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क्या प्रैग्नेंसी के दौरान सैक्स करना सेफ रहेगा?

सवाल-

मैं 2 महीने से प्रैगनैंट हूं. क्या इस समय सैक्स करना सेफ रहेगा?

जवाब-

प्रैगनैंसी के पहले 3 महीने या पहली तिमाही तक इंटरकोर्स या सैक्स करना सेफ नहीं होता है. इस से गर्भपात होने की संभावना रहती है. लेकिन दूसरी तिमाही में सैक्स कर सकते हैं. इंटरकोर्स करते समय इस बात का ध्यान रहे कि उस में प्यार और फोरप्ले का समावेश ज्यादा हो यानी पार्टनर से जबरदस्ती बिलकुल नहीं करनी चाहिए. सैक्स करने से दोनों पार्टनर एकदूसरे से ज्यादा कनैक्ट हो पाते हैं. दूसरी तिमाही के बाद सैक्स करने के बाद गर्भाशय में संकुचन महसूस होगा, औक्सीटोन नाम का लव हारमोन भी रिलीज होगा जो मातापिता और बच्चे के बीच के बंधन को मजबूत करता है. इसलिए सैक्स करने की बात को ले कर घबराएं नहीं. इस से नौर्मल डिलिवरी होने की संभावना और बढ़ जाती है. सैक्स करते वक्त बस हाइजीन मैंटेन करें और कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. याद रखें, ऐंजौय सैक्स, सेफ सैक्स तो डिलिवरी भी सेफ होगी.

ये भा पढ़ें- 

बिना सैक्स के आदमी और औरत का संबंध अधूरा है.कुछ लोग चाहे जितना गुणगान कर लें कि सैक्स गंदा है, असल में आदमीऔरत में पूरा प्यार या लगाव सैक्स से ही होता है. यह बात दूसरी है कि कुछ मामलों में यह प्यार व लगाव कुछ मिनटों तक सिमट कर रह जाता है और शारीरिक प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों अपनेअपने काम में व्यस्त हो जाते हैं. सैक्स के बराबर ही पेट भरना जरूरी है. शायद सैक्स से ज्यादा दूसरे मनोरंजन भी भारी पड़ते हैं.

एक संस्थान जो लगातार अमेरिकी लोगों पर शोध कर रही है ने पता किया है कि अमेरिकियों में भी सैक्स की चाहत कम हो रही है और वे सैक्स की जगह वीडियो गेम्स या अपने कैरियरों पर समय और शक्ति अधिक लगाने लगे हैं. युवा लड़कियों में 18% और युवा लड़कों में 23% ने कहा कि उन्हें पिछले 1 साल में एक बार भी सैक्स सुख नहीं मिला. 60 वर्ष की आयु से अधिक के 50% लोग सैक्स से दूर रहते हैं.

बिना सैक्स के जीवन की बहुत महिमा गाई जाती है पर यह है गलत. आदमी-औरत का संबंध प्राकृतिक है, चाहे प्रकृति ने इस में आनंद डाला था या नहीं, कहा नहीं जा सकता. सभ्य समाज सैक्स पर आधारित है, क्योंकि सुरक्षित सैक्स और पार्टनर की ग्रांटेड मौजूदगी ने ही विवाह संस्था को जन्म दिया है. विवाह है तो घर है, घर है तो गांव है, गांव है तो शहर है, शहर है तो देश है. बिना सैक्स के लोग अकेले पड़ जाएंगे और जीवन के प्रति उन का नजरिया ही बदल जाएगा.

अभिनेत्री हिमानी भाटिया, वेलेंटाइन डे, किसके साथ मनाने वाली है, पढ़े इंटरव्यू

सोशल मीडिया पर अक्सर बॉलीवुड अभिनेत्रियों, स्टार किड्स और फीमेल सेलिब्रिटी के ग्लैमरस लुक चर्चा में रहते हैं, लेकिन अभिनेत्री हिमानी भाटिया की बिकिनी लुक खूब सुर्खियां बटोरते हैं. उनके फैन फोलोवर्स वन मिलियन से अधिक है, जिनकी स्टाइल और ड्रेसेज सभी फोलो करते है.

शोर्ट फिल्म ‘ब्लिंक’ फेम  एक्ट्रेस हिमानी भाटिया ने ग्लोबल फेम अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता. उन्हें बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने इस अवॉर्ड से सम्मानित किया. इसके अलावा उन्हें दादा साहेब फाल्के अवार्ड, सत्यजीत रे आइकोन आवर्ड आदि कई पुरस्कार इस फिल्म को लेकर मिल चुके है, हिमानी भाटिया एक एक्ट्रेस होने के साथ ही निर्माता, लेखिका, होस्ट और मॉडल भी हैं. उनकी शोर्ट फिल्म ‘ब्लिंक’ एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हो चुकी है. ये एक इमोशनल और थ्रिलर फिल्म है. शॉर्ट फिल्म को क्रिटिकल और कमर्शियल दोनों तरह से सफलता मिली है, लेकिन हिमानी के अभिनय की सबसे ज्यादा चर्चा इस फिल्म से मिली है. लोगों ने उनके प्रदर्शन को पसंद किया और उनकी अभिनय प्रतिभा की प्रशंसा की. इसकी खास बात यह है कि इस फिल्म को कोरोना महामारी के दौरान शूट किया गया था. इसलिए इस फिल्म की सफलता उनके लिए बड़ी बात थी. हिमानी अलग और उम्दा अभिनय के लिए जानी जाती है.

हिमानी को बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, उन्होंने इसके लिए बहुत संघर्ष भी किया है. अभिनय के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने कॉर्पोरेट नौकरी को छोड़कर अभिनय में जुट गई. उन्होंने रूमेट्स, खत, लॉकडाउन बिरयानी, हवा की खिड़की, नेटफ्लिक्स और अन्य कई ओटीटी शोज के लिए काम कर चुकी हैं. इसके अलावा हिमानी को जानवरों से बहुत प्यार है, उनके लिए काम करना आवश्यक समझती है. बाद में वह एक संस्था खोलना चाहती है.

टर्निंग पॉइंट 

स्वभाव से चुलबुली और हंसमुख हिमानी ने अपनी जर्नी के बारें में बात की और उन्होंने बताया कि ब्लिंक, थ्रिलर शोर्ट फिल्म रिलीज हो चुकी है और इससे मुझे बहुत अधिक पॉपुलैरिटी मिली है. ये मेरे लाइफ का टर्निंग पॉइंट रहा. इस वेब के बाद मेरा नाम देसी गोन गर्ल नाम पद गया है. इसमें मेरी भूमिका ‘गजल’ की है, जो पहले बहुत ही सहमी हुई सी लड़की है, लेकिन उनका ट्रांसफार्मेशन होकर एक बोल्ड और स्ट्रोंग लड़की बन जाती है. इस भूमिका में मुझे बहुत कुछ करने का मौका था और मुझे करने में भी बहुत मज़ा आया था. इस शोर्ट फिल्म ने मेरी लाइफ को एक ऊँची मुकाम पर बैठा दिया है. ये एक मल्टी लेयर्ड चरित्र है.

मिली प्रेरणा

एक्टिंग की प्रेरणा के बारें में पूछने पर वह कहती है कि एक्टिंग और डांसिंग मुझे हमेशा से पसंद रहा है. स्कूल और कॉलेज में मैंने एक्टिंग और डांस परफोर्मेंस बहुत किये है. परिवार से कोई एक्टिंग में नहीं था. कॉलेज ख़त्म करने के बाद मुझे अच्छी नौकरी मिल गई थी, लेकिन एक्टिंग करने की इच्छा मेरे मन में हमेशा रही. इसलिए मैंने जॉब के साथ भी थिएटर भी करती रही. इसके अलावा शोर्ट फिल्म और वीडियो बनाकर यू ट्यूब पर डालती थी, एक मेरी फिल्म एक्ट नार्मल थी, जिसे मैंने यू ट्यूब पर खुद शूट कर डाली थी. इसे मैंने अपनी फ्रेंड के साथ मिलकर जीरो बजट की फिल्म बनाई थी. उस फिल्म को एक महीने के अंदर एक लाख से अधिक व्यूअर्स मिले. पूरे विश्व के लोगों ने इसे देखा और मुझे फ़ोन कॉल्स भी आने लगे थे. हिंदी सिनेमा के काफी फिल्म मेकर्स ने इसे अच्छा कहा और ऑडिशन के लिए बुलाया और मैंने दिल की सुनी और जॉब छोड़कर मुंबई आ गयी. 6 महीने रही और अपना एक बेस बनाया और इंडस्ट्री को समझ पाई. मेरे सारे काम कोविड के दिनों में ऑनलाइन से शुरू हुई.

किये संघर्ष 

संघर्ष तो था, लेकिन दिल्ली से ही मैंने ऑडिशन देना शुरू किया था, लेकिन मुंबई की तरह दिल्ली में काम नहीं है. मुंबई आने पर मैंने बड़ी कंपनियों के विज्ञापनों में काम करना शुरू कर दिया था, इससे लोग मुझे जानने लगे थे. बड़ा ब्रेक मुझे ब्लिंक से ही मिला. दूसरी बड़ी ब्रेक नेटफ्लिक्स के लिए था. शुरू में तो मुंबई में सरवाईव करना बहुत मुश्किल था, क्योंकि तब लॉक डाउन का दौर चल रहा था. पहले घर लिया, फिर छोड़ देना पड़ा. नए शहर में टिक कर रहना बहुत मुशिकल था, लेकिन एक बड़ी पब्लिकेशन की वेब सीरीज के बाद मुझे बहुत काम मिलने लगा.

 

 

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मिला सहयोग परिवार का

मैं पहले कभी घर से अलग नहीं रही थी, मुंबई आकर अकेले रहना सबकुछ एरेंज करना कठिन था. इसके अलावा यहाँ किसी को जानती नहीं थी. मैं सब छोड़कर मुंबई आ गई थी. मेरे पेरेंट्स को शॉक लगा, क्योंकि कंपनी में प्रोमोशन हुआ अच्छी सैलरी थी, लेकिन मैंने उन्हें बता दिया था कि सफलता न मिलने पर मैं वापस दिल्ली आकर जॉब कर लुंगी और दो साल का समय माँगा. उन्हें पता था कि मैं किसी चीज को अगर ठान लूँ तो उसमे सफलता अवश्य हासिल कर सकती हूँ. मुंबई आने के बाद मुझे किसी प्रकार की गलत चीजों का सामना नहीं करना पड़ा. यहाँ का अनुभव मेरे लिए अच्छा है. मैंने यहाँ पर काम की एक सूची बना ली थी. मैंने 3 महीने की ट्रेनिंग दिल्ली में ली है और नाटकों में अभिनय भी दिल्ली और मुंबई में किया है. थिएटर मेरे लिए सबसे अधिक अच्छा रहा.

मिला सहयोग सोशल मीडिया का

हिमानी आगे कहती है कि मुंबई में आने के बाद मैंने देखा कि काम के लिए यहाँ व्हाट्स एप ग्रुप होते है, जहाँ से ऑडिशन का पता चलता है और उसी से लोग ऑडिशन पर बुलाते है. एक बार मुझे किसी ने ऑडिशन के बाद कोम्प्रोमाईज़ करने की बात कही, मुझे समझ में नहीं आया, (हंसती हुई)  कॉर्पोरेट वर्ल्ड में कोम्प्रोमाईज़ का अर्थ बजट लो करना होता है. मैंने पूछा कि आपने तो कोई बजट मुझे बताया नहीं, इसपर उन्होंने मुझे समझने की बात कही. फिर एक फ्रेंड ने मुझे इसका अर्थ बताया, इसे सुनते ही मुझे बहुत गुस्सा आया. मैंने उसका चित्र और मेसेज का स्क्रीन शॉट लेकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, इससे लोग मुझसे डरने  लगे थे और ऐसी हरकत फिर नहीं हुई. पेरेंट्स भी डर गए थे, पर मैंने गलत चीज को कभी सहना नहीं सीखा है. इससे काम छूट जाता है, लेकिन मैंने कम काम सही, लेकिन डिसेंट लोगों के साथ ही काम करना चाहती हूँ.

नहीं सहज इंटिमेट सीन्स करने में  

हिमानी कहती है कि इंटिमेट सीन्स के बारें में सभी एक्ट्रेस की अलग-अलग सोच है, लेकिन मैं इसे करने में सहज नहीं और जिसमे मैं सहज नहीं होती, उसमे मेरा परफोर्मेंस अच्छा नहीं हो सकता. आजतक के मेरे सभी काम में इंटिमेट सीन्स नहीं थे, मैंने कई प्रोजेक्ट को मना भी किया है. दिल से जो अच्छा लगे उसे करना चाहती हूँ.

खुद की प्रतिभा को समझना जरुरी

हिमानी जानती है कि उनकी प्रतिभा क्या है और उसके अनुसार ही ऑडिशन देती है, वह कहती है कि मैंने टीवी शोज के लिए खुद को कभी सही नहीं पाई, क्योंकि ओटीटी के लिए ऑडिशन जब भी दिया, उसमे चुन ली जाती रही, लेकिन टीवी में नहीं चुनी गई, इसलिए मैंने अपना फोकस टीवी से हटा लिया है. असल में मेरी शक्ल थोड़ी अलग है, मेरे कर्ली हेयर और लुक ओटीटी के लिए परफेक्ट है.

प्यार और सम्मान जरुरी

वेलेंटाइन डे का जीवन में महत्व और प्यार के बारें में पूछने पर उनका कहना है कि इस वेलेंटाइन डे पर मेरे दो बछड़े की बर्थडे है, जो हरिद्वार में रहते है मैं उनके पास जाना चाहती हूँ. मेरे हिसाब से वेलेंटाइन डे केवल बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के लिए नहीं होता. अगर मैं किसी से प्यार करती हूँ तो उस दिन को उसके साथ मनाना भी मेरे लिए वेलेंटाइन डे को मनाना हुआ. इसके अलावा मेरे पेरेंट्स के साथ बिताना चाहती हूँ. मेरे सपनों का राजकुमार अभी सपने में है, लेकिन मैं रियल, सपोर्टिव और प्यार करने वाला पर्सन चाहती हूँ, बनावटी नहीं. एक दूसरे के बीच रेस्पेक्ट रहे, क्योंकि आजकल प्यार के नाम पर मारपीट और गालियां देते है, वैसा व्यक्ति मुझे कभी पसंद नहीं. रियल प्यार और सम्मान देने वाला व्यक्ति ही मुझे चाहिए.

चोरी का फल: भाग 1- क्या राकेश वक्त रहते समझ पाया?

शिखा पर पहली नजर पड़ते ही मेरे मन ने कहा, क्या शानदार व्यक्तित्व है. उस के सुंदर चेहरे पर आंखों का विशेष स्थान था. उस की बड़ीबड़ी आंखों में ऐसी चमक थी कि सामने वाले के दिल को छू ले.

वह एक दिन रविवार की सुबह मेरे छोटे भाई की पत्नी रेखा के साथ मेरे घर आई. शनिवार को शिखा हमारी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू दे कर आई थी. रेखा के पिता उस के पिता के अच्छे दोस्त थे. मेरी सिफारिश पर उसे नौकरी जरूर मिल जाएगी, ऐसा आश्वासन दे कर रेखा उसे मेरे पास लाई थी.

‘‘सर, मुझे नौकरी की सख्त जरूरत है. आप मेरी सहायता कीजिए, प्लीज,’’ यों प्रार्थना करते हुए उस की आंखों में एकाएक आंसू छलक आए.

अब तक शिखा ने मेरे दिल में अपनी खास जगह बना ली थी. मेरे मन ने कहा कि मैं भविष्य में उस से संपर्क बनाए रखूं.

‘‘मैं पूरी कोशिश करूंगा कि आप का काम हो जाए. इस कागज पर आप जरूरी ब्योरा लिख दें,’’ मैं ने पैड और पेन उसे पकड़ा दिया.

करीब 10 मिनट बाद शिखा रेखा के साथ चली गई, लेकिन इन कुछ मिनटों में उस ने मेरा दिल जीत लिया था.

शिखा को क्लर्क की नौकरी दिलाना मेरे लिए कठिन काम नहीें था. करीब 10 दिन बाद मैं उस की नियुक्ति की अच्छी खबर ले कर शाम को उस के घर पहुंच गया.

वहां मेरी मुलाकात उस के पति संजीव, सास निर्मला व 4 वर्षीय बेटे रोहित से हुई. शिखा की नियुक्ति की खबर सुन घर का माहौल खुशी से भर गया.

शिखा के घर की हर चीज इस बात की तरफ इशारा कर रही थी कि वे लोग आर्थिक रूप से संपन्न नहीं थे. संजीव बातूनी किस्म का इनसान था. उस की बातों से यह भी मालूम हो गया कि उस की स्टौक मार्किट में बहुत दिलचस्पी थी.

कुछ देर बाद संजीव मुंह मीठा कराने के लिए बाजार मिठाई लेने चला गया. मैं ने तब आग्रह कर के शिखा को अपने सामने बैठा लिया.

अपनी सास की मौजूदगी में वह ज्यादा नहीं बोल रही थी. उस से पूछे गए मेरे अधिकतर सवालों के जवाब उस की सास ने ही दिए.

बातोंबातों में मुझे इस परिवार के बारें में काफी जानकारी मिली. संजीव एक प्राइवेट कंपनी में अकाउंटेंट था. उस की पगार अच्छी थी, फिर भी वे लोग भारी कर्जे से दबे हुए थे. शेयर मार्किट में संजीव ने बारबार घाटा उठाया, पर बहुत अमीर बनने की धुन के चलते इस लत ने अब तक उस का पीछा नहीं छोड़ा था.

‘‘सर, आप की कृपा से मुझे नौकरी मिली है और मैं आप का यह एहसान कभी नहीं भूलूंगी. अब दो वक्त की रोटी और रोहित की पढ़ाई का खर्च मैं अपने बलबूते पर उठा सकूंगी,’’ शिखा की बड़ीबड़ी आंखों में मुझे अपने लिए सम्मान के भाव साफ नजर आए.

‘‘शिखा, तुम्हें नौकरी दिलाने वाली बात अब खत्म हुई. इस के बाद तुम ने मुझे ‘धन्यवाद’ कहा तो मैं फौरन उठ कर चला जाऊंगा,’’ अपनी आवाज को मैं ने नाटकीय रूप से सख्त किया, पर मेरे होंठों पर मुसकराहट बनी रही.

‘‘अब नहीं दूंगी धन्यवाद, सर,’’ वह मुसकराई और फिर उठ कर रसोई की ओर चली गई.

कुछ देर बाद बडे़ अच्छे माहौल में हम सब ने चायनाश्ता किया. फिर मैं उन से विदा लेना चाहता था, पर ऐसा संभव नहीं हुआ क्योंकि बेहद अपनेपन के साथ आग्रह कर के शिखा ने मुझे रात का खाना खा कर जाने के लिए रोक लिया.

उस शाम के बाद से मेरा उस घर में जाना नियमित सा हो गया. कुछ दिनों बाद रोहित के जन्मदिन की पार्टी में मैं शामिल हुआ. फिर एक त्योहार आया और शिखा ने मुझे घर खाने के लिए आमंत्रित किया. मैं छुट्टी वाले दिन उन के यहां कुछ न कुछ खानेपीने की चीज ले कर पहुंच जाता. एक बार मेरी कार में सब पिकनिक मना आए. धीरेधीरे इस परिवार के साथ मेरे संबंध गहरे होते चले गए.

चाय पीने के लिए मैं फोन कर के शिखा को अपने कक्ष में बुला लेता. ऐसा अकसर लंच के समय में होता. उस के साथ बिताया हुआ वह आधा घंटा मेरी रगरग में चुस्तीफुर्ती भर जाता.

शिखा जैसी खूबसूरत और खुशमिजाज युवती के साथ सिर्फ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना अब मेरे लिए दिन पर दिन कठिन होने लगा था. अगर मैं किसी कार्य में व्यस्त न होता तो वह मेरे खयालों में छाई रहती. हमारे संबंध दोस्ती की सीमा को लांघ कर कुछ और खास हो जाएं, यह इच्छा मेरे मन में लगातार गहराती जा रही थी.

एक दिन अपने कक्ष में चाय पीते हुए मैं ने शिखा से पूछा, ‘‘तुम्हें पता है शिखा, मैं किस दिन को अपने लिए भाग्यशाली मानता हूं.’’

‘‘आप बताओगे नहीं तो मुझे कैसे पता चलेगा,’’ उस ने जवाब सुनने के लिए अपना ध्यान मेरे चेहरे पर केंद्रित कर लिया.

‘‘जिस दिन तुम मेरे घर नौकरी पाने के सिलसिले में आई थीं,’’ मैं ने कहा.

‘‘मेरे लिए तो वह यकीनन महत्त्वपूर्ण दिन था,’’ शिखा बोली, ‘‘पर आप क्योें उसे अपने लिए भाग्यशाली मानते हैं?’’

‘‘वह दिन मेरे जीवन में न आया होता तो आज मैं तुम्हारे जैसी अच्छी दोस्त कैसे पाता.’’

मेरे स्वर की भावुकता को पहचान कर शिखा नजरें झुका कर फर्श को निहारने लगी.

‘‘तुम मेरी अच्छी दोस्त हो न, शिखा?’’ यह सवाल पूछते हुए अपने गले में मैं ने कुछ अटकता सा महसूस किया.

उस ने मेरी तरफ देख कर एक बार सिर हिला कर ‘हां’ कहा और फिर से नीचे फर्श देखने लगी.

‘‘दुनिया वाले कुछ न कुछ गलत हमारे संबंध में देरसवेर जरूर कहेंगे, पर उस कारण तुम मुझ से दूर तो नहीं हो जाओगी?’’ मैं ने व्याकुल भाव से पूछा.

‘‘जब हमारे दिलों में पाप नहीं है तो लोगों की बकवास को हम क्यों अहमियत देंगे?’’ शिखा ने मजबूत स्वर में मुझ से उलटा सवाल पूछा, ‘‘बिलकुल नहीं देंगे.’’

मैं ने अपना दायां हाथ बढ़ा कर उस के हाथ पर रखा और उस की आंखों में आंखेें डाल कर बोला, ‘‘तुम मुझे अपना समझ कर हमेशा अपने दुखदर्द मेरे साथ बांट सकती हो.’’

‘‘थैंक्स,’’ उस के होंठों पर उभरी छोटी सी मुसकान मुझे अच्छी लगी.

उस के हाथ पर मेरी पकड़ थोड़ी मजबूत थी. उस ने अपना हाथ आजाद करने का प्रयत्न किया, पर असफल रही. कुछ घबराए से अंदाज में उस ने मेरे चेहरे पर खोजपूर्ण दृष्टि डाली.

आगे पढ़ें- शिखा को मेरे प्रस्ताव में…

Valentine’s Special: एक रिश्ता किताब का- क्या सोमेश के लिए शुभ्रा का फैसला सही था

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Valentine’s Special: पासवर्ड- क्या आगे बढ़ पाया प्रकाश और श्रुति का रिश्ता

लिफ्ट की साफसफाई चल रही थी, इसलिए प्रकाश तीसरी मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट में जाने के लिए सीढि़यां चढ़ने लगा. वह 2-4 सीढि़यां चढ़ा ही था कि उसे लगा उस के पीछे कोई आ रहा है.

उस ने पलट कर देखा तो उस के पीछे एक लड़की सीढि़यां चढ़ रही थी. उस ने उसे देखा तो उस की नजर उस के चेहरे से फिसल कर कहीं और ही मुड़ गई. उसे यह अनुभव पहली नजर में ही नहीं बल्कि उस ने जब भी लड़की को देखा, तबतब हुआ था. पता नहीं उस के चेहरे में ऐसा क्या था कि वह जब भी दिखाई दे जाती, अनायास प्रकाश की आंखें उस की ओर चली जाती थीं. मगर टिकी नहीं रहती थीं. क्या यह उस के आकर्षण की वजह से था. लेकिन उसे लगता था, आकर्षण के अलावा भी उस में कुछ और था.

सहज आत्मविश्वास और हर किसी के प्रति अवहेलना का भाव. अपने आकर्षक होने की सहज अनुभूति और मिलीजुली मासूमियत. जैसे उसे इस बात का गहरा अहसास हो कि वह युवा है, पर उसे इस का अहसास न हो कि जवानी क्या है. उस के चेहरे का खोजता हुआ भाव उस की सुंदरता को और बढ़ा देता था. उस की आंखों से ऐसा लगता था, जैसे वह बाहर कम अपने अंदर ज्यादा देखती है. चुस्त जींस और चुस्त टौप, मानो उस ने अपनी नजरों से नहीं, दूसरों की नजरों से प्रकाश की ओर देखा हो.

उस के बड़ेबड़े बालों और सुंदर चेहरे की बड़ीबड़ी आंखों के अलावा प्रकाश की नजर फिसल कर जहां मुड़ी थी, वह उसी में खो गया था, जिस की वजह से उस की चाल धीमी हो गई थी. पर उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा था. वह उसी तरह तेजी से सीढि़यां चढ़ती हुई उस के बगल से निकल गई.

प्रकाश को लगा, अब उसे भी चाल बढ़ानी होगी. क्योंकि अब वह यह देखे बिना नहीं रह सकता था कि वह किस फ्लैट में जाती है.यह जानने के लिए प्रकाश ने अपनी चाल बढ़ा दी. वह उसी तीसरी मंजिल पर पहुंच कर रुक गई, जहां प्रकाश को जाना था. वह फ्लैट नंबर था 303. प्रकाश का फ्लैट नंबर 301 था. वह लड़की सामने वाले फ्लैट में आई है, यह जान कर उसे बहुत खुशी हुई. पर यह कौन है, क्योंकि उस फ्लैट में प्रकाश ने उसे आज पहली बार देखा था.

उसे लगा, कोई रिश्तेदार होगी, किसी काम से आई होगी. वह प्रकाश के मन को भा गई थी, इसलिए एक बार और देखने के लोभ में उस ने अपने फ्लैट का मुख्य दरवाजा खुला छोड़ दिया. इस में वक्त ने उस का साथ यह दिया कि उस दिन उस के फ्लैट में कोई नहीं था. सभी एक शादी में गए हुए थे. प्रकाश दरवाजे के बाहर नजरें टिकाए बेचैनी से ताक रहा था कि वह बाहर निकले ताकि वह उसे एक नजर देख ले.

घंटों बीत गए, पर वह नहीं निकली. वह टकटकी लगाए उस के फ्लैट का दरवाजा ताकता रहा. धीरेधीरे वह निराश होने लगा.

पर शाम होते ही फ्लैट का दरवाजा खुला. प्रकाश के शरीर में जैसे जान आ गई. एक बार उसे और देखने के लिए वह फुरती से उठा और बाहर आ गया. तब तक वह लिफ्ट में घुस गई थी. प्रकाश ने फटाफट दरवाजा लौक किया और लिफ्ट के चक्कर में न पड़ कर तेजी से सीढि़यां उतरने लगा. उस के ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचने के साथ ही लिफ्ट भी नीचे पहुंच गई थी. लिफ्ट का दरवाजा खोल कर वह बाहर निकली और सामने सड़क की ओर चल पड़ी.

लड़की के रेशम जैसे काले लंबे बाल, सुडौल देह, वह लड़की सुंदर ही नहीं प्रकाश को अद्भुत भी लगी. उस की चाल गजब की थी. उसे देख कर कोई भी उस के प्रेम में पड़ सकता था. प्रकाश की नजर उस पर से हट नहीं रही थी. वह मेनरोड पार कर के सामने दुकान पर पहुंच गई. अब प्रकाश उसे सामने से मन भर कर देखना चाहता था. इसलिए वह वहीं सोसाइटी के गेट पर खड़ा रहा. उसे सामने से आता देख वह खो गया.

इस के बाद तो क्रम सा बन गया. प्रकाश उस के आगेपीछे चक्कर लगाने लगा. इसी के साथ उस ने लड़की के बारे में एकएक जानकारी जुटा ली. उस का नाम श्रुति था. उस के सामने वाले फ्लैट में उस की मौसी रहती थीं. वह मौसी के यहां रह कर बीटेक की अपनी पढ़ाई कर रही थी. इस के पहले वह हौस्टल में रह कर पढ़ रही थी. वहां कोई बवाल हो गया था, जिस की वजह से वह मौसी के यहां रहने आ गई थी.

प्रकाश ने उस से बात करने की कोशिश शुरू कर दी. पर उस की बातों का वह छोटा सा जवाब दे कर उसे टाल देती थी. फिर भी वह उस के पीछे पड़ा रहा. प्रकाश अकसर देखता, वह उस के फ्लैट के दरवाजे के पास खड़ी हो कर अपने मोबाइल में कुछ करती रहती थी. ऐसे में जब प्रकाश से उस का सामना होता तो धीरे से मुसकरा देती. इस से प्रकाश को लगा कि शायद वह उसे पसंद करने लगी है. पर क्यों, यह उसे पता नहीं था.

पर एक दिन जब प्रकाश ने अपने ओपन वाईफाई में पासवर्ड सेट कर दिया तो सच्चाई का पता चल गया. उस के पासवर्ड सेट करने के बाद जब वह बाहर निकला तो वह उस की ओर बढ़ी. उसे अपनी ओर आते देख प्रकाश के दिल की धड़कन बढ़ गई. शरीर में रोमांच सा हुआ.

प्रकाश के पास आ कर उस ने अपनी आवाज में शहद सी मिठास लाते हुए कहा, ‘‘आप अपने वाईफाई का पासवर्ड दे देंगे क्या?’’

‘‘क्यों नहीं, श्योर. लाइए, मैं आप के मोबाइल में कनेक्ट कर देता हूं.’’

श्रुति ने मोबाइल दिया, तो प्रकाश ने कांपते हाथों से वाईफाई का पासवर्ड सेट कर दिया. उस ने थैंक्स कहते हुए उस का मोबाइल नंबर मांगा तो प्रकाश ने फटाफट अपना नंबर सेव करा दिया. प्रकाश ने उस का नंबर मांगा तो उस ने भी बेहिचक अपना नंबर बता दिया. प्रकाश को उस का नाम पता था, फिर भी बात को आगे बढ़ाने के लिए उस ने उस का नाम पूछा.

‘‘मेरा नाम श्रुति है.’’ कह कर वह चली गई.

नंबर मिलने के बाद प्रकाश वाट्सऐप पर गुडमौर्निंग और गुडनाइट के मैसेज भेजने लगा. श्रुति की ओर से बराबर जवाब भी आता था. अकसर जानबूझ कर प्रकाश पासवर्ड बदल देता था. श्रुति का तुरंत फोन आ जाता था. कभीकभार वह वाट्सऐप पर मैसेज कर के पूछ लेती थी. एक दिन पासवर्ड बदल कर जैसे ही प्रकाश बाहर निकला, श्रुति सामने आ गई. उस ने पासवर्ड पूछा तो जवाब में प्रकाश ने कहा, ‘‘आई लव यू.’’

गुस्सा हो कर श्रुति ने कहा, ‘‘मैं वाईफाई का पासवर्ड पूछ रही हूं और तुम ‘आई लव यू’ कह रहे हो. तुम इस तरह की बात करोगे, मैं ने कभी सोचा भी नहीं था.’’

इस के अलावा भी श्रुति ने बहुत कुछ कहा. प्रकाश जवाब में जो कुछ कहना चाहता था, वह उसे सुनने को तैयार ही नहीं थी. अपनी बात कह कर वह पैर पटकती हुई चली गई. प्रकाश ने वाट्सऐप पर रिक्वेस्ट की, पर उस ने मैसेज खोल कर देखा ही नहीं. अंत में प्रकाश ने टेक्स्ट मैसेज भेजा कि ‘आई लव यू’ मैं ने तुम्हें नहीं कहा, वह तो वाईफाई का पासवर्ड है.

अगले दिन श्रुति मिली तो उस ने कहा, ‘‘तुम ने ऐसा जानबूझ कर किया था न? ऐसा कर के मुझे परेशान किया. तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. तुम्हें बता दूं कि मुझे ऐसी बातों में रुचि नहीं है.’’

‘‘अगर किसी को किसी से पहली नजर में प्यार हो जाए तो…’’ प्रकाश ने कहा.

‘‘और दूसरी नजर में ब्रेकअप हो जाए तो…’’ जवाब में श्रुति ने कहा.

‘‘यह तुम्हारा वहम है.’’

‘‘और प्रेम हो जाए यह?’’ श्रुति ने कहा.

‘‘यह मेरा अनुभव है. किस से हुआ है प्रेम?’’ प्रकाश ने पूछा.

‘‘मैं यह नहीं बताऊंगी. पर हुआ है, यह निश्चित है.’’

‘‘क्यों नहीं बता सकती?’’ प्रकाश ने सवाल कर दिया.

‘‘अगर वह मांगे तो जीवन ही नहीं, सांसें भी दे दूं,‘‘ श्रुति ने कहा, ‘‘तुम ने कभी किसी से प्यार किया है या सिर्फ वाईफाई का पासवर्ड ही ‘आई लव यू’ रखा है?’’

‘‘किया है न, तभी तो  ‘आई लव यू’ पासवर्ड रखा है. सीधेसीधे कहने की हिम्मत नहीं पड़ी तो पासवर्ड के बहाने कह दिया. अब तुम कहो, उस दिन तो तुम ने बहुत कुछ कह दिया. उस से तो..’’

‘‘मुझे अच्छे तो तुम भी लगते थे, पर तब तक इस बारे में कुछ सोचा नहीं था. पर जब सोचा तो लगा कि तुम ने यह पासवर्ड सेट करने के बजाय सच में ‘आई लव यू’ कहा होता तो…’’ श्रुति ने कहा.

उस की बात बीच में ही काट कर प्रकाश ने कहा, ‘‘तो क्या तुम भी..?’’

‘‘हां, पर अब यह पासवर्ड किसी दूसरी लड़की को मत बताना.’’ श्रुति ने कहा.

इसी के साथ दोनों हंस पड़े.

5 टिप्स से बनाएं वेलेंटाइन डे को खास

वेलेंटाइन डे (Valentines day) मतलब प्यार करने बांटने वालों का दिन.. सब इसे अलग तरीके से मनाने की योजना बनाते हैं.. वैसे तो मार्केट तरह तरह के महंगे गिफ्ट से भरी हुई है.. मगर ये महंगे गिफ्ट तो केवल कुछ पल की खुशी देते हैं.. इस बार कुछ ऐसा खास करें जो आपके वेलेंटाइन को हमेशा याद रह जाए..

आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे Valentine’s Day को खास और यादगार बना सकते हैं

1. खास कार्ड बनाएं

अगर आप थोड़े से भी क्रिएटिव है तो आप handmade कार्ड बना सकते हैं. अगर आपके पास कोई आइडिया नहीं आ रहा है तो आप यूट्यूब की मदद ले सकती है जहां कार्ड बनाने की ढेरों वीडियो मौजूद हैं. वीडियो सुनकर आप उसमें लगने वाले सामान नोट करके ले आए और फिर अच्छे से वीडियो समझ कर कार्ड बनाए और उसमें कहीं किसी कोने में अपने वेलेंटाइन की फोटो लगाना न भूले.

2. कमरें को सजाएं

इस समय वॉल स्टीकर ट्रेंड में हैं.. आप भी अपने वेलेंटाइन के रूम के कलर के हिसाब से कलर्ड या प्लेन पेपर ले जाए.. पेपर पर हार्ट शेप, फ्लावर, butterfly आदि की डिजाइन बना ले और पतली नोक की कैची लेकर काट कर वॉल के हिसाब से स्टीकर बनाए.. अगर आप हाथ से डिजाइन नहीं बना सकती तो नेट से डिजाइन का प्रिंट आउट लेकर उसे पेपर पर ट्रेस भी कर सकती है.

3. हैंड मेड चीजें बनाएं

अगर आपके पास ढेर सारे आपके साथी की फोटो है तो वॉल हैंगिग भी बना सकती है. इसके लिए वुड की क्लिप खरीद ले और साथ में लाइट वाली लडि़या भी.. ये सभी मार्केट में आसानी से मिल जाएंगी. अब लाइट की लड़ी में क्लिप से फोटो हैंग करके इसे वॉल पर लगा सकते हैं. इसे double sided टेप से वॉल पर चिपका सकते हैं और बाद में चाहे तो फोटो वापस निकाल कर रख ले. फोटो के बीच बीच में handmade या artifical flowers भी लगा सकते हैं.

4. बनाएं मनपसंद खाना

अगर आप बेहतरीन कुक है तो अपने पार्टनर का मनपसंद खाना बनाकर candel light डिनर के लिए टेबल सजा कर surprise दे सकते हैं.

5. घूमने का करें प्लान

कहीं बाहर घूमने का भी प्लान कर सकते हैं जहां आप एक दूसरे की पसंद के गाने गुनगुना सकते हैं या अगर आप लिखते हैं तो अपने loved ones के लिए कोई खूबसूरत कविता लिख सकते हैं पिछले सुहाने पल को समेट कर. जिसे सुनाकर surprise दिया जा सकता है. एक दिन की आउटिंग आपको तरो ताजा कर देगी मगर खाने पीने से लेकर हर चीज़ की तैयारी करके ले जाए. ये आउटिंग में आप उन दोस्तों का ग्रुप भी बना सकते हैं जिन्हें वेलेंटाइन celebrate करना हो.

Valentine’s Day: खास दिन के लिए ट्राय करें कियारा आडवाणी की ये 5 ड्रैसेस

Valentines Day के मौके पर लड़किया खूबसूरत दिखने के लिए नए-नए ट्रैंड ट्राय करती हैं, जिसके लिए वह बौलीवुड एक्ट्रेसेस के फैशन ट्रैंड को फौलो करती हैं. जहां इन दिनों सारा अली खान और कियारा आडवाणी जैसी एक्ट्रेसेस के फैशन को काफी सराहा जाता है. इसीलिए आज हम आपको कियारा आडवाणी के कुछ लुक्स बताएगें, जिसे आप Valentines Day के खास मौके पर ट्राय कर सकती हैं.

1. सूट लुक करें ट्राय

अगर आप वेलेंटाइन डे पर खास लुक ट्राय करना चाहती हैं तो कियार आडवाणी का ये रेड सूट लुक ट्राय करना ना भूलें. ये ट्रैंडी के साथ-साथ स्टाइलिश भी है. इसके साथ हिल्स आपके लुक को परफेक्ट बनाने में मदद करेंगे.

 

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2. रेड ड्रैस करें ट्राय

 

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कियारा की ये डीप नेक वाली रेड कलर की ड्रैस आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल एंड शाइनी पैटर्न वाली इस रेड ड्रैस के साथ आप स्टड इयरिंग्स और हील्स परफेक्ट औप्शन रहेंगे.

3. पिंक कलर करें ट्राय

 

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वेलेंटाइन डे पर जरुरी नहीं की रेड कलर ही पहना जाए. कियारा की वन औफ शोल्डर ड्रैस भी आप ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लुक को सिंपल के साथ-साथ स्टाइलिश बनाने में मदद करेगा. इसके साथ आप शूज ट्राय कर सकती हैं, जो कि आपके लुक को कम्फरटेबल भी बनाएगा.

4. लौंग स्कर्ट करें ट्राय

 

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अगर आप ड्रैसेस पहनने में कम्फरटेबल नही हैं तो कियारा की ये वाइट शर्ट और लौंग स्कर्ट का कौम्बिनेशन ट्राय कर सकती हैं. इसके साथ आप बूट शूज कैरी कर सकती हैं.

5. ब्लैक या प्रिंटेड ड्रैस करें ट्राय

 

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आजकल ड्रैसेस के काफी सारे औप्शन मार्केट में मौजूद हैं, जिन्हें आप ट्राय कर सकते हैं. कियारा की ब्लैक नेट पैटर्न ड्रैस हो या फ्लावर प्रिेटेड ड्रेस. ये आपके लुक के लिए परफेक्ट औप्शन साबित होगा.

 

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Valentine’s Special: प्रपोज करते वक्त इन 5 मिस्टेक्स से बचें

वैलेंटाइन वीक आने ही वाला है. ऐसे में कोई अपनी पार्टनर को बेस्ट गिफ्ट देने की तैयारी में है , तो कोई अपने दिल में बस जाने वाली को प्रपोज करने की तैयारी में. सब अपने अपने तरीके से वैलेंटाइन वीक व वैलेंटाइन डे को यादगार बनाना चाहते हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने प्यार का इजहार करने के लिए इन 5 तरीकों को अपनाने की सोच रहे हैं तो जरा संभल जाएं , वरना बात बनने की जगह बिगड़ भी सकती हैं. तो आइए जानते हैं –

प्रपोज मिस्टेक 1 – फ्रेंड के सामने करें प्रपोज 

अकसर हम खुद को ज्यादा बोल्ड दिखाने या फिर फ्रेंड के सामने ज्यादा टशन दिखाने के चक्कर में अकसर लड़की को दोस्त के सामने प्रपोज करने की भूल कर बैठते हैं , जो लड़की को गवारा नहीं होता. उसे लगता है कि जिसमें अकेले अपने प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं है वह प्यार क्या करेगा. साथ ही अगर लड़की ज्यादा शर्मीली टाइप की है तो वह चाहा कर भी आपके इस प्रपोजल को हां में मंजूरी नहीं देगी. इसलिए उसे दोस्त के सामने नहीं बल्कि अकेले में प्रपोज करें. ताकि आप दोनों अपने मन की कह सके और आपको पोजिटिव जवाब मिलने के ज्यादा चांसेस हो.

प्रपोज मिस्टेक 2  –  सिर्फ गिफ्ट्स से करें इंप्रेस 

भले ही लड़कियां गिफ्ट्स की दीवानी होती हैं , लेकिन हर बात को गिफ्ट से आंककर उसके मतलब को खत्म करना ठीक नहीं होता. इससे हो सकता है कि आप उससे सच्चा प्यार करते हो, लेकिन वह गिफ्ट के लालच में आकर आपके सामने हां तो कर दे , लेकिन उसके दिल में आपके लिए कुछ भी न हो. या फिर हो सकता है कि गिफ्ट से प्रपोज करने का तरीका उसे पसंद ही न आए और वह आपको न कह दे. क्योंकि इससे उसे आपके पैसों की या फिर लालच का आभास होता हो. इसलिए प्यार का इजहार जब भी करें तो उसमें सच्चे भाव के साथ आपके मन में उसके लिए क्या फीलिंग्स हैं ये भी अच्छे से व्यक्त करें.

प्रपोज मिस्टेक 3   –  आंखों में इशारा करके 

हो सकता है कि आप काफी रोमांटिक मिजाज के हो, जिसके कारण आप लड़की को प्रपोज करने के लिए सीधे ही उसकी आंखों में आंखें डालकर इशारा करना शुरू कर दें. आपकी ये हरकत अगर वह सोबर है तो लड़की को आपके करीब नहीं बल्कि दूर ले जाने का काम करेगी. क्योंकि इशारे करने वाले लड़कों को लड़कियां रोमांटिक नहीं बल्कि गलत नजरिए से भापने वाला समझती हैं. इसलिए इशारों से इंप्रेस  करने की गलती न करें.

प्रपोज मिस्टेक 4    –  पीछा करके 

कहते हैं न कि प्यार अंधा होता है और प्यार की खातिर कुछ भी किया जा सकता है. लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं कि आप अपने प्यार को पाने के लिए यानि लड़की को प्रपोज करने के लिए उसका पीछा करना ही शुरू कर दें. क्योंकि आपकी ऐसी हरकत उसमें डर का माहौल पैदा करने का काम करेगी. वे खुद को आप से असुरक्षित महसूस करने लगेगी. उसे लगने लगेगा  कि आप उसके साथ  कुछ गलत हरकत करने के उद्देश्य से उसका पीछा कर रहे हैं. ऐसे में प्रपोज करने की बात तो बहुत दूर की है, हो सकता है कि आपकी ये हरकत से आप अपने प्यार को तो खोए ही , साथ ही बहुत बुरे भी फंसे. इसलिए पीछा करके प्रपोज करने की भूल न करें.

प्रपोज मिस्टेक 5   – अपना गुणगान करके 

आप लड़की को प्रपोज करने जा रहे हैं न कि आप कितने हैंडसम हैं या फिर कितनी लड़कियां आपसे फ्रेंडशिप करने  के लिए आपके आगेपीछे घूमती हैं इस बात का बखान करने. अगर आप लड़की को प्रपोज करने के दौरान अपना गुणगान करने बैठ गए कि मैं यहां रहता हूं , मैं नामी कंपनी में काम करता हूं , मेरी सैलरी बहुत अच्छी है. मेरे पीछे लड़कियां पड़ती हैं , लेकिन मेरी पसंद तुम हो वगैरावगैरा. तो एक समझदार लड़की समझ जाएगी कि आप का इंटरेस्ट प्रपोज करने में कम व अपना गुणगान करने में ज्यादा है. जो आपके प्रपोजल को न में बदलने में देर नहीं लगाएगा.  इसलिए प्रपोज करते वक्त इन चीजों से बचें.

Valentine’s Special: Facepack से खोया निखार लाएं वापस

स्वाद, सुगंध और रंग के लिए तो ज्यादातर घरों में केसर का इस्तेमाल होता है. केसर के इस्तेमाल से न केवल चेहरे पर निखार आता है बल्क‍ि स्क‍िन से जुड़ी कई प्रॉब्लम्स भी दूर हो जाती हैं. केसर रंगत निखारने के काम आता है और अगर आपको झांइयां हैं तो इससे बेहतर कोई दूसरा उपाय हो ही नहीं सकता है.

अगर आप चाहें तो केसर को शहद के साथ या फिर ग्ल‍िसरीन के साथ मिलाकर लगा सकती हैं लेकिन अगर आपको स्कि‍न से जुड़ी प्रॉब्लम है तो आपके लिए दूध और केसर का पैक सबसे अधिक फायदेमंद रहेगा.

कैसे तैयार करें ये फेसपैक?

केसर और दूध का फेसपैक तैयार करना बहुत ही आसान है. दो चम्मच दूध में एक चम्मच केसर मिलाकर रख लें. इस पैक को चेहरे और गर्दन पर लगाएं. पैक को सूखने दें. जब पैक सूख जाए तो इसे हल्के गुनगुने पानी से धोकर साफ कर लें.

दूध और केसर का पैक चेहरे पर लगाने के फायदे:

1. केसर और दूध के फेसपैक के नियमित इस्तेमाल से बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं. इसके इस्तेमाल से कोलाजिन का प्रोडक्शन बढ़ता है जिससे त्वचा जवान और खूबसूरत नजर आती है.

2. अगर आपकी स्किन बहुत अधि‍क ड्राई है तो ये फेसपैक लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. एक ओर जहां केसर रंगत निखारने में मददगार है वहीं दूध मॉइश्चर को खोने नहीं देता है. इस पैक के इस्तेमाल से ड्राईनेस कम होती है.

3. भले ही आप सबसे अच्छी सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकलें, बावजूद इसके टैनिंग तो हो ही जाती है. ऐसे में केसर और दूध का फेसपैक लगाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इससे टैनिंग दूर हो जाएगी.

4. अगर आपके चेहरे पर झांइयां हो गई हैं तो भी ये फेसपैक आपके लिए है. केसर और दूध का मिश्रण झांइयों को दूर करने का काम करता है.

5. त्वचा में कसावट लाने के लिए भी इस पै‍क का इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा. केसर में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो मुंहासों को ठीक करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है.

कृष्णा: कायरा क्यूं सब कुछ छोड़ कर चली गई- भाग 1

नंदिनी के पास आज कायरा का फ़ोन आया था. कायरा बिना रुके धाराप्रवाह बोले जा रही थी, ‘मम्मी, अगर आप नहीं आईं तो मेरे हाथों से यह प्रोजैक्ट निकल जाएगा.’  नंदिनी बोलना चाहती थी कि वह नहीं आ सकती है. न जाने क्यों नंदिनी अपने दामाद आरव का सामना नहीं करना चाहती थी. पर हमेशा की तरह मन की बात मन में ही रह गई और उधर से कायरा ने फ़ोन काट दिया था.

रात को जब प्रशांत आए तो मुसकराते हुए बोले, ‘लगता है मेरी आज़ादी के दिन नज़दीक हैं, तुम्हारी लाड़ली ने तुम्हारा बेंगलुरु जाने का टिकट बुक करा लिया है. अगले रविवार की तैयारी कर लो.’

नंदिनी थोड़े गुस्से में बोली, ‘तुम ने या उस ने मुझ से पूछने की भी जरूरत नहीं समझी?’

प्रशांत हैरान होते हुए बोले, ‘अजीब मां हो तुम, मुझे क्या है, मत जाओ तुम.’

नंदिनी प्रशांत से कहना चाहती थी कि आरव की मौजूदगी उसे परेशान करती है पर वह क्या और कैसे कहे. ऐसा नही है कि आरव ने नंदिनी के साथ बदतमीज़ी की हो पर न जाने क्यों नंदिनी को आरव के साथ कुछ अलग सा लगता है.

आरव का नंदिनी को कंप्लीमैंट्स देना, उस के सलीके की तारीफ करना सबकुछ नंदिनी को आरव की तरफ खींचता हैं. इस कारण भी नंदिनी आरव का सामना नहीं करना चाहती थी.  एक 52 वर्ष की महिला, एक 27 वर्ष के खूबसूरत लड़के के बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती है वह भी जब वो उस का दामाद हो.

नंदिनी भारी मन से तैयारी कर रही थी. वह एक अजीब सी उलझन में घिर गई थी. किस से बात करे, उसे समझ नहीं आ रहा था.  अभी कायरा की शादी को दिन ही कितने हुए हैं, बस 7 महीने ही तो हुए हैं पर आज भी नंदिनी की आंखों के आगे वह होली आ जाती है जब आरव नंदिनी को रंग लगाते हुए कह रहा था- ‘कौन कहेगा कि आप कायरा की मम्मी हो, आप अभी भी कितनी फिट हो’ और यह कहते हुए आरव शरारत से मुसकरा रहा था. नंदिनी शर्म से पानीपानी हो उठी पर न जाने क्यों उस का मन आरव की तारीफ़ से खिल उठता था.

उस शाम को भी नंदिनी ने जानबूझ कर साड़ी न पहन कर स्कर्ट व टौप पहन लिया था. वह आरव के मुंह से अपनी और तारीफ सुनना चाहती थी. आरव ने भी उस पूरी शाम को नांदिनी के नाम कर दिया था. यहां तक की नांदिनी की छोटी बहन सुरुचि भी बोली, ‘आराव बेटा, नंदिनी तुम्हारी सास हैं और कायरा बीवी, कहीं भूल तो नहीं गए.’ वह अलग बात हैं कि नंदिनी के पति प्रशांत को इन सब बातों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता था और कायरा भी आरव की बातों को हलकेफुलके तरीके से ही लेती थी.  पर नांदिनी का आकर्षण था जो आरव के प्रति कम ही नहीं हो रहा था. उसे नहीं पता था कि आरव के मन में क्या है या वह उस का मजाक उड़ा रहा है. पर वह खुद को रोक नहीं पाती थी.

आरव और कायरा होली पर पूरे 4 दिन रुके पर इन 4 दिनों में आरव, बस, नंदिनी के ही आगेपीछे घूमता रहता था. नंदिनी के पति प्रशांत बेहद शांतप्रिय जीव थे. वे अपने परिवार से प्यार तो करते थे पर जाहिर नहीं कर पाते थे. उन्हें नंदिनी बेहद खूबसूरत लगती थी पर उन्हें यह बोलने की कभी जरूरत महसूस नहीं हुई.

उधर, नंदिनी अपनी तारीफ़ सुनने के लिए तरस गई थी. ऐसे में आरव का उसे इतना महत्त्व देना उसे बहुत भाता था. अपनी 25 वर्ष की बेटी से ही वह अनजाने में प्रतियोगिता करने लगी थी. आरव को जो पसंद है वह कायरा से ज्यादा नंदिनी को मालूम था. नांदिनी की तरह आरव भी हैल्थफ्रीक था और दोनो की ही साहित्य में असीम रुचि थी.  होली के बाद भी आरव नंदिनी को लगभग रोज ही फ़ोन करता था. न जाने क्यों नंदिनी यह बात कायरा और प्रशांत से छिपा लेती थी.  उसे पता था कि किसी को यह समझ नहीं आएगा.

उधर, आरव को कायरा से कोई शिकायत नहीं थी पर जो सुकून उसे  नंदिनी के साथ मिलता था वह कायरा के साथ नहीं मिल पाता था. कायरा आजकल की लड़कियों की तरह पार्टी, नाचगाने और ट्रिप्स तक सीमित थी. ऐक्सरसाइज करने से वह भागती थी और किताबों से उसे एलर्जी थी, इसलिए आरव को नंदिनी के साथ बात कर के आनंद आता था.

आरव आज के ज़माने का युवक था, इसलिए नंदिनी के साथ अपनी दोस्ती को ले कर उसे जरा भी गिल्ट नहीं था. उस के जीवन का एक ही मूलमंत्र था कि जिस राह पर भी खुशी मिले उसे अपना लो. नंदिनी को रातभर नींद नहीं आई तो सुबह प्रशांत प्यार से बोला, ‘क्या बात है नंदिनी, अगर कोई बात परेशान कर रही हो तो मुझे बताओ.’

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