बातोंबातों में ही एक दिन भावना ने बताया कि उस के पापा प्राइवेट जौब में थे. कोरोना के कारण वह नहीं रहे तो घर चलाने के लिए उसे अपने सपने त्याग कर यह जौब करनी पड़ी. अमन के पूछने पर वह बोली कि उस का सपना तो पायलट बनने का था मगर आज एक छोटी सी नौकरी करने को मजबूर है. फिर वह बताने लगी कि उस के घर में मांपापा के अलावा एक छोटा भाई भी है और उन सब की जिम्मेदारी भावना पर ही है. उस की बातों से अमन काफी इंप्रैस हुआ और बोला था कि कौन कहता है कि लड़कियां बो झ होती हैं अपने मांबाप पर बल्कि वे तो अपने मातापिता का अभिमान होती हैं और वक्त पड़ने पर उन का सहारा भी बनती हैं.
भावना के पूछने पर अमन ने बताया कि वह यहीं दिल्ली में ही एक बड़ी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर कार्यरत है और उस के पापा पटना में एसबीआई में ब्रांच मैनेजर हैं. मां हाउसवाइफ हैं और एक छोटा भाई है जो बैंगलुरु में मैडिकल की पढ़ाई कर रहा है.
‘‘क्या बात, तुम्हारी तो पूरी फैमिली ही ऐजुकेटेड है,’’ अपने हाथ को हवा में लहराते हुए भावना बोली.
उस पर अमन बोला कि हां, उस के परिवार में, चाचा, मामा और उन के बच्चे भी ऊंचीऊंची पोस्ट पर हैं. कई तो अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रहते हैं. उस पर आश्चर्य से भावना की आंखें फैल गई थीं.
दोनों की दोस्ती अब काफी गहरी हो चुकी थी. छुट्टी में अकसर दोनों साथ समय गुजारते दिख जाते थे. पहले भावना कभी बस तो कभी औटो पकड़ कर औफिस जातीआती थी. मगर अब वह अमन के साथ उस की ही गाड़ी में औफिस जानेआने लगी थी.
एक रोज भावना ने बताया कि वह यहां एक पीजी में रहती है पर पीजी का भाड़ा बहुत ज्यादा है. खाना भी वहां का खाने लायक नहीं होता है. इसलिए रूम शेयरिंग में अगर एक कमरे का घर मिल जाता तो अच्छा होता. उस पर अमन बोला था कि वह भी एक लड़के के साथ, जोकि उस के ही औफिस में काम करता है, रूम शेयरिंग में रहता है. लेकिन अब उस की शादी हो रही है. इसलिए उसे अकेले रहना पड़ेगा. तो क्यों न भावना उस के साथ आ कर रहने लगे?
आइडिया अच्छा था. तय हुआ कि दोनों आधाआधा किराया देंगे और खानेपीने का खर्चा भी मिलबांट कर उठाएंगे. अब दोनों साथ रहने लगे थे. घरबाहर के कामों में भी वे एकदूसरे का पूरा सहयोग करते.
साथ रहने से जल्द ही दोनों के बीच की सारी औपचारिकताएं भी मिट गईं. लेकिन पहल हमेशा भावना की ही तरफ से होती थी और अंजाम तक पहुंचने में अमन उस का भरपूर सहयोग करता था. कोई चूक न हो जाए, इस बात की दोनों पूरी सावधानी बरतते थे. नहींनहीं, भविष्य में इन्हें कोई बंधनवंधन में नहीं बंधना था. यह तो बस जिंदगी के मजे ले रहे थे. अमन के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी. वह घर से भी काफी संपन्न व्यक्ति था. लेकिन भावना पर अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी थी. इसलिए अमन जहां तक हो पाता उस से घर खर्च के पैसे नहीं लेता था. घर का भाड़ा भी अकसर वही भर दिया करता था. इस बात के लिए जब भावना उसे ‘थैंक्स’ कहती, तो अमन हंसते हुए कहता, ‘‘दोस्ती में ‘नो थैंक्यू नो सौरी,’’ और फिर दोनों ठहाके लगा कर हंस पड़ते थे.
छुट्टियों पर अमन अकसर भावना को लौंग ड्राइव पर ले जाता. मौल ले जा कर उसे शौपिंग करवाता, होटलों में खाना खिलाता और बदले में भावना उस पर अपना तनमन लुटाती. भावना के पिछले जन्मदिन पर अमन ने उसे ‘आई फोन’ गिफ्ट किया था और इस जन्मदिन पर लैपटौप. बदले में भावना ने भी उसे एक बढि़या सी व्हाइट शर्ट खरीद कर दी थीं. दोनों अपनीअपनी लाइफ खूब ऐंजौय कर रहे थे. कोई टैंशन नहीं, बस मौज ही मौज. साथ रहते हुए 3 साल कैसे हवा की तरह उड़ गए उन्हें पता ही नहीं चला.
अच्छे पैकेज पर अमन ने मुंबई की एक बड़ी कंपनी जौइन कर ली और उधर भावना ने दिल्ली में कोई दूसरी नौकरी पकड़ ली जो पहले से ज्यादा पैसा दे रहा था. लेकिन दोनों अब भी संपर्क में बने हुए थे. उन का जब भी मन करता एकदूसरे से मिलने आ जाते और अपनी भूख शांत कर तृप्त हो जाते. वैसे भी दिल्ली और मुंबई की दूरी है ही कितनी?
एक रोज जब अमन ने बताया कि उस की शादी तय हो गई, तो भावना खुश होते हुए उसे शादी की बधाई देते हुए बोली कि वह उसे अपनी शादी पर तो बुलाएगा न?
‘‘अरे, यह भी कोई पूछने वाली बात है,’’ हंसते हुए अमन ने कहा था.
इस क्रिसमस की छुट्टी पर अमन ने पटना जाने का प्रोग्राम बनाया था मगर भावना ने उसे दिल्ली बुला लिया यह कह कर कि दोनों खूब मजे करेंगे. अमन ने भी सोचा, अब तो उस की शादी होने ही वाली है, तो क्यों न 1-2 दिन भावना के साथ मजे कर लिए जाएं. 3-4 दिन दिल्ली रह कर वह वहीं से पटना चला गया.
रिटायरमैंट के बाद अमन के मांपापा हमेशा के लिए यहीं दिल्ली रहने आ गए और अमन ने भी मुंबई की कंपनी छोड़ फिर दिल्ली में ही जौब पकड़ ली.
अमन और भावना के बीच पहले की तरह ही नौर्मल बातें होतीं. लेकिन अमन जिस बात को इतना नौर्मल सम झ रहा था, अब वह नौर्मल नहीं रही थी.
उस रात अचानक भावना ने फोन कर अमन से यह कह कर 50 हजार रुपए की मांग कर दी कि उस के पापा की तबीयत बहुत खराब है और अभी उस के पास इतने पैसे नहीं हैं. वह जल्द ही उस के पैसे लौटा देगी. दूसरी बार उस ने अपने भाई की एडमिशन का कह कर पैसे मांगे कि अगर समय पर पैसे नहीं भरे तो एडमिशन की डेट निकल जाएगी. ऐसा करकर के वह जबतब अमन से पैसे झटकने लगी और हर बार पैसे लेते समय वह इतना जरूर कहती कि वह उस के पैसे जल्द ही लौटा देगी और अमन चाह कर भी कुछ बोल नहीं पाता. अभी तक वह धीरेधीरे कर अमन से करीब 2 लाख से ज्यादा ले चुकी थी.
मगर हर बात की एक हद होती है और अमन की अपनी भी जिंदगी थी, उस के भी खर्चे थे. इसलिए इस बार उस ने पैसे देने से साफ मना कर दिया और यह बात भावना को चुभ गई. अपना असली रंग दिखाते हुए बोली, ‘‘वैसे अमन हमारे नाजुक पल के मैं ने कुछ वीडियो बना रखे हैं, देखोगे? कुछ तसवीरें भी खींची थीं. अभी भेजती हूं. बताना पसंद आईं या नहीं,’’ बोल कर वह अजीब तरह से हंसी.
वीडियो और तसवीरें देख कर अमन के तो पैरों तले की जमीन ही खिसक गई.
‘‘ये ये सब क्या है भावना? प्लीज, इन्हें डिलीट करो अभी,’’ अमन घबराया सा बोला.
‘‘अरे, तुम तो घबरा गए और डिलीट क्यों करूं इन्हें? कितना तो अच्छी हैं, देखो न, नहीं लग रहा है कि तुम मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे हो और मैं तुम से खुद को बचाने की कोशिश कर रही हूं… रो रही हूं… गिड़गिड़ा रही हूं… तुम्हारे सामने दया की भीख मांग रही हूं और तुम मु झे दबोचे हुए हो… हांहां, जानती हूं यह सब झूठ है बल्कि मैं ने ही तुम्हें ऐसा करने को कहा था. लेकिन यह बात मानेगा कौन क्योंकि यह वीडियो और फोटो तो यही बता रहे हैं कि तुम मेरा बलात्कार कर रहे हो,’’ बोल कर भावना ठहाका लगा कर हंसी.
मगर अमन को सम झ नहीं आ रहा था कि भावना ने ये वीडियो कब और क्यों बनाया और तस्वीरें भी तो यही कह रही हैं कि उस ने उस के साथ जबरदस्ती की है. लेकिन उस ने तो कभी उस के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की, बल्कि जब भी उन के बीच रिश्ता बना, दोनों की मरजी से बना.
हां, याद आया. उस क्रिसमस पर जब वह भावना से मिलने दिल्ली गया था तब मजाक में ही भावना बोली थी, ‘‘चलो, आज हम कुछ नए तरीके से सैक्स का मजा लेते हैं. ऐसा लगे कि तुम मेरा बलात्कार कर रहे हो और मैं खुद को तुम से बचाने की कोशिश कर रही हूं, गिड़गिड़ा रही हूं, तुम्हारे सामने, दया की भीख मांग रही हूं.’’
उस पर अमन ने हंसते हुए बोला भी था कि यह सब नाटक करने की क्या जरूरत है भावना? उस पर भावना बोली थी, ‘‘अरे, कर के देखो तो सही बहुत मजा आएगा.’’
मगर अमन को यह नहीं पता था कि भावना की यह सब सोचीसम झी चाल है. उस ने जानबू झ कर अमन से ऐसा करवाया था ताकि वीडियो बना कर बाद में उसे ब्लैकमेल कर सके.
‘‘सही सोच रहे हो तुम, मैं ने यह वीडियो जानबू झ कर ही बनाया था ताकि मौका पड़ने पर इसे इस्तेमाल कर सकूं? लेकिन सोचो, अगर यह वीडियो और तसवीरें पुलिस के पास चली गईं तो क्या होगा?’’ अपने अधर को टेढ़ा कर भावना मुसकराते हुए बोली, ‘‘वैसे, मैं ऐसा होने नहीं दूंगी. लेकिन सोच रही हूं रागिनी को सैंड कर दूं. उसे बहुत पसंद आएगा. तुम क्या कहते हो?’’
‘‘तुम… तुम चाहती क्या हो?’’ अमन चीख पड़ा था.
‘‘पैसे और जब भी बुलाऊं आना पड़ेगा,’’ इठलाते हुए भावना बोली. पैसे देने से मना करने पर वह अमन को पुलिस का डर दिखाती. कहती कि पूरी दुनिया में उसे बदनाम कर देगी. फिर उसे मुंह छिपाने के लिए जगह नहीं मिलेगी और डर कर अमन उस की हर गलतसही मांग को मानता जा रहा था. भावना ने उस की हंसतीखेलती जिंदगी को मजाक बना कर रख दिया था. लेकिन अब वह इन सब से थकने लगा था. मन करता नींद की गोलियां खा कर सो जाए या किसी ट्रेन के नीचे आ जाए. लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं था. अपनी जिस शादी को ले कर अमन इतना खुश था, अब उसी से उसे डर लगने लगा था. सोचता, अगर रागिनी को यह सब पता चल गया तो क्या होगा, उलटेपुलटे विचार आते उस के मन में और वह सिहर उठता.
भावना के फोन का स्पीकर खराब हो गया था. इसलिए उस ने अमन को व्हाट्सऐप मैसेज कर 1 लाख रुपए ले कर आने को बोल दिया वह भी तुरंत. लेकिन अमन के पास सच में पैसे नहीं थे अभी. इसलिए उस ने उसे पैसे देने से मना कर दिया.
‘‘फिर अंजाम क्या होगा यह भी सम झ लो तुम,’’ मैसेज कर के ही भावना बोली, ‘‘कल शाम 5 बजे पैसे तैयार रखना. सम झ लो नहीं तो मैं यह वीडियो और तसवीरें पुलिस के पास पहुंचा दूंगी और तुम्हारी उस रागिनी को भी. फिर मत कहना कि बताया नहीं था.’’
अमन ने उस की बातों का फिर कोई जवाब नहीं दिया और उन्हीं कपड़ों में घर से बाहर निकल गया. रागिनी जब अमन से मिलने उस के घर पहुंची तो छाया ने बताया कि पता नहीं सुबह से ही वह कहां गया है? कुछ बता कर भी नहीं गया है. इसलिए वह खुद ही उसे फोन कर के पूछ ले. रागिनी ने जब अमन को फोन मिलाया तो पता चला वह अपना फोन घर पर ही भूल गया है. पता नहीं रागिनी का क्या मन हुआ कि वह उस का व्हाट्सऐप खोल कर देखने लगी. भावना और अमन का मैसेज पढ़ कर पहले तो वह हक्कीबक्की रह गई, लेकिन जब भावना का
डीपी खोल कर गौर से देखा, तो शौक्ड रह गई क्योंकि भावना वही लड़की थी जिस के कारण रागिनी के एक अजीज दोस्त, श्लोक ने अपनी जान दे दी थी. मगर कोई सुबूत न होने के
कारण पुलिस को किसी पर कोई शक नहीं हो पाया था और गुनहगार बच निकला था. लेकिन मरतेमरते श्लोक ने रागिनी को भावना की सारी सचाई बता दी थी. आज फिर वही सब अमन के साथ होते देख रागिनी का खून खौल उठा. उसे डर था कि कहीं श्लोक की तरह अमन भी कुछ कर न ले.
रागिनी को सब सम झ में आने लगा कि अचानक अमन का व्यवहार इतना क्यों बदल गया? क्यों वह हर बात पर झुं झला उठता? क्यों शादी को ले कर कोई रुचि नहीं दिखाता? भावना ने और भी कई लड़कों को अपनी सुंदरता के जाल में फंसा कर प्राइवेट पल के वीडियो का भय दिखा कर उन्हें अपना निशाना बनाया था.
रागिनी ने फटाफट अमन के फोन से भावना के सारे मैसेज, फोटो, वीडियो अपने फोन में ट्रांसफर कर लिए और छाया से यह बोल कर घर से निकल गई कि अमन ने उसे गार्डन रैस्टोरैंट में मिलने बुलाया है तो वह जा रही है. लेकिन घर से वह यह सोच कर निकली कि अब वह भावना को नहीं छोड़ेगी. उसे उस की करनी की सजा दिलवा कर रहेगी.
अमन कहीं कुछ ऐसावैसा न कर ले इसलिए रागिनी ने पहले उसे ढूंढ़ने की कोशिश की. मिलने पर वह अमन को एक शांत पार्क में ले गई. अमन अभी भी चुप था. रागिनी ने अपनी हथेलियों के बीच उस के हाथ को प्यार से दबाते हुए फिर पूछा कि भावना से उस का क्या रिश्ता है, तो पहले तो वह झूठ बोल गया कि वह किसी भावना को नहीं जानता है, लेकिन जब उस ने सारे मैसेज, जो भावना ने उसे भेजे थे, दिखाए तो वह टूट गया. अपने आंसू पोंछते हुए उस ने 1-1 कर सारी बातें रागिनी के सामने रख दी और कहने लगा कि अब वह जीना नहीं चाहता.
मगर रागिनी उसे धैर्य बंधाते हुए बोली, ‘‘मरने से क्या होगा? यही कि उस के मांपापा भी नहीं बचेंगे. उसे तो यह सोचना है कि भावना को कैसे सबक सिखाया जाए ताकि वह फिर किसी को अपना शिकार न बना सके और तुम ने मु झे यह सब क्यों नहीं बताया? यह सोच कर कि मैं तुम्हें गलत सम झूंगी? पागल हो? क्या मैं अपने अमन को नहीं जानती. चिंता मन करो सबकुछ ठीक हो जाएगा. चलो, अब उठो, घर चलते हैं. वहां आंटीअंकल तुम्हारे लिए परेशान हो रहे हैं,’’ अमन का हाथ पकड़ कर रागिनी बोली तो वह उस के पीछे चल पड़ा.
रागिनी की बातों ने अमन को एक राहत तो पहुंचाई पर डर अब भी उस के दिल में बैठा हुआ था कि जब छाया को यह सब पता चलेगा तो क्या होगा?
छाया जब अमन के लिए उस के कमरे में खाना ले कर पहुंची, तो उस का मन किया मां को पकड़ कर खूब रोए. बेटे की हालत देख कर छाया को उस की चिंता होने लगी. लेकिन अभी भी वह सम झ नहीं पा रही थी कि उसे हुआ क्या है. इधर रागिनी कुछ जरूरी काम का बता कर वहां से निकल गई. अमन ने तो सोच लिया था अब उसे जीना ही नहीं है. लेकिन रागिनी ने कुछ और ही सोच रखा था.
पहले तो रागिनी ने भावना से दोस्ती गांठी. फिर एक अच्छी दोस्त बनने का दिखावा कर उस का विश्वास जीता यह कह कर कि वह अपनी कंपनी में उसे बढि़या जौब दिलवा देगी जहां उसे पहले से ज्यादा सैलरी मिलेगी. अकसर दोनों साथ में शौपिंग करते और मूवी भी देखने जाते थे.
उस संडे दोनों ने ‘कटहल’ मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया. मूवी देखने के बाद दोनों एक रैस्टोरैंट में खाना खाने गए. जहां रागिनी ने यह बोल कर भावना से उस का फोन मांग लिया कि उसे एक जरूरी मैसेज करना है और उस का नैट बहुत स्लो चल रहा है. फिर उस ने भावना के फोन से सारे डिटेल्स अपने फोन में ट्रांसफर कर लिए जिसे भावना को भनक तक नहीं लगी.
रागिनी अमेरिका के कई हैकर्स को जानती थी जो उसी की कंपनी में काम करते थे. उस ने भावना के बारे में उन्हें बताया और उन से मदद मांगी. हैकर्स ने उस से भावना के फोन डिटेल्स मांगी जो रागिनी ने उन्हें दे दी और ये सारे डिटेल्स हैकर्स के लिए काफी थीं.
दूसरे दिन ही हैकर्स भावना का लड़कों को ब्लैकमेल करने का धंधा पकड़ लेते हैं. भावना कुछ सम झ पाती, उस से पहले ही पुलिस उस के हाथों में हथकड़ी लगा दी. वह तो सोच भी नहीं सकती थी कि रागिनी ने सिर्फ इसलिए उस की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था क्योंकि वह उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहती थी और जिस में आज वो कामयाब हो चुकी थी.
खैर, जैसे को तैसा, तो होना ही था. आखिर कब तक वह अपनी सुंदरता की आड़ में अमन और राहुल जैसे लड़कों का फायदा उठाती. अमन की चेहरे की रौनक अगर वापस आई थी तो वह रागिनी की वजह से. आज दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुश है और भावना जेल की सलाखों के पीछे है.
कुछ हैकर्स ऐसे भी होते हैं जो सही उद्देश्य के लिए काम करते हैं और उन्हें एथिकल हैकर्स या व्हाइट हैकर्स भी कहा जाता है.