औफिस से निकल कर रितु आकाश रेस्तरां में पहुंची. वहां एक कोने में बैठी शिखा को उस ने फौरन पहचान लिया, क्योंकि समीर ने उसे उस का फोटो दिखा रखा था.
रितु जानबूझ कर उस की तरफ बढ़नेके बजाय किसी को खोजने वाले अंदाज में इधरउधर देखने लगी. वह नहीं चाहती थी कि शिखा को यह मालूम पड़े कि वह उसे पहले से पहचानती थी.‘‘रितु,’’ शिखा ने जब उसे पुकारा तभी वह उस की तरफ बढ़ी.
शिखा के सामने वाली कुरसी पर बैठते ही रितु ने उस से आक्रामक लहजे में पूछा, ‘‘तुम ने मुझे फोन कर के यहां क्यों बुलाया है?’’शिखा ने गहरी सांस लेने के बाद रितु के हाथ पर अपना हाथ रखा और फिर सहानुभूति भरी आवाज में पूछा, ‘‘क्या तुम समीर से शादी कर के खुश हो?’’‘‘तुम मुझ से यह सवाल क्यों पूछ रही हो?’’ रितु के माथे पर बल पड़ गए.
‘‘तुम मुझे अपनी शुभचिंतक समझे.’’‘‘तुम मेरा कुछ भला करने जा रही हो?’’‘‘हां.’’‘‘क्या?’’‘‘इन्हें देखो,’’ कह शिखा ने अपने पर्स से कुछ पोस्टकार्ड साइज की तसवीरें निकाल कर रितु को पकड़ा दीं.रितु उन तसवीरों को देख कर हक्कीबक्की रह गई. उफ, मुंह से सिर्फ इतना निकला और फिर सिर झुका लिया.
शिखा ने उत्तेजित लहजे में बोलना शुरू किया, ‘‘यों मायूस होने के बजाय तुम मेरी बात ध्यान से सुनो. ये तसवीरें साफ बता रही हैं कि तुम से शादी करने से पहले समीर ने मेरे साथ प्यार का नाटक खेला था. शादी का वादा करने के बाद मुझे धोखा दिया… मेरी जिंदगी बरबाद कर दी… देख लेना एक दिन वह तुम्हें भीधोखा देगा.’’‘‘ऐसा न बोलो,’’ रितु रोंआसीहो उठी.
‘‘वह भरोसे के काबिल है ही नहीं, रितु. उस ने मुझे छोड़ा, क्योंकि तुम एक अमीर बाप की बेटी थीं. अब किसी और कली का प्रेमी बन कर उसे धोखा देगा, क्योंकि वहलालची होने के साथसाथ स्वाद बदलने का भी आदी है.’’‘‘अगर उस ने मेरे साथ ऐसा कुछ किया, तो मैं उस की जान ले लूंगी,’’ रितु अचानक गुस्से से फट पड़ी.‘‘उसे सीधी राह पर रखने का यही तरीका है कि वह तुम से डरे, रितु.
तुम समीर पर कभी भरोसा न करना. उस की मीठी बातों में न आना. किसी भी औरत का दिल जीतने की कला मेंवह कितना निपुण है, इस का अंदाजा तो अबतक तुम्हें भी हो गया होगा. रितु, अगर तुम ने कभी उसे किसी भी सुंदर स्त्री के साथ घुलनेमिलने का मौका दिया, तो बुरी तरह पछताओगी.’’‘‘धन्यवाद शिखा. तुम ने मुझे वक्त से चेता दिया.
अब मैं पूरी तरह होशियार रहूंगी,’’ रितु ने फौरन उस का आभार प्रकट किया.‘‘मेरी शुभकामनाएं सदा तुम्हारे साथ हैं.’’‘‘मैं तुम से मिलती रहना चाहूंगी.’’‘‘मैं अपना फोन नंबर तुम्हें देती हूं.’’‘‘और अपना पता भी दे दो.’’‘‘ठीक है.’’‘‘इन तसवीरों को मैं रख लूं?’’‘‘क्या करोगी इन का?’’‘‘इन्हीं के बल पर तो मैं समीर की नाक में नकेल डाल पाऊंगी.’’‘‘तो रख लो.’’‘‘धन्यवाद. अब कुछ ठंडा या गरम पी लिया जाए?’’
रितु ने वार्त्तालाप का विषय बदला और फिर दोनों सहेलियों की तरह गपशप करने लगीं. रितु शाम 7 बजे के करीब घर पहुंची.समीर ने मुसकरा कर स्वागत किया. वह उसे अपने पास बैठाना चाहता था, पर रितु ने अपने पर्स से तसवीरें निकाल कर उसे पकड़ाईं और बिना कुछ बोले अपने कमरे में चली गई.
रितु ने अभी पूरे कपड़े भी नहीं बदले थेकि समीर कमरे में आ गया, ‘‘तो मेरी पुरानी सहेली आज तुम से मिलने पहुंच ही गई,’’और फिर रितु को बांहों में भर कर अपनी गरमगरम सांसें उस के कान में छोड़नी शुरूकर दीं.‘‘तुम मुझ से दूर रहो,’’ रितु उस की बांहों की कैद से निकलने की कोशिश करने लगी.‘‘मैं ने तुम से दूर रहने के लिए शादी नहीं की है, जानेमन.’’‘‘शिखा ने मुझे आगाह कर दिया है.’’‘‘किस बारे में?’’‘‘यही कि तुम औरतों का दिल जीतने की कला में बहुत ऐक्सपर्ट हो, पर अब से तुम मुझे उत्तेजित कर के बुद्धू नहीं बना सकोगे.’’‘‘कोशिश करने में क्या हरज है, स्वीटहार्ट,’’ समीर ने उस के गालों को चूमना शुरू कर दिया.‘‘तुम एक दिन किसी दूसरी औरत के चक्कर में जरूर फंस जाओगे.’’‘‘ऐसा शिखा ने कहा?’’‘‘हां.’’‘‘नैवर… बंदा तुम्हें जिंदगी भर सिर्फ तुम्हारा दीवाना बना रहने का वचन दे सकता है.’’‘‘उस ने कहा है कि तुम उस की मीठी बातों पर कभी विश्वास न करना.’’‘‘मेरी बातों पर नहीं, बल्कि मेरे ऐक्शन पर विश्वास करो, मेरी जान,’’ समीर ने उसे झटके से अपनी बांहों में उठा लिया और फिर गुसलखाने की तरफ चल दिया.‘‘अरे, गुसलखाने में क्यों जा रहे हो?’’ रितु घबरा उठी.‘‘आज साथसाथ नहाने का मूड है.’’‘‘मेरे कपड़े भीग जाएंगे.’’‘‘मेरे भी भीगेंगे, पर मैं तो शोर नहीं मचा रहा हूं.’’
रितु के रोके समीर रुका नहीं. जब फुहारे का ठंडा पानी दोनों पर पड़ने लगा, तो रितुमस्त हो अपनी आंखें मूंद समीर के बदन से लिपट गई.‘‘मेरा हनीमून जिंदगी भर चले,’’ ऐसी कामना करने के बाद उस ने अपने तनमन को समीर के स्पर्श से मिल रही उत्तेजक गुदगुदी के हवाले कर दिया.3 दिन बाद रितु ने लंच अवकाश में शिखा से फोन पर बात की.‘‘मैं अपनी अटैची ले कर आज सुबह मायके रहने आ गई हूं,’’ रितु ने उसे गंभीर स्वर में जानकारी दी.‘‘क्या झगड़ा हुआ समीर से?’’ शिखा की आवाज में फौरन उत्सुकता के भाव पैदा हुए.‘‘हां.’’‘‘किस बात पर?’’
‘‘बात लंबी है और मुझे तुम्हारी सलाह भी चाहिए. क्या शाम को मैं तुम से मिलने तुम्हारे घर आ जाऊं?’’‘‘हां, आ जाओ पर कुछ तो बताओ कि हुआ क्या है?’’‘‘अभी नहीं, आसपास कई लोग हैं.’’‘‘कितने बजे तक पहुंचोगी?’’‘‘7 तक.’’‘‘मैं इंतजार करूंगी.’’फोन बंद कर रितु रहस्यमयी अंदाज में मुसकरा रही थी. शाम को घंटी बजाने पर दरवाजा शिखा नेही खोला.
वह अपनी मां के साथ फ्लैट में रहती थी. दोनों ड्राइंगरूम में बैठीं तो उस की मां वहां से उठ कर अपने कमरे में टीवी देखने चली गईं. ‘‘क्या बहुत झगड़ा हुआ तुम दोनों के बीच?’’ शिखा से सब्र नहीं हुआ और उस ने बैठते ही वार्त्तालाप शुरू कर दिया.‘‘समीर का असली चेहरा बेनकाब करवाने में मेरी सहायता करने के लिए तुम्हारा बहुतबहुत धन्यवाद, शिखा,’’ रितु भावुक हो उठी.‘‘हुआ क्या है, यह तो बताओ?’’‘‘उस ने मेरी बहुत बेइज्जती की.’’‘‘क्या किया उस ने?’’‘‘मैं ने तो उस से तलाक लेने का मन बना लिया है.’’‘‘क्यों, तुम उस पर इतना गुस्सा हो रही हो?’’‘‘मेरा बस चले तो मैं उस की जान हीले लूं.’’‘‘रितु,’’ शिखा चिढ़ उठी, ‘‘तुम पहले मुझे वह सब क्यों नहीं बता रही हो, जो तुम दोनों के बीच घटा है?’’‘‘उस की बातों को याद कर के मेरा दिल करता है कि उसे कच्चा चबा…’’‘‘रितु,’’ शिखा चिल्ला पड़ी.
रितु ने उसे अजीब नजरों से देखने के बाद चिढ़े लहजे में कहा, ‘‘उस ने मुझ से साफसाफ कह दिया कि कोई न कोई प्रेमिका उस की जिंदगी में हमेशा रहेगी.’’‘‘क्या?’’‘‘और यह भी कहा कि मैं अकेली उसे कभी संतुष्ट नहींकर पाऊंगी.’’‘‘तुम्हारा ऐसा अपमान करने की उस की हिम्मत कैसे हुई?’’‘‘उस ने मुझे मोटी भैंसभी कहा.’’‘‘तुम ने उस के सिर पर कुछ फेंक कर क्यों नहीं मारा?’’‘‘मुझे बदसूरत भी कहा और यह भी ताना मारा कि न मुझे ढंग के कपड़े पहनने की तमीज है और न ही मेरे पास ढंग के कपड़े हैं.’’‘‘तुम ने अच्छा किया जो मायके चली आईं… अब जब तक वह तुम से हाथ जोड़ कर माफी न मांगे, तुम वापस मत जाना.’’‘‘मैं अपनी मरजी से मायके नहीं आई हूं, शिखा.’’‘‘तो?’’‘‘उस ने मुझे जबरदस्ती भेजा.’’‘‘क्यों?’’‘‘उस ने चेतावनी दी है कि जब तक मेरी पर्सनैलिटी में निखार न आ जाए.
तब तक वापस न आना.’’‘‘वह खुद शर्मिंदा होनेके बजाय उलटा तुम्हें धमकी देरहा है?’’‘‘हां, मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि अब मैं क्या करूं?’’‘‘तुम उस से न डरो और न उस के सामने झुको, रितु. इस बार तुम अगर कमजोर पड़ गईं, तो उसे दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ाने की खुली छूट मिल जाएगी.’’‘‘अगर मैं अपनी जिद पर अड़ी रही, तो मेरा घर उजड़सकता है.’’‘‘ऐसा कुछ नहीं होगा.’’रितु इस का कोई जवाब दे पाती, उस से पहले ही किसी ने घंटी बजा दी तो शिखा दरवाजा खोलने चली गई.
ड्राइंगरूम में जब गुस्से से आगबबूला हो रहे समीर ने शिखा के आगेआगे कदम रखा तो रितु चौंक कर खड़ीहो गई.‘‘मुझे पता था कि तुम यहीं मिलोगी,’’ समीर की आवाज गुस्से के मारे कांप रही थी, ‘‘इस चालाक औरत की बातों में आ कर तुम क्यों अपना घर बरबाद कर रही हो?’’‘‘इन्हें तुम्हारा असली चेहरा क्या है, यह मालूम पड़ना ही चाहिए,’’ शिखा ने रितु की तरफदारी की.‘‘क्या ये तुम्हारा असली चेहरा पहचानती हैं?’’ समीर ने अपनी भूतपूर्व प्रेमिका को गुस्सेसे घूरा.‘‘ये जानती हैं कि मैं इन की शुभचिंतक…’’‘‘नहीं,’’ समीर ने उसे टोक दिया, ‘‘तुम्हारा इरादा तो हमारे विवाहित जीवन की खुशियों को बरबाद करने का है.
क्या तुम ने इसे यह बताया है कि हमारा रिश्ता क्यों टूटा था?’’‘‘तुम्हारे गंदे दिमाग में जो बेबुनियाद शक…’’‘‘मेरा शक बेबुनियाद होता, तो उस शाम तुम मेरे हाथों चुपचाप मार न खातीं.’’ समीर ने फिर रितु को संबोधित किया, ‘‘इस की बदचलनी का ब्योरा मैं तुम्हें सुनाता हूं. मैं वायरल बुखार की चपेट में आ कर करीब 10 दिनों तक बिस्तर पर पड़ा रहा था.
इस धोखेबाज ने इसी घर के अंदर अपने एक सहयोगी के साथ मुंह काला किया. मैं ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ा था. उस शाम मैं बड़ी कठिनाई से इसे सरप्राइज देने आया था, पर जो सरप्राइज मु?ो मिला उस का जख्म आज भी टीसता है तो मैं ढंग से सो नहीं पाता हूं, रितु.’’‘‘यह झूठ बोल रहा है,’’ शिखा चिल्लाई.‘‘कौन सच्चा है और कौन झूठा, इस की गवाही के लिए तुम्हारे पड़ोसियों को बुलाऊं?’’‘‘तुम जैसे घटिया आदमी से मैं सारे संबंध पहले ही तोड़ चुकी हूं.
तुम इसी वक्त यहां से चले जाओ.’’‘‘अगर सारे संबंध तोड़ चुकी थीं, तो फिर मेरी पत्नी को मेरे खिलाफ भड़ाकने की कोशिश क्यों की?’’‘‘मैं ने ऐसी कोई कोशिश नहीं…’’‘‘चुप,’’ उसे डांट कर चुप कराने के बाद समीर ने रितु की तरफ घूम कर उसे धमकी दी, ‘‘इस के कहे में आ कर मेरा दिमाग खराब करने की सजा तुम्हें भी मिलेगी. जब तक तुम मेरे मनमुताबिक चलने और दिखने लायक न हो जाओ, तब तक अपने मायके में ही सड़ो,’’ पत्नी को धमकी दे कर समीर गुस्से से पैर पटकता दरवाजे की तरफ चल पड़ा.
कुछ कदम चल कर वह अचानक पलटा और क्रूर मुसकान होंठों पर सजा कर शिखा से बोला, ‘‘तुम ने जो फोटो मेरे घर में आग लगाने के लिए रितु को दिए थे, अब वही फोटो तुम्हारी ऐसी की तैसी करेंगे. मैं देखता हूं कि तुम्हारी शादी अब नीरज से कैसे होती है.’’ समीर को शिखा ने रोकने की कोशिश जरूर की, पर उस के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल पाया.
उस का चेहरा पीला पड़ गया था. बेहद चिंतित नजर आते हुए वह थकीहारी सी सोफे पर बैठ गई.रितु के कई बार पूछने पर शिखा ने उसे रोंआसी आवाज में बताया, ‘‘नीरज से मेरा रिश्ता पक्का होने जा रहा है.’’‘‘तब तो समीर उन फोटोज के बलपर तुम्हारे लिए गंभीर समस्या खड़ी करसकता है,’’ रितु भी चिंतित नजर आने लगी.‘‘वे फोटो मैं ने तुम्हारी हैल्प करने के लिए तुम्हें दिए थे.
प्लीज, अब उन को तुम ही वापस ला कर दो, रितु,’’ शिखा बहुत घबराई सी नजर आ रही थी.‘‘वे फोटो मैं तुम्हें जरूर लौटाऊंगी… तुम फिक्र न करो, लेकिन…’’‘‘लेकिन क्या?’’‘‘मैं तो वापस घर नहीं जा सकती. अभी तुम ने समीर की धमकी सुनी थी न.’’‘‘मेरी खातिर वापस चली जाओ, प्लीज,’’ शिखा ने उस के सामने हाथ जोड़ दिए.‘‘नहीं,’’ रितु ने सख्ती से इनकार कर दिया.‘‘प्लीज.’’‘‘तुम समझ नहीं रही हो… मैं ने पक्का इरादा कर लिया है कि अपनी फिगर ठीक करने के लिए पहले जिम जाना शुरू करूंगी… कुछ नई ड्रैसेज खरीदूंगी… ब्यूटीपार्लर से ब्राइडल पैकेज लूंगी, जो मुझे दुलहन सा आकर्षक बना दे.
मैं अगर इन सब कदमों को उठाए बिना लौट गई, तो मेरी कितनी किरकिरी होगी, जरा सोचो तो,’’ रितु परेशान नजर आने लगी.‘‘मेरे सुखद भविष्य की खातिर उन फोटोज का वापस मिलना क्या जरूरी नहीं है?’’‘‘यह भी ठीक है, पर मैं नहीं चाहतीकि समीर मुझे दुत्कार कर फिर से मायकेभेज दे.’’‘‘तो कल ही तुम इन सब सोचे हुए कामों को कर डालो.
फिर फौरन लौट कर उस से फोटो ले कर मुझे लौटा दो.’’‘‘मैं चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकती हूं, शिखा,’’ रितु ने गहरी सांस छोड़ी.‘‘क्यों?’’‘‘मैं अपनी सारी पगार समीर को दे देती हूं. मेरे अकाउंट में मुश्किल से क्व2 हजार होंगे. अपने मम्मीपापा से मैं ने आर्थिक सहायता न लेने का प्रण कर रखा है, क्योंकि वे रुपए देते हुए मुझे बहुत शर्मिंदा करते हैं.’’‘‘तब सारा खर्चा कैसे करोगी?’’‘‘अगले महीने से अपनी पगार मैं अपने पास रखूंगी.’’‘‘पर तब तक तो समीर न जाने क्याकर बैठेगा.’’‘‘शायद कुछ न करे,’’ रितु ने उसे तसल्ली देने की कोशिश की, पर शिखा की चिंता कम नहीं हुई.
शिखा बहुत देर तक भुनभुनाते हुए कभी समीर को तो कभी रितु को भलाबुरा कहतीरही. उस की सारी बातें को रितु ने खामोश रह कर सुना.कुछ वक्त तो लगा, पर अपना बहुत सारा खून फूंकने के बाद आखिर में शिखा को यहबात समझ आ ही गई कि अगर फोटो लानेके लिए उसे रितु को फौरन लौटने के लिएराजी करना है, तो उसे अपनी ही जेब हलकी करनी पड़ेगी. अगले दिन शिखा ने क्व5 हजार दे कररितु की 3 महीने की जिम कीफीस भरी.
फिर बाजार से कपड़ों की खरीदारीमें क्व8 हजार खर्च किए. बाद में ब्यूटीपार्लर में क्व10 हजार ऐडवांस जमा कराते हुए शिखा रोंआसी हो उठी थी.‘‘धन्यवाद शिखा. मैं अभी यहीं से अपने घर लौट जाती हूं. कल तक वे फोटो तुम्हें कूरियर से मिल जाएंगे, यह मेरा वादा रहा,’’ कह रितु बहुत खुश नजर आ रही थी.‘‘मेरा काम जरूर कर देना, प्लीज,’’ परेशान नजर आ रही शिखा उसे मन ही मन खूब गालियां दे रही थी.‘‘चिंता न करो… मुझे भी तुम अपना शुभचिंतक समझे,’’ रितु ने उसे जबरदस्ती गले लगाया और फिर अपने घर चल दी.
रितु को पलपल दूर होता देख रही शिखा उस घड़ी को कोस रही थी जब उस ने समीर की विवाहित जिंदगी में अशांति पैदा करने के लिए रितु को रेस्तरां में बुलाया था. उसे क्व23 हजार की चपत तो लगी ही थी, पर जो बात उसे बहुत ज्यादा चुभ रही थी, वह यह एहसास था कि समीर और रितु ने मिल कर बड़ी चतुराई से उसे बुद्धू बनाया.