Valentine’s Special: थिक लिप्स के लिए 7 Lipstick

जब महिलाएं लिपस्टिक खरीदने जाती हैं, तो अकसर उसी शेड की लिपस्टिक खरीदती हैं, जो उन्हें पसंद आता है. बिना यह सोचे कि इस शेड की लिपस्टिक उन की स्किनटोन पर सूट करेगी भी या नहीं. अगर स्किनटोन और लिप्स टाइप को ध्यान में रख कर लिपस्टिक खरीदी जाए, तो चेहरे की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. आइए, मेकअप आर्टिस्ट क्रिस्टल फर्नांडिस से जानें कि मोटे लिप्स वाली महिलाओं पर लिपस्टिक के कौनकौन से शेड्स अच्छे दिखते हैं:

1. रैड

रैड लिपस्टिक का चुनाव करते समय अपनी स्किनटोन को ध्यान में रखें. जैसे यदि आप गोरी हैं तो रौयल रैड शेड की लिपस्टिक लगाएं और अगर आप का कौंप्लैक्शन गेहुआं है, तो वाइन रैड कलर की लिपस्टिक खरीदें. इस से आप खूबसूरत नजर आएंगी.

2. मोव

मोटे लिप्स वाली महिलाओं को लगता है कि लिपस्टिक के डार्क शेड्स उन पर नहीं जंचेंगे. अगर आप भी यही सोचती हैं, तो आप गलत हैं. मोटे लिप्स पर रैड शेड ही नहीं, बल्कि मोव शेड्स की लिपस्टिक भी खूबसूरत नजर आती है. चूंकि मोव शेड शाइनी होता है, इसलिए इसे नियमित लगाने के बजाय पार्टी जैसे खास मौकों पर ही लगाएं.

3. सौफ्ट पिंक

अगर आप डार्क शेड की लिपस्टिक लगाना पसंद नहीं करतीं, तो सिंपल और सोबर लुक के लिए सौफ्ट पिंक शेड की लिपस्टिक लगा सकती हैं. इस से मोटे होंठ हाईलाइट नहीं होते हैं. ये शेड औफिस गोइंग महिलाओं के लिए भी बैस्ट हैं. इन्हें आप औफिस की खास मीटिंग में ही नहीं, रोजाना भी लगा सकती हैं.

4. बेरी

नाइट पार्टी या किसी खास फंक्शन की सैंटर औफ अटै्रक्शन बनना चाहती हैं, तो थिक लिप्स पर बेरी शेड की लिपस्टिक लगाएं. डार्क बेरी शेड लिपस्टिक ड्रामा क्वीन लुक के लिए बैस्ट है. हां, लेकिन जब बेरी शेड की लिपस्टिक लगाएं, तब आई मेकअप न्यूड रखें. डार्क शेड की लिपस्टिक के साथ हैवी आई मेकअप गौडी लुक देता है.

5. कौपर

थिक लिप्स पर कौपर शेड भी काफी फबता है. इस से मोटे होंठ पतले नजर आते हैं. पार्टी जैसे खास मौकों पर डार्क कौपर शेड की लिपस्टिक लगा सकती हैं, लेकिन औफिस में रोजाना इस्तेमाल के लिए कौपर का लाइट शेड ही खरीदें. ब्यूटीफुल लुक के लिए जब कौपर शेड की लिपस्टिक लगाएं तब आई मेकअप के लिए ब्राउन आईलाइनर इस्तेमाल करें.

6. रोज

अगर आप हैवी लिप मेकअप से बचना चाहती हैं, तो अपने वैनिटी बौक्स में रोज लिपस्टिक रख सकती हैं. रोज लिपस्टिक के कई शेड्स हैं. सिंपल लुक के लिए लाइट रोज शेड की लिपस्टिक चुनें और यंग लुक के लिए रोज लिपस्टिक का फ्रैश शेड खरीदें. रोजाना इस्तेमाल के लिए अपनी स्किनटोन से मैच करता रोज शेड खरीदें.

7. न्यूड

अगर आप आई मेकअप को स्मोकी लुक दे कर हाईलाइट करना चाहती हैं, तो लिप मेकअप के लिए न्यूड शेड लिपस्टिक का चयन कर सकती हैं और अगर आई मेकअप को लाइट रखते हुए लिप मेकअप को हाईलाइट करना हो तो होंठों पर न्यूड शेड लिपस्टिक लगा कर लिप ग्लौस लगा लें.

स्किनटोन और लिप्स टाइप को सूट करती लिपस्टिक्स के चुनाव के साथसाथ यह भी ध्यान रखें कि आप का आउटफिट आप के मेकअप को सूट कर रहा है या नहीं वरना आप का लुक खराब हो सकता है. इन सब बातों को फौलो कर के आप दिखेंगी हर मौके पर सबसे हसीन.

ऐक्सपर्ट ऐडवाइज

– मोटे लिप्स के लिए मैट फिनिश या क्रीम टैक्स्चर वाली लिपस्टिक खरीदें. ग्लौसी लिपस्टिक खरीदने की गलती न करें.

– लिपग्लौस लगाना चाहती हैं तो पूरे होंठों पर लिपग्लौस लगाने के बजाय होंठों के बीच में लगा कर उसे होंठों से ही फैला लें. इस से लिप्स मोटे नजर नहीं आएंगे.

– लिप मेकअप के लिए लिपलाइनर इस्तेमाल करना हो तो लिपलाइनर को होंठों के अंदर की ओर लगाएं. बाहर की ओर लगाने से लिप्स और भी मोटे नजर आते हैं.

Valentine’s Special: कैसें संभाले Intimate रिलेशनशिप को

जब लगातार दूसरे महीने भी पीरियड्स नहीं आए तो 44 वर्षीय निमिषा घबरा उठी. एक आशंका उन के जेहन में कौंध गई कि कहीं वह प्रैगनैंट तो नहीं हो गई.

एक सरकारी विभाग में ऊंच पद पर कार्य कर रही निमिषा के संबंध अपने ही सहकर्मी मनीष से थे पर इस की हवा किसी को उन्होंने नहीं लगने दी थी. दफ्तर में वे एकदूसरे से औपचारिक तरीके से पेश आते थे. अपने काम से काम रखने वाली निमिषा कब और कैसे मनीष के इतने नजदीक आ गई कि उस से वर्षों से दबी सैक्स इच्छा पूरी करने को तैयार हो गई.

अब वह घबरा रही है कि कहीं गर्भ न ठहर गया हो. शहर के दूरदराज के कैमिस्ट के यहां से वह झिझकते झिझकते प्रैगनैंसी किट लाई और यूरिन टैस्ट किया तो 2 गुलाबी लाइनें देख उस के होश उड़ गए.

कुछ पारिवारिक वजहों के चलते निमिषा वक्त रहते शादी नहीं कर पाई थी, इस का उसे कोई खास मलाल नहीं था, लेकिन करीब 10 साल पहले तक मां बनने की इच्छा होती थी, फिर धीरेधीरे कब इस सुखद अनुभूति को भी दूसरे जज्बातों की तरह तनहाई निगल गई इस का भी उसे पता नहीं चला.

करीब 4 साल पहले जब मनीष उस के नजदीक आया तो सारी वर्जनाएं टूट गईं हालांकि परिचय को सैक्स तक पहुंचने के दिन मनीष ने उसे समझया भी था कि सोचा लो कोई जबरदस्ती नहीं, कल को यदि मन में कोई गिल्ट या पछतावा आए तो सैक्स बहुत जरूरी नहीं.

हरज की बात नहीं

मगर निमिषा के लिए अब खुद को और नियंत्रित कर पाना मुश्किल लग रहा था. खुद उस ने यह फैसला लेने के पहले बहुत सोचविचार कर लिया था और इस नतीजे पर पहुंची थी कि इस में कोई हरज की बात नहीं. आखिर कब तक अपनी इच्छा को मारती रहेगी. मनीष की हिचक को देख खुद उस ने उसे बढ़ावा दिया और फिर यह रोजरोज का तो नहीं पर महीने में 2-3 बार का सिलसिला हो गया.

मनीष से वह बहुत खुल गई थी और जबजब वह सैक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करता था तो निमिषा ही मजाक में उसे टोक देती थी कि अब क्या बुढ़ापे में बच्चा होगा तो जवाब में मनीष उसे समझता था कि यह खतरा तो 60 के बाद तक या मेनोपौज तक बना रहता है और तुम्हारी प्रतिष्ठा और मेरी घरगृहस्थी के लिए यह सावधानी भी जरूरी है.

जरूरी बातें

पिछले 2-3 बार से जल्दबाजी में मनीष कंडोम नहीं खरीद पाया था क्योंकि कैमिस्टों पर तो कोविड-19 वालों की भीड़ लगी रहती थी, जिस का नतीजा सामने था. मौका पा कर जब निमिषा ने मनीष को प्रैगनैंट होने की बात बताई तो एक दफा तो वह भी घबरा गया जो पहले से ही 2 बच्चों का पिता था, लेकिन फिर जल्द ही संभल भी गया. शाम को अंधेरा होते ही हमेशा की तरह अपनी गाड़ी पार्किंग में खड़ी कर के पैदल ही निमिषा के घर पहुंचा और हमेशा की तरह पीछे के दरवाजे से दाखिल हुआ तो निमिषा का उतरा चेहरा देख ग्लानि से भर उठा.

काफी देर विचारविमर्श करने के बाद दोनों ने फैसला किया कि जितनी जल्दी हो सके अबौर्शन करा लेना ही बेहतर रास्ता है. मनीष को थोड़ीबहुत जानकारी डाक्टरों की थी पर दोनों साथ जाएं कैसे इस में वे हिचक रहे थे.

आखिर में तय हुआ कि निमिषा अकेले ही जा कर लेडी डाक्टर से बात करेगी और अबौर्शन करा लेगी. मनीष अप्रत्यक्ष रूप से उस के साथ रहेगा.

मनीषा ने जब योजना के मुताबिक डाक्टर को सारा सच बता दिया तो कोई खास दिक्कत नहीं आई. लेडी डाक्टर ने जांच कर आश्वस्त किया कि भ्रूण अभी 8 सप्ताह के लगभग का है और आसानी से अबौर्शन हो जाएगा तो उन्हें सुकून मिला और डाक्टर से बात कर लेने से घबराहट भी कम हुई.

3 दिन बाद ही छुट्टी ले कर वह चुपचाप भरती हो गईर् और 2 दिन बाद गर्भ से छुटकारा पा कर घर वापस भी आ गई. पड़ोसी को यह कह कर गई थी कि 3 दिन के लिए बाहर टूर पर जा रही है.

सावधानी हटी दुर्घटना घटी

हफ्तेभर बाद ही वह और मनीष के शहर के एक नामी होटल में कौफी पीते जश्न मना रहे थे क्योंकि एक मामली चूक भयंकर बखेड़ा करने वाली थी. उंगलियां एक प्रतिष्ठित परिवार की अकेली रह रही महिला के चालचलन पर भी उठ सकती थीं जिस की अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियां थीं और उस के सहकर्मी पर भी उठतीं जिस के बारे में लोग यह जानते थे कि वह अपने बीवी बच्चों को बहुत प्यार करता है.

मनीष बेवजह 2 पाटों के बीच पिसना नहीं चाहता था तो निमिषा की मजबूरी यह थी कि प्राइवेसी और सैक्स के मामले में मनीष उसे भरोसेमंद और समझदार व्यक्ति लगा था जो आखिरकार निकला भी. प्रैगनैंसी की बात सुनते ही खुद की बराबर की गलती और लापरवाही मानते जैसे निमिषा चाहे वैसा करने की बात पूरी ईमानदारी से उस ने कह दी थी कि उस पर अमल करने के लिए दृढ़ भी दिख रहा था.

वैसे भी मनीषा को उस पर किसी तरह का शक नहीं था इसलिए अबौर्शन कराने में उसे ज्यादा मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ा जितनी कि वह सोच रही थी. दोनों अब भी पहले की तरह तयशुदा दिनों में मिलते हैं, लेकिन कोई रिस्क नहीं उठाते.

हरेक के लिए जरूरी

वजहें कुछ भी हों निमिषा जैसी अकेली रह रही महिलाओं के लिए सैक्स संबंध बनाने से पहले यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि यह कभीकभी बेहद दिक्कत वाला काम भी साबित हो सकता है. लिहाजा किसी किस्म की लापरवाही काफी महंगी पड़ सकती है.

सैक्स किसी भी वयस्क के लिए किसी भी लिहाज से वर्जित नहीं है पर कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें अकेली रह रही महिला वह भी अधेड़ावस्था में नजरअंदाज नहीं कर सकती और अगर करेगी तो बड़ी दिक्कतों में पड़ जाएगी.

सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाएं

समझदार और समाज के प्रति जवाबदेह लोगों के बीच मरजी से बने सैक्स संबंध क्यों जिम्मेदारी से निभाने चाहिए लापरवाही से नहीं, आइए जानते हैं:

– जिस से सैक्स संबंध बनाएं वह विश्वसनीय होना चाहिए.

– विश्वसनीयता आंकने का हालांकि कोई तयशुदा पैमाना नहीं पर वह हर लिहाज से बराबरी का होना चाहिए.

– आमतौर पर शादीशुदा गृहस्थ पुरुष सैक्स संबंधों के लिए विश्वसनीय होते हैं क्योंकि उन पर कई पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियां होती हैं जिन के चलते वे भी आप की तरह नहीं चाहते कि ये संबंध आम हों.

– सैक्स संबंध रोजरोज खुलेआम या दिनदहाड़े नहीं बनाना चाहिए.

– आतेजाते कोई देखे नहीं या जासूसी या फिर निगरानी न करे इस बात का खयाल रखा जाना चाहिए.

– सैक्स करने के लिए महिला का खुद का ही घर उपयुक्त रहता है बजाय पुरुष के साथ कहीं और जाने के क्योंकि खुद के घर में सुरक्षा भी रहती है और बेफिक्री भी.

– सैक्स के लिए घर के बाहर खासतौर से होटलों में जाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि आजकल आए दिन पुलिस ताकझंक करते हैं और होटल वाले भी रिश्ते को ले कर कभीकभी प्रमाण मांगने लगते हैं.

– संबंध शारीरिक स्तर तक ही सीमित रहे तो बेहतर है. पुरुष से भावनात्मक लगाव या प्यार करना बाद के लिए दिक्कत देने वाला काम साबि होता है. कोई पुरुष अपनी गृहस्थी और सामाजिक प्रतिष्ठा में आग लगाना पसंद नहीं करता.

– मोबाइल पर ज्यादा बात न करें कि कहीं दूसरा रिकौर्ड न कर रहा हो. जिस के साथ आज खुशी से रहे हैं वह कल को ब्लैकमेल भी कर सकता है.

– पीरियड्स का विशेष खयाल रखें खासतौर से यह कि उम्र का गर्भधारण से कोई संबंध नहीं होता. जरा सी लापरवाही से गर्भ ठहर सकता है जैसाकि निमिषा के साथ हुआ.

– गर्भनिरोधकों की जानकारी शैक्षणिक तरीके से हासिल कर खासतौर से पत्रपत्रिकाओं से. जरूरत पड़ने पर डाक्टर से भी जानकारी ली जा सकती है.

– सैक्स को आदत न बनाएं, इस के लिए जरूरी है कि बीचबीच में संबंधों में लंबा गैप दें.

– यह ठीक है कि जिस से सैक्स संबंध बनाएंगी उस से बहुत कुछ छिपा नहीं रह पाएगा लेकिन फूहड़ हंसीमजाक और अश्लील मैसेज तथा सोशल मीडिया पर अश्लील कहीं जाने वाली पोस्टों के आदानप्रदान से बचें.

– बहुत ज्यादा पुरुषों से सैक्स संबंध स्थापित करने से बचें.

– शराब या किसी दूसरे नशे में आदी पुरुष से संबंध न बनाएं न ही उस के साथ बैठ कर कभी शराब पीएं. अगर यह संबंध बनाए रखने की जिद है तो संबंध तोड़ लेना ही बेहतर होता है.

– पार्टनर से पैसों का लेनदेन कतई न करें.

– अगर कभी वह किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग करे या संबंध उजागर करने की धमकी दे तो डरें बिलकुल नहीं उलटे उसे धमकाएं कि आप की एक शिकायत से उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

क्या इस साल तेजस्वी को दुल्हन बनाएंगे करण कुंद्रा? जानें यहां

टीवी के सबसे स्वीट और रोमांटिक कपल करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश बहुत जल्द शादी करने वाले हैं. अब करण कुंद्रा ने खुद एक इंटरव्यू में अपनी और तेजस्वी की वेडिंग को लेकर कई खुलासे किए हैं. कपल के फैंस भी इस खबर को सुनकर खुशी से झूम उठेंगे. अपने नये टीवी शो इश्क में घायल (Ishq Me Ghayal) के प्रमोशन के दौरान करण कुंद्रा ने तेजस्वी के साथ अपने वेडिंग प्लान शेयर किए.

14 फरवरी 2023 को वैलेंटाइन डे (Valentine Day 2023) सेलिब्रेट किया जा रहा था. टीवी के फेमस कपल करण कुंद्रा (Karan Kundrra) और तेजस्वी प्रकाश (Tejasswi Prakash) भी वैलेंटाइन डे के मौके पर एक-दूसरे के प्यार में खोए हुए हैं. करण ने क्यूट तरीके से गर्लफ्रेंड को विश किया है.

दूल्हा बनने को तैयार हैं करण कुंद्रा

करण कुंद्रा ने हाल ही में रेडियो सिटी के साथ बातचीत में अपनी और तेजस्वी की शादी को लेकर खुलकर बात की. एक्टर ने कहा, मैं तो अगले महीने मार्च में शादी करने को तैयार हूं. बिग बॉस के बाद तो उनके( तेजस्वी के) परिवार वाले भी तैयार थे लेकिन हमारे काम की कमिटमेंट्स को लेकर देरी हो रही है. इनका नागिन (नागिन 6 टीवी शो) खत्म होने में नहीं आ रहा, फिर करण तेजस्वी को मजाक में पूछते हैं क्या जरूरत थी इतना सक्सेसफुल सीजन देने की और बाद में यह भी पूछते हैं कि- तुम्हारे पास शादी के लिए टाइम कब है?

क्या डेस्टिनेशनल वेडिंग करेंगे करण-तेजस्वी?

 इस सवाल पर करण कुंद्रा ने कहा कि, मैं तो कहीं भी शादी करने को तैयार हूं, फिल्म सिटी में, सेट पर कहीं भी शादी हो जाए. जब उनसे पूछा गया कि, क्या इतने सालों में वो लगातार शादी के सवाल पर बोर तो नहीं हो गए तो एक्टर ने कहा कि, इस सवाल पर मैं कभी बोर नहीं हो सकता हूं. ”

 

 

View this post on Instagram

 

A post shared by @tejran_2_fan

करण ने तेजस्वी के लिए शेयर किया पोस्ट

करण कुंद्रा ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर गर्लफ्रेंड तेजस्वी प्रकाश के साथ तस्वीरें शेयर की हैं. पहली तस्वीर में करण अपनी लेडीलव के गाल पर किस करते हुए नजर आए. वहीं, बाकी की फोटोज में कपल को अलग-अलग अंदाज में पोज देते हुए देखा जा सकता है. फोटोज को शेयर कर करण ने तेजस्वी के लिए एक प्यार भरा मैसेज भी शेयर किया है.

 

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Karan Kundrra (@kkundrra)

तेजस्वी ने करण की बातों का दिया जवाब

करण ने कैप्शन में लिखा, “तेरी छोटी छोटी खुशियां, तेरे फिजूल के ड्रामे, तेरा हक जताने का तरीका, तेरे शानदार पैमाने के शक, तेरे छोटे मोटे सपने और मेरे बड़े बड़े जवाब, तेरी अजीब दास्तां ने जीना सिखा दिया इस फकीर को.” करण के इस लविंग नोट पर तेजस्वी ने जवाब देते हुए लिखा, “आपने बहुत अच्छा लिखा. यही मुझे चाहिए था.” एक और कमेंट में उन्होंने लिखा, “तेरे इश्क में घायल.”

फैंस कपल की केमिस्ट्री पर हुए फिदा

वैलेंटाइन डे के मौके पर जिस पर करण और तेजस्वी एक-दूसरे के प्यार में खोए हुए हैं. उसी तरह उनका ये पोस्ट उनके फैंस को भी प्यार में डुबा दिया है. फैंस उनकी केमिस्ट्री को खूब पसंद कर रहे हैं और लाइक्स, कमेंट्स के जरिए अपना ढेर सारा प्यार लुटा रहे हैं.

बात करें कपल की लव स्टोरी की तो उन्हें ‘बिग बॉस 15’ में एक-दूसरे से प्यार हुआ. शो में उनके प्यार को कैमरे के लिए एजेंडा बताया जा रहा था, लेकिन शो खत्म होने के बाद भी उनका रिश्ता बरकरार है और ये उनके प्यार का सबूत है.

अनुपमा पर फूटा दर्शकों का गुस्सा, कहा- ऐसी पत्नी किसी को न मिले

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा’ ने लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. शो इन दिनों अपने करंट एपिसोड के कारण टीआरपी लिस्ट में भी नंबर वन पर बना हुआ है. इन दिनों ‘अनुपमा‘ (Anupama) में माया ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी ओर तोषू की बिगड़ती हालत ने शाह हाउस में बवाल मचा दिया है. जल्द ही ‘अनुपमा’ में दिखाया जाएगा कि अनुपमा सबकुछ छोड़कर फिर से शाह हाउस चली जाएगी. उसकी यह बात अनुज को तो खली ही, साथ ही दर्शक भी यह एपिसोड देखकर परेशान नजर आए.

 

अनुपमा फिर गई शाह हाउस

दरअसल, ‘अनुपमा  (Anupama) के आज के एपिसोड में दिखाया जाएगा कि बा अनुपमा के घर आकर गिड़गिड़ाती हैं और उससे रो-रोकर शाह हाउस चलने के लिए कहती हैं. अनुपमा भी बा की हालत देखकर वहां जाने के लिए तैयार हो जाती है. यह सब देखकर अनुज के चेहरा उतर जाता है और वह हताश हो जाता है. वहीं माया मन ही मन खुश होती है, क्योंकि बा की हरकतों से उसे अपना प्लान शुरू करने का मौका मिल जाता है. अनुपमा के इस कदम से धीरे-धीरे अनुज भी उससे दूर होने लगता है.

 

शाह हाउस लौटने के लिए अनुपमा पर बरसे फैंस

रूपाली गांगुली  (Rupali Ganguly) के ‘अनुपमा’ (Anupama) का यह ट्रैक दर्शकों को जरा भी पसंद नहीं आया. उन्होंने अनुपमा को सबसे ‘बेकार पत्नी’ और सबसे ‘बेकार मां’ का टैग दिया. एक यूजर ने अपने ट्वीट में अनुपमा पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “भगवान कुछ भी दे, लेकिन अनुपमा जैसी बीवी और मां किसी को न दे। बात खत्म. यह किरदार मेरे लिए बर्बाद हो चुका है और इसमें कोई वापसी नहीं हो सकती. मुझे अनुज कपाड़िया और छोटी अनु के लिए दुख होता है. दूसरे यूजर ने माया की सराहना करते हुए लिखा, “माया शो में विलेन नहीं है. अनुपमा तो शो की हिरोइन बिल्कुल ही नहीं है. अनुज कपाड़िया को उसके पार्टनर द्वारा ही बार-बार अनदेखा किया जाता है, प्राथमिकता नहीं दी जाती.

 

अनुपमा के हरकतों से भड़के फैंस

अनुपमा पर नाराजगी जाहिर करने वाले यहीं नहीं रुके. एक यूजर ने आगे लिखा, “अनुज कपाड़िया को गुस्सा होने का पूरा हक है और बेहतर है कि तुम ऐसे ही रहो. अपनी हिरोइन को उसकी कोशिशें करने दो और परिवार को बचाने दो. हर चीज उसकी प्राथमिकता के हिसाब से नहीं हो सकतीं.” दूसरे यूजर ने लिखा, “तो शो में छोटा सा लीप आने वाला है. अनुज मुझे तुमपर गर्व है। तुम नाराज ही रहना, क्योंकि ये हिरोइन दोबारा शाह हाउस की तरफ पलटी मारेगी.”

वनराज के कारण तबाह होगा काव्या का करियर

रुपाली गांगुली के ‘अनुपमा’ में दिखाया जाएगा कि वनराज के तमाशे के बाद काव्या घर आती है. उसका रो-रोकर बुरा हाल हो जाता है। वह बापूजी से बताती है कि वनराज के तमाशे के कारण उसकी नौकरी चली गई. वह वनराज को बिल्कुल बा की तरह होने का ताना देती है. इतना ही हीं, गुस्से में काव्या वनराज से बोल पड़ती है, “तोषू मेरी जिम्मेदारी नहीं है, मेरी जिम्मेदारी मेरा करियर है. मैं काम करूंगी और किसी को नहीं बताऊंगी कि कहां जा रही हूं.”

 

Valentine’s Special: थैंक यू हाई हील्स- अश्विन को सोहा की कौन सी कमी खलती थी

अश्विन के तो मन में लड्डू फूट रहे थे. कैसी होगी वह, गोरी या गेहुआं रंग? फोटो में तो बहुत ही आकर्षक लग रही है. कितनी सुंदर मुसकान है. बाल भी एकदम काले. खैर, अब 2 घंटे ही तो बचे हैं इंतजार की घडि़यां खत्म होने में. दिल्ली से मुंबईर् मात्र 2 घंटे में ही तो पहुंच जाते हैं हवाईजहाज से.

अश्विन दिल्ली का निवासी है और 2 साल पहले ही उस ने अपना नया व्यवसाय शुरू किया है. उस की लगन व मेहनत से उस का काम आसमान की बुलंदियों को छूने लगा है.

अत: उस के मातपिता ने सोचा झट से सुंदर लड़की देख कर उस का विवाह कर दिया जाए और लड़की भी ऐसी, जो उस के कारोबार में हाथ बंटा सके. सो उन्होंने अखबार में इश्तिहार दे दिया- ‘‘आवश्यकता है सुंदर, पढ़ीलिखी, आकर्षक लड़की की.’’

बदले में जवाब आया सोहा के पिता का, जो अश्विन जैसा लड़का ही अपनी बेटी के लिए ढूंढ़ रहे थे. लड़का उन की बेटी की काबिलीयत को समझे और उस का परिवार भी खुले विचारों वाला हो. बड़े अरमानों से पाला था उन्होंने अपनी बेटी को. एमबीए करवाया था ताकि विवाह उपरांत वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके. इस के अलावा उस ने घुड़सवारी, तैराकी भी सीखी थी. एनसीसी में भी सी सर्टिफिकेट लिया था उस ने और ऐरो मौडलिंग में भी गोल्ड मैडल लिया था. सो सोहा के पिता ने अश्विन के पिता से अपनी बेटी के रिश्ते की बात चलाई और उस की शिक्षा व अन्य खूबियों की जानकारी अश्विन के पिता को दे दी.

अश्विन के पिता ने उसे सोहा के बारे में बताते हुए पूछा, ‘‘बेटा, यदि तुम्हें इस लड़की के गुण व शिक्षा पसंद हो तो आगे बात चलाऊं?’’

‘‘जी डैड, आप बात आगे बढ़ा सकते हैं,’’ अश्विन ने कहा.

अश्विन के पिता ने सोहा के पिता को फोन कर कहा, ‘‘विमलजी, मेरे बेटे को आप की बेटी की शिक्षा व खूबियां बड़ी पसंद आईं. अब आप जल्द से जल्द सोहा के और फोटो भेज दीजिए या फिर फेसबुक आईडी दे दीजिए ताकि एक बार दोनों एकदूसरे को देख लें और बात आगे बढ़ाई जा सके.’’

सोहा ने भी फेसबुक आईडी देना ही उचित समझा ताकि एकदूसरे से मिलने से पहले दोनों एकदूसरे को परख लें.

सोहा की फेसबुक आईडी पा कर अश्विन ने उसे फ्रैंड्स रिक्वैस्ट भेज दी. सोहा ने

भी उसे सहर्ष स्वीकार लिया.

जब अश्विन ने सोहा को फेसबुक पर देखा तो देखता ही रह गया. इतनी खूबसूरत और आकर्षक, उस का रहनसहन उस के पोस्ट देख कर तो वह उस पर लट्टू ही हो गया. दोनों ने 1-2 बार चैट किया. अश्विन तो उस की अंगरेजी लिखी पोस्ट पढ़ कर और भी ज्यादा प्रभावित हो गया. उत्तर भारतीय हो कर भी उस की अंगरेजी बहुत अच्छी थी. सो दोनों ने आपस में मिलने का फैसला किया और फिर अपनेअपने मातापिता को अपनाअपना फैसला सुना दिया.

उस के बाद दोनों के मातापिता ने दिन तय किया कि कब और कैसे मिलना है. आजकल पहले वाला जमाना तो रहा नहीं कि रिश्तेदारों को सूचना दो, परिवार के सब सदस्य इकट्ठे हों. अब तो सब से पहले घर के लोग व लड़कालड़की मिल लेते हैं. वह भी घर में नहीं होटल या रेस्तरां में ही देखनादिखाना हो जाता है. अब पहले जैसी औपचारिकता कौन निभाता है?

अब अश्विन और उस के मातापिता सोहा को देखने जयपुर जा रहे थे. अश्विन मन ही मन सोच रहा था यह देखनादिखाना तो मात्र एक औपचारिकता है. सोहा तो उस के मन में पूरी तरह बस गई है. तभी विमान परिचारिका की आवाज से उस के विचारों की शृंखला टूटी. वह कह रही थी, ‘‘आप क्या लेंगे सर शाकाहारी या मांसाहरी खाना?’’

जवाब में अश्विन ने कहा, ‘‘शाकाहारी ही लूंगा,’’ और फिर अश्विन ने तुरंत अपनी ट्रे टेबल खोली. परिचारिका ने अश्विन को शाकाहारी खाने की ट्रे देते हुए कहा, ‘‘सर, बाद में कौफी सर्व करती हूं.’’

अश्विन ने मुसकरा कर कहा, ‘‘जी, बहुतबहुत धन्यवाद.’’

खाना व कौफी पूरी होतहोते ही विमान परिचारिका ने घोषणा की, ‘‘हम छत्रपति शिवाजी इंटरनैशनल एअरपोर्ट पर उतरने वाले हैं. आप सभी से निवेदन है कि अपनीअपनी सीट बैल्ट  बांध लें.’’

एअरपोर्ट से अश्विन ने प्री पेड टैक्सी बुक की और पहुंच गए उस होटल में जहां दोनों परिवारों का मिलना तय हुआ था. वहां सोहा के पिता ने उन के लिए पहले से ही टेबलें बुक की हुई थीं.

वहां पहुंचते ही मैनेजर अश्विन से बोला, ‘‘सर आप की टेबलें वहां बुक हैं और वहां मेहमान आप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.’’

अश्विन धीरे से बुदबुदाया, ‘‘इंतजार तो हम भी बेसब्री से कर रहे हैं.’’

तभी सोहा के पिता उन्हें लेने होटल लौबी में आ पहुंचे. दोनों परिवारों ने एकदूसरे का अभिनंदन किया.

अश्विन ने सोहा की तरफ हाथ बढ़ाते हुए कहा, ‘‘हाय आई एम अश्विन.’’

सोहा ने भी वहीं खड़े हो कर कहा ‘‘हाय आई एम सोहा, नाइस टू मीट यू.’’

अश्विन ने सोहा को जितना सोचा था उस से भी ज्यादा आकर्षक पाया. उस की वह मनमोहक मुसकान, हलकी सी लजाई आंखें जिन में नीले रंग का आईलाइनर ऐसा लग रहा था मानो आसमान ने अपनी सुरमई छटा बिखेरी हो. फीरोजी रंग के टौप में वह बेहद सुंदर लग रही थी. हाथ में महंगी घड़ी थी सिल्वर चेन वाली और दूसरे हाथ में फीरोजी रंग का चौड़ा सा ब्रेसलेट. कानों में छोटेछोटे स्टड्स पहन रखे थे. फिर उस के काले एवं सीधे बाल कमर तक लहरा रहे थे. अश्विन की नजर तो उस के चेहरे पर टिक ही गई थी. जैसे ही सोहा उस की तरफ देखती वह मुसकरा देता. वेटर आ कर मौकटेल दे गया था. वह खत्म करते हुए अश्विन के पिता ने सोहा के मातापिता से कहा, ‘‘चलिए अब हम लौबी में चलते हैं ताकि ये दोनों भी अकेले में आपस में बातचीत कर सकें.’’

सभी लोग लौबी की तरफ चल दिए. तब अश्विन ने सोहा को अपने कारोबार के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘यदि तुम्हें मैं शादी के लिए पसंद हूं तो बात आगे बढ़ाएं अन्यथा तुम इस रिश्ते को अस्वीकार भी कर सकती हो.’’

जब सोहा ने नजरें झुकाए मूक स्वीकृति दे दी तो अश्विन ने कहा ऐसे नहीं, तुम्हें मुंह से हां या न में जवाब देना होगा.

सोहा ने ‘‘हां’’ कह दिया. फिर क्या था जैसे ही दोनों के मातापिता वहां आए सोहा व अश्विन ने अपना फैसला उन्हें सुना दिया था. दोनों परिवारों ने एकदूसरे का मुंह मीठा करवाया. फिर चट मंगनी और पट ब्याह. 1 ही महीने में दोनों पतिपत्नी बन गए.

दिल्ली में बहू की मुंह दिखाई बड़ी शानोशौकत से हुई. सभी रिश्तेदार व मित्र अश्विन व सोहा को अपनेअपने घर आने का न्योता दे कर चले गए.

सोहा जब अश्विन के घर में रहने लगी तो अश्विन को उस में एक कमी नजर आई, जिस पर अश्विन का ध्यान ही नहीं पड़ा था. वह थी सोहा की ऊंचाई. सोहा करीब 5 फुट 2 इंच लंबी थी. जबकि अश्विन 6 फुट. जब सोहा अश्विन के पास खड़ी होती तो उस के कंधे तक भी न पहुंचती. अश्विन को मन ही मन लगने लगा कि सोहा इतनी ठिगनी है? उस का पहले क्यों नहीं ध्यान पड़ा सोहा की लंबाई पर? वह सोचने लगा कि लोग क्या कहेंगे कि उस ने क्यों इतनी ठिगनी लड़की से शादी की? कितनी बेमेल सी जोड़ी है देखने में. लेकिन वह समझ ही नहीं पाया कि यह सब कैसे हो गया?

उस ने सोहा से पूछा, ‘‘सोहा, तुम्हारी लंबाई कितनी है?’’

‘‘5 फुट डेढ़ इंच.’’

‘‘तो फिर तुम बाहर जाती हो तब तो इतनी ठिगनी नहीं लगती,’’ अश्विन ने कहा.

सोहा गाते हुए बोली, ‘‘यह हाई हील्स का जादू है मितवा,’’ और फिर मुसकरा कर अश्विन से लिपट गई. अश्विन ने भी उस के होंठों को चूमना चाहा. किंतु वह तो उस के कंधे से भी नीचे थी. सो अश्विन को ही झुकना पड़ा उस के होंठों का रसास्वादन करने के लिए.

लेकिन जब सोहा ने बदले में उचक कर उस के होंठों को चूमा तो अश्विन उस के प्रेम में डूब गया और 5 फुट डेढ़ इंच को भूल गया.

अग दिन अश्विन और सोहा को दोस्तों से मिलने जाना था. सभी ने मिल

कर एक होटल में डिस्को पार्टी रखी थी. अश्विन को लगता कि कहीं उस के दोस्त न सोचें कि अश्विन ने सोहा में बाकी सब देखा तो उस की लंबाई पर क्यों ध्यान नहीं दिया? लेकिन जब सोहा लाल रंग का ईवनिंग गाउन, पैरों में पैंसिल हील्स पहन कर अश्विन के साथ गाड़ी में आगे की सीट पर बैठी तो अश्विन उसे देखता ही रह गया. वह बारबार मन में सोचता कि सब कुछ है सोहा में यदि कुदरत थोड़ी लंबाई और दे देती तो सोने पर सुहागा हो जाता. पर फिर मन ही मन सोचता कि हाई हील्स हैं न. जैसे ही सोहा और अश्विन होटल पहुंचे अश्विन के दोस्तों और उन की पत्नियों को अपना इंतजार करते पाया. जब सोहा ने बड़े ही आकर्षक तरीके से सब के हालचाल पूछे और चटपटी बातें कीं तो वह सब के दिलों पर छा गई. डिस्को में जब सब एकदूसरे की बांहों में बांहें डाले नाच रहे थे तो अश्विन ने देखा सोहा तो हाई हील्स पहने ठीक उस के कान तक पहुंच गई है और उस ने भी डिस्को की मध्यम रोशनी में मौका पा कर उस के माथे को चूम लिया.

वापस जाते सभी कहने लगे, ‘‘अश्विन, सोहा को देख कर ऐसा लगता है कि तुम्हें गड़ा खजाना हाथ लगा है.’’

अश्विन मन में सोच रहा था कि वह कितना असहज हो रहा था, सोहा की लंबाई को ले कर, लेकिन आज की सोहा की पैंसिल हील्स ने तो सब समस्या ही खत्म कर दी.

हां, जब वह घर में होता तो उस का ध्यान जरूर सोहा की लंबाई पर जाता. एक दिन उस ने अपनी मां से कहा, ‘‘मम्मी, क्या तुम्हारी नजर नहीं गई थी सोहा की लंबाई पर? यह कितनी ठिगनी है.’’

उस की मां ने कहा, ‘‘अश्विन, लेकिन उस के दूसरे गुण भी तो देखो, सर्वगुणसंपन्न है मेरी बहू. इतनी पढ़ीलिखी हो कर भी कितना अच्छा व्यवहार है इस का.’’

‘‘हां, वह तो है,’’ अश्विन बोला.

‘‘तो फिर तुम इतना क्यों सोच रहे हो इस बारे में? आजकल तो इतनी अच्छी हाई हील्स मिलती हैं तो लंबाई कम होने की चिंता क्यों?’’ मम्मी ने कहा.

शादी को 1 महीना होने आया था. अब सोहा को दफ्तर का काम भी संभालना था. सो अश्विन की मामी ने फोन कर के कहा, ‘‘अश्विन बेटा, 1 बार तो ले आओ सोहा को हमारे घर. फिर दफ्तर जाने लगेगी तो कहां समय मिलेगा.’’

‘‘जी, मामीजी आते हैं हम दोनों,’’ अश्विन ने कहा.

अगले ही दिन मामीजी के घर जाने की तैयारी. सोहा ने काले रंग की क्रेप की साड़ी जिस पर सुनहरे रंग के धागों से बौर्डर पर कढ़ाई की थी पहन ली. साथ में पहनीं सुनहरी वेज हील्स.

जब सोहा गाड़ी तक जाने के लिए पैरों को संभालते हुए चल रही थी तो उस की कमर में जो बल पड़ रहा था, उसे देख अश्विन उसे छुए बिना न रह सका और फिर वह बोला, ‘‘वाह कमाल की हैं तुम्हारी हाई हील्स. जब इन्हें पहन कर चलती हो तो मोरनी सी लगती है तुम्हारी चाल.’’

सोहा बदले में बस मुसकरा दी. मामीजी के घर पहुंच कर सोहा ने पैर छू कर उन्हें प्रणाम किया और फिर मिठाई का डब्बा उन के हाथों में थमाते हुए बोली, ‘‘मामीजी, बहुत ही सुंदर है आप का घर और आप ने सजाया भी बहुत खूब है. कितना साफसुथरा है. कैसे कर लेती हैं आप इस उम्र में भी इतना मैंटेन?’’

मामीजी तारीफ सुन कर फूली न समाईं बोलीं, ‘‘तुम भी तो कितनी गुणी हो, कितनी होशियार…’’

एक बात तो अश्विन पूरी तरह समझ गया था कि सोहा को हर रिश्ते को निभाना बखूबी आता है. झट से किसी को भी शीशे में उतार लेती है वह. खैर, मामीजी के घर खापी कर दोनों जब रवाना होने लगे तो मामीजी बोलीं, ‘‘सोहा, तुम पर यह काली साड़ी बहुत फब रही है और तुम्हारी ये हाई हील्स भी मैचिंग की खूब जंच रही हैं… अलग ही निखार आ जाता है जब साड़ी के साथ हाई हील्स पहनो.. वैसे कहां से लेती हो तुम ये हील्स?’’

सोहा ने भी खूब खिलखिला कर जवाब दिया, ‘‘मामीजी, आजकल तो हर मार्केट में मिल जाती हैं.’’

मामीजी ने कहा, ‘‘मैं भी लाऊंगी अपनी बेटी के लिए.’’

‘‘अच्छा बाय मामीजी,’’ कह सोहा कार में बैठ गई.

उस की आंखों में देख कर अश्विन ने कहा, ‘‘तो चला ही दिया तुम ने अपनी हाई हील्स का जादू मामीजी पर भी.’’

खैर दोनों घर पहुंचे. अगले दिन से सोहा को दफ्तर जाने की तैयारी करनी थी. सोहा सुबहसुबह दफ्तर जाने के लिए तैयार होने लगी तो अश्विन ने कहा, ‘‘सोहा, आज दफ्तर में तुम्हारा पहला दिन है और मेरे नए क्लाइंट आने वाले हैं. तुम्हें मिलवाऊंगा उन से.’’

सोहा ने झट से हलके चौकलेटी रंग की पैंसिल स्कर्ट जिस में पीछे से स्लिट कटी थी पहना और उस के ऊपर कोटनुमा जैकेट पहन ली. बाल खुले छोड़े. न्यूड कलर की पीप टोज बैलीज पहनीं. उन में से उस के नेलपौलिश लगे अंगूठे और 1-1 उंगली झांकती सी नजर आ रही थी. हाथ में मैचिंग बैग ले कर खड़ी हो गई और बोली, ‘‘तो चलिए अश्विन, आज से आप के साथ मैं काम की शुरुआत करती हूं.’’

दोनों कार में बैठ कर दफ्तर चले गए. वहां जाते ही स्टाफ के लोग उन का ‘गुड  मौर्निंग मैम’, ‘गुड मौर्निंग सर’ कह कर अभिवादन कर रहे थे. दफ्तर के सब लोगों से परिचय के बाद अश्विन ने उसे उस का कैबिन दिखा दिया. थोड़ी ही देर में जब नए क्लाइंट आए तो जिस तरीके से सोहा ने उन से बात की अश्विन देखता ही रह गया. घर में साधारण इनसान की तरह रहने वाली सोहा का दफ्तर में तो रुतबा देखते ही बनता था. जब वह अमेरिकन तरीके से अंगरेजी बोलती तो उस के होंठ देखने लायक होते और उस के बोलने का लहजा सुन कर कोई भी नहीं कह सकता था कि यह 5 फुट डेढ़ इंच वाली सोहा बोल रही है.

अश्विन मन में सोचता ही रह गया कि सोहा को कुदरत ने खूब फुरसत में बनाया है. लंबाई के सिवा कोई कमी नजर ही नहीं आती. वैसे वह भी कोई कमी नहीं क्योंकि मैं पूरा 6 फुट का हूं इसलिए मुझे उस की लंबाई कम लगती है. लेकिन चिंता की क्या बात है? हाई हील्स हैं न.

उस दिन अश्विन ने अपनी मां से कहा, ‘‘मम्मी, सोहा बहुत इंप्रैसिव है. मैं फालतू में उस की लंबाई को ले कर चिंतित था. मैं ने जब सोहा को पहली बार देखा था यदि उस दिन मैं ने इस की लंबाई पर ध्यान दे कर इस से विवाह के लिए मना कर दिया होता तो क्या होता? शायद मैं ने एक हीरे को पाने का अवसर खो दिया होता. अच्छा ही हुआ कि उस दिन सोहा हाई हील्स पहन कर आई थी. मुझे तो उस की हील्स दिखाई भी नहीं दी थीं और लंबाई पर ध्यान नहीं गया था. हम ने यह रिश्ता पक्का कर दिया.’’

अश्विन कमरे में लेटी सोहा के पास जा कर उसे अपनी बांहों में भरते हुए बोला, ‘‘लव यू डार्लिंग…’’

सोहा उसे मुसकरा कर देखती रह गई.

Valentine’s Special: साथ तुम्हारा

मेन सड़क पार करने में सुमना की हालत बिगड़ जाती है. दूसरे लोग तो जल्दी से पार हो जाते हैं, पर वह जब सारी गाडि़यां निकल जाती हैं और दूर तक कोई गाड़ी आती नहीं दिखती, तभी झट से कुछ तेज चल कर आधी सड़क पार करती है. फिर दूसरी तरफ से गाडि़यां पार हो जाती हैं तब आधी सड़क पार करती है. पहले वह सड़क अकेले पार करती थी. पर अब उस के दोनों हाथ व्हीलचेयर पकड़े रहते हैं, जिस पर बैठे रहते हैं उस के पति सुहैल.

‘‘तुम सड़क पार करने में बहुत डरती हो,’’ सड़क पार होने के बाद सुहैल ने पीछे मुड़ कर कहा.

‘‘सच में बहुत डर लगता है. ऐसा लगता है जैसे गाड़ी मेरे शरीर पर ही चढ़ जाएगी और बड़ी गाडि़यों को देख तो मैं और डर जाती हूं. लेकिन आप साथ में रहते हैं तो हिम्मत बंधी रहती है कि चलो पार हो जाऊंगी.’’ दोनों बातें करतेकरते स्कूल गेट के पास आ गए. तभी सुमना के पर्स में रखा मोबाइल बजने लगा. कंधे से झूल रहे पर्स में से उस ने मोबाइल निकाला और स्क्रीन पर आ रहे नाम को देख काटते हुए बोली, ‘‘पापा का फोन है. आप को क्लास में पहुंचा कर उन से बात करूंगी.’’

‘‘तुम्हारे पापा तुम्हें अपने पास बुला रहे हैं न…?’’ सुहैल का चेहरा उतर गया.

‘‘नहीं तो,’’ सुमना साफ झूठ बोल गई, ‘‘यह आप से किस ने कह दिया? वे तो ऐसे ही हालचाल जानने के लिए फोन करते हैं. आप क्लास में चलिए.’’ सुमना व्हीलचेयर पकड़े सुहैल को 9वीं कक्षा में ले गई और खुद पढ़ने स्कूल के बगल में कालेज में चली गई. वह बी.ए. फर्स्ट ईयर में थी. एक पीरियड खत्म होने के बाद वह आई और सुहैल को 10वीं कक्षा में ले गई. फिर अपनी क्लास में आई. वहां 45 मिनट पूरे होने के बाद भी मैडम इतिहास पढ़ाती ही रहीं तो वह खड़ी हो कर बोली, ‘‘ऐक्सक्यूज मी मैम, सुहैलजी को 8वीं कक्षा में छोड़ने जाना है और उन की दवा का भी समय हो गया है. मैं जाऊं?’’

‘‘हां, जाओ.’’ 5-7 मिनट बाद वह लौट कर आई तो मैडम उसी के इंतजार में अभी तक क्लास में थीं. उसे कुछ नोट्स दे कर उन्होंने कहा, ‘‘सुमना, तुम बुहत संघर्ष कर रही हो. मुझे तुम पर गर्व है.’’

‘‘मैम, ऐसी कोई बात नहीं है,’’ वह हलके से मुसकराई.

‘‘विपरीत परिस्थितियों में हंस कर जीना कोई तुम से सीखे.’’ मैडम उस की पीठ थपथपा कर चली गईं और उन के पीछे सारे लड़केलड़कियां भी चले गए. अब क्लास में सिर्फ वही थी. वह नोट्स पढ़ने ही वाली थी कि तभी उस का मोबाइल बजा.

‘‘हां, पापा, बोलिए….’

‘‘बेटा, तुम ठीक हो न? अभी तो तुम कालेज में होगी और सुहैल को इस कक्षा से उस कक्षा में ले जा रही होगी?’’

‘‘जी…’’

‘‘बेटा, क्यों इतनी मेहनत कर रही हो? चली आओ हमारे पास. तुम्हें इतना संघर्ष करते देख मेरी आत्मा रोती है. ऐसा कब तक चलेगा? आजा बेटा, सब छोड़ कर हमारे पास. हम तुम्हारी दूसरी शादी करवा देंगे. भरत से तुम प्यार करती थीं न. वह तुम से शादी करने के लिए तैयार है.’’ सुमना ने बिना जवाब दिए फोन काट दिया. पर उस का दिल बहुत भारी हो गया था. तभी चौथे पीरियड की घंटी बजी. आंखों की कोर से आसूं पोंछ वह सुहैल को 7वीं कक्षा में पहुंचाने गई. उस की सूरत देख सुहैल ताड़ गए कि बात क्या हुई होगी तो बोले, ‘‘सुमना, तुम रो रही थीं न? अपने पापा की बात मान जाओ, चली जाओ उन के पास.’’ सुमना सुहैल की आंखों में देखती रह गई. उसे लगा कि कैसे इन्होंने मेरी चोरी पकड़ ली. पर वह कुछ बोली नहीं, चुपचाप उन्हें कक्षा में पहुंचा आई. उस के कालेज में हरेभरे मैदान में उस की सारी सहेलियां धूप में बैठी हंस, खिलखिला रही थीं. उन्होंने उसे पुकारा पर वह फीकी मुसकान के साथ हाथ हिला कर क्लास में आ गई. उस का मन कर रहा था कि वह खूब चीखचीख कर रोए लेकिन सुहैल ने उसे रोते देख लिया तो उन्हें कितना दुख होगा, यह सोच वह चुप रही. क्लास में अकेली वह खिड़की के पास बैठी थी. उस ने सिर को दीवार से टिका दिया और रोकतेरोकते भी उस की आंखों से आंसू गिरने लगे. आंसू गिर रहे थे और उस की पिछली जिंदगी के पन्ने फड़फड़ा रहे थे. पढ़ाई में कमजोर सुमना बस पापा की जिद की वजह से इंटर की देहरी लांघने के लिए कालेज जाती थी. लेकिन उस के ख्वाबों में बी.कौम में पढ़ने वाला हैडसम भरत ही घूमता रहता. आंखें बंद कर वह उस के साथ सपनों का महल सजातीसंवारती. भरत भी उस की खूबसूरती पर मर मिटा था.

एक दिन रास्ते में सुमना के पापा की मुलाकात उन के दोस्त की पत्नी और बेटे से हो गई. वे उन से 5-6 साल बाद मिल रहे थे. अभिवादन के बाद दोस्त की पत्नी को सादी साड़ी में देख अपने मास्टर दोस्त के हार्ट अटैक से गुजर जाने का उन्हें पता चला. उन्हें बहुत दुख हुआ. पर यह जान कर खुशी हुई कि अपने पापा की जगह पर उन के इकलौते बेटे सुहैल को नौकरी मिल गई. अब वह इसी शहर में नौकरी कर रहा है. सुहैल ने पैर छू कर उन का आशीर्वाद लिया और उन्हें उस में अपना भावी दामाद नजर आया. इसीलिए उन्होंने मांबेटे को अपने घर आमंत्रित किया. सुमना की मां को भी सुहैल पसंद आया और सुहैल तथा उस की मां को सुमना एक नजर में भा गई. लेकिन सुमना को सुहैल फूटी आंख भी पसंद नहीं आया. कहां वह रूपयौवन से भरपूर लंबी और तीखे नाकनक्श की लड़की और सुहैल थोड़े नाटे कद का और सांवला. ऊपर से उस के सिर के बीच के बाल उड़ गए थे और चांद दिख रहा था. सुमना पर तो जैसे वज्रपात हो गया. उस ने मां से कह सीधेसीधे शादी से इनकार कर दिया. मगर उस के पापा आपे से बाहर हो गए, ‘‘मैं ने तुम्हारी बहनों को जिस खूंटे से बांधा वे बंध गईं और तुम अपनी पसंद के लड़के से ब्याह रचाओगी. यह मेरे जीतेजी नहीं हो सकता. बाइक पर घुमाने वाले उस भरत के पास है ही क्या? बाप की दौलत पर मौज करता है. कल को उस का बाप उसे घर से निकाल देगा, तो वह कटोरा ले कर भीख मांगेगा. सुंदर चेहरे का क्या अचार डालना है? सुहैल मेरा देखासुना, अच्छा लड़का है. सरकारी नौकरी है उस की. घरद्वार सब है. ऊपर से इकलौता है. अब क्या चाहिए? इस घर का दामाद सुहैल बनेगा, नहीं तो तुम मेरा मरा हुआ मुंह देखोगी.’’ मांबहनों ने सुमना को खूब समझाया और उस की शादी सुहैल से हो गई.

सुहैल सुमना को जीजान से चाहता था, पर वह मन ही मन उस पर खफा रहती. उस के साथ रास्ते में चलते हुए उसे बड़ी शर्म आती. ‘हूर के साथ लंगूर’ कहकह सहेलियों ने उस की खूब खिल्ली उड़ाई. वह मन ही मन सुहैल को ‘चंडूल’ कहती. सुहैल अपना नया नामकरण जान कर भी  उस पर जान छिड़कता रहा. वह सुमना को आगे पढ़ाना चाहता था. जिस स्कूल में वह पढ़ाता था उस में कालेज भी था. उस ने उस का बी.ए. में ऐडमिशन करा दिया. वह पढ़ने में कमजोर थी, अत: उस की पढ़ाई में भरपूर मदद करता. सुमना के न चाहते हुए भी उस के पैर भारी हो गए. सास ने खूब धूमधाम से उस की गोदभराई करवाई. पर कुदरत से उन की ये खुशियां देखी नहीं गईं. एक रात 8-9 बजे सुहैल ट्यूशन पढ़ा कर बाइक से घर लौट रहा था कि अचानक बाइक की हैडलाइट खराब हो गई और अंधेरे में वह बिजली के एक खंभे से टकरा कर गिर गया. तभी तेज रफ्तार से सामने से आ रही जीप उस के दोनों पैरों पर चढ़ गई. उस के दोनों पैर कुचल गए और जीप वाला भाग खड़ा हुआ. डाक्टर ने सुहैल के दोनों पैर घुटने तक काट दिए. मां और सुमना पर तो दुखों का पहाड़ टूट गया. मां को जबरदस्त सदमा तो इस बात का लगा कि अब उन का बेटा अपने पैरों पर नहीं चल पाएगा. वह तो अपाहिज हो गया. अब दूसरे के रहमोकरम का मुहताज रहेगा. इसी सदमे के कारण वे खुद ही दुनिया छोड़ गईं. सुमना पर यह दूसरा पहाड़ टूटा. ममतामयी सास के चले जाने से उस का रोरो कर बुरा हाल हो गया. अपनी मां का इस तरह चले जाना सुहैल से भी बरदाश्त नहीं हो रहा था. बिस्तर पर पड़ेपड़े वह दिनरात आंसू बहाता. एक तरह से वह डिप्रैशन में डूबता जा रहा था. अपने लाचार पति को इस तरह रोतातड़पता देख सुमना को उस पर बड़ी दया आती. अब उस की स्थिति देख उस का कठोर हृदय मोम की तरह पिघलता जा रहा था. उसी समय उस के पापा ने एक विस्फोट किया कि वह सुहैल को छोड़ दे. सुमना पापा से पूछना चाहती थी कि वह किस के भरोसे अपने पति को छोड़ दे? सुहैल की जिंदगी में जबरदस्ती उन्होंने ही उसे भेजा. आज जब वह अपाहिज हो गया है तो उसे छोड़ने की सलाह दे रहे हैं. क्या मैं उन के हाथों की कठपुतली हूं? मेरा कोई अस्तित्व नहीं है? मुझ पर कब तक बस पापा की ही चलती रहेगी? मेरे पास क्या दिलदिमाग नहीं है? लेकिन ये सारी बातें उस के मन में ही सिमट कर रह गईं.

सुहैल को लगता था कि सुमना एक न एक दिन उसे छोड़ कर चली जाएगी. एक तो वह उसे पसंद नहीं करती फिर एक अपाहिज के साथ वह कैसे रहेगी? और वह अपाहिज शरीर से उस की देखभाल भी कैसे करेगा? हां, सुमना के पेट में उस का एक अंश पल रहा है, शायद अब वह उसे जन्म भी न दे. फिर तो उन दोनों का रिश्ता खत्म हो ही जाएगा. बस, एक नौकरी बची थी, लेकिन वह होगी कैसे? ये सारे सवाल सुहैल के सामने सुरसा की तरह मुंह बाए खड़े थे, जिन का वह समाधान ढूंढ़ता और उन में उलझ जाता. मात्र एक साल ही हुआ था इस शादी को. सुमना एक ऐसे सच का सामना कर रही थी, जिस की उस ने कल्पना भी नहीं की थी. सुहैल को टूट कर बिखरते देख वह उस की शक्ति बन ढाल बनी हुई थी. पहली बार उस ने सुहैल का हाथ अपने हाथों में ले कर कहा, ‘‘जो हो गया उसे तो हम नहीं बदल सकते. अब आगे जो जिंदगी बची है उसे तो हम हंस कर जीएं. आप बच्चों को हिम्मत से लड़ने की बात सिखाते रहे हैं और आज खुद हिम्मत छोड़ कर बैठे हैं. आप कल से स्कूल पढ़ाने जाइए और मैं कालेज पढ़ने जाया करूंगी. हमें अपने आने वाले बच्चे को एक बेहतर समाज और एक सुनहरा भविष्य देना है. इस तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने से कुछ नहीं होगा.’’

सुहैल नम आंखों से सुमना को देखे जा रहा था कि उसे नापसंद करने वाली आज उसे अपनी मां की तरह समझा रही है. ‘‘आप अगर मेरी बात नहीं मानेंगे तो फिर मैं आप को चंडूल महाराज बोलूंगी,’’ सुमना ने हंस कर कहा ताकि सुहैल को हंसी आ जाए. वह ठठा कर हंस दिया. फिर बोला, ‘‘मैं सोच रहा था कि इतने दिनों से कोई मुझे मेरे प्यारे नाम से बुलाता क्यों नहीं? हां, यह ठीक है. मैं एक नौकर रख लेता हूं. वह मुझे स्कूल ले जाएगा, लाएगा और तुम कालेज जाना. अरे हां, तुम पढ़ने के फेर में मेरे आने वाले बच्चे की देखभाल मत भूल जाना. वैसे अभी बच्चे के जन्म में तो समय है न?’’ ‘‘बहुत समय है. अभी तो साढ़े 3 महीने ही हुए हैं. 7वां महीना लगते ही मैं कालेज से छुट्टी ले लूंगी.’’

‘‘दीदी… सर आप को बुला रहे हैं,’’ एक छात्र ने आ कर कहा तो सुमना जैसे नींद से जागी.

‘‘तुम चलो मैं आती हूं,’’ कह कर वह आंसू पोंछ कर मैदान में आ गई. सुहैल व्हील चेयर पर बैठा उसी का इंतजार कर रहा था, लेकिन जब वह आई तब कुछ बोला नहीं. सुमना भी खामोशी से उसे घर ले कर आ गई. सुहैल ने फोन कर अपने नौकर को जल्दी से जल्दी आने को कहा. अपनी पत्नी की तबीयत खराब होने के कारण वह गांव चला गया था. उस ने दूसरे दिन ही आने का वादा किया. सुमना आते ही रसोई में जुट गई. खाना बना कर उस ने सुहैल को दे दिया तो वह खाने लगा. सुमना को भी भूख लगी थी. वह खाने बैठी ही थी कि फिर पापा का फोन आ गया. वह दूसरे कमरे में जा कर उन से बातें करने लगी. इस बार फोन पर मां भी थीं. वे भी सुमना को सब छोड़छाड़ कर अपने पास बुला रही थीं. पापा ने एकदम खुल कर कहा, ‘‘एक अपाहिज के साथतुम इतनी बड़ी जिंदगी कैसे काटोगी? वह तुम्हें कोई सुख नहीं दे सकता, तुम्हारी रक्षा नहीं कर सकता. तुम भरत से शादी कर लो. मैं ने एक डाक्टर से अबौर्शन करवाने की बात कर ली है. वह तैयार…’’

सुमना को लगा कि उस के कान में पिता की आवाज नहीं गरमगरम सीसा जा रहा है. अबौर्शन की बात पर उस का पूरा वजूद हिल गया. उस की ममता जाग उठी. अपने अजन्मे बच्चे की गरदन पर अपने पिता के खूनी हाथ की कल्पना कर उस का सर्वांग कांप उठा. उस का वात्सल्य प्रेम खौलते हुए खून के साथ चिंघाड़ उठा, ‘‘वाह पापा वाह. आप जैसा पिता तो मैं ने देखा ही नहीं. जब मैं भरत को चाहती थी तो आप ने जबरदस्ती सुहैल से मेरी शादी करवाई और आज जब वे अपाहिज हो गए हैं तो उन्हें छोड़ने के लिए रोजरोज मुझ पर दबाव डाल रहे हैं. आप जैसा स्वार्थी और मौकापरस्त इनसान मैं पहली बार देख रही हूं. भरत से मेरी शादी होते ही अगर उस का भी ऐक्सीडैंट हो गया या वह मर गया, तो आप मेरी तीसरी शादी करवाएंगे? जिस बच्चे के आने की खुशी में मैं और सुहैल जी रहे हैं उसे आप खत्म करवाने की सोच बैठे. आप ने मेरे मासूम बच्चे की हत्या करवाने की बात कैसे कह दी?’’ सुमना अपने अजन्मे बच्चे की याद में रो पड़ी. उस के पापा ने उस की सिसकी सुनी तो उन के मुंह पर ताला लग गया.

वह आगे बोली, ‘‘आप ने जिस उम्मीद के बलबूते पर मेरी शादी सुहैल से करवाई है, मैं उसी उम्मीद पर खरी उतरना चाहती हूं. अगर मेरी जिंदगी में संघर्ष है, तो मुझे यह संघर्ष और सुहैल के साथ जीवन जीना पसंद है. मैं उन्हें कभी नहीं छोड़ूंगी. मेरे सिवा उन का अब है ही कौन? आगे से इस विषय पर आप मुझ से कभी बात नहीं करेंगे,’’ कह कर सुमना ने मोबाइल का स्विच औफ कर दिया. तभी अचानक धड़ाम की आवाज आई तो वह दौड़ते हुए कमरे की तरफ गई. वहां देखा कि टेबल पर से पानी का गिलास लेने की कोशिश में सुहैल पलंग पर से नीचे गिर गया. ‘‘यह आप ने क्या किया? थोड़ा मेरा इंतजार नहीं कर सकते थे?’’ सुमना सुहैल को किसी तरह से उठाते हुए भर्राए गले से बोली.

‘‘अब तो सिर्फ नौकर का ही इंतजार करना पड़ेगा,’’ कहतेकहते सुहैल की आंखें छलछला आईं. ‘‘आप की जानकारी के लिए बता दूं कि मैं आप को छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगी. हमेशा आप की परछाईं बन कर रहूंगी. पापा को जो बोलना है बोलने दीजिए. यह मेरी जिंदगी है और मेरा फैसला है,’’ सुमना सुहैल को पलंग पर ठीक से बैठाते हुए बोलते जा रही थी. उस ने उस की भीगी पलकों को पोंछ दिया और बोली, ‘‘मर्दों को आंसू शोभा नहीं देते. मैं आप की धर्मपत्नी हूं, इसलिए अपना फर्ज निबाहूंगी. आज से मैं आप की मां की तरह आप को डांटूगी, समझाऊंगी, तो बहन की तरह दुलार और पत्नी की तरह प्यार करूंगी.’’ फिर उस ने सुहैल को गले से लगा लिया. ‘‘धन्यवाद सुमना, तुम्हारे साथ से मैं आबाद हो गया,’’ सुहैल भर्राए गले से बोला. उस को लगा कि सुमना ने उसे तीखी धूप से बचाते हुए उस पर अपनी शीतल छांव कर दी

Valentine’s Special: सूना संसार- सुनंदा आज किस रूप में विनय के सामने थी

सुनंदा एयरपोर्ट पहुंच चुकी थी. लगेज बैल्ट पर अपना बैग आने का इंतजार करती हुई सोचने लगी, आज इतने सालों बाद लखनऊ आना ही पड़ा और जीवन की किताब का वह पन्ना, जो वह लखनऊ से मुंबई जाते हुए फाड़ कर फेंक गई थी, हवा के झोंके से उड़ आए पत्ते की तरह फिर उस के आंचल में आ पड़ा है. 5 साल बाद वह लखनऊ की जमीन पर कदम रखेगी, जहां से निकलते हुए उस ने सोचा था कि वह यहां कभी नहीं आएगी.

उसे इस बात का तो यकीन था कि बाहर उसे लेने विनय जरूर आया होगा. कैसा लगेगा इतने सालों बाद एकदूसरे को देख कर? कितना प्यार करता था उसे, कैसे जी पाया होगा वह उस के बिना? वह भी क्या करती, अपनी महत्त्वाकांक्षाओं, अपनी भावनाओं को कैसे दबाती? विनय ने कैसे खुद को संभाला होगा, उस के बिखरे व्यक्तित्व को देख क्या सुनंदा को अपराधबोध नहीं होगा?

अपना बैग ले कर सुनंदा एयरपोर्ट से बाहर निकली, विनय ने उसे देख कर हाथ हिलाया. हायहैलो के बाद उस के हाथ से बैग ले कर विनय ने पूछा, ‘‘कैसी हो?’’

सुनंदा ने उसे ऊपर से नीचे तक देखा, वह बहुत स्मार्ट और फ्रैश नजर आ रहा था. बोली, ‘‘मैं ठीक हूं, तुम कैसे हो.’’

विनय ने मुसकरा कर कहा, ‘‘ठीक हूं.’’

सुनंदा ने चलतेचलते उसे बताया, ‘‘कल यहां मेरी एक मीटिंग है. सोचा, यहां आने पर तुम से मिल लेना चाहिए. बस, तुम्हारा नंबर मिलाया, वही नंबर था तो बात हो गई. और सुनाओ, लाइफ कैसी चल रही है?’’

‘‘बढि़या,’’ फिर पूछा, ‘‘जाना कहां है तुम्हें?’’

सुनंदा चौंकी, फिर बोली, ‘‘होटल क्लार्क्स अवध में मेरा रूम बुक है.’’

विनय ने पूछा, ‘‘टैक्सी से जाना चाहोगी या मैं छोड़ दूं?’’

सुनंदा मुसकराई, ‘‘यह भी कोई पूछने की बात है?’’

विनय ने अपनी गाड़ी स्टार्ट की तो सुनंदा ने पूछा, ‘‘गाड़ी कब ली?’’

‘‘2 साल हुए.’’ उस के बराबर वाली सीट पर बैठ कर 5 साल पुराना समय सुनंदा की आंखों के आगे घूम गया. तब उस के स्कूटर पर बैठ कर वह उस के साथ कितना घूमी थी. विनय की कमर में हाथ डाल कर वह बैठती और वह धीरे से गरदन घुमा कर उस के गाल पर किस करता, तो वह टोकती थी, ‘‘आगे देखो, कहीं ऐक्सीडैंट न हो जाए.’’ विनय हंस कर कहता, ‘‘तो क्या हुआ, तुम्हें प्यार करतेकरते ही मरूंगा न, क्या बुरा है.’’

और आज वही विनय उसे कितना अजनबी लग रहा था. अचानक सुनंदा का कलेजा सुलगने लगा. शायद विनय बहुत नाराज होगा उस से. कितना सरलसहज जीवन था, जो विनय के आगोश में सुरक्षित सा था, पर महत्त्वाकांक्षाएं उछालें मार रही थीं. गृहस्थी की जिम्मेदारी भी कुछ ज्यादा नहीं थी, तब भी वह उस बंधन से मुक्ति मांग बैठी थी. रास्ते भर विनय औपचारिक बातें करता रहा. विनय ने होटल आने पर गाड़ी रोकी और कहा, ‘‘तुम्हारे पास मेरा फोन नंबर है ही, कोई जरूरत हो तो बताना. और हां, कब जाना है वापस?’’

‘‘परसों की फ्लाइट है, कल मीटिंग से फ्री होते ही फोन करूंगी, तब जरूर आ जाना.’’

‘‘नहीं, अभी चलता हूं, कल आऊंगा,’’ कह कर विनय चला गया.

सुनंदा अपने रूम में पहुंच कर फ्रैश हुई, फिर लैपटौप निकाला और अगले दिन की मीटिंग की तैयारी करने लगी.

एम.बी.ए. के बाद एक मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे पद पर काम करना उस का सपना था और उस का वह सपना पूरा हो गया था. घरगृहस्थी उसे हमेशा बंधन लगती थी. उस ने सब से मुक्ति पा ली थी. विवाह के बाद एम.बी.ए. करने में विनय ने उसे भरपूर सहयोग दिया था. विनय की मां ने उस का पढ़ने का शौक देखते हुए घर की कोई जिम्मेदारी उस पर नहीं डाली थी और जब सुनंदा को एम.बी.ए. करते ही मुंबई में जौब का औफर मिला, तो उस ने सोचने में एक पल नहीं लगाया था. विनय लखनऊ छोड़ नहीं सकता था, उस ने सुनंदा को बहुत समझाया कि तुम योग्य हो, तुम्हें लखनऊ में ही और अवसर मिल सकते हैं, लेकिन सुनंदा को अपनी आत्मनिर्भरता और महत्त्वाकांक्षाओं को तिलांजलि देने की बात सोच कर ही घुटन होने लगती थी और जब सुनंदा को विनय और जौब में कोई तालमेल बनता नहीं दिखा, तो उस ने सब रिश्ते एक झटके में तोड़ कर विनय से तलाक की मांग कर दी थी.

विनय ने उसे बहुत समझाया था, लेकिन सुनंदा किसी तरह यह अवसर छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी और वह तलाक ले कर ही मानी थी. मुंबई आ कर वह अपने कैरियर में ऐसी व्यस्त हुई कि जीवन में आए खालीपन को भी भूल गई. उसे जितना मिलता, वह उस से संतुष्ट न होती. अधिक से अधिक पाने के लिए वह हर तरह से संघर्ष कर के अब उच्च पद पर आसीन थी. कुछ दिन वह कंपनी के फ्लैट में रही. अब उस ने अपना फ्लैट भी खरीद लिया था. अब उस के पास सारी सुविधाओं से युक्त घर था, गाड़ी थी, नौकर थे.

मेरठ में उस के मायके में सब उस से नाराज थे और विनय के मातापिता तो उस के तलाक के 1 वर्ष बाद ही जीवित नहीं रहे थे. इन सालों में वह कभी मेरठ भी नहीं गई थी. बस समय मिलने पर कभीकभी फोन कर लिया करती थी.

अगले दिन मीटिंग से फ्री होने पर उस ने विनय को फोन किया और मिलने के लिए बुलाया.

विनय ने कहा, ‘‘शाम को आ जाऊंगा..’’

सुनंदा तैयार हो कर उस का इंतजार करने लगी. सोफे पर बैठ कर आंखें मूंद कर अपने खयालों में गुम हो गई… इतने सालों में उस ने अपने दिलोदिमाग पर काबू तो पा लिया था काम की धुन में अपने को डुबो कर खुश रहने का दिखावा भी कर लेती थी, लेकिन प्यार भरा मन समुद्र सा उफनता रहता था. अपना सब कुछ लुटा कर खाली हो जाने को, किसी को अपनी चाहत में पूरी तरह भिगो देने को.

आज विनय को देख कर फिर दीवानी हो गई थी. उसे देखते ही उस के खयालों में खो गई थी. सोचती रही, क्या विनय भी उस के साथ के लिए बेचैन होगा. अगर हां, तो वह विनय से अपने व्यवहार के लिए माफी मांग लेगी. एक बार फिर उस के साथ जीवन शुरू करेगी. विनय उसे जरूर माफ कर देगा. वह उस से बहुत प्यार करता था. बहुत रह ली अकेली, चंचल नदी सागर में समा कर ही शांत होती है. सालों से पुरुषस्पर्श को तरस रहा उस का नारीमन भी आज अपना सर्वस्व त्याग कर आत्मोत्सर्ग कर शांत हो जाने को मचल उठा, विनय के साथ बीते पुराने दिनरात याद करतेकरते मिस्री की तरह कुछ मीठामीठा उस के होंठों तक आया और विनय के चेहरे को हाथों में भर चूमने की चाह से ही माथे पर पसीने की बूंदें आ गईं. वह अपनी मनोदशा पर हंस दी.

तभी डोरबैल बजी. सुनंदा ने लपक कर दरवाजा खोला और हैरान खड़ी रह गई. विनय एक लड़की के कंधे पर हाथ रख कर खड़ा था. लड़की की गोद में एक छोटा सा लगभग 2 साल का बच्चा था. विनय ने मुसकराते हुए परिचय करवाया, ‘‘यह नीता है मेरी पत्नी और हमारा बेटा राहुल और ये…’’

नीता मुसकराई, ‘‘आप के बारे में सब जानती हूं.’’

सुनंदा के चेहरे पर एक साया सा लहरा गया. उन्हें अंदर आने का इशारा करते हुए जबरन मुसकराई. उन्हें बैठने के लिए कह कर, उन से पूछ कर कौफी का और्डर दिया. बच्चा विनय की गोद में ही बैठा रहा.

सुनंदा स्वयं पर नियंत्रण रखती हुई बातें करती रही. बहुत ही मिलनसार, हंसमुख स्वभाव की नीता हंसतीबोलती रही. बीते समय की कोई बात किसी ने नहीं की. करीब 1 घंटा तीनों बैठे रहे. जाते समय नीता ने ही कहा, ‘‘अगली बार भी आएं तो मिल कर जाइएगा, अच्छा लगा आप से मिल कर.’’

उन के जाने के बाद सुनंदा बैड पर ढह सी गई. उस की आंखों के कोनों से आंसू ढलक पड़े. जिन चीजों को आधार बना कर उस ने अपने भविष्य को गढ़ा था, उन से यदि वह सुखी रह सकती, तो आज रोती ही क्यों? आज विनय का बसा हुआ सुखसंसार देखा तो लगा कि वह हार गई. अपनी सारी महत्त्वाकांक्षांओं को पूरा करने के बाद भी हार गई वह. क्या हो गया यह सब? वह हमेशा बहुत ऊंचा उड़ने की सोचती रही, विनय का प्यार, विनय की बच्चे के लिए चाह, घरगृहस्थी के कामकाज, विनय की रुचि, शौक, पसंदनापसंद सब में उसे सहभागी होना चाहिए था. तभी पनपता वह प्यार, जो उस ने नीता की आंखों में लबालब देख लिया था. वही प्यार, जो वह सुनंदा को देना चाहता था, पर अब वह पूरी तरह नीता को समर्पित है.

हां, यह प्यार ही तो है, जिसे वह ठुकरा कर चली गई थी. यही तो वह सिलसिला है, जो आगे चल कर एक सुखीसफल लंबे वैवाहिक जीवन की नींव बनता है. उस ने तो नींव रखी ही नहीं थी और अब तो ध्वस्त अवशेषों पर आंसू ही बहाने हैं. क्या पाया उस ने और क्या खो दिया? यश, नाम, रुपया, आजादी जैसे बड़े शब्द वह प्राप्ति के पलड़े में रख सकती है. पर दूसरे पलड़े में एक सुंदर घर, प्यार करने वाला पति, एक हंसतामुसकराता बच्चा आ कर बैठ जाता है, तो वह पलड़ा इतना भारी होता चला जाता है कि जमीन छूने लगता है. दूसरे पलड़े के शून्य में झूलने का एहसास बहुत कड़वा लग रहा है.

Valentine’s Special: लाइफ कोच- क्या दोबारा मिल पाए नकुल और किरण

Valentine’s Special: ट्राय करें 18 साल की ‘Patiala Babes’ फेम अशनूर कौर के ये लुक्स

सोनी टीवी के सीरियल ‘पटियाला बेब्स’ (Patiala Babes) में  नजर आ चुकीं एक्ट्रेस अशनूर कौर (ashnoor kaur) अक्सर अपनी फोटोज को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. वहीं 18 साल की अशनूर कौर का फैशन बड़े-बड़ों का मात देता है. ये वेलेंटाइन वीक चल रहा है, जिसके लिए हर कोई तैयारी कर रहा है औऱ अगर आप भी इस वेलेंटाइन वीक में खुद के मेकओवर के लिए ड्रेसेस के औप्शन ढूंढ रहे हैं तो आज हम आपको अशनूर कौर (ashnoor kaur) के कुछ लुक बताएंगे, जिसे आप ट्राय कर सकती है.

1. अशनूर की ये ड्रेस है परफेक्ट

अगर आप अपने आप को स्टाइलिश और खूबसूरत दिखाना चाहती हैं तो अशनूर की ये ब्लैक औफ शोल्डर ड्रेस ट्राय करना ना भूलें. इस सिंपल ड्रैस के साथ रैट्रो पैटर्न वाली कैप आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन रहेगी.

 

View this post on Instagram

 

Looking forward to 2020 like??‍♀️♥️ . #Positivity #Hope #Bye2019 #Welcome2020 #AshnoorStyleDiaries #smile

A post shared by Ashnoor Kaur (@ashnoorkaur) on

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Ashnoor Kaur (@ashnoorkaur)

2. शर्ट लुक करें ट्राय

 

View this post on Instagram

 

Rebel with a cause? #loveyourself #conveyYourThoughts #AshnoorStyleDiaries

A post shared by Ashnoor Kaur (@ashnoorkaur) on

अगर आप अपने लुक को ट्रैंडी बनाना चाहते हैं तो शर्ट लुक ट्राय करें. शर्ट लुक आपके लुक को क्लासी दिखाने में मदद करेगा. इसके साथ आप लौंग इयरिंग्स की बजाय स्टड इयरिंग्स ट्राय करें.

3. लाइट कलर की ड्रैस है परफेक्ट

अगर आप अपने आप को सिंपल और क्यूट लुक देना चाहती हैं तो नेट पैटर्न वाली लाइट कलर की औफ शोल्डर ड्रैस ट्राय करें. ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन रहेगा. आप इस ड्रेस के साथ हील्स की बजाय शूज ट्राय कर सकती हैं.

4. चेक पैटर्न ड्रेस करें ट्राय

अगर आप पार्टी या आउटिंग के लिए ड्रेसेस के औप्शन ढूंढ रहे हैं तो अशनूर की ये चेक पैटर्न वाली ड्रैल ट्राय करना ना भूलें. इस ड्रैस के साथ आप वाइट शूज का कौम्बिनेशन भी ट्राय कर सकते हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Ashnoor Kaur (@ashnoorkaur)

5. डैनिम लुक करें ट्राय

 

View this post on Instagram

 

P.s. I love you❤️ . . #LoveYouAll #MyAshnoorians

A post shared by Ashnoor Kaur (@ashnoorkaur) on

अगर आप ड्रैसेस की बजाय कुछ और ट्राय करना चाहती हैं तो डैनिम परफेक्ट औप्शन है. डैनिम जींस के साथ क्रौप टौप पैटर्न वाली स्वैट टी शर्ट आपके लुक को खूबसूरत दिखाने में मदद करेगा.

Valentine’s Special: हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद है ‘बुलेटप्रूफ कॉफी’

कई लोग चाय के साथ कॉफी पीना भी खूब पसंद करते हैं. अगर आप कॉफी के शौकीन है, तो आपने देखा होगा कि आजकल मार्केट में कॉफी की बहुत वैरायटी मिलने लगी हैं, जिसमें से चुनना काफी मुश्किल हो जाता है कि आखिर इनमें से कौन सी चुनें कौन सी नहीं. वैसे एक नई तरह की कॉफी की वैरायटी ट्रेंड में है, जिसे बुलेट प्रूफ कॉफी के नाम से जाना जाता है. यह एक हाई कैलोरी ड्रिंक है, जिसे कॉफी में बटर और एमसीटी ऑयल मिलाकर तैयार किया जाता है. इसका मकसद आपके दिन की शुरूआत को बढ़ावा देना है. यह कॉफी लो कार्ब डाइट को फॉलो करने वालों के बीच बहुत जल्दी पॉपुलर हो गई है. इसे कीटो कॉफी या बटर कॉफी का नया रूप कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. . यह आपके शरीर को स्वस्थ पोषक तत्वों और फैट की अच्छी डोज प्रदान करती है. इसे पीने के बाद आप एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव करेंगे . हेल्दी फैट और कॉफी के मिक्स के कारण आप काफी देर तक भरा हुआ महसूस कर सकते हैं. कुल मिलाकर यह एक ऐसी फैटी ड्रिंक है, जो वेटलॉस के लिए यह ज्यादा फेमस हो रही है.

बुलेटप्रूफ कॉफी क्यों पीना चाहिए-

टोस्ट और अनाज जैसे हाई कार्ब ब्रेकफास्ट जैसे ऑप्शन आपको एनर्जी तो देते हैं, लेकिन बाद में यह ब्लड शुगर लेवल के बढऩे का कारण भी बनते हैं. ऐसे में बुलेटप्रूफ कॉफी आपको अपना दिन की शुरूआत  करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा  देती है. इसे पीने के बाद आपको हाई कार्ब वाले ब्रेकफास्ट की जरूरत नहीं पड़ती.

क्या बुलेटप्रूफ कॉफी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है-

यदि आप आमतौर पर हर दिन कैफीन का सेवन कर सकते हैं, तो आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. इस ड्रिंक में मौजूद फैट आपके शरीर में कैफीन को संसाधित करने के तरीके को धीमा करने में मदद कर सकता है. हालांकि, अगर आपका शरीर कैफीन के प्रति संवेदनशील है, तो फैट को शामिल करने से इसका प्रभाव नहीं बदलता. अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाले फैट और कॉफी बीन्स से बुलेटप्रूफ कॉफी बना रहे हैं, तो यह आपकी डाइट में अच्छा विकल्प है. लेकिन फिर भी इसे हर दिन बहुत ज्यादा ना पीएं. रेाजाना एक कप कॉफी आपकी सेहत को स्वस्थ रखने में पर्याप्त है.

बुलेटप्रूफ कॉफी के फायदे-

एनर्जी दे- 

बुलेटप्रूफ कॉफी पीने से व्यक्ति को कई घंटों तक लंबे समय तक और निरंतर ऊर्जा मिलती है. दरअसल, कॉफी में मौजूद फैट कैफीन के पाचन को धीमा कर देता है. जिससे शरीर इसे धीरे-धीरे अवशोषित कर देता है.

वजन घटाए- 

बुलेटप्रूफ कॉफी में एमसीटी तेल होता है, जो कीटोसिस को प्रेरित करने में मदद करता है. इसके अलावा कॉफी घी, मक्खन या नारियल तेल जैसी सामग्री के जरिए किटोसिस को बनाए रखने और इंसुलिन लेवल को कम रखने में मदद मिलती है.

पोषक तत्वों से भरपूर है- 

बुलेटप्रूफ कॉफी पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, बीटा-कैरोटीन, ब्यूटायरेट और लिनोलिक एसिड के साथ विटामिन ई, डी, ए और के शामिल है. कॉफी में मौजूद ब्यूटारेट आंत के बेहतर स्वास्थ्य में मददगार है. कॉफी में मिलाया जाने वाला घी या मक्खन शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति करने का बेहतरीन तरीका है.

कैसे बनाएं बुलेटप्रूफ कॉफी-

सामग्री-

1 कप-  हाई क्वालिटी वाली कॉफी

1-2 बड़ा चम्मच- एमसीटी तेल

1-2 बड़े चम्मच- ग्रास-फेड बटर

बुलेटप्रूफ कॉफी बनाने की विधि-

एक ब्लेंडर लें और उसमें यहां बताई गई सभी सामग्री डाल लें. अब 20-30 सैकंड के लिए इसे अच्छी तरह से ब्लेंडर में मिलाएं . कॉफी मिलाईदार और झागदार दिखनी चाहिए. आमतौर पर लोग और इस ड्रिंक का आनंद लें.

बुलेटप्रूफ कॉफी एक बहुत ही मजेदार विकल्प हो सकता है, लेकिन इससे पहले कि आप इसे अपने आहार में शामिल करें, अपनी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति की जांच जरूर कर लें. ध्यान रखें, आमतौर पर कैफीन का सेवन न करने वाले लोग इस कॉफी का सेवन नहीं कर सकते.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें