मुझे प्रैग्नेंसी में मूड स्विंग्स की प्रौब्लम हो रही है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और 3 महीनों से प्रैग्नेंट हूं. मुझे मूड स्विंग्स की समस्या हो रही है. अगर कोई मेरी बात न सुने या मेरे मन का न हो तो मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और मैं किसी से भी लड़ने लगती हूं. यह हरकत मेरे लिए प्रौब्लम क्रिएट कर रही है. प्लीज, बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

प्रैगनैंसी के समय हारमोनल फ्लक्चुएशंस की वजह से मूड स्विंग्स होना नौर्मल है. आप अच्छी नींद लें, अपने को रैस्ट दें, माइल्ड ऐक्सरसाइजेज की मदद लें. तनाव बिलकुल न लें, अपने पार्टनर से बातें शेयर करें, उन की हैल्प लें और पौष्टिक खाना खाएं.

प्रेग्नेंसी का वक्त महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दौरान महिलाओं को अधिक देखभाल की जरूरत होती है. इसके अलावा उन्हें अच्छी डाइट की जरूरत होती है ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर किसी तरह का बुरा असर ना पड़े. इन्ही सारी जरूरी चीजों में अच्छी और पूरी नींद भी शामिल है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में ऐसे कई बदलाव होते हैं जो उनकी सेहत पर असर डालते हैं. इस दौरान महिलाओं के हार्मोन्स में भी बहुत से बदलाव होते हैं जो उनकी दिनचर्या पर बुरा असर डालते हैं. इन बदलावों का नतीजा है कि कई बार गर्भवती महिलाओं को घबराहट महसूस होती है. ऐसे में उन्हें नींद नहीं आती, जिसका सीधा असर उनके बच्चे पर भी होता है.

ज्यादा देर बैठ रहने से मेरी रीढ़ में दर्द होने लगता है, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं 32 साल की कामकाजी महिला हूं. मेरा सारा काम कंप्यूटर पर होता है, इसलिए ज्यादा देर बैठने से मेरी रीढ़ में दर्द होने लगता है. मेरी समस्या यह है कि ठंड में यह दर्द और असहनीय हो जाता है, जिस के कारण मु झे काम करने में परेशानी होती है. कृपया इस से छुटकारा पाने का उपाय बताएं?

जवाब-

इस उम्र में हड्डियों की समस्या शुरू होना आम बात है विशेषकर कंप्यूटर पर काम करने वालों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है. ठंड के दौरान रीढ़ में जकड़न होने की संभावना ज्यादा होती है. जब आप एक ही स्थिति में कई घंटों तक बैठे रहते हैं तो हड्डी में दर्द की समस्या होती है. ठंड में जकड़न के कारण डिस्क की नसों पर दबाव पड़ने लगता है, जिस से दर्द तेज हो जाता है. दर्द से बचाव के लिए काम के दौरान बीचबीच में ब्रेक ले कर बौडी स्ट्रैच करें. आगे और पीछे की ओर  झुकने वाली ऐक्सरसाइज करें. बैठने का पोस्चर सही रखें. दर्द से बचाव के लिए सही आहार लें और पानी का ज्यादा सेवन करें. समय मिलने पर पीठ की कुनकुने तेल से मालिश कराएं. हलके हाथों से की गई मालिश दर्द से राहत दिलाएगी.

जो लोग कामगर हैं, जिन्हें पूरे दिन कंप्यूटर पर बैठ के काम करना पड़ता है उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत रहती है. पर क्या आपको पता है कि अपने बैठने की आदत में बदलाव कर के आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं. आपको बता दें कि कंप्यूटर के सामने अधिक देर तक बैठने से आपके गर्दन और रीढ़ की हड्डियों पर काफी नुकसान पहुंचता है. इससे आपको अधिक थकान, सिर में दर्द और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप अधिक देर तक इसी अवस्था में बैठी रहती हैं तो आपके स्पाइनल कौर्ड में भी घाव हो सकता है.

इस मुद्दे पर शोध कर रहे जानकारों का मानना है कि इन परेशानियों के लिए बैठने का गलत तरीका जिम्मेदार है. अगर आप सीधे बैठें तो इन परेशानियों से निजात पा सकती हैं. अगर आप सीधे बैठती हैं तो आपकी पीछे की मांसपेशियां आपके गर्दन और सिर के भार को सहारा देती हैं.

पीरियड्स के दौरान मेरी ब्रैस्ट का साइज हैवी हो जाता है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं. पीरियड्स के दौरान मेरी ब्रैस्ट का साइज हैवी हो जाता है. ब्रैस्ट कड़ी भी हो जाती है. पीरियड्स के कुछ दिनों बाद तक भी यह समस्या बनी रहती है. इस से सैक्स के दौरान मैं सही फील महसूस नहीं करती. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पीरियड्स के दौरान ब्रैस्ट हैवी होना कोई गंभीर समस्या नहीं है. ऐसा आमतौर पर सौल्ट रिटैंशन की वजह से होता है. बेहतर होगा कि आप फैमिली डाक्टर से मिलें और उन्हें अपनी परेशानी बताएं. उचित उपचार व खानपान से न सिर्फ इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है, बल्कि आप का सौल्ट रिटैंशन और कंजैशन भी कम हो जाएगा.

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पीरियड्स से पहले होने वाली तकलीफ़, मूड स्विंग्स, पेट में दर्द, क्रैम्प्स (ऐंठन) जैसी समस्याएं यानी पीएमएस की तकलीफें हार्मोन्स के कम या ज़्यादा होने के कारण होती हैं. सच कहें तो हार्मोन्स में बदलाव ही महिलाओं के मासिक धर्म का प्रमुख कारण होता है. लेकिन यदि ये हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं तो ये तकलीफें हद से ज़्यादा बढ़ जाती है.आइये जानते हैं डायटीशियन डॉ स्नेहल अडसुले से कि पीरियड्स के समय , बाद में और पहले क्याक्या चीज़ें खानी चाहिए;

पीरियड्स के पहले

पीरियड्स के पहले यानी मेन्स्ट्रुअल सायकल के 20वें से 30 वें दिन तक आप के अंदर की ऊर्जा कम हो जाती है. आप थोड़ी उदासी भी महसूस कर सकती हैं. दिन में कई बार काफी ज़्यादा भूख महसूस हो सकती है और इसलिए इन दिनों आप के शरीर और मन के लिए सेहतमंद स्नैक्स ज़रुरी होते हैं.

रिफाइन्ड शक्कर, प्रोसेस्ड फूड और अल्कोहल का सेवन जितना संभव हो कम करें. बादाम, अखरोट, पिस्ता जैसे सूखे मेवे यानी हेल्दी फैट का सेवन करें. सलाद में तिल और सूरजमुखी के बीज शामिल करें. सेब, अमरुद, खजूर,पीच जैसे अधिक फायबर वाले फलों को अपने आहार में शामिल करें.

हायड्रेटेड रहें. सोड़ा और मीठे पेय से परहेज़ करें. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. नींबू पानी में पुदिना और अदरक डाल कर पिएं. रात को सोने से पहले शरीर और मन को आराम मिले इसके लिए पेपरमिंट या कैमोमाईल चाय लें.

खून में आयरन सही मात्रा में रहने से आप का मूड और ऊर्जा का स्तर भी अच्छा रहेगा. नट्स, बीन्स (फलियां), मटर, लाल माँस और मसूर जैसे लोहयुक्त खाद्यपदार्थों का आहार में समावेश करें. पेट फूलने या सूजन जैसी समस्या से बचने के लिए नमक का सेवन कम करें.

पीरियड्स के दिनों में (पहले से सातवें दिन तक)

पीरियड्स के दिनों में खास कर पहले दो दिनों में आप को ऐसा लग सकता है जैसे सारी शक्ति चली गई हो. ऊर्जा का स्तर बेहद कम हो जाता है और आप को थकान महसूस हो सकती है. इसलिए इन दिनों ऐसा भोजन करें जिस से आप के शरीर में ऊर्जा का स्तर ऊँचा ऱखने में मदद मिले. अपने आहार में किशमिश, बादाम, मूँगफली, दूध का समावेश करें.

जंक और प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और रिफाइन्ड कार्ब्ज प्रचुर मात्रा में होते हैं. इन्हें खाने से बचें. शीतल पेयों में रिफाइन्ड शक्कर भारी मात्रा में होती है जिस के कारण क्रैम्प्स (ऐंठन) आने की मात्रा और पीड़ा बढ़ सकती है. शीतलपेय या सोड़ा के बजाय नींबूपानी, ताजा फलों का रस या हर्बल टी लें.

मेरे पति मोबाइल चलाने के कारण फैमिली पर ध्यान नहीं दे रहे, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 29 वर्षीय विवाहिता हूं. पति 2 साल बड़े हैं. हमारा 1 बेटा भी है जो जूनियर क्लास में पढ़ता है. घर में सबकुछ सामान्य है पर मुख्य समस्या पति को ले कर है, जो जब भी समय मिलता है मोबाइल पर फेसबुक, ट्विटर आदि में खोए रहते हैं. ये सब देर रात तक चलता है. इस से मेरी वैवाहिक जिंदगी पर असर पड़ रहा है. पति महीनों तक सैक्स संबंध नहीं बनाते. मेरी पहल पर जब वे सैक्स करते भी हैं तो उन में पहले जैसी गरमाहट नहीं दिखती. मोबाइल की वजह से हमारे बीच कई बार झगड़ा भी हो चुका है. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सोशल नैटवर्किंग साइट्स मानवीय रिश्तों व संवेदनाओं में सेंध लगा रही हैं और इस का प्रभाव सैक्स संबंधों में भी देखा जा सकता है. युवा अपनी सैक्स लाइफ इस वजह से बुरी तरह बरबाद कर रहे हैं. फिर भी यह सिलसिला रुक नहीं रहा, बल्कि ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

ब्रिटेन में की गई एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि वहां 16-44 साल के लोग महीने में 5 से भी कम बार सैक्स करते हैं और इस की बड़ी वजहें हैं- सोशल साइट्स, आर्थिक अभाव व तनाव.

अभी आप को संयम से काम लेना होगा. पति की इस लत को छुड़ाने के लिए उन के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं. साथ घूमेंफिरें, मूवी देखें, बाहर खाना खाने जाएं. सुबहशाम साथ टहलें और विभिन्न मुद्दों पर बात करें. एकांत के पलों में उन की पसंद की ड्रैस पहनें और साथ ही घरपरिवार की विभिन्न जिम्मेदारियों पर खुशनुमा बहस करें. आप के ऐसा करने पर पति मोबाइल प्रेम छोड़ आप में दिलचस्पी लेने लगेंगे.

क्या आप भी अपना अधिकतम समय facebook ,netflix ,youtube और instagram पर व्यतीत  करते है? यदि हाँ तो ये लेख आपके लिए है . मेरे इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि आधा सच झूठ से भी बुरा होता है.

आप तो ये जानते ही है की सोशल मीडिया कितना पावरफुल है. सोशल मीडिया की पॉवर इतनी है कि दुनिया के किसी भी इंसान से आपको मिलवा सकती है  और सोशल मीडिया की पॉवर इतनी है की आपको आपके परिवार के साथ रहते हुए भी उनसे दूर कर सकती है .

इससे कोई नहीं बच पाया है आदमी से औरत तक,बच्चे से बूढ़े तक,हर जाति ,हर देश, इस मानव निर्मित दुनिया में खोते से जा रहे हैं.हम दिन में 100 से 200 बार phone उठा रहे है .उठते- बैठते ,खाते- पीते,आते -जाते ,सोते -जागते बस mobile ,mobile, सोशल मीडिया ,mobile .खुद के लिए तो हम टाइम निकालना ही भूल गएँ है. ,आज की तारीख में खाने से ज्यादा जरूरी हो गयी है इन्टरनेट कनेक्टिविटी.

किसी भी तरह की क्रीम लगाने से मेरे व्हाइट हैड्स हो जाते हैं, क्या करूं?

सवाल-

 मैं 25 साल की हूं. मैं जब भी अपने चेहरे पर किसी भी प्रकार की क्रीम लगाती हूं तो मेरे चेहरे पर व्हाइट हैड्स हो जाते हैं. क्या आप इसे दूर करने का उपाय बताएंगी?

जवाब-

व्हाइट हैड्स ऐक्ने का एक प्रकार है जो स्किन की पोरों, तेल के रिसाव के साथ गंदगी के जम जाने की वजह से उत्पन्न होते हैं. व्हाइट हैड्स स्किन की भीतरी परत में बनते हैं जिसे प्रकाश आदि नहीं मिल पाता और इस का रंग सफेद रहता है. हमारी स्किन में प्राकृतिक रूप से तेल मौजूद होता है, जो हमारी स्किन में नमी और मौइश्चर बनाए रखता है. अगर हमारी स्किन पर अधिक तेल मौजूद रहेगा तो उस से हमारी स्किन को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. कुछ क्रीम ऐसी होती हैं, जो हमारी स्किन को और अधिक चिपचिपा बना देती हैं, जिस के कारण हमारी स्किन पर मुंहासे आने लगते हैं. अगर आप की स्किन औयली है तो आप औयल फ्री क्रीम ही लगाएं. व्हाइट हैड्स दूर करने के लिए मेथी के पत्तों में पानी मिला कर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को चेहरे पर घिसें, खासतौर पर वहां जहां पर व्हाइट हैड्स हों. इस प्रक्रिया से व्हाइट हैड्स हट जाते हैं. पेस्ट सूखने के बाद अपना चेहरा कुनकुने पानी से धो लें.

मेरे अंडर आर्म्स बहुत काले है, मैं क्या करूं?

सवाल

 मैं 19 वर्ष की हूं. मेरे अंडर आर्म्स बहुत काले है. जिस वजह से मैं स्लीव लेस नहीं पहन पाती. क्या यह ठीक हो सकता है. कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे यह जल्दी ठीक हो जाए?

जवाब

आज के समय में अधिकतर लड़कियां इस प्रॉबलम को फेस कर रही है. जिस वजह से कई बार वह अपनी मन-पसंद कपड़े नहीं पहन पाती. अंडर आर्म्स काले पड़ने की कई वजह है. जैसे की हेयर रिमूवल क्रीम का यूज, रेज़र का प्रयोग, डिओ का इस्तेमाल, डेड स्किन और पासीना.

अंडर आर्म्स को गोरा करने के लिए आप किसी स्किन स्पेसलिस्ट की को दिखवा कर पील करवा सकती है. पील से आपकी त्वचा की काली परत निकलने लगती है और आपकी स्किन पहले जैसी चमकदार हो जाती है. पील के वक्त कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है इसलिए आप पील डॉक्टर के निगरानी में ही करवाएं.

अगर पील करवाना आपको महंगा पड़ रहा है तो आप इन घरेलू नुस्खों से भी अंडर आर्म्स के कालेपन को दूर कर सकती है.

  • बैकिंग सोडा- बैकिंग सोडा में पनि मिलाकर अंडर आर्म्स पर स्क्रब करें. इससे डेड स्किन सेल्स हट जाएगी और कालापन भी दूर हो जाएगा.
  • हल्दी- हल्दी आपकी त्वचा को सबसे ज्यादा निखारने का काम करती है. अंडरआर्म्स का कालापन दूर करने के लिए हल्दी को दूध के साथ मिलाए और उसका पेस्ट बनाकर उन जगहों पर लगाये. सूखने के बाद उसको हल्के हाथो से रगड़ ले, ऐसा करने से कालापन दूर हो जाएगा.
  • बादाम और शहद- बादाम को घिसकर इसमें एक चम्मच दूध पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से अंडरआर्म्स पर मसाज करें. ऐसा हफ्ते में 3 बार करें इससे कालापन जरूर दूर होगा.
  • फिटकरी – फिटकरी में काफी गुण पाए जाते है. फिटकरी से त्वचा का पीएच लेवल मैंटेन रहता है. इससे खुजली अधिक पसीना और त्वचा का कालापन भी दूर हो जाता है. 2 चम्मच फिटकरी पाउडर में थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें. और इसे अंडर आर्म्स पर लगा कर 15 मिनट के लिए छोड़ दें. 15 मिनट बाद इसे पानी से धो लें. आपको काफी फर्क नजर आएगा.

फुटबौल खेलने से मेरे बेटे के टखनों और मांसपेशियों में खिंचाव रहता है?

सवाल-

मेरे बेटे की उम्र 20 साल है. वह कालेज में फुटबाल खेलता है. उसे अकसर टखनों की मांसपेशियों में तनाव और दर्द की समस्या हो जाती है. ऐसा क्यों होता है और इस से बचने के लिए क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए?

जवाब-

टखनों में होने वाली समस्याओं को स्पोर्ट्स इंजरी कहा जाता है, क्योंकि इस के 90% मामले खिलाडि़यों में ही देखे जाते हैं. यह समस्या टखनों की हड्डियों में फ्रैक्चर होने या मांसपेशियों, लिगामैंट्स और टेंडन के क्षतिग्रस्त होने से होती है. ऊंची एड़ी के फुटवियर पहनने और ऊंचीनीची सतहों पर चलने से भी यह समस्या हो जाती है. अगर समस्या लगातार बनी हुई है तो किसी और्थोपैडिक सर्जन को दिखाएं. ऐंकल ऐंथ्रोस्कोपी प्रक्रिया ने टखनों से संबंधित समस्याओं के उपचार को काफी आसान और दर्दरहित बना दिया. यह एक मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है, जो ऐंथ्रोस्कोप की सहायता से की जाती है.

बहन की शादी सिर पर और स्नेहा की कमर में अचानक दर्द उठ गया जिस से वह परेशान हो गई, क्योंकि एक तो वह दर्द से परेशान थी और दूसरा वह शादी जिस का उसे काफी समय से इंतजार था उसे भी ऐंजौय नहीं कर पा रही थी.

ऐसा सिर्फ स्नेहा के साथ ही नहीं बल्कि आज अधिकांश लोग बौडी पेन से परेशान हैं, क्योंकि वे आज की भागदौड़ भरी लाइफ में खुद की हैल्थ पर ध्यान जो नहीं दे रहे हैं और हलकाफुलका दर्द होने पर उसे इग्नोर कर देते हैं जिस से स्थिति और भयावह हो जाती है. ऐसी स्थिति में तुरंत रिलीफ के लिए जरूरी है हीट थेरैपी का इस्तेमाल करने की और उस के लिए डीप हीट रब पेन रिलीफ बैस्ट है.

1. जानें पेन के कारण:

आज के प्रतिस्पर्धा वाले समय में एकदूसरे से आगे निकलने की दौड़ में हम स्ट्रैस में अधिक रहने लगे हैं जिस से कम सोने के कारण हर समय थकेथके से रहते हैं जो मसल पेन का कारण बनता है.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

एक्सीडेंट के कई साल बाद कूल्हे में लगातार दर्द रहने लगा है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी माताजी की उम्र 52 साल है. उन का युवावस्था में ऐक्सीडैंट हो गया था, जिस से उन के कूल्हे के सौकेट में फ्रैक्चर हो गया था. उस समय औपरेशन नहीं किया गया था. इतने सालों तक उन्हें कोई समस्या नहीं थी, लेकिन अब उन्हें कूल्हे में लगातार दर्द रहने लगा है और चलनेफिरने में भी परेशानी हो रही है. बताएं क्या करें?

जवाब-

लगता है आप की माताजी कूल्हे के जोड़ के पोस्ट ट्रौमैटिक आर्थ्राइटिस की शिकार हैं. उन के कूल्हे का एक्सरे कराएं. बेहतर डायग्नोसिस के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन भी कराएं. अगर समस्या गंभीर है तो हिप रिप्लेसमैंट सब से बेहतर समाधान है.

हिप रिप्लेसमैंट सर्जरी में हिप जौइंट के क्षतिग्रस्त भाग को सर्जरी के द्वारा निकाल कर धातु या बहुत ही कड़े प्लास्टिक के इंप्लांट से बदल दिया जाता है. इस सर्जरी का परिणाम भी बहुत बेहतर आता है और औपरेशन के बाद ठीक होने में अधिक समय भी नहीं लगता है.

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शरीर के मजबूत जोड़ हमें सक्रिय रखते हैं और चलने-फिरने में मदद करते हैं. जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या जरूरी है, इस बारे में सटीक जानकारी जरूरी है. जोड़ों की देखभाल और मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, स्थिर रहें. जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए यहां कुछ ऐसे सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें आजमा कर आप अपनी सर्दियां बिना किसी दर्द के काट सकते हैं…

• जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है शरीर के वजन को नियंत्रण में रखना. शरीर का अतिरिक्त वजन हमारे जोड़ों, विशेषकर घुटने के जोड़ों पर दबाव बनाता है.

• व्यायाम से अतिरिक्त वजन को कम करने और वजन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है. कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे तैराकी या साइकिल चलाने का अभ्यास करें.

• वैसे लोग जो अधिक समय तक कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं, उनके जोड़ों में दर्द होने की संभावना अधिक रहती है. जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए अपनी स्थिति को लगातार बदलते रहिए.

ये भी पढ़ें- नहीं सताएगा जोड़ों का दर्द

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प्रसव के बाद मेरे जोड़ों में काफी दर्द रहने लगा है?

 सवाल-

मैं 32 वर्षीय घरेलू महिला हूं. प्रसव के बाद मेरे जोड़ों में काफी दर्द रहने लगा है. बताएं मु झे क्या करना चाहिए?

जवाब-

गर्भावस्था और प्रसव के दौरान शरीर में कई रासायनिक और हारमोनल बदलाव होते हैं, जिस का प्रभाव जोड़ों पर भी पड़ता है. गर्भावस्था में वजन बढ़ने से भी कमर, कूल्हों और घुटनों के जोड़ों पर दबाव पड़ता है और उन में टूटफूट की प्रक्रिया तेज हो जाती है. कई महिलाएं गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अपने खानपान का ध्यान नहीं रखतीं जबकि इस दौरान उन के शरीर को पोषक तत्त्वों की काफी अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है. अपने खानपान का ध्यान रखें, बढ़े वजन को कम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.

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मां बनना एक खुशी का पल होता है, जिसे हर मां अपनी तरह से जीना चाहती है. मां बनने से पहले तो हर कोई अपनी हेल्थ का ध्यान रखता है, लेकिन प्रैग्नेंसी के बाद कईं महिलाएं अपना ख्याल नहीं रखती, जिससे वह कईं बिमारियों का शिकार हो जाती हैं. वहीं बौलीवुड एक्ट्रेस की बात की जाए तो वह मां बनने के बाद भी स्लिम एंड फिट नजर आती हैं, लेकिन कुछ महिलाएं मां बनने के बाद खुद को रिटायर समझने लगती हैं और सोचने लगती हैं कि अब उन की फिगर पहले जैसा आकार नहीं ले सकती. इसलिए वे अपनी फिटनेस को लेकर लापरवाह हो जाती हैं, जिससे उनकी बौडी थुलथुली हो जाती है व स्किन डल हो जाती है. पर बच्चा पैदा होने के बाद अगर थोड़ा ध्यान खुद पर दिया जाए तो किसी भी महिला की हेल्थ नही बिगड़ेगी. इसीलिए आज हम आपको डिलीवरी के बाद भी अपने को फिट और खूबसूरत कैसे रखें इसके बारे में बताएंगे…

1. डिलीवरी के बाद कब शुरू करें एक्सरसाइज

प्रौफेशनल का कहना है अगर डिलीवरी नौर्मल हुई हो तो डिलीवरी के 6 हफ्तों के बाद कोई भी महिला एक्सरसाइज शुरू कर सकती है और अगर डिलीवरी सिजेरियन हुई हो तो 3 महीनों के बाद महिला एक्सरसाइज शुरू कर सकती है. डिलीवरी के समय वेट गेन होना यानी वजन का बढ़ना नौर्मल है. हर महिला 9 किलोग्राम से 11 किलोग्राम तक वेट गेन करती है. चूंकि इस समय फिजिकल एक्टिविटीज नहीं होती और घी, ड्राई फू्रट्स आदि हाईकैलोरी वाली चीजों का सेवन ज्यादा किया जाता है, तो वजन बढ़ ही जाता है. अगर रोज एक्सरसाइज और खानपान का ध्यान रखा जाए तो बढ़ते वजन को घटाया जा सकता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- 6 टिप्स: डिलीवरी के बाद ऐसे रखें खुद को फिट

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ठंड के कारण मेरी आंखों से पानी आता है, कोई इलाज बताएं?

सवाल-

ठंड के कारण मेरी आंखों से पानी आता है. धुएं के संपर्क में आते ही आंखों में चुभन महसूस होती है, जिस से और ज्यादा पानी आता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सर्दी के मौसम में हवा में नमी की कमी के कारण आंखों से पानी आने की समस्या बढ़ जाती है. गरम चीजों या धुएं के संपर्क में आते ही समस्या और बढ़ जाएगी. वातावरण में नमी लाने के लिए ह्यूमिडीफायर का प्रयोग करें. पानी का अधिक से अधिक सेवन करें. ताजे फल व हरी सब्जियों का सेवन करें. चेहरे पर हीटर या आग की गरमी को सीधा न पड़ने दें. जब भी आंखों से पानी आए आंखों की हलके गरम कपड़े से सिंकाई करें. डाक्टर की सलाह से आई ड्रौप का इस्तेमाल करें. टी बैग की मदद से भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. परेशानी ज्यादा हो तो डाक्टर से मिलें.

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अगर मौनसून में आंखों का ठीक प्रकार से ध्यान न रखा जाए तो उन में कई समस्याएं हो जाती हैं. मसलन, आंखों का सूजना, लाल होना, आंखों का संक्रमण भी हो सकता है. कंजक्टिवाइटिस, आई स्टाई, ड्राई आईज के साथसाथ कौर्नियल अल्सर होने का भी खतरा बढ़ जाता है.

मौनसून में होने वाली आंखों की प्रमुख समस्याएं हैं:

कंजक्टिवाइटिस: कंजक्टिवाइटिस में आंखों के कंजक्टाइवा में सूजन आ जाती है. उन में जलन महसूस होती है. आंखों से पानी जैसा पदार्थ निकलने लगता है.

कारण: फंगस या वायरस का संक्रमण, हवा में मौजूद धूल या परागकण, मेकअप प्रोडक्ट्स.

उपचार: अगर आप कंजक्टिवाइटिस के शिकार हो जाएं तो हमेशा अपनी आंखों को ठंडा रखने के लिए गहरे रंग के ग्लासेज पहनें. अपनी आंखों को साफ रखें. दिन में कम से कम 3-4 बार ठंडे पानी के आंखों को छींटे दें. ठंडे पानी से आंखें धोने से रोगाणु निकल जाते हैं. अपनी निजी चीजें जैसे टौवेल, रूमाल आदि किसी से साझा न करें. अगर पूरी सावधानी बरतने के बाद भी आंखें संक्रमण की चपेट में आ जाएं तो स्विमिंग के लिए न जाएं. कंजक्टिवाइटिस को ठीक होने में कुछ दिन लगते हैं. बेहतर है कि किसी अच्छे नेत्ररोग विशेषज्ञ को दिखाया जाए और उचित उपचार कराया जाए.

कौर्नियल अल्सर: आंखों की पुतलियों के ऊपर जो पतली झिल्ली या परत होती है उसे कौर्निया कहते हैं. जब इस पर खुला फफोला हो जाता है, तो उसे कौर्नियल अल्सर कहते हैं. कौर्नियल अल्सर होने पर आंखों में बहुत दर्द होता है, पस निकलने लगता है, धुंधला दिखाई देने लगता है.

Monsoon Special: आंखों की सुरक्षा है जरुरी

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