अनुज के बाद अब अनुपमा ने छोड़ा घर, कपाड़िया एंपायर संभालेंगे पाखी-अधिक!

रुपाली गांगुली, सुधांशु पांडे और गौरव खन्ना स्टारर शो ‘अनुपमा’ (Anupamaa) का लेटेस्ट ट्रैक दर्शकों को कुछ खास रास नहीं आ रहा है. सीरियल को देखकर अनुपमा और अनुज के फैंस भड़के हुए हैं और इसे बंद करने तक की मांग कर रहे हैं. ट्विटर पर लगातार सीरियल को ट्रोल किया जा रहा है. ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की कहानी की बात करें तो इस साल के शुरुआत से इसमें बहुत बदलाव किए गए हैं. एक तरफ जहां नए साल के साथ सभी के रिश्ते अच्छे हुए थे तो वहीं अब ऐसी नौबत आ गई है कि अनुज कपाड़िया को अनुपमा से नफरत हो चुकी है.

माया और छोटी अनु के जाने के बिगड़ी कहानी

बीते दिनों माया की एंट्री और छोटी अनु की कहानी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. इस दौरान शो की टीआरपी भी टॉप पर रही. लेकिन जब से छोटी अनु को लेकर माया गई है तब से दर्शकों को शो पसंद नहीं आ रहा है. सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि सीरियल में एंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ भी दिखाया जा रहा है. दर्शकों का कहना है कि ऐसे कैसे अनुज और अनुपमा बिना किसी कानूनी कार्यवाही के छोटी अनु की कस्टडी माया को दे सकते हैं. वहीं छोटी अनु के जाने के बाद अनुज कपाड़िया का जैसा हाल दिखाया जा रहा है वो भी दर्शकों को रास नहीं आ रहा है.

वनराज से हो रह अनुज कपाड़िया की तुलना

ट्विटर पर एक यूजर ने अनुज कपाड़िया के किरदार को ट्रोल करते हुए लिखा, ‘अनुपमा का अनुज कपाड़िया वनराज शाह के जैसी हरकतें कर रहा है.’ एक दूसरे यूजर ने लिखा, ‘हमें अनुज-अनुपमा का प्यार देखना है, प्लीज इसे वनराज न बनाओ.’ एक यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अनुपमा को अब अनुज कपाड़िया का घर छोड़कर वापस शाह हाउस चले जाना चाहिए. इस अनुज के घर रहने से अच्छा तो अनुपमा वनराज के साथ रहे.’ कुछ यूजर्स को ये भी लग रहा है कि आने वाले समय में बा के कहने पर अनुज और अनुपमा एक हो सकते हैं और काव्या को शाह परिवार से निकाल दिया जाएगा. अब देखना होगा शो को मिल रही ट्रोलिंग के बाद मेकर्स इसकी कहानी में कुछ बदलाव करते हैं या फिर इसी ट्रैक को आगे बढ़ाते हैं.

ईवनिंग स्नैक्स में खाए उरद पकौड़ा और गट्टे के मंचुरियन

इन दिनों कुछ चटपटा और मसालेदार खाने का भी मन करने लगता है. आज हम आपको एक उरद पकौड़ा बनाना बता रहे हैं जिसे आप घर पर उपलब्ध सामग्री से बड़ी आसानी से बना तो सकते ही हैं साथ ही ये बहुत हैल्दी भी है क्योंकि इसे हमने बिना डीप फ्राई किये बनाया है तो आइए देखते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है-

ईवनिंग स्नैक्स

1- उरद पकौड़ा

सामग्री

–  1 कटोरी साबूत उरद

–  1/4 कप प्याज बारीक कटा

–  1/2 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट

–  1 उबला आलू

–  1 हरीमिर्च कटी

–  1 छोटा चम्मच चाटमसाला

–  1/2 कप धनियापत्ती कटी

–  1/2 कप बेसन

– 1/4 कप चावल का आटा

-1 कप मूली के लच्छे

–  1 कप हरी चटनी

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

उरद दाल को आधा गलने तक पका लें. एक बाउल में प्याजअदरकलहसुन पेस्टमसला आलूहरीमिर्चनमकचाटमसाला व धनिया मिलाएं. दाल का पानी निथार कर इस में मिला दें. बेसन व चावल का आटा मिलाएं. अब थोड़ाथोड़ा पानी डाल कर भजिया बनाने जैसा घोल बना लें. थोड़ाथोड़ा तैयार बैटर हाथ या चम्मच की सहायता से उठा कर गरम तेल में पकौड़े जैसा तल लें. मूली के लच्छों व हरी चटनी के साथ परोसें.

2- गट्टे के ड्राई मंचूरियन

सामग्री

– 1 कप बेसन

– 1 बड़ा चम्मच अदरकलहसुन पेस्ट

–  1 हरीमिर्च कटी

– 1 छोटा चम्मच हलदी

–  2 चुटकी मीठा सोडा

–  नमक स्वादानुसार.

सामग्री मंचूरियन की

– 1 शिमलामिर्च

– 1 गाजर

– 1 कप बंद गोभी कटी

– 2 हरे प्याज

–  1 प्याज

–  1 बड़ा चम्मच सोया सौस

– 1 बड़ा चम्मच हरी चिली सौस

– 1 बड़ा चम्मच तेल

– 1/2 पैकेट फ्राइड राइस मसाला.

विधि

गट्टे की सारी सामग्री मिला कर थोड़े पानी के साथ गूंध लें. इस के गट्टे बना कर उबलते पानी में डाल कर पका लें. पानी निथार कर गट्टों को टुकड़ों में काट कर गरम तेल में तल लें. एक कड़ाही में तेल गरम करें. सारी सब्जी को लच्छों में काट कर 1 मिनट गरम तेल में भूनें. सारी सौस व मसाले मिलाएं. थोड़ा सा पानी व गट्टे डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और गरमगरम परोसें.

मेरी माहवारी बंद हुए 10 साल हो गए हैं, मुझे पिछले कुछ दिनों से सफेद पानी आ रहा है, यह कैंसर का लक्षण तो नहीं है?

सवाल

मेरी उम्र 60 साल है. मेरी माहवारी बंद हुए 10 साल हो गए हैं. मुझे पिछले कुछ दिनों से सफेद पानी आ रहा है. यह कैंसर का लक्षण तो नहीं है?

जवाब

मेनोपौज यानी माहवारी बंद होने के बाद सफेद पानी आ सकता है. योनी से सफेद पानी निकलना हमेशा कैंसर नहीं होता. यह सामान्य संक्रमण भी हो सकता है. लेकिन अगर बहुत समय से सफेद पानी आ रहा है और बीचबीच में ब्लीडिंग भी हो रही हो तो यह कैंसर का कारण हो सकता है. आप तुरंत किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा को दिखाएं. अल्ट्रासाउंड कराने के बाद ही पता चलेगा कि बच्चेदानी में कोई गांठ तो नहीं है.

इसे भी पढ़ें 

सवाल 

मेरी उम्र 45 साल है. पिछले कुछ समय से मेरे निप्पल से व्हीटिश फ्ल्यूड डिस्चार्ज हो रहा है. क्या करूं?

जवाब

निप्पल से व्हीटिश फ्ल्यूड डिस्चार्ज होना सामान्य नहीं है. यह स्तन कैंसर का संकेत हो सकता है. स्तन कैंसर से संबंधित जांच कराने में देरी न करें. अल्ट्रासाउंड और बाकी जांचें कराने पर ही पता चलेगा कि इस का कारण स्तन कैंसर है या नहीं.

सवाल

मेरी नानी और भाभी दोनों की लंग्स कैंसर के चलते मृत्यु हो चुकी है. मैं जानना चाहती हूं कि महिलाएं तो धूम्रपान नहीं करतींफिर भी उन्हें फेफड़ों का कैंसर क्यों हो जाता है?

जवाब

यह सही है कि जिन्हें फेफड़ों का कैंसर होता हैउन में से 90% लोग तो धूम्रपान करते हैं. मगर केवल धूम्रपान ही इस का एकमात्र कारण नहीं है. चूल्हे पर खाना बनानावायु प्रदूषणसीमेंट उद्योग में काम करनाज्यादा धूलमिट्टी वाले स्थान पर रहना भी फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है.

सवाल

मुझे डाक्टर ने रैडिएशन थेरैपी कराने के लिए कहा है. लेकिन मुझे डर लग रहा है?

जवाब

रैडिएशन थेरैपी कैंसर के उपचार की एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है. रैडिएशन हाई ऐनर्जी रेज होती हैं. इन में कोई करंट नहीं होता है. आप डरें नहीं क्योंकि इस में जलन या गरमी नहीं लगती है. सीटी स्कैन की तरह 5 मिनट के लिए मशीन में जाते हैंफिर बाहर आ जाते हैं.

सिएटल: यह शहर है बेमिसाल

आज मैं पाठकों को अमेरिका के वाशिंगटन राज्य के अपने प्रिय नगर सिएटल से परिचय करवाने जा रही हूं. सिएटल नगरी उत्तरी अमेरिका के पैसिफिक उत्तर पश्चिम प्रदेश में कनाडा और अमेरिका की सीमा के निकट, वाशिंगटन राज्य में प्रशांत महासागर के इनलेट पुजीट साउंड के किनारे स्थित है. सिएटल एक आधुनिक सुंदर पोर्ट सिटी है. पैसिफिक उत्तर पश्चिम प्रदेश के पहाड़ी इलाके, मनोहर ?ालें, बर्फ से घिरा माउंट रेनियर, कास्केड माउंटेन रेंज, ओलिंपिक माउंटेंस, रेन फौरैस्ट आदि अपने नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं.

सदाबहार शहर

प्यार से सिएटल को डिजिटल सिटी (आईटी टैक्नोलौजी), जेट सिटी (बोइंग विमान कारखाना), ऐमराल्ड सिटी (सदाबहार हरे वृक्ष) इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. पिछले 30 सालों में इस शहर में बहुत बदलाव आया है.

ग्रेटर सिएटल का अमेरिका में अब प्रथम स्थान है जहां साइंस, टैक्नोलौजी, इंजीनियरिंग आदि में कुशल लोगों को नौकरियां उपलब्ध हैं. माइक्रोसौफ्ट, अमेजन, ऐक्सपीडिया, फेसबुक (मेटा), गूगल, ऐप्पल, स्टारबक कौफी, बोइंग इत्यादि ग्लोबल कंपनियों, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन जैसे चैरिटीज के कारोबार सिएटल और उस के उपनगरों से चलते हैं.

पूरी दुनिया के लोग इन कंपनियों में काम करने आते हैं. इन सारी कंपनियों में करीब 1 लाख प्रतिभाशाली भारतीय ऊंचे वेतन पर काम करते हैं. सिएटल की ‘यूनिवर्सिटी औफ वाशिंगटन’ अपने शिक्षा के स्तर तथा बायोलौजिकल विज्ञान विषयों के उत्तम संशोधन के लिए प्रसिद्ध है.

ग्रेटर सिएटल में अनेक भारतीयों की किराने की दुकानों के साथसाथ वहां भारतीय भोजनालय और संस्थाए भी हैं. भारतीय खाद्यपदार्थ सारे शहरवासियों में लोकप्रिय हैं.

ग्रेटर सिएटल रहने के लिए महंगा है. यहां भिन्नभिन्न जातियों, धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं. शहरवासी प्रगतिशील विचारों के साथसाथ स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक नागरिक हैं.

सब लोग अलगअलग संस्कृति के होते हुए भी दूसरी संस्कृति के लोगों के साथ शांतिपूर्वक रहते हैं. एकदूसरे की मदद करते हैं. यहां चेरी ब्लौसम, ट्यूलिप फैस्टिवल जैसे अनेक उत्सव मनाए जाते हैं.

मैं इस शहर में कई सालों से रह रही हूं. मु?ो सिएटल में रहने में कोई परेशानी नहीं हुई. अपनी जन्मभूमि छोड़ क र अमेरिका को कर्मभूमि बना कर रहना है तो थोड़ा समायोजन करना जरूरी है. मु?ो इस सुंदर नगर से प्यार है. बाहर से आने वालों के लिए शहर के स्पेस नीडल, पाइकप्लेस मार्केट, म्यूजियम औफ फ्लाइट्स इत्यादि स्थान लोकप्रिय हैं. यहां के नैसर्गिक सौंदर्य का रहस्य, उस का भौगोलिक स्थान, उत्तम तापमान, शरद से वसंत ऋतु तक चलने वाली हलकी रिम?िम बारिश और ज्वालामुखीय उपजाऊ जमीन की वजह से ही सिएटल में वसंत की बरात सजती है.

प्रकृति का चमत्कार

वसंत के बराती तो असंख्य हैं. रंगीन, शानदार वस्त्र पहने बरातियों का आना लगातार चलता रहता है. पौधों, लताओं, छोटे और विशाल वृक्षों पर नए नन्हें पत्ते खिलते हैं. कभी रंगीन, चमकीले और विविध रंगरूप के फूलपत्तों के पहले खिलते हैं तो कभी पत्तों के बाद. ये फूल कभी डालियों पर ?ामकों की तरह लटक कर ?ालते हैं तो कुछ सीधे पेड़ के तनों पर ही खिलते हैं. मैं सम?ाती थी रंग 7 प्रकार के होते हैं, लेकिन इन फूलों ने सिखाया है कि सातों रंगों की छटाएं अनगणित हैं. इन छटाओं से अनगिनत, अप्रतिम और विस्मयकारी रूप बन सकते हैं. प्रकृति के इस चमत्कार से मैं हैरान हूं.

वसंत की बरात मेक्राकसेस के बाद

ट्यूलिप और डैफोडिल्स के फूल आते हैं. उन के पीछेपीछे हयासिंथ्स, मस्कारी, कमेलिया आते हैं. हयासिंथ की मीठी खूशबू वातावरण को सुगंधित कर देती है.

खुशी के गीत गाती रंगीन तितलियां, मधुमक्खियां बरात के स्वागत में नृत्य करने लगती हैं. हमिंग बर्ड्स, रौबिनस, ब्लू जे इत्यादि पक्षियों की हलचल नजर में आने लगती है. गोल्डन रेन वृक्ष, गोल्डन चेन वृक्ष, अमरथ पेड़ वगैरह गोल्डन रंग के फूलों से सज कर मुसकराने लगते हैं.

डैफोडिल्स ट्यूलिप्स

बरात में अब चेरी, प्लम इत्यादि की बारी है. ये वृक्ष अपने सारे आभूषण पहन कर बरात में शामिल होते हैं. ये सारे वृक्ष गुलाबी या सफेद रंगों के फूलों से इतने ढक जाते हैं कि पूछो मत. पूरा शहर मानो गुलाबी दुपट्टे में लिपट गया हो. जहां देखो वहां चेरी के वृक्षों की मनोरम बहार नजर आती है. यह नजारा देख कर मेरा मन चाहता है कि मैं इन सभी वृक्षों को गले लगाऊं. यह नजारा आंखों से हटा भी नहीं था कि अपनी मीठी खुशबू के साथ परपल, गुलाबी, सफेद रंगों के फूलों से सज कर बरात आगे बढ़ाते हैं.

अब आ रहे हैं डांगवूड्स, मंगनोलिया और रोडहिडेनड्रांस. इन तीनों फूलों से भरे वृक्षों का सौंदर्य मनमोहक होता है. अब तक आप का बहुत से बडे़ बरातियों से परिचय हुआ. लेकिन धरती पर उतना ही रंगीन नजारा दिखाई देता है. नन्हेनन्हे रंगबिरंगे फूलों पियोनिया, आइरिस, ब्लूबेल्स, कोलंबाइन इत्यादि का जो बरात में शामिल हो कर उस की शोभा बढ़ाते हैं.

फूलों के रंग के साथसाथ उन की खुशबू भी विविधतापूर्ण होती है. कभी मीठी, कभी लैमनी, कभी इलायची जैसी कभी अजवाइन की तरह तो कभी मजेदार स्पाइसी.

प्रकृति की खासीयत

डांगवूड्स के फूल जब खिलने लगते हैं तो सम?ा जाइए कि वसंत की पूर्ण बरात आ पहुंची है. सिएटल की खासीयत यह है कि ग्रीष्म काल में भी वसंतोत्सव जारी रहता है. आइरिस, गुलाब, जैसमिन, ग्लैडियोलस, डहेलिया आदि फूल ग्रीष्मकाल में वसंत का एहसास दिलाते हैं.

यहां की एक खास बात है कि यहां बहुत तरह के नीले रंग के फूल देखने को मिलते हैं. वसंत के आते ही सिएटल में धूप, छांव, बादल, बारिश का आंखमिचौली का खेल शुरू होता है. आकाश में धूप और बारिश एकसाथ होते हैं.

नागरिकों की जिम्मेदारी

अचानक कहीं मनोहर इंद्रधनुष चमकने लगता है. कभीकभी 2 इंद्रधनुष एकसाथ दिखाई देते हैं. सिएटल के वसंत की यह रंगीन बरात हर साल मेरे मनमयूर को आनंदित कर जाती है. प्रकृति का यह करिश्मा हर साल नजर आता है. कैसी विस्मयकारी है यह सृष्टि. इस का पूर्णरूप से संरक्षण करना दुनिया के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढि़यां भी सृष्टि के सौंदर्य का आनंद ले सकें

हैप्पी प्रैगनैंसी के सिंपल सीक्रेट्स

मांबनने का एहसास दुनिया का सब से खूबसूरत एहसास होता है लेकिन 9 महीने की गर्भावस्था का यह समय काफी कठिन और नाजुक भी होता है. जरा सी लापरवाही से प्रैगनैंसी में कौंप्लिकेशंस आ सकते हैं. बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. पहली और तीसरी तिमाही काफी नाजुक होती है. इसलिए इस समय मां को अपना भरपूर ख्याल रखना चाहिए. अपनी डाइट, लाइफस्टाइल, ऐक्सरसाइज के साथसाथ मैंटल हैल्थ को ले कर भी पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि वह स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके.

हैल्दी प्रैगनैंसी के लिए इन बातों का खयाल जरूर रखें:

1- सही और पौष्टिक खानपान

गर्भावस्था के पूरे 9 महीने खानपान में कोई भी लापरवाही न बरतें. आप जो भी खाएंगी वह आप के शिशु को भी लगेगा. प्रैगनैंसी के दौरान ही नहीं बल्कि कंसीव करने से पहले और डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपनी डाइट का ध्यान रखना चाहिए. प्रेगनेंसी में पौष्टिक आहार लेने से उस के मस्तिष्क का सही विकास होने में मदद मिलती है और जन्म के समय शिशु का वजन भी ठीक रहता है.

संतुलित आहार से शिशु में जन्मजात विकार से भी बचाव होता है. अकसर प्रैगनैंसी के पहले महीने में कुछ महिलाओं को उलटी, मितली, भूख न लगना, थकान जैसी परेशानियां होती हैं जिस से उन्हें खाने में परेशानी आती है. मगर इस समय भी अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर सब्जियां, फल, नट्स, दूध आदि जरूर लें.

प्रैगनैंसी के 9 महीनों में शरीर शिशु के पोषण और विकास के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा होता है. इस समय में शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है जिसे उबले अंडे, मछली, कम वसा वाला मांस, बींस जैसे राजमा, लोबिया, मूंग और साबूत मूंग, मेवे, सोया और दाल आदि से पूरा किया जा सकता है. अंडा काफी पौष्टिक होता है. उस में प्रोटीन, बायोटिन, कोलैस्ट्रौल, विटामिन डी, ऐंटीऔक्सीडैंट आदि भरपूर मात्रा में होते हैं इसलिए ये भी प्रैगनैंट महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.

प्रैगनैंसी के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, पत्तागोभी और ब्रोकली को शामिल करना चाहिए. इन के अलावा फलियां जैसे बींस और सहजन भी खाना चाहिए. इन में फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्सियम की अधिक मात्रा होती है जिन की जरूरत प्रैगनैंट महिलाओं को होती है.

2- सही और संयुक्त खानपान

ज्यादा फाइबर वाली चीजों का सेवन करें. प्रैगनैंसी के दौरान कब्ज की शिकायत बढ़ जाती है, इसलिए पाचनक्रिया का ठीक होना बहुत जरूरी है. कोशिश करें कि अपने फूड्स में ज्यादा से ज्यादा फाइबर लें. इस से कब्ज होने का खतरा नहीं रहता है.

सूखा मेवा भी प्रैगनैंसी में काफी सही आहार है. आप बादाम, अखरोट और काजू अपने आहार में शामिल कर सकती हैं. इन में कई तरह के विटामिन, कैलोरी, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी ऐसिड होता है जिस की जरूरत मां और गर्भस्थ शिशु दोनों को होती है.

आप जो भी खाती हैं उस में एकतिहाई से थोड़ा ज्यादा हिस्सा कार्बोहाइड्रेट्स का होना चाहिए. सफेद के बजाय संपूर्ण अनाज वाली वैरायटी चुनें ताकि आप को पर्याप्त फाइबर मिल सके. प्रतिदिन दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करें जैसे दूध, दही, चीज, छाछ व पनीर लें. अगर आप को दूध नहीं पचता है तो कैल्सियम युक्त अन्य विकल्प जैसे छोले, राजमा, ओट्स, बादाम, सोया दूध, सोया पनीर आदि का चयन कर सकती हैं.

3- ध्यान रखें

सप्ताह में 2 दिन मछली लें. मछली में प्रोटीन, विटामिन डी, खनिज, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड आदि होते हैं जो आप के शिशु के तंत्रिकातंत्र के विकास के लिए जरूरी होते हैं. यदि आप को मछली पसंद नहीं है या आप शाकाहारी हैं तो ओमेगा-3 फैटी ऐसिड अन्य खाद्यपदार्थों से पा सकती हैं जैसे मेवे, बीज, सोया उत्पाद और हरी पत्तेदार सब्जियों से.

आप को गर्भावस्था में 2 लोगों के लिए खाने की जरूरत नहीं है. भारत में अधिकांश डाक्टर दूसरी और तीसरी तिमाही में 300 अतिरिक्त कैलोरी के सेवन की सलाह देते हैं. फिर भी यह ध्यान रखें कि गर्भ में नन्हा शिशु पल रहा है और उस के लिए आप को खाना है न कि किसी बड़े व्यक्ति के लिए. प्रैगनैंसी के दौरान बहुत अधिक चाय, कौफी पीने से बचें. कौफी में मौजूद कैफीन सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. बेहतर है कि आप नीबू वाली चाय, हर्बल टी या कैफीन रहित ड्रिंक्स का सेवन करें.

बीचबीच में हैल्दी स्नैक्स का सेवन करें. इस के लिए आप रोस्टेड बादाम, काजू, मखाने, चने आदि खाएं. प्रैगनैंसी के दौरान कुछ चीजों के सेवन से बचना चाहिए जैसे कच्चा या अधपका मांस, कच्चा अंडा, पपीता आदि. आप उबला अंडा खा सकती हैं पर ध्यान रखें कि पीले वाला भाग अच्छी तरह से पक गया हो.

4- आयरन

शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है. हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन है जो शरीर के विभिन्न अंगों तथा ऊतकों में औक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. डाक्टर द्वारा बताए गए सप्लिमैंट्स के अलावा पर्याप्त मात्रा में आयरन से भरपूर भोजन खाएं ताकि आप का आयरन का स्तर ऊंचा रहे. अपने भोजन में आयरन से भरपूर फूड्स जैसे अनार, चुकंदर आदि को शामिल करें. फौलिक ऐसिड का सेवन भी प्रैगनैंसी के दिनों में बहुत जरूरी होता है.

सीडीसी (सैंटर्स फौर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवैंशन) के अनुसार गर्भावस्था की योजना बना रही महिलाओं को कम से कम 1 महीना पहले और गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन 400 मिलीग्राम फौलिक ऐसिड का सेवन करना चाहिए. फौलिक ऐसिड विटामिन बी का एक रूप है जो शिशु की मस्तिष्क व रीढ़ से जुड़े जन्मदोष से बचाव कर सकता है. इसे आप हरी पत्तेदार सब्जियों, दालों, फोर्टिफाइड अनाज के सेवन से पा सकती हैं. प्रैगनैंसी के पहले 3 महीनों में आप को फौलिक ऐसिड सप्लिमैंट्स लेने की जरूरत होगी क्योंकि यह भू्रण को हैल्दी रखने में मदद कर सकता है.

5- खुद को हाइड्रेटेड रखें

खुद को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करें. अपने साथ हमेशा एक बोतल पानी रखें और बीचबीच में पानी पीती रहें. साथ ही नारियल पानी, स्मूदी, फलों से तैयार जूस और शेक्स भी पी सकती हैं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. डाइट में उन फलों को शामिल करें जिन में पानी की मात्रा अधिक होती है. खीरा, खरबूज, लौकी, तरबूज आदि खाएं. दिनभर में कम से कम 3 से 4 लिटर पानी और 1 से 2 गिलास जूस पीएं. ऐसा करने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ शरीर से  बाहर निकल जाते हैं. पानी आप के यूरिनरी ट्रैक के संक्रमण को रोकने में मदद करता है जिस का खतरा गर्भवती महिलाओं में अधिक होता है. शरीर में पर्याप्त पानी होने से गर्भावस्था के दौरान निर्जलीकरण और सूजन से भी बचाव होता है.

6- शारीरिक रूप से ऐक्टिव रहें

प्रतिदिन रात डिनर करने के बाद 15 से 30 मिनट टहलें. इस से शरीर में ब्लडसर्कुलेशन सही बना रहेगा. इस से डिलिवरी के समय अधिक समस्या नहीं होगी. सप्ताह में कम से कम 5 दिन 30 मिनट के लिए ब्रिक्स वाक करें. इस से शरीर को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाले सभी परिवर्तनों से निबटने में मदद मिल सकती है. आप फिजिकली और इमोशनली फिट महसूस करेंगी. ब्रीदिंग ऐक्सरसाइज से भी फायदा होगा. लेकिन भारी वजन उठाने वाली और कठिन व्यायाम करने से बचें. रोजाना अपनी क्षमतानुसार कुछ हलके ऐक्सरसाइज करें. नियमित रूप से हलके व्यायाम करने के बहुत फायदे हैं. आप के जरीए शिशु को भी इन का लाभ मिलेगा.

7- तनाव से दूरी

किसी बात को ले कर चिंतित या तनाव में न रहें. इस से मानसिक और शारीरिक सेहत को नुकसान पहुंच सकता है. स्ट्रैस के कारण कंसीव करने में भी दिक्कत आ सकती है. यहां तक कि प्रीमैच्योर लेबर भी हो सकता है. यही वजह है कि प्रैगनैंट महिलाओं को खुश रहने की सलाह दी जाती है.

8- आराम

शरीर को पर्याप्त आराम दें. गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में महिलाएं थकान महसूस करती हैं. ऐसा उन के शरीर में स्रावित हो रहे गर्भावस्था हारमोन के उच्च स्तर की वजह से होता है. बाद में यह थकान रात में बारबार पेशाब के लिए उठने या फिर बढ़े पेट की वजह से आराम से न सो पाने का कारण बन सकती है.

करवट ले कर सोने की आदत डालें. तीसरी तिमाही में करवट ले कर सोने से शिशु तक रक्त का प्रवाह बेहतर रहता है. करवट ले कर सोने से मृत शिशु के जन्म का खतरा पीठ के बल सोने की तुलना में कम होता है.

जब तक शिशु सुरक्षित तरीके से जन्म नहीं ले लेता तब तक अपने डाक्टर के संपर्क में बनी रहें. जब भी आप को शरीर में किसी तरह की परेशानी या बेचैनी अथवा कोई और समस्या नजर आए तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें. डाक्टर आप के घर के करीब का हो तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि जरूरत पड़ने पर आप तुरंत उन के पास पहुंच जाएंगी.

आईलाइनर बढ़ाए आंखों की खूबसूरती

खूबसूरत कजरारी गहरी आंखें किसी के भी मन को मोह लेती हैं. किसी महिला या लड़की की खूबसूरती बढ़ाने में उस की आकर्षक आंखें सब से अहम भूमिका निभाती हैं. तभी तो वे आई मेकअप पर सब से ज्यादा ध्यान देती हैं और कोई मेकअप किया हो या नहीं अगर आईलाइनर से ही आंखों को टचअप दे दिया जाए तो चेहरे का लुक ही बदल जाता है.

आई मेकअप में काजल के साथ सब से अहम आईलाइनर होता है. लड़कियों के मेकअप बौक्स में काजल और आईलाइनर जरूर होते है क्योंकि सभी लड़कियां पार्टी वगैरह में जाने के लिए तैयार होते समय आईलाइनर का यूज जरूर करती हैं. आजकल मार्केट में तरहतरह के आईलाइनर उपलब्ध हैं, जो मुख्य रूप से 4 तरह के होते हैं:

1- पैंसिल आईलाइनर

पैंसिल या काजल लाइनर बेसिक आईलाइनर है. पहले पैंसिल आईलाइनर का ही ट्रैंड था. इस का उपयोग आंखों को स्मोकी लुक देने के लिए किया जाता है. अगर आप आईलाइनर लगाने में अभी नई हैं तो पैंसिल आईलाइनर का ही उपयोग करें. इस के फैलने का डर नहीं होता और आंखों को मनचाहा आकार भी मिल जाता है. बस ध्यान रहे कि अगर आप कौंटैक्ट लैस लगाती हैं तो पैंसिल आईलाइनर का प्रयोग न करें. यदि लाइनर लगाते समय आप का हाथ बहुत हिलता है तो नुकीली पैंसिल के बजाय गोल नोक वाली पैंसिल लें. इस से लगाते वक्त पैंसिल के आंखों में चुभने का डर नहीं रहेगा.

2- लिक्विड आईलाइनर

जब आप लाइनर लगाने में परफैक्ट हो जाएं तो लिक्विड लाइनर खरीद सकती हैं. जिन्हें विंग लाइनर लगाना पसंद होता है उन के लिए भी लिक्विड लाइनर बैस्ट है. लिक्विड लाइनर लगाते समय पतले ब्रश का ही इस्तेमाल करें और इसे आंखों के नीचे वाली पलकों पर भूल कर भी न लगाएं वरना यह फैल कर आप की आंखों का पूरा मेकअप खराब कर देगा. यदि आप चाहती हैं कि लाइनर पूरा दिन टिका रहे तो वाटरपू्रफ लिक्विड लाइनर खरीदें.

3- जैल आईलाइनर

स्मोकी आइज पाने के लिए जैल आईलाइनर बैस्ट है. यह आईलाइनर लिक्विड और पैंसिल लाइनर से अलग होता है. एक छोटे से बौक्स में काजल और पतला ब्रश होता है. ब्रश की मदद से आईलाइनर लगाना होता है. इसे लगाना लिक्विड लाइनर से आसान है. मैट फिनिशिंग के लिए भी जैल आईलाइनर बहुत अच्छा रहता है.

4- फैल्ट टिप लाइनर

फैल्ट टिप लाइनर एक ऐसा आई प्रोडक्ट है जो बिलकुल मार्कर पैन की तरह दिखता है. यह लाइनर अन्य लाइनर के मुकाबले थोड़ा जल्दी सूख जाता है. यह उन महिलाओं के लिए बैस्ट है विंग लाइनर लगाना पसंद करती हैं. अगर आप जल्दी में हैं तो इस लाइनर को आंखों पर अप्लाई कर सकती हैं.

5- आईलाइनर लगाने का सही तरीका

सब से पहले चेहरे को साफ करें. उस के बाद चेहरे पर मौइस्चराइजर और आंखों के चारों ओर आई क्रीम लगाएं. फाउंडेशन आईलाइनर को लंबे समय तक टिकाए रखने में मदद करेगा. अब अपनी आंखों के आसपास जहां आप मेकअप करती हैं वहां थोड़ी मात्रा में प्राइमर लगाएं. इस का मुख्य काम त्वचा में चिकनाहट लाना होता है.

अब पलक और आंखों के नीचे कंसीलर लगाएं. इसे अच्छी तरह ब्लैंड करें. लाइनर खासतौर से लिक्विड आईलाइनर लगाते वक्त कुछ के हाथ बहुत कांपते हैं. इस के लिए अच्छा है  कि आप अपनी कुहनी को किसी टेबल पर  रखें. अब अपनी लैशेज के ऊपर आंख के अंदर वाले हिस्से से बाहर की ओर बस एक सीधी लाइन बनाएं. पहली बार लिक्विड लाइनर लगाने वाली महिलाओं या लड़कियों के लिए सीधी लाइन बनाना मुश्किल हो सकता है.

इसलिए ऊपरी लैश लाइन की जगह एक असमान अंतराल रखते हुए थोड़ीथोड़ी दूरी पर छोटेछोटे डौट्स के निशान बना लें और आईलाइनर लगाना शुरू करें. अब लैश लाइन की जगह जो डौट्स बनाए थे  उन्हें जोड़ने के लिए छोटेछोटे स्ट्रोक बनाएं.

जब लाइनर लगाने की प्रक्रिया पूरी हो जाए तब अपनी निचली लैश लाइन को एक पैंसिल लाइनर के साथ आगे बढ़ाएं. यदि आप का आईलाइनर फैल गया है तो आई मेकअप रिमूवर से उसे रिमूव करें.

6- अलगअलग रंग के आईलाइनर के प्रभाव

अगर आप को बोल्ड इफैक्ट चाहिए तो ब्लैक कलर चुनें. स्मोकी लुक के लिए ब्राउन कलर अच्छा है. आंखों को बड़ा दिखाने के लिए व्हाइट कलर का आईलाइनर लगाना चाहिए. आंखों को ब्राइट दिखाने के लिए ग्रे कलर चुनें और अगर आंखों का ट्रैंडी लुक पाना चाहती हैं तो ग्रीन कलर के आईलाइनर का प्रयोग करें. ग्लिटर से स्पार्कल लुक पा सकती हैं.

7- आंखों की शेप के अनुसार आईलाइनर

कई बार महिलाएं आईलाइनर तो लगा लेती हैं, लेकिन वह उन के चेहरे के हिसाब से सूट नहीं करता. ऐसा इसलिए क्योंकि आईलाइनर का लुक उन की आंखों की शेप पर भी बहुत हद तक निर्भर करता है. इसलिए लाइनर लगाने से पहले अपनी आंखों की शेप के बारे में जान लें और फिर जैसा आप की आंखों की शेप हो उस के अनुसार ही लाइनर लगाएं.

1- गोलाकार आंखें: राउंड शेप वाली आंखें बहुत बड़ी होती हैं. ऐसी आंखों के लिए विंड आईलाइनर बैस्ट होते हैं.

2- बादाम शेप आंखें: इस शेप की आंखों वाली महिलाएं किसी भी तरह का आईलाइनर लगा सकती हैं. लेकिन विंड आईलाइनर बादाम शेप की आंखों पर ज्यादा अच्छा लगता है. अपनी आंखों के इनर कौर्नर से लाइन खींचना शुरू करें और धीरेधीरे लाइन को मोटा करें.  आंखों के कोने पर विंग को हलका सा फैला दें.

3- छोटी आंखें: छोटी आंखों के लिए लाइनर को ऊपरी लैश लाइन से पतली लाइन से शुरू करें और आखिर में आ कर इसे थोड़ा मोटा कर दें. इस से आंखें बड़ीबड़ी नजर आएंगी.

4- बड़ी आंखें: ऐसी महिलाएं कैट आईलाइनर और विंग्ड स्टाइल दोनों को ही अपना सकती हैं.

5- उभरी आंखें: इन आंखों की शेप थोड़ी उभरी हुई रहती है और पलकें भी बड़े आकार की होती हैं. ऐसी महिलाएं अपनी आंखों पर शुरुआती लाइन से ले कर आखिरी तक मोटा या फिर पतला एक जैसा लाइनर अप्लाई कर सकती हैं.

आईलाइनर लगाने के टिप्स

1- आईलाइनर लगाने से पहले आईलैशेज को कर्ल जरूर करें. इस से आंखें बड़ी और सुंदर दिखेंगी.

2- आईलाइनर लगाते वक्त ऊपरी आईलैश लाइन के सैंटर से आईलाइनर लगाना शुरू करें. आंखों पर लाइनर लगाते वक्त हमेशा नीचे की ओर देखें. ऊपर देखने से शेप बिगड़ सकती है.

3- अगर आईलाइनर आंखों में चला जाए तो उसी वक्त आंखों को अच्छे से धो लें. विंग बनाते समय पलकों को न खींचें वरना विंग गड़बड़ा जाएगी. कैट आईलाइनर लुक के लिए पहले काजल पैंसिल की मदद से लाइन बना लें. उस के बाद आईलाइनर का इस्तेमाल करें. लाइनर हमेशा आराम से लगाएं. आंखों को और बड़ा दिखाने के लिए लोअर लैश लाइन पर व्हाइट काजल पैंसिल या व्हाइट लाइनर लगा सकती हैं.

4- आंखों को ब्राइट दिखाने के लिए आंख और नाक के बीच आई कौर्नर पर हाइलाइटर अप्लाई करें.

दलजीत कौर ने पति के साथ की टैटू की ट्विनिंग, फोटोज हुए वाइरल

टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर ने हाल ही में दूसरी शादी रचाई है. अदाकारा इन दिनों अपने पति संग हनीमून पर निकली हैं. जहां से अदाकारा की लेटेस्ट फोटोज ने आते ही सनसनी मचा दी.

दलजीत कौर ने शेयर की हनीमून फोटोज

टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर इन दिनों अपने पति निखिल पटेल के साथ हनीमून पर हैं. अदाकारा ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने हनीमून की तस्वीरें फैंस को दिखाई हैं. जिसमें कुछ तस्वीरों में अदाकारा ने बेडरूम की तस्वीरें शेयर कर फैंस के बीच खलबली मचा दी. सामने आईं इन तस्वीरों में दोनों ही सितारे एक दूसरे के साथ बेडरूम में बेहद कोजी नजर आ रहे हैं. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गईं. दिलचस्प बात ये है कि इस तस्वीर में दोनों सितारों ने एक जैसा टैटू बनाया था. जिस पर लोगों की नजर टिक गई.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Dalljiet Kaur (@kaurdalljiet_fc)

बेडरूम में रोमांटिक नजर आएं दलजीत-निखिल

सामने आईं अदाकारा दलजीत कौर और निखिल पटेल की इन हनीमून फोटोज में दोनों सितारे बेडरूम में वक्त बिताते नजर आ रहे हैं

बेडरूम में बेहद कोजी नजर आए दलजीत-निखिल

टीवी सीरियल स्टार दलजीत कौर और निखिल पटेल इन तस्वीरों में बेडरूम में बेहद कोजी नजर आए. दोनों सितारों की रोमांटिक फोटोज फैंस का दिल चुरा ले गईं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Telly.bolly (@telly.bollyspynews)

दलजीत-निखिल के टैटू ने लूट ली महफिल

दिलचस्प बात ये है कि टीवी सीरियल अदाकारा दलजीत कौर और निखिल पटेल ने अपने हनीमून पर एक जैसा टैटू पैरों पर गुदवाया है. जो लोगों का ध्यान खींच ले गया. इस टैटू में दोनों सितारों ने अपनी दूसरी शादी को मेंशन करते हुए ‘टेक 2’ गुदवाया है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by GUPSHUP24X7 (@gupshup24x7)

सिंगापुर में हैं दलजीत कौर और निखिल पटेल

टीवी सीरियल स्टार दलजीत कौर और निखिल पटेल इस वक्त हनीमून के लिए सिंगापुर में हैं. इससे पहले ये स्टार कपल बैंकॉक ट्रिप पूरी कर चुका है.

अनुज और अनुपमा का प्यार होगा खत्म, दोनों जल्द लेंगे तलाक!

स्टार प्लस का पॉपुलर सीरियल अनुपमा में इनदिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. शो में इन दिनों काफी उथल-पुथल देखने को मिल रहा है. छोटी अनु के जाने के बाद अनुज और अनुपमा का तलाक हो सकता है. होली पार्टी पर अनुपमा को हंसते देख अनुज को काफी गुस्सा आता है वह सबके सामने अनुपमा पर चिल्ला पड़ता है. यह ट्विस्ट यहीं खत्म नहीं होते हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by 🌈Manisha🌈 (@anupa_ma5245)

अनुज से कहेगी ये बात 

आने वाले एपिसोड में देखने को मिलेगा कि अनुपमा अनुज से अपने दिल की सारी बाते जो भी है वह निकाल दें. इसके बाद अनुज सारी भड़ास निकाल देता है, अनुज कहता है कि तुम चाहती तो छोटी अनु को रोक सकती थी लेकिन तुमने तो न खुद ऐसा किया और न ही मुझे ऐसा करने दिया. अनुज से कहेगा कि जब मैं तुम्हें देखता हूं तो लगता है कि मेरी छोटी अनु जा रही है और मेरा दम घुटने लगता है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by 🌈Manisha🌈 (@anupa_ma5245)

अनुपमा और अनुज का रिश्ता टूटेगा 

अनुज की बात सुनने के बाद अनुपमा कहती है कि अपने रिश्ते से भी. इसपर अनुज कहता है कि पता है हमारा रिश्ता नाम का ही रह गया.
अनुज इतना तक कह देता है कि मैं इस नाम के रिश्ते में जरा भी नहीं रहना चाहता हूं. अनुज की ये बात सुनकर अनुपमा टूट जाती है. अनुज की ये बाते सुनकर अंकुश, देविका और धीरज अनुज को काफी सुनाते है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by 🌈Manisha🌈 (@anupa_ma5245)

अनुज को दिखाएगी आईना 
आने वाले एपिसोड में देखने को मिलेगा कि देविका अनुज की तुलना वनराज से करेगी. देविका कहती है तुमने छोटी अनु की जिम्मेदारी  उसे लाकर दी और उसने बखूबी निभाई भी. जब वह छोटी अनु के लिए परिवार से लड़ी तब वह सही थी, लेकिन जब आज उसने छोटी अनू को जाने दिया तो वह गलत हो गई.
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें