सोचने की क्षमता आएगी कहां से

प्यार करने में कितने जोखिम हैं, यह शीरींफरहाद,  लैलामजनूं से ले कर शकुंलतादुष्यंत, अहिल्याइंद्र, हिंदी फिल्म ‘संगम’ तक बारबार सैकड़ों हजार बार दोहराया गया है. मांबाप, बड़ों, दोस्तों, हमदर्दों की बात ठुकरा कर दिल की बात को रखते हुए कब कोई किस गहराई से प्यार कर बैठे यह नहीं मालूम.

दिल्ली में लिव इन पार्टनर की अपनी प्रेमिका की हत्या करने और उस के शव के 30-35 टुकड़े कर के एक-एक कर के कई दिनों तक फेंकने की घटना पूरे देश को उसी तरह हिला दिया है जैसा निर्भया कांड में जबरन वहशी बलात्कार ने दहलाया था.

इस मामले में लड़की के मांबाप की भी नहीं बनती और लड़की बिना बाप को बताए महीनों गायब रही और बाप ने सुध नहीं ली. इस बीच यह जोड़ा मुंबई से दिल्ली आ कर रहने लगा और दोनों ने काम भी ढूंढ़ लिया पर निरंतर हिंसा के बावजूद लड़की बिना किसी दबाव के प्रेमी को छोड़ कर न जा पाई.

ज्यादा गंभीर बात यह रही कि लड़के को न कोई दुख या पश्चात्ताप था न चिंता. लड़की को मारने के बाद उस के टुकड़े फ्रिज में रख कर वह निश्चिंतता से काम करता रहा. जो चौंकाने वाला है, वह यह व्यवहार है.

इंग्लिश में माहिर यह लड़का आखिर किस मिट्टी का बना है कि उसे न हत्या करने पर डर लगा, न कई साल तक जिस से प्रेम किया उस का विछोह उसे सताया. यह असल में इंट्रोवर्ट होती पीढ़ी की नई बीमारी का एक लक्षण है. केवल आज में और अब में जीने वाली पीढ़ी अपने कल का सोचना ही बंद कर रही है क्योंकि मांबाप ने इस तरह का प्रोटैक्शन दे रखा था कि उसे लगता है कि कहीं न कहीं से रुपयों का इंतजाम हो ही जाएगा.

जब उस बात में कोई कमी होती है, जब कल को सवाल पूछे जाते हैं, कल को जब साथी कोई मांग रखता है जो पूरी नहीं हो पाती तो बिफरना, आपा खोना, बैलेंस खोना बड़ी बात नहीं, सामान्य सी है. जो पीढ़ी मांबाप से जब चाहे जो मांग लो मिल जाएगा की आदी हो चुकी हो उसे जरा सी पहाड़ी भी लांघना मुश्किल लगता है. उसे 2 मंजिल चढ़ने के लिए भी लिफ्ट चाहिए, 2 मील चलने के लिए वाहन चाहिए और न मिले तो वह गुस्से में कुछ भी कर सकती है.

यह सबक मांबाप पढ़ा रहे हैं, मीडिया सिखा रहा है. स्कूली टैक्स्ट बुक्स इन का जवाब नहीं है. रिश्तेनातेदार हैं नहीं जो जीवन के रहस्यों को सुल झाने की तरकीब सु झा सकें. और कुछ है तो गूगल है, व्हाट्सऐप है, फेसबुक है, इंस्टाग्राम है, ट्विटर है जिन पर सम झाने से ज्यादा भड़काने की बातें होती हैं.

पिछले 20-25 सालों से धर्म के नाम पर सिर फोड़ देने का रिवाज सरकार का हिस्सा बन गया है. हिंसक देवीदेवताओं की पूजा करने का हक पहला बन गया है. जिन देवताओं के नाम पर हमारे नेता वोट मांगते हैं, जिन देवताओं के चरणों में मांबाप सिर  झुकाते हैं, जिन देवीदेवताओं के जुलूस निकाले जाते हैं सब या तो हिंसा करने वाले होते हैं या हिंसा के शिकार हैं.

ऐसे में युवा पीढ़ी का विवेक, डिस्क्रीशन, लौजिक, दूसरे के राइट्स के बारे में सोचने की क्षमता आखिर आएगी कहां से? न मांबाप कुछ पढ़ने को देते हैं, न बच्चे कुछ पढ़ते हैं. न मनोविज्ञान के बारे में पढ़ा जाता है न जीवन जीने के गुरों के बारे में. नैचुरल सैक्स की आवश्यकता को संबंधों का फैवीकोल मान कर साथ सोना साथ निभाने और लगातार साथ रातदिन, महीनों, सालों तक रहने से अलग है.

युवाओं को दोष देने की हमारी आदत हो गई है कि वे भटक गए हैं जबकि असलियत यह है कि भटकी हुई यह वह जैनरेशन है जिस ने इमरजैंसी में इंदिरा गांधी का गुणगान किया, जिस ने ओबीसी रिजर्वेशन पर हल्ला किया, जिस

के एक धड़े ने खालिस्तान की मांग की और फिर दूसरे धड़े ने मांगने वालों को मारने में कसर न छोड़ी. भटकी वह पीढ़ी है जिस ने हिंदूमुसलिम का राग अलापा, जिस ने बाबरी मसजिद तुड़वाई, जिस ने हर गली में 4-4 मंदिर बनवा डाले, जिस ने लाईब्रेरीज को खत्म कर दिया, जिस ने बच्चों के हाथों में टीवी का रिमोट दिया.

आज जो गुनाह हमें सता रहा है, परेशान कर रहा है वह इन दोनों ने उस पीढ़ी से सीख कर किया जो देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है, जो करप्शन की गुलाम है, जो पैंपरिंग को पाल देना सम झती है. जरा सा कुरेदेंगे तो सड़ा बदबूदार मैला अपने दिलों में दिखने लगेगा, इस युवा पीढ़ी में नहीं जिसे जीवन जीने का पाठ किसी ने पढ़ाया ही नहीं. पाखंड के गड्ढे में धकेलने की साजिश  दिल्ली विश्वविद्यालय के अच्छे पर सस्ते कालेजों में ऐडमिशन पाना अब और टेढ़ा हो गया है क्योंकि केंद्र सरकार ने 12वीं कक्षा की परीक्षा लेने वाले बोर्डों को नकार कर एक और परीक्षा कराई. कौमन यूनिवर्सिटी ऐंट्रैस टैस्ट और इस के आधार पर दिल्ली विश्वविद्यालय और बहुत से दूसरे विश्वविद्यालयों के कालेजों में ऐडमिशन मिला. इस का कोई खास फायदा हुआ होगा यह कहीं से नजर नहीं आ रहा.

दिल्ली विश्वविद्यालय में 12वीं कक्षा की परीक्षा में बैठे सीबीएसई की परीक्षा के अंकों के आधार पर 2021 में 59,199 युवाओं को ऐडमिशन मिला था तो इस बार 51,797 को. 2021 में बिहार पहले 5 रैंकों में शामिल नहीं था पर इस बार 4,450 स्टूडैंट रहे जिन्होंने 12वीं बिहार बोर्ड से की और फिर क्यूईटी का ऐग्जाम दिया. केरल और हरियाणा के स्टूडैंट्स इस बार पहले 5 में से गायब हो गए.

एक और बदलाव हुआ कि अब आर्ट्स खासतौर पर पौलिटिकल साइंस पर ज्यादा जोर जा रहा है बजाय फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलौजी जैसी प्योर साइंसेज की ओर. यह थोड़ा खतरनाक है कि देश का युवा अब तार्किक न बन कर भावना में बहने वाला बनता जा रहा है.

क्यूईटी परीक्षा को लाया इसलिए गया था कि यह सम झा जाता था कि बिहार जैसे बोर्डों में बेहद धांधली होती है और जम कर नकल से नंबर आते हैं. पर क्यूईटी की परीक्षा अपनेआप में कोई मैजिक खजाना नहीं है जो टेलैंट व भाषा के ज्ञान को जांच सके. औब्जैक्टिव टाइप सवाल एकदम तुक्कों पर ज्यादा निर्भर करते हैं.

क्यूईटी की परीक्षा का सब से बड़ा लाभ कोचिंग इंडस्ट्री को हुआ जिन्हें पहले केवल साइंस स्टूडैंट्स मिला करते थे जो नीट की परीक्षा मैडिकल कालेजों के लिए देते थे और जेईई की परीक्षा इंजीनियरिंग कालेजों के लिए. अब आर्ट्स कालेजों के लाखों बच्चे कोचिंग इंडस्ट्री के नए कस्टमर बन गए हैं.

देश में शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है. न्यू ऐजुकेशन पौलिसी के नाम पर जो डौक्यूमैंट सरकार ने जारी किया है उस में सिवा नारों और वादों के कुछ नहीं है और बारबार पुरातन संस्कृति, इतिहास, परंपराओं का नाम ले कर पूरी युवा कौम को पाखंड के गड्ढे में धकेलने की साजिश की गई है. शिक्षा को पूरे देश में एक डंडे से हांकने की खातिर इस पर केंद्र सरकार ने कब्जा कर लिया है. देश में विविधता गायब होने लगी है. लाभ बड़े शहरों को होने लगा है, ऊंची जातियों की लेयर को होने लगा है.

क्यूईटी ने इसे सस्ता बनाने के लिए कुछ नहीं किया. उलटे ऊंची, अच्छी संस्थाओं में केवल वे आएं जिन के मांबाप 12वीं व क्यूईटी की कोचिंग पर मोटा पैसा खर्च कर सकें, यह इंतजाम किया गया है. अगर देशभर में इस पर चुप्पी है तो इसलिए कि कोचिंग इंडस्ट्री के पैर गहरे तक जम गए हैं और सरकारें खुद कोचिंग अस्सिटैंस चुनावी वादों में जोड़ने लगी हैं.

12वीं के बोर्ड ही उच्च शिक्षा संस्थानों के ऐडमिशन के लिए अकेले मानदंड होने चाहिए. राज्य सरकारों को कहा जा सकता है कि वे बोर्ड परीक्षा ऐसी बनाएं कि बिना कोचिंग के काम चल सके. आज के युवा को शौर्टकट का औब्जैक्टिव टैस्ट नहीं दिया जाए बल्कि उन की सम झ, भाषा पर पकड़, तर्क की शक्ति को परखा जाए. आज जो हो रहा है वह शिक्षा के नाम पर रेवड़ी बांटना है जो फिर अपनों को दी जा रही है.

बढ़ता जीएसटी बढ़ती महंगाई

नरेंद्र मोदी सरकार बढ़ते जीएसटी कलैक्शन पर बहुत खुश हो रही है. 2017 में जीएसटी लागू होने के कई सालों तक मासिक कलैक्शन 1 लाख करोड़ के आसपास रहा था पर इस जूनजुलाई से उस में उछाल आया है और 1.72 लाख करोड़ हो गया है. 1.72 लाख करोड़ कितने होते हैं यह भूल जाइए, यह याद रखिए कि जीएसटी अगर ज्यादा है तो मतलब है कि सरकार जनता से ज्यादा टैक्स वसूल कर रही है. अगर सालभर में टैक्स 25 से 35% तक बढ़ता है और लोगों की आमदनी 2 से 3% भी नहीं बढ़ती तो मतलब है कि हर घरवाली अपने खर्च काट रही है.

निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी की तर्ज पर एक आम गृहिणी की तरह अपना वीडियो एक सब्जी की दुकान पर सब्जी खरीदते हुए खिंचवाया और इसे भाजपा आईटी सैल पर वायरल किया कि देखो वित्त मंत्री भी आम औरत की तरह हैं. पर यह नहीं सम झाया गया कि सब्जी पर भी भारी टैक्स लगा हुआ था चाहे वह उस मिडल ऐज्ड दुकानदार महिला ने चार्ज नहीं किया हो.

सब्जी आज दूर गांवों से आती है और ट्रक पर लद कर आती है. इस ट्रक पर जीएसटी, डीजल पर केंद्र सरकार का टैक्स है. सब्जी जिस खेत में उगाई जाती है उस पर चाहे लगान न हो पर जिस पंप से पानी दिया जाता है उस पर टैक्स है, जिस बोरी में सब्जी भरी गई उस पर टैक्स है, जिस वेब्रिज पर तोली गई उस पर टैक्स है.

उस ऐज्ड दुकानदार ने जिन इस्तेमाल किए लकड़ी के तख्तों पर अपनी दुकान लगाई, उन पर टैक्स है, जो बत्ती उस ने जलाई उस पर टैक्स है, जिस थैली, चाहे कागज की हो या पौलिथीन की हो, उस पर टैक्स है. निर्मला सीतारमण ने 100-200 रुपए की जो सब्जी खरीदी थी उस पर कितना टैक्स है इस का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है.

बढ़ता जीएसटी देश के बढ़ते उत्पादन को ही नहीं जताता यह महंगाईर् को बताता है. पिछले 1 साल से हर चीज का दाम बढ़ रहा है. दाम बढ़ेंगे तो टैक्स भी बढ़ेगा. हर घर वैसे ही बढ़ती कीमत से परेशान है पर वह इस के लिए जिम्मेदार दुकानदार या बनाने वाले को ठहराता है, जबकि कच्चे माल से दुकान तक बढ़ी कीमत वाले मौल पर कितना ज्यादा जीएसटी देना पड़ा यह नहीं सोचता.

वह इसलिए नहीं सोचता क्योंकि उसे पट्टी पढ़ा दी गई है कि उस के आकाओं ने उसे राममंदिर दिला दिया, चारधाम का रास्ता साफ कर दिया, महाकाल के मंदिर को ठीक कर दिया तो सभी भला करेगा. वह मंदिरों में अपनी  झोली खुदबखुद खाली कर के देता है और बचाखुचा सरकार उस की  झोली से बंदूक के बल पर छीन लेती है.

जब बॉयफ्रेंड हाथ उठाए

जब कोई आप को थप्पड़ मारता है तो क्या होता है? क्या बस एक सेकंड का दर्द हो कर सब नॉर्मल हो जाता है? नहीं, ऐसा नहीं है. बॉयफ्रेंड या पार्टनर के हाथों जब आप को थप्पड़ मारा जाता है तो गालों पर चोट लगने के साथ कानों में एक सनसनी सी गूंजती है जो पूरे शरीर को पत्थर सा बना देती है. आप अपना संतुलन खो बैठती हैं क्योंकि यह चोट दिल में कहीं गहराई तक जा कर लगती है. आप का चेहरा लाल हो जाता है, कान में थप्पड़ की आवाज गूंजती रहती है और दूसरी सभी आवाजें म्यूट हो जाती हैं. बहुत समय लगता है सब कुछ

नॉर्मल होने में या फिर यह कहें कि वह रिश्ता फिर कभी नॉर्मल हो ही नहीं पाता. कभी लाचारी में और कभी प्यार में स्त्री कई बार सब सहती रहती है. हिंसा पर बेबसी का aहसास और इस का आदी हो जाना बहुत से मामलों में महिला को अवसाद की ओर ले जाता है जहां दर्द उन की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है. कई बार लड़कियां या महिलाएं अपने पार्टनर के खिलाफ कुछ नहीं बोलतीं और इस बात को नकारती हैं कि उन के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. इस का एक बड़ा कारण पुरुषों द्वारा आत्मग्लानि का शातिराना दिखावा करना होता है. महिला फिर से पुरुष को मौका देती है. यह प्रक्रिया बार बार दोहराई जाती है और तब कई बार अंत बहुत बुरा होता है.

हाल ही में मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली एक घटना ने सब का ध्यान खींचा है. दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में 28 साल के आफ़ताब पूनावाला ने 18 मई को अपनी गर्लफ्रेंड और लिव इन पार्टनर श्रद्धा वालकर ( 27 वर्ष ) की बहुत ही दरिंदगी के साथ हत्या कर दी. फिर शव के कई टुकड़े कर फ्रिज में रखा और इन्हें धीरेधीरे शहर के कई हिस्सों में फेंकता गया. दोनों की मुलाकात मुंबई में एक डेटिंग एप के ज़रिए साल 2018 में हुई थी. 2019 में श्रद्धा ने अपनी मां को अपने बॉयफ्रेंड आफ़ताब के बारे में बताया था और साथ रहने की इच्छा जताई थी. लेकिन मां ने अलग धर्म होने की वजह से इनकार कर दिया था. इस के बाद श्रद्धा ने नाराज़ हो कर घर छोड़ दिया और आफ़ताब के साथ लिव इन में रहने लगी.

आफताब पहले भी श्रद्धा पर कई बार हाथ उठा चुका था. श्रद्धा के दोस्त ने फोटो शेयर करते हुए 2 साल पहले दिसंबर 2020 में आरोपी आफताब के द्वारा श्रद्धा की पिटाई का दावा किया और कुछ फोटो शेयर किए उन में श्रद्धा के चेहरे पर चोट के कई निशान नजर आ रहे हैं.

दरअसल आफताब श्रद्धा के साथ अक्सर ही मारपीट करता था. जब भी दोनों के बीचकिसी बात को लेकर मनमुटाव होता था तो आफताब उस पर हाथ उठा देता था. दिसम्बर 2020 में भी किसी बात को ले कर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. तब भी आफताब ने श्रद्धा के साथ जम कर मारपीट की थी जिस में श्रद्धा को कई जगह चोट आई थी. उस समय विरार के नालासोपारा स्थित ओजोन मल्टीस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में श्रद्धा ने इलाज भी कराया था. वहां के डॉक्टरों के मुताबिक़ श्रद्धा के कंधों और पीठ में तेज दर्द था इसलिए उसे अस्पताल में यहां भर्ती होना पड़ा था. हालांकि उस वक्त उस ने इस चोट का कारण नहीं बताया था.

यही नहीं आफताब पूनावाला ने श्रद्धा की मौत से पहले ही उसे मारने और उस के शव के टुकड़े कर फेंकने की धमकी दी थी. श्रद्धा ने इस संदर्भ में एक शिकायती पत्र भी लिखा था. साल 2020 में ही श्रद्धा ने आफताब के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिस में उस ने कहा था कि आफताब उसे पिछले 6 महीनों से लगातार पीटता रहा है और उसे टुकड़े करने की धमकी देता है. श्रद्धा ने आफताब के खिलाफ नालासोपारा के तुलिंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने जब आफताब को थाने बुलाया तो उस ने खुदकुशी की धमकी का नाटक कर श्रद्धा से शिकायत वापस करवा दी थी.

आफताब ज़्यादातर अपने फोन पर चैटिंग करता रहता था. श्रद्धा के पूछने पर कि वह किस से चैट कर रहा है, वह गोलमोल जवाब देता था. इसी कारण दोनों के बीच झगड़ा भी होता था. आफताब अमीन पूनावाला ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि हत्याकांड के समय वह गांजे के तेज नशे में था. आफताब ने बताया कि 18 मई को घर के खर्च और मुंबई से दिल्ली कुछ सामान लाने को ले कर उसकी श्रद्धा से लड़ाई हुई थी. झगड़े के बाद आफताब घर छोड़ कर चला गया. बाहर उस ने सिगरेट में गांजा भर कर नशा किया और लौट आया. उस के लौटते  ही श्रद्धा उस पर फिर चिल्लाने लगी.  जिस के बाद वह पागल सा हो गया और श्रद्धा का गला घोंट कर उस की हत्या कर दी.

जाहिर है पुरुष जब एक बार स्त्री पर हाथ उठा लेता है तो फिर उसे इस कीआदत हो जाती है. वह और ज्यादा क्रूरता पर उतर आता है. मगर यहीं अगर श्रद्धा ने पहली मारपीट के बाद ही आफताब का साथ छोड़ दिया होता तो आज वह जिन्दा होती. किसी को यह मौका नहीं देना चाहिए कि वह आप के आत्मसम्मान के साथ खेले. पुरुषों द्वारा हाथ उठाया जाना स्त्री के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाता है.

उसे लगने लगता है कि वह किसी काम की नहीं है. वह कोई काम ठीक से नहीं कर सकती. जब आप का कोई बहुत करीबी आप को बार बार चोट पहुंचाता है तो एक तरह का आत्मसंदेह स्त्री के दिल में घर कर जाता है. बेबसी और अकेलेपन की भावना महिलाओं में आत्मघाती प्रवृत्ति भी पैदा कर सकती है. भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक भारत में गृहिणियां आत्महत्याओं के सब से बड़े समूहों में से एक (17.1 प्रतिशत) हैं. बॉयफ्रेंड ने मारा थप्पड़ तो सुसाइड प्वाइंट पर पहुंची लड़की

ग्वालियर में 6 मार्च की शाम पुलिस को सूचना मिली कि किले के सुसाइड प्वाइंट की ओर एक युवती रोते हुए जा रही है जो संभवत: सुसाइड कर सकती है. इस सूचना पर तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और देखा कि सच में एक युवा लड़की सुसाइड करने के लिए जाल पर चढ़ चुकी है. पुलिस ने लड़की को सुसाइड न करने के लिए बहुत देर तक समझाया तब करीब दो घंटे बाद युवती जाल से नीचे उतर आई. जिसे बाद में परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया.

पूछताछ में पता चला कि 20 वर्षीय यह युवती एक लड़के से प्यार करती थी. उस दिन वह बॉयफ्रेंड से मिलने के लिए गई थी. इसी दौरान बॉयफ्रेंड के साथ कहासुनी हुई और बॉयफ्रेंड ने उसे थप्पड़ मार दिया. यह बात युवती को इस कदर नागवार गुजरी कि वह अपनी जान देने के लिए निकल पड़ी.

बॉयफ्रेंड ने मारा थप्पड़ तो ऑटो से कूदी लड़की

इसी तरह हाल ही में साउथ ईस्ट दिल्ली में एक लड़की चलते ऑटो से छलांग लगा कर कूद गई जिस से उस की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक उस का बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हुआ था जिस से नाराज हो कर उस ने ये कदम उठाया.

बॉयफ्रेंड ने थप्पड़ मारा तो आत्महत्या कर ली

सितंबर 2021 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक नाबालिग लड़की ने होटल की तीसरी मंज़िल से कूद कर आत्महत्या कर ली. दरअसल लड़की का अपने बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हो गया था. झगड़े का कारण बॉयफ्रेंड का अपनी गर्लफ्रेंड पर पनपा शक था. ब्वॉयफ्रेंड को लगता था कि गर्लफ्रेंड उस के अलावा किसी और से भी प्यार करती हैं. गुस्से में उस ने गर्लफ्रेंड को थप्पड़ मारा और

बहुत कुछ भला बुरा कहा. इन सब से गर्लफ्रेंड इस कदर निराश हो जाती है कि अपनी ज़िंदगी को ही समाप्त करने का फ़ैसला कर लेती है. गर्लफ्रेंड होटल की छत पर जा कर आत्महत्या कर लेती है. घटना के बाद पुलिस ने उस ब्वॉयफ्रेंड के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया.

आंकड़े

हर 4 में से 1 महिला अपने पार्टनर के हाथों पिटाई खाती है और प्रताड़ित होती है.. हाल ही में एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ. कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने हाल ही में 161 देशों की 20 लाख महिलाओं पर स्टडी की. दुनिया में हर 4 में से 1 महिला अपने पाटर्नर से प्रताड़ित पाई गई. अफ्रीका, दक्षिणी एशिया और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में 15 से 49 साल की महिलाएं सब से ज्यादा यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं.

दरअसल पतिपत्नी के बीच जब लड़ाई होती है तो अक्सर हमारा समाज यही कहता है कि मर्द है, गुस्सा आता है तो हाथ उठ ही जाता है. इस में कोई बड़ी बात नहीं. हमेशा से इसी तरह की बातें सुनते बड़े हो रहे लड़के यही कारनामा अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करते हैं. उन्हें लगता है कि अपनी गर्लफ्रेंड को मारना और उस पर कण्ट्रोल रखना उन का हक़ है.

गर्लफ्रेंड भी अक्सर बॉयफ्रेंड की इस हरकत पर खामोश रहती है क्योंकि उसे पता है कि भारतीय समाज में यही रीत है. बचपन में अगर लड़की के पिता ने मां पर हाथ उठाया होता है तो वह उन के लिए आम बात होती है. इसलिए वह अपने बॉयफ्रेंड से पिटना गलत नहीं समझतीं. दूसरी बात यह कि वह प्यार में भी होती है. इसलिए यह सब सह लेती है.

प्यार किया तो पिटाई क्यों

देखा जाए तो प्यार एक तरह का जुनून है. इस में एक इंसान की इस कदर लत लग जाती है कि उस की सारी ज्यादतियों को सहते हुए भी उस से अलग नहीं हो पाते. ठीक उसी तरह जैसे लोगों को मालूम होता है कि शराब और सिगरेट पीने के बहुत सारे नुकसान हैं पर फिर भी वह पीते हैं.

क्या कहता है कानून

अगर किसी लड़की को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाए तो एफआईआरदर्ज होती है. अगर कोई लड़का लड़की को थप्पड़ मारे तो धारा 323 के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इस में 1 साल की सजा हो सकती है.  गंभीर रूप से पिटाई होने पर धारा 324 लगती है. वहीं अगर चाकू, रॉड या किसी हथियार से वार होता है तो धारा 325 या 326 लगती है. इस में उम्रकैद की सजा होती हैं. अगर लड़की का यौन शोषण हुआ हो तो धारा 376 में यौन शोषण या रेप का मामला दर्ज किया जाता है.

लिव-इन में भी घरेलू हिंसा का मामला होता है दर्ज

पश्चिम देशों की तरह भारत में लिव-इन का कल्चर बढ़ा है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में इसे लीगल माना गया है. अगर लिव-इन-पार्टनर में रहने वाली अविवाहित लड़की प्रताड़ित हो तो वह शिकायत दर्ज करा सकती है. इस में घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत मामला दर्ज होता है. इस मामले में 60 दिन के अंदर फैसला देने का प्रावधान है.

घर से होना चाहिए सुधार

हर दूसरे रिलेशनशिप में लड़की मेंटली, फिजिकली या सेक्शुअली प्रताड़ित होती है. अगर लड़कियों को इस से बचाना है तो पेरेंट्स को उन की परवरिश ऐसी करनी होगी कि वह मजबूत और आत्मनिर्भर बनें. उन में आत्मविश्वास हो. वह इस प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठा सके. अगर घर में मां पिता से पिटती है तो भी उसे कदम उठाना चाहिए या पिता को अपने व्यवहार में सुधार लाना चाहिए.

बस एक थप्पड़ ही तो मारा है’ कई लोग पति से मार खाने वाली महिलाओं को यह बोल कर चुप कराने का काम करते हैं. मगर अनुभव सिन्हा की फिल्म ‘थप्पड़’ में तापसी पन्नू ने डायलॉग ‘हां बस एक थप्पड़… पर नहीं मार सकता’ से ऐसे लोगों को करारा जवाब दिया है. एक समय में सलमान खान पर ऐश्वर्या को पीटने का आरोप लगा था. माना जाता है कि ऐश्वर्या ने इसी वजह से सलमान को अपनी जिंदगी से अलग कर दिया था. इसी तरह कंगना ने भी मारपीट का आरोप लगाते हुए आदित्य पंचोली पर केस किया था. वैसे ऐसा नहीं है कि केवल लड़के ही अपने पार्टनर को मारते पीटते हैं. कईबार पत्नियां भी अपने पति पर हाथ उठा देती हैं. पत्नियों से मार खाने वाले पतियों की खबर भी सुनने को मिलती रहती है.

पुरुष भी हो रहे हैं घरेलू हिंसा के शिकार : रिपोर्ट

एक NGO ‘सेव इंडियन फैमिली फाउंडेशन’  और ‘माई नेशन’ की रिपोर्ट के अनुसार देश के 98 प्रतिशत भारतीय पति तीन साल की रिलेशनशिप में कम से कम एक बार घरेलू हिंसा के शिकार हो जाते हैं. यह बात एक ऑनलाइन शोध के जरिए सामने आई थी. मगर जग हंसाई के डर से बता नहीं पाते हैं. साथ ही किसी पुख्ता कानून के न होने कारण भी दिक्कत का सामना करते हैं.

इस संदर्भ में 40 साल के अमित सिंह कहते हैं कि अगर मेरी पत्नी तमाचा मार दे तो बात रिश्ते को खत्म करने तक जा सकती है क्योंकि यह मेरे लिए चौंकाने वाला होगा. लेकिन अगर मेरी गलती है तो मैं शायद चुप हो जाऊंगा. कुछ समय के लिए दूर चला जाऊंगा. इस के बाद रिश्ते को सुधारने की कोशिश भी करूंगा. आगे कोशिश होगी कि दोबारा ऐसा न हो थप्पड़ का मनोवैज्ञानिक नजरिया

वैसे तो किसी को थप्पड़ मारने से रिश्ते बिगड़ जाते है. मगर कभी कभी यह आप की मानसिक सेहत के लिए जरुरी भी हो सकता है. अगर आप किसी से इस हद तक नाराज हैं कि उस की शक्ल तक देखना नहीं चाहते तो उसे एक थप्पड़ मार कर देखिए. आप का गुस्सा तुरंत कम हो जाएगा. दरअसल जब भी हमें गुस्सा आता है तो हमारे शरीर में एक खास तरह का हार्मोन निकलने लगता है. वह हार्मोन हमारे शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है जिस से शरीर में गर्मी बढ़ती है और हमारा गुस्सा ज्यादा तेज होता जाता है. लेकिन जब हम किसी को थप्पड़ मारते हैं तो हमारे शरीर की ऊर्जा का एक बड़ा हिस्सा जो गुस्से को बढ़ा रहा था थप्पड़ मारने में चला जाता है. इसलिए हम तनाव से थोड़ा राहत महसूस करते हैं. आप को एक तरह का मानसिक संतोष होने लगता है कि मैं ने उसे थप्पड़ मारा. यह मानसिक संतोष आपके भीतर के गुस्से को पिघला देता है. आप के भीतर गुस्से को बढ़ा रहे हार्मोन का निकलना कम हो जाता है और गुस्सा शांत होने लगता है. मगर इस तरह दुसरे को प्रताड़ित कर के गुस्सा शांत करने का कोई औचित्य नहीं बनता.

जब बॉयफ्रेंड/ पार्टनर थप्पड़ मारे तो कब तक और क्यों निभाएं

 

– एक लड़की को अपने बॉयफ्रेंड या पार्टनर का थप्पड़ खा कर रिश्ता निभाने की कोई जरुरत नहीं. क्योंकि जब आप एक थप्पड़ का प्रतिकार नहीं करते हो तो सामने वाले को लगता है कि वह ऐसा बारबार कर सकता है. इसलिए पहले थप्पड़ पर ही आवाज उठानी जरुरी है. आप उसे अल्टीमेटम दे सकती हैं कि आइंदा ऐसा हुआ तो आप उसी पल उसे छोड़ देंगी. जैसे शेर के मुंह में खून लगने से वह आदमखोर

बन जाता है और उसे आदमी को मार कर खाने की आदत हो जाती है. वैसे ही आप के बॉयफ्रेंड या पार्टनर को भी आप को मारने की आदत हो सकती है. समय के साथ वह आप के प्रति और ज्यादा क्रूरता पर उतर सकता है. इस से बचने के लिए पहले थप्पड़ पर ही उसे रोकना आवश्यक है.

– बॉयफ्रेंड या जीवनसाथी द्वारा थप्पड़ मारे जाने के बाद आप एक ही शर्त पर चुप रह सकती हैं और उस के साथ निभाना जारी रख सकती हैं, और वह है जब गलती आप की हो. अगर आप ने कोई बड़ी गलती की और एकदम से गुस्से में आ कर उस ने थप्पड़ मारा हो तो आप उस वक्त खामोश रहें. मगर बाद में उसे यह जरूर चेता दें कि ऐसा फिर नहीं होना चाहिए.

– इसी तरह अगर आप कहीं खो गईं और वह पागलों की तरह आप को ढूंढ़ता फिर रहा हो या आप अपनी गलती से बीमार हो गई हों जबकि उस ने सावधानी रखने को कहा हो या आप ने अपने लिए कुछ बुरा कर लिया हो जब की बॉयफ्रेंड ने आप को समझाया था, तब ऐसे में अगर पार्टनर थप्पड़ मारे तो उस थप्पड़ के पीछे छिपे प्यार को महसूस कर आप चुप रह सकती हैं.

– कभी प्यार में या गलती से मारा गया थप्पड़ एक्सेप्ट किया जा सकता है. मगर जब उस थप्पड़ के पीछे नफरत हो तो उसे कभी भी स्वीकार नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे में आगे चल कर कोई बड़ा ख़तरा भी हो सकता है.

– आप अपने बॉयफ्रेंड या जीवनसाथी से कितना भी प्यार करती हों मगर यदि आप का पार्टनर दूसरों के आगे आप को बेइज्जत करता हो, कभी हाथ चला  कर या कभी शब्दों के थप्पड़ मार कर, तब उस पार्टनर को छोड़ देना ही उचित है. क्योंकिजो आप की इज्जत नहीं करता वह आप को डिजर्व भी नहीं करता.

– कई बार केवल लड़के ही नहीं बल्कि लड़कियां भी अपने पार्टनर के ऊपर हाथ उठा देती हैं. यदि आप दोनों का रिश्ता ही ऐसा है जिस में दोनों गुस्से में एकदूसरे को मारते हैं तो गलती आप की भी है. ऐसे में आप को खुद से भी वादा करना होगा कि आप हाथ नहीं उठाएंगी और यही बात अपने पार्टनर से भी कहेंगी कि वह भी यह आदत छोड़ दे. ऐसे में यदि बाद में कभी पार्टनर हाथ उठा दे तो उसे एकदो मौका दिया जा सकता है क्योंकि आदतें तुरंत नहीं जातीं.

– थप्पड़ भी कई तरह के होते हैं. यदि आप को एक ही थप्पड़ मारने के बाद पार्टनर खुद ही इमोशनल हो जाए और माफ़ी मांगे तो इस का मतलब है कि वह अपनी गलती महसूस कर रहा है. उसे मौका दिया जा सकता है और उस का साथ निभाया जा सकता है. मगर इस के विपरीत यदि पार्टनर आप को लगातार जोर जोर से मारता पीटता है और अपनी गलती भी नहीं मानता तो ऐसे सिरफिरे आशिक को तुरंत अपनी जिंदगी से निकालना जरुरी हो जाता है.

– इसी तरह शराब, गांजे आदि के नशे में धुत्त हो कर अगर आप का बॉयफ्रेंड आप के साथ अक्सर झगड़े करता है और हाथ भी उठाता है, तो ऐसे आदमी के साथ रहने का जोखिम उठाना बेवकूफी है. क्योंकि ऐसे लोग कब होश खो बैठें और कब आप की जिंदगी तबाह कर दें आप सोच भी नहीं सकतीं. ऐसा शख्स होश में आने के बाद यदि माफ़ी भी मांगे तो उसे दोबारा मौका देना उचित नहीं. ऐसे लोगों से दूर हो जाना ही सही फैसला है.

– यदि आप का पार्टनर परेशान है, बीमार है, नौकरी छूट गई है या कोई और मुसीबत में फंसा हुआ है और इस वजह से तनाव में हाथ उठा बैठता है तो ऐसेबॉयफ्रेंड या पार्टनर का साथ निभाया जा सकता है क्योंकि उसे आप की जरूरत है.

मेरी स्किन ड्राई है, सर्दियों में फेसवाश की जगह किस चीज से चेहरा धोना चाहिए?

सवाल 

मेरी स्किन ड्राई है. कृपया बताएं कि सर्दियों में फेसवाश की जगह किस चीज से चेहरा धोना चाहिए?

जवाब

ड्राई स्किन यानी रूखी त्वचा के रोमछिद्र खुले नहीं होते इसलिए सर्दियों में चेहरे की देखभाल के लिए सुबह चेहरे को पानी से अच्छी तरह धोएं. फिर औरेंज के छिलकों के पाउडर में थोड़ा सा कच्चा दूध मिला कर चेहरे पर लगाएं. 5 मिनट बाद हलके हाथ से मालिश करें और फिर कुनकुने पानी से मुंह को धो लें.

सर्दियों में शुष्क त्वचा को वाश करने के लिए ऐलोवेरा का प्रयोग कर सकती हैं. यह त्वचा को कोमलता प्रदान करता है. ऐलोवेरा का गूदा निकाल कर चेहरे पर 30 मिनट तक लगा कर रखें. फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. बाजार में बहुत सारे  प्रसाधन मिलते हैं जिन में ऐलोवेरा की कुछ मात्रा मिली होती है पर बेहतर यही होगा कि आप प्राकृतिक ऐलोवेरा का उपयोग करें.

ताजा ठंडा दूध ठंड से सूखी हुई त्वचा के लिए काफी बेहतरीन विकल्प है. आप को दूध को बिलकुल गरम करने की जरूरत नहीं है. सिर्फ ताजा ठंडा दूध त्वचा पर लगाएं. इसे 10 मिनट लगा रहने के बाद चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें.

फ्लाइट में जाने से पहले जाने, कुछ जरुरी बातें

टर्की के इस्तांबुल से दिल्ली आ रही इंडिगो की एक फ्लाइट (Istanbul to Delhi flight) में एक
पैसेंजर और एयर होस्टेस (विमान परिचारिका) के बीच खाने के ऑप्शन को लेकर तीखी बहस
हुई. भाषा की खबर के मुताबिक, उड़ान के दौरान हुई इस तीखी बहस (Argument in
Istanbul to Delhi flight) का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ.
यह घटना 16 दिसंबर की है. खबर के मुताबिक, वीडियो में इंडिगो की एयर होस्टेस (IndiGo air hostess) को यात्री को कहते सुना जा सकता है, मेरी क्रू आपकी वजह से रो रही है. पैसेंजर को उससे कहते सुना जा सकता है, आप पैसेंजर की नौकर हैं. जिस पर विमान परिचारिका ने कहा, मैं कर्मचारी हूँ और आपकी नौकर नहीं हूँ. वीडियो करीब एक मिनट का है. वीडियो में एक बार पैसेंजर ने एयर
होस्टेस से कहा कि आप चिल्ला क्यों रही हैं? शट अप (चुप हो जाओ). यह वीडियो फ्लाइट के
दौरान मौजूद किसी तीसरे पैसेंजर ने बनाया है.

इंडिगो (IndiGo) के मुताबिक, मामला कुछ पैसेंजर्स द्वारा भोजन का विकल्प चुनने से जुड़ा है.
डीजीसीए (DGCA) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार नियामक इस घटना को देख रहा है
और उचित कार्रवाई करेगा. जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव कपूर ने क्लिप
के बारे में ट्वीट किया कि उन्होंने कई सालों में लोगों को चालक दल के सदस्यों को थप्पड़
मारते और फ्लाइट के दौरान अपशब्द कहते देखा है. उन्होंने कहा कि शारीरिक या मौखिक
दुर्व्यवहार या अपमान स्वीकार्य नहीं है.

इस बीच अब एक अन्य एयरलाइन जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने वायरल वीडियो
पर प्रतिक्रिया दी है. संजीव कपूर ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर ये वीडियो पोस्ट किया और
लिखा है कि चालक दल भी इंसान हैं. इस एयर होस्टेस को इस ब्रेकिंग पॉइंट पर आने में काफी
समय लगा होगा. उन्होंने एयर होस्टेस के साथ सहानुभूति व्यक्त की और बताया कि कैसे कुछ
यात्री अपने दुर्व्यवहार और अपशब्द से केबिन क्रू की आत्मविश्वास को हिला देते है.इसके
अलावा क्रू को थप्पड़ खाते और गाली सुनते भी उन्होंने देखा है,कभी उन्हें नौकर तक कहा
जाता है.

उन्होंने आगे लिखा है कि मुझे कुछ साल पहले की एक घटना याद है, जहां सिर्फ 19 साल की
उम्र की एक नई क्रू को एक यात्री द्वारा इसलिए थप्पड़ मार दिया गया था क्योंकि उस व्यक्तिकी पसंद का खाना फ्लाइट में नहीं था. उस दिन के बाद उस लड़की ने दुखी होकर जॉब छोड़
दिया. ऐसी कई घटनाएं कई बार सुनने में आती है. अपने अनुभव के बारें में सपना वर्मा बताती है
कि मुंबई वाराणसी एयर इंडिया फ्लाइट में एक व्यक्ति बार-बार बटन दबाकर एयर होस्टेज
को हॉट वाटर के लिए बुलाता रहा. एयर होस्टेज कई बार गर्म पानी देकर गई,लेकिन उसकी
बदतमीजी देख एयर होस्टेज ने कहा कि उसे सभी का ध्यान रखने की जरुरत है. इस पर
व्यक्ति कुछ देर तक चुप रहा, लेकिन फिर बटन दबाने पर उसके बगल में बैठा व्यक्ति नाराज
हो गया और उससे ऐसा न करने की शिफारिश की. ये सही है कि इतने से वह व्यक्ति मान
गया और अगले 20 मिनट में सभी वाराणसी पहुँच गए.

हवाई जहाज में सफर करना सभी को अच्छा लगता है. इस सफर में हमारी मदद और सर्विस
के लिए एयर होस्टेस होती हैं. एक एयर होस्टेस अपनी ड्यूटी के दौरान सैकड़ों पैसेंजर्स से
मिलती हैं. एयर होस्टेस अपनी जॉब के दौरान पर्सनल टेंशन को पीछे रख कर पैसेंजर से हमेशा
मुस्कुरा कर और बहुत ही विनम्रता के साथ मिलती हैं, लेकिन बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जो उन्हें
पसंद नहीं आती हैं, क्या है वे ?आइये जाने.

  • एयर होस्टेस या फ्लाइट अटेंडेंट को जो सबसे ज्यादा खराब यात्रियों का उन्हें वेटर
    समझना होता है, जबकि उनकी जॉब बहुत मुश्किल हैं. उन्हें हमेशा ट्रेनिंग से गुजरना
    पड़ता है, ट्रेनिंग में पास नहीं हुए तो छुट्टी हो जाती है' फ्लाइट अटेंडेंट को ट्रेनिंग में सिर्फ
    टेक्निकल डिटेल ही नहीं सिखाया जाता, बल्कि सेफ्टी ट्रेनिंग भी जुड़ी रहती है.
  • एयर होस्टेस यात्रियों के कपड़ों पर हमेशा ध्यान देती हैं, शॉर्ट्स में भले ही यात्रा करना
    कंफर्टेबल हो, लेकिन अगर अच्छा ट्रीटमेंट चाहिए, तो आपको फ्लाइट में अच्छे कपड़े
    पहनने चाहिए. कुछ लोग ऐसे कपड़े पहनते हैं, जिससे लगता है कि वह एक पॉजिटिव
    इफेक्ट डालना चाह रहे है. वहीं, कुछ लोग ऐसे आते हैं जैसे उन्होंने फर्श से कपड़े उठाए
    हों और घर से भाग आए.
  • एयर होस्टेस को किसी भी समय बुलाने के लिए यात्रियों के सीट के ऊपर बटन लगा
    रहता है, लेकिन एयर होस्टेस को बुलाने के लिए एक ही यात्री अगर बार-बार घंटी
    बजाए तो ये उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं होता. हालांकि आप उन्हें बुला सकते हैं
    क्योंकि ये उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है, लेकिन कुछ लोग हवाई जहाज को अपना एक
    निजी विमान समझ लेते हैं और हर एक छोटी-बड़ी चीज के लिए आवाज लगाते
    रहते हैं.
  • लंबी-लंबी अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं में हमेशा फ्लाइट अटेंडेंट फ्रेश रहना पड़ता है.
    इसलिए इन विमानों में एयर होस्टेस के लिए स्पेशल केबिन बने होते हैं. सीढ़ियों के जरिए यहां पहुंचा जाता है. यहां एयरहोस्टेस को आराम करने का मौका मिल जाता
    है.
  • एयर होस्टेस का शेड्यूल कोई फिक्स नहीं रहता है. यह इतना ज्यादा बदलता रहता
    है कि ज्यादातर समय इन्हें घर से बाहर रहना पड़ता है. उनके शेड्यूल और जीवन
    पर कोई कंट्रोल नहीं होता है. उन लोगों के साथ भी काम करना पड़ता है, जिन्हें
    पसंद नहीं करते हैं.

Bigg Boss 16: फिर भड़की अर्चना और प्रियंका की लड़ाई, एक-दूसरे पर किया वार

कलर्स टीवी का रिएलिटी शो बिग बॉस 16 (Biggboss16) इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है जहां कंटेस्टेंट कभी एक -दूसरे से लड़ते नज़र आ रहे है तो कभी दोस्त बनते दिख रहे है वही नॉमिनेशन की प्रक्रिया के दौरान बीते दिन शालीन औऱ एस सी स्टेन के बीच काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद सलमान खान ने सब की क्लास भी लगाई थी. लेकिन ब विवाद अर्चना और प्रिंयका के बीच हुआ है जिसे देखना फैंस के लिए दिलचस्प रहा है.

आपको बता दें, कि नॉमिनेशन की प्रक्रिया में अकिंत, टिना, शालीन भनोट और प्रियंका नॉमिनेट हुए थे. वही अंकित बीते हफ्ते घर से बेघर हो गए है, ऐसे में प्रयिंका घर में बिलकुल अकेली हो गई. जिस मौके का फायदा अर्चना उठा रही है क्योकि अर्चना गौतम ही चाहती थी दोनो लव बर्डस अलग हो जाए. एक दूसरे का साथ झूठ जाएं. और हुआ भी ऐसा जिसका ना केवल अर्चना फायदा उठा रही है बल्कि दोनो के बीच जमकर लड़ाई तक हुई है.

जी हां. प्रोमो वीडियो में दिखाया गया है कि अर्चना गौतम औऱ प्रियंका चहर चौधरी के बीच जमकर लडाई होती है. जिसमे अर्चना प्रिंयका को ये तक कह देती है कि तुम अकिंत की नहीं हुई तो किसी और की दोस्त कैसे होगी. इतना ही नहीं, अर्चना ये तक कहती है कि मैने अकिंत के घर से बाहर होने के लिए मन्नत मांगी थी और वो पूरी हो गई है. और बार बार यही कहती है कि तेरा दुल्हा चला गया है दोनो की लड़ाई लगातार प्रोमो वीडियो में दिखाई गई है.

बता दें, कि इस पर प्रिंयका ने अर्चना को मुंह तोड़ जवाब दिया और कहा कि दोस्त बनाना कोई इनसे सीखें और दोस्त वही जहा इसकी हरकते सही जाएं. ऐसा करारा जवाब देकर प्रिंयका ने अर्चना की बोलती बंद कर दी.

 

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Anupmaa फसेंगी कपाड़िया और शाह हाउस के बीच, अनुज होगा नराज

रुपाली गांगुली और गौरव खन्ना स्टारर शो ‘अनुपमा’ इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है वही, शो टीआरपी रेस में भी सबसे आगे चल रहा है. शो में आने वाले मोड़ शो को और बेहतर बना रहे है शो में बीते दिन देखा गया कि अनुपमा और अनुज रोमांटिक पल बिताते हैं.वहीं बा और बरखा में झगड़ा होता है और बरखा अनुपमा को चेतावनी भी देती है कि एक दिन ये सब उसे भारी पड़ेगा. लेकिन रुपाली गांगुली के ‘अनुपमा’ में आने वाले मोड़ यहीं खत्म नहीं होते हैं.

फंक्शन में लेट पहुंचेगी अनुपमा

अनुपमा’ में दिखाया जाएगा कि अनुपमा बा के लिए खाना बनाने के लिए घर में ही रुक जाती है. काम के बीच ही उसे घुटने में चोट लग जाती है.वहीं जैसे ही वह इन सबके बाद भी निकलने की कोशिश करती है, परी की तबीयत खराब हो जाती है. बा उसे ताना मारती हैं कि उसके लिए पोती ज्यादा जरूरी है या नाच गाना? ऐसे में अनुपमा उसे संभालने में लग जाती है और लेट हो जाती है.

 

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गुस्साएंगे अनुज

कहानी यही खत्म नहीं होती है ‘अनुपमा’ में अनुपमा छोटी के फंक्शन में तो पहुंच जाती है, लेकिन वहां प्रतियोगिता खत्म हो जाती है.हालांकि अनुपमा सबसे निवेदन करके छोटी अनु के साथ फंक्शन करती है, लेकिन उसे फर्स्ट आने का पुरस्कार नहीं मिल पाता.अनुपमा अनु को समझाती है कि उसे इस बात से निराश नहीं होना चाहिए. वह अनुज का हाथ थामती है, लेकिन अनुज गुस्से में उसका साथ छोड़ देता है.

 

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अनुपमा’ में एंटरटेनमेंट का डोज यहीं खत्म नहीं होता.शो में आने वाले इन ट्विस्ट और टर्न्स को देखते हुए यह माना जा रहा है कि अनुपमा की इन लापरवाहियों के चलते छोटी अनु के मन में अपनी मां के प्रति नफरत भर जाएगी. दूसरी ओर अनुज भी अनुपमा की हरकतों से परेशान हो जाएगा और वनराज से बुरा रूप अपना लेगा.

Year Ender 2022: मौनी रॉय से लेकर करिशमा तन्ना तक इन 7 टीवी एक्ट्रेसस ने की शादी

हर साल की तरह इस साल वेंडिग सीजन चल रहा है ऐसे में ये बताना तय है कि इस साल कितने सिलेब्रिटी शादी के बंधन में बंध गए है. ऐसे कौन से स्टार्स है जिन्होने इस साल 2022 में शादी की है. और शादी की बेस्ट फोटो है जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तो आइए जानते है वो कौन कौन से ‘टीवी सिलेब्रिटी है जिन्होंने हाल फिलहाल में शादी की है. जी हां, इस साल हम सभी ने कई टीवी के कई सितारों को शादी करते देखा है. कुछ सितारों के वेडिंग लुक लोगों को इतने पसंद आए कि उनकी चर्चाएं आज तक हो रही हैं.

  1.  मोनी रॉय और सूरज नांबियार

मोनी रॉय ने अपने लंबे समय से रहे बॉयफ्रेंड सूरज नांबियार के साथ जनवरी 2022 में गोवा में शादी की थी. कपल ने बंगाली और मलयाली दोनों रीति-रिवाजों में शादी की. मोनी रॉय ने सब्यसाची द्वारा डिजाइन किया गया लहंगा पहना हुआ था.जिसमें वो बेहद खूबसूरत दिख रही थी. वही पति ने शेरवानी पहनी थी.जिसमे वो दुल्हे बन काफी जच रहे थे.

 

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2. पायल रोहतगी और सग्रांम सिंह

पायल में बॉक्सर सग्रांम सिंह से इसी साल जुलाई में शादी की है.बता दे, कि शादी से पहले संग्राम ने पायल को शो लॉकअप में प्रपोज किया था.इसके बाद दोनों ने काफी धूमधाम से शादी की. जिसके बाद मुबंई में ग्रैंड रिसेप्शन दिया. जिसमें कई सितारे पहुंचे. जिसकी फोटो भी खूब वायरल हुई.

3. करिशमा तन्ना और वरुण बंगेरा

करिशमा तन्ना ने इस साल अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड से फरवरी में शादी की है.दोनो की शादी में सिर्फ परिवार वाले और करीबी दोस्त शामिल हुए.हालांकि जैसे ही उन्होंने शादी की उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.करिश्मा तन्ना टीवी की दुनिया से ताल्लुक रखती हैं लेकिन वरुण बंगेरा इस इंडस्ट्री से काफी दूर रहते हैं. वरुण बंगेरा मुंबई के रहने वाले हैं और वह एक बिजनेसमैन हैं.

4.  करण वी ग्रोवर और पोप्पी जब्बल 

करण वी ग्रोवर काफी समय से पोप्पी जब्बल के साथ रिलेशन में थे. दोनो लिव इन में भी थे.लेकिन इस साल दोनों ने अपने रिशते को ऑफिशियल कर दिया.दोनो ने इंटीमेट शादी की जिसमें सिर्फ परिवाले और करीब दोस्त पहुंचे.

 

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5. मोहित रैना और अदिती शर्मा

टीवी सिरीयल में देवो के देव महादेव के रोल कर लोगों के दिल में राज करने वाले मोहित रैना ने इसी साल गर्लफ्रेंड अदिती शर्मा से शादी की है. दोनो की शादी की फोटो देख फैंस बहुत खुश हुए थे. इसी के साथ सब फैंस हैरान भी हुए थे कि मोहित अचानक शादी कर लेंगे.

 

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6. मानसी श्रीवास्तव और कपिल तेजवानी

इशकबाज, कुंडली भाग्य और ससुराल सिमर के फेम एक्ट्रेस मानसी ने बॉयफ्रेंड कपिल तेजवानी से इसी साल शादी की है. मानसी की शादी कई टीवी स्टार्स की मौजूदगी में हुई है. शादी मे इसके अलावा मानसी के साथ काम कर चुके सुरभि चंदना, शेरनू पारीक, धीरज धूपर, नेहालक्ष्मी अय्यर और कुणाल जयसिंह ने भी शिरकत करने पहुंचे.

 

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7. साइरस साहूकार और वैशाली मलहारा

पॉपुलर वीजे, होस्ट और एक्टर साइरस साहूकार इस साल अप्रैल में अपनी गर्लफ्रेंड वैशाली मलहारा से शादी की.दोनो की शादी कुछ करीबी दोस्त और परिवार वालों के बीच हुई.वीजे-एक्टर साइरस साहूकार ने अपनी लॉन्गटाइम गर्लफ्रेंड वैशाली मल्हारा से 15 अप्रैल को अलीबाग में शादी की. शादी के दौरान कपल पूरी तरह से एक-दूसरे में खोया हुआ दिखाई दिया था. ये दोनों पिछले छह सालों से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे. वही लहंगे में वैशाली कमाल की लग रही थी.

 

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चित्र अधूरा है: क्या सुमित अपने सपने साकार कर पाया

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Winter Special: गाजर से बनाएं ये हैल्दी रेसिपीज

सुर्ख लाल और ऑरेंज रंग की गाजर जिसे अंग्रेजी में कैरेट कहा जाता है यूं तो आजकल वर्ष भर ही मिलती रहती है परन्तु सर्दियों के मौसम में मिलनी वाली गाजर बेहद मीठी और स्वादिष्ट होती है. गाजर में विटामिन ए, सी, मिनरल्स, फायबर और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे पाचन तंत्र, आंखों और त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है.  गाजर से हल्वा, कांजी और अचार जैसे अनेकों व्यंजन बनाये जाते हैं परन्तु आज हम आपको गाजर से दो स्वीट डिशेज बनाना बता रहे हैं जिन्हें आप आसानी से बनाकर घर के सदस्यों को खिला सकतीं हैं तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-गाजर डोरा केक 

कितने लोगों के लिए                    8
बनने में लगने वाला समय              30 मिनट
मील टाइप                                  वेज
सामग्री
किसी गाजर                       1/2 कप
मैदा                                  1 कप
पिसी शकर                        3/4 कप
कन्डेन्स्ड मिल्क                  3 टेबलस्पून
बेकिंग पाउडर                   1/2 टीस्पून
शहद                               1 टीस्पून
वनीला एसेंस                     1 टीस्पून
दूध                                   1/2 कप
मक्खन                              1 टेबलस्पून
सामग्री(फिलिंग के लिए)
बटर                                  1 टीस्पून
किसी गाजर                        1 कप
किसा नारियल                     1टीस्पून
बारीक कटी मेवा                 1 टेबलस्पून

विधि
एक बाउल में मैदा, बेकिंग पाउडर और शकर को अच्छी तरह मिक्स करके छान लें. अब इसमें आधा कप किसी गाजर, वनीला एसेंस, शहद, मक्खन  को अच्छी तरह मिलाकर बेटर तैयार कर लें. तैयार मिश्रण से एक बड़ा चम्मच बेटर नॉनस्टिक तवे पर बिना चमचा लगाए फैला दें. ढककर धीमी आंच पर 4 से 5 मिनट तक पकाएं. पलटकर दूसरी तरफ से भी सुनहरा होने तक पका लें इसी प्रकार सारे केक तैयार कर लें.
एक पैन में बटर डालकर किसी गाजर डाल कर अच्छी तरह चलाएं. लगातार चलाते हुए 5-7 मिनट चलाएं ताकि गाजर गल जाए. गैस बंद कर दें और मेवा व नारियल मिक्स कर लें. दो पैनकेक के बीच में 1 टेबलस्पून फिलिंग फैलाकर दूसरा पैनकेक रख दें. इसी प्रकार सारे केक्स तैयार कर लें. बीच से काटकर सर्व करें.

-गाजर बाइट्स

कितने लोगों के लिए              8
बनने में लगने वाला समय         30 मिनट
मील टाइप                            वेज
सामग्री
फुल क्रीम दूध                      1/2 लीटर
किसी गाजर                         1 कप
मिल्क पाउडर                        2 टेबलस्पून
घी                                     1 टीस्पून
शकर                                1 टेबलस्पून
इलायची पाउडर                   1/2 टीस्पून
नीबू का रस                       1 टीस्पून

विधि
दूध को गैस पर उबलने रख दें. जब उबाल आ जाये तो गाजर और शकर डालकर अच्छी तरह चलाएं. आधा टीस्पून नीबू का रस डालें और लगातार चलाते हुए मिल्क पाउडर डालकर तेज आंच पर मिश्रण के गाढ़ा होने तक पकाएं. जब मिश्रण पैन में चिपकना छोड़ दे तो इलायची पाउडर और घी डालकर 5 मिनट तक भूनें. तैयार मिश्रण को चिकनाई लगी ट्रे में जमाकर ठंडा होने पर चौकोर बाइट्स में काटें और सर्व करें.

Wedding Special: वेडिंग सीजन में ट्राय करें आलिया भट्ट के ये खूबसूरत लहंगे

बौलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट (Alia Bhatt) का इंडियन हो या वेस्टर्न, हर फैशन सुर्खियों में रहता है. हालांकि कई बार वह अपने फैशन के चलते ट्रोलिंग का शिकार हो जाती हैं. बीते दिनों एक्ट्रेस अपने लहंगे के कारण ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं. हालांकि फैंस को आलिया के लहंगे का कलेक्शन बेहद पसंद हैं, जिसके चलते आज हम आपके लिए लेकर आए हैं आलिया भट्ट के लहंगे कलेक्शन की झलक. इन लहंगों को आप दोस्त की शादी हो या फैमिली में रिसेप्शन, किसी भी पार्टी ओकेशन पर ट्राय कर सकती हैं.

फैमिली गैदरिंग के लिए रौयल लहंगा

 

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शादी में लहंगों के कई कलर औप्शन मौजूद हैं. लेकिन आलिया भट्ट का रौयल ब्लू लहंगा आज भी फैंस को बेहद पसंद आता है. बीते दिनों एक्टर रणबीर कपूर के साथ फोटोज शेयर करते हुए आलिया ने रौयल ब्लू कलर का लहंगा पहने नजर आईं थीं. वहीं इस लुक के साथ गोल्डन ज्वैलरी पहने वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. आलिया भट्ट का ये लुक आज भी फैंस को काफी पसंद आता है, जिसके चलते वह इस लुक को कौपी करते हुए नजर आते हैं.

 

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पिंक कलर करें ट्राय

 

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लड़कियों को ज्यादात्तर पिंक कलर के लहंगे काफी अच्छे लगते हैं, जिसके लिए वह नए-नए औप्शन तलाश करती हुई नजर आती हैं. वहीं आलिया भट्ट का बेबी पिंक कलर का फ्लोरल लहंगा आपके लिए अच्छा औप्शन साबित हो सकता है. लाइट वर्क के इस लहंगे के साथ आप औक्साइड ज्वैलरी कैरी कर सकती हैं. इसके अलावा आप आलिया का हैवी वर्क वाला पिंक लहंगा भी औप्शन देख सकती हैं, जिसके साथ हैवी ज्वैलरी पहनने की बजाय केवल आप एक हैवी मांगटीका पहनकर अपने लुक पर चार चांद लगा सकती हैं.

 

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ब्लू लहंगा करें ट्राय

 

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इन दिनों पिंक रेड या ग्रीन की जगह रौयल ब्लू लहंगा काफी ट्रैंड में है. आलिया भट्ट का ये रौयल ब्लू लहंगा आप अपनी दोस्त की वेडिंग में ट्राय कर सकती हैं. इसके अलावा आप हैवी वर्क में आलिया के पैरट, पिंक और ग्रे कलर के लहंगे का चुनाव कर सकती हैं.

 

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