अनुपमा हुई अनुज के लिए परेशान, काव्या लेगी वनराज से बदला

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर ‘अनुपमा‘ इन दिनों कई उथल-पुथल से गुजर रहा है. शो में अनुपमा और अनुज के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन उन्हें संभालने के लिए देविका और अनुज के बेस्ट फ्रेंड धीरज ने भी कमर कस ली है. बीते दिन भी ‘अनुपमा’ में दिखाया गया कि अनुपमा अनुज को मनाने की हर कोशिश करती है, लेकिन अनुज की नाराजगी बढ़ती जाती है. ऐसे में अनुपमा भी अपने दिल का गुबार धीरज और अनुज के सामने निकाल बैठती है. लेकिन रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में आने वाले मोड़ यहीं पर खत्म नहीं होते हैं.

 

 

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डिंपल से दिल की बात कहेगा समर

‘अनुपमा’ में समर डिंपल से कह बैठता है कि वह उसे पसंद करता है. उसकी यह बात सुनकर डिंपल हैरान रह जाती है और शांत हो जाती है.  लेकिन समर भी समझाता है कि वह उसे पसंद करता है और यह बात उसके दिल में थी तो उसने बोल दी.

 

 

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काव्या को दूसरे मर्दों के साथ देखकर भड़केगा वनराज

अनुपमा में जल्द ही दिखाया जाएगा कि काव्या शूटिंग से देर लौटती है. वह कार में कुछ आदमियों के साथ होती है जो उसे घर छोड़ने आते हैं. काव्या को उन लोगों के साथ देखकर वनराज तो भड़कता ही है, साथ ही मोहल्ले वाले भी चार बातें बनाना शुरू कर देते हैं. वह जब काव्या से इस बारे में पूछता है तो वह बताती है कि वो लोग उसके क्रू मेंबर थे. इतना ही नहीं, वह वनराज को वी की जगह उसका नाम कहकर पुकारती है.

अनुज को समझाने की कोशिश करेगा धीरज

रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में अनुज की नाराजगी को देखते हुए धीरज उसे समझाने की कोशिश करेगा। वह उसे समझाएगा कि जब तीन महीने के प्यार में तू छोटी के लिए कुछ भी कर सकता है तो भाभी अपने बच्चों को कैसे छोड़ दें. धीरज अनुज से बताता है कि अनुपमा ने उस घर में 26 साल गुजारे हैं, ऐसे में वह चाहकर भी उस घर को नहीं निकाल सकती हैं. इतना ही नहीं, धीरज उसे बताता है कि उसकी और प्रियंका की शादी में भी इसी तरह उतार-चढ़ाव आया था और कैंसर की वजह से उसकी पत्नी हमेशा के लिए उसे छोड़कर चली गई और वह हाथ मलता रह गया.

 

 

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अनुज को मनाने के लिए कमर कसेगी अनुपमा

रुपाली गांगुली स्टारर ‘अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का डोज यहीं खत्म नहीं होता है. धीरज अनुज को सलाह देता है कि वह अपने रिश्तों के बीच घमंड को बिल्कुल न आने दे। शो के प्रोमो वीडियो के मुताबिक, धीरज अनुज और अनुपमा के लिए पिकनिक प्लान करता है, लेकिन अनुज जाने से मना कर देता है. ऐसे में देविका और धीरज अनुपमा को समझाते हैं कि उसे अनुज को मनाने के लिए कुछ बड़ा करना पड़ेगा. अनुपमा भी इस चीज के लिए अपनी कमर कस लेती है.

जब पति को भाने लगे दूसरी औरत

भारतीय क्रिकेट जगत का जानामाना नाम मोहम्मद शमी पिछले दिनों सुर्खियों में रहे. उन की पत्नी हसेन जहान ने उन पर आरोप लगाया कि वे दूसरी औरत के चक्कर में घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं.

जहान ने शमी के व्हाट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर के कई स्क्रीन शौर्ट दिखाए जिन में कितनी ही औरतों के साथ उनकी बातचीत के सुबूत थे. जब शमी दक्षिण अफ्रीका के दौर से लौटे और जहान ने इस सब के खिलाफ आपत्ति जताई तब उन्होंने जहान के साथ मारपीट शुरू कर दी. जहान कहती हैं कि उन्होंने शमी को काफी समय दिया खुद को सुधारने के लिए, लेकिन शमी ने अपना सारा गुस्सा जहान पर निकाला. हालांकि शमी इस सब से इनकार करते हैं.

साक्षी एक बैंक मैंनेजर हैं. अच्छा जौब, अच्छी शादीशुदा जिंदगी और ऊपर से देखने में सबकुछ बहुत बढि़या. लेकिन अंदर ?ांको तब पता चलता है कि जब साक्षी को अपने पति के दूसरी औरत के साथ संबंध के बारे में शक हुआ और उस ने अपने पति ने प्रश्न किया तो उस के पति ने आक्रामक रूप धारण कर लिया. चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत सच हो गई. जब कभी साक्षी कोई प्रश्न करती तभी उस का पति फौरन गुस्सा करने लगता. धीरेधीरे साक्षी का शक बढ़ता गया और उस के पति का उस के ऊपर गुस्सा.

मजबूरी में जिंदगी

बात घरेलू हिंसा तक पहुंची गई. हर बार ?ागड़े की स्थिति में साक्षी का पति उसे अपने जूते की हील से तो कभी लातघूंसों से पीटता, साक्षी फिर भी उस के साथ जीती जा रही थी, इस उम्मीद में कि उस के पति को गलती का एहसास होगा और वह उस के पास लौट कर आ जाएगा.

हिंसा के बाद जब अगली सुबह साक्षी अपने बैंक जाती तो मेकअप से अपनी चोटों के निशान छिपा कर, बढि़या लिपस्टिक, बिंदी लगा कर जाती. लेकिन उस की सहेली और सहकर्मी को फिर भी शक हो ही गया. उन के द्वारा किसी को न बताने का वादा करने पर साक्षी ने रोरो कर अपना हाल सुना दिया.

‘‘हमारे घर के पास एक बाबाजी रहते हैं जो सौतन से तुरंत छुटकारा दिलवा देते हैं. तू हिम्मत न हार. मैं तु?ो उन के पास लेकर चलूंगी.’’

सहेली की बातों में आ कर साक्षी बाबाजी की शरण में पहुंच गई. बाबाजी के आश्रम में जगहजगह संदिग्ध से पोस्टर लगे हुए थे, धूपदीप जल रहे थे, धुआं उठ रहा था. उन्होंने नाटकीय मुद्रा में आंखें बंद कीं और हाथ हवा में लहराते हुए कहने लगे, ‘‘अगर तेरा पति किसी और औरत के जाल में फंस गया है तो कमी जरूर तेरे ही प्यार में है तभी वो दूसरी की ओर आकर्षित हुआ है.

‘‘छुटकारा पाने के लिए तुम्हें अपनी यौवन की सुंदरता का मोहजाल बनाना होगा पर सब से असरदार टोटका है कि तुम भगवान कृष्ण की शरण में जाओ क्योंकि वे प्रेम के देवता हैं. उन की शरण में जाने से तुम्हारा प्रेम पुन: तुम्हें प्राप्त होगा. हर शुक्रवार को भगवान कृष्ण का ध्यान करते हुए मात्र 3 इलायची अपने शरीर पर स्पर्श कर के अपने पल्लू में बांध लेना और उन्हें बंधे रहने देना.

‘‘दूसरे दिन प्रात:काल उठ कर स्नान कर के भगवान कृष्ण का ध्यान करते हुए अपने पति को चाय में या भोजन में मिला कर इलायची खिला देना. यह टोटका तुम्हें 3 शुक्रवार करना होगा. देखना तुम्हारा पति तुम्हारी तरफ आकर्षित होने लगेगा और पहले से भी अधिक प्रेम करने लगेगा. जा अपनेआप सौतन से छुटकारा मिल जाएगा.’’

इतना सरल उपाय जान कर साक्षी खुश हुई और बाबाजी का जयकारा करती हुई आश्वस्त हो कर वापस लौट आई. लेकिन बाबाजी के टोटके से कोई लाभ न हुआ. पति की दूसरी औरत के प्रति आसक्ति भी वही रही और साक्षी के टोकने पर हिंसा भी जस की तस बनी रही. हां बाबा और उन के चेलों को सभी का रोजाना दर्शन लाभ अवश्य मिला.

आकर्षण की सीमा रेखा

किसी के प्रति आकर्षण होना एक अलग चीज है, लेकिन उस आकर्षण के चलते अपनी शादीशुदा जिंदगी को ताक पर रख देना बिलकुल गलत है. ऐसा नहीं कि शादी के बाद महिला या पुरुष इस बात के लिए प्रतिबंधित हो जाएंगे कि वे अपने साथी के अलावा न तो किसी को देखेंगे और न ही बात करेंगे.

शादी का अर्थ बंधन नहीं और न ही अपने साथी को किसी पिंजरे में रखना है. लेकिन अगर बात केवल देख कर तारीफ करने या बात करने से आगे बढ़ती है तो बेशक इसे गलत कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए.

हिंदू संस्कृति में सौतन से छुटकारा

मनुष्यों के रिश्तों में सब से महत्त्वपूर्ण है पतिपत्नी का रिश्ता जैसे इंसान स्वयं जोड़ता है. कभी अभिभावक जीवनसाथी चुनते हैं तो कभी हम खुद. दोनों ही स्थितियों में इस रिश्ते की गरिमा अनूठी और गरिमामई होती है. पुराने जमाने में पतियों को एक से अधिक पत्नी रखने की सामाजिक स्वीकृति प्राप्त थी. हिंदू समाज में पहली पत्नी का अपना स्थान होता था, लेकिन वहीं दूसरी औरत को हेय दृष्टि से न देख कर उसे भी पत्नी का स्थान प्राप्त हो जाता था.

किंतु हिंदू मैरिज ऐक्ट के आने से यह संभव नहीं है, इसलिए अब पहली पत्नी के होते हुए दूसरा विवाह करना संभव नहीं परंतु पराई स्त्री की ओर आकर्षण कैसे रोक सकता है कोई. ये सौतनों पतियों की दृष्टि में हमेशा से खटकती आई हैं. हिंदू शास्त्रों के अनुसार कामदेव की उपासना करने और उन के मंत्र जाप से पतिपत्नी में प्रेम बढ़ता है और सौतन से छुटकारा मिलता है. यहां पति को सौतन की कुदृष्टि से बचाने के लिए मंत्र भी है-

ॐ कामदेवाय: विद्मह्य: रति प्रियायौ धीमाहिं तन्नोह् अनंग: प्रचोदयात्. ऐसे ही कहा गया कि शुक्र मंत्र का जाप करने से भी सौतन से छुटकारा मिलता है और पतिपत्नी में प्रेम बढ़ता है.

ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय: नम:

टोनेटोटकों की दुनिया

सौतन से छुटकारा पाने के लिए टोनेटोटकों की कोई कमी नहीं है. चाहे आप औफलाइन जाएं या औनलाइन, टोटकों की भरमार आप को चकित कर देगी. ज्योतिसकथन साइट के उपेंद्र अग्रवाल पति वशीकरण का टोटका बताते हुए कहते हैं, ‘‘अगर आप अपने पति को वश में रखना चाहती हैं और आप को शक है कि आप का पति किसी अन्य स्त्री से प्रेम करता है तो शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को अपने शरीर के उस स्थान पर लौंग रखें जहां पसीना आता हो और फिर उस लौंग को सुखा कर रख लें और अपने पति को किसी तरह खिला दें. आप का पति आप के वश में आ जाएगा और आप के कहे अनुसार चलेगा.’’

पाखंडियों का पाखंड

अघोरी को इन वैबसाइट के अनुसार पति को अपने प्रति मोहित करने के लिए शुक्र मंत्र का जाप अचूक उपाय माना जाता है जिस के नियमित रूप से पाठ करने से पति सौतन को छोड़ कर अपनी पत्नी के प्रति कामासक्त हो उठेगा.

एक और वैबसाइट ‘पामशास्त्र’ कहती है कि सौतन से छुटकारा पाना हो तो साबूत पान के पत्ते पर चंदन तथा केसर का चूर्ण मिला कर अपने मस्तक पर तिलक लगाएं तथा पति या उन के चित्र के समक्ष जाएं. ये प्रयोग 43 दिनों तक करें तथा नित्य नयापत्ता लें जो कहीं से भी कटाफटा न हो. अंतिम दिन सभी पान के पत्तों को एकत्रित कर बहते पानी में बहा दें. आप में सम्मोहक शक्ति आ जाएगी.

बैंगलुरु की ऐस्ट्रोलौजर साइट के मोहम्मद अली खान का दूसरी औरत से छुटकारा पाने का टोटका मानें तो सिंदूर में डूबी हुई कलाई में पहने लायक काली डोरी अपने पति की जेब या पर्स में रखें. अगर आप के पति रखने से मना कर दे तो आप अपने शयनकक्ष के बैड के सिरहाने कहीं भी छिपा के रख दें. ऐसे ही पति को औफिस के लिए खाना जिस बरतन में देते है उस बरतन पर सिंदूर का छोटा सा निशान कर दें.

मगर इन टोनेटोटकों से कुछ नहीं होता. आप को ध्यान रखना होगा कि जिंदगी में इन नकारा, मन बहलाने के कामों से कुछ हासिल नहीं होता. जो कुछ होगा वह ठोस कदम उठाने से होगा, इसलिए इन बहकावों में आ कर अपनी जिंदगी के महत्त्वपूर्ण समय को व्यर्थ न गवाएं बल्कि सही समय पर उचित कदम उठा कर अपने जीवन को सही राह पर लाने का भरसक प्रयास करें.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कारण

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन अगर समय रहते उन कारणों को जान लिया जाए तो इस मुसीबत से पार पाया जा सकता है. ज्यादातर मामलों में ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर शादीशुदा जिंदगी में कलह होने की वजह से होते हैं, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है. कई बार घर वालों और समाज की वजह से कुछ लोगों की शादी बहुत कम उम्र में हो जाती है. ऐसे लोग जब जिंदगी के अगले पड़ाव पर पहुंचते हैं तो उन्हें यह लगने लगता है कि उन्होंने काफी कुछ मिस कर दिया है.

ऐसे में वे ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर कदम बढ़ाने लगते हैं. सैक्सुअल सैटिस्फैशन न मिलना भी एक प्रमुख कारण हो सकता है कि आप का साथी आप के अलावा किसी और के प्रति आकर्षित हो. कई मामलों में तो यह सब से बड़ी और एकमात्र वजह होती है. लेकिन कई बार कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन में अतिरिक्त संबंध बनाने की क्रेविंग होती है.

अपने साथी से संतुष्ट होने के बावजूद वे दूसरे के साथ संबंध बनाने के लिए आतुर रहते हैं. एक और बड़ी वजह है बच्चों का जन्म. मातापिता बनाने के बाद जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. पत्नी अकसर मां की भूमिका को प्राथमिकता देने लगती है और पति इधरउधर भटक जाता है.

अफेयर होने के चांस

दांपत्य विश्वासघात के प्रसिद्ध थेरैपिस्ट डा. स्काट हाल्जमन कहते हैं कि सोशल मीडिया और ई कम्यूनिकेशन के आ जाने से विश्वासघात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. कारण है नए लोगों से मुलाकातों के बढ़े हुए आयाम. कई लोगों से आप पहली बार नैट के जरीए मिल सकते हैं. और तो और पुराने जानकारों से व मित्रों से भी सोशल नैटवर्किंग साइट की मदद से आसानी से मिल सकते हैं, जिस से कई बार अफेयर होने के चांस बढ़ जाते हैं.

योगेश निजी कंपनी में ऊंचे ओहदे पर कार्यरत है. उस की सामाजिक छवि एक सफल गृहस्थ इंसान की है. किंतु उस की पत्नी पद्मा जानती है कि उस की भटकती हुई नजरें हर सामने आने वाली महिला पर बिखर जाती हैं. वो उस की इस आदत से काफी परेशान है. लेकिन हद तो तब हो गई जब योगेश का अफेयर उस के दफ्तर में कार्यरत एक महिला सहकर्मी से चल पड़ा.

धीरेधीरे वह उस महिला को घर लाने लगा. वह उसे घर लाता, अपने कमरे में ले जा कर दरवाजा अंदर से बंद कर लेता. पद्मा के पूछने पर कहता कि औफिस का कुछ खास काम है और उन दोनों को डिस्टर्ब न किया जाए.

जब यह सिलसिला बढ़ने लगा तो पद्मा ने इस पर आपत्ति जतानी शुरू की. लेकिन उस के मना करने पर योगेश उस पर हाथ उठाने लगा. पद्मा को आभास हो गया कि पानी सिर से ऊपर जा रहा है. आखिर ऐसे कब तक सहती वह.

यदि पतिपत्नी का संबंध तालमेल से चले तो जिंदगी एक सुमधुर गीत बन जाती है, परंतु ताल टूटते ही मेल भी बिखर कर रह जाता है और ऐसा अकसर तीसरे के कारण होता है जो दोनों के बीच आकर पूरा रिश्ता खराब कर देता है. पद्मा को एक परित्यक्ता का जीवन जीना स्वीकार नहीं था. उस ने ठोस कदम उठाने के बारे में सोचा.

परिवार को सम्मिलित किया

पद्मा ने पहले योगेश के और फिर जब बात नहीं बनी तो अपने परिवार को अपनी समस्या में सम्मिलित लिया. उस ने पारिवारिक मीटिंग बुलवाई और उन में योगेश के अफेयर और उस पर हाथ उठाने की बात को उठाया. वह इस शर्म से बाहर निकली कि समाज क्या कहेगा. उस ने अपने कुछ निकटतम दोस्तों और यहां तक कि योगेश के औफिस के बौस को भी ये बातें बताईं. योगश को अपनी छवि का बेहद खयाल था. अपनी छवि खराब होती देख उसे संभलना ही पड़ा. लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई. पद्मा ने इस प्रकरण के पीछे के असली कारणों को जानने की पूरी कोशिश की ताकि भविष्य में दोबारा ऐसा कभी न हो.

पहचानें असली कारणों को

एक अफेयर यों ही नहीं हो जाता. क्यों होता है? क्या कारण रहते हैं कि एक गृहस्थ पुरुष भटक जाता है? इस के पीछे छिपे कारण और असलियत जानने की कोशिश करनी चाहिए. अफेयर को नजरअंदाज करना ठीक वैसा ही होगा जैसे किसी चोटिल व्यक्ति को अस्पताल न ले जाना. देरसबेर चोट भले ही ठीक हो जाए पर उस का दर्द और निशान छूट ही जाएगा. भावनात्मक चोट भी शारीरिक चोट की तरह ही होती है.

यदि आप अपनी गृहस्थी बचाना चाहती हैं तो अफेयर का सामना करना, डट कर खड़े रहना और उस के वार के सामने अडिग रहना जरूरी है वरना कहीं ऐसा न हो कि एक अफेयर खत्म होने पर भी इस के पुन: आप के जीवन में आ कर आप को डराने की आशंका बनी रहे.

द्य सब से पहले तो पत्नी को अफेयर करने, अपनी पत्नी को धोखा देने और घरेलू हिंसा करने की जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी. वह मासूम सा बन कर या सारा दोष अपनी पत्नी पर मढ़ कर नहीं छूट सकता. जब अपनी गलती स्वीकारेगा, तभी तो सुधार की दिशा में कदम उठाएगा.

द्य अफेयर के पीछे कई कारण होते हैं. केवल पति को दोष देना भी ठीक नहीं. पत्नी को भी अपने अंदर ?ांकना होगा. हो सकता है कुछ ऐसे कारण दिखाई दे जाएं जिन की वजह से पति को शादी के बाहर भटकना पड़ गया.

द्य खुल कर आपसी बातचीत से हल निकाला जा सकता है. पतिपत्नी को एकदूसरे के प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश करनी चाहिए पर ध्यान रहे कि उत्तर ईमानदार हों.

द्य अपने अंदर के दर्द का सामना करें और जिस किसी चीज से आप को शांति मिले, वह करने का प्रयास करें.

काउंसलर की सहायता लें

डा. निशा खन्ना जोकि एक फैमिली काउंसलर हैं, कहती हैं कि जहां परिवार और दोस्त किसी एक पक्ष की तरफदारी कर सकते हैं, वहीं काउंसलर एक निष्पक्ष व्यक्ति होता है जो तटस्थ भाव से दोनों पक्षों की बात सुन कर बीच की राह ढूंढ़ने का प्रयास करता है. काउंसलर की कोशिश रहती है कि पतिपत्नी में आपसी कम्यूनिकेशन में सुधार हो और रिश्ते में जो दूरी आ गई है वह मिट सके.

सरलाजी के पति को उन के अफेयर के बारे में जब पता चला तो वे एकदम बिखर सी गईं. उन का विश्वास तारतार हो गया. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि महेंद्रजी उस के साथ विश्वासघात करेंगे. बात पुरानी हो चुकी थी. महेंद्रजी को अपनी गलती का एहसास हो गया था और प्रायश्चित्त के तौर पर उन्होंने स्वयं ही यह बात सरलाजी को बताई.

पहले तो सरलाजी इतना नाराज हुईं कि कई दिनों तक महेंद्रजी से कोई बातचीत नहीं की. लेकिन फिर उन के मन में यह विचार आया कि क्या 6 माह के अफेयर के लिए वे अपनी 30 साल की शादी तोड़ देंगी? क्या एक भूल सुधरी नहीं जा सकती? क्या वे इतने पुराने गृहस्थ जीवन को एक गलती की कसोटी पर तोल नहीं पाएंगी? उन्होंने अपनी शादीशुदा जिंदगी को चुना और एक भूल को माफ  करने में ही सम?ादारी सम?ा.

ऐक्सट्रा मैरिटल अफेयर और घरेलू हिंसा

‘जर्नल औफ मैरिज ऐंड फैमिली’ के एक आलेख ‘वायलैंस पोटैंशियल इन ऐक्सट्रा मैरिटल रिस्पौंस’ के लेखक राबर्ट वाइटहर्स्ट की मानें तो ऐक्सट्रा मैरिटल सैक्स के कारण ही घरेलू हिंसा होती है. जब बात मारपीट पर उतर आए तो इसे हलके में नहीं लेना चाहिए. कोई भी पत्नी यह सह नहीं सकती कि उस का पति किसी और स्त्री के चक्कर में पड़ जाए. किंतु यदि विरोध करने से बात बिगड़ने लगे तो इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा. यदि पति मारपीट न छोड़े तो पुलिस में जाने से भी नहीं हिचकना चाहिए.

ऐसी कितनी ही महिलाएं होंगी जिन के पति उन के साथ विश्वासघात करते हैं. यह बात बेहद उदासीन है, लेकिन सच है. मगर एक बात यह भी सच है कि हर किसी के जीवन में कोई न कोई कमी, कोई न कोई दुख होता है. कोई बीमारी से ग्रस्त होता है तो कोई जीवनसाथी के अभाव से. इस संसार मेंकौन है जो किसी भी दुखदर्द से वंचित है.

यदि आप का पति पराई स्त्री के रूपयौवन के पीछे दीवाना हो जाए तो आप की खुशियों को ग्रहण लग जाना स्वाभाविक है. ऐसे में कोई भी चीज आप को सुख नहीं देती, किंतु फिर भी इस कठिन समय से बाहर निकलना जरूरी है.

इसलिए जो कुछ भी संभव हो वह प्रयास करें और स्वयं को तथा अपने साथी को इस समस्या से उबारने की भरसक कोशिश करें ताकि भविष्य में आने वाली खुशियां आप का द्वार खटखटाएं और तब आप सोचें कि हम दोनों ने कितना अच्छा किया जो समय से चेत गए और सही राह चुन ली.

Makar Sankranti 2023: सर्दियों में बनाएं टेस्टी और हेल्दी तिल-गुड़ के लड्डू

सर्दियाँ का मौसम आ चुका है और ये मौसम खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए वैसे भी खास होता है.पर इस मौसम में कई लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहते हैं और स्वास्थ्यवर्धक खान-पान को अपनाते है . लेकिन अगर आपको स्वाद के साथ स्वास्थ्य भी मिल जाए तो क्या कहने. क्योंकि स्वस्थ खाने का मतलब हर बार अपने स्वाद से समझौता करना नहीं होता .
इसलिए आज हम बनाएँगे स्वादिष्ट तिल और गुड के लड्डू . ये लड्डू सर्दियों के लिए एक अच्छा वार्मिंग स्वीट स्नैक हैं और इनका स्‍वाद दिल को छू लेने वाला होता है और इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है की ये यह गुड़ के साथ तैयार किए जाते है . मूल रूप से गुड़ की मिठास चीनी की तुलना में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत बेहतर होती है.
वैसे तो दुकानों पर तिल से बने लड्डू, चिक्‍की, गजक, रेवड़ी, आदि बिकना शुरु हो गए हैं. लेकिन अगर आप इन्हे घर पर ही बनाएँगे तो ये आपके लिए हेल्दी होने के साथ-साथ किफ़ायती भी होंगे.
तो चलिये जानते है की तिल के लड्डू कैसे बनाए-

कितने लड्डू बनेंगे – 20 (लड्डू की क्वान्टिटी इनके साइज़ पर निर्भर है)
कितना समय-20 से 25 मिनट

हमें चाहिए-

तिल – 250 ग्राम
गुड़ – 250 ग्राम
घी – 2 छोटी चम्मच

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले तिल को अच्छी तरह साफ कर लीजिये. अब एक कढ़ाई में तिल को डालकर करीब 7 से 8 मिनट तक भूनिए.

(ध्यान रहे: तिल बहुत जल्द जल जाते है ,इसलिए इन्हे ज्यादा तेज़ आंच पर मत भूने )

2-अब भुने हुए तिल को एक प्लेट में निकालकर थोड़ा सा ठंडा कर लीजिए.

3-अब गुड़ को या तो कद्दूकश की सहायता से घिस लीजिये या बारीक -बारीक टुकड़ों में तोड़ लीजिये.
(इससे गुड जल्दी पिघलेगा और चाशनी जल्दी तैयार होगी)

4-अब गुड की चाशनी बनाने के लिए एक कढ़ाई में एक चम्मच घी डालकर गरम कीजिये.
(घी डालने से लड्डू सख्त नहीं होंगे और लड्डुओं मे शाइन भी रहेगी.)

5-अब कढ़ाई में गुड़ को डाल कर पिघला लीजिये . जब गुड़ अच्छे से पिघल जाए तब गॅस को बंद कर दीजिये. याद रखे चाशनी को ज्यादा भी नहीं पकाना है वरना लड्डू बहुत सख्त हो जाएंगे.

(चाशनी चेक करने के लिए पिघले हुए गुड की 2 से 3 बूंदे एक कप ठंडे पानी मे डाल कर देखिये ,अगर वो घुलता नहीं है तो समझ लीजिये की चाशनी तैयार है)

6-चाशनी के थोड़ा ठंडा होने के बाद इसमें भुने हुये तिल अच्छी तरह मिलाइये. आप चाहे तो आप इसमे काजू ,बादाम या इलाइची का पाउडर भी मिक्स कर सकते है.
(ध्यान रहे: चाशनी ज्यादा ठंडी भी न हो वरना लड्डू बांधने मे दिक्कत होगी)

7-गुड़ तिल के लड्डू बनाने का मिश्रण तैयार है. इसे कढ़ाई से एक प्लेट में निकाल लीजिए और जरा सा ठंडा होने दीजिए.

8-अब लड्डू बांधने के लिए हथेली में थोड़ा सा घी या पानी लगाकर चिकना कीजिये,अब चम्मच से हाथ पर थोड़ा- थोड़ा मिश्रण लेकर गोल -गोल लड्डू बना लीजिये.
(ध्यान रहे: लड्डू गरम मिश्रण से ही बनाने पड़ते हैं, मिश्रण ठंडा होने पर जमने लगता है और लड्डू बनाना मुश्किल होता है).

9-गोल लड्डू बनाकर एक प्लेट में रख लीजिये.तिल गुड़ के लड्डू तैयार हैं.

10-तैयार लड्डू को 4-5 घंटे खुले में रख दीजिये, 4 से 5 घंटे बाद एअर टाइट कन्टेनर में भर कर रख लीजिये .
(इनकी सबसे बड़ी खासियत ये है की ये जल्दी खराब नहीं होते)

चेहरे के अनुसार ज्वैलरी कैसे चुनें, जाने यहां

आभूषण हर महिला का श्रृंगार होता है, जिसके बिना उनका श्रृंगार अधूरा माना जाता है. हर युग में महिला गहने के बिना अधूरी मानी गई है. यही वजह है कि बदलते युग में भी जवेलरी का प्रयोग नई तरीके से की जाती है. फिर चाहे सोना, चाँदी हो या डायमंड हर प्रकार की ज्वेलरी को डिज़ाइनर नए-नए और एलीगेंट लुक देने की लगातार कोशिश करते रहते है, लेकिन वह किसी महिला को तभी सूट करता है, जब उन्होंने अपने चेहरे के अनुसार गहने पहने  हो.

देखा जाय तो हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियाँ भी अपने चेहरे के अनुसार ही गहने पहनती है, जो उनके स्टाइलिश द्वारा जांच परखने के बाद उन्हें पहनने के लिए दिया सुझाव दिया जाता है, लेकिन दैनिक जीवन में महिलाएं इस पर कम ध्यान देती है और आँखों को भानेवाली गहने खरीद कर वे इसे पहन नहीं पाती, क्योंकि उसे पहनने पर उनका लुक सही नहीं हो पाता.

अभिनेत्रियों की पसंद

ट्रेडीशनल पोशाक पसंद करने वाली अभिनेत्री विद्या बालन ने झुमके की क्रेज के बारें में बताया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें झुमके  पसंद हैं कि वो इन्हें खरीदने का एक मौका भी नहीं छोड़ती हैं. उन्होंने ट्रेन में बिकने वाले 5 रूपये के सस्ते झुमकों को भी खरीदकर पहना है. विद्या बालन खुद को पारंपरिक गहनों की  बहुत बड़ी प्रशंसक हैं.

सोनम कपूर अक्सर अपने स्टाइल के साथ एक्सपेरिमेंट करती हैं और उनका यह लुक सभी को पसंद भी है. उन्हें भी गहनों का खास शौक है, गहने चाहे महंगे हो या कम दाम, ड्रेस के साथ मैच करती हुई पहनती है. ट्रेडिशनल ड्रेस हो या वेस्टर्न, गहने हर पहनावे में होने की जरुरत को मानती है. अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को बहुत ही ट्रेंडी गहने पहनना पसंद है. उन्हें अधिकतर लंबी और लटकती हुई इयररिंग पहने देखा जा सकता है, क्योंकि उनका चेहरा लम्बा है.

इस बारें में कृष्णा ज्वेलरी एक्सपर्ट पराग शाह कहते है कि चेहरा व्यक्ति के व्यक्तित्व का आइना होता है, सही आभूषण सुन्दरता को अधिक बढाती है, इसलिए भारी भरकम गहने से अधिक एलीगेंट लुक वाले गहने आज के यूथ की पसंद होती है और यही ट्रेंड है. इसलिए जब भी कोई महिला मेरे पास आती है तो उसे मैं चेहरे के अनुरूप ही गहने खरीदने की सलाह देता हूँ. इतना ही नहीं कई बार ऐसा देखा जाता है कि गहनों का चयन चेहरे के अनुसार नहीं किये जाने पर, पूरा चेहरा ही बदल जाता है, ऐसे में क्या करें? कैसे जाने, चेहरे के अनुसार कैसी ज्वेलरी पहनी जानी चाहिए, ताकि सबकी नजर आप पर ठहर जाय, आइये जाने .

ओवल फेस

ओवल फेस की सबसे अच्छी बात यह है कि ये महिलाएं किसी भी लम्बाई और स्टाइल के नेकलेस पहन सकती  हैं. इसी तरह ओवल या टियरड्रॉप डिज़ाइन वाले राउंड नेकलेस जो कि आपके चेहरे के आकार की नकल करते हैं,  एक बेहतरीन विकल्प माना जाता हैं. वंही ज्योमेट्रिकल पेंडेंट के साथ शॉर्ट नेकलेस मिनिमलिस्टिक लुक के लिए काफी शानदार होते हैं. लुक को परफेक्ट बनाने के लिए  स्टडेड इयररिंग्स या वाइड इयररिंग्स की मैचिंग काफी अच्छी लुक देती है.

लॉन्ग फेसेस

लॉन्ग फेसेस में माथे से चिन तक की लंबाई अधिक होती है, जो कि उन्हें ओवल फेसेस से काफी अलग बनाती है. इस तरह के चेहरों के लिए एक सरल  तरकीब यह है कि चेहरे की लंबाई को कम करते हुए ज्वैलरी  को चुनना, जो चेहरे की चौड़ाई पर अधिक बल देती हो. चौड़े चेहरे पर इम्प्रैशन देने के लिए गर्दन पर ऊंचे चंकियर नेक पीस का चुनाव  एक सही विकल्प है. ऐसे चेहरे के लिए फुल चोकर सेट भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके अलावा शैंडलियर इयररिंग्स लुक को कंप्लीट करने के लिए सबसे बेस्ट हैं. फ्लोरल डिज़ाइन भी इस प्रकार के चेहरे के लिए सबसे बेहतरीन होते हैं.

हार्ट शेप फेसेस

चेहरे अक्सर शॉर्टर, पॉइंटेड चिन वाले होते है और  चेहरे का ऊपरी आधा भाग चौड़ा होता है. इस तरह के चेहरे  के लिए किसी भी प्रकार की ज्वेलरी  को चुनने का सबसे सही तरीका है, माथे की चौड़ाई को कम करने और वाइडर जॉलाइन का इम्प्रैशन पैदा करने वाले नैक पीस और उसी के अनुसार इयर रिंग, इसमें लॉन्ग, वी शेप नेकलेस  चिन को हाईलाइट करते है,  इसलिए, लॉन्ग नेकलेस के बजाय, शार्ट नेकलेस,  कर्व और राउंड , गर्दन के चारों ओर कम्पलीट लुक देते है और माथे की चौड़ाई को संतुलित करने में भी मदद करते है. लेयर्ड नेकलेस भी एक बेहतरीन पीस है और यदि पेंडेंट के लिए उत्सुक हैं, तो एक अडजस्टेबल चेन के साथ इसे चुनें, ताकि  इसे  गले में जितना संभव हो उतना छोटा रख सकें. इसके अलावा टियरड्रॉप इयररिंग्स भी निश्चित रूप से लुक को और अधिक निखार देती है.

राउंड फेसेस

राउंड फेसेस ओवल फेसेस की तुलना में एक खास अनुपात में होते है,  राउंड फोरहेड और जॉलाइन चेहरे की खूबसूरती को अधिक बढाती है.  एंगुलर या शार्प  स्टोन ज्वैलरी का चयन  लुक में कुछ शार्पनेस लाने में मदद कर सकता है.  लंबे पेंडेंट और नेकलेस जो  कॉलरबोन के नीचे वी शेप बनाते हैं,  राउंड  चेहरे वालों को सुंदर लगते है. राउंड फेस वालों को चंकियर और चोकर नेकलेस पहनने से बचना चाहिए.  चेहरे के अनुसार उन्हें कंट्रास्ट के लिए चौकोर एवं आयताकार वाले नेकलेस का चुनाव करना बेहतर होता है.

स्क्वेर फेसेस

स्क्वाय चेहरे वालों के माथे, गाल और जॉलाइन  समान चौड़ाई की होती है,  माथे से लेकर चिन तक की ऊंचाई भी चेहरे की चौड़ाई के समान ही होती है. स्क्वेर फेसेस को स्टोंस की ज्वेलरी चुनना सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि ये चेहरे के शार्प एजेस को कम करते हुए होते है. इसके लिए शार्प ज्योमेट्रिक डिजाइनों से बचना सबसे बेहतर होता है,  क्योंकि ये चेहरे की स्क्वायर को कम करने के बजाय उनमे शार्पनेस को जोड़ता है. टैसल जैसे आकर्षक कॉम्पोनेन्ट के साथ लॉन्ग वर्टिकल नेकलेस, स्क्वेर फेसेस के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प हैं. लॉन्ग नेकलेस चुनने से चेहरा लंबा दिखता है और चेहरे की सॉफ्टनेस भी झलकती है.  लंबे इयररिंग्स ऐसे चेहरे वालों के लिए सही होता है.

पीयरशेप्ड फेसेस

इसमें चौड़ी चिन तथा नैरो माथा होता है,  ऐसे में वैसी ज्वैलरी का चयन करना चाहिए, जो समान अनुपात में  संतुलन बनाने के लिए जॉलाइन और चिकबोन्स की चौड़ाई को कम करती हुई  हों. मिक्स्ड -लंबाई की चेन, नेकलेस और पेंडेंट चुनाव करने पर महिला खास बन जाती है और उनके चेहरे से किसी की निगाह का हटना मुश्किल होता है.

सर्दियों मे ड्राइ स्किन के साथ रंग काला हो जाता है, कैसे ठीक होगा कोई घरेलू उपाय ?

सवाल –

मैं सर्दियों में ड्राई स्किन के साथ रंग के काला पड़ने से हमेशा परेशान रहती हूं. क्या कोई ऐसा घरेलू उपाय है जिसे अपना कर मेरी स्किन सर्दियों में भी ग्लो कर सके?

जवाब

अगर आप त्वचा को मौइस्चराइज रखने के साथसाथ उस का रंग भी निखारना चाहती हैंतो यह मौइस्चराइजर आप के लिए बैस्ट है. इसे बनाना भी आसान है. इस में विटामिन ई का प्रयोग किया जाता हैजिस से त्वचा को पोषण मिलता है.

इसे बनाने के लिए आप को 1/2 कप और्गेनिक कोकोनट औयल1 चम्मच विटामिन ई औयल या 3 विटामिन ई के कैप्सूल लें.एक कटोरी में नारियल के तेल को धीमी आंच पर पिघलाएं. फिर उस में विटामिन ई कैप्सूल फोड़ कर डालें और चम्मच से अच्छी तरह मिलाएं. इस मौइस्चराजर का प्रयोग दिन में 2 बार करें.

सर्दियों में दिल का ख्याल रखें कुछ ऐसे

सर्दियों का मौसम सभी के लिए बड़ा सुहावना होता  है और हो भी क्यों न, क्योकि इस सुहाने  मौसम में हर किसी के लिए कुछ न कुछ त्योहार होता है और इस दौरान हम सभी अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों के साथ मिलकर समय बिताते हैं और खुलकर जश्न मनाते है, लेकिन सर्दियों में व्यक्ति की दिनचर्या भी थोड़ी सिमित भी हो जाती है, इससे स्वास्थ्य पर इसका असर दिखता है और ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, क्योंकि वर्कआउट कम हो जाता है. सर्दियाँ हमारे दिल को कमजोर  बना देती है, लेकिन थोडा ध्यान इसे तंदुरुस्त बना सकती है.

ठण्ड  के महीनों में लोगों में दिल की बीमारियों और स्ट्रोक की वजह से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दिखाई देती  है. सेहतमंद जीवन-शैली को अपनाकर दिल की किसी भी बीमारी से बचा जा सकता है. इस वजह से समय-समय पर जाँच कराना और डॉक्टर्स से सलाह लेना बेहद जरुरी होता है, ताकि इन बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगाया जा सके और सही समय पर उनका इलाज किया जा सके.

इस बारें में न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के डॉ. विज्ञान मिश्रा कहते है कि कई अध्ययनों के नतीजे बताते हैं कि, गर्मियों की तुलना में सर्दियों में होने वाला हार्ट-अटैक जानलेवा साबित हो सकता है, जिसके कुछ ख़ास समय होते है मसलन सर्दियों के मौसम में सुबह के समय और एन्जाइना, दिल के दौरे और दिल से जुड़ी दूसरी बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है.

रिस्क फैक्टर है क्या

  • ठंड की वजह से ब्लड वेसल्स (धमनियाँ) सिकुड़ जाती हैं. इससे ब्लड-प्रेशर (रक्तचाप) बढ़ जाता है, जो दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे का कारण बन सकता है.
  • सर्दियों में ठंड की वजह से कोरोनरी धमनियों के सिकुड़ने के कारण एन्जाइना या कोरोनरी हृदय रोग के चलते सीने में दर्द के मामले बढ़ जाते हैं और कई बार स्थिति काफी बिगड़ सकती है.
  • सर्दियों में शरीर के तापमान को एक-समान बनाए रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. सर्दियों में शरीर का तापमान बड़ी तेजी से घटता है, और सर्द हवाओं की वजह से परेशानी अधिक बढ़ सकती है.
  • हाइपोथर्मिया (ऐसी अवस्था, जिसमें शरीर का तापमान काफी गिर जाता है) होने पर अगर आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से कम हो जाए, तो आपके दिल की मांसपेशियों को काफी नुकसान हो सकता है.

शारीरिक गतिविधियों में कमी

डॉ. विज्ञान आगे कहते है कि सर्दियों के मौसम में ठंड भरे माहौल की वजह से हमें बार-बार सुस्ती का एहसास होता है और कहीं बाहर जाने की हमारी इच्छा खत्म हो जाती है. कंबल ओढ़कर या आग के पास न बैठकर, व्यायाम करना फायदेमंद हो सकता है, जिससे हृदय का ब्लड सर्कुलेशन सही बनी रहे.

मिठाइयों और जंकफूड का अधिक सेवन से बढ़ता है खतरा

सर्दियों में हम सभी को ज्यादा भूख लगती है, जिसकी वजह से खाने-पीने पर  ध्यान देते हैं और हमारी खुराक भी बढ़ सकती है. यह जरूरी नहीं है कि हमारे खान-पान की सभी चीजें सेहत के लिए फायदेमंद हों, बहुत अधिक फैट (वसा) वाले भोजन तथा मीठी चीजों के सेवन की वजह से वजन बढ़ सकता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएँ भी बढ़ जाती हैं.

सबसे अधिक खतरा किसे

  • खतरे की संभावना बढ़ाने वाली कई चीजें होती हैं, जो दिल की बीमारी होने के जोखिम को बढ़ा देती हैं. उम्र बढ़ना और परिवार में पीढ़ी-दर-पीढ़ी दिल की बीमारी की समस्या, दो ऐसे जोखिम हैं, जिन्हें चाहकर भी बदलना संभव नहीं होता.
  • महिलाओं में 55 साल की उम्र और पुरुषों में 45 साल की उम्र के आसपास दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा परिवार के निकट सदस्यों में किसी को भी पहले से दिल की बीमारी है, तो शायद आप भी इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं.
  • वंशानुगत समस्या की वजह से दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन आज की दिनचर्या की खराब आदतों का भी इस पर काफी बुरा असर पड़ता है.

कुछ बदलाव लाये जीवन में

दिनचर्या से जुड़ी कुछ खराब आदते निम्न है, जो सेहत को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों का कारण बन सकती हैं,

  • एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठकर काम करने की आदत,
  • पर्याप्त व्यायाम नहीं करना,
  • फैट (वसा), प्रोटीन, ट्रांस-फैट, मीठी चीजों तथा सोडियम से भरपूर आहार का सेवन करना,
  • धूम्रपान और अत्यधिक नशा करना,
  • तनाव को कम करने के लिए असरदार तकनीकों का उपयोग किए बिना तनावपूर्ण माहौल में काम करना जारी रखना,
  • अनियंत्रित डायबिटीज का होना आदि कई है.

जांच कैसे करें

कुछ टेस्ट निम्न है, जिसकी जानकारी होना आवशयक है. 

जीनोमिक टेस्टिंग:

जेनेटिक टेस्ट, यानी आनुवंशिक जाँच प्रक्रिया में कार्डियो जीनोमिक प्रोफाइल शामिल है, जिसे “हार्ट हेल्थ” प्रोफाइल भी कहा जाता है. इस तरह के परीक्षण में आनुवंशिक तौर पर होने वाले परिवर्तन की जाँच की जाती है, जो इस बीमारी के उच्च जोखिम से जुड़ी होने की प्रतिशत का पता लगा सकती है और इसके जरिए कार्डियोवस्कुलर डिजीज होने की संभावना का भी पता लगाया जाता है.  इन परीक्षणों का उद्देश्य किसी व्यक्ति को हृदय रोग होने की संभावना के बारे में जानना होता है.

आजकल कार्डियो जीनोमिक प्रोफाइल की मदद से लोगों के हृदय रोग, खास तौर पर दिल का दौरा या स्ट्रोक होने के जोखिम का अनुमान लगाया जाता है.

खून और पेशाब की जाँच

जाँच के नतीजों में लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) के उच्च स्तर जैसी कई बातों से दिल की बीमारी के बढ़ते जोखिम का संकेत मिलता है. दिल की बीमारियों के साथ-साथ रक्त वाहिका (ब्लड वेसल्स) संबंधी रोग की संभावना का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून और पेशाब की जाँच कराने की सलाह दे सकते है. सेहत की देखभाल करने वाली डॉक्टरों की टीम जाँच के नतीजों और पहले कराए गए उपचार की जानकारी के आधार पर  इलाज की सबसे बेहतर योजना तैयार करती है.

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) बेहद कम समय में पूरी होने वाली जाँच प्रक्रिया है, जिसमें कोई दर्द नहीं होता है, जिसकी मदद से दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी और धड़कन की लय की जाँच की जाती है. दिल हर बार धड़कने पर जो इलेक्ट्रिकल संकेत देता है, उसे त्वचा से चिपके सेंसर द्वारा ग्रहण किया जाता है. फिर एक मशीन इन संकेतों को रिकॉर्ड करती है, जिसे देखकर डॉक्टर यह पता लगाता है कि उन संकेतों में कुछ विषमता है या नहीं.

स्ट्रेस टेस्ट

स्ट्रेस टेस्ट को सामान्य तौर पर ट्रेडमिल या एक्सरसाइज टेस्ट भी कहा जाता है, जिसकी मदद से यह पता लगाया जाता है कि हृदय किसी तनाव को कितने असरदार तरीके से सहन कर सकता है. इस जाँच के नतीजे से यह मालूम होता है कि दिल की धमनियों में खून के प्रवाह में कमी है या नहीं. इससे डॉक्टरों को मरीज के लिए सबसे उचित व्यायाम और उसकी तीव्रता निर्धारित करने में भी मदद मिलती है.

Valentine’s Special: सुर बदले धड़कनों के- भाग 1

लेखक- जितेंद्र मोहन भटनागर

इसबार जब गरमी की छुट्टियों में तान्या अपनी मम्मी के साथ नानी के घर रुड़की आई तो उन्हीं दिनों उस के बड़े मामामामी भी छुट्टी ले कर आए हुए थे, इसलिए उन के साथ घूमनेफिरने और बातों में ही सारा समय बीत गया.

छुट्यिं खत्म हुईं तो दिल्ली तक तान्या के बड़े मामा निकुंज और मामी शिवाली उन्हें अपनी कार से दिल्ली एअरपोर्ट छोड़ने आए. दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट के टाइम से 2 घंटे पहले वे पहुंच गए.

मम्मी के साथ एअरपोर्ट में प्रवेश से पहले तान्या मामी से गले मिलते हुए बोली, ‘‘देखो मामी मेरी हाइट आप के बराबर हो गई है, मुझे मामा जैसी हाइट पकड़नी है.’’

‘‘मामा तो 6 फुट के हैं और मैं उन से केवल 4 इंच छोटी हूं तेरी मम्मी की और मेरी हाइट लगभग बराबर है. तुझे पता है हम जैसी लंबी हाइट की लड़कियों को शादी के लिए लड़के बड़ी मुश्किल से मिलते हैं. तू 6 फुट की हो जाएगी तो हम सब के लिए लड़का ढूंढ़ना मुश्किल हो जाएगा.’’

‘‘मामी एक बात बताओ, नानी को, मम्मी को और आप को भी, मेरी शादी की इतनी फिक्र क्यों रहती है? मैं ने अभी तो एमएससी एविएशन पूरा किया है और अब मैं ऐविशन अफसर बनने का एडवांस कोर्स कर रही हूं. मुझे हर हालत में अपना सपना पूरा करना है और आर्मी जौइन करनी है.’’

‘‘ठीक है तेरी पढ़ाई कौन रोक रहा है तू जितना चाहती है पढ़ ले. पायलट अफसर भी बन जा पर एक समय तो आएगा जब तेरा मन किसी को लाइफपार्टनर बनाना चाहेगा… आर्मी जौइन कर भी लेगी तो शादी तो तेरी हमें करनी ही है… तेरी मामी यह कहना चाह रही है.’’ मामा ने मुसकराते हुए तान्या का समझना चाहा.

अपने पर्स से चैकिंग हेतु, एअर टिकट निकालते हुए तान्या बोली, ‘‘मामा, आप मामी की बात छोड़ो, आप तो मिलिटरी में कैप्टन हो आप बताओ आप क्या चाहते हो? क्या मैं अपना विजन बदल दूं? शादी की सोचने लगूं?’’

‘‘अब तू बड़ी हो गई है… हम सब की एक ही तो लाडली है, इसलिए हम सब हमेशा तेरे अच्छे के लिए ही सोचते हैं,’’ कहते हुए मामा ने तान्या को गले से लगा लिया.

समय हो रहा था. मामामामी को बायबाय करते हुए तान्या ने अपनी मम्मी के साथ एअरपोर्ट के अंदर प्रवेश किया. लगेज चैक इन के बाद अपने बोर्डिंग पास ले कर दोनों वेटिंग लाउंज में डिसप्ले बोर्ड के सामने सीट पर बैठ गए.

बैठते ही तान्या बोली, ‘‘मम्मा, काश हमारे रेलवे प्लेटफौर्म भी इतने नीट ऐंड क्लीन होते?’’

‘‘एक दिन वह भी आ जाएगा बेटी…’’ मां ने बड़ी तसल्ली से कहा.

पता नहीं कब आएगा वह दिन,’’ तान्या मन ही मन बुदबुदाई.

इंडिगो फ्लाइट नंबर 232 ए की उड़ान के लिए गेट नंबर 2 से ऐरोप्लेन में ऐंट्री शुरू हो गई थी.

मां के साथ चलती हुई तान्या ने ऐरोप्लेन के भीतर अपनी निर्धारित सीटों के पास पहुंच कर नंबर देखने के बाद मां को विंडो वाली सीट पर बैठा दिया.

वह जानती थी कि 3 सीटों में से विंडो वाली सीट किसी और को ऐलौट है और मां को

विंडो सीट ही पसंद है, इसलिए उस ने मां को विंडो सीट पर बैठा दिया और खुद बीच वाली सीट पर बैठ गई. उस ने सोच लिया था कि जो भी तीसरी सीट पर आएगा उस से रिक्वैस्ट कर लेगी कि वह किनारे वाली सीट पर बैठ जाए.

तभी स्मार्ट, 6 फुट हाइट के बेहद आकर्षक तथा हैंडसम लड़के ने किनारे वाली खाली सीट के पास रुक कर पहले तो ऊपर के कैबिन में अपना हैंडबैग रखा, फिर एक नजर सीट नंबर पर डाली और बारीबारी से तान्या और उस की मम्मी को देखने के बाद अपनी उंगली से तान्या की मम्मी को इंगित करते हुए बुदबुदाया, ‘‘मम्मी ऐंड डौटर.’’

उस की बुदबुदाहट सुन कर तान्या बोल पड़ी, ‘‘यस शी इज माई मौम अनिला, ऐंड माइसैल्फ तान्या.

‘‘तान्या, लैट मी गो टु माई अलौटेड सीट,’’ कहते हुए अनिला उठने को हुई तभी तान्या ने उन्हें बैठे रहने का इशारा कर के उस हैंडसम से कहा, ‘‘आई फील ग्लैड इफ यू कैन एडजस्ट…’’

तान्या की बात पूरी होने से पहले ही वह बोला, ‘‘लैट हर सिट औन दैट सीट तान्या,’’ इतना कह कर वह किनारे वाली सीट पर बैठ गया और बीच वाली सीट पर बैठी तान्या से बोला, ‘‘आई एम डाक्टर नितिन.’’

‘‘ओह नाइस, आर यू बिलौंग्स टु मुंबई.’’

‘‘नहीं मैं दिल्ली का रहने वाला हूं. मुंबई के नानावटी हौस्पिटल में इंटर्नशिप कर रहा हूं, मां संसार में हैं नहीं, डैडी की तबीयत बिगड़ जाने के कारण 1 हफ्ते की छुट्टी ले कर दिल्ली गया था पर तीसरे ही दिन लौटना पड़ा.’’

‘‘क्यों?’’

‘‘क्योंकि यह लास्ट फ्लाइट है. कोविड 19 के प्रकोप के कारण आज रात 12 बजे से सारी ट्रेन्स, फ्लाइट्स, इंटर स्टेट बसेज सब की गतिविधियां बंद हो रही हैं. पूरी कंट्री में आज रात 12 बजे से कंप्लीट लौकडाउन लगा दिया गया है.

‘‘मेरी छुट्टियां भी कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुए कैंसिल कर दी गई हैं.’’

तान्या अब तक चुप थी. अचानक पूछ बैठी, ‘‘न्यूज मैं भी सुन रही थी डाक्टर, पर यह वायरस क्या इतना गंभीर है कि कंप्लीट लौकडाउन लगाना और ट्रैवलिंग तथा मूवमैंट रोक देना जरूरी था क्या?’’

‘‘हां बीमारी स्प्रैड न हो, इसलिए स्टैप तो सही है, लेकिन कितना सफल रहेगा यह आने वाला समय ही बताएगा…’’

तभी यात्रियों से अपनीअपनी सीट बेल्ट बांध लेने का अनुरोध हुआ, साथ ही एअर होस्टेज ने आवश्यक निर्देशों का प्रैक्टिकल डिस्प्ले कर के बताया और उस के बाद उस फ्लाइट ने कुछ देर रनवे पर दौड़ने के बाद उड़ान भरी. कैबिन कू्र के ऐनाउंसमैंट से पता चला कि कुल 1 घंटे 55 मिनट का दिल्ली से मुंबई तक का सफर है.

फ्लाइट ने ठीक 19:20 पर टेक औन किया. आसमान में पहुंच कर ऐरोप्लेन के एक लेबल पर आने के बाद सीट बैल्ट खोलने की इंस्ट्रंक्शन दे दी गई. रिलैक्स हो कर बैठने के बाद तान्या ने 2-3 बार मुंह घुमा कर डाक्टर नितिन की तरफ देखा. वह कानों में इयर प्लग लगाए संगीत सुनने में व्यस्त हो गया था.

हृष्टपुष्ट शरीर का मालिक, चेहरे पर तेज, निश्चिंत चेहरा, बड़ी आंखें, चौड़ा माथा, घुंघराले बाल, डैनिम की शर्ट और पैंट पहने, आंखों पर महंगा चश्मा पहने एक प्रभावशाली व्यक्तित्त्व डाक्टर नितिन.

तान्या सोचने लगी कि हौस्पिटल में सफेद कोट पहने वह कैसा लगता होगा. उस ने पहली बार एक अच्छी हाइट वाले स्मार्ट और यंग डाक्टर को देखा था. अभी इंटर्नशिप कर रहा है तो शादी तो हुई नहीं होगी हां यह हो सकता है कि अपने साथ पढ़ने वाली किसी लेडी डाक्टर से उस का अफेयर हो.

सच तो यह था कि जीवन में पहली बार तान्या को महसूस हुआ कि उस के दिल की धड़कनों के सुर बदल गए हैं. अगर कभी उस का मन शादी को राजी होगा तो ऐसा ही लड़का वह चाहेगी.

वह अपने साथ उस को ले कर पेयर मैचिंग करने लगी. उसे लगा मामी सही तो कहती हैं कि लंबे लड़के बड़ी मुश्किल से मिलते हैं. इस उड़ान के साथसाथ वह अपना कल्पना की भी उड़ान भरने लगी.

मगर तान्या के विचारों से बेखबर नितिन कानों में इयर प्लग ठूंसे आंखें बंद कर के संगीत सुनने में व्यस्त था.

कहते हैं कि जब अपने को बहुत आकर्षक समझने वाली किसी खूबसूरत लड़की की तरफ स्मार्ट और हैंडसम दिखने वाला लड़का कोई विशेष तवज्जो नहीं देता है तो उस लड़की के अहं को ठेस सी लगती है.

उस ने वहां से ध्यान हटा कर दूसरी तरफ लगाना चाहा. अनिला तो चाहे ट्रेन हो या फ्लाइट, हमेशा की तरह गति पकड़ते ही नींद के झेंके लेने लगी थीं. इसीलिए उन्हें किनारे की विंडो वाली सीट पसंद थी.

एक दिन वह भी पायलट सीट पर बैठ कर इस से भी तेज गति से फाइटर प्लेन

चलाएगी. उस का ध्यान अपने सहपाठी तेजस की तरफ चला गया. उस का किसी से कंपीटिशन था तो तेजस से. क्लास में वही उस से 1 इंच ऊंची हाइट का था. अपने को उस ने ऊंची हाइट का दिखने के लिए 2 इंच ऊंची हील के सैंडल या चप्पलें पहनती थी.

तेजस के बुद्धिकौशल की वे कायल थी. अपने मन को पूरे नियंत्रण में रखते हुए वह उस से बातें तो खूब घुलमिल कर करती थी, पर कभी सीमा पार करने की हिम्मत न कर सके, ऐसा तान्या ने अपना स्वभाव बना रखा था.

इसीलिए उस के सहपाठी जो अपना दिल उसे देना तो चाहते थे पर देने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. उन्होंने तान्या को बंद किताब की उपमा दे रखी थी. एक ऐसी किताब जिसे केवल तान्या ही खोल सकती थी.

एक बार तान्या ने ऐविएशन के एडवांस कोर्स की क्लास में अपने करीब बैठे तेजस की, उस के मुंह पर ही तारीफ कर दी, ‘‘आज तुम बहुत स्मार्ट लग रहे हो. यह बताओ कि ऐसा क्या खाते हो जिस से तुम्हारा ब्रेन एक बार में ही सब ग्रेस्प कर लेता है?’’

तेजस इतना सुनते ही उस के करीब खिसकते हुए बोला, ‘‘क्या वास्तव में आज मैं तुम्हें जंच रहा हूं?’’

‘‘यस इट इज फैक्ट. तुम पर स्माल चेक वाली ब्लैक शर्ट और औफ वाइट ट्राउजर बहुत जमता है, फिर मैचिंग  टाई पहन कर तुम बहुत अच्छे लगते हो.’’

उस दिन तेजस तान्या के मुंह से अपनी तारीफ सुन कर पगला सा गया. अचानक बोल पड़ा, ‘‘तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं तुम से…’’

उस की बात को काटते हुए तान्या बोली, ‘‘मुझे पता है कि आगे तुम क्या कहने वाले हो, इसलिए मैं पहले से ही तुम्हें बता दे रही हूं कि मेरा यह शरीर तुम्हारे लिए नहीं बना है… यह किसी और के लिए है, कह कर वह जोर से हंसी.

तेजस जितना तान्या की तरफ खिसका था उतना ही वापस खिसक कर बैठ गया.

अचानक तान्या का ध्यान फिर नितिन की तरफ चला गया. उसे अपनी ही दुनिया में खोया देख कर इस बार उस से रहा नहीं गया. उस ने जानबूझ कर अपनी कुहनी से उस की कुहनी जोर से टकरा दी.

तान्या चाहती थी वही हुआ. नितिन का ध्यान भंग हुआ. उस ने ईयर प्लग कानों से

हटाए और फिर तान्या को देखते हुए बोला,

‘‘ऐनी प्रौब्लम?’’

तान्या ने समझ लिया था कि अगर उस ने ‘नो’ कह दिया तो यह फिर कानों में इयर प्लग लगा कर म्यूजिक सुनने में व्यस्त हो जाएगा और यह सफर भी कोई लंबा नहीं है, इसलिए वह बोली, ‘‘हां, प्रौब्लम है.’’

कानों में लगे दोनों इयर प्लग हटा कर नितिन बोला, ‘‘ओह क्या प्रौब्लम है? मुझे खुशी होगी तुम्हारी प्रौब्लम को सौल्व कर के.’’

यह सुनते ही तान्या को मौका मिल गया. वह अपनी मुसकान को जितना कातिलाना

बना सकती थी उतना बनाती हुई बोली, ‘‘छोटा सा सफर है. बाएं मम्मी तो निद्रा की गोद में चली गई हैं और आप संगीत सुनने में व्यस्त हो गए. बीच में फंसी बैठी मैं बोर हो रही हूं, आखिर करूं तो क्या करूं?’’

‘‘यदि तुम्हें भी संगीत का शौक है तो यह लो एक इयर प्लग तुम अपने कान में लगा लो. एक मैं लगा लेता हूं. दोनों मिल कर संगीत सुनते हैं.’’

‘‘अरे संगीत तो मैं घर में भी सुनती रहती हूं. मुझे तो बातें करना अच्छा लगता है और इस से समय भी अच्छा कट जाता है.

‘‘तो लो मैं इयर प्लग जेब में रख लेता हूं, मोबाइल का म्यूजिक औफ कर देता हूं… बातें करना तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता है. बोलो क्या बातें करनी हैं?’’

‘‘आप अपने बारे में कुछ बताएं, फिर मुझ से मेरे बारे में कुछ पूछें.’’

‘‘ऐसा क्यों.’’

‘‘बस ऐसे ही ताकि सफर बातोंबातों में कट जाए और बोरियत भी न हो.’’

तान्या की नजरों की भाषा और भावनाएं समझते हुए नितिन मुसकराया और बोला, ‘‘प्यार भरी बातें करना चाह रही हो तो यह तभी संभव है जब मुझे अपनत्व से पुकारो.’’

‘‘अपनत्व से मतलब?’’ तान्या ने थोड़ा उस की तरफ झकते हुए पूछा?

‘‘मतलब मुझे ‘आप’ कहना छोड़ कर ‘तुम’ कहो. जैसे तुम मुझ से पूछ सकती हो कि नितिन क्या तुम्हारी शादी हो गई है. तब मैं कहूंगा, नहीं मुझे अभी कोई सूटेबल लड़की नहीं मिली है या मेरा यह भी उत्तर हो सकता है कि अभी तो मेरा कैरियर शुरू हुआ है शादी के बारे में नहीं सोचा है.’’

तान्या को उस की बातों में रस आना शुरू हो गया था, इसलिए जब बोलतेबोलते नितिन ने चुप हो कर तान्या के नयनों में अपनी नजरें समा दीं तो प्रेम के रहस्यमयी जादू ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया.

तान्या के मुंह से निकल पड़ा, ‘‘डाक्टर, तुम चुप क्यो हो गए? मुझे तुम्हारा बोलना अच्छा लग रहा था.’’

‘‘तुम्हें तो अच्छा लगना शुरू हो गया, पर तुम शांत और चुप हो, तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा है. अब तुम कुछ अपने बारे में बताओ… अपनी शादी वगेहरा के बारे में.’’

तान्या जो अभी तक तो चाह रही थी कि नितिन उस से खूब सारी बातें करे पर जब उस ने बातें शुरू करीं तो उस की समझ में नहीं आ रहा था कि अपने मन के उद्गारों को कैसे व्यक्त करे. अपने मन के विचारों की बंद किताब एकदम से कैसे खोल कर कह डाले कि वह उसे चाहने लगी है. यह भी बात ठीक नहीं रहेगी.

मगर जब नितिन ने उसे बोलने के लिए बाध्य किया तो उस ने बताना शुरू किया, ‘‘उस के पिता फ्लाइट लेफ्टिनेंट थे और प्लेनक्रैश हो जाने के कारण उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. तब से मेरा सपना भी फ्लाइट अफसर बनने का है. आजकल मैं एमएससी ऐविएशन करने के बाद ऐविएशन का एडवांस कोर्स कर रही हूं. रही शादी की बात तो इस बारे में बस इतना ही जानती है कि जब भी शादी करूंगी तो तुम्हारी जैसी हाइट वाले लड़के से.’’

‘‘मेरे जैसी हाइट वाले लड़के से? इस का अर्थ हुआ कि शादी करोगी पर मुझ से नहीं. ठीक है मैं फिर किसी और को ढूंढ़ लूंगा,’’ कह कर नितिन हंसा.

उस के इतना कहते ही तान्या की हथेली स्वत: ही उस की भुजाओं से जा चिपकी और आंखें अपने कहानी कह बैठीं.

‘‘देखो तान्या, इन दिनों कोरोना का प्रकोप अपने चरम पर है और डाक्टर होने के नाते मेरा अभी तो केवल एक ही उद्देश्य है. अस्पताल पहुंच कर अपने स्टाफ के साथ संक्रमितों के

प्राणों की रक्षा करना, उस के बाद शादी के बारे

में सोचूंगा. अभी तो मैं इतना ही कह सकता हूं कि तुम्हारी जैसी हाइट की लड़कियां कम ही दिखती हैं और अगर तुम से शादी हो जाती तो हमारी जोड़ी सभी को अच्छी लगेगी,’’ कह

कर नितिन अपने बाजू को थामे तान्या की

हथेली को अपने दूसरे हाथ की हथेली से

सहलाने लगा.

तान्या को उस का सहलाना अच्छा लग रहा था. वह कुछ बोलने जा ही रही थी कि अचानक प्लेन के भीतर की सभी लाइट्स औन हो गईं और ऐनाउंसमैंट होने लगी कि शीघ्र ही हम मुंबई के छत्रपति शिवाजी एअरपोर्ट के डोमैस्टिक टर्मिनल 1 में लैंड करने वाले हैं. कृपया अपनीअपनी सीट बैल्ट बांध लें.

ऐनाउंसमैंट में उपजे शोर से अनिला की भी आंख खुल गई थी. सभी यात्री अपनीअपनी सीट बैल्ट कसने में जुट गए.

प्लेन लैंड होने के बाद जब गंतव्य पर रुका तो सभी ने उतरना शुरू किया. डाक्टर नितिन के चेहरे पर आनंद के भाव थे. तान्या उसे पसंद आ गई थी. अपना बैग कैबिन से निकाल कर वह पहले निकल गया, क्योंकि पीछे से यात्रियों ने प्लेन के ऐक्जिट गेट की तरफ खिसकना शुरू कर दिया था.

प्लेन से निकल कर तान्या अपनी मम्मी के साथ उसी ऐक्जिट गेट से बाहर लौबी में आई तो नितिन तान्या के इंतजार में रुका हुआ था. तीनों लगभग साथसाथ चलते हुए लगेज कलैक्शन कैरोसेल के घूमते पट्टे के पास आए.

अनिला वहीं पीछे वेटिंग बैंचों में से एक खाली बैंच पर बैठ गई थीं. उन्हें पता था कि चक्कर खाते कैरोसेल पर अपने सूटकेस सामने आने में समय लगता ही है. उस के पास बैठी विदेशी महिला लगातार खांस रही थी और बीचबीच में उसे 1-2 छींकें भी आ चुकी थीं.

लगातार खांसने और छींकने की आवाज सुन कर डाक्टर नितिन लपक

कर पीछे गया और अपनी जेब से एक फेस मास्क निकाल कर अनिला को देते हुए बोला, ‘‘मम्मीजी, आप इसे पहन लीजिए और यहां से हट कर उस खाली बैंच पर बैठ जाइए.’’

अनिला उठ कर उस विदेशी औरत से दूर एक खाली चेयर पर बैठ गई और नितिन अपना ब्रीफकेस लेने के लिए तान्या के पास आ कर खड़ा हो गया.

नितिन और तान्या ने अपनेअपने लगेज संभाले. दोनों की आंखें एक बार फिर मिलीं. दोनों ही मुसकराए. फिर एअरपोर्ट के एक्जिट गेट की तरफ बढ़ते हुए नितिन तान्या से बोला, ‘‘मुझे यह जर्नी हमेशा याद रहेगी. सी यू अगेन,’’ कहते हुए नितिन ने अपनी जेब से विजिटिंग कार्ड निकाला और तान्या की तरफ बढ़ाते हुए बोला, ‘‘तान्या कीप माई विजिटिंग कार्ड फौर एनी मैडिकल असिस्टैंस, इन केस औफ नीड.’’

तान्या ने हाथ बढ़ा कर कार्ड ले लिया और फिर मुसकराते हुए आंखों में एक सपना लिए नितिन को अपने से दूर जाते देखने लगी.

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Valentine’s Special: सुर बदले धड़कनों के- भाग 2

लेखक- जितेंद्र मोहन भटनागर

नितिनने अपना ब्रीफकेस उठाया और पीछे वेटिंग बैंच पर बैठी अनिला की तरफ हाथ वेव करता हुआ तेजी से एअरपोर्ट के ऐक्जिट गेट की तरफ बढ़ गया.

सैल्फ सर्विस ट्रौली पर अपने दोनों सूटकेस और हैंड बैग लिए जब अनिला के साथ तान्या बाहर निकली तो सफेद ड्रैस में ड्राइवर गोपाल उन्हें रिसीव करने खड़ा था.

गोपाल ने लपक कर तान्या के हाथ से ट्रौली ले ली और कार पार्किंग की तरफ बढ़ गया. अपनेअपने पर्स कंधे पर लटकाए दोनों गोपाल को फौलो करते हुए पार्किंग में खड़ी कार में बैठ गईं. अनिला ने मास्क निकाल कर पर्स में रख लिया था. उन्हें मास्क पहनने में घुटन सी हो रही थी.

एअरपोर्ट से बाहर निकल कर नवी मुंबई के पलवल एरिया की पौश लोकैलिटी में बने खूबसूरत प्राइवेट बंगलौ की तरफ जाने वाली सड़क पर नीली हौंडा सिटी कार ने मुड़ कर जैसे ही गति पकड़ी, तान्या ने पूछा, ‘‘गोपाल, सुना है कि कोरोना वायरस महाराष्ट्र में तेजी से फैल रहा है. हमारे एरिया की पोजीशन क्या है?’’

आप की हाउसिंग सोसाइटी में तो अभी कोई केस नहीं निकला है पर हां आसपास की दूसरी सोसाइटियों में केसेज हैं.

‘‘मैडम आप तो जानती ही हैं कि मेरा परिवार धारावी क्षेत्र में रहता है वहां कोरोना ने कहर बरपा रखा है. उसे कंटेनमैंट जोन घोषित कर दिया गया है. 4 डैथ भी हो चुकी हैं.

‘‘मेरे बड़े भाई और भाभी भी कोरोना पौजिटिव होने के कारण हौस्पिटल में भरती हैं. कहते हैं कि इस में मास्क पहनना, सैनिटाइजर इस्तेमाल करते रहना, दूरी बना कर रखना और कुछ भी छूने के बाद लगातार 20 सैकंड तक हाथ धोने बहुत जरूरी है.

‘‘हम तो डर के मारे अपनी फैमिली को आप के दिए हुए सर्वैंट क्वार्टर में ले आए थे. सुनते हैं बड़ा खतरनाक वायरस है पहले गले को जकड़ता है फिर फेफड़ों को, आदमी तेज बुखार से परेशान हो कर दम तोड़ देता है,’’ कहतेकहते गोपाल एकदम चुप हो कर ड्राइव करता रहा.

कुछ देर खामोश ड्राइविंग के बाद गोपाल बोला, ‘‘मैडम, अभी 45 मिनट के बाद मुंबई ही नहीं पूरा भारत अपनेअपने घर में कैद हो जाएगा. सब का मूवमैंट बंद, मौल, थिएटर्स, रैस्टोरैंट, यूनिवर्सिटी, सारे कालेज और सभी ट्रेनिंग सैंटर बंद.’’

ट्रेनिंग सैंटर की बात सुनते ही उस ने तेजस को फोन लगाया, ‘‘उधर से खुशी भरा स्वर उभरा,’’ हैलो तान्या, वैलकम बैक टु मुंबई, आई वाज मिसिंग यू.’’

तान्या ने सीधे मतलब की बात पूछी, ‘‘क्या अपना ऐविएशन एडवांस स्टडी सैंटर भी क्लोज रहेगा?’’

‘‘हां, टिल फरदर इंस्ट्रक्शन.’’

‘‘ओह,’’ तान्या के मुंह से निकला.

उधर से तान्या की तरफ की खामोशी को समझते हुए तेजस बोला, ‘‘ओके तान्या, जैसे ही मुझे कोई सूचना मिलेगी मैं तुम्हें तुरंत कौल करूंगा और हां इस लौकडाउन में बहुत सावधानी से रहना. अपना ध्यान रखना. बाहर निकलने की सोचना भी नहीं. महाराष्ट्र में यह वायरस बहुत तेजी से स्प्रैड हो रहा है. सी यू गुड नाइट,’’ और फोन कट गया.

चिरपरिचित बंद शौपिंग कौंप्लैक्स के सामने से कार गुजरते देख वह समझ गई कि अभी 15 मिनट घर पहुंचने में और लगेंगे. बाइ रोड कोई 37 किलोमीटर की ड्राइव थी एअरपोर्ट से ‘पलवल’ तक की.

वह अपने ऐंड्रौयड मोबाइल फोन गूगल खोल कर कोविड-19 वायरस से संबंधित जानकारी जुटाने में लग गई. कुछ बातों ने उसे थोड़ा विचलित कर दिया.

चीन से चले इस वायरस ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है. असावधानी के कारण लोगों के जीवन को यह लील रहा है. छींकनेखांसने से जो मुंह और नाक से निकलने वाले सुआब के छींटे पड़ने या संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई किसी सतह, वस्तु, कपड़े आदि को छू लेने मात्र से यह वायरस 5 दिन बाद अपना असर दिखाना शुरू कर देता है.

इस के अलावा उस ने गूगल से अन्य जानकारी भी इकट्ठी की जैसे किस सतह पर यह वायरस कितने घंटे जीवित रहता है, इस के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं, तुरंत उपचार के लिए क्या करना चाहिए आदि.

घर पहुंचतेपहुंचते तान्या यह समझ चुकी थी कि यह महामारी बहुत खतरनाक है.

बंगले के मेन गेट के ठीक सामने गोपाल ने कार रोकी. उतर कर पहले अनिला वाली साइड का डोर खोला.

अनिला के उतरते ही लपक कर तान्या वाली साइड का डोर खोला. दोनों उतर कर

खड़ी हुईं तो उन की नजर गोपाल की पत्नी और 14 साल की लड़की पर पड़ी. साफसुथरे कपड़ों में. गोपाल जानता था कि मालकिन से ज्यादा तान्या को साफसफाई से रहना बेहद पसंद है.

वे दोनों कार से कुछ दूर पर आ कर खड़ी हो गई थीं. गोपाल ने परिचय कराया यह मेरी पत्नी रानी और यह मेरी बेटी निंदिया,’’ फिर उस ने रानी और निंदिया को आदेश दिया कि अरे टुकुरटुकुर क्या देख रहीं यह हमारी मालकिन हैं. वह तान्या बिटिया… बढ़ कर दोनों के पैर छूओ.’’

अनिला ने तो पैर छुआ लिए पर तान्या पीछे हटते हुए बोली, ‘‘मेरे पैर छूने की जरूरत नहीं बस नमस्ते करो,’’ कह कर वह मेन गेट खुलवा कर घर के अंदर प्रवेश कर गई, रानी पीछेपीछे थी.

गोपाल ने डिक्की से पहिएदार सूटकेस निकाल कर निंदिया को अंदर ले चलने को कहा और बाकी सामान खुद लाया.

तान्या तो सीधी फ्रैश होने चली गई थी. अनिला ड्राइंगरूम में अपने उस चिरपरिचित सोफे पर बैठ गई थीं जहां से उन्हें अपने पति का बड़ा सा तैल चित्र लगातार दिखता रहता.

गोपाल सूटकेसों को उन के निर्धारित स्थान पर रख कर अनिला के

सामने आया और अपने दोनों हाथों की हथेलियां आगे फंसा कर खड़ा होते हुए बोला, ‘‘मालकिन, आप के और बिटिया के लिए गरमगरम चाय बनवाऊं या कौफी? रानी सब बनाना जानती है.’’

गोपाल की बात का उत्तर देते हुए अनिला बोलीं, ‘‘तान्या को आने दो उस की जो इच्छा होगी वह बना लेना,’’ फिर उन्होंने रानी और निंदिता पर एक गहरी नजर डाली और गोपाल से पूछा, ‘‘क्यों गोपाल, बरतन माजने वाली मंजरी और झड़ूपोंछे वाली कामिया आ रही है न?’’

‘‘नहीं मैडम, संक्रमण को देखते हुए प्रत्येक बाई का घर के अंदर आना प्रतिबंधित कर दिया गया है. पिछले 4 दिनों में मैं ने इन दोनों को सारे काम सिखा और बता दिए हैं. अपने क्वार्टर में गरम पानी से सवेरे शाम नहाना… हर काम करने से पहले और बाद में हाथ धोना मैं ने सिखा दिया है.’’

‘‘लेकिन अभी तो इन्होंने हाथ नहीं धोए हैं, निंदिया ने हमारा सूटकेस उठाया, रानी ने मेन डोर का लौक खोला, दरवाजा हाथ से धकेला और तुम ने भी एअरपोर्ट पर ट्रौली छुई, हमारा लगेज छूआ पर हाथ कहां धोए?’’ तान्या शावर बाथ लेने के बाद फ्रैश हो कर बाथरूम से निकल कर अनिला के पास आ कर बैठती हुई बोली.

तान्या की बात सुनते ही गोपाल सकपका गया. वह बाहर बगीचे वाले नल पर जा कर हाथ धोने के लिए निंदिया का हाथ पकड़ कर लपका. रानी भी पीछेपीछे जाने लगी तो तान्या सर्विस वाशबेसिन की तरफ इशारा करते हुए तीनों से बोली, ‘‘अभी तो वहां रखे साबुन से हाथ धो लो और सभी करीब 20 सैकंड तक साबुन से हाथ रगड़रगड़ कर धोएंगे.’’

वे तीनों जब हाथ धोने चले गए तो तान्या मां के सामने बैठती हुई बोली, ‘‘मां, आप भी फ्रैश हो लो, मैं ने गीजर औन कर दिया है… शावर बाथ ले लोगी तो अच्छा लगेगा. मन न करे तो गरम पानी से हाथमुंह धो लेना.’’

मां की वहां से उठने की इच्छा तो नहीं थी वह कुछ देर और अपने पति की तसवीर से मौन बातें कर लेना चाहती थीं, पर तान्या की बात थी, सफर की थकान भी थी इसलिए वे जल्दी फ्रैश हो कर आ गईं.

तान्या की कौफी पीने की इस समय इच्छा नहीं थी. उस का ग्रीन टी पीने का मन था, इसलिए रानी को उस के लिए बोल कर उस ने मां से पूछा, ‘‘आप को भूख तो नहीं लगी है?’’

अनिला ने घड़ी देखी 12:30 बज चुके थे. वे तान्या से बोली, ‘‘समय बहुत हो गया है… स्नैक चाय के साथ ले लेते हैं.’’

चाय के साथ थोड़े से स्नैक ले कर तान्या आज अनिला वाले कमरे में ही सो गई. उन के कमरे में जाते ही गोपाल ने घर का मेन डोर लोक किया और अंदर के बरामदे से होता हुआ रानी तथा निंदिया के साथ अपने क्वार्टर में जा कर लेट गया. कार उस ने गैरेज में खड़ी कर दी थी.

सवेरे वातावरण खामोश था. लौकडाउन का पहला दिन. पक्षियों ने भी मानो चहकना बंद कर दिया था. तान्या ने पूरी सतर्कता के साथ रानी और निंदिया को पूरा दिन कोविड 19 की सावधानियों के साथसाथ कई बार हाथ धोने के निर्देश दिए.

गोपाल का पूरा दिन घरबाहर के सारे उपयोग में आने वाले सर्फेस और अपने क्वार्टर के भीतर की वस्तुओं को सैनिटाइजर करने में बीता.

लौकडाउन के 5 दिन ऐसे ही बीते. इस बीच तान्या ने 2 बार तेजस से यूनिवर्सिटी के हालचाल लिए. यह पता चलते ही कि यूनिवर्सिटी अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई है, वह थोड़ी निराश और उदास हो गई.

कर भी क्या सकती थी रोज न्यूज चैनल पर भारत और विदेशों में संक्रमण के बढ़ते आंकड़े देखदेख कर चिंतित होने के.

घर के बाहर जाने का सवाल ही नहीं था. अपने कमरे से निकल कर दिन में कई बार मां के पास भी जा कर बैठी, अपनी कोर्स की किताबों में भी उस का मन नहीं लगा. उस ने कई बार ऐरोप्लेन में नितिन के साथ गुजरे पलों को याद किया.

आगे पढ़ें- पिता के मरने के बाद उन के अपने कमरे में….

रिश्ते: क्यूं हर बार टूट जाती थी स्नेहा की शादी

मैं कामकाजी महिला हूं. काम में व्यस्त रहने के कारण दांतों का अधिक खयाल नहीं रख पाती. मेरे मसूड़े फूल जाते हैं,मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल

मैं 35 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. काम में व्यस्त रहने के कारण दांतों का अधिक खयाल नहीं रख पाती. पिछले कुछ महीनों से मेरे मसूड़े फूल जाते हैं और इन में पस पड़ जाती है व दर्द भी होता है. कुछ खानापीना मुश्किल हो जाता है. मुंह से बदबू भी आती है. बताएं मु?ो क्या करना चाहिए?

जवाब

यह पायरिया (मसूड़ों की बीमारी) है जो जिंजिवाइटिस से शुरू होती है. जिंजिवाइटिस में केवल मसूड़ों में सूजन होती है. जब यह बढ़ जाती है तो पेरियोडोंटल लिगामैंट को संक्रमित कर सूजन व दर्द पैदा करती है. यह हड्डी को भी नुकसान पहुंचाती है. मसूड़ों और लिगामैंट की पकड़ कमजोर हो जाती है और धीरेधीरे दांत हिलने लगते हैं. मसूड़ों के इलाज से पायरिया पर नियंत्रण पाया जा सकता है. दांतों की सफाईरूट प्लानिंग और क्यूरेटाज से मसूड़ों को स्वस्थ किया जाता है.

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