मेरे पति पुरुष नसबंदी कराना चाहते हैं. लेकिन इससे वैवाहिक जीवन पर कोई असर तो नहीं होगा?

सवाल

मैं 29 वर्षीय और 2 बच्चों की मां हूं. हम आगे बच्चा नहीं चाहते और इस के लिए मेरे पति स्वयं पुरुष नसबंदी कराना चाहते हैं. कृपया बताएं कि इस से वैवाहिक जीवन पर कोई असर तो नहीं होगा?

जवाब

आज जबकि सरकारें पुरुष नसबंदी को प्रोत्साहन दे रही हैं, आप के पति का इस के लिए स्वयं पहल करना काफी सुखद है. आमतौर पर पुरुष नसबंदी को ले कर समाज में अफवाहें ज्यादा हैं. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि भारत में पुरुष नसबंदी कराने वालों का प्रतिशत काफी निराशाजनक है.

दरअसल, पुरुष नसबंदी अथवा वासेक्टोमी पुरुषों के लिए सर्जरी द्वारा परिवार नियोजन की एक प्रक्रिया है. इस क्रिया से पुरुषों की शुक्रवाहक नलिका अवरुद्ध यानी बंद कर दी जाती है ताकि शुक्राणु वीर्य (स्पर्म) के साथ पुरुष अंग तक नहीं पहुंच सकें.

यह बेहद ही आसान व कम खर्च में संपन्न होने वाली सर्जरी है, जिस में सर्जरी के 2-3 दिनों बाद ही पुरुष सामान्य कामकाज कर सकता है. सरकारी अस्पतालों में तो यह सर्जरी मुफ्त की जाती है. अपने मन से किसी भी तरह का भय निकाल दें और पति के इस निर्णय का स्वागत करें.

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सवाल

मैं 42 वर्षीय हूं. 1 बेटा है जो होस्टल में रह कर पढ़ाई करता है. मैं और मेरी पत्नी दोनों कामकाजी हैं. समस्या वृद्ध पिता को ले कर है. वे चलनेफिरने में लाचार हैं और उन की विशेष देखभाल करनी पड़ती है. समय की कमी की वजह से हम उन की उचित देखभाल नहीं कर पा रहे. क्या उन्हें किसी वृद्धाश्रम में रख सकते हैं? किसी वृद्धाश्रम की जानकारी मिले तो हमारा काम आसान हो जाएगा?

जवाब

बेहतर यही होगा कि आप अपने वृद्ध पिता की देखभाल के लिए दिन में कोई केयर टेकर रख लें. इस अवस्था में वृद्धों को सिर्फ आर्थिक ही नहीं शारीरिक व मानसिक रूप से भी अपनों का साथ पसंद होता है. फिर सुबहशाम और छुट्टी के दिन तो उन्हें आप का साथ मिल ही रहा है. इस से वे बोर भी नहीं होंगे और उचित देखभाल की वजह से स्वस्थ भी रहेंगे.

पाठक अपनी समस्याएं इस पते पर भेजें : गृहशोभा, ई-8, रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली-110055.

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Eid Special: इफ्तारी में बनाएं चिकन मैजेस्टिक

सामग्री

बोनलेस चिकन के पीस- 300 ग्राम

बटर मिल्‍क- 1/2 कप

कॉर्न फ्लोर- 1 1/2 टीस्‍पून

अदरक और लहसुन पेस्‍ट- 1 चम्‍मच

हल्‍दी पावडर- 1 चम्‍मच

लाल मिर्च पावडर- 1/2 चम्‍मच

तेल- फ्राई करने के लिये जरुरत अनुसार

नमक- स्‍वादअनुसार

छौंकने के लिये

तेल

कटी लहसुन- 1 कली

हरी मिर्च- 2

कडी पत्‍ते- 1 या 2 गुच्‍छे

पुदीने की पत्‍ती- मुठ्ठी भर

सोया सॉस- 1 चम्‍मच लाल

मिर्च पावडर- 1/2 टीस्‍पून

गरम मसाला पावडर- 1/4 टीस्‍पून

गाढी दही- 3 चम्‍मच

विधि

चिकन के टुकड़ों को लंबा काट लें, यह 2 से 3 इंच मोटा होना चाहिये. एक बड़ा कटोरा लें, उसमें छाछ और 2 टीस्‍पून नमक मिलाएं. अब इस छाछ में चिकन के पीस डाल कर 20 मिनट तक सोखने के लिये रख दें.

इस डिश को हेल्‍दी बनाने के लिये अप इसे ग्रिल कर सकती हैं. अगर आप ग्रिल करेंगी तो चिकन को छाछ में लगभग 2 से 3 घंटे के लिये भिगोएं. अब बचा हुआ छाछ निकाल दें और चिकन के पीस को दूसरे कटोरे में डालें.

इसके बाद उस पर लाल मिर्च पावडर, कॉर्न फ्लोर, हल्‍दी पावडर और अदरक लहसुन पेस्‍ट डालें. सभी चीजों को मिक्‍स करें और 10 मिनट के लिये रख दें. अब एक गहरी कढाई लें, उसमें तेल डालें. जब तेल गरम हो जाएा तब उसमें चिकन के मैरीनेट किये हुए पीस डालें. फिर चिकन पीस को गोल्‍डन करें और उसे पेपर पर निकालें.

अब एक फ्राइंग पैन में 1 टीस्‍पून तेल डालें, उसके बाद उसमें कटी लहसुन डाल कर पकाएं. फिर उसमें हरी मिर्च और कडी पत्‍ते डालें. इन्‍हें फ्राई कर के साथ में पुदीने की पत्‍ती और गरम मसाला पावडर डालें. इसे कुछ सेकेंड के लिये चलाएं.

फिर तुरंत ही इसमें गाढ़ी दही डालें, मगर दही खट्टी नहीं होनी चाहिये. दही को धीमीं आंच पर पकाएं और गाढा करें. अब इस बार, इसमें सोया सॉस मिलाएं. फिर इसमें फ्राई किये हुए चिकन डालें. इसे तब तक मिलाएं जब तक कि यह पूरी तरह से कोट ना हो जाए. बब आंच बंद कर दें और चिकन सर्व करें.

वजन घटाने के लिए नया ट्रेंड बना टबाटा वर्कआउट, आप भी कर सकते है शुरूआत

खानपान और रोजमर्रा की चीजों से आज हर दूसरा शख्स मोटापे से परेशान है. जिसके लिए लोग जिम में पसीना बहाने के साथ-साथ महंगे से महंगे चीजों का इस्तेमाल करने के अलावा खुद को खत्म कर देने वाले डाइट प्लान तक को फॉलो करते है.

वैसे तो सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग ट्रेंड को फॉलो करते है, जिसमें से वर्कआउट को लेकर भी लोग नए-नए ट्रेंड बनाते रहते है. लेकिन हाल ही में लोगों ने टबाटा वर्कआउट को फैट बर्न करने का नया ट्रेंड बना दिया है. जिसके बाद लोग इस ट्रेंड को फॉलो कर इसकी बेहद तारीफ कर रहे है. तो आइए आज हम इस ट्रेंड से फैट बर्न के तरीकें से लेकर ये क्या है इसके बारे में पूरी जानकारी देते है.

टबाटा एक्सरसाइज क्या है?

टबाटा एक्सरसाइज एक ऐसी एक्सरसाइज है जो ना केवल तेजी से आपके वजन को कम करने में कारगार होता है बल्कि बॉडी को अच्छी शेप भी देता है. टबाटा एक तरीकें की हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग है.

यह एक कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज है, जो आपकी धड़कन की गति को बढ़ाता है. इस एक्सरसाइज से आप कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न कर सकते है.

कैसे करें टबाटा वर्कआउट?

इस एक्सरसाइज को केवल 4 मिनट तक करना होता है, लेकिन इसके लिए रूल को फॉलो करना बेहद जरूरी है. इस एक्सरसाइज को करने के लिए 20:10 के पैटर्न को फॉलो करना बेहद जरूरी है. जिसमें 20 मिनट तक एक्सरसाइज फिर 10 मिनट रेस्ट करना होता है. ऐसे ही इसके 8 राउंड को पूरा किया जाता है.

बिगनर्स कैसे करें टबाटा वर्कआउट की शुरूआत?

हर कोई आजकल एक्सरसाइज शुरू करने के कुछ ही दिन में बॉडी को शेप में लाना चाहता है, लेकिन टबाटा ट्रेनिंग में धैर्य और संयम की बेहद ज्यादा जरूरत है. इस एक्सरसाइज की शुरूआत में जो बिगनर्स है वो पहले कार्डियो करें. जैसे रस्सी कूदना, दौड़ लगाना या कार्डियो की हल्की एक्सरसाइज. टाइमर की मदद से अपनी एक्सरसाइज को मॉनिटर करें और 20 सेकंड तक बिना रुके लगातार एक्सरसाइज करने के बाद 10 सेकंड का ब्रेक जरूर दें. ऐसे 4 मिनट को पूरा करें.

अगर आप बिगनर्स नहीं है तो इसमें आप कॉम्बीनेशन एक्सरसाइज भी कर सकते है. आप कुछ एक्सरसाइजेज का सेट बना कर इसे रिपीट कर सकते हैं. जैसे स्क्वैट्स, पुश-अप्स, जंपिंगजैक, हाइनीज और बर्पीज अच्छी चॉइस हो सकती है क्योंकि यह बड़े मसल ग्रुप पर फोकस होती हैं. यह काफी इंटेंस एक्सरसाइज रुटीन है, लेकिन विजिबल रिजल्ट्स पाने के लिए यह मेहनत जरूरी भी है.

टबाटा वर्कआउट के फायदे

टबाटा वर्कआउट आपको फिट बनाने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है. यह बीमारियों से लड़ने में शरीर को मजबूत बनाने के साथ फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है. इसके साथ ही यह आपको फोकस बढ़ाने में भी हेल्प करता है.

Summer Special: 5 टिप्स- खीरे के फेस पैक से पाएं ग्लोइंग स्किन

गरमी में खीरा खाना हर किसी को पसंद होता है. साथ ही लोग स्किन को सुंदर रखने के लिए भी खीरे का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते खीरे को काटकर फेस पर लगाने की बजाय फेसपैक भी लगा सकते हैं. गरमी में खीरा खाने से जितना बौडी में पानी की कमी पूरी होती है उतना ही स्किन को भी फायदा पहुंचता है. इसलिए आज हम आपको खीरे के कुछ फेस पैक टिप्स बताएंगे जिससे आपको एक निखरी और जवां स्किन मिलेगी…

1 ब्यूटीफुल स्किन के लिए लगाएं एलोवेरा और खीरे का फेसपैक

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स्किन को फिर से जवां बनाने के लिए यह खीरा फेस पैक फायदेमंद होता है. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में खीरे का रस और एलोवेरा जेल दोनों बराबर मात्रा में लेकर आपस में मिला लें. इस फेस पैक को चेहरे पर 30 मिनट लगाकर रखें और सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इसका इस्तेमाल आप हफ्ते में 3-4 बार कर सकते हैं.

2 निखरी स्किन के लिए लगाएं बादाम और खीरे का फेस पैक

ऐसे रखें गर्मियों में त्वचा की चमक को बरकरार

बादाम में विटामिन ई होता है. यह फेस पैक स्किन को निखार देता है और साथ ही रुखापन दूर करने के लिए फायदेमंद होता है. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में खीरे का रस और बादाम का पेस्ट दोनों बराबर मात्रा में लेकर आपस में मिला लें. इस फेस पैक को चेहरे पर 20 मिनट लगाकर रखें और सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इसका इस्तेमाल आप सप्ताह में 4-5 बार कर सकते हैं.

3 खूबसूरत स्किन के लिए लगाएं दही और खीरे का फेस पैक

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सैंसिटिव स्किन के लिए यह फेस पैक फायदेमंद होता है. यह स्किन को मुंहासों से बचाता है और निखरी हुई बनाता है. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में खीरे का रस और दही दोनों बराबर मात्रा में लेकर आपस में मिला लें. इस फेस पैक को चेहरे पर 30 मिनट लगाकर रखें और सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इसका इस्तेमाल आप रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं.

4 तरोताजा स्किन के लिए लगाएं गाजर और खीरे का फेस पैक

चेहरे को खूबसूरती देने और तरोताजा बनाने के लिए गाजर खीरा फेस पैक लगाना फायदेमंद होता है. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में 2 चम्मच खीरे का रस और 2 चम्मच गाजर का रस लेकर आपस में मिला लें. इस मिश्रण में 2 चम्मच फ्रूट क्रीम मिलाएं इस फेस पैक को चेहरे पर 30 मिनट लगाकर रखें और सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इसका इस्तेमाल आप सप्ताह में 2-3 बार कर  सकते हैं.

5 टैनिंग साफ करने के लिए लगाएं टमाटर और खीरे का फेस पैक

स्किन की रंगत निखारने और टैनिंग साफ करने के लिए यह फेस पैक फायदेमंद होता है. इसे बनाने के लिए एक कटोरी में खीरे का रस और टमाटर का पेस्ट समान मात्रा में लेकर आपस में मिला लें. इस मिश्रण में 1 चम्मच बेसन मिलाएं, इस फेस पैक को चेहरे पर 20 मिनट लगाकर रखें और सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इसका इस्तेमाल आप सप्ताह में 3-4 बार कर सकते हैं.

जानें क्या हैं चिकन खाने के 5 फायदे

दुनिया भर में नॉन वेज खाने वाले लोगों के लिए चिकन एक प्रमुख भोजन है. चाहे आप चिकन ब्रेस्ट, चिकन सलाद, चिकन सूप, प्रोटीन पाउडर या लीन मीट में से कुछ भी खाना पसंद करते हों, यह सारे ही स्वादिष्ट व पोषण युक्त होते हैं. यह प्रोटीन, विटामिन्स व अन्य आवश्यक तत्त्वों का मुख्य स्रोत होता है. चलिए चिकन खाने के कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानते हैं.

1. प्रोटीन से भरपूर :

चिकन मीट लीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है. मीट में ढेर सारे लाभदायक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं. 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में लगभग 31 ग्राम प्रोटीन होता है जो आप के लिए एक दिन में जितना प्रोटीन पर्याप्त होता है उससे दोगुना है. यह हमें एक रिलैक्सिंग फीलिंग भी उपलब्ध कराता है. इसमें मौजूद अमीनो एसिड आप के घाव भरने में भी मदद करते हैं. थरियोनाइन आप के कार्डियो वैस्कुलर सिस्टम को ठीक ढंग से काम करने में मदद करता है. हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है.

2. कोलेस्ट्रॉल, कैलोरीज़ और फैट में कम :

100 ग्राम चिकन में केवल 165 कैलोरीज़ पाई जाती है. इसलिए यह उन लोगों के लिए एक दम परफेक्ट डायट है जो अपना वजन कम करना चाहते हैं. यह संतुलित आहार के लिए भी एक बहुत बेहतर ऑप्शन्स है. ओवन में रोस्ट की गई चिकन ब्रेस्ट में केवल 100 मिलीग्राम ही सोडियम व कोलेस्ट्रॉल होता है और एक ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है.

3. मानसिक स्वास्थ्य के लिए बढ़िया :

चिकन खाने दे हमें मानसिक रूप से भी बहुत से लाभ मिलते हैं. यह विटामिन बी 5 व ट्राइप्टोफान का एक बहुत अच्छा स्रोत है जो स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है. यह मैग्नेशियम से भी भरपूर होता है जो आप की डायट में शामिल होने से आप के स्ट्रेस लेवल को कम करता है. एक अध्ययन में पता चला है कि जो लोग मीट नहीं खाते हैं उन्हें अधिक डिप्रेशन व चिंता आदि होती है. शाकाहारी लोग स्ट्रेस आदि की दवाइयां ज्यादा लेते हैं.

4. इम्यून सिस्टम के लिए बेहतर :

चिकन में विटामिन बी6 होता है जो आप के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. इससे आप के शरीर में नई रेड व व्हाइट ब्लड सेल्स बनती है जो आप को रोगों से बचाने में सक्षम होती हैं. यह दोनो आप को सर्दी होने से भी बचाती हैं. यह आप की आंतो में डिफेंसिव पॉवर को बढ़ा देता है जिससे आप कम बीमार पड़ते हैं और इस प्रकार आप की इम्यूनिटी भी तेज होती है.

5. पचाने में आसान :

चिकन एक बहुत आसानी से पच जाने वाला भोजन होता है. अतः यदि आप को पाचन से सम्बन्धित कोई समस्या है तो उसके लिए आप को चिकन अपनी डाइट में अवश्य शामिल करना चाहिए. इसके स्वास्थ्य लाभों के साथ साथ यह आसानी से मिल भी जाता है. यह किसी भी ग्रोसरी स्टोर पर बहुत आसानी से मिल जाता है. इसको बनाना भी बहुत आसान होता है. आप इसे बहुत सारे तरीकों से खा सकते हैं जैसे आप चिकन सलाद खा सकते हैं या इसे फ्राई करके खा सकते हैं.

आदित्य वशिष्ठ, वेटफेज फरमैक्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के रीजनल सेल्स हैड से बात चीत पर आधारित.

Eid Special: बनाएं स्वाद से भरपूर मटन पाया

क्‍या आप मटन बिरयानी और मटन ग्रवी खा कर बोर हो चुकी हैं? अगर हां, तो अब कुछ नया ट्राई कीजिये जो आपके खाने में जायका भर दे. अगर आपको या फिर आपके परिवार में किसी को भी मटन भाता है तो आप उन्‍हें मटन पाया बना कर खिलाना ना भूलें.

मटन पाया बनाने में थोड़ा समय जरुर लगता है लेकिन अगर आप इसे एक बार खाएंगी तो आप इसका स्‍वाद कभी नहीं भूल पाएंगी. तरह-तरह के मसालों के साथ भुना हुआ मटन पाया, खाने में काफी जाकेदार लगता है. आइये जानते हैं टेस्‍टी मटन पाया बनाने की विधि.

सामग्री

  • 1/2 किलो मटन (लेग पीस/ पाया)
  • 1 बड़ा प्याज
  • 150 ग्राम छोटा प्याज
  • 3 टमाटर
  • 2 छोटे चम्मच अदरक लहसुन पेस्ट
  • 1/2 कप कद्दूकस नारयल
  • 3 हरी मिर्च बीच से स्लाइस कटी हुई
  • डेढ़ चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
  • 1 छोटा चम्मच गरम मसाल
  • 2 छोटे चम्मच सौंफ के दाने
  • 2 छोटे चम्मच पोस्ता दाना
  • मुट्ठीभर हरी धनिया पत्ती
  • नमक स्वाद अनुसार

विधि

मटन को अच्छे से धो लें और उसे 15 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दें. फिर एक कुकर में मटन, कटा हुआ बड़ा प्याज, 1 कटा हुआ टमाटर, अदरक लहसुन पेस्ट, हल्दी, 2 छोटे चम्मच लाल मिर्च, 2 छोटे चम्मच धनिया पाउडर, नमक और 2 कप पानी डाल दें.

कुकर का ढक्कन लगाकर मीडियम आंच में 10-15 सीटी लगाकर पका लें. जब तक मटन पक रहा है मिक्स जार में 1 छोटी चम्मच सौंफ, पोस्ता दाना और नारियल डालकर बारीक पेस्ट बना लें.

अब धीमी आंच में एक बर्तन डालकर गर्म होने के लिए रखें. जब तेल गर्म हो जाए तो इसमें 1 छोटा चम्मच सौंफ डाल लें. इसके बाद इसमें छोटे कटे हुए प्याज और हरी मिर्च मिलाकर इसे 2-3 मिनट तक चलाते हुए भूनें.

अब इसमें बचे हुए टमाटर को मिला दें और लगभग 5 मिनट तक चलाते रहें जिससे इसमें रोगन आ जाए. तय समय के बाद इसमें 2 छोटे चम्मच लाल मिर्च पाउडर और 1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर डालकर अच्छे से भून लें.

अब इसमें नारियल का पेस्ट डालकर मसाले के साथ मिला लें. इसे उबलने के लिए छोड़ दें. अब बर्तन में मटन को तरी के साथ डाल दें. स्वादानुसार नमक मिला लें. ध्यान रखें इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है.

सभी मसाले मिलाने के बाद इसे 10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने के लिए छोड़ दें. तय समय पर मटन पाया आंच से उतारकर गर्मा गरम सर्व करें.

Summer Special: गरमी में बनिए खूबसूरत स्किन की मल्लिका

गरमी के मौसम में चेहरे पर पसीना, त्वचा का बेजान हो जाना, स्किन का टैन होना, हीट रैशेस आदि कई समस्याएं दिखाई पड़ती हैं. ऐसे में नियमित स्किन की देखभाल बहुत जरूरी है. कई बार सुबह शीशे के सामने खड़ी हो कर आप को लगता है कि आप ने अपनी त्वचा पर अधिक ध्यान नहीं दिया है और इस कारण चेहरे पर मुंहासे, ब्लैकहैड, टैनिंग आदि दिख रहे हैं.

आईटीसी चार्मिस की स्किन एक्सपर्ट  डा. अपर्णा संथानम कहती हैं, ‘‘त्वचा हमारे शरीर का सब से बड़ा और्गन है जिसे पूरे साल गरमी, मौनसून और ठंडे मौसम को सहना पड़ता है. ऐसे में स्किन की सही देखभाल, संतुलित भोजन, वर्कआउट आदि करने की जरूरत है. यह काम मुश्किल नहीं. इस के लिए पहले सही प्लानिंग करनी पड़ती है जिस में त्वचा के अनुसार ब्रैंडेड उत्पाद का चुनना, उस का स्किन पर असर को देखना और बजट का ध्यान रखना जरूरी होता है. कुछ सु झाव आप अपना सकते हैं :

रहें व्यवस्थित

त्वचा की जो भी समस्याएं है, उन की सूची बना लें. मसलन, पिग्मैंटेशन, डार्क स्पौट, एक्ने, स्किन टाइप आदि. इस के बाद अपनी स्किन को सम झना पड़ता है ताकि उस के हिसाब से प्रोडक्ट का प्रयोग किया जा सके. विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट को चुनना अधिक सुरक्षित रहता है. ये प्रोडक्ट दागधब्बे और रूखेपन को दूर कर त्वचा को ईवन टोन बना देते हैं. साथ ही, ये बेजान त्वचा को नई चमक देते हैं.

सम झें स्किन की जरूरतें

त्वचा के प्रकार जानने के बाद सही उत्पाद को आप आसानी से खरीद सकते हैं. यह एक आसान तरीका है जिसे आप घर बैठे कर सकते हैं. सुबह सो कर उठने के बाद आप की स्किन को टच करने के बाद कैसा महसूस होता है, इसे पहचानें. हलके हाइड्रेट वाले उत्पाद, जो नौन स्टिकी हों, उन्हें इस मौसम में चुन सकती हैं. इन में सीरम एक बेहतर विकल्प है. जिन्हें एक्ने की समस्या है उन्हें सैलिसिलिक एसिड से युक्त प्रोडक्ट चुनने चाहिए. सूखी त्वचा के लिए हाइड्रोलिक एसिड युक्त उत्पाद फायदेमंद होता है.

चुनें मल्टीपर्पज प्रोडक्ट

कुछ उत्पाद केवल एक ही उद्देश्य को पूरा करते हैं, जबकि स्किन संबंधी प्रोडक्ट औलराउंडर होने चाहिए. मसलन, मौइस्चराइजर की जगह सीरम खरीदें. सीरम औलराउंडर उत्पाद है जो स्किन को हाइड्रेट और जवां बनाने के साथसाथ कोमल भी बनाता है. सीरम में मौजूद छोटे मौलिक्यूल्स त्वचा की गहराई में समा जाते हैं जहां तक कोई फेशियल क्रीम या मौस्चराइजर पहुंच नहीं सकता.

रखें ध्यान बजट का

जब आप त्वचा के लिए कोई प्रोडक्ट खरीदने जाती हैं तो हमेशा अपने बजट का ध्यान रखें. कम कीमत में अच्छा प्रोडक्ट अपनी स्किन के अनुसार खरीदें. इस के लिए आप औनलाइन सर्च कर भी पता लगा सकती हैं. प्रीमियम और प्रभावी स्किन केयर क्रीम इस मौसम में खरीदना जरूरी होता है.

रखें सकारात्मक सोच

त्वचा को अच्छा पोषण तभी मिलता है जब आप तनावमुक्त और खुश रहें. स्किन की बाहरी सुंदरता अंदर से आती है. इसलिए सकारात्मक सोच हमेशा बनाए रखें और संतुलित भोजन, जिस में मौसमी फल और सब्जियां खास हों, लें. पानी या तरल पदार्थ का सेवन गरमी में अधिक से अधिक करना जरूरी होता है क्योंकि गरमी में पसीने की वजह से शरीर का पानी बाहर निकल जाता है जबकि एयरकंडीशनर में अधिक समय तक रहने से ठंडी हवा शरीर की नमी को जल्दी सोख लेती है जिस से शरीर में पानी की मात्रा कम होने लगती है और त्वचा पर  झुर्रियां जल्दी आने लगती हैं.

घरेलू उपाय 

गरमी में स्किन केयर बाकी मौसम से काफी ज्यादा करना पड़ता है. इसलिए कुछ घरेलू उपाय निम्न हैं-

– ऐसा देखा गया है कि गरमी में जो फल या सब्जी आप खाते हैं उस का पैक हमारे चेहरे के लिए सब से अच्छा होता है. मसलन, पके पपीते का पैक, जिस में आधा कप पपीते के गूदे को मसल कर एक छोटा चम्मच नीबू का रस, एक छोटा चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच मुल्तानी मिट्टी का पाउडर मिला लें और उसे चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगा कर रखें, बाद में गुनगुने पानी से धो लें.

– टमाटर का पैक लगाना भी गरमी में काफी अच्छा होता है. टमाटर में फौलिक एसिड और विटामिन सी होने की वजह से त्वचा में निखार के अलावा एक्ने, दागधब्बे,  झुर्रियां आदि भी कम हो जाती है. इस पैक के लिए टमाटर के 2 टेबल स्पून गूदे, 2 टी स्पून दही और 2 छोटे चम्मच नीबू का रस मिला कर पेस्ट बना लें. इसे चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें और बाद में धो लें. चेहरे की रंगत खिल उठेगी.

Summer Special: जलवायु परिवर्तन का दिल पर क्या है प्रभाव, जानें

ट्रेन की एसी कोच में बैठा 35 साल का राघव जब अपनी माँ से घर आने की ख़ुशी जाहिर कर रहा था, तभी उसे कार्डिएक अरेस्ट आता है और उसका फ़ोन हाथ से गिर जाता है, माँ हेलो-हेलो करती रहती है, लेकिन उसकी आवाज नहीं आती, पास का एक व्यक्ति उसके फ़ोन को उठाकर कहता है कि उसने देखा नहीं है कि कैसे क्या हुआ है, लेकिन उनके बेटे की तबियत अचानक ख़राब हुई है और वह देख रहा है कि उन्हें हुआ क्या है.उसने फ़ोन पर चिंता न करने की बात कही और फ़ोन रख दिया. उस व्यक्ति ने राघव को बेहोश देखा और चलती ट्रेन से इमेरजेंसी नंबर पर फ़ोन लगाया और अगले स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही एम्बुलेंस और डॉक्टर आये, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर अस्पताल भेज दिया. उस अनजान व्यक्ति ने उसके पेरेंट्स को ये दुखद समाचार दिया.

ये सही है कि आज बड़ी संख्या में युवा हार्ट अटैक के शिकार हो रहे है, विशेषज्ञों का कहना है कि पहले 60 वर्ष की उम्र के बाद लोग दिल की बीमारी के शिकार हुआ करते थे, लेकिन अब युवाओं में इसकी संख्या लगातार बढती जा रही है. कुछ स्ट्रेस और कुछ क्लाइमेट चेंज का शिकार हो रहे है. क्लाइमेट चेंज का प्रभाव केवल पर्यावरण पर ही नहीं, बल्कि हमारे शरीर पर भी काफी पड़ा है, यही वजह है कि आज जो व्यक्ति चलफिरकर काम कर रहा है, कल अचानक उसके न रहने की सन्देश मिल जाती है, ये दुखद है.

रिपोर्ट को समझे

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें दिल की बीमारियों से होती हैं और जलवायु परिवर्तन से अधिक सर्दी और अधिक गर्मी पड़ने पर इसका सीधा असर इंसान के दिल पर पड़ता है. आंकड़ों पर गौर करें, तो स्ट्रोक, दिल, कैंसर और सांस की बीमारियों से दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों की हिस्सेदारी दो तिहाई है.

अधिक गर्मी को सहने की होती है क्षमता

इस बारें में नवी मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के कंसलटेंट कार्डियोलॉजी, डॉ महेश घोगरे कहते है कि हमारे शरीर में अपने तापमान को नियंत्रित करने की प्राकृतिक क्षमता होती है. इस प्रक्रिया को थर्मोरेग्यूलेशन कहा जाता है, जिसे हाइपोथैलेमस द्वारा नियंत्रित किया जाता है, मस्तिष्क का एक हिस्सा आंतरिक शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए थर्मोस्टेट के रूप में लगातार कार्य करता है. व्यायाम या गर्मी आदि के कारण जब शरीर का तापमान बढ़ जाता है, तब हाइपोथैलेमस, पसीना और वासोडिलेशन या रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके गर्मी को बाहर निकालता है और शरीर को ठंडा करता है. ठंड के मौसम में जब शरीर का तापमान गिर जाता है, हाइपोथैलेमस शरीर में गर्मी को बचाने और शरीर को गर्म करने के लिए शिवरिंग को ट्रिगर करता है और रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है. यह स्वचालित प्रक्रिया शरीर के एक स्थिर कोर तापमान को बनाए रखने में मदद करती है और यह सुनिश्चित करती है कि शरीर के अंग और प्रणालियां ठीक से काम करें.

तापमान का पड़ता है असर

डॉक्टर आगे कहते है कि तापमान में अचानक बदलाव ह्रदय पर दबाव डाल सकता है. अत्यधिक तापमान में शरीर ठंडा या गर्म करने के लिए रक्त प्रवाह को त्वचा की ओर मोड़ा जाता है. इससे रक्त वाहिकाएं फैल या सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है. उदाहरण के तौर पर, गर्म मौसम में, शरीर को ठंडा करने के लिए त्वचा में रक्त पंप करने के लिए हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हृदय की गति और रक्तचाप बढ़ता है.

इसके अलावा अत्यधिक गर्मी में थकावट और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही हृदय पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है. इससे दिल के दौरे, ह्रदय की धड़कन अनियमित होना या एरिथमिया और हार्ट फेलियर की संभावना बढ़ सकती है. इसी तरह ठंड के मौसम में ह्रदय को शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है

क्या कहते हैं आंकड़े

अध्ययनों में पता चला है कि बढ़ते तापमान और कार्डियोवैस्कुलर वजहों से होने वाली मौतों की जोखिम के बीच एक लिंक है. अधिकतम कार्डियोवैस्क्युलर मौतें 35 डिग्री सेल्सियस से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच के तापमान में होती हैं.   हाल ही के एक अध्ययन में पाया गया है कि हर 100 कार्डिओवैस्क्युलर मौतों में से एक मौत के केस में इस्केमिक हृदय रोग, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, या एरिथमिया का कारण अत्यधिक गर्मी या ठंड हो सकता है.डॉक्टर महेश का कहना है कि का जिन्हें कोरोनरी धमनी की बीमारी, हाइपरटेंशन या हार्ट फेलियर आदि बीमारियां पहले से हैं, उनके लिए तापमान में अचानक बदलाव होना काफी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है. इससे हार्ट अटैक ट्रिगर हो सकता है या हार्ट फेलियर के लक्षण बढ़ सकते हैं. अत्यधिक गर्मी में पसीना ज़्यादा आने से शरीर में से फ्लूइड कम हो सकता है, जिससे डिहाइड्रेशन और लो ब्लड प्रेशर हो सकता है. यह हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है. बहुत ज़्यादा ठंड में, शरीर शॉक में जा सकता है, जिससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, हृदय और अन्य अंगों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है. कुछ सुझाव निम्न है, जिनके द्वारा हार्ट का ख्याल कुछ हद तक रखा जा सकता है.

मरीज़ों के लिए कुछ सुझाव

  • तापमान में अचानक बदलाव हो रहे हो, तो हृदय रोगियों को विशेष रूप से सतर्क रहना आवश्यक है.
  • गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें. शराब और अधिक कैफीन से बचें क्योंकि इनसे डिहाइड्रेशन हो सकता है.
  • गर्मी में हल्के रंग के, ढीले-ढाले कपड़े पहनें और ठंड के मौसम में हाथ-पैरों को अच्छी तरह से ढकने वाले गर्म कपड़े पहनें.
  • अत्यधिक तापमान की स्थिति में घर के भीतर ही रहें. बाहर जाना पड़ें तो ऐसा समय चुनें, जब तापमान उपयुक्त हो.
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां जारी रखें, अत्यधिक तापमान में भीहृदय रोगियों को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लेते रहना चाहिए.

सुबह-सुबह दिल का दौरा – सही या गलत

ज़्यादातर हार्ट अटैक सुबह के समय आते हैं, इस गलतफहमी के पीछे का सच जान लेन भी आवश्यक है. यह सच है कि, कुछ अध्ययनों के अनुसार सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा ज़्यादा होता है, लेकिन यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है. कुछ रिसर्चर्स का मानना है कि यह शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन लय (यानि शारीरिक, मानसिक और व्यवहार के प्राकृतिक चक्र में परिवर्तन होना, जिससे शरीर 24 घंटे के चक्र में गुजरता है. सर्कैडियन लय ज्यादातर प्रकाश और अंधेरे से प्रभावित होते हैं और मस्तिष्क के मध्य में एक छोटे से क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होते हैं.)के कारण होता है, जो रक्त के क्लॉट होने के तरीके को प्रभावित करता है. दूसरे कुछ रिसर्चर मानते हैं कि सुबह में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन का बढ़ना इसकी वजह हो सकती है.

हृदय रोगियों को रिस्कफैक्टर के बारे में पता होना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए,

  • सुबह भागदौड़ करने से बचें,
  • खुद को दिन के लिए तैयार होने के लिए पर्याप्त समय दें,
  • दवाइयां भी निर्धारित समय के अनुसार लें,
  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम सहित अपनी जीवन शैली को स्वस्थ बनाए रखने का प्रयास करें.

किसी भी संभावित रिस्क से बचने के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह लें. डॉक्टर की सलाह के बिना, अपने मन से दवाइयां न लें, इसके गंभीर और कई बार जानलेवा परिणाम भी हो सकते हैं.

Summer Special: गरमी में इन 4 स्किन प्रौब्लम्स को कहें बाय-बाय

गरमी का मौसम आते ही हमारे मनपसंद अलग-अलग डिजाइन के कपड़े निकल आते हैं और उन्हें पहन कर बाहर निकलने की खुशी के तो क्या कहने. लेकिन इस मौसम में कई सारी स्किन प्रौब्लम्स से दोचार होना पड़ता है. ये स्किन प्रौब्लम्स रैशेज, घमोरियां, ऐक्ने और सनबर्न होती हैं. ये इतनी गंभीर नहीं होतीं कि डाक्टर के पास जाना पड़े, परंतु इतनी छोटी भी नहीं कि इन्हें नजरअंदाज किया जाए. इस तरह की प्रौब्लम्स से कैसे बचें, जानिए…

1 सनबर्न

beauty tips

गरमी में अकसर घर से बाहर कड़ी धूप में निकलने से सनबर्न की समस्या हो जाती है. सूरज की हानिकारक किरणें जब स्किन से डायरैक्ट कौन्टैक्ट में आती हैं तो उस पर असर पड़ता है. स्किन रूखी, बेजान होने के साथ उस पर छाले भी हो जाते हैं. कभी-कभी स्किन लाल हो जाती है व छिल भी जाती है.

इन चीजों का करें इस्तेमाल…

– सनबर्न होने पर अहम यह है कि संक्रमित स्किन को अधिक से अधिक ठंडक दें. ठंडे पानी से नहाएं, ठंडे पानी की पट्टियां स्किन पर लगाएं व स्किन पर बर्फ धीरे-धीरे रगड़ें. आलू सनबर्न को कम करने और दर्द खत्म करने का कार्य करता है. आलू को काट कर या घिस कर सनबर्न से प्रभावित स्किन पर लगाएं. इस से आराम मिलेगा.

– पुदीने की पत्तियों का रस निकाल कर धूप से झुलसी स्किन पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है. इस के अलावा एलोवेरा जेल भी स्किन को ठंडक प्रदान करता है. एलोवेरा जेल को स्किन पर डायरैक्ट लगाएं.

– उड़द दाल को दही में मिला कर जली हुई स्किन पर लगाने से भी राहत मिलती है.

– दिल्ली स्थित विनायक स्किन ऐंड कौस्मेटोलौजी क्लिनिक के स्किन विशेषज्ञ डा. विजय कुमार गर्ग ने बताया, ‘विटामिन ई एंटीऔक्सिडैंट होता है जो संक्रमण को कम करता है. विटामिन ई को सनबर्न के समय भोजन में शामिल करना चाहिए, इससे आप की स्किन जल्दी ठीक होगी. विटामिन इ पालक, सोयाबीन, बादाम व मूंगफली में होता है.

– टी ट्री तत्वों से मुक्त पदार्थो का सनबर्न से प्रभावित स्किन पर उपयोग करें. साबुन का इस्तेमाल न कर के टी ट्री तत्त्वों वाले फेसवाश का इस्तेमाल करें. साथ ही, सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का जरूर इस्तेमाल करें.

– यदि जलन और दर्द अत्यधिक हो और स्किन अधिक झुलसी हुई हो तो स्किन रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं.’’

2 प्रिकली हीट

प्रिकली हीट जिसे हम घमोरियां कहते हैं, गरमी में होने वाली एक सामान्य परेशानी है. यह किसी को भी हो सकती है. ये शरीर पर खुजली, दर्द और चिलमिलाहट पैदा करती हैं. स्किन पर छोटेछोटे बंप उभर आते हैं. जब ये फूटते हैं तो इन में से पसीना निकलता है और स्किन पर प्रिकली सैंसेशन होती है.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– घमोरियां होने पर यह आवश्यक है कि आप ढीले कपड़े पहनें और हो सके तो कौटन के कपड़े पहनें क्योंकि वे पसीना सोख लेते हैं और घमोरियों से बचाव करते हैं. टाइट कपड़े न पहनें और शरीर पर पसीना न जमने दें.

– बेकिंग सोडा लें और उस मे ठंडा पानी मिला लें. अब इस में एक साफ कपड़ा डुबोएं और उसे प्रिकली हीट प्रभावित स्किन पर 10 मिनट तक रहने दें. इस से दर्द व खुजली से आराम मिलेगा.

– हर 5 घंटे के अंतराल में स्किन पर बर्फ लगाएं. बर्फ को एक कपड़े में रखें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं. ऐसा करने से घमोरियां फैलेंगी नहीं और दर्द में राहत मिलेगी.

– ठंडे पेय पदार्थों, जैसे छाछ, नीबू पानी, नारियल पानी आदि का सेवन करें.

– ये अंदरूनी रूप से आप के शरीर को ठंडा रखते हैं.

– मुलतानी मिट्टी को सर्दियों से प्रिकली हीट का तोड़ माना जाता है, कारण स्पष्ट है कि यह ठंडक पहुंचाती है. मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाइए और इसे प्रिकली हीट पर लगाइए. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लीजिए.

– दिन में 2 बार ऐसा करने से आप को आराम भी मिलेगा.

– डा. विजय कहते हैं, ‘‘प्रिकली हीट के लिए हाइड्रोफेशियल ट्रीटमैंट किया जाता है. यह 3-4 स्टैप में होता है. सब से

– पहले स्किन टाइटनिंग, फिर टौक्सिन रिमूवल, उस के बाद औक्सिजनाइजेशन और आखिर में विटामिन सी इंफ्यूज किया जाता है.

– यदि आप को घमोरियों से बचना है तो नहाने के बाद 10-15 मिनट तक पंखे के नीचे जरूर बैठें. ऐसा करने से घमोरियां नहीं होंगी. आमतौर पर एसी में रहने वाले व्यक्ति को घमोरियां नहीं होती हैं.’’

3 ऐक्ने प्रौब्लम

acne

जब पसीना स्किन पर तैलीय ग्रंथियों से मिलता है तो ऐक्ने का रूप ले लेता है. तैलीय ग्रंथियों के अत्यधिक रिसाव से स्किन के रोमछिद्र खुल जाते हैं और ऐक्ने व ब्लैकहैड्स जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– ऐक्ने के लिए हलदी एक कारगर उपाय है. 2 चम्मच चंदन में थोड़ी सी हलदी और बादाम का तेल मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद हलके हाथ से रगड़ कर हटाएं और ठंडे पानी से धो लें.

– ऐक्ने के लिए खीरे का फेसपैक भी उपयोगी रहता है. खीरा, ओटमील और एक चम्मच दही को मिला कर पेस्ट बना लें. अब इसे ऐक्ने पर लगाएं और सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. यह फेसपैक स्किन को रिजुवनेट करता है और ऐक्ने को कम करता है.

– शहद भी ऐक्ने पर कारगर साबित होता है. शहद में नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

– आजकल ऐक्ने के लिए विभिन्न प्रकार की क्रीम व फेसवाश आते हैं जिन के इस्तेमाल के लिए खुद डाक्टर भी कहते हैं. ऐक्ने को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए लेजर ट्रीटमैंट भी किया जाता है. सैलिसिलिक एसिड भी ऐक्ने हटाने के लिए अच्छा उपाय है तो सैलिसिलिक एसिड से बने फेसवाश व क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4 बौडी ओडोर प्रौब्लम

बौडी ओडोर गरमी में होने वाली एक साधारण समस्या है जो पसीने के कारण होती है. हमारे शरीर से 2 तरह का पसीना निकलता है. पहला, एक्राइन जो साफ और बिना दुर्गंध का होता है व शरीर के तापमान को बनाए रखता है और दूसरा, ऐपोक्राइन जो मोटा पदार्थ होता है व कमर और कांख में ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है. एपोक्राइन भी बिना दुर्गंध का ही होता है परंतु बैक्टीरिया के संपर्क में आने से इस में से दुर्गंध आने लगती है. यदि आप भी बौडी ओडोर अर्थात शरीर की बदबू से परेशान हैं तो ये कुछ उपाए हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– ताजे नीबू को 2 भागों में काट कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. ये शरीर की दुर्गंध को हटाता है और बैक्टीरिया भी मारता है.

– आपको ओडोर से बचने के लिए डियोड्रैंट का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि आप के पास डियोड्रैंट नहीं है तो एक कप पानी लें और उस में हाइड्रोजन पैरोक्साइड मिलाएं. इस पानी में एक साफ कपड़े को डुबो कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. यह शरीर के बौडी ओडोर को दूर कर देगा.

– बेकिंग सोडा में एक नीबू निचोडि़ए और पेस्ट बना कर शरीर के जिन हिस्सों में अत्यधिक पसीना आता है वहां लगाइए. इसे रगडि़ए नहीं. कुछ देर बाद ठंडे पानी से धो लीजिए. कुछ हफ्ते इस विधि को अपनाने से बौडी ओडोर खत्म हो जाएगा.

– अत्यधिक डाक्टर बौडी ओडोर से बचने के लिए एंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. इस में ऐल्युमिनियम क्लोराइड होता है, जो शरीर द्वारा उत्पन्न पसीने को कम करता है. बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा भी पसीने को कम किया जाता है.

Eid Special: मेहमानों के लिए बनाएं शाही पुलाव

त्योहारों के मौसम में मेहमानों का आना जाना लगा रहता है. और ऐसे वक्त पर आपको किचन से फुरसत नहीं मिलती. मेहमानों को खुश करने के लिए आप कई तरह की पकवान बनाने में लगी रहती हैं और खुद के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं. ऐसे मौके पर आप किसी ग्रेवी वाली सब्जी के साथ शाही पुलाव बनाएं. यह झटपट बन भी जाएगा और आपके मेहमान भी खुश हो जाएंगे. तो चलिए हम आपको शाही पुलाव बनाने की रेसिपी बताते हैं.

सामग्री

  • 2 कप चावल
  • ½ कप उबला हुआ हरा मटर
  • 1 चम्‍मच अदरक पेस्‍ट
  • 3-4 कटी हुई हरी मिर्च
  • ½ कप टुकड़ो में कटी पनीर
  • 1-2 तेज पत्‍ता
  • 2 चम्‍मच काजू
  • 2 चम्‍मच किशमिश
  • 1 चम्‍मच जीरा
  • 1-2 दालचीनी
  • 3 लहसुन
  • 5-6 इलायची
  • 2 चुटकी केसर
  • 6 चम्‍मच घी
  • 1 चम्‍मच कटी हरी धनिया
  • नमक स्वादानुसार

विधि

सूखे चावल को साफ पानी से धो लें, उसके बाद इसे बड़े बर्तन में पका कर इसका पानी निकाल कर एक किनारे ठंडा होने के लिये रख दें.

अब एक पैन लें, उसमें 1 चम्‍मच घी गरम कर के काजू और किशमिश को 1 मिनट तक के लिये मध्‍यम आंच पर फ्राई कर लें और किनारे रख दें.

अब बचे हुए पैन में और घी डाल कर गरम करें और फिर उसमें तेज पत्‍ता, लहसुन, कटी हरी मिर्च, इलायची और जीरा डालें. अगर आप इसमें प्‍याज और अदरक को अभी डालना चाहती हैं तो डाल सकती हैं.

जब यह सभी सामग्रियां अच्‍छे से पक जाएं तब उसमें पनीर, चावल और हरी मिर्च डालें. इसको अच्‍छे से चलाएं जिससे चावल में घी अच्‍छी तरह से समा जाए. इसके बाद स्‍वादानुसार नमक डालें.

घी पड़ने की वजह से चावल चमकदार हो जाना चाहिये और अगर ऐसा नहीं होता है तो और घी डाल सकती हैं. अब अलग से एक गरम पानी की कटोरी में केसर भिगो दीजिये और जब वह लाल रंग का हो जाए तब उसे चावल के साथ मिला दीजिये.

दो मिनट तक चावल को चलाइये और फिर गैस की आंच को बंद कर दीजिये. अब पुलाव को काजू, किशमिश और कटी हुई धनिया को छिड़क कर परोसिये.

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