Valentine’s Special: हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है ‘बुलेटप्रूफ कॉफी’

कई लोग चाय के साथ कॉफी पीना भी खूब पसंद करते हैं. अगर आप कॉफी के शौकीन है, तो आपने देखा होगा कि आजकल मार्केट में कॉफी की बहुत वैरायटी मिलने लगी हैं, जिसमें से चुनना काफी मुश्किल हो जाता है कि आखिर इनमें से कौन सी चुनें कौन सी नहीं. वैसे एक नई तरह की कॉफी की वैरायटी ट्रेंड में है, जिसे बुलेट प्रूफ कॉफी के नाम से जाना जाता है. यह एक हाई कैलोरी ड्रिंक है, जिसे कॉफी में बटर और एमसीटी ऑयल मिलाकर तैयार किया जाता है. इसका मकसद आपके दिन की शुरूआत को बढ़ावा देना है. यह कॉफी लो कार्ब डाइट को फॉलो करने वालों के बीच बहुत जल्दी पॉपुलर हो गई है. इसे कीटो कॉफी या बटर कॉफी का नया रूप कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. . यह आपके शरीर को स्वस्थ पोषक तत्वों और फैट की अच्छी डोज प्रदान करती है. इसे पीने के बाद आप एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव करेंगे . हेल्दी फैट और कॉफी के मिक्स के कारण आप काफी देर तक भरा हुआ महसूस कर सकते हैं. कुल मिलाकर यह एक ऐसी फैटी ड्रिंक है, जो वेटलॉस के लिए यह ज्यादा फेमस हो रही है.

बुलेटप्रूफ कॉफी क्यों पीना चाहिए-

टोस्ट और अनाज जैसे हाई कार्ब ब्रेकफास्ट जैसे ऑप्शन आपको एनर्जी तो देते हैं, लेकिन बाद में यह ब्लड शुगर लेवल के बढऩे का कारण भी बनते हैं. ऐसे में बुलेटप्रूफ कॉफी आपको अपना दिन की शुरूआत  करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा  देती है. इसे पीने के बाद आपको हाई कार्ब वाले ब्रेकफास्ट की जरूरत नहीं पड़ती.

क्या बुलेटप्रूफ कॉफी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है-

यदि आप आमतौर पर हर दिन कैफीन का सेवन कर सकते हैं, तो आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. इस ड्रिंक में मौजूद फैट आपके शरीर में कैफीन को संसाधित करने के तरीके को धीमा करने में मदद कर सकता है. हालांकि, अगर आपका शरीर कैफीन के प्रति संवेदनशील है, तो फैट को शामिल करने से इसका प्रभाव नहीं बदलता. अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाले फैट और कॉफी बीन्स से बुलेटप्रूफ कॉफी बना रहे हैं, तो यह आपकी डाइट में अच्छा विकल्प है. लेकिन फिर भी इसे हर दिन बहुत ज्यादा ना पीएं. रेाजाना एक कप कॉफी आपकी सेहत को स्वस्थ रखने में पर्याप्त है.

बुलेटप्रूफ कॉफी के फायदे-

एनर्जी दे- 

बुलेटप्रूफ कॉफी पीने से व्यक्ति को कई घंटों तक लंबे समय तक और निरंतर ऊर्जा मिलती है. दरअसल, कॉफी में मौजूद फैट कैफीन के पाचन को धीमा कर देता है. जिससे शरीर इसे धीरे-धीरे अवशोषित कर देता है.

वजन घटाए- 

बुलेटप्रूफ कॉफी में एमसीटी तेल होता है, जो कीटोसिस को प्रेरित करने में मदद करता है. इसके अलावा कॉफी घी, मक्खन या नारियल तेल जैसी सामग्री के जरिए किटोसिस को बनाए रखने और इंसुलिन लेवल को कम रखने में मदद मिलती है.

पोषक तत्वों से भरपूर है- 

बुलेटप्रूफ कॉफी पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, बीटा-कैरोटीन, ब्यूटायरेट और लिनोलिक एसिड के साथ विटामिन ई, डी, ए और के शामिल है. कॉफी में मौजूद ब्यूटारेट आंत के बेहतर स्वास्थ्य में मददगार है. कॉफी में मिलाया जाने वाला घी या मक्खन शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति करने का बेहतरीन तरीका है.

कैसे बनाएं बुलेटप्रूफ कॉफी-

सामग्री-

1 कप-  हाई क्वालिटी वाली कॉफी

1-2 बड़ा चम्मच- एमसीटी तेल

1-2 बड़े चम्मच- ग्रास-फेड बटर

बुलेटप्रूफ कॉफी बनाने की विधि-

एक ब्लेंडर लें और उसमें यहां बताई गई सभी सामग्री डाल लें. अब 20-30 सैकंड के लिए इसे अच्छी तरह से ब्लेंडर में मिलाएं . कॉफी मिलाईदार और झागदार दिखनी चाहिए. आमतौर पर लोग और इस ड्रिंक का आनंद लें.

बुलेटप्रूफ कॉफी एक बहुत ही मजेदार विकल्प हो सकता है, लेकिन इससे पहले कि आप इसे अपने आहार में शामिल करें, अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति की जांच जरूर कर लें. ध्यान रखें, आमतौर पर कैफीन का सेवन न करने वाले लोग इस कॉफी का सेवन नहीं कर सकते.

कृष्णा: कायरा क्यूं सब कुछ छोड़ कर चली गई- भाग 2

नंदिनी सकपका गई, कैसे बोलती कि वह आरव, जोकि उस का दामाद है, के प्रति खिंचाव महसूस कर रही है.  बस, प्रशांत से यह ही बोल पाई, ‘कुछ नहीं, आप भी चलते मेरे साथ तो मुझे तसल्ली रहती. वह यह बात प्रशांत को कैसे बता सकती थी कि वह अपनी बेटी के घर जाते हुए एक किशोरी की तरह महसूस कर रही है, उस का दिल तेज़ी से धड़क रहा है ठीक वैसे ही जैसे किशोरावस्था में धड़कता था.

जब नंदिनी एयरपोर्ट से बाहर निकली तो आरव बाहर ही खड़ा था. नांदिनी को देखते ही वह बोला, ‘आप को नहीं पता, मैं कितना खुश हूं कि अब आप मेरे साथ रहोगी. कितनी अच्छी लग रही हो आप इस पस्टेल कलर के सूट में. जरा मेरी बीवी को भी कुछ सिखा दीजिए.’

नांदिनी चुप रही, बस मुसकराती रही. रास्ते में आरव और वह एक नई किताब पर चर्चा करते रहे थे.

जब नंदिनी आरव के साथ घर पहुंची तो घर का और कायरा का हाल देख कर नंदिनी चकरा गई थी. नंदिनी को आरव का अपने प्रति झुकाव का कारण आज समझ आ गया था.  नहा कर जब नंदिनी बाहर आई तो देखा कायरा ने चाय बना ली थी. चाय एकदम बेस्वाद  बनी थी. नंदिनी को बहुत भूख लगी  हुई थी, इसलिए चाय के बाद उस ने कायरा से कहा- ‘कायरा, लाओ मैं नाश्ता बना देती हूं.’ रसोई का भी बुरा हाल था लेकिन फिर भी किसी तरह जुगाड़ कर के नंदिनी ने बेसनी परांठे और आलू की सब्जी बना दी. कायरा ने जल्दीजल्दी नाश्ता खाया लेकिन आरव की तो तारीफ़ ही ख़त्म नहीं हो रही थी.  कायरा नाश्ते के बाद अपने कमरे में बंद हो गई थी.  आरव और  नंदिनी  ‘माया मेमसाहब’ मूवी देख रहे थे.

अचानक से आरव बोला, ‘आप को पता है, बचपन से मुझे आंटी लोग बहुत अच्छी लगती थीं.   मेरी पड़ोस में रहने वाली नीरा आंटी मेरा क्रश थीं.  एक बात बोलूं, अगर आप बुरा न मानो?’

नंदिनी का दिल तेज़ी से धड़क रहा था पर फिर भी बोली हां बोलो.

‘जब मैं कायरा से मिलने आया था तो मुझे कायरा से ज्यादा आप पसंद आ गई थीं.’ नंदिनी पसीनापसीना हो गई थी.  आरव बिना रुके बोल रहा था, ‘आप के साथ मैं रिलेट कर पाता हूं पर कायरा के साथ मैं चाह कर भी इस तरह से नहीं कर पाता.’

नंदिनी को समझ नहीं आ रहा था कि वह इस बात का क्या जवाब दे. पर नंदिनी के रोमरोम में सिहरन हो रही थी. नंदिनी बिना कोई जवाब दिए बाहर बालकनी में आ कर बैठ गई थी.  उस ने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कभी ऐसी दुविधा में फंसेगी.  आरव का साथ उसे अच्छा लगता था, उस से बात कर के वह तरोताज़ा महसूस करती थी पर फिर बीच में उस के और आरव के रिश्ते की मर्यादा आ खड़ी होती थी.

सुबह नंदिनी की आंखें हमेशा की तरह जल्दी खुल गई थीं.  जब वह फ्रैश हो कर बाहर निकली तो देखा, आरव रसोई में चाय बना रहा था. नंदिनी आरव को हटाते हुए बोली, ‘अरे, चलो, तुम हटो, मैं बना देती हूं.’ आरव बोला, ‘अरे, मैं तो तैयार हूं, आप जल्दी से ट्रैक सूट पहन लो, फिर जौगिंग करने चलेंगे.’

बाहर की ठंडी हवा में नंदिनी तरोताज़ा महसूस कर रही थी. जब आरव और नंदिनी घूम कर वापस आए तो कायरा बासी सा चेहरा लिए उन दोनों की प्रतीक्षा कर रही थी.  कायरा हंसती हुई बोली, ‘चलो, बेटी न सही तो मां ही सही. मम्मी, आप तो धीरेधीरे आरव की सारी शिकायतें दूर कर दोगी जो उसे मुझ से हैं.’

नंदिनी सकपकाती हुई बोली, ‘भला तुम क्यों नहीं जाती उस के साथ?’

कायरा बोली, ‘अरे, मुझे औफिस से समय मिले तो यह सब करूं न.’

आरव के औफिस जाने के बाद नंदिनी ने कायरा को आड़े हाथों लिया. ‘अगर तुम्हारा हाल यह ही रहा तो जल्द ही आरव किसी और की बांहों में झूल रहा होगा.’

कायरा हंसती हुई बोली, ‘अरे, आरव को तो आप से ही फ़ुरसत नहीं जो वह किसी और की तरफ देखे.’

नंदिनी गुस्से में बोली, ‘क्या मतलब?’

कायरा बोली, ‘अरे, मेरी भोली मम्मी, आप का दामाद तो बुद्धू हैं, आप चिंता न करो.’

नंदिनी किस मुंह से बोलती कि उस का बुद्धू पति अपनी सास को अपनी पत्नी से अधिक पसंद करता है. आरव अब रोज़ शाम को आ कर नंदिनी के साथ किसी न किसी साहित्यिक विचारविमर्श में व्यस्त रहता था और बाद में नंदिनी की रसोई में मदद करता था. नंदिनी को ये ही सब तो प्रशांत में चाहिए था.  10 दिन बीत गए थे पर जब भी नंदिनी जाने का नाम लेती तो कायरा मना कर देती थी.

एक रोज़ शाम को कायरा नंदिनी की गोद में लेटी हुई बोल रही थी, ‘मम्मी, आप जब से आई हो, आरव बदल गया है, वरना वह घर की तरफ रुख भी नहीं करता था. न जाने किस के साथ फ़ोन पर व्यस्त रहता था? मम्मी क्या सभी पति ऐसे ही होते हैं? तभी तो मेरा मन नही है कि आप वापस जाओ, घर घर जैसा लग रहा है.’

हार्दिक पंड्या-नताशा ने उदयपुर में क्रिश्चियन रीति-रिवाज से की शादी, देखें फोटोज

टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर हार्दिक पंड्या ने नताशा स्टेनकोविक के साथ फिर से शादी कर ली है. दोनों की शादी उदयपुर में संपन्न हुई. हार्दिक ने साल 2020 में नताशा के साथ कोर्ट मैरिज की थी. अब एकबार फिर दोनों ने सात जन्मों तक साथ रहने की कसमें खाई हैं. हार्दिक ने शादी की तस्वीरें भी शेयर की हैं. उस समय कोविड-19 की वजह से काफी कम लोग जुटे थे. अब हार्दिक पंड्या और सर्बियाई मॉडल नताशा ने तीन साल बाद वैलेंटाइन डे के मौके पर व्हाइट वेडिंग की है.

हार्दिक पंड्या ने इंस्टाग्राम पर दिखाया प्यार

हार्दिक ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘हमने तीन साल पहले ली गई प्रतिज्ञाओं को फिर से दोहराकर प्यार के इस द्वीप पर वैलेंटाइन डे मनाया. हम अपने प्यार का जश्न मनाने के दौरान अपने परिवार और दोस्तों को पाकर वास्तव में धन्य हैं.’

शादी में हार्दिक पंड्या ने काले रंग का टक्सीडो सूट पहना हुआ था. वहीं नतासा सफेद गाउन में काफी जंच रही थीं. शादी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ है. वायरल हुए वीडियो क्लिप में हार्दिक बॉलीवुड गाने पर ट्यूनिंग जमा रहे है और उनके हाथों में शैम्पेन की बोतल भी है.

 

बेटे के साथ दिखे ये कपल

हार्दिक ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उसमें आप कपल को बहुत खुश देख सकते हैं. दोनों ने कैमरे के सामने जमकर एक से बढ़कर एक पोज दिए. जहां ब्लैक सूट में हार्दिक बहुत हैंडसम नजर आए, वहीं नताशा व्हाइट ड्रेस में किसी राजकुमारी से कम नहीं लगीं. दोनों की शादी का थीम व्हाइट था. फोटोज को शेयर करते हुए हार्दिक लिखते हैं, “हमने तीन साल पहले ली गई प्रतिज्ञाओं को फिर से दोहराकर प्यार के इस द्वीप पर वैलेंटाइन्स डे सेलिब्रेट किया है. हम अपने प्यार का जश्न मनाने के लिए अपने परिवार और दोस्तों को अपने साथ पाकर वास्तव में बहुत धन्य हैं”

क्रिश्चियन रीति-रिवाज से की शादी

कपल ने जो तस्वीरें शेयर की हैं, उनमें वे अपने दो साल के बेटे अगस्त्य के साथ भी नजर आए. एक फोटो में देख सकते हैं कि अगस्त्य को हार्दिक ने गोद में लिया हुआ है और वे अपनी मां के गालों को चूम रहे हैं. हार्दिक के इस पोस्ट पर फैन्स के साथ-साथ सेलेब्स भी प्यार बरसा रहे हैं. केएल राहुल, नेहा धूपिया जैसे सितारों ने कपल को बधाई दी है.

अनुज-अनुपमा की जिंदगी में तहस नहस करेगी माया, वनराज की वजह से बेइज्जत हुई काव्या

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा‘ को टीआरपी लिस्ट में नंबर वन बनाए रखने के लिए मेकर्स आए दिन ट्विस्ट पर ट्विस्ट ला रहे हैं. जहां पहले माया छोटी अनु को पाने के लिए अनुपमा की जिंदगी में आई थी तो अब वहीं वह अनुज के भी नजदीक जाने की कोशिश में है. दूसरी ओर पारितोष की बिगड़ती हालत के लिए शाह परिवार में बवाल मचा हुआ है. यहां तक कि वनराज को भी अनुपमा की अहमियत पता चल गई है कि कैसे वह पूरे घर को संभाल लेती थी. लेकिन रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में आने वाले ट्विस्ट और टर्न्स यहीं पर खत्म नहीं होते हैं. शो में ऐसा बहुत कुछ होने वाला है जो लोगों को हैरान कर देगा.

 

 

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बा की बोलती बंद करेगी राखी दवे

‘अनुपमा’ में दिखाया जाएगा कि राखी बा को खरी-खोटी सुनाती है. वह कहती है कि अच्छा हुआ किंजल यहां नहीं थी, वरना तोषू के गिरने पर यह तो किंजल को जेल भेज देतीं. इसके साथ ही राखी ताना मारती है कि परी रो रही थी तो तुम अपनी बेटी को बुला लेतीं, लेकिन आपको अपनी बेटी की नींद खराब नहीं करनी, लेकिन बहू को सूली चढ़ा दो.

 

अनुपमा के कमरे में तांक-झांक करेगी माया

अनुपमा‘ में देखने को मिलेगा कि काव्या अनुपमा और माया के कमरे में तांक-झांक करेगी. लेकिन बरखा उसे ऐसा करते हुए देख लेगी और उसपर चिल्लाएगी. हालांकि माया अनुपमा और अनुज के सामने उसी को गलत साबित कर देगी. लेकिन बरखा दोनों को चेतावनी देगी कि आज उसके पास भले ही सबूत नहीं था, लेकिन ये माया भरोसे के लायक बिल्कुल नहीं है.

अनुपमा के हंसते-खेलते परिवार पर नजर गड़ाएगी माया

‘अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का डोज यहीं खत्म नहीं होता है. शो में जल्द ही दिखाया जाएगा कि माया अनुपमा की खुशी देखकर जलेगी. वह अपने मन ही मन सोचेगी कि मैं जिस चीज के लिए यहां आई हूं, उसे हासिल करके ही रहूंगी. यहां तक कि वह अनुपमा के कमरे में तांक-झांक करती है, जिसे बरखा देख लेती है और अनुपमा-अनुज को बता देती है. हालांकि माया उसे ही गलत साबित कर देती है, लेकिन बरखा अनुज व अनुपमा को चेतावनी देती है कि माया भरोसे लायक नहीं है.

वयनराज के कारण नौकरी से हाथ धोएगी काव्या

राखी दवे की बात सुनने के बाद वनराज काव्या के सेट पर चला जाता है और वहां ड्रामे करता है. उसकी ये हरकतें देख मोहित और वनराज भिड़ जाते हैं. गुस्से में मोहित काव्या को सेट से निकाल देता है और बोलता है, “तुम दोनों की परछाईं भी मेरे सेट पर नहीं पड़नी चाहिए” यह सब देख काव्या के आंसू नहीं रुकते.

 

अनुपमा से शाह हाउस में चलने के लिए कहेंगी बा

रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का तड़का यहीं खत्म नहीं होता है. शो में जल्द ही दिखाया जाएगा कि अनुज और अनुपमा साथ में क्वालिटी टाइम बिता ही रहे होंगे. तभी वहां बा आ धमकेंगी. वह रोते-गिड़गिड़ाते अनुपमा से शाह हाउस वापिस चलने के लिए कहेंगी. बा की बातों को सुनकर अनुपमा अनुज की ओर देखेगी और उसके चेहरे पर हताशा नजर आएगी. दूसरी तरफ माया इस बात से खुश होगी कि अनुपमा एक बार फिर से दूर जा रही है. हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि अनुपमा क्या फैसला करती है.

 

Holi 2023: सदमा- आखिर कैसा रिश्ता था नेहा और शलभ का? भाग 2

डाक्टर से पीयूष के बारे में जरूरी डिस्कशन कर वह बेटे को दवा की अगली खुराक देने लगी. पीयूष बेचैन था और रहरह कर रो रहा था. देर रात तक वह पीयूष का सिर गोद में लिए बैठी रही. फिर उसी की बगल में सो गई.

दरअसल, पीयूष नेहा का 10 साल का बेटा था. नेहा एक तलाकशुदा महिला थी. उस का पति विपुल हैदराबाद में मैनेजर था. विपुल से नेहा ने लव मैरिज की थी. दोनों एक ही कालेज में पढ़ते थे. घर वालों के खिलाफ जा कर नेहा ने यह शादी कर ली थी. दोनों ने एक खूबसूरत शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत भी की. उन के प्यार का प्रतीक जब नेहा के गर्भ में आया तो विपुल खुशी से पागल हो गया. उसे बच्चों से बहुत लगाव था. वह अपने भाई के बच्चों को भी हर समय गोद में लिए रहता. यही वजह थी कि जब नेहा के प्रैगनैंट होने की खबर मिली तो उस ने अपने पूरे औफिस में मिठाई बंटवाई.

निश्चित समय पर नेहा ने एक खूबसूरत बेटे को जन्म दिया. उस दिन विपुल ने अपने महल्ले में ढोलनगारे बजवाए. नाचगाने का प्रोग्राम करवाया. नेहा और बच्चे के स्वागत में पूरे घर को सजाया. खिलौनों से पूरा कमरा भर दिया. बहुत प्यार से दोनों ने बच्चे का नाम पीयूष रखा. पीयूष बड़ा होने लगा मगर जल्द ही दोनों को यह बात सम?ा आने लगी कि वह एक नौर्मल चाइल्ड नहीं है.

डाक्टर से चैकअप के बाद पता चला कि वह डाउन सिंड्रोम की समस्या से ग्रस्त है. डाक्टर ने यह भी बताया कि डाउन सिंड्रोम की समस्या जेनेटिक होती है. विपुल को याद आया कि नेहा के सगे चाचा को भी यह समस्या रही है. डाक्टर से मिलने और सब जान लेने के बाद विपुल का व्यवहार नेहा और उस के बच्चे से एकदम बदल गया. वह बहुत चिड़चिड़ा रहने लगा. उस ने फिर एक और डाक्टर से बात की. इस डाक्टर ने भी वही बातें बताईं.

विपुल को इस तरह परेशान देख कर नेहा उसे सम?ाने लगी, ‘‘देखो विपुल

बच्चे की बीमारी पर हमारा वश नहीं. हमें कुदरत ने जैसी भी संतान दी है उसे ही हम अपना सारा प्यार देंगे. बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है. इस सच को ऐक्सैप्ट कर लो विपुल तभी खुश रह पाओगे.’’

‘‘नहीं मैं न इस सच को ऐक्सैप्ट कर सकता हूं और न ही इस बच्चे को. यह मेरा फाइनल डिसिजन है.’’

‘‘यह क्या कह रहे हो? इसे ऐक्सैप्ट नहीं करोगे? क्या मतलब है तुम्हारा?’’ नेहा ने परेशान स्वर में पूछा.

‘‘यही मतलब है कि मु?ो यह बच्चा नहीं चाहिए,’’ मुंह फेरते हुए विपुल ने कहा.

‘‘नहीं चाहिए तो क्या जान से मारोगे इस नन्ही सी जान को? देखो कैसे मुसकरा रहा है. इस पर तुम्हें प्यार नहीं आता विपुल?’’

‘‘नहीं नेहा मु?ो इस पर प्यार नहीं आता. मैं इस की शक्ल भी देखना नहीं चाहता. मैं एक स्पैशल चाइल्ड का बाप कहलाना पसंद नहीं करता. हम इसे किसी अनाथालय में छोड़ आएंगे.’’

‘‘नहीं मैं ऐसा नहीं करने दूंगी. यह मेरा बच्चा है. मैं ने इसे 9 महीने कोख में रखा है. अपने खून से सींचा है.’’

‘‘तो ठीक है तुम इसे या मु?ो किसी एक को चुन लो. वैसे भी तुम इसी तरह के बीमार बच्चों को जन्म दोगी. तुम्हारे खानदान में ही दोष है. मैं तुम से अलग होना चाहता हूं.’’

विपुल के मुंह से इतने कड़वे शब्द सुनने और उस के प्यार की असलियत सम?ाने के बाद नेहा कुछ नहीं कह पाई. उस ने फैसला कर लिया. वह विपुल से अलग हो गई और बच्चे के साथ नई जिंदगी की शुरुआत की. कुछ ही दिनों में उस ने एक अच्छी कंपनी में जौब भी शुरू कर दी. वैसे भी वह एमबीए की पढ़ाई कर रही थी, इसलिए नौकरी मिलने में दिक्कत नहीं हुई.

इस बात को आज 8 साल बीत चुके थे. पीयूष पढ़ाई करने लगा था. नेहा उसे

समयसमय पर थेरैपी के लिए ले जाती. नेहा ने अपनी मेहनत और लगन से औफिस में भी

अच्छा रुतबा बना लिया था. उसे बहुत तेजी से तरक्की मिली थी और उस ने अपना 3 बीएचके का फ्लैट ले लिया था. पीयूष की देखभाल के लिए उस ने सूजी नाम की फुलटाइम मेड लगा रखी थी. वह पीयूष का पूरा खयाल रखती और घर के सदस्य की तरह रहती. यही वजह थी

कि नेहा को औफिस संभालने में दिक्कत नहीं आती थी.

हाल ही में कंपनी की तरफ से उसे तरक्की दे कर नई ब्रांच में भेजा गया था जहां उस की मुलाकात शलभ से हुई. कहीं न कहीं अब वह शलभ के साथ एक खूबसूरत जीवन की कल्पना करने लगी थी. मगर जिंदगी उसे कुछ और ही सच दिखाने वाली थी.

दरअसल, उस दिन औफिस से नेहा के जाते ही शलभ के दोस्त और कुलीग अरुण एवं शालिनी ने प्रवेश किया. उन्होंने शलभ के कमरे से नेहा को हड़बड़ाए हुए निकलते देख लिया था.

आते ही अरुण ने शलभ से पूछा, ‘‘क्या हुआ, नेहा इतनी जल्दी कहां चली गई?’’

‘‘पता नहीं यार. अचानक कोई फोन कौल आई और वह परेशान सी चली गई. कुछ बताया भी नहीं.’’

‘‘आई गैस, उस के बेटे की तबीयत खराब होगी.’’

‘‘बेटा?’’ शलभ ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘हां, एक दिन बताया था उस ने. उस दिन भी वह परेशान थी. मेरे पूछने पर कहने लगी कि बेटे की तबीयत ठीक नहीं और उसे मेड के भरोसे छोड़ कर आना पड़ा है.’’

‘‘क्यों घर में और कोई नहीं बच्चे को संभालने के लिए?’’ अरुण ने सवाल किया.

‘‘नहीं वह अकेली रहती है.’’

‘‘मगर उसे बेटा है, ऐसा कैसे? क्या वह शादीशुदा है?’’ शलभ को एक ?ाटका सा लगा.

‘‘फिलहाल उस का स्टेटस डिवोर्सी का है. उस ने पति से कई साल पहले तलाक ले लिया था. अकेली ही बच्चे को पाल रही है.’’

‘‘पर उस ने मु?ो तो कुछ नहीं बताया,’’ शलभ की आंखों में कई सवाल थे.

 

‘‘इस औफिस में ये सब बातें केवल मु?ो ही पता हैं. दरअसल मैं और नेहा पिछले

औफिस में भी साथ काम करते थे. वहां हमारी अच्छी दोस्ती हो गई थी. मैं तो उस के घर भी गई हूं. बहुत बड़ा और सुंदर घर है उस का.’’

‘‘और बच्चा? बच्चा कितना बड़ा है?’’ शलभ ने सवाल किया.

‘‘बच्चा वैसे तो 8-10 साल का होगा मगर वह स्पैशल चाइल्ड है न सो अब भी संभालना कठिन होता है उसे.’’

‘‘स्पैशल चाइल्ड?’’

‘‘हां. उस का बेबी जन्म से ही डाउन सिंड्रोम की समस्या से पीडि़त है. मैं तो उस की हिम्मत की दाद देती हूं. इतनी बड़ी जिम्मेदारी वह

अकेली उठा रही है. सुना है उस के पति ने भी इस बच्चे की वजह से ही उसे तलाक दिया था. वह इस बच्चे को किसी अनाथालय में छोड़ने को तैयार नहीं हुई और अकेले ही उसे पालने का फैसला लिया.’’

नेहा के बारे में ये सारी जानकारी पाने के बाद शलभ खुद को ठगा हुआ सा महसूस करने लगा. जिस लड़की को वह अपना पहला प्यार सम?ा रहा था वह तो शादीशुदा और एक बच्चे की मां निकली. बच्चा भी साधारण नहीं बल्कि एक स्पैशल चाइल्ड. वह पूरी रात सो नहीं सका. उसे इस बात का भी अफसोस था कि ये सारी बातें उसे दूसरों से पता चलीं. खुद नेहा ने उसे कुछ नहीं बताया. जिस रिश्ते को वह इतना सीरियसली लेने लगा था वह रिश्ता तो ?ाठ की बुनियाद पर टिका निकला. उसे नेहा से नफरत सी होने लगी. वैसे भी एक तलाकशुदा बीमार बच्चे की मां को वह अपना सारा जीवन नहीं सौंप सकता. बात ज्यादा बड़ी नहीं थी सो उस के लिए कदम पीछे करना आसान था. उस ने फैसला ले लिया था कि वह अब नेहा से दूरी बढ़ा लेगा.

नेहा 2 दिन औफिस नहीं आई. पहले अगर नेहा एक दिन भी औफिस नहीं आती थी तो शलभ 4 बार फोन कर डालता था. मगर इस बार उस ने हालचाल भी नहीं पूछा. यह बात नेहा को खटक रही थी.

ज्यादा देर बैठ रहने से मेरी रीढ़ में दर्द होने लगता है, मै क्या करूं?

सवाल-

मैं 32 साल की कामकाजी महिला हूं. मेरा सारा काम कंप्यूटर पर होता है, इसलिए ज्यादा देर बैठने से मेरी रीढ़ में दर्द होने लगता है. मेरी समस्या यह है कि ठंड में यह दर्द और असहनीय हो जाता है, जिस के कारण मु झे काम करने में परेशानी होती है. कृपया इस से छुटकारा पाने का उपाय बताएं?

जवाब-

इस उम्र में हड्डियों की समस्या शुरू होना आम बात है विशेषकर कंप्यूटर पर काम करने वालों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है. ठंड के दौरान रीढ़ में जकड़न होने की संभावना ज्यादा होती है. जब आप एक ही स्थिति में कई घंटों तक बैठे रहते हैं तो हड्डी में दर्द की समस्या होती है. ठंड में जकड़न के कारण डिस्क की नसों पर दबाव पड़ने लगता है, जिस से दर्द तेज हो जाता है. दर्द से बचाव के लिए काम के दौरान बीचबीच में ब्रेक ले कर बौडी स्ट्रैच करें. आगे और पीछे की ओर  झुकने वाली ऐक्सरसाइज करें. बैठने का पोस्चर सही रखें. दर्द से बचाव के लिए सही आहार लें और पानी का ज्यादा सेवन करें. समय मिलने पर पीठ की कुनकुने तेल से मालिश कराएं. हलके हाथों से की गई मालिश दर्द से राहत दिलाएगी.

जो लोग कामगर हैं, जिन्हें पूरे दिन कंप्यूटर पर बैठ के काम करना पड़ता है उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत रहती है. पर क्या आपको पता है कि अपने बैठने की आदत में बदलाव कर के आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं. आपको बता दें कि कंप्यूटर के सामने अधिक देर तक बैठने से आपके गर्दन और रीढ़ की हड्डियों पर काफी नुकसान पहुंचता है. इससे आपको अधिक थकान, सिर में दर्द और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप अधिक देर तक इसी अवस्था में बैठी रहती हैं तो आपके स्पाइनल कौर्ड में भी घाव हो सकता है.

इस मुद्दे पर शोध कर रहे जानकारों का मानना है कि इन परेशानियों के लिए बैठने का गलत तरीका जिम्मेदार है. अगर आप सीधे बैठें तो इन परेशानियों से निजात पा सकती हैं. अगर आप सीधे बैठती हैं तो आपकी पीछे की मांसपेशियां आपके गर्दन और सिर के भार को सहारा देती हैं.

व्हाइट गोल्ड और डायमंड के ये है फायदे

गहनों की अगर बात की जाए, तो हमारा ध्यान सोने, चांदी, हीरे, मोती और अन्य आर्टिफिशियल गहनों की ओर जाता है. उस में भी कुछ शौकीन लोगों का रुझान सोने और हीरों के गहने की ओर ज्यादा होता है. लेकिन सिर्फ सोने की अगर बात करें, तो चमचमाता सुनहरा पीला रंग आंखों के आगे आता है. जबकि मजेदार बात यह है कि सिर्फ सोने के गहनों की ही चाहत रखने वालों को मार्केट में सफेद सोना भी मिलता है.

जी हां, चमचमाते पीले सोने जैसे ही सफेद सोने के गहने भी आप को मार्केट में आसानी से मिल जाएंगे. सफेद सोना चांदी, निकल, पैलेडियम, प्लैटिनम, मैगनीज और रेडियम धातुओं के मिश्रण से बनाया जाता है और इन धातुओं के मिश्रण से पीले सोने का रंग सफेद नजर आने लगता है.

आइए जानते हैं कि सफेद सोने की कौनकौन सी चीजें बाजार में उपलब्ध हैं और हम कैसे उन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

– आप सफेद कपड़ों पर सफेद सोने की डिजाइनर, प्लेन या हीरेजडि़त चूडि़यां और अंगूठी, चेन व डिजाइनर पेंडैंट पहन सकती हैं.

– सफेद सोने का नैकलैस, मंगलसूत्र, बिछुए, बाजूबंद और ब्रेसलेट भी आप बनवा सकती हैं.

– सोने के पीले और सफेद रंग के कौंबिनेशन वाले गहने भी मिल जाएंगे.

– आजकल तो व्हाइट गोल्ड प्लेटेड कार भी मार्केट में है.

– कुछ साइकिल निर्माताओं ने तो व्हाइट गोल्ड प्लेटेड और पीले व सफेद गोल्ड के कौंबिनेशन वाली गोल्ड प्लेटेड साइकिल भी बनाई है.

– कुछ शौकीनों ने तो जूते और चप्पलों पर भी व्हाइट गोल्ड का इस्तेमाल किया है.

– आप अगर व्हाइट गोल्ड की शौकीन हैं, तो आप व्हाइट गोल्ड की घड़ी भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

– आजकल तो व्हाइट गोल्ड कवर और बौर्डर वाले मोबाइल फोन भी उपलब्ध हैं.

– सफेद सोने के साथ चमचमाते सफेद हीरे भी आप फैशन के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं. यानी गहनों का सोना तो सफेद होगा ही, उस में जड़ा हीरा भी सफेद होगा.

– हीरे के गहनों में अंगूठी, कान के टौप्स, नैकलैस व चूडि़यों आदि की बहुत ज्यादा मांग होती है.

– घडि़यां भी हीरों से डिजाइन की जाती हैं.

– कुछ शौकीन लोग कपड़ों पर भी सफेद सोने के बारीक तार और हीरों की ऐंब्रौयडरी कराते हैं.

– व्हाइट गोल्ड की चेन, नैकलैस और मंगलसूत्र में भी आप हीरेजडि़त पेंडैंट इस्तेमाल कर सकती हैं.

– सफेद सोने की हीरेजडि़त पायल भी आप पहन सकती हैं.

ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल

ये तो हुई बाहरी सुंदरता बढ़ाने वाले गहनों की बात, लेकिन पीले सोने की तरह ही सफेद सोने और हीरे का भी ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते हैं उन प्रोडक्ट्स में खूबियां कैसी होती हैं:

– सफेद सोना या हीरामिश्रित ब्यूटी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से त्वचा का रक्तसंचार बढ़ता है, जिस से त्वचा तरोताजा और चमकदार नजर आने लगती है.

– सफेद सोना और हीरामिश्रित क्रीम और मौइश्चराइजर लगाने से त्वचा की गुणवत्ता में सुधार आता है और त्वचा की इम्यूनिटी बढ़ती है.

सफेद सोने का फेशियल यानी व्हाइट गोल्ड

फेशियल और हीरे का फेशियल करने से त्वचा की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और त्वचा का बेजान व निस्तेज होना व कालापन दूर होता है. साथ ही रूखी, रफ और खराब त्वचा स्वस्थ होती है.

व्हाइट गोल्ड पैक और डायमंड पैक से मुंहासों और त्वचा के दाग दूर होते हैं, त्वचा में कसाव आता है और त्वचा पर आ गई महीन रेखाएं दूर होती हैं. त्वचा लोचदार और नम नजर आती है. ऐसा त्वचा का रूखापन दूर होने से होता है.

व्हाइट गोल्ड और डायमंड पैक से त्वचा पर स्थित ब्लैकहैड्स और व्हाइटहैड्स दूर होते हैं और त्वचा निखरीनिखरी, चमकदार और तरोताजा नजर आती है.

व्हाइट गोल्ड और डायमंड के ब्यूटी प्रोडक्ट्स ये हैं:

– डायमंड ऐंड व्हाइट गोल्ड पील औफ मास्क.

– बी बी क्रीम.

– नेलपौलिश.

– शैंपू.

– क्रीम, मौइश्चराइजर.

– स्किन स्क्रबर.

– डायमंड ग्लोइंग फेसपैक.

आप इन में से किसी भी ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल कर अपनी त्वचा की सुंदरता में निखार ला सकती हैं.

डिजाइनिंग का तरीका

– हीराजडि़त पेन में पेन के ऊपरी हिस्से पर हीरे का डिजाइनर टौप होता है.

– मोबाइल फोन के चारों ओर व्हाइट गोल्ड प्लेटेड बौर्डर होता है और उस पर हीरे जड़े होते हैं.

– व्हाइट गोल्ड और हीरे की घडि़यों में घड़ी व्हाइट गोल्ड की बनी होती है, जिस में 1 से 12 तक के अंकों की जगह हीरे जड़े होते हैं.

डायमंड फेशियल

इस के लिए सब से पहले डायमंड रिहाइड्रेटिंग क्लींजर लगा कर कौटन से त्वचा पोंछ लें. इस से त्वचा पर स्थित मृत त्वचा निकल जाती है. फिर उचित मात्रा में डायमंड मसाज जैल ले कर 20 मिनट तक चेहरे की मसाज करें. फिर डायमंड ग्लोइंग मास्क की मोटी परत चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट सूखने दें. फिर साफ पानी से चेहरा धो दें. उस के बाद उचित मात्रा में बौडी केयर 24 कैरेट डायमंड स्किन सीरम त्वचा पर लगाएं और कुछ मिनट बाद चेहरा पोंछ दें.

आप यह उपाय घर में कर सकती हैं, लेकिन इस में लगने वाले प्रोडक्ट्स को देखते हुए इस के लिए सौंदर्य विशेषज्ञ के पास जाना ही ज्यादा फायदेमंद साबित होगा.

Valentine’s Special: सुर बदले धड़कनों के

 

 

 

 

 

Valentine’s Special: इन टिप्स से खुशहाल बनाएं रिश्ता

आज पतिपत्नी का रिश्ता मित्रता, प्यार, सहभागिता का बन गया है, जिस में दोनों को एकदूसरे को समझाने के बजाय एकदूसरे को समझने की कोशिश करनी पड़ती है. ऐसा करने पर ही एक सुखी वैवाहिक जीवन की कल्पना की जा सकती है. उम्र के जिस पड़ाव पर पतिपत्नी शादी की दहलीज पार करते हैं वह एक अहम पड़ाव और दौर होता है. शुरू के कुछ वर्ष उन को खुद में बदलाव लाने के होते हैं. वैवाहिक संबंध की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता:

2 अलगअलग व्यक्तित्व वाले शख्स दांपत्य सूत्र में बंध जाते हैं. दोनों को अपने अतीत को भूल कर एकदूसरे में समाना होता है. कुछ छोड़ना पड़ता है कुछ अपनाना पड़ता है.

पतिपत्नी दोनों विलक्षण और अद्भुत किस्म के व्यक्तित्व होते हैं, जिन में आवश्यक बदलाव धीमी गति से आवश्यकता के अनुसार ही संभव होता है. दोनों से तीव्र गति से बदलाव की अपेक्षा करना अव्यावहारिक है.

दोनों के काम करने के तरीके और दिनचर्या भिन्न होने के कारण उन्हें नए माहौल में ऐडजस्ट करने के लिए कुछ समय देना होता है. यह ससुराल पक्ष के लोगों के लिए परीक्षा की घड़ी होती है. धैर्यपूर्वक इस कसौटी पर खरा उतरने का परिणाम यह होता है कि रिश्ते स्वाभाविक रूप से विकसित होते हैं और सभी को रिश्तों में आनंद और सुकून मिलता है.

नए दांपत्य रिश्ते में 2 ऐसे लोग बंधते हैं जो अलगअलग पारिवारिक वातावरण, संस्कारों और परंपराओं की संस्कृति में पलेबढ़े होते हैं. ऐसे में पतिपत्नी के लिए आवश्यक बदलाव को स्वीकार करना नामुमकिन नहीं होता है, मुश्किल जरूर होता है. इस बदलाव को जिम्मेदारी और सूझबूझ से अपनी शख्सीयत में लाया जाए.

सूझबूझ है जरूरी

हां यह समझना बहुत जरूरी है कि जैसे ही नई दुलहन ससुराल में प्रवेश करती है सब उसे उस की जिम्मेदारी महसूस कराने लग जाते हैं जबकि उन्हें नई बहू के अधिकारों के प्रति सजग होने की जरूरत होती है. पतिपत्नी के अधिकारों का संरक्षण हर हाल में होना चाहिए ताकि उन्हें स्पेस और स्वतंत्रता महसूस हो सके. वह जमाना लद गया जब पत्नी को दासी या गुलाम समझा जाता था. आज की पत्नियां शिक्षित, परिपक्व और सकारात्मकता के गुणों से परिपूर्ण होती हैं. उन्हें ससुराल पक्ष के लोग किसी भी तरह हलके में नहीं ले सकते हैं. आज की नारी पढ़ीलिखी और सजग है.कहते हैं, व्यवहारकुशलता इस में है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. अधिकार छीन कर नहीं लिए जाते हैं. पत्नी अपने अधिकारों का संरक्षण सूझबूझ के साथ कर सकती है. पत्नी के कुछ अधिकार इस प्रकार हैं:विवाह के बाद उसे अधिकार है कि वह अपनी पसंद का पहनावा पहन सके. वह सास बहुत अच्छी मानी जाती है जो नई बहू को इस बात की स्वतंत्रता देती है.

मधु एक स्मार्ट लड़की थी. उस ने देखा कि उस के पति के पास उस की पसंद के अनुसार ड्रैस नहीं थी. अत: मधु ने नीतियुक्त तरीके से इस का हल ढूंढ़ निकाला. एक दिन जब वह शौपिंग के लिए गई तो अपने पति के लिए अपनी पसंद की शर्ट और पैंट खरीद लाई. सास के लिए भी एक साड़ी खरीद लाई. इस व्यवहारकुशलता का असर यह हुआ कि सास को साड़ी पसंद आई. पति को भी मधु द्वारा लाई गई ड्रैस अच्छी लगी. सास अच्छे मूड में थीं अत: मधु से बोलीं, ‘‘अगली बार शौपिंग के लिए जाओ तो अपनी पसंद के कुछ सूट और साडि़यां खरीद लाना. तुम पर दोनों ही ड्रैसेज अच्छी लगती हैं. पैसे मुझ से ले जाना.’’

विवाह के बाद भी पति को यह अधिकार होता है कि वह अपने मित्रों से पहले की तरह मिलताजुलता रहे. पत्नी निरर्थक टोकाटाकी न करे. अपने मित्रों से मिलतेजुलते रहने के लिए पति को प्रेरित करती रहे. बस पति को चाहिए कि पारिवारिक सीमाओं में रह कर कुछ समय पत्नी के साथ अवश्य बिताए.कामकाजी महिला की दिनचर्या बहुत व्यस्त होती है. सुबह बच्चों को तैयार करना, नाश्ता व खाना बनाना, पति का टिफिन तैयार करना फिर खुद तैयार हो कर दफ्तर के लिए निकलना. सारे दिन की व्यस्तता के बाद शाम को घर आ कर फिर खाना बनाना. इन सब कामों को बखूबी करने पर वह डिजर्व करती है कि उसे परिवार से सम्मान मिले. पति को इस बात का एहसास हो कि वह वर्किंग वूमन है. घर में उस का सम्मान हो, यह उस का अधिकार है. कामकाजी पत्नी को घर पर पूरा आराम मिलना चाहिए. स्त्री जिसे अपने अधिकारों की रक्षा करनी होती है वह डिजर्विंग होनी चाहिए. हमारे सामने 6 प्रकार के दोषों की चर्चा होती है- शराब पीना, दुष्टों का संग, पति से अलग रहना, अकेले घूमना, अधिक सोना तथा दूसरों के घर में निवास करना पत्नी के लिए दोष हैं. इन्हें उसे अपने जीवन से दूर रखना चाहिए. ऐसे में पत्नी कुलकुटुंब की भलीभांति सेवा करती हुई स्वयं भी सुरक्षित रहती है और पत्नी का कर्तव्य भी निभाती है.

ऐसे बैठाएं तालमेल

नेहा का जब विवाह हुआ तो उस ने सुन रखा था कि ससुराल में पहुंचने पर सास नई बहू के आभूषणों पर यह कह कर कब्जा कर लेती है कि इन्हें सुरक्षित रखना है. इस से पहले कि सास इस विषय में कुछ कहतीं, नेहा ने सास से कहा कि मम्मीजी मैं 2 सैट अपने पास रख लेती हूं, क्योंकि पति के साथ डिनर पार्टियों में जाना होगा. बाकी जेवर आप अपनी अलमारी में रख लें या बैंक के लौकर में रखवा दें. इस प्रकार उस के अपने अधिकार की भी रक्षा हो गई और सास भी ऐसा करने के लिए हंसीखुशी राजी हो गईं. जब हनीमून के लिए प्रस्ताव आया तो नेहा ने सास से कहा, ‘‘मम्मीजी, हम बाहर जा कर अंडरस्टैंडिंग बनाने के पक्ष में नहीं हैं. यहीं आप सब के पास रह कर आप सब के साथ अपने संबंध मधुर और स्थायी बनाएंगे. इस के बाद जब कभी नेहा रेस्तरां में डिनर के लिए अपने पति के साथ जाती थी, तो अपनी सास और ससुर के लिए खाना पैक करवा कर जरूर ले आती थी. सासससुर दोनों को यह बात बहुत अच्छी लगती. नववधू का यह अधिकार होता है कि जो आभूषण उस के मातापिता ने इतने चाव से बनवा कर उसे दिए हैं उन का इस्तेमाल करने की उसे स्वतंत्रता हो.

कामकाजी पत्नी का अपनी मासिक तनख्वाह पर पूरा हक होता है. सासससुर को यह अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए कि वह पूरी सैलरी उन के हाथ पर रखे. पति भी कमाता है और पत्नी भी परिश्रम से तनख्वाह अर्जित करती है. अच्छा होगा दोनों मिल कर घर चलाएं. उन के अधिकारों की सुरक्षा तभी होती है जब वे दोनों मिल कर घर के सदस्यों के साथ मधुर संबंध बनाए रखते हैं और समयसमय पर उन के लिए उपहार ला कर उन्हें उन की अहमियत का एहसास दिलाते हैं. उन के साथ अपनापन बनाए रखते हैं.

बनाएं बेहतर माहौल

चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस का मत है, ‘‘हम उसी चीज से घृणा करते हैं जो चीज हमें अति प्यारी होती है.’’ सास अपनी बहू पर शासन करने को अच्छा समझती है, लेकिन जब बहू उस पर शासन करने की प्रवृत्ति रखती है तो उसे अच्छा नहीं लगता है. अत: सुझाव है कि पतिपत्नी के अधिकारों की रक्षा सासससुर और ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों द्वारा ऐसे की जानी चाहिए कि ये अधिकार मांगने की नौबत ही न आए. ऐसा माहौल बनाया जाए जिस में पतिपत्नी को पर्याप्त स्पेस मिले और वैवाहिक संबंध को आनंदपूर्वक जीने की स्वतंत्रता मिलती रहे.

Winter Special: जानें कैसे आसान तरीकों से बनाएं बेसिल फ्राइड राइस

अगर आप फिंटर में कुछ हैल्दी और स्वादिष्ट खाना चाहाते है तो आसान तरीकों से बनाएं बेसिल फाईड राइस. ये है कुछ टिप्स घर पर तैयार किए हुए फ्राईड राइस की डिश की रेसिपी.

सामग्री

1 बाउल चावल उबले

जरूरतानुसार हरी व लालमिर्च बारीक कटी

1 छोटा चम्मच ग्रीन पेपर कौर्न

4-5 कलियां लहसुन बारीक कटा

1-2 टुकड़े ब्रोकली

3-4 बेबी कौर्न

1 गाजर

रिफाइंड औयल जरूरतानुसार

1 पैकेट मैगी का मसाला

थोड़ी सी तुलसीपत्ती गार्निशिंग के लिए

नमक स्वादानुसार.

विधि

ब्रोकली, बेबी कौर्न और गाजर को छोटेछोटे टुकड़ों में काट कर ब्लांच कर लें. एक पैन में तेल गरम कर के हरी व लालमिर्च और लहसुन डाल कर सौटे करें. अब इस में चावल, ब्लांच्ड सब्जियां और ग्रीन पेपरकौर्न मिला कर पकाएं. मैगी का मसाला व नमक डाल कर थोड़ा और पकाएं. फिर तुलसीपत्ती से गार्निश कर परोसें.

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