्रिय है. ज्यादातर युवा रील्स देख कर समय बर्बाद कर रहे हैं और बाकी रील्स बनाने के पीछे पागल हुए बैठे हैं. जल्दी पॉपुलर बनना, ज्यादा से ज्यादा लोगों की नज़र में आ फेमस होना और अपनी फैन फॉलोइंग बढ़ा कर मोटी कमाई करना. रील्स के जरिए पूरे होने वाले ये प्रलोभन आजकल युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं. यही वजह है कि युवा वर्ग में रील्स बनाने और देखने का प्रचलन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. रील्स बना रहे युवा अधिक लाइक्स और कमैंट्स पाने की कोशिश में अजीबोगरीब घटनाओं या गतिविधियों को रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं. कई दफा उन की ये इंस्टाग्राम रील्स ही उनकी लाइफ को खतरे में डाल देती हैं.

जीवन में प्रसिद्धि हासिल करने के लिए महाकवि कालिदास ने अभिज्ञान शाकुंतलम समेत कई महान ग्रंथों की रचना की. महादेवी वर्मा ने कालजयी कविताएँ लिखीं तो प्रेमचंद अपने उपन्यासों के कारण लोकप्रिय हुए. वीर सावरकर ने काला पानी की सजा काटी, झांसी की रानी ने अपना जीवन बलिदान कर दिया और तब प्रसिद्धि पायी. लेकिन आज के वक्त में प्रसिद्धि पाना इतना मुश्किल नहीं रह गया है. आज के समय में सोशल मीडिया के द्वारा फेमस होना बहुत आसान हो गया है

लोग कुछ भी विवादित बातें बोलकर या फिर कोई अश्लील डांस वीडियो बनाकर या अजीब हरकतें कर के रातों रात फेमस हो जाते हैं, वायरल हो जाते हैं. पहले लोग प्रसिद्ध होने के लिए पूरी जिंदगी मेहनत करते थे लेकिन आज के समय में प्रसिद्धि इंस्टेंट नूडल्स की तरह हो गयी है जहां केवल 60 सेकंड का वीडियो बनाकर लोग मशहूर हो जाते हैं और सेलिब्रिटी बन जाते हैं. लोग उन्हें इन्फ्लूएंसर बुलाने लगते हैं. वैसे 60 सेकेंड में सेलिब्रिटी बनने का नशा और उस 60 सेकेंड के वीडियो देखने की लत हमारे देश के युवाओं को बर्बाद कर रही है.

इंटरनेट क्रांति का नतीजा

भारत में यों तो इंटरनेट की शुरुआत वर्ष 1995 में ही हो गयी थी. परंतु कुछ वर्षों पहले ही देश में इंटरनेट क्रांति आयी है. यह वो दौर था जब शहरों के साथ भारत के गांव गांव में स्मार्टफोन और इंटरनेट की सुविधा पहुंचनी शुरू हुई. लोग फेसबुक , यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से परिचित हुए. ये वही दौर था जब जियो डेटा के खेल को बदल रहा था. डाटा सस्ता हो रहा था, केंद्र में मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया के मिशन की शुरुआत कर दी थी.

इसी दौरान भारत में विशाल इंटरनेट मार्केट को देखते हुए चीनी कंपनी टिकटॉक ने भारत में एंट्री की. साल 2019-20 में टिक टॉक दुनिया भर में सबसे बड़े रील प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा. टिक टॉक ने भारत में वीडियो देखने के तरीके को ही बदलकर रख दिया. जहां पहले लोग लंबे लंबे वीडियो देखा करते थे वहीँ टिक टॉक के आते ही लोगों को 60 सेकेंड में शॉर्ट वीडियो देखने की लत लग गयी. महज 60 सेकेंड के अंदर यह लोगों का भरपूर मनोरंजन करने लगी जिस के कारण बड़ी संख्या में भारतीय युवा इस ओर आकर्षित हुए. देखते ही देखते टिक टॉक अन्य मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पीछे छोड़ने लगा. देश में कुछ महीनों के भीतर ही इसे 61.1 करोड़ बार डाउनलोड किया गया. यह संख्या चीन से भी ज्यादा थी. देश में टिक टॉक के एक्टिव यूजर्स की संख्या भी 20 करोड़ पार कर गई. लॉकडाउन के दौरान इस ऐप ने युवा पीढ़ी को तेजी से आकर्षित किया और इसी दौर में युवाओं को रील का चस्का लगा. लेकिन इसके कंटेंट और चीन के मूल का होने की वजह से इसे शक की निगाह से देखा गया. टिक टॉक पर वीडियो बनाने के लिए युवा कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो गए. बाद में भारत सरकार ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए वर्ष 2020 में बैन कर दिया.

टिकटॉक तो भारत से चला गया परंतु शॉर्ट वीडियो की बीमारी दे गया. टिक टॉक की लोकप्रियता से प्रभावित सोशल मीडिया कंपनियों ने लोगों की इस लत का फायदा उठाया. फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रील्स का कॉन्सेप्ट आ गया. फेसबुक और इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी मेटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के दौरान 2021 में देश में रोज तकरीबन 60 लाख रील्स बन रही थीं.आज बड़ी संख्या में इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भारतीय युवा रील्स बना रहे हैं और बाकी लोग घंटों इन रील्स को देखने में समय बर्बाद कर अपने भविष्य को अंधकार की तरफ लेकर जा रहे हैं.

हमारी युवा पीढ़ी का एक बड़ा समय इन रील्स को देखने में समय खराब कर रहा है. जब वे वीडियो को देखने के लिए बैठता है तो उसका घंटों का समय कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता. जबकि इस समय का उपयोग युवा अपने भविष्य को बनाने के लिए कर सकते थे.

शॉर्ट वीडियो की लत युवाओं को ले डूबेगी

किसी व्यक्ति को जैसे सिगरेट, शराब या फिर जुए की लत लगती है ठीक वैसे ही आज लोगों को शॉर्ट वीडियो या रील्स देखने की लत लग गई है. जो बहुत चाहने के बाद भी छूट नहीं पाती. रील्स बनाने के लिए युवा आज किसी भी हद से गुजरने के लिए तैयार हैं. रील्स के माध्यम से अश्लीलता को बढ़ावा देने के प्रयास भी होने लगे हैं. वीडियो पर महज व्यूज़ हासिल करने के उद्देश्य से शॉर्ट वीडियो के जरिए अश्लील और बेहद ही घटिया कॉन्टेंट परोसा जा रहा है जो वीडियो बनाने वाले और देखने वाले दोनों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. कई लोग तो व्यूज बढ़ाने के लिए गन्दी हरकतें करने लगते हैं. कोई अपनी पत्नी की खूबसूरती परोसने लगता है तो कुछ लड़कियां खुद ही आधे अधूरे कपड़ों में अश्लील गानों पर नाचने लगती हैं. कुछ लोग तो अपने छोटे छोटे बच्चों को भी रील्स पर एक्सपोज़ कर देते हैं. उर्फी, राखी सावंत और सोफिया अंसारी जैसी बालाओं ने रील्स के लिए बेशर्मी की हदें पार कर रखी हैं. साधारण घर की औरतें भी अक्सर अश्लील कंटेंट परोसने में सीमा पार कर जाती हैं. दरअसल लोगों ने शार्ट वीडियोज़ को जल्द पैसे कमाने का माध्यम बना लिया है. भले ही उस के लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े. पुनीत सुपरस्टार जैसे अजीबोगरीब हरकतें करने वाला शख्स रील्स से मिली पहचान के जरिए फेमस रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ का हिस्सा भी बन गया. इस तरह के लोगों के भी सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं और उन्हें करोड़ों व्यूज मिलते हैं.

ऐसा नहीं है कि रील्स में गन्दी चीजें ही दिखती हैं बल्कि बहुत से वीडियोज बड़े काम के भी दिख जाते हैं. फैशन, कुकरी, ब्यूटी , एक्टिंग, डांसिंग, सिंगिंग से लेकर कुकिंग और पेरेंटिंग के ज्ञान से जुड़े अच्छे खासे वीडियोज़ भी दिखते रहते हैं. हंसी ठहाकों यानी कॉमेडी के रील्स भी भरे मिलेंगे. आजकल रील के जरिए पेरेंटिंग और रिलेशनशिप ट्रेंड्स दिखाने का भी चलन बढ़ा है. सामाजिक पारिवारिक प्राकृतिक हर कैटेगरी के रील्स उपलब्ध हैं. बस आप एक बार अपने पसंद के वीडियोज़ देखना शुर कीजिए फिर आप के आगे उसी तरह के वीडियोज की बहार आ जायेगी. एक के बाद एक देखते हुए आप कब अपने दो तीन घंटे बर्बाद कर बैठेंगे आप को पता ही नहीं चलेगा. आप की नस पकड़ ली जाती है कि आप क्या देखना पसंद करते हैं. फिर उसी मिजाज के वीडियोज सामने परोसे जाने लगते हैं.

यहां तक कि ज्यादा रील देखने की समस्या जानकर अगर इस की लत से बाहर निकलने की सोच रहे हैं तो इसके लिए भी रील की शरण में ही जा सकते हैं. इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब जैसे वीडियो प्लेटफॉर्म पर हजारों ऐसी रील मौजूद हैं जिसमें ‘रील’ की लत से छुटकारा पाने के नुस्खे बताए गए हैं. कई नामी साइकोलॉजिस्ट और दुसरे डॉ भी रील बनाकर ही लोगों को इस बारे में सलाह दे रहे हैं.

कमाई का जरिया

मौजूदा वक्त में रील बनाने वाले लोग खुद को कंटेंट क्रिएटर और इन्फ्लुएंसर्स कहलाना पसंद करते हैं. कई शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म दावा करते हैं कि उनके यहां ‘कंटेंट क्रिएटर्स’ अच्छी कमाई कर रहे हैं.

कुछ समय पहले ‘कलारी कैपिटल’ की एक स्टडी के मुताबिक देश में फिलहाल 8 करोड़ से ज्यादा लोग प्रोफेशनल कंटेंट क्रिएटर्स हैं. यानी वे इसी को अपना करियर और कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं. ये 8 करोड़ लोग ऑनलाइन कंटेंट बनाकर दौलत और शोहरत कमाने में लगे हैं. स्टडी के मुताबिक 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से सिर्फ 1.5 लाख लोग ही कमाई कर पाते हैं. उनमें से भी अधिकतर की कमाई महज कुछ हजार रुपए महीने ही है.

इन 8 करोड़ कंटेंट क्रिएटर्स में से 1% से भी कम ऐसे हैं जिनके फॉलोअर्स की संख्या 10 लाख से ज्यादा है. इनकी कमाई लाखों-करोड़ों में है. ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स की कमाई का बड़ा हिस्सा उन मेगा इन्फ्लुएंसर्स को मिल रहा है जिनके फॉलोअर्स 10 लाख या इस से ज्यादा हैं.

हर दिन 2.5 घंटे फोन पर एंटरटेनमेंट, पौन घंटे सिर्फ रील

‘रेडसीर स्ट्रैटजी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर स्मार्टफोन यूजर औसतन 2.5 घंटे एंटरटेनमेंट के लिए मोबाइल स्क्रीन स्क्रॉल करता है. इस दौरान लगभग 40 मिनट का समय सिर्फ रील देखने में जाता है. जेनरेशन Z यानी 1995 के बाद जन्म लेने वाली पीढ़ी में शॉर्ट वीडियो ‘रील’ देखने का औसत 1 घंटे से भी ज्यादा का है. जबकि रील की लत से परेशान लोग 5 से 6 घंटे तक रील देख लेते हैं.

इंस्टाग्राम की पेरेंट कंपनी ‘मेटा’ के मुताबिक ऐप पर आने वाले लोग अपना 20% समय शॉर्ट वीडियो यानी रील्स देखने में बिताते हैं. जबकि इंस्टाग्राम की शुरुआत एक फोटो शेयरिंग ऐप के बतौर की गई थी और इसका रील वर्जन भी 2020 में ही आया.

रील्स देखने और बनाने के साइड इफेक्ट्स

रील्स एडिक्ट बच्चों का बिगड़ जाता है कॉग्निटिव फंक्शन

बच्चों के दिमाग पर रील्स का असर खतरनाक होता है. रील्स देखने से बच्चों का ‘अटेंशन स्पैन’ तेजी से कम होता है. जिसकी वजह से वे भुलक्कड़ हो जाते हैं और उनकी सीखने की रफ्तार भी धीमी हो जाती है. दरअसल, ‘अटेंशन स्पैन’ वह समय है जितनी देर कोई शख्स बिना भटकाव किसी भी काम में ध्यान लगा पाता है. सामान्य स्थिति में अटेंशन स्पैन 12-15 सेकेंड होता है. लेकिन हर दिन 4-5 घंटे शॉर्ट वीडियोज देखने वाले बच्चों का अटेंशन स्पैन घटकर 5 सेकेंड ही रह जाता है. कई रिसर्च के मुताबिक साल 2000 के आसपास बच्चों का औसत अटेंशन स्पैन 12 सेकेंड था जो अब घटकर 8 सेकेंड रह गया है. ज्यादा रील्स देखने वाले बच्चों का अटेंशन स्पैन 8 सेकेंड से भी कम होता है.

रील्स का नशा सेल्फ ऑब्सेसिव डिसऑर्डर ‘सेल्फाइटिस’

रील्स देखने के अलावा इसे बनाने की भी लत हो सकती है. फेम और लाइक-कमेंट के लिए रील बनाने वाले सेल्फ ऑब्सेसिव डिसऑर्डर यानी ‘सेल्फाइटिस’ का शिकार हो सकते हैं. इस तरह के मेंटल डिसऑर्डर का शिकार व्यक्ति सिर्फ अपने बारे में सोचता है. उसे लगता है कि लोगों को उसके बारे में और जानना चाहिए. लोगों को उसकी तारीफ भी करनी चाहिए. इसलिए लोग खूब सारी रील्स बनाने लगते हैं. लाइक-कमेंट के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं, लेकिन जब उन्हें ‘लाइक्स’ नहीं मिलते, तो उनके मन में असंतोष पनपने लगता है जो उन्हें धीरे-धीरे डिप्रेशन की ओर ले जाता है.

रील्स में खो रही है रियल लाइफ

मौजूदा वक्त में रियल लाइफ रील में खोती जा रही है. पहले भी किताब, सिनेमा और गाने जैसे एंटरटेनमेंट के माध्यम सोसाइटी पर अपना असर छोड़ते रहे हैं. लेकिन इनमें से किसी की भी पहुंच रील जितनी सहज, आसान और सस्ती नहीं रही और न ही इन में कभी आम आदमी को अपना टेलैंट दिखाने का मौका मिला. 5 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक आज रील के जरिए अपना हुनर और शौक दिखाने की कोशिश में लगे हैं. लोग उन्हें देख रहे हैं और पसंद भी कर रहे हैं. मगर फिल्मों, किताबों और दूसरे मीडियम की तरह इस पर निगरानी न के बराबर है. यही वजह है कि अक्सर रील्स प्लेटफॉर्म्स पर पोर्नोग्राफी, चाइल्ड अब्यूज,अश्लीलता और हिंसा को बढ़ावा देने वाले रील्स भी नजर आते हैं. कोई बच्चे पेरेंट्स से छिप कर रील्स देख रहा है मगर क्या देख रहा है और कितनी देर देख रहा है, यह बात मायने रखती है. पढ़ाई, मनोरंजन और दुनिया भर की जानकारी का जरिया भी रील्स हैं लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि कभी-कभी रील्स की वजह से अश्लीलता, हिंसा और भाषा के भद्देपन की बाढ़ आती भी दिखती है.

रील्स की वर्चुअल दुनिया लोगों की याददाश्त को कमजोर कर रही है .

एक सर्वे के मुताबिक भारत में प्रतिदिन 60 लाख से भी अधिक रील्स बनाए जाते हैंं. ये सभी रील्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जाते हैं. रील्स के माध्यम से बड़ी संख्या में युवा काल्पनिक दुनिया मे जीने लगते हैं. उनको यही दुनिया पसंद आ रही है और यहीं सुख-दुख ढूंढ रहे हैं. नतीजा यह है कि वे मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं और उनकी याददाश्त भी कम होते जा रही है.

पिछले दिनों एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसमें एक बच्चा सोते हुए भी अपने हाथों को ऐसे चला रहा है, जैसे वह मोबाइल में कुछ स्क्रोल कर रहा हो. ऐसे भी मामले सामने आए जहां रील्स की वजह से किसी की जान चली गई तो किसी ने किसी की जान ले ली. ऐसी घटनाएं बताती हैं कि रील्स की आदत हमारी जिंदगी पर कितना बुरा प्रभाव डाल रही हैं. इंसोम्निया, स्लीप डिसऑर्डर, एंग्जाइटी की समस्या और स्ट्रेस काफी बढ़ गया है.

वर्चुअल दुनिया में रहकर हो गए अकेले

कहते हैं कि किसी भी चीज में अति नुकसान की वजह बन जाती है. रील्स भी आपके जीवन में ऐसा ही रोल निभा रही हैं. लोग असल दुनिया में ना रहकर वर्चुअल दुनिया में इतना घुस गए हैं कि उनको अहसास तक नहीं हो पा रहा है कि वो कितने अकेले हो गए हैं. पहले लोग एक-दूसरे से मिलते थे, बाहर जाकर समय बिताते थे, वो अब बंद हो गया है. अब सब ऑनलाइन ही बोलचाल तक सीमित हो गया है. आज के बच्चों में परिवार और दूसरे लोगों से बातचीत करना पसंद नहीं कर रहे हैं. इस वजह से एंग्जाइटी और आइसोलेशन की समस्या खड़ी हो रही है.

कंपेयरिंग की समस्या

बच्चों में भी खासतौर पर लड़कियों में कंपेयरिंग की समस्या खड़ी हो रही है. वह रील्स में देखकर सोचती हैं कि मैं इतनी गुड लुकिंग क्यों नहीं हूं. इस कारण उनमें ईटिंग डिसऑर्डर तक पनप रहा है. बहुत सारे बच्चे नींद में सोशल मीडिया के बारे में बात करते हैं. रील्स का प्रयोग इतना बढ़ गया है कि बच्चे का ब्रेन सोने और जागने के टाइम में फर्क नहीं कर पा रहा. लोग रील्स की वजह से टाइम मैनेजमेंट नहीं कर पा रहे हैं. जिसके कारण उनके दूसरे कामों पर फर्क पड़ रहा है.

गर्दन, कमर टेढ़ी होने के बढ़ रहे मामले

रील्स की लत कुछ ऐसी है कि हम एक ही पोजिशन में कई घंटे बैठे और लेटे हुए उसे देखते रहते हैं. ज्यादातर लोग उसी पोजिशन में रहते हैं जो उनको आराम महसूस कराए. मम्मी-पापा बोलते रह जाते हैं लेकिन हम उनको भी नजरअंदाज करते रहते हैं. इसका असर आप की हड्डियों पर भी पड़ रहा है. बहुत से लोगों में गर्दन में दर्द और टेढ़ेपन की परेशानियां देखने को मिल रही हैं. अंगूठे में टेढ़ापन, दर्द, जॉइंट ब्रेक होने की शिकायतें भी आ रही हैं. पहले इस तरह की समस्या को ब्लैकबेरी सिंड्रोम या कम्प्युटर डिजीज कहते थे, जिसमें अंगूठा मुड़ कर रह जाता था. इसे अब ट्रिगर फिंगर भी कहते हैं. वहीं कमर की शिकायत करने वाले भी कई मरीज आते हैं. अगर समय रहते इन समस्याओं का पता ना चले तो रील्स या सोशल मीडिया की वजह से आप को हड्डियों से जुड़ी ऐसी समस्याएं भी हो सकती हैं जो कभी ठीक नहीं होतीं.

क्या कहती है स्टडी

एक स्टडी में शामिल ज्यादातर मरीजों ने यह माना कि डेढ़ साल से ज्यादा समय से वे रील्स देख रहे हैं. ये लोग सुबह उठने से लेकर रात में सोने से पहले तक सोशल मीडिया पर रील्स स्क्रॉल करते रहते हैं. अधिकतर मरीजों ने माना कि वे दिन आधे से एक घंटे तक लगातार रील्स देखते हैं. इन मरीजों ने सोशल मीडिया पर अपना कोई वीडियो या रील शेयर नहीं किया है. सिर्फ दूसरों के रील्स देखने के आदी हैं.

इस अध्ययन में शामिल 150 लोगों में से 30 मरीजों ने बताया कि जब कभी भी वे रील्स नहीं देख पाते तो उन्हें बेचैनी होने लगती है. रील्स न देखने से किसी भी काम में मन नहीं लगता है और सिर में तेज दर्द भी होता है. कई बार तो इस चक्कर में बीपी में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला है. 20 प्रतिशत मरीजों का कहना है कि रील्स देखने की वजह से उनकी नींद टूट जाती है और जब तक 10 से 15 मिनट तक रील नहीं देख लेते, तब तक उन्हें नींद नहीं आती है. इसकी वजह से उलझन भी महसूस होती है.

इस अध्ययन में शामिल 60 परसेंट लोगों ने माना कि नींद जाने से उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है. न पढ़ने में मन लगता है और ना ही जॉब में. जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनमें सिरदर्द, आंखों में दर्द, सोते सम आंखों में चमक, खाने का समय खराब होना जैसी समस्याएं हैं.

दरअसल रील्स देखना आपके लिए मनोरंजन का साधन हो सकता है, लेकिन जिसे आप सिर्फ मनोरंजन के लिए घंटों देखते रहते हैं वही रील्स चुपचाप शरीर को ऐसी-ऐसी बीमारियां और परेशानियां दे रहा है जो आगे लाइलाज हो सकती हैं;

सिरदर्द हो सकता है

अगर आप सोने से पहले लेटे-लेटे मोबाइल पर स्क्रीन स्क्रॉल करते हैं तो इससे आपको सिरदर्द हो सकता है. कई लोग नींद आने के बावजूद जबरन जगर रील्स देखते हैं. ऐसा करने से सिर पर दबाव पड़ता है जो कि एक समय बाद सिरदर्द में बदल जाता है.

आंखों पर असर पड़ सकता है

रात को अगर आपके कमरे की लाइटें बंद हैं और अंधेरे में आप रील्स स्क्रॉल कर रहे हैं, तो इसका नेगेटिव असर आपकी आंखों पर पड़ सकता है. दरअसल स्क्रीन की लाइट सीधे आंखों पर पड़ती है. आमतौर पर मोबाइल आंखों के बहुत करीब होता है. ऐसे में लगातार रील्स स्क्रॉल करने की वजह आंखों में दर्द हो सकता है और आंखों की रोशनी कमजोर भी हो सकती है.

नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है

अगर आप रोजाना रात को सोने से पहले करीब 30 मिनट तक रील्स स्क्रॉल करते हैं तो इससे आपकी नींद की क्वालिटी खराब हो सकती है. यही नहीं रात को सोने से पहले रील्स का दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. वहीं खराब नींद का सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. व्यक्ति अगली सुबह लो एनर्जी महसूस कर सकता है.

एडिक्शन हो सकता है

अगर कोई व्यक्ति रोज रात को सोने से पहले मोबाइल स्क्रॉल करता है तो उसे इसकी आदत हो सकती है. एक समय बाद यह आदत लत में बदल सकती है. यह बात हम सभी जानते हैं कि लत किसी भी चीज की सही नहीं होती है. रील स्क्रॉल करने का एडिक्शन हो जाए तो व्यक्ति न सिर्फ रात के समय बल्कि दिन के समय भी रील्स देखने लगता है. इससे काम की प्रोडक्टिविटी भी इफेक्टेड होती है. साथ ही सेहत पर इसका बुरा असर पड़ता है.

ऐसे पा सकते हैं छुटकारा

रील्स देखने में जो समय बिता रहे हैं वह दोस्तों के साथ गुजारें. कहीं घूमने जाएं. खूबसूरत यादें बनाएं.
किताबें और मैगज़ीन पढ़ें. ये ऑथेंटिक नॉलेज का जरिया हैं. फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं. खेलकूद में समय बिताएं. इस से हेल्थ भी सही रहता है.

मोबाइल से दूर रहे. कभी कभी मोबाइल दिन भर टच ही न करें यानी मोबाइल उपवास रखें.
बच्चों के सामने बड़े खुद भी कम से कम मोबाइल का इस्तेमाल करें.

5 बौलीवुड हसीनाओं जैसे Short Hair के ट्रेंडिंग स्टाइल अपना कर लुक को बनाएं कूल

चुभती-जलती गर्मी के इस मौसम में गर्मी को दूर कर लुक को कूल बनाना है तो अपने लांग हेयर को शॉर्ट करके या शार्ट हेयरस्टाइल से लुक को स्मार्ट और कूल बना सकती है.वैसे भी आज-कल गर्मी के मौसम में शॉर्ट हेयर स्टाइल काफी ट्रेंड में है.आपका शार्ट हेयर स्टाइल कैसा हो इसके लिए आप बॉलीवुड सेलेब्स को फॉलो करें ये बॉलीवुड हसीनाएं फिल्मों में अपने रोल और लुक को चेंज करने के लिए कई प्रयोग करती रहती है.आईये जाने इस गर्मी के मौसम में आप किस बॉलीवुड हसीना को फॉलो करके सेलेब्स जैसा हेयर स्टाइल अपना सकती है.

1. दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण लगातार अपने आकर्षक हेयरस्टाइल के साथ ट्रेंड सेट करती रहती हैं.फिर चाहे स्लीक और स्ट्रेट स्टाइल किया जाए, नॉटेड पोनीटेल बनाई जाए या उलझे हुए वेव्स के साथ स्टाइल, यह कूल लुक दिखाता है.दीपिका के सिग्नेचर वेवी हेयरस्टाइल हमेशा से ही क्लासिक रहे हैं.इसके अलावा दीपिका ने सिद्धार्थ आनंद की फिल्म “पठान” में लाइट ब्राउन कलर के हाइलाइट्स वाले छोटे और नुकीले (short and spiky) हेयर वाले लुक को अपनाकर सभी को चौंका दिया.आप भी दीपिका के स्टाइल को अपना सकती है।

2. आलिया भट्ट

आलिया भट्ट जैसी स्टाइलिश, सिंपल और एलिगेंट हेयरस्टाइल्स आप भी बना सकती है फिर चाहे मैसी पोनीटेल हो इस हेयर स्टाइल को बनाना बहुत ईजी है और यह आपको फैशनेबल भी दिखता है.अपनेहेयर को कर्ल करें और खुला छोड़ दें फिर अपनी फिंगर को इसमें रोल करते हुए एक पोनीटेल में बांध लें, अगर आप मैसी लुक पाना चाहती है तो हेयर की कुछ लटों को अपने फेस की तरफ करे.इसके अलावा आलिया की तरह आप भी हेयर्स को छोटी चोटी में बांध कर लुक को खास दिखा सकती है.

आलिया भट्ट की आगामी फिल्म ‘जिगरा’ की शूटिंग करते हुए कुछ तस्वीरें ऑनलाइन लीक हो गई हैं.जिसमें आलिया शार्ट हेयर और दमदार लुक में नजर आ रही है.

3. कृति खरबंदा

बेहतरीन अभिनय के लिए मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति खरंबदा शादी के बाद नए लुक में नजर आईं.उन्हें बांद्रा में एक सैलून के बाहर स्पॉट किया गया.इस दौरान कृति खरबंदा छोटे बालों में नजर आईं. इस नए लुक में कृति काफी स्टाइलिश और ग्लैमरस लग रही थीं.राणा दग्गुबाती के साथ हाल ही में घोषित उनकी अनाम फिल्म में कृति किरदार की मांग को ध्यान में रखते हुए छोटे बाल रखे हुए नजर आएंगी.कृति का ये स्टाइल आप भी अपना सकती है।

4. यामी गौतम

सिल्वर स्क्रीन पर अपनी खूबसूरत मुस्कान के लिए मशहूर रहीं यामी गौतम अपने शार्ट हेयर के साथ नए-नए एक्सपेरिमेंट करना बखूबी जानती हैं.ऐसे में आप यामी के हेयरस्टाइल ट्राई कर सकती है जो उन्हें शार्ट हेयर में भी काफी स्टनिंग दिखाते हैं.यामी अपने शार्ट हेयरस्टाइल को परफेक्शन के साथ कैरी करती हैं, जो उनके लुक को और भी निखारता है।यामी फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ में शॉर्ट-बॉब हेयरकट में नजर आईं.इस फिल्म में न केवल उनके अभिनय बल्कि उनके शार्ट हेयर लुक ने भी सबका ध्यान खींचा और सभी ने उनकी तारीफ की.इसके अलावा आप यामी की तरह फ्रंट पफ बनाकर बाकी हेयर्स में कर्ल डाल सकती है या हेयर को साइड में कर हल्का कर्ली लुक दें, फ्रंट हेयर लेकर बनाएं हॉफ बन बनाएं, साइड हेयर को दें कर्ली लुक, शॉर्ट्स हेयर के फ्रंट हेयर की फ्रेंच करें और पीछे की तरफ पिनअप करें, हेयर को हल्का वेवी लुक दे या बिल्कुल स्ट्रेट लुक दे सकती हैं.

5. सान्या मल्होत्रा

बॉलीवुड एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा अपने बोल्ड और हॉट लुक के लिए जानी जाती हैं साथ ही वह बी टाउन की उन एक्ट्रेस की लिस्ट में आती है जो अलग अलग हेयरस्टाइल कैरी करने के लिए जानी जाती हैं।
बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा “दंगल” (2016) में एक महत्वाकांक्षी पहलवान बबीता कुमारी की भूमिका निभाने के लिए, सान्या मल्होत्रा ने छोटे, यथार्थवादी (realistic)लुक के लिए अपने लंबे बाल कटवा दिए।
सान्या मल्होत्रा कभी कर्ली तो कभी बॉय कट हेयर स्टाइल तो कभी स्ट्रेट हेयर को लेकर सुर्खियो में बनी रहती है.अगर आप भी सान्या मल्होत्रा की तरह सेक्सी लुक चाहती है तो सान्या मल्होत्रा के इन हेयर स्टाइल को फॉलो कर सकती हैं.

अगर आप भी अपने लुक से बोर हो गई है तो इन सलेब्स की तरह आप भी शार्ट हेयर स्टाइल अपना कर गर्मी का मजा ले सकती है.

टिफिन के लिए 7 रेसिपी आइडियाज

टिफिन चाहे ऑफिस जाने वाले कामकाजी लोगों का हो या फिर स्कूल जाने वाले बच्चों का हो, रोज रोज लंच बॉक्स में हर दिन ऐसा क्या रखा जाए जो हैल्दी भी हो और जिसे स्वाद लेकर खाया भी जा सके. क्योंकि एक तो ऑफिस में बड़े जहां क़ाम में उलझे रहते हैं वहीं बच्चे खेलने और पढ़ाई में इसलिए लंच बॉक्स में कुछ ऐसा रखना जरूरी होता है जिसे झटपट खाया जा सके. आज हम आपको कुछ हैल्दी रेसिपी बनाने के आइडियाज दे रहे हैं जिनकी मदद से आप लंच बॉक्स में हैल्दी रेसिपी रख सकतीं हैं-

1-चपाती टाको

चपाती टाको बनाने के लिए सर्वप्रथम हमें गेहूं के आटे से चपाती बनानी हैं उसके बाद आप पनीर/सोया/आलू में से किसी एक के साथ शिमला मिर्च, बीन्स, कॉर्न, गाजर और प्याज़ जैसी सब्ज़ियों के साथ मसाले मिलाकर आक फिलिंग तैयार कर लीजिये. जब फिलिंग ठंडी हो जाये तो चपाती के ऊपर टोमेटो सॉस या हरी चटनी लगाकर बीच में 1 बड़ा चम्मच फिलिंग डालकर चपाती को फोल्ड कर दें. अब बटर या घी लगाकर इसे दोनों तरफ़ से सुनहरा होने तक सेंक लें. आप इसमें परिवार के सदस्यों के स्वाद और पसंद के अनुसार चीज भी डाल सकती हैं.

2-मैगी मसाला सैंडविच

ताजे दही को एक छलनी में डालकर रात भर के लिए रख दें इससे चक्का दही तैयार हो जाएगा अब इसमें बारीक कटी सब्ज़ियां, नमक, चाट मसाला और मैगी मसाला डालकर अच्छी तरह चलायें. ब्रेड स्लाइस के किनारे काटकर बटर लगाकर तैयार फिलिंग अच्छी तरह फैलाकर ऊपर से दूसरा बटर लगा स्लाइस रखकर कवर कर दें. अब इसे तवे या सैंडविच मेकर में सेंककर टिफ़िन में रखें.

3-वेज सोया फ्राइड राइस

सोया चंक्स को गरम पानी में भिगोकर आधे घंटे के लिए रख दें. आधे घंटे के बाद निचोड़कर इन्हें मिक्सी में दरदरा पीस लें. सभी सब्ज़ियों को गर्म तेल में प्याज़ के साथ पकाकर सभी मसाले और सोया चंक्स मिलाकर चलायें. पके चावल डालकर अच्छी तरह चलायें. टोमेटो सॉस के सैशे के साथ लंच बॉक्स में रखें.

4-पालक पनीर भुर्जी और पराँठा

गरम तेल में जीरा, बारीक कटा प्याज़, हरी मिर्च, और लहसुन भूनकर बारीक कटी पालक और सभी मसाले डाल दें. 2-3 मिनट बाद जब पालक पक जाये तो पनीर को क्रम्बल करके डाल दें. 5 से 10 मिनट तक तेज आँच पर पकाकर हरा धनिया डाल दें. इसके साथ आप प्लेन या भरवाँ आलू का पराँठा रख सकतीं हैं.

5-चीज चपाती पार्सल

गेहूं के आटे से 2 चपाती बनाकर रख लें. अब दोनों चपाती को चीज स्लाइस से थोड़ा सा बड़ा काट लें. अब एक चपाती पर चीज स्लाइस रखकर ऊपर से दूसरी चपाती रख दें. अब पार्सल के किनारों को काँटे से दबा दें. तैयार पार्सल को घी लगाकर तवे पर दोनों तरफ़ से सुनहरा होने तक सेंककर गैस बंद कर दें. ऊपर से कश्मीरी लाल मिर्च और चाट मसाला बुरक़ें. बीच से काटकर लंच बॉक्स में रखें.

6-बीटरूट पैनकेक

1 कप गेहूं के आटे में, आधा कप मैदा, 1 चुटकी बैकिंग पाउडर, चौथाई कप पीसी शकर, चौथाई कप मिल्क पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएँ. अब इसमें धीरे धीरे चुकंदर की प्यूरी मिलाकर पकौड़े जैसा गाढ़ा घोल तैयार करें. नॉनस्टिक तवे पर बटर एक बड़ा चम्मच घोल डालें और ढककर 3-4 मिनट बाद पलटकर पकायें. इसे बीच से काटकर अचार या सॉस के साथ लंच बॉक्स में रखें.

7-पिज्जा बौल्स

1 कप उबलते पानी में नमक और 1 टीस्पून घी डालकर 1 कप सूजी डालकर अच्छी तरह चलाकर 10 मिनट के लिए ढककर रख दें. 10 मिनट बाद इसमें पिज़्ज़ा सीजनिंग और ऑरिगेनो डालकर अच्छी तरह मसलें ताकि यह चिकना हो जाये. अब इसकी छोटी छोटी बॉल्स बना लें. एक चम्मच गर्म तेल में राई, जीरा, कश्मीरी लाल मिर्च, चाट मसाला डालकर तैयार बॉल्स को डालकर अच्छी तरह चलाएं. अब टूथपिक लगाकर टिफिन में रखें.

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