प्रेग्नेंसी में तनाव से होता है मिसकैरिज का खतरा, जानिए क्या करना चाहिए

प्रेग्नेंसी के वक्त आपको बेहद सीवधानी बरतनी होती है. इसमें आपका खानपान, दिनचर्या और मानसिक अशांति शामिल है. हालिया अध्ययन में ये बात सामने आई कि प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा तनाव में रहने वाली महिलाओं में मिसकैरिज (Miscarriage) का खतरा बढ़ जाता है.

शोधकर्ताओं का दावा है कि प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव में रहने वाली महिलाओं में गर्भपात का खतरा 42 फीसदी अधिक हो जाता है. इससे पहले हुए अध्ययन की रिपोर्ट में यह पाया गया था कि 24 सप्ताह की प्रेग्नेंसी में होने वाले गर्भपात में 20 फीसदी मामले तनाव के कारण होते हैं. हालांकि बाद में हुए अध्ययन के बाद यह पाया गया कि आंकड़ें इससे कहीं ज्यादा हैं. क्योंकि गर्भपात के कई मामले दर्ज ही नहीं होते.

इसके अलावा रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई कि युवावस्था से ही तनाव और अवसाद का सामना करने वाले लोगों को आगे जीवन में कई तरह की बीमारियों का खतरा तेज हो जाता है.

जानिए कैसे करें प्रेग्नेंसी में तनाव पर काबू

  • अगर आप कोई काम नहीं करना चाहती तो मना करना सीखें. टेंशन ले कर किसी काम को करना आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है.
  • घर का ज्यादा काम ना करें. कोशिश करें कि अपने लिए कुछ खास वक्त निकालें. खाली वक्त में आप किताबें पढ़ सकती हैं या आराम कर सकती हैं.
  • अगर आप कामगर महिला हैं तो औफिस से छुट्टी लें और घर पर आराम कर अपना वक्त बिताएं.
  • स्वीमिंग या वौक नियमित तौर पर करें.
  • हेल्दी खाएं, संतुलित आहार आपके शरीर और मानसिक सेहत दोनों को ठीक रखेगा.
  • रात में जल्दी सोने की आदत डाल लें. आपके बच्चे के लिए ये बेहद जरूरी है.
  • दूसरों की बातों का बुरा ना माने. इस दौरान अगर लोग आपको कुछ कहते भी हैं तो उन्हें अनसुना कर दिया करें.
  • लाख कोशिशों के बाद भी आप तनाव से दूर नहीं हो पा रही हैं तो बेहतर है कि आप किसी डाक्टर या थेरेपिस्ट से संपर्क करें.

Anupama: डिंपल ने दी गुड न्यूज, मालती देवी ने छोड़ा घर

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ में इन दिनों काफी ट्विस्ट देखने को मिल रहे है. वहीं ‘अनुपमा’ के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि शाह हाउस में खुशखबरी आने वाली है. शो में खुशी का महौल है छाया हुआ है. डिंपी ने अपनी प्रेग्नेंसी की गुड न्यूज  सुना दी है जिससे शाह हाउस से लेकर कपाड़िया हाउस तक खुशी से झूम उठा है. वहीं शो में गणपति बप्पा के आगमन के साथ ही घर में नन्हें मेहमान का जश्न भी मनाया जा रहा है. टीवी सीरियल अनुपमा के बीते एपिसोड में देखने को मिला था कि एक तरफ डिंपल प्रेग्नेंसी की खबर को लेकर काफी खुश है. वहीं दूसरी ओर मालती देवी घर छोड़कर चली जाएगी.

समर डिंपल की प्रेग्नेंसी को लेकर एक्साइटेड है

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ के अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलेगा कि डिंपी की प्रेग्नेंसी की खबर सुनकर समर बहुत खुश होते है. इस दौरान वह डिंपी से खुशी जाहिर करता है और कहता है वह अपने आने वाले बच्चों को कभी किसी चीज के लिए कमी नहीं होने देंगे. इसके बाद वह कहता है कि मुझे अब पापा और तोषू का इमोशन्स समझ आया है. उसी के बाद समर की फोटो फ्रेम नीचे गिर जाता है.

वहीं शो में आगे देखने को मिलेगा कि अनुपमा और अनुज बेडरुम में होते है वह समर और डिंपी की गुड न्यूज को लेकर खुश नजर आते है. वहीं अनुज मजाक में अनुपमा से कहता है कि हम दोनों को भी बेबी प्लान करना चाहिए.

 

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शाह हाउस छोड़कर जाएगी मालती देवी

टीवी सीरियल अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में आगे देखने को मिलेगा कि डिंपी की प्रेग्नेंसी की गुड न्यूज के बीच मालती देवी घर छोड़कर चली जाएगी. वह अनुपमा के लिए एक चिट्ठी भी छोड़कर जाएगी. चिट्ठी में लिखा होगा, “मैं जा रही हूं, तुम परेशान मत होना अपनी जान नहीं दूंगी. मेरी जिंदगी ही मेरी सजा है. अनुज का कहना है कि मेरी गलती माफी लायक नहीं है, लेकिन अनुज अपनी अभाग मां को माफ कर देना.”

फिर वही शून्य- भाग 3 : क्या शादी के बाद पहले प्यार को भुला पाई सौम्या

वज्रपात हुआ जैसे मुझ पर. नियति ने कैसा क्रूर मजाक किया था मेरे साथ. समर की रिहाई  हुई तो मेरी शादी के फौरन बाद. किस्मत के अलावा किसे दोष देती? समय मेरी मुट्ठी से रेत की तरह फिसल चुका था. अब हो भी क्या सकता था?

इसी उधेड़बुन में कई दिन निकल गए. पहले सोचा कि वीरां से बिना मिले ही वापस लौट जाऊंगी, लेकिन फिर लगा कि जो होना था, हो गया. उस के लिए, वीरां के साथ जो मेरा खूबसूरत रिश्ता था, उसे क्यों खत्म करूं? अजीब सी मनोदशा में मैं ने उस के घर का नंबर मिलाया.

‘‘हैलो,’’ दूसरी तरफ से वही आवाज सुनाई दी जिसे सुन कर मेरी धड़कनें बढ़ जाती थीं.

विधि की कैसी विडंबना थी कि जो मेरा सब से ज्यादा अपना था, आज वही पराया बन चुका था. मैं अपनी भावनाओं पर काबू न रख पाई. रुंधे गले से इतना ही बोल पाई, ‘‘मैं, सौम्या.’’

‘‘कैसी हो तुम?’’ समर का स्वर भी भीगा हुआ था.

‘‘ठीक हूं, और आप?’’

‘‘मैं भी बस, ठीक ही हूं.’’

‘‘वो…मुझे वीरां से बात करनी थी.’’

‘‘अभी तो वह घर पर नहीं है.’’

‘‘ठीक है,’’ कह कर मैं रिसीवर रखने लगी कि समर बोल उठा, ‘‘रुको, सौम्या, मैं…मैं कुछ कहना चाहता हूं. जानता हूं कि मेरा अब कोई हक नहीं, लेकिन क्या आज एक बार और तुम मुझ से शाम को उसी काफी शाप पर मिलोगी, जहां मैं तुम्हें ले जाता था?’’

एक बार लगा कि कह दूं, हक तो तुम्हारा अब भी इतना है कि बुलाओगे तो सबकुछ छोड़ कर तुम्हारे पास आ जाऊंगी, लेकिन यह सच कहां था? अब दोनों के जीवन की दिशा बदल गई थी. अग्नि के समक्ष जिस मर्यादा का पालन करने का वचन दिया था उसे तो पूरा करना ही था.

‘‘अब किस हैसियत से मिलूं मैं आप से? हम दोनों शादीशुदा हैं और आप की नजरों का सामना करने का साहस नहीं है मुझ में. किसी और से शादी कर के मैं ने आप को धोखा दिया है. नहीं, आप की आंखों में अपने लिए घृणा और वितृष्णा का भाव नहीं देख सकती मैं.’’

‘‘फिर ऐसा धोखा तो मैं ने भी तुम्हें दिया है. सौम्या, जो कुछ भी हुआ, हालात के चलते. इस में किसी का भी दोष नहीं है. मैं तुम से कभी भी नफरत नहीं कर सकता. मेरे दिल पर जैसे बहुत बड़ा बोझ है. तुम से बात कर के खुद को हलका करना चाहता हूं बाकी जैसा तुम ठीक समझो.’’

मैं जानती थी कि मैं उसे इनकार नहीं कर सकती थी. ?एक बार तो मुझे उस से मिलना ही था. मैं ने समर से कह दिया कि मैं उस से 6 बजे मिलने आऊंगी.

शाम को मैं साढे़ 5 बजे ही काफी शाप पर पहुंच गई, लेकिन समर वहां पहले से ही मौजूद था. जब उस ने मेरी ओर देखा, तो उठ कर खड़ा हो गया. उफ, क्या हालत हो गई थी उस की. जेल में मिली यातनाओं ने कितना अशक्त कर दिया था उसे और उस का बायां पैर…बड़ी मुश्किल से बैसाखियों के सहारे खड़ा था वह. कभी सोचा भी न था कि उसे इन हालात में देखना पडे़गा.

हम दोनों की ही आंखों में नमी थी. बैरा काफी दे कर चला गया था.

‘‘वीरां कैसी है?’’ मैं ने ही शुरुआत की.

‘‘अच्छी है,’’ एक गहरी सांस ले कर समर बोला, ‘‘वह खुद को तुम्हारा गुनाहगार मानती है. कहती है कि अगर उस ने जोर न दिया होता तो शायद आज तुम मेरी…’’

मैं निगाह नीची किए चुपचाप बैठी रही.

‘‘गुनाहगार तो मैं भी हूं तुम्हारा,’’ वह कहता रहा, ‘‘तुम्हें सपने दिखा कर उन्हें पूरा न कर सका, लेकिन शायद यही हमारी किस्मत में था. पकड़े जाने पर मुझे भयंकर अमानवीय यातनाएं दी जातीं. अगर हिम्मत हार जाता, तो दम ही तोड़ देता, लेकिन तुम से मिलन की आस ही मुझे उन कठिन परिस्थितियों में हौसला देती. एक बार भागने की कोशिश भी की, लेकिन पकड़ा गया. फिर एक दिन सुना कि दोनों तरफ की सरकारों में संधि हो गई है जिस के तहत युद्धबंदियों को रिहा किया जाएगा.

‘‘मैं बहुत खुश था कि अब तुम से आ कर मिलूंगा और हम नए सिरे से जीवन की शुरुआत करेंगे. जब यहां आ कर पता चला कि तुम्हारी शादी हो चुकी है, तो मेरी हताशा का कोई अंत न था. फिर वीरां भी शादी कर के चली गई. जेल में मिली यातनाओं ने मुझे अपंग कर दिया था. मैं ने खुद को गहन निराशा और अवसाद से घिरा पाया. मेरे व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लगा था. जराजरा सी बात पर क्रोध आता. अपना अस्तित्व बेमानी लगने लगा था.

‘‘उन्हीं दिनों नेहा से मुलाकात हुई. उस ने मुझे बहुत संबल दिया और जीवन को फिर एक सकारात्मक दिशा मिल गई. मेरा खोया आत्मविश्वास लौटने लगा था. मैं तुम्हें तो खो चुका था, अब उसे नहीं खोना चाहता था. तुम मेरे दिल के एक कोने में आज भी हो, मगर नेहा ही मेरे वर्तमान का सच है…’’

मैं सोचने लगी कि एक पुरुष के लिए कितना आसान होता है अतीत को पीछे ढकेल कर जिं?दगी में आगे बढ़ जाना. फिर खुद पर ही शर्मिंदगी हुई. अगर समर मेरी याद में बैरागी बन कर रहता, तब खुश होती क्या मैं?

‘‘…बस, तुम्हारी फिक्र रहती थी, पर तुम अपने घरसंसार में सुखी हो, यह जान कर मैं सुकून से जी पाऊंगा,’’ समर कह रहा था.

‘‘मुझे खुशी है कि तुम्हें ऐसा साथी मिला है जिस के साथ तुम संतुष्ट हो,’’ मैं ने सहजता से कहने की कोशिश की, ‘‘दिल पर कोई बोझ मत रखो और वीरां से कहना, मुझ से आ कर मिले. अब चलती हूं, देर हो गई है,’’ बिना उस की तरफ देखे मैं उठ कर बाहर आ गई.

जिन भावनाओं को अंदर बड़ी मुश्किल से दबा रखा था, वे बाहर पूरी तीव्रता से उमड़ आईं. यह सोच कर ही कि अब दोबारा कभी समर से मुलाकात नहीं होगी, मेरा दिल बैठने लगा. अपने अंदर चल रहे इस तूफान से जद्दोजहद करती मैं तेज कदमों से चलती रही.

तभी पर्स में रखे मोबाइल की घंटी बज उठी. अनिरुद्ध का स्वर उभरा, ‘‘मैं तो अभी से तुम्हें मिस कर रहा हूं. कब वापस आओगी तुम?’’

‘‘जल्दी ही आ जाऊंगी.’’

‘‘बहुत अच्छा. सौम्या, वह बात कहो न.’’

‘‘कौन सी?’’

‘‘वही, जिसे सुनना मुझे अच्छा लगता है.’’

मैं ने एक दीर्घनिश्वास छोड़ कर कहा, ‘‘मैं आप से बहुत प्यार करती हूं,’’ जेहन में समर का चेहरा कौंधा और आंखों में कैद आंसू स्वतंत्र हो कर चेहरे पर ढुलक आए. जीवन में फिर वही शून्य उभर आया था.

घर पर बनाएं टेस्टी स्टीम्ड इंस्टैंट दही वड़ा

इंडिया की बात की जाए तो दही वड़ा हर किसी को पसंद आता है. ये टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी होता है, लेकिन इसे बनाने में टाइम लगता है. आज हम आपको स्टीम्ड इंस्टैंट दही वड़ा की रेसिपी बताएंगे, जिसे ट्राय करके आप अपनी फैमिली को कम समय में दही वड़ा बनाकर खिला सकती हैं.

हमें चाहिए

–  5 बड़े चम्मच उड़द की दाल का पाउडर

–  2 बड़े चम्मच धुली मूंग दाल आटा

–  चुटकीभर हींग पाउडर

–  1 छोटा चम्मच जीरा पाउडर

–   1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

  1 छोटा चम्मच अदरक व हरीमिर्च बारीक कटी

–  9-10 किशमिश

–  1 बड़ा चम्मच काजू बारीक कटे

–  1 छोटा चम्मच चिरौंजी

–  2 कप फेंटा दही,

–  काला व सफेद नमक स्वादानुसार.

अन्य सामग्री

–  6-7 करीपत्ते

–   1/2 छोटा चम्मच राई

–  चुटकीभर हींग पाउडर

–   1/2 छोटा चम्मच जीरा

–  थोड़ीथोड़ी मीठी लाल चटनी और हरी चटनी

–  1 छोटा चम्मच रिफाइंड औयल.

बनाने का तरीका

दोनों दालों को 1/2 कप पानी डाल कर मिक्स कर 1/2 घंटा ढक कर रख दें. पानी कम लगे तो थोड़ा और डालें व अच्छी तरह तब तक फेंटें जब तक दाल पानी में तैरने न लगे. हींग पाउडर और चुटकीभर नमक डाल दें. मेवा, अदरक व हरीमिर्च को मिक्स करें. इडली मोल्ड में थोड़ा मिश्रण डालें. फिर मेवा बुरकें और पुन: दाल के मिश्रण से ढक दें. लगभग इस तरह 8 वड़े बनेंगे. इडली की तरह भाप में 10 मिनट पकाएं. ठंडा होने पर निकाल लें.

1 छोटे चम्मच तेल में हींग, जीरा, राई और करीपत्तों का तड़का बनाएं और 2 कप कुनकुने पानी में डाल दें. इसी में वड़े भी 5 मिनट के लिए डालें. फिर हलके हाथ से निचोड़ें. दही, मीठी व खट्टी चटनी, नमक, मिर्च व जीरा बुरक कर सर्व करें.

अच्छे बाल और स्किन के लिए डाइट बताएं?

सवाल- 

मैं 44 साल की महिला हूं. मुझे बाल झड़ने, महीन रेखाएं और झुर्रियों की काफी समस्या है. बेहतर त्वचा और बालों का झड़ना रोकने के लिए मुझे अपने आहार में क्या बदलाव लाने चाहिए?

जवाब-

जैसेजैसे उम्र बढ़ती है, वैसेवैसे हमारा मैटाबौलिज्म रेट कम होता जाता है. हमारी मांसपेशियां कम होने लगती हैं और हारमोन का स्तर थोड़ा कम हो जाता है, जिस से वजन बढ़ने, मूड में बदलाव आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

ऐंटीऔक्सिडैंट युक्त खाना खाने से आप को अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हुए भूख और क्रेविंग पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है. अलसी, चिया सीड्स, सालमन, ऐवोकाडो, नट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, गोभी, डार्क चौकलेट, बेरीज, ग्रीक योगर्ट, ऐक्स्ट्रा वर्जिन औलिव औयल, अंडे, चिकन, बींस, खट्टे फल शरीर को पोषण देने में मदद कर सकते हैं.

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महिलाओं को 2 चीजें सब से ज्यादा प्यारी होती हैं- हैल्दी बौडी और मेकअप. इस से न केवल उन में निखार आता है, बल्कि वे स्मार्ट और ऐक्टिव भी नजर आती हैं और अगर वे औफिस में काम करती हैं तो अपनी ब्यूटी को ले कर ज्यादा ही सतर्क रहती हैं.

इस सतर्कता में अच्छा खाना और सही मेकअप बहुत ज्यादा माने रखता है वरना स्वाति जैसा हाल भी हो सकता है.

स्वाति एक मल्टीनैशनल कंपनी में काम करती है, पर औफिस में किस तरह का मेकअप करना है या क्या खानापीना है, इसे ले कर वह बेपरवाह हो जाती है. एक तो वह अपने आकार में कुछ ज्यादा ही हैल्दी है और उस पर मेकअप भी हैवी कर लेती है, इसलिए पीठ पीछे उस का बहुत मजाक बनता है.

मगर इस का हल क्या है? क्या औफिस के लिए कोई खास तरह का मेकअप होता है? क्या सही खानपान किसी औफिस गर्ल को सब की चहेती बना सकता है? ऐसा क्या किया जाए  कि कोई महिला अपने औफिस में हंसी का पात्र न बने?

इन सब सवालों के जवाब देते हुए डाइटीशियन और मेकअप आर्टिस्ट नेहा सागर कहती हैं, ‘‘किसी लड़की खासकर औफिस गर्ल के लिए अच्छा खानपान और मेकअप में बैलेंस बनाना कोई रौकेट साइंस यानी मुश्किल काम नहीं है. औफिस में काम का तनाव होने की वजह से अपनी डाइट पर पूरा ध्यान देना चाहिए. कुछ छोटीछोटी बातों का ध्यान रख कर कोई भी औफिस गर्ल खुद को सेहतमंद रख सकती है.

‘‘जहां तक मेकअप की बात है तो औफिस में ज्यादा हैवी मेकअप जरूरी नहीं है. अपने रंगरूप और बौडी शेप के हिसाब से मेकअप करने से भी बात बन सकती है.’’

चेहरे पर ग्लो लाने के 5 टिप्स

 यूवी किरणें हमारे चेहरे की रंगत बिगाड़ देती है, बौडी का खुला हिस्सा काला पड़ने लग जाता है. पर आज हम आपको गरमियों में इन हानिकारक यूवी किरणों के कारण आपके प्लान को खराब होने से बचाने के लिए डेली रूटीन टिप्स बताएंगे, जिससे गरमियों में स्किन के चेहरे की चमक को बरकरार रख पाएंगे.

  1. चेहरे के लिए इस्तेमाल करें मिस्ट…

चेहरे को हाइड्रेट रखने का सबसे अच्छा तरीका फेशियल मिस्ट है। इसे हमेशा अपने पर्स में रखें और इसे अपने चेहरे पर स्प्रे करें जब भी आपको लगे कि आपकी त्वचा को नमी की जरूरत है, तो आपकी स्किन हेल्दी और धूप में रहने में मदद मिलेगी

2. ककड़ी,एलो वेरा और ग्रीन टी से करें स्किन टैम्प्रेचर को कंट्रोल

गरमियों में स्किन को हाइड्रेटेड और फ्रेश रखने के लिए एक और ट्रिक हैं ककड़ी, एलोवेरा, और ग्रीन टी. ये नेचुरली हाइड्रेटिंग तत्व है जो स्किन को ताज़ा और गरमी में टैम्प्रेचर को कंट्रोल करने में मदद करता है. एलोवेरा में कंडीशनिंग गुण होते हैं, जबकि खीरे और ग्रीन टी में एंटीऔक्सिडेंट में होते है. जो समय से पहले झुर्रियों को रोकने में मदद करता है।

3. हाइड्रेशन-बूस्टिंग स्किनकेयर प्रोडक्टों का करें इस्तेमाल

ग्लिसरीन और हाइलूरोनिक एसिड के साथ स्किनकेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे स्किन कोमल बनने के साथ-साथ आपकी स्किन और ज्यादा शाइनी और जवान दिखने लगते हैं.

4.खूब पिएं ग्रीन टी

बिना दाग धब्बे के सुंदर स्किन पाने के लिए ग्रीन टी गरमियों में सबसे अच्छी ड्रिंक है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर ग्रीन टी उम्र के कारण बढ़ती झुर्रियों को कम करने में मदद करता है. रोजाना सिर्फ एक कप ग्रीन टी हमारे कॉम्प्लेक्शन को बिना रूके और रिंकल-फ्री बनाए रखने में मदद करती है.

5.रोजाना लगाएं सनस्क्रीन

हम जानते हैं कि 80% समय से पहले बूढ़ा होने के लिए यूवी किरणें जिम्मेदार हैं, इसलिए झुर्रियों और काले धब्बों को रोकने के लिए हर दिन एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी है।

इन चीजों को भूल कर भी ना खाएं खाली पेट

आपके खानपान में ही आपकी सेहत का राज छिपा है. कितने स्वस्थ हैं आप, आप क्या खाते हैं इसपर निर्भर करता है. इसके अलावा आपके खाने का वक्त भी काफी अहम होता है. किस समय पर क्या चीज खाई जा रही है, आपके सेहत को प्रभावित करती है.

कोई भी खाना तभी आपके शरीर को तब लगता है जब सही समय पर उसे खाया जाए. गलत समय पर उसे खाने से आपकी सेहत पर नकारात्मक असर हो सकता है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिन्हें खाली पेट नहीं खाना चाहिए.

कार्बोहाइड्रेटेड ड्रिंक

कार्बोहाइड्रेटेड ड्रिंक्स सेहत के लिए अच्छी नहीं होती है. खाली पेट इनका सेवन और भी खतरनाक होता है. सुबह में, खाली पेट इसका सेवन बहुत हानिकारक होता है. इसके प्रयोग से कैंसर और दिल की बीमारी जैसी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.

कौफी या चाय

बहुत से लोगों की सुबह में चाय या कौफी की आदत होती है. इसका सेहत पर बहुत बुरा असर होता है. खाली पेट कौफी पीने से शरीर में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है. इसके अलावा कब्ज की परेशानी भी होने लगती है. पाचन क्रिया पर इसका बुरा असर होता है.

पेस्ट्रीड

पेस्ट्री नाश्ते के लिहाज से अच्छा औप्शन है. चूंकि इसमें यीस्ट अधिक होती है, खाली पेट खाने  से आपको परेशानी हो सकती है.

टमाटर

जी हां, अपनी तमाम खूबियों के बाद भी टमाटर को खाली पेट खाना हानिकारक है. इसमें एसिड की मात्रा अधिक होती है. अपने एसिडिक नेचर के कारण इसका खाली पेट सेवन करना हानिकारक हो सकता है. ये पेट पर जरूरत से ज्यादा दवाब डालते हैं और इससे पेट में दर्द हो सकता है. अल्सर से पीड़ित लोगों के लिए ये खतरनाक स्थिति हो सकती है.

खट्टे फलों से रहें दूर

खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, अंगूर को भूल कर भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए. इन फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. खाली पेट इनके सेवन से पेट की बीमारी का खतरा अधिक रहता है.

 

मैं चुप रहूंगी – भाग 1: विजय की असलियत जब उसकी पत्नी की सहेली को पता चली

पिछले दिनों मैं दीदी के बेटे नीरज के मुंडन पर मुंबई गई थी. एक दोपहर दीदी मुझे बाजार ले गईं. वे मेरे लिए मेरी पसंद का तोहफा खरीदना चाहती थीं. कपड़ों के एक बड़े शोरूम से जैसे ही हम दोनों बाहर निकलीं, एक गाड़ी हमारे सामने आ कर रुकी. उस से उतरने वाला युवक कोई और नहीं, विजय ही था. मैं उसे देख कर पल भर को ठिठक गई. वह भी मुझे देख कर एकाएक चौंक गया. इस से पहले कि मैं उस के पास जाती या कुछ पूछती वह तुरंत गाड़ी में बैठा और मेरी आंखों से ओझल हो गया. वह पक्का विजय ही था, लेकिन मेरी जानकारी के हिसाब से तो वह इन दिनों अमेरिका में है. मुंबई आने से 2 दिन पहले ही तो मैं मीनाक्षी से मिली थी.

उस दिन मीनाक्षी का जन्मदिन था. हम दोनों दिन भर साथ रही थीं. उस ने हमेशा की तरह अपने पति विजय के बारे में ढेर सारी बातें भी की थीं. उस ने ही तो बताया था कि उसी सुबह विजय का अमेरिका से जन्मदिन की मुबारकबाद का फोन आया था. विजय के वापस आने या अचानक मुंबई जाने के बारे में तो कोई बात ही नहीं हुई थी.

लेकिन विजय जिस तरह से मुझे देख कर चौंका था उस के चेहरे के भाव बता रहे थे कि उस ने भी मुझे पहचान लिया था. आज भी उस की गाड़ी का नंबर मुझे याद है. मैं उस के बारे में और जानकारी प्राप्त करना चाहती थी. लेकिन उसी शाम मुझे वापस दिल्ली आना था, टिकट जो बुक था. दीदी से इस बारे में कहती तो वे इन झमेलों में पड़ने वाले स्वभाव की नहीं हैं. तुरंत कह देतीं कि तुम अखबार वालों की यही तो खराबी है कि हर जगह खबर की तलाश में रहते हो.

दिल्ली आ कर मैं अगले ही दिन मीनाक्षी के घर गई. मन में उस घटना को ले कर जो संशय था मैं उसे दूर करना चाहती थी. मीनाक्षी से मिल कर ढेरों बातें हुईं. बातों ही बातों में प्राप्त जानकारी ने मेरे मन में छाए संशय को और गहरा दिया. मीनाक्षी ने बताया कि लगभग 6 महीनों से जब से विजय काम के सिलसिले में अमेरिका गया है उस ने कभी कोई पत्र तो नहीं लिखा हां दूसरे, चौथे दिन फोन पर बातें जरूर होती रहती हैं. विजय का कोई फोन नंबर मीनाक्षी के पास नहीं है, फोन हमेशा विजय ही करता है. विजय वहां रह कर ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के जुगाड़ में है, जिस के मिलते ही वह मीनाक्षी और अपने बेटे विशु को भी वहीं बुला लेगा. अब पता नहीं इस के लिए कितने वर्ष लग जाएंगे.

मैं ने बातों ही बातों में मीनाक्षी को बहुत कुरेदा, लेकिन उसे अपने पति पर, उस के प्यार पर, उस की वफा पर पूरा भरोसा है. उस का मानना है कि वह वहां से दिनरात मेहनत कर के इतना पैसा भेज रहा है कि यदि ग्रीन कार्ड न भी मिले तो यहां वापस आने पर वे अच्छा जीवन बिता सकते हैं. कितन भोली है मीनाक्षी जो कहती है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए ऐसी चुनौतियों को स्वीकार करना ही पड़ता है.

मीनाक्षी की बातें सुन कर, उस का विश्वास देख कर मैं उसे अभी कुछ बताना नहीं चाह रही थी, लेकिन मेरी रातों की नींद उड़ गई थी. मैं ने दोबारा मुंबई जाने का विचार बनाया, लेकिन दीदी को क्या कहूंगी? नीरज के मुंडन पर दीदी के कितने आग्रह पर तो मैं वहां गई थी और अब 1 सप्ताह बाद यों ही पहुंच गई. मेरी चाह को राह मिल ही गई. अगले ही सप्ताह मुंबई में होने वाले फिल्मी सितारों के एक बड़े कार्यक्रम को कवर करने का काम अखबार ने मुझे सौंप दिया और मैं मुंबई पहुंच गई.

वहां पहुंचते ही सब से पहले अथौरिटी से कार का नंबर बता कर गाड़ी वाले का नामपता मालूम किया. वह गाड़ी किसी अमृतलाल के नाम पर थी, जो बहुत बड़ी कपड़ा मिल का मालिक है. इस जानकारी से मेरी जांच को झटका अवश्य लगा, लेकिन मैं ने चैन की सांस ली. मुझे यकीन होने लगा कि मैं ने जो आंखों से देखा था वह गलत था. चलो, मीनाक्षी का जीवन बरबाद होने से बच गया. मैं फिल्मी सितारों के कार्यक्रम की रिपोर्टिंग में व्यस्त हो गई.

एक सुबह जैसे ही मेरा औटो लालबत्ती पर रुका, बगल में वही गाड़ी आ कर खड़ी हो गई. गाड़ी के अंदर नजर पड़ी तो देखा गाड़ी विजय ही चला रहा था. लेकिन जब तक मैं कुछ करती हरीबत्ती हो गई और वाहन अपने गंतव्य की ओर दौड़ने लगे. मैं ने तुरंत औटो वाले को उस सफेद गाड़ी का पीछा करने के लिए कहा. लेकिन जब तक आटो वाला कुछ समझता वह गाड़ी काफी आगे निकल गई थी. फिर भी उस अनजान शहर के उन अनजान रास्तों पर मैं उस कार का पीछा कर रही थी. तभी मैं ने देखा वह गाड़ी आगे जा कर एक बिल्डिंग में दाखिल हो गई. कुछ पलों के बाद मैं भी उस बिल्डिंग के गेट पर थी. गार्ड जो अभी उस गाड़ी के अंदर जाने के बाद गेट बंद ही कर रहा था मुझे देख कर पूछने लगा, ‘‘मेमसाहब, किस से मिलना है? क्या काम है?’’

‘‘यह अभी जो गाड़ी अंदर गई है वह?’’

‘‘वे बड़े साहब के दामाद हैं, मेमसाहब.’’

‘‘वे विजय साहब थे न?’’

‘‘हां, मेमसाहब. आप क्या उन्हें जानती हैं?’’

गार्ड के मुंह से हां सुनते ही मुझे लगा भूचाल आ गया है. मैं अंदर तक हिल गई. विजय, मिल मालिक अमृत लाल का दामाद? लेकिन यह कैसे हो सकता है? बड़ी मुश्किल से हिम्मत बटोर कर मैं ने कहा, ‘‘देखो, मैं जर्नलिस्ट हूं, अखबार के दफ्तर से आई हूं, तुम्हारे विजय साहब का इंटरव्यू लेना चाहती हूं. क्या मैं अंदर जा सकती हूं?’’

‘‘मेमसाहब, इस वक्त तो अंदर एक जरूरी मीटिंग हो रही है, उसी के लिए विजय साहब भी आए हैं. अंदर और भी बहुत बड़ेबड़े साहब लोग जमा हैं. आप शाम को उन के घर में उन से मिल लेना.’’

‘‘घर में?’’ मैं सोच में पड़ गई. अब भला घर का पता कहां से मिलेगा?

लगता था गार्ड मेरी दुविधा समझ गया. अत: तुरंत बोला, ‘‘अब तो घर भी पास ही है. इस हाईवे के उस तरफ नई बसी कालोनी में सब से बड़ी और आलीशान कोठी साहब की ही है.’’

मेरे लिए इतनी जानकारी काफी थी. मैं ने तुरंत औटो वाले को हाईवे के उस पार चलने के लिए कहा. विजय और उस का सेठ इस समय मीटिंग में हैं. यह अच्छा अवसर था विजय के बारे में जानकारी हासिल करने का. विजय से बात करने पर हो सकता है वह पहचानने से ही इनकार कर दे.

लहंगा चोली फैस्टिवल में फैशन का टशन

फैस्टिव सीजन शुरू हो चुका है. हम सभी फैस्टिवल्स पर पहनने के लिए अलगअलग ड्रैसेज खरीदते हैं, मगर आजकल लहंगा भी बहुत फैशन में है. लहंगा एक ऐसा परिधान है जो भले ही बहुत सिंपल सा हो पर आप के व्यक्तित्व में चार चांद जरूर लगा देता है. घाघरा, लहंगा, चनिया, लूगङा लहंगे के ही कुछ रूप हैं.

आजकल बाजार में कई तरह के लहंगे मौजूद हैं। आप इस फैस्टिव सीजन में अपनी आवश्यकतानुसार लहंगे को ट्राई कर सकती हैं.

एक नजर डालते हैं उन सभी विकल्पों  पर जो आजकल ट्रेंड में हैं :

  1. प्रिंटेड चनिया चोली

सामान्यतया कंटन या मिक्स फैब्रिक पर बनाया जाने वाला यह चनिया चोली हर जगह बड़ी सुगमता से उपलब्ध हो जाता है. यह पहनने में बहुत हलका और आरामदायक होता है. आजकल फ्लोरल, बूटा, अजरख, चुनरी और ब्लौक प्रिंटेड जैसे लहंगे बहुत डिमांड में हैं. इन की सब से बड़ी खासियत है कि बड़े प्रोग्राम्स में चुन्नी और हैवी ज्वैलरी के साथ कैरी कर के इन्हें हैवी लुक दे सकती हैं, तो बिना चुन्नी के आप इसे स्कर्टब्लाउज की तरह भी बड़े आराम से प्रयोग कर सकती हैं. कौटन के अतिरिक्त सिल्क, शिफौन, सैटिन, जौर्जेट, क्रैप और बेलवेट फैब्रिक के लहंगे भी आज खूब चलन में हैं.

2. लेयर्ड लहंगा चोली

लेयर्ड घाघरा कैरी करना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है पर यह दिखने में बहुत अच्छा और हैवी लगता है. लेयर्स होने के कारण इसे अकसर शिफौन, जौर्जेट जैसे हलके और हैवी फौल वाले फैब्रिक से बनाया जाता है। इस के साथ हैवी वर्क वाला ब्लाउज, कंट्रास दुपट्टा और हलकी ज्वैलरी बहुत फबती है.

 

3. कलीदार लंहगा चोली

मनचाहे फैब्रिक से कलियां काट कर बनाए जाने से यह खूब घेर वाला होता है. इस पर वाइब्रैंट रंगों में हाथ से कढ़ाई की जाती है. इस का बौर्डर बहुत हैवी कढ़ाई वाला होता है, जिस से इस का लुक बहुत हैवी हो जाता है. आजकल बाजार में कढ़ाई वाले भारी लहंगे के साथसाथ अजरख जैसे मिक्स फैब्रिक के हलके लहंगे भी उपलब्ध हैं. इन्हें आप कंट्रास या सेम कलर के दुपट्टे के साथ कैरी कर सकती हैं.

4. गुजराती डांडिया ड्रैस

मुख्यतया गुजरात में बनने वाली यह ड्रैस अब पूरे देश में लोकप्रिय है. इसे मिरर, कच्छ कढ़ाई के साथ बनाया जाता है. नवरात्रि के गरबा पर्व के दौरान भांतिभांति के रंगों और कढ़ाई से सजे लहंगे बाजार में बहुत आराम से मिल जाते हैं. इस पर सिल्वर और किसी भी प्रकार की आर्टिफिशियल  ज्वैलरी कैरी की जा सकती है.

5. गमथी ऐंब्रौयडरी घाघरा चोली

ऊन जैसे मोटे रंगबिरंगे धागों से लहंगा चोली पर की जाने वाली कढ़ाई को गमथी कहा जाता है. इस में रेखागणितीय पद्धति से लाइनों के माध्यम से फूलपत्ती आदि बनाए जाते हैं. इस के साथ हैवी वर्क का ब्लाउज और चुन्नी कैरी की जाती है.

रखें कुछ बातों का ध्यान

  • लाइट शेड पर हैवी ज्वैलरी और हैवी वर्क वाले लहंगा चोली के साथ लाइट ज्वैलरी ही पहनें.
  •  यदि आप का वजन अधिक है तो आप लहंगे के नीचे स्लिम फिट पेटीकोट पहनें, इस से आप की लोअर बौडी स्लिम दिखेगी और आप की पर्सनैलिटी निखर उठेगी.
  • पहनने से पहले अपने लहंगे की सिलाइयों को मजबूत कर लें क्योंकि बाजार की सिलाइयां बहुत कच्ची होती हैं, कभी भी खिंचाव होने पर सिलाई खुलने की संभावना हो जाती है.
  • फाइनल दिन पहनने से पूर्व लहंगे के साथ पहनी जाने वाली मैंचिंग ज्वैलरी और चूड़ियां आदि को एक बार पहन कर जरूर देख लें.
  • इन्हें कभी किसी अन्य कपड़े के साथ धोने की अपेक्षा अलग से ही धोएं, साथ ही बहुत अधिक देर तक भिगो कर रखने की अपेक्षा तुरंत ही धो कर सुखाएं अन्यथा इन का रंग एकदूसरे पर चढ़ जाने की संभावना हो जाती है पर महंगे घाघरे को ड्राईक्लीन कराना ही उचित रहता है.
  • छोटी बच्चियों को भूल कर भी लंबा लहंगा न पहनाएं वरना वे गिर सकती हैं। साथ ही उन की चुन्नी, ज्वैलरी आदि को भी सैफ्टी पिन से अच्छी तरह अटैच कर दें.
  • बाजार से नया लहंगा नहीं लेना चाहती हैं तो आप बौर्डर वाली अपनी साड़ियों में भी चुन्नट डाल कर बहुत अच्छा लहंगा तैयार कर सकती हैं। इस के साथ आप किसी भी क्रौप टौप और हैवी चुन्नी को कैरी कर सकती हैं.
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