दलजीत कौर ने पति के साथ की टैटू की ट्विनिंग, फोटोज हुए वाइरल

टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर ने हाल ही में दूसरी शादी रचाई है. अदाकारा इन दिनों अपने पति संग हनीमून पर निकली हैं. जहां से अदाकारा की लेटेस्ट फोटोज ने आते ही सनसनी मचा दी.

दलजीत कौर ने शेयर की हनीमून फोटोज

टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर इन दिनों अपने पति निखिल पटेल के साथ हनीमून पर हैं. अदाकारा ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने हनीमून की तस्वीरें फैंस को दिखाई हैं. जिसमें कुछ तस्वीरों में अदाकारा ने बेडरूम की तस्वीरें शेयर कर फैंस के बीच खलबली मचा दी. सामने आईं इन तस्वीरों में दोनों ही सितारे एक दूसरे के साथ बेडरूम में बेहद कोजी नजर आ रहे हैं. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गईं. दिलचस्प बात ये है कि इस तस्वीर में दोनों सितारों ने एक जैसा टैटू बनाया था. जिस पर लोगों की नजर टिक गई.

 

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बेडरूम में रोमांटिक नजर आएं दलजीत-निखिल

सामने आईं अदाकारा दलजीत कौर और निखिल पटेल की इन हनीमून फोटोज में दोनों सितारे बेडरूम में वक्त बिताते नजर आ रहे हैं

बेडरूम में बेहद कोजी नजर आए दलजीत-निखिल

टीवी सीरियल स्टार दलजीत कौर और निखिल पटेल इन तस्वीरों में बेडरूम में बेहद कोजी नजर आए. दोनों सितारों की रोमांटिक फोटोज फैंस का दिल चुरा ले गईं.

 

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दलजीत-निखिल के टैटू ने लूट ली महफिल

दिलचस्प बात ये है कि टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर और निखिल पटेल ने अपने हनीमून पर एक जैसा टैटू पैरों पर गुदवाया है. जो लोगों का ध्यान खींच ले गया. इस टैटू में दोनों सितारों ने अपनी दूसरी शादी को मेंशन करते हुए ‘टेक 2’ गुदवाया है.

 

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सिंगापुर में हैं दलजीत कौर और निखिल पटेल

टीवी सीरियल स्टार दलजीत कौर और निखिल पटेल इस वक्त हनीमून के लिए सिंगापुर में हैं. इससे पहले ये स्टार कपल बैंकॉक ट्रिप पूरी कर चुका है.

अनुज और अनुपमा का प्यार होगा खत्म, दोनों जल्द लेंगे तलाक!

स्टार प्लस का पॉपुलर सीरियल अनुपमा में इनदिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. शो में इन दिनों काफी उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. छोटी अनु के जाने के बाद अनुज और अनुपमा का तलाक हो सकता है. होली पार्टी पर अनुपमा को हंसते देख अनुज को काफी गुस्सा आता है वह सबके सामने अनुपमा पर चिल्ला पड़ता है. यह ट्विस्ट यहीं खत्म नहीं होते हैं.

 

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अनुज से कहेगी ये बात 

आने वाले एपिसोड में देखने को मिलेगा कि अनुपमा अनुज से अपने दिल की सारी बाते जो भी है वह निकाल दें. इसके बाद अनुज सारी भड़ास निकाल देता है, अनुज कहता है कि तुम चाहती तो छोटी अनु को रोक सकती थी लेकिन तुमने तो न खुद ऐसा किया और न ही मुझे ऐसा करने दिया. अनुज से कहेगा कि जब मैं तुम्हें देखता हूं तो लगता है कि मेरी छोटी अनु जा रही है और मेरा दम घुटने लगता है.

 

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अनुपमा और अनुज का रिश्ता टूटेगा 

अनुज की बात सुनने के बाद अनुपमा कहती है कि अपने रिश्ते से भी. इसपर अनुज कहता है कि पता है हमारा रिश्ता नाम का ही रह गया.
अनुज इतना तक कह देता है कि मैं इस नाम के रिश्ते में जरा भी नहीं रहना चाहता हूं. अनुज की ये बात सुनकर अनुपमा टूट जाती है. अनुज की ये बाते सुनकर अंकुश, देविका और धीरज अनुज को काफी सुनाते है.

 

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अनुज को दिखाएगी आईना 
आने वाले एपिसोड में देखने को मिलेगा कि देविका अनुज की तुलना वनराज से करेगी. देविका कहती है तुमने छोटी अनु की जिम्मेदारी  उसे लाकर दी और उसने बखूबी निभाई भी. जब वह छोटी अनु के लिए परिवार से लड़ी तब वह सही थी, लेकिन जब आज उसने छोटी अनू को जाने दिया तो वह गलत हो गई.

घर पर यूं बनाएं लड्डू पराठें और पनीर जलफ्रेजी

लंच हो या डिनर रोज ही हमारे घरों में बनाया जाता है चूंकि यह प्रतिदिन बनता है इसलिए हर गृहिणी के लिए यह सबसे बड़ी समस्या होती है कि ऐसा क्या बनाया जाए जो हैल्दी भी हो, आसानी से बन भी जाये और घर के सभी सदस्यों को पसन्द भी आ जाये. इसलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ रेसिपी बनाना बता रहे हैं जिन्हें आप बड़ी आसानी से बना सकतीं हैं.

1- लड्डू के परांठे

सामग्री

– मोतीचूर के लड्डू मैश किए

– गेहूं का आटा

– तलने के लिए देशी घी

-गार्निशिंग के लिए रबड़ी.

विधि

पूरी के आकार के परांठे के लिए आटे से पेड़े बना लीजिए और आटे में स्टफिंग के तौर पर मोतीचूर के लड्डू का इस्तेमाल कीजिए. लोई को हलके हाथ से पराठें की तरह बेल लें. ध्यान रहे परांठा फटे नहीं. परांठे को देशी घी में तलिए. गरमगरम परांठे को ठंडी रबड़ी के साथ परोसें.

2- पान शौट

सामग्री

– 2 मीठे पान बिना सुपारी के

– 4 बड़े चम्मच वैनीला आइसक्रीम

– 2 बड़े चम्मच क्रीम

– जरूरतानुसार ठंडा पानी

– 4 बर्फ के टुकड़े.

विधि

सभी चीजों को एकसाथ ब्लैंडर में डाल कर 2-3 मिनट तक ब्लैंड करें. शौट गिलास में डालें और परोसें.

3- पनीर जलफ्रेजी

सामग्री

-250 ग्राम पनीर क्यूब्स में कटे और तले हुए

-1 मध्यम आकार का प्याज कद्दूकस किया

– 1 मध्यम आकार का टमाटर कद्दूकस किया

-1 छोटा चम्मच अदरकलहसुन का पेस्ट

– 2 बड़े चम्मच टमाटर सौस

– 1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच गरममसाला

-1/2 छोटा चम्मच धनिया पाउडर

– 1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर

-2 बड़े चम्मच तेल

-1 छोटा चम्मच जीरा

– 1 बड़ा प्याज लंबा कटा

– 1 बड़ा टमाटर बीज निकाल कर कटा

– 2 शिमलामिर्च कटी

– नमक स्वादानुसार.

विधि

कड़ाही में तेल गरम कर तेज आंच पर जीरा भूनें. कद्दूकस किया हुआ प्याज डाल कर सुनहरा होने तक भूनें. उस के बाद कद्दूकस किया हुआ टमाटर डाल कर तेल छोड़ने तक पकाएं. अदरकलहसुन का पेस्ट भी मिला कर चलाते हुए भूनें. फिर इस में टमाटर सौसलालमिर्च पाउडरगरममसालाधनिया पाउडरकाली मिर्च पाउडरनमक और 3 बड़े चम्मच पानी डालें और ग्रेवी बनने तक पकाएं. अब प्याजटमाटरशिमलामिर्च डालें और लगभग पक जाने तक पकाएं. फ्राई किया हुआ पनीर डाल कर अच्छी तरह मिक्स करें और धनियापत्ती से गार्निश कर गरमगरम सर्व करें.

देर आए दुरुस्त आए

रात का 1 बज रहा था. स्नेहा अभी तक घर नहीं लौटी थी. सविता घर के अंदर बाहर बेचैनी से घूम रही थी. उन के पति विनय अपने स्टडीरूम में कुछ काम कर रहे थे, पर ध्यान सविता की बेचैनी पर ही था. विनय एक बड़ी कंपनी में सीए थे. वे उठ कर बाहर आए. सविता के चिंतित चेहरे पर नजर डाली. कहा, ‘‘तुम सो जाओ, मैं जाग रहा हूं, मैं देख लूंगा.’’

‘‘कहां नींद आती है ऐसे. समझासमझा कर थक गई हूं. स्नेहा के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती. क्या करूं?’’

तभी कार रुकने की आवाज सुनाई दी. स्नेहा कार से निकली. ड्राइविंग सीट पर जो लड़का बैठा था, उसे झुक कर कुछ कहा, खिलखिलाई और अंदर आ गई. सविता और विनय को देखते ही बोली, ‘‘ओह, मौम, डैड, आप लोग फिर जाग रहे हैं?’’

‘‘तुम्हारे जैसी बेटी हो तो माता पिता ऐसे ही जागते हैं, स्नेहा. तुम्हें हमारी हैल्थ की भी परवाह नहीं है.’’

‘‘तो क्या मैं लाइफ ऐंजौय करना छोड़ दूं? मौम, आप लोग जमाने के साथ क्यों नहीं चलते? अब शाम को 5 बजे घर आने का जमाना नहीं है.’’

‘‘जानती हूं, जमाना रात के 1 बजे घर आने का भी नहीं है.’’

‘‘मुझे तो लगता है पेरैंट्स को चिंता करने का शौक होता है. अब गुडनाइट, आप का लैक्चर तो रोज चलता है,’’ कहते हुए स्नेहा गुनगुनाती हुई अपने बैडरूम की तरफ बढ़ गई.

सविता और विनय ने एकदूसरे को चिंतित और उदास नजरों से देखा. विनय ने कहा, ‘‘चलो, बहुत रात हो गई. मैं भी काम बंद कर के आता हूं, सोते हैं.’’

सविता की आंखों में नींद नहीं थी. आंसू भी बहने लगे थे, क्या करे, इकलौती लाडली बेटी को कैसे समझाए, हर तरह से समझा कर देख लिया था. सविता ठाणे की खुद एक मशहूर वकील थीं.

उन के ससुर सुरेश रिटायर्ड सरकारी अधिकारी थे. घर में 4 लोग थे. स्नेहा को घर में हमेशा लाड़प्यार ही मिला था. अच्छी बातें ही सिखाई गई थीं पर समय के साथ स्नेहा का लाइफस्टाइल चिंताजनक होता गया था. रिश्तों की उसे कोई कद्र नहीं थी. बस लाइफ ऐंजौय करते हुए तेजी से आगे बढ़ते जाना ही उस की आदत थी. कई लड़कों से उस के संबंध रह चुके थे. एक से ब्रेकअप होता, तो दूसरे से अफेयर शुरू हो जाता. उस से नहीं बनती तो तीसरे से दोस्ती हो जाती. खूब पार्टियों में जाना, डांसमस्ती करना, सैक्स में भी पीछे न हटने वाली स्नेहा को जबजब सविता समझाने बैठीं दोनों में जम कर बहस हुई. सुरेश स्नेहा पर जान छिड़कते थे. उन्होंने ही लंदन बिजनैस स्कूल औफ कौमर्स से उसे शिक्षा दिलवाई. अब वह एक लौ फर्म में ऐनालिस्ट थी. सविता और विनय के अच्छे पारिवारिक मित्र अभय और नीता भी सीए थे और उन का इकलौता बेटा राहुल एक वकील.

एक जैसा व्यवसाय, शौक और स्वभाव ने दोनों परिवारों में बहुत अच्छे संबंध स्थापित कर दिए थे. राहुल बहुत ही अच्छा इनसान था. वह मन ही मन स्नेहा को बहुत प्यार करता था पर स्नेहा को राहुल की याद तभी आती थी जब उसे कोई काम होता था या उसे कोई परेशानी खड़ी हो जाती थी. स्नेहा के एक फोन पर सब काम छोड़ कर राहुल उस के पास होता था.

सविता और विनय की दिली इच्छा थी कि स्नेहा और राहुल का विवाह हो जाए पर अपनी बेटी की ये हरकतें देख कर उन की कभी हिम्मत ही नहीं हुई कि वे इस बारे में राहुल से बात भी करें, क्योंकि स्नेहा के रंगढंग राहुल से छिपे नहीं थे. पर वह स्नेहा को इतना प्यार करता था कि उस की हर गलती को मन ही मन माफ करता रहता था. उस के लिए प्यार, केयर, मानवीय संवेदनाएं बहुत महत्त्व रखती थीं पर स्नेहा तो इन शब्दों का अर्थ भी नहीं जानती थी.

समय अपनी रफ्तार से चल रहा था. स्नेहा अपनी मरजी से ही घर आतीजाती.  विनय और सविता के समझाने का उस पर कोई असर नहीं था. जब भी दोनों कुछ डांटते, सुरेश स्नेहा को लाड़प्यार कर बच्ची है समझ जाएगी कह कर बात खत्म करवा देते. वे अब बीमार चल रहे थे. स्नेहा में उन की जान अटकी रहती थी. अपना अंतिम समय निकट जान उन्होंने अपना अच्छा खासा बैंक बैलेंस सब स्नेहा के नाम कर दिया.

एक रात सुरेश सोए तो फिर नहीं जागे. तीनों बहुत रोए, बहुत उदास हुए, कई दिनों तक रिश्तेदारों और परिचितों का आनाजाना लगा रहा. फिर धीरेधीरे सब का जीवन सामान्य होता गया. स्नेहा अपने पुराने ढर्रे पर लौट आई. वैसे भी किसी भी बात को, किसी भी रिश्ते को गंभीरतापूर्वक लेने का उस का स्वभाव था ही नहीं. अब तो वह दादा के मोटे बैंक बैलेंस की मालकिन थी. इतना खुला पैसा हाथ में आते ही अब वह और आसमान में उड़ रही थी. सब से पहले उस ने मातापिता को बिना बताए एक कार खरीद ली.

सविता ने कहा, ‘‘अभी से क्यों खरीद ली? हमें बताया भी नहीं?’’

‘‘मौम, मुझे मेरी मरजी से जीने दो. मैं लाइफ ऐंजौय करना चाहती हूं. रात में मुझे कभी कोई छोड़ता है, कभी कोई. अब मैं किसी पर डिपैंड नहीं करूंगी. दादाजी मेरे लिए इतना पैसा छोड़ गए हैं, मैं क्यों अपनी मरजी से न जीऊं?’’

विनय ने कहा, ‘‘बेटा, अभी तुम्हें ड्राइविंग सीखने में टाइम लगेगा, पहले मेरे साथ कुछ प्रैक्टिस कर लेती.’’

‘‘अब खरीद भी ली है तो प्रैक्टिस भी हो जाएगी. ड्राइविंग लाइसैंस भी बन गया है. आप लोग रिलैक्स करना सीख लें, प्लीज.’’

अब तो रात में लौटने का स्नेहा का टाइम ही नहीं था. कभी भी आती, कभी भी जाती. सविता ने देखा था वह गाड़ी बहुत तेज चलाती है. उसे टोका, ‘‘गाड़ी की स्पीड कम रखा करो. मुंबई का ट्रैफिक और तुम्हारी स्पीड… बहुत ध्यान रखना चाहिए.’’

‘‘मौम, आई लव स्पीड, मैं यंग हूं, तेजी से आगे बढ़ने में मुझे मजा आता है.’’

‘‘पर तुम मना करने के बाद भी पार्टीज में ड्रिंक करने लगी हो, मैं तुम्हें समझा कर थक चुकी हूं, ड्रिंक कर के ड्राइविंग करना कहां की समझदारी है? किसी दिन…’’

‘‘मौम, मैं भी थक गई हूं आप की बातें सुनतेसुनते, जब कुछ होगा, देखा जाएगा,’’ पैर पटकते हुए स्नेहा कार की चाबी उठा कर घर से निकल गई.

सविता सिर पकड़ कर बैठ गईं. बेटी की हरकतें देख वे बहुत तनाव में रहने लगी थीं. समझ नहीं आ रहा था बेटी को कैसे सही रास्ते पर लाएं.

एक दिन फिर स्नेहा ने किसी पार्टी में खूब शराब पी. अपने नए बौयफ्रैंड विक्की के साथ खूब डांस किया, फिर विक्की को उस के घर छोड़ने के लिए लड़खड़ाते हुए ड्राइविंग सीट पर बैठी तो विक्की ने पूछा, ‘‘तुम कार चला पाओगी या मैं चलाऊं?’’

‘‘डोंट वरी, मुझे आदत है,’’ स्नेहा नशे में डूबी गाड़ी भगाने लगी, न कोई चिंता, न कोई डर.

अचानक उस ने गाड़ी गलत दिशा में मोड़ ली और सामने से आती कार को भयंकर टक्कर मार दी. तेज चीखों के साथ दोनों कारें रुकीं. दूसरी कार में पति ड्राइविंग सीट पर था, पत्नी बराबर में और बच्चा पीछे. चोटें स्नेहा को भी लगी थीं. विक्की हकबकाया सा कार से नीचे उतरा. उस ने स्नेहा को सहारा दे कर उतारा. स्नेहा के सिर से खून बह रहा था. दोनों किसी तरह दूसरी कार के पास पहुंचे तो स्नेहा की चीख से वातावरण गूंज उठा. विक्की ने भी ध्यान से देखा तो तीनों खून से लथपथ थे. पुरुष शायद जीवित ही नहीं था.

विक्की चिल्लाया, ‘‘स्नेहा, शायद कोई नहीं बचा है. उफ, पुलिस केस हो जाएगा.’’

स्नेहा का सारा नशा उतर चुका था. रोने लगी, ‘‘विक्की, प्लीज, हैल्प मी, क्या करें?’’

‘‘सौरी स्नेहा, मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा. प्लीज, कोशिश करना मेरा नाम ही न आए. मेरे डैड बहुत नाराज होंगे, सौरी, मैं जा रहा हूं.’’

‘‘क्या?’’ स्नेहा को जैसे तेज झटका लगा, ‘‘तुम रात में इस तरह मुझे छोड़ कर जा रहे हो?’’

विक्की बिना जवाब दिए एक ओर भागता चला गया. सुनसान रात में अकेली, घायल खड़ी स्नेहा को हमेशा की तरह एक ही नाम याद आया, राहुल. उस ने फौरन राहुत को फोन मिलाया. हमेशा की तरह राहुल कुछ ही देर में उस के पास था. स्नेहा राहुल को देखते ही जोरजोर से रो पड़ी. स्नेहा डरी हुई, घबराई हुई चुप ही नहीं हो रही थी.

राहुल ने उसे गले लगा कर तसल्ली दी, ‘‘मैं कुछ करता हूं, मैं हूं न, तुम पहले हौस्पिटल चलो, तुम्हें काफी चोट लगी है, लेकिन उस से पहले भी कुछ जरूरी फोन कर लूं,’’ कह उस ने अपने एक पुलिस इंस्पैक्टर दोस्त राजीव और एक डाक्टर दोस्त अनिल को फोन कर तुरंत आने के लिए कहा.

अनिल ने आकर उन 3 लोगों का मुआयना किया. तीनों की मृत्यु हो चुकी थी. सब सिर पकड़ कर बैठ गए. स्नेहा सदमें में थी. उस पर केस तो दर्ज हो ही चुका था. उसे काफी चोटें थीं तो पहले तो उसे ऐडमिट किया गया.

सरिता और विनय भी पहुंच चुके थे. स्नेहा मातापिता से नजरें ही नहीं मिला पा रही थी. कई दिन पुलिस, कोर्टकचहरी, मानसिक और शारीरिक तनाव से स्नेहा बिलकुल टूट चुकी थी. उस की जिंदगी जैसे एक पल में ही बदल गई थी. हर समय सोच में डूबी रहती. उस के लाइफस्टाइल के कारण 3 लोग असमय ही दुनिया से जा चुके थे. वह शर्मिंदगी और अपराधबोध की शिकार थी. 1-1 गलती याद कर, बारबार अपने मातापिता और राहुल से माफी मांग रही थी. राहुल और सविता ने ही उस का केस लड़ा. रातदिन एक कर दिया. भारी जुर्माने के साथ स्नेहा को थोड़ी आजादी की सांस लेने की आशा दिखाई दी. रातदिन मानसिक दबाव के कारण स्नेहा की तबीयत बहुत खराब हो गई. उसे हौस्पिटल में ऐडमिट किया गया. अभी तो ऐक्सिडैंट की चोटें भी ठीक नहीं हुई थीं. उस की जौब भी छूट चुकी थी. पार्टियों के सब संगीसाथी गायब थे. बस राहुल रातदिन साए की तरह साथ था. हौस्पिटल के बैड पर लेटेलेटे स्नेहा अपने बिखरे जीवन के बारे में सोचती रहती. कार में 3 मृत लोगों का खयाल उसे नींद में भी घबराहट से भर देता. कोर्टकचहरी से भले ही सविता और राहुल ने उसे जल्दी बचा लिया था पर अपने मन की अदालत से वह अपने गुनाहों से मुक्त नहीं हो पा रही थी.

विनय, सविता, राहुल और उस के मम्मीपापा अभय और नीता भी अपने स्नेह से उसे सामान्य जीवन की तरफ लाने की कोशिश कर रहे थे. अब उसे सहीगलत का, अच्छेबुरे रिश्तों का, भावनाओं का, अपने मातापिता के स्नेह का, राहुल की दोस्ती और प्यार का एहसास हो चुका था.

एक दिन जब विनय, सविता, अभय और नीता चारों उस के पास थे, बहुत सोचसमझ कर उस ने अचानक सविता से अपना फोन मांग कर राहुल को फोन किया और आने के लिए कहा.

हमेशा की तरह राहुल कुछ ही देर में उस के पास था. स्नेहा ने उठ कर बैठते हुए राहुल का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘‘इस बार तुम्हें किसी काम से नहीं, सब के सामने बस इतना कहने के लिए बुलाया है, आई एम सौरी फौर ऐवरीथिंग, आप सब मुझे माफ कर दें और राहुल, तुम कितने अच्छे हो,’’ कह कर रोतेरोते स्नेहा ने राहुल के गले में बांहें डाल दीं तो राहुल वहां उपस्थित चारों लोगों को देख कर पहले तो शरमा गया, फिर हंस कर स्नेहा को अपनी बांहों के सुरक्षित घेरे में ले कर अपने मातापिता, फिर विनय और सविता को देखा तो बहुत दिनों बाद सब के चेहरे पर एक मुसकान दिखाई दी, सब की आंखों में अपनी इच्छा पूरी होने की खुशी साफसाफ दिखाई दे रही थी.

घर खरीदते समय रखें इन 6 बातों का ध्यान

आशीष और रीमा ने कुछ दिनों पूर्व अपनी 10 साल की समस्त जमा पूंजी लगाकर अपने सपनों का आशियाना खरीदा, उसका इंटीरियर भी दिलो जान से करवाया और ख़ुशी ख़ुशी उसमें अपने माता पिता और 2 बच्चों के साथ शिफ्ट भी हो गये. पूरा परिवार खुश था कि जैसा घर खरीदना चाहते थे उससे भी अच्छा घर खरीद पाए पर 1 साल बाद ही अचानक एक दिन आये हार्ट अटेक से उसकी मम्मी चल बसीं. मम्मी के जाने के बाद अब नई समस्या उत्पन्न हो गई क्योंकि भविष्य में जमीन अपनी रहे इस सोच के चलते आशीष ने एक डुप्लेक्स घर खरीदा था जिसमें नीचे के फ्लोर पर 1 बी एच के और ऊपर 2 बी एच के था. जब तक मां थीं तो पापा और मां नीचे रहते थे आशीष अपने 2 बच्चों के साथ ऊपर पर अब 90 वर्षीय पिता को अकेले नहीं छोड़ा जा सकता था और नीचे एक कमरा ही था जिसमें अन्य किसी के सोने की कोई व्यवस्था नहीं थी अब आशीष परेशान है कि यदि पहले इस समस्या पर विचार किया होता तो या तो नीचे 2 बी एच के का घर देखता या फिर 3 बी एच के फ्लेट ही खरीद लेता क्योंकि पिता को अकेले छोड़ना सम्भव नहीं था अब आशीष के पास 2 ही विकल्प हैं कि या तो घर बदला जाये या फिर घर की संरचना में परिवर्तन कराकर एक कमरा नीचे निकलवाया जाये.

अनन्या ने सर्व सुविधायुक्त बहुत अच्छी सोसाइटी में काफी महंगे दामों पर अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर 3 बी एच के फ्लेट खरीदा परन्तु जब वह वहां निवास करने लगी तो उसे समझ आया कि सोसाइटी के आसपास कोई भी बाजार नहीं है जिससे रोजमर्रा छोटी छोटी चीजों को खरीदने के लिए भी उसे कार से ही जाना पड़ता है जिससे समय और पैसा दोनों की ही बर्बादी होती है अब समझौता करने के अलावा कोई चारा नहीं है वह कहती है, “काश मैंने बाहरी चमक दमक की अपेक्षा थोडा सा प्रेक्टिकल होकर सोचा होता, क्योंकि घर कोई शाक भाजी नहीं है जिसे पसंद न आने पर बदला जा सके.”
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, पहले की अपेक्षा आजकल बैंक से घर के लिए लोन भी बड़ी आसानी से मिल जाता है इसके साथ ही आयकर में छूट भी मिलती है जिससे नौकरी लगने के बाद घर खरीदना और अधिक आसान हो जाता है. घर हम सभी जीवन में एक बार ही खरीदते हैं और इसे केवल तात्कालिक जीवन या फिर परिस्थतियों को देखकर नहीं बल्कि भविष्य और परिवार के स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर ही खरीदना चाहिए ताकि जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर आपको पछताना न पड़े. घर खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है-

1-लोकेशन का रखें ध्यान

आजकल शहर के मध्य में तो घर लेना हर एक के बस की बात नहीं होती, क्योंकि एक तो यहां पर रेट्स बहुत अधिक होते हैं दूसरे शहर के बीच में जगह न होने के कारण अधिकांश निर्माण कार्य शहर के बाहरी इलाके में ही हो रहा है यद्यपि शहरों के इन आउटर एरियाज का विकास भी बहुत तेजी से होता है इसलिए जब भी आप घर खरीदें तो ध्यान रखें कि उसके आसपास हॉस्पिटल, छोटा मोटा बाजार, अवश्य हो, जहां से जरूरत पड़ने पर सामान खरीदा जा सके.

2-लिफ्ट भी है आवश्यक

15 वर्षो से एक 4 मंजिली सोसाइटी में रह रही हर्षिता की सोसाइटी बहुत अच्छी है रहवासी भी सरल, सहज हैं परन्तु पिछले दिनों जब उसकी सास को हॉस्पिटल ले जाना था तो लिफ्ट न होने के कारण उन्हें उतारने में बहुत समस्या हुई तब उसे लगा कि सोसाइटी में लिफ्ट का होना अत्यंत आवश्यक है. जनसंख्या अधिक और रहवासी जमीन कम होने से फ्लेट कल्चर का जन्म हुआ और सर्व सुविधायुक्त सोसाइटीज में फ्लेट बनने लगे. यद्यपि आजकल सभी सोसाइटीज में लिफ्ट का प्रावधान होता है परन्तु कई बार 3-4 मध्यम श्रेणी के शहरों में 3-4 मंजिल की सोसाइटीज बनतीं हैं जहाँ पर लिफ्ट का कोई प्रावधान नहीं होता अथवा लिफ्ट के लिए जगह छोड़ दी जाती है ऐसे फ्लेट कीमत में भले ही कम होते हों परन्तु लिफ्ट न होने से भारी सामान को ले जाने अथवा बीमारी हारी की स्थिति में मरीज को लाना और ले जाना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए सदैव लिफ्ट वाली सोसाइटी में ही घर खरीदना सही रहता है.

3-डुप्लेक्स की मुश्किल

फ्लेट की सबसे बड़ी कमी है कि उसमें जमीन अपनी नहीं होती और इस कमी को पूरा करने के लिए डुप्लेक्स घरों का कल्चर आया भले ही डुप्लेक्स की कीमत में कम होते हैं परन्तु इनकी सबसे बड़ी कमी नीचे के फ्लोर पर केवल एक ही बेडरूम होना है क्योंकि फ्लेट में जहाँ एक ही फ्लोर पर सारे कमरे होते हैं वहीँ डुप्लेक्स को चूँकि कम जगह में अधिक जगह वाला बनाया जाता है इसलिए इसमें नीचे के फ्लोर पर 1 बी एच के और ऊपर के फ्लोर पर 2 या 3 बी एच के ही होता है. ऐसे में नीचे रहने वाला बन्दा अकेला हो जाता है. जिन घरों में बुजुर्ग हैं वहां यह आगे चलकर काफी गम्भीर समस्या बन जाती है इसलिए डुप्लेक्स घर लेते समय नीचे के फ्लोर पर 2 बी एच के होना अत्यंत आवश्यक है.

4-बजट फ्रेंडली हो घर

अपने परिचित या मित्रों की देखादेखी घर खरीदने की अपेक्षा घर खरीदने से पहले अपने बजट का पूरी तरह मूल्यांकन कर लें कि भविष्य में किश्त कहां से और कैसे निकलेगी. क्योंकि कई बार घर लेने के बाद घर में आये आकस्मिक खर्चों को पूरा करना ही बहुत बड़ी समस्या बन जाती है. यदि अभी आपका बजट छोटा घर खरीदने का है तो उसे लेकर किराये पर दे सकते हैं ताकि आपके पास एक एसेट हो जाये और फिर आगे चलकर इसे सेल आउट करके आप और धन मिलाकर अपनी आवश्यकतानुसार घर खरीद सकते हैं.

5-मेंटेनेंस का रखें ध्यान

कार्तिक ने अपने घर का इंटीरियर करवाते समय बहुत महंगे पर्दे, किचिन केबिनेट, ग्लासेज और पेंटिग्स लगवायीं परंन्तु कुछ समय बाद ही मेंटेनेंस के अभाव में वे बदरंग और धूल धूसरित नजर आने लगीं. अक्सर घर बनवाते समय लोग अपने घर में बहुत महंगा इंटीरियर करवा लेते हैं परन्तु रहते समय उनकी साफ़ सफाई और रख रखाव पर ध्यान नहीं देते जिससे घर का सौन्दर्य ही नष्ट हो जाता है इसलिए घर में उतना ही काम करवाएं जिसकी आप साफ़ सफाई कर सकें.

6-बुजुर्गों का ध्यान अत्यंत आवश्यक

यदि आपके माता पिता बुजुर्ग हैं तो उनकी सुविधा का ध्यान रखें कि उनके लिए ऐसा कमरा चुने जहां से वे परिवार के सभी सदस्यों तक आसानी से पहुंच सकें, उनसे बतियाकर हंस बोल सकें साथ ही उनके घूमने फिरने के लिए भी पर्याप्त स्पेस हो जिससे उनका मन लगा रहे. उनके बाथरूम में एंटी स्किट टाइल्स और एल्युमुनियम की रेलिंग आदि की व्यवस्था करवाएं ताकि उन्हें आने जाने में परेशानी न हो

मुझे शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग होती है, मैं जानना चाहती हूं इस का कारण क्या है?

सवाल

मुझे शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग होती है. मैं जानना चाहती हूं इस का कारण क्या है?

जवाब

शारीरिक संबंध बनाने के बाद होने वाली ब्लीडिंग (पोस्टकोइटल ब्लीडिंग) सामान्य है. लेकिन अगर ब्लीडिंग अधिक हो रही हैनियमित रूप से हो रही है और माहवारी के बीच में भी हो रही है तो यह सर्वाइकल कैंसर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है. यह हमारे देश में स्तन कैंसर के बाद महिलाओं में होने वाला सब से सामान्य कैंसर है. इस के मामले 30 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक देखे जाते हैं. आप अपनी जांच कराएं तभी सर्विक्स या बच्चेदानी के मुंह पर विकसित होने वाली किसी ग्रोथ या पौलिप के बारे में पता चलेगा.

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सवाल

मेरी उम्र 26 साल है. अल्ट्रासाउंड कराने पर पता चला है कि मेरे अंडाशय में गांठ है. क्या यह खतरनाक है?

जवाब

अंडाशय हारमोनों से सीधे संबंधित होते हैं. हर महीने माहवारी के समय इन के आकार में बदलाव आता है तो कभी इन का आकार बड़ा हो जाता है कभी छोटा. अगर दर्द लगातार बढ़ रहा हैकब्ज हो रही है या पेट फूल रहा है तो यह ओवेरियन कैंसर का लक्षण हो सकता है. डाक्टर आप को एक ब्लड टैस्ट ट्यूमर मार्कर कराने की सलाह देंगे. अगर यह बढ़ा हुआ है तो कैंसर की पुष्टि के लिए सीटी स्कैन कराया जाएगा.

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सवाल

मेरी भाभी को स्तन कैंसर है. मेरे इस कैंसर की चपेट में आने का खतरा कितना है?

जवाब

आनुवंशिक कारक स्तन कैंसर होने का खतरा 5 से 10% तक बढ़ा देते हैं. अगर आप की मांनानीमौसी या बहन को स्तन कैसर है तो आप के लिए इस कैंसर की चपेट में आने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में इन में से अगर किसी एक को स्तन कैंसर है तो बाकी सब को जरूरी जांचे कराने में देरी नहीं करनी चाहिए. लेकिन आप की भाभी को स्तन कैसर होने से आप के लिए खतरा नहीं बढ़ता है क्योंकि आप का उन से सीधा कोई रक्त संबंध नहीं है.

बेबी स्किन केयर स्मार्ट टिप्स

साक्षी उस दिन स्कूल से रोती हुई घर लौटी. मां ने वजह पूछी तो 8 साल की साक्षी रोते हुए बोली, ‘‘मां मैं क्या भालू की बेटी हूं? तुम मु?ो चिडि़याघर से लाई थीं?’’

‘‘नहीं मेरी प्यारी गुडि़या… तुम मेरी बेटी हो… किस ने कहा कि तुम भालू की बेटी हो?’’ मां ने बच्ची के आंसू पोछते हुए पूछा.

‘‘सब बोलते हैं. आज तो हिंदी की टीचर ने भी बोला कि मैं भालू जैसी दिखती हूं,’’ साक्षी सुबकते हुए बोली.

‘‘क्यों? ऐसा क्यों बोली वे?’’

‘‘मेरे हाथपैर पर इतने बाल जो हैं. सब को मैं भालू लगती हूं,’’ साक्षी मां के सामने अपने दोनों हाथ फैलाते हुए बोली.

मां साक्षी की बात सुन कर परेशान हो गई. दरअसल, साक्षी के पूरे शरीर और चेहरे पर घने रोएं हैं. इस के कारण उस का रंग भी दबा हुआ है. अब इतनी कम उम्र में उसे पार्लर ले जा कर वैक्सिंग भी नहीं करवा सकते हैं. साक्षी पढ़ने में अच्छी है. डांस और ऐक्टिंग भी बढि़या करती है, मगर स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उसे मौका नहीं मिलता है. अगर टीचर्स डांस बगैरा में ले भी लें तो अच्छा डांस करने के बाद भी उस को पीछे की लाइन में रखा जाता है. वजह है उस का रोयों से भरा चेहरा और हाथपैर. जिन्हें मेकअप में भी छिपाया नहीं जा सकता.

1- शरीर मजबूत और साफ होता है

दरअसल, साक्षी के पैदा होने के बाद उस के शरीर की जो मालिश होनी चाहिए थी वह कभी हुई नहीं. अकसर नवजातों के शरीर पर जन्म से ही कुछ रोएं होते हैं जो लगातार मालिश से साल 6 महीने में साफ हो जाते हैं. अकसर देखा होगा कि गांवदेहात की महिलाएं अपने नवजातों को अपने पैरों पर लिटा कर सरसों के तेल, हलदी और बेसन के उबटन से उन की मालिश करती हैं.

शहरी मांएं कई तरह के बेबी औयल से अपने उन की मालिश करती हैं जिस से बच्चों का शरीर मजबूत और साफ होता है. मालिश से उन के शरीर में रक्तसंचार भी बढि़या होता है और ऊर्जा प्राप्त होती है. मगर साक्षी के जन्म के बाद उस की मां को पैरालिसिस का अटैक पड़ा और वे करीब 2 साल बिस्तर पर रहीं. उन का आधा शरीर लकवाग्रस्त हो गया. लंबे इलाज और थेरैपी के बाद अब वे चलनेफिरने के काबिल हुई हैं.

जन्म के बाद से करीब 4 साल तक साक्षी अपनी नानी के पास रही. नानी काफी बुजुर्ग थीं. लिहाजा साक्षी की उस तरह अच्छी देखभाल नहीं हो पाई जो आमतौर पर नवजातों की होती है. उस के शरीर की कभी ठीक से मालिश भी नहीं हुई. यही वजह है कि उस के शरीर पर जन्म के समय जो बाल थे वे उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा घने और कड़े हो गए और अब उसे भद्दा बनाते हैं.

2- बच्चों का सही विकास

शिशुओं के शरीर की मालिश कई वजहों से बहुत जरूरी होती है. मालिश से न केवल अनचाहे बालों से शरीर मुक्त होता है बल्कि इस से हड्डियों को मजबूती मिलती है और पूरे शरीर में बढि़या रक्तसंचार होने से बच्चे का ठीक तरीके से विकास होता है.

शिशुओं की त्वचा फूल जैसी कोमल होती है और इसीलिए उन की त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है. यहां पर यह सम?ाना भी जरूरी है कि शिशुओं की त्वचा की देखभाल का मतलब सिर्फ उन के चेहरे की त्वचा की देखभाल करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे शरीर की त्वचा की देखभाल करने से जुड़ा है.

बच्चे में मालिश की आवश्यकता को देखते हुए बाजार में तरहतरह के बेबी केयर प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. मालिश के लिए इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आज शहरी मांएं ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की मांएं भी खूब करने लगी हैं.

3- प्रोडक्ट्स खरीदने से पहले

मगर अपने बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए प्रोडक्ट खरीदने से पहले जानकारी प्राप्त करना और सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है.

इन प्रोडक्ट्स में अनेक प्रकार के रसायन, खुशबू वाली चीजें, कपड़ों को रंगने में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ, डिटर्जैंट या कोई अन्य शिशु उत्पाद, नवजात की सेहत के साथसाथ उस की त्वचा

में दाग, चकत्ते, दरदरापन, जलन और खुशकी पैदा कर सकते हैं, इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि बेबी स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाए.

आमतौर पर शिशु के शरीर की देखभाल के लिए जिन चीजों का सब से ज्यादा जरूरत होती है वे हैं- बेबी क्रीम, शैंपू, बेबी सोप, हेयर औयल, मसाज औयल, पाउडर और शिशु को पहनाए जाने वाले कपड़े.

शिशुओं की स्किन बहुत नाजुक होती है. अगर उन की स्किन केयर में जरा भी लापरवाही हुई तो स्किन पर रैशज और दानें निकल आते हैं. इन की जलन से शिशु असहज महसूस करते हैं और रातदिन रोते हैं. ऐसे में अगर आप पहली बार पेरैंट्स बने हैं तो आप को अपने बच्चे की स्किन का खास खयाल रखना सीखना जरूरी है.

4- मां के लिए जानना जरूरी

जन्म के बाद शुरुआती समय में बच्चे की स्किन और बालों में लगातार बदलाव आता है. न्यू बौर्न बेबीज के शरीर से कई दिनों तक सफेद रंग की पपड़ी निकलती है जोकि एक नौर्मल प्रक्रिया है. इसे वेरनिक्स कहा जाता है. हलके हाथों से बच्चे के शरीर की तेल मालिश से यह पपड़ी पूरी तरह हट जाती है, साथ ही अनावश्यक बाल भी निकल जाते हैं.

पर कुछ लोग इसे जल्दी हटाने के लिए बच्चे को अत्यधिक रगड़ कर नहलाने या स्क्रब करने की कोशिश करते हैं जो सही तरीका नहीं है. शिशुओं की स्किन केयर के लिए हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, यह जानना एक नई मां के लिए बहुत जरूरी है.

5- त्वचा को पोषण दें

शिशु की त्वचा को पोषण की जरूरत होती है. इस के लिए दिन में 2 समय उस की मालिश कर सकती हैं. मालिश के लिए कोई भी असली तेल जैसे नारियल का तेल, बादाम तेल, औलिव औयल आदि ले सकती हैं. ध्यान रहे कि बेबी औयल के नाम से बिकने वाले उन तेलों से दूर रहें जिन में तेज खुशबू, तेज रंग और कैमिकल्स होते हैं.

6- माइल्ड साबुन करें इस्तेमाल

शिशु की त्वचा पर कैमिकल वाले प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से सूखेपन या रैशेज की समस्या हो जाती है इसलिए बाल और स्किन के लिए हमेशा माइल्ड शैंपू और साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए.

7- ज्यादा पाउडर न लगाएं

शिशु की त्वचा पर पाउडर का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. नहलाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से सूती मुलायम कपड़े से सुखाएं और उस के बाद ही पाउडर लगाएं. ध्यान रहे पाउडर अच्छी कंपनी का और ऐसा लें जिस में ज्यादा खुशबू न हो. जरूरत न होने पर पाउडर का इस्तेमाल न करें.

8- धुले कपड़े पहनाएं

बच्चे को कपड़े हमेशा धुले हुए ही पहनाएं. गंदे कपड़ों से त्वचा पर रैशेज, रूखापन, खुजली या अन्य कोई समस्या हो सकती है.

9- नाखूनों को रखें साफ

शिशुओं के नाखून तेजी से बढ़ते हैं और अगर इन्हें न काटा जाए तो उन के चेहरे पर चोट लग सकती है.

10- कौटन नैपी पहनाएं

डायपर के इस्तेमाल से बच्चे को रैशेज की समस्या होती है और गीला होने के कारण बच्चे को खुजली, रैशेज और रैडनैस की समस्या हो सकती है. ऐसे में बच्चे को कम डायपर पहनाएं और बेहतर होगा कि कौटन का नैपी ही पहनाएं.

11- अंधविश्वासी टोटकों से बचें

बच्चों की त्वचा बहुत कोमल होती है. उन पर व्यर्थ में काजल, सिंदूर, हलदी, चंदन आदि न लगाएं. इन उत्पादों में न जाने किसकिस तरह के कैमिकल्स मिले हो सकते हैं.

12- सनबर्न से बचाएं

कभी अपने बच्चे को तेज धूप में डाइरैक्ट न रखें. शिशुओं के लिए सुबह की धूप सब से अच्छी होती है. अगर शिशु की स्किन पर रैश आ या लाल चकत्ते हो रहे हैं तो उसे तुरंत डाक्टर को दिखाएं. यह ऐलर्जी भी हो सकती है.

Fresh Look के लिए ट्राय करें ये 5 फेस मास्क

जरूरी नहीं कि आप पार्लर जा कर ही अपने चेहरे पर निखार लाएं, आप घर पर भी आसानी से सभी कामों को करते हुए मिनटों में निखार ला सकती हैं और वह भी अपनी पौकेट पर ज्यादा असर डाले बिना. जी हां, आप घर पर फेस मास्क से मिनटों में रीफ्रैश लुक व ग्लो पा सकती हैं.

आइए, जानते हैं कौन से फेस मास्क हैं आप के लिए बैस्ट:

1- हनी पोशन रीनेविंग फेस मास्क

अगर इस फेस मास्क को ड्राई स्किन वालों के लिए मैजिक कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि इस में हाइड्रेशन प्रौपर्टीज होती हैं. ये हनी बेस मास्क ऐंटीऔक्सीडैंट में रिच होने के कारण आप की स्किन को कुछ ही देर में सौफ्ट फील करवाने का काम करता है.

साथ ही इस मास्क में विटामिन बी होने के कारण यह स्किन पर फैस्टिवल्स के लिए इंस्टैंट ग्लो लाने का काम करता है. तो फिर इस हाइड्रेटेड ऐंटीऔक्सीडैंट फेस मास्क से पाएं ग्लोइंग कौंप्लैक्शन. यह मास्क क्रूएल्टी फ्री भी है.

2- कैसे अप्लाई करें: आप इसे 10 मिनट के लिए अपने चेहरे पर लगा कर छोड़ दें और फिर हलके हाथों से चेहरे की मसाज कर के चेहरे को धो लें. इस से आप के चेहरे पर एकदम से ग्लो नजर आने लगेगा. जो पार्टी या फंक्शन के लिए परफैक्ट है इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार औनलाइन, औफलाइन आसानी से खरीद सकती हैं.

3- ग्रेपफू्रट हाइड्रोजैल मास्क

अगर आप की स्किन पर एक्ने की प्रौब्लम है और आप अपनी स्किन पर कुछ भी ट्राई करने से घबराती हैं तो आप ग्रेपफू्रट हाइड्रोजैल मास्क का बिना सोचेसम?ो इस्तेमाल कर सकती हैं. इसे खास कर के एक्ने प्रोन स्किन के लिए ही डिजाइन किया गया है. इस में हैं ग्रेपफ्रूट सीड ऐक्सट्रैक्ट, जो स्किन को रीफ्रैश करने का काम करता है. और इस में विटामिन सी की खूबियां स्किन को ब्राइट बनाने के साथसाथ एक्ने होने से रोकने का काम भी करती हैं. साथ ही एक्ने के कारण होने वाले स्पौट्स को भी कम करने में मददगार हैं.

अगर आप इस मास्क को फैस्टिवल्स पर अप्लाई करेंगी तो आप की स्किन पार्लर जैसी चमकदमक उठेगी.

4- कैसे अप्लाई करें: यह पील औफ मास्क होता है. इसे बस 10-15 मिनट के बाद स्किन से पील औफ करने की जरूरत होती है यानी ईजी टु यूज और यह मास्क काफी बजट फ्रैडली भी है, जिसे हरकोई अफोर्ड कर सकता है.

5- चारकोल मास्क

चारकोल मास्क, जो आजकल काफी ट्रैंड में चल रहा है, खास बात यह है कि यह पोर्स को क्लीन करने के साथसाथ आप को ब्लैकहैड्स की समस्या से भी छुटकारा दिलाने का काम करता है. चारकोल की प्रौपर्टीज स्किन पर जमी धूलमिट्टी व गंदगी को रिमूव कर आप को क्लियर स्किन देने के साथसाथ एक्ने की समस्या से भी छुटकारा दिलाने का काम करती हैं. यह डैड स्किन सैल्स को रिमूव कर के स्किन से अतिरिक्त औयल को हटा कर स्किन पर ग्लो लाने का काम करता है, जिस से स्किन क्लीन होने के साथसाथ ग्लोइंग भी नजर आती है.

कैसे अप्लाई करें: सब से पहले स्किन को क्लीन कर उस पर अच्छे से फेस मास्क अप्लाई करें, फिर इस मास्क को चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा छोड़ दें और फिर धो लें. इस के साथ चेहरे को हलके हाथों से क्लीन कर के इस पर मौइस्चराइजर अप्लाई करें. आप को तुरंत ही अपनी स्किन पर अंतर नजर आने लगेगा.

ओटमील मास्क

अगर आप की स्किन सैंसिटिव है तो आप को हर प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले 10 बार सोचना पड़ेगा क्योंकि सैंसिटिव स्किन पर कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से स्किन को नुकसान जो पहुंच सकता है.

लेकिन अगर बात हो फैस्टिवल्स पर चेहरे पर तुरंत ग्लो लाने की तो सैंसिटिव स्किन वालों के लिए ओटमील मास्क से बैस्ट कुछ हो ही नहीं सकता क्योंकि इस में ऐंटीइनफ्लैमेटरी व ऐंटीमाइक्रोबियल प्रौपर्टीज होती हैं, जो स्किन को क्लीन व सौफ्ट बनाने का काम करती हैं. मास्क स्किन के हीलिंग प्रौसेस को भी तेज करने का काम करती है.

कैसे अप्लाई करें: क्लीन कर के ही इस मास्क को स्किन पर अप्लाई करें. फिर कम से कम 15 मिनट तक इसे चेहरे पर लगा छोड़ दें और फिर साफ पानी से चेहरे को धो लें. इस से स्किन नैचुरल तरीके से ग्लोइंग नजर आएगी और वह भी बिना स्किन को इरिटेट करे. यह मास्क आप को आसानी से हर जगह मिल जाएगा.

पंपकिन हनी मास्क

अगर आप स्किन पर एकदम से ग्लो लाना चाहती हैं तो आप इन फैस्टिवल्स पंपकिन हनी मास्क से स्किन पर पाएं रीफे्रश व ग्लोइंग लुक. हनी की मौजूदगी हैल्दी सैल्स को प्रमोट कर के स्किन को यंग बनाने का काम करती है. पंपकिन औयल में विटामिंस, मिनरल्स व ओमेगा होने के कारण यह डैमेज स्किन को रिपेयर करने के साथसाथ ऐजिंग प्रोसैस को स्लो करने का भी काम करता है.

यह आप की स्किन की डलनैस को दूर करने के साथसाथ उसे ग्लोइंग तो बनाता ही है, साथ ही स्मूद भी बनाने का काम करता है.

कैसे अप्लाई करें: इस मास्क को अप्लाई करना बहुत आसान है, बस चेहरे पर अच्छे से 10-15 मिनट के लिए लगाया और फिर उसे पानी से अच्छे से धो लिया.

कीप इन माइंड

जब भी आप खुद के लिए फेस मास्क खरीदें तो उस से पहले अपने स्किन टाइप का ध्यान जरूर रखें क्योंकि हर फेस मास्क अलगअलग स्किन टाइप को ध्यान में रख कर बनाया जाता है और अगर आप स्किन टाइप को ध्यान में रख कर फेस मास्क खरीदेंगी तो इस से अच्छा रिजल्ट तो मिलेगा ही, साथ ही स्किन को किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा.

इस बात का भी ध्यान रखें कि फेस मास्क में पैराबेंस, खुशबू, अलकोहल, डाई का इस्तेमाल न किया गया हो क्योंकि ये स्किन पर ऐलर्जी का कारण बन सकते हैं और जब भी स्किन पर मास्क अप्लाई करें तो उस के बेहतर रिजल्ट के लिए उसे ज्यादा देर के लिए अप्लाई न करें, बस 10-15 मिनट ही परफैक्ट टाइम होता है.

स्टैन ने किया अब्दू को कॉन्सर्ट से बाहर, दोनों के बीच आई दरार!

‘बिग बॉस 16’ कंटेस्टेंट और मंडली के मेंबर अब्दू रोज़िक और एमसी स्टैन की लड़ाई जल्द खत्म होने का नाम नहीं ले रही ह. हर गुजरते दिन के साथ उनकी दुश्मनी गहरी होती जा रही है. जब से अब्दू ने एमसी स्टैन के साथ अपनी लड़ाई के बारे में घटनाओं और सोशल मीडिया पर शेयर किया है, तब से हर कोई इस विवाद के पीछे की असली वजह जानने के लिए उत्सुक है. अब्दू ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि एमसी स्टैन के बदले व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है, रैपर ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. हालांकि, एमसी स्टैन के फैंस अब्दू से बहुत परेशान हो गए हैं और उन्होंने तजाकिस्तान के सिंगर के बारे में ट्रोल करना, मजाक उड़ाना और भद्दे कमेंट करना शुरू कर दिया है. यह अब्दू और उनकी टीम को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अब्दू का मजाक उड़ाने वाले लोगों की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और उनके बीच लड़ाई के पूरे कारण का भी खुलासा किया.

 

 

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बयान में अब्दू रोजिक (Abdu Rozik) का काम देख रही एजेंसी ने एमसी स्टैन (MC Stan) के मैनेजर पर अब्दू के साथ दुर्व्यवहार करने, गाली-गलौज करने और उनकी कार का पैनल तोड़ने का आरोप लगाया है. बयान में कहा गया है- सबसे पहले हम सभी को रमजान मुबारक की शुभकामनाएं देना चाहते हैं और सभी को हमेशा दयालु और शांतिपूर्ण रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं लेकिन इसके अलावा रमजान के महीने पर भी हमने महसूस किया कि अब्दू के बाद से मैक स्टैन के बारे में आधिकारिक तौर पर मामले को साफ करना जरूरी था. 20 मार्च को साजिद खान, अब्दू से मिले और मैक स्टैन साजिद के फोन पर बात कर रहे थे। तुम कैसे हो मेरे भाई मैं तुम्हें बहुत याद करता हूं. आज तक स्टैन ने कोई जवाब नहीं दिया या बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया.

स्टैन के मैनेजर ने तोड़वाई अब्दू की कार

बयान में आगे लिखा गया है- 11 मार्च अब्दू और स्टैन दोनों बेंगलुरु में थे. अब्दू ने स्टैन के मैनेजर से बात की और कहा कि वह अपने भाई को कॉन्सर्ट में आकर सपोर्ट करना चाहते हैं, जिस पर अब्दू को कहा गया कि स्टैन अब्दू को कार्यक्रम में नहीं चाहते हैं. अब्दू ने सोचा कि स्टैन टीम से यह एक गलती थी, फिर उन्होंने एक गेस्ट के रूप में एक टिकट के साथ कॉन्सर्ट पर जाने की कोशिश की. वहां स्टैन ने मैनेजर से कहा कि इन्हें दूर कर दिया जाए और कार को तोड़ दिया जाए और पैनल को भी तोड़ दिया जाए.

 

 

 

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अब्दू के साथ में काम भी नहीं करना चाहते स्टैन

अब्दू की टीम ने बयान में यह भी खुलासा किया कि कुछ म्यूजिक लेबल एमसी स्टैन और अब्दू को साथ में चाहते थे लेकिन रैपर ने उन्हें यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह अब्दू के साथ काम नहीं करना चाहते हैं. बयान में आगे अब्दू की टीम ने बताया कि मंडली के मेंबर्स ने अब्दू को बताया था और एमसी स्टैन परेशान थे क्योंकि अब्दू ने उनकी मां के साथ तस्वीर नहीं ली थी. अंत में मंडली ने अब्दू को बताया था कि स्टैन ने कहा कि अब्दू ने बिग बॉस के फिनाले में उनकी मां के साथ तस्वीर नहीं ली और स्टैन इस बात से नाराज थे. अब्दू यह सुनकर परेशान थे क्योंकि जब अब्दू बिग बॉस से बाहर आए तो उनकी पहली कॉल में से एक स्टैन की मां को सलाम के लिए था और स्टैन को यह बताने के लिए कि स्टैन ठीक कर रहा है.

किस बात से नाराज हैं स्टैन?

इसमें आगे है- बेशक वह एक हिजाब पहनती हैं और अब्दू उनका बहुत सम्मान करता है, उन्होंने कभी भी किसी भी तस्वीर से इनकार नहीं किया और पूछा नहीं गया था लेकिन मुस्लिम भाई इस मुद्दे को नहीं समझते थे. स्टैन ने मंडली को भी बताया था कि अब्दू ने उन्हें अनफॉलो कर दिया था और अपने कोलाब पोस्ट को हटा दिया लेकिन अब्दू ने कभी स्टैन के फॉलो ही नहीं किया और बिग बॉस में आने से पहले उनके 4 मिलियन फॉलोअर्स थे और चूंकि स्टैन किसी को फॉलो नहीं करते थे, इसलिए उनके बीच कभी भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. स्टैन की टीम से व्हाट्सअप कोलाब पोस्ट करने के लिए पुष्टि करने का अनुरोध किया गया था और बाद में उन्होंने अब्दू को बिना बताए डिलीट भी कर दिया था. अब्दू की टीम ने उन लोगों की आलोचना भी की जो उनका मजाक उड़ा रहे हैं, बॉडी शेमिंग कर रहे हैं और नस्लवादी बातें लिख रहे हैं

अनुज ने अनुपमा से तलाक लेने का किया फैसला! घरवालों के पैरों तले खिसकी जमीन

स्टार प्लस (Star Plus) का सुपरहिट धारावाहिक अनुपमा (Anupamaa) इन दिनों लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. शो में दर्शकों को अनुपमा, अनुज, वनराज और माया की जिंदगी में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. शो के किरदारों की जिंदगी में मची इस उथल-पुथल की वजह से दर्शकों को काफी मजा आ रहा है क्योंकि मेकर्स द्वारा पेश किए जा रहे ट्विस्ट एंड टर्न्स उनका दिल जीत रहे हैं. टीवी शो अनुपमा में अब तक दिखाया गया है कि होली पार्टी में अनुपमा को हंसता-खेलता देखकर अनुज के तन बदन में आग लग गई है. वो इतना गुस्सा हो जाता है कि सबके सामने अनुपमा पर चिल्ला उठता है. अनुज का ये व्यवहार देखकर समर नाराज हो जाता है. टीवी शो अनुपमा के अगले एपिसोड में दर्शकों को और भी ज्यादा ड्रामा देखने को मिलेगा.

 

 

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अनुपमा को खूब भला-बुरा कहेगा अनुज कपाड़िया

रूपाली गांगुली ,सुधांशु पांडे और गौरव खन्ना के शो अनुपमा के अपकमिंग एपिसोड में दर्शक देखेंगे कि अनुज कपाड़िया सबके सामने ही अनुपमा पर चिल्लाएगा और अपने दिल की कड़वाहट सामने रख देगा. अनुज अनुपमा पर छोटी को चाहकर भी नहीं रोकने का आरोप लगाएगा. अनुज बोलेगा कि अनुपमा अगर चाहती तो छोटी को रोक सकती थी. अनुज यह तक कह देगा कि अनुपमा को देखकर उसका दम घुटता है.

 

 

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अनुज अनुपमा को देगा रिश्ता खत्म करने की धमकी

अनुज के मुंह से इतनी कड़वी बातें सुनकर अनुपमा उससे पूछेगी कि क्या इस रिश्ते में भी उसका दम घुटता है तो अनुज बोलेगा कि ये रिश्ता अब नाम का रह गया है. अनुज बोलेगा कि वो इस रिश्ते में नहीं रहना चाहता है. ये बात सुनकर अनुपमा जमीन पर गिर जाती है और उसकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं. अनुज की बातें सुनकर देविका, धीरज और अंकुश उसे खरी-खोटी सुनाते हैं.

 

 

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अनुज के सामने रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ाएगी अनुपमा

टीवी शो अनुपमा में दर्शकों को आने वाले एपिसोड्स में भी धमाकेदार ट्विस्ट देखने को मिलेंगे. शो में दर्शक देखेंगे कि अनुपमा जल्द ही अनुज के सामने अपना रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ाएगी. हालांकि अनुज उसकी एक नहीं सुनेगा और बेटी के लिए रिश्ता खत्म कर देगा.

 

 

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