मैरिड लाइफ की इस प्रौब्लम से पाएं छुटकारा

अंजली के पति अजय को अधिकतर अपने व्यवसाय के सिलसिले में दौरे पर रहना पड़ता है. जब भी वे दौरे से लौटने वाले होते हैं, अंजली को खुशी के बजाय घबराहट होने लगती है, क्योंकि लंबे अंतराल के बाद सेक्स के समय उसे दर्द होता है. इस कारण वह इस से बचना चाहती है. इस मानसिक तनाव के कारण वह अपनी दिनचर्या में भी चिड़चिड़ी होती जा रही है. अजय भी परेशान है कि आखिर क्या वजह है अंजली के बहानों की. क्यों वह दूर होती जा रही है या मेरे शहर से बाहर रहने पर कोई और आ गया है उस के संपर्क में? यदि शारीरिक संबंधों के समय दर्द की शिकायत बनी रही तो दोनों ही इस सुख से वंचित रहेंगे.

दर्द का प्रमुख कारण स्त्री का उत्तेजित न होना हो सकता है, जब वह उत्तेजित हो जाती है तो रक्त का प्रवाह तेज होता है, सांसों की गति तीव्र हो जाती है और उस के अंग में गीलापन आ जाता है. मार्ग लचीला हो जाता है, संबंध आसानी से बन जाता है.

फोरप्ले जरूरी

बगैर फोरप्ले के संबंध बनाना आमतौर पर महिलाओं के लिए पीड़ादायक होता है. फोरप्ले से संबंध की अवधि व आनंद दोनों ही बढ़ जाते हैं. महिलाओं को संबंध के लिए शारीरिक रूप से तैयार होने में थोड़ा समय लगता है. उसे इसे सामान्य बात मानते हुए किसी दवा आदि लेने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. यह देखा गया है कि कुछ दवाएं महिलाओं के गीलेपन में रुकावट पैदा करती हैं. इसीलिए सेक्स को भी एक आम खेल की तरह ही लेना चाहिए. जिस तरह खिलाड़ी खेल शुरू करने से पहले अपने शरीर में चुस्ती व गरमी लाने के लिए अभ्यास करते हैं उसी तरह से वार्मअप अभ्यास करते हुए फोरप्ले की शुरुआत करनी चाहिए. पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर इस का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. महिलाओं के शरीर में कुछ बिंदु ऐसे होते हैं जिन्हें हाथों या होंठों के स्पर्श से स्पंदित किया जा सकता है. हलके स्पर्श से सहला कर उन की भावनाओं को जाग्रत किया जा सकता है.

अगर पर्याप्त फोरप्ले के बावजूद गीलापन न हो, उस स्थिति में चिकनाई वाली क्रीम इस्तेमाल की जा सकती है, जो एक प्रकार की जैली होती है. इस को लगाने के बाद कंडोम का प्रयोग करना चाहिए. कुछ कंडोम ऐसे होते हैं, जिन के बाहरी हिस्से में चिकना पदार्थ लगा होता है. इस से पुरुष का अंग आसानी से प्रवेश हो जाता है.

चिकनाईयुक्त कंडोम

यहां यह सावधानी बरतने योग्य बात है कि यदि सामान्य कंडोम प्रयोग किया जा रहा हो तो उस स्थिति में तेल आधारित क्रीम का प्रयोग न करें, क्योंकि तेल कंडोम में इस्तेमाल की गई रबड़ को कमजोर बना देता है व संबंध के दौरान कंडोम के फट जाने की संभावना बनी रहती है. कई बार कंडोम का प्रयोग करने से योनि में दर्द होता है. जलन या खुजली होने लगती है. इस का प्रमुख कारण कंडोम में प्रयोग होने वाली रबड़ से एलर्जी होना हो सकता है. पुरुषों के ज्यादातर कंडोम रबड़ या लैटेक्स के बने होते हैं. आमतौर पर 1 से 2% महिलाओं को इस से एलर्जी होती है. वे इस के संपर्क में आने पर बेचैनी, दिल घबराना यहां तक कि सांस रुकने तक की तकलीफ महसूस करती हैं. अत: यदि पति द्वारा इस्तेमाल कंडोम से ये लक्षण दिखाई पड़ें तो बेहतर है उन्हें अपने कंडोम का ब्रांड बदलने को कहें. इस का कारण कंडोम के ऊपर शुक्राणुओं को समाप्त करने के लिए जो रसायन लगाया जाता है, वह भी एलर्जी का कारण हो सकता है. सामान्य कंडोम का प्रयोग कर के भी इस एलर्जी से नजात पाई जा सकती है. इस के बावजूद यदि समस्या बनी रहे तो पुरुष कंडोम की जगह पत्नी स्वयं महिलाओं के लिए बनाए गए कंडोम का प्रयोग करे.

महिलाओं के कंडोम रबड़ की जगह पोलीयूरेथेन के बने होते हैं. वैसे बाजार में पुरुषों के लिए पोलीयूरेथेन कंडोम भी उपलब्ध हैं. इन के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि यह आम रबड़ के बने कंडोम की तुलना में कमजोर होते हैं, संबंध के दौरान इन के फटने की आशंका बनी रहती है. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि संबंध के दौरान कंडोम के प्रयोग से अनेक लाभ होते हैं. इसके कारण अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलता ही है, रोगों के संक्रमण से भी नजात मिल जाती है.

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लो ब्‍लड प्रेशर होने पर करें ये 5 उपाय

शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए दिल का स्‍वस्‍थ होना बहुत जरूरी है. लेकिन वर्तमान में अनियमित खानपान और अस्‍वस्‍थ दिनचर्या के कारण उच्‍च रक्‍तचाप और निम्‍न रक्‍तचाप की समस्‍या बढ़ रही है.

जब किसी के शरीर में रक्त-प्रवाह सामान्य से कम हो जाता है तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं. सामान्‍यतया ब्लड प्रेशर 120/80 होता है. यदि ब्‍लड प्रेशर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर कहते हैं. इसे अगर गंभीरता से न लिया जाये तो इसका असर शरीर के दूसरे अंगों पर पड़ता है.

ऐसे में शरीर में ब्लड का दबाव कम होने से आवश्यक अंगों तक पूरा ब्लड नहीं पहुंच पाता जिससे उनके कार्यो में बाधा पहुंचती है. ऐसे में दिल, किडनी, फेफड़े और दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह से काम करना भी बंद कर सकते हैं. लो ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या होने पर तुरंत ये काम करें.

1. लेमन जूस पियें

लेमन जूस उच्च रक्तचाप में काफी फायदेमंद होता है लेकिन ये निम्‍न रक्तचाप में भी फायदेमंद होता है. जब डीहाइड्रेशन की समस्‍या हो तो यह बहुत ही उपयोगी है. कई बार लेमन जूस में हल्का सा नमक और चीनी डालकर पिया जा सकता है. इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी. साथ ही लीवर भी सही से काम करता है.

2. नमक का पानी

नमक का पानी लो ब्‍लड प्रेशर के लिए बड़े काम का है. इससे ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है. नमक में सोडियम मौजूद होता है और यह ब्‍लड प्रेशर बढ़ाता है. ध्यान रहे, नमक की मात्रा इतनी भी ना दें कि इससे स्वास्‍थ्य पर बुरा असर पड़े. बहुत ज्यादा मात्रा में नमक सेहत के लिए फायदेमंद नहीं माना जाता. कम ब्लड प्रेशर में एक गिलास पानी में डेढ़ चम्मच नमक मिलाकर पी सकते हैं.

3. गुणकारी है तुलसी

तुलसी कम होते ब्‍लड प्रेशर को सामान्य करने में मददगार साबित होती है. इसमें विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो दिमाग को संतुलित करते हैं और तनाव को भी दूर करते हैं. जूस में 10 से 15 प‌त्तियां डाल दें. एक चम्मच शहद डाल दें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें.

4. कैफीन का सेवन करें

कॉफी भी बड़े काम की है. ब्‍लड प्रेशर कम होने पर स्ट्रांग कॉफी, हॉट चॉकलेट, कोला और कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से रक्तचाप सामान्‍य हो जाता है. यदि आपको अक्सर निम्न रक्तचाप रहता है तो आपको रोजाना सुबह एक कप कॉफी पीना चाहिए. लेकिन यह भी ध्‍यान रखें कि इसके साथ कुछ न कुछ जरूर खायें.

5. फायदेमंद है किशमिश

किशमिश को पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा के रूप में देखा जाता है. लो ब्‍लड प्रेशर होने पर किशमिश खाना बहुत फायदेमंद होता है. रात में 30 से 40 किशमिश भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें. जिस पानी में किशमिश भिगोई थी आप उस पानी को भी पी सकते हैं. महीने में आप ऐसा एक बार कर सकते हैं. इसके अलावा एक गिलास दूध में 4-5 बादाम, 15-20 मूंगफली और 10 से 15 किशमिश भी मिलाकर ले सकते हैं.

हेल्‍दी खानपान और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाने से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्‍या नहीं होती है.

मसकारा की प्रौब्लम के लिए सुझाव दें?

सवाल-

मैं जब भी मसकारा लगाती हूं मेरी आंखों से पानी आने लगता है. मु झे क्या करना चाहिए?

जवाब-

मु झे लगता है कि इस के 2 कारण हो सकते हैं. एक तो हो सकता है जो मसकारा आप इस्तेमाल कर रही हों उस के अंदर कोई ऐसा कैमिकल हो जो आप को सूट नहीं कर रहा और दूसरा कारण हो सकता है कि आप को मसकारा लगाना सही से नहीं आता.

मसकारा का ब्रश आप को चुभने लगता है, इसलिए आप की आंखों से पानी आने लगता है. जब मसकारा लगाने लगें तो ऊपर देखें और ब्रश को आंखों के एकदम पास न लाएं. नीचे वाली पलकों पर मसकारा लगाते वक्त सामने की तरफ देखें और ब्रश को आंखों के साथ न लगने दें. वैसे आजकल मसकारा का एक बहुत अच्छा अल्टरनेटिव आ गया है आईलैश ऐक्सटैंशन.

आप एक बार आईलैश ऐक्सटैंशन करा लें तो वह 20 दिन तक बना रहता है. इस में 1-1 लेश को आप की लैशेज के साथ जोड़ा जाता है न कि स्किन पर. इसलिए इस से कोई परेशानी नहीं होती. फिर 20 दिन के बाद 1-1 कर के लैशेज गिरने लगती हैं. यह आप की लैशेज नहीं होतीं बल्कि लगाई हुई लैशेज होती हैं क्योंकि लगाते वक्त जो ग्लू इस्तेमाल होता है वह धीरेधीरे कर के ढीला पड़ने लगता है. इसलिए जब भी आईलैश ऐक्सटैंशन लगवाएं तो पैकेज ले लें ताकि इस दौरान जो लैशेज गिरें उन्हें बीचबीच में फिल करवाती रहें.

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आईलाइनर और आईशैडो ही नहीं, मार्केट में यलो से ले कर ब्लू, पिंक से ले कर ग्रीन शेड के मसकारों के कलैक्शन में कोई कमी नहीं है. ऐसे में अगर आप भी नियमित ब्लैक और ट्रांसपैरेंट शेड का मसकारा लगा कर ऊब चुकी हैं, तो एक बार कलरफुल मसकारा जरूर ट्राई करें. मसकारा के कलरफुल शेड्स आंखों को बिग और ब्राइट लुक देते हैं. ब्लैक मसकारे के मुकाबले ये काफी आकर्षक भी नजर आते हैं, बशर्ते इन का चुनाव करते वक्त अपनी स्किनटोन के साथसाथ आंखों के रंग का भी खास खयाल रखा जाए.

टौप 5 कलरफुल मसकारा

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Bigg Boss 16: नॉमिनेशन टास्क में आएगी दोस्ती में दरार, Nimrit और Tina में होगी बहस

कलर्स के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 16’ (Bigg Boss 16) में दिवाली के मौके पर सलमान खान नहीं बल्कि करण जौहर घरवालों की क्लास लगाते आए. इसी के साथ शो से एक और कंटेस्टेंट मान्या सिंह बेघर हो गईं हैं. हालांकि आने वाले हफ्तों में शो और धमाकेदार होने वाला है. क्योंकि दोस्तों के बीच लड़ाई होते हुए दिखने वाली है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

नॉमिनेशन टास्क से पड़ेगी रिश्तों में दरार

 

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हाल ही में शो के नए प्रोमो की झलक देखने को मिली है, जिसके चलते पहली बार शो में आमने सामने नॉमिनेशन देखने को मिला है. दरअसल, प्रोमो में बिग बॉस नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे, जिसमें दो जोड़ियां नजर आएंगी. एक जोड़ी मिलकर दूसरी जोड़ी में से किसी एक को बचाएगी और किसी एक को नॉमिनेट करेगी. वहीं इस टास्क में Nimrit Kaur Ahluwalia और टीना दत्ता के सामने Shalin Bhanot और Gautam Vig में से किसी एक को नॉमिनेट करने की चुनौती होगी. वहीं इसी के चलते दोनों के बीच बहस होती दिखेगी.

फंसेंगे अब्दू और साजिद

 

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निमृत और टीना के अलावा अब्दू और साजिद भी फंसते हुए नजर आएंगे. दरअसल, दोनों के सामने अंकित गुप्ता और निमृत कौर आहलूवालिया में से किसी एक नॉमिनेट करने की चुनौती आएगी. हालांकि देखना होगा कि वह किसे नॉमिनेट करते दिखेंगे.

बता दें, बिग बॉस के दीवाली स्पेशल वीकेंड के वार में जहां अर्चना संग गोरी के बर्ताव को लेकर करण जौहर ने उनकी क्लास लगाई थी तो वहीं गौतम और सौंदर्य के रिश्ते पर भी सवाल उठाए थे. इसी के साथ मान्या सिंह के साथ सौंदर्या की तगड़ी बहस भी देखने को मिली थी.

मां के कॉलेज जाने पर बढ़ेगा पाखी का पारा, वनराज को पता चलेगा अधिक का सच!

सीरियल अनुपमा की कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए मेकर्स नए नए ट्विस्ट ला रहे हैं. जहां बीते दिनों अनुपमा से हटकर सीरियल की कहानी तोषू और पाखी पर फोकस करती दिखी थी तो वहीं अब कहानी में एक बार फिर अनुपमा की कामयाबी की कहानी पर जोर देते हुए दिखाया जाने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अनुपमा को मिला धनतेरस का तोहफा

 

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अब तक आपने देखा कि पाखी और अधिक के ड्रामे के बाद शाह और कपाड़िया फैमिली दीवाली की तैयारियां करती है. वहीं अनुज इस खास मौके पर अनुपमा को फाइनेंस की पढ़ाई का तोहफा देता है. वहीं उसे कॉलेज छोड़ता दिखता है. दूसरी तरफ, अनुपमा की पढ़ाई और उसके कॉलेज में एडमिशन लेने से पाखी, कॉलेज जाने से मना कर देती है और दोबारा शाह फैमिली में अनुपमा को लेकर ड्रामा करती है.

बरखा बताएगी वनराज को सच

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि बरखा, अंकुश और अधिक से पूछेगी कि उनका प्लान क्या है. साथ ही अधिक के खिलाफ बोलने की बात करेगी और कहेगी कि वह पाखी से शादी केवल कपाड़िया अंपायर पर राज करने के लिए कर रहा है. वहीं वनराज से मिलकर उसे अधिक के बारे में सच बताने की कोशिश करेगी. ताकि पाखी का रिश्ता अधिक से टूट जाए. दूसरी तरफ, कॉलेज में अनुपमा के पढ़ाई करने पर स्टूडेंट हंसते हैं तो वहीं अनुज के साथ कुछ लड़कियां फ्लर्ट करने की कोशिश करेगी.

अनुपमा देगी पढ़ाई पर ध्यान

इसके अलावा आप देखेंगे कि अनुपमा लाख मुश्किलों के बाद अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने का फैसला करेगी. हालांकि वनराज, अनुपमा से पाखी के बारे में बात करने की कोशिश करेगा. दूसरी तरफ अनुज और अनुपमा का कॉलेज रोमांस जारी रहेगा. हालांकि देखना होगा कि अनुपमा के शाह फैमिली और पाखी को अधिक के प्लान के बारे में बताने पर क्या होगा.

हार की जीत- भाग 3: कपिल ने पत्नी को कैसे समझाया

शालू की समझ में नहीं आ रहा था क्या जवाब दे? पता नहीं क्या मांगने आई है? हो सकता है, सब्जी ही मांग बैठे. उस ने कपिल का दिया हुआ अस्त्र ही चलाया, ‘‘करेले पका रही हूं.’’

‘‘करेले,’’ आरुषि की आंखों में चमक आ गई.

शालू घबरा गई, ‘‘अब ये करेले मांगेगी… मुझे क्या पता था कि इसे करेले इतने पसंद हैं, नहीं तो झूठ ही बोल देती.’’

खिली हुई बांछों से आरुषि बोली, ‘‘फिर तो तेरे आलू बच गए होंगे. सौरभ कल बता रहा था कि औफिस से लौटते समय कपिल ने मंडी से अन्य सब्जियों के साथ आलू भी खरीदे थे. 4 आलू दे दे शाम को वापस कर दूंगी.’’

शालू रोआंसी हो गई. एक ही दिन में 2 अस्त्र बरबाद हो गए. शाम को उस ने कपिल को सारी बात बताई. कपिल सिर पकड़ कर बैठ गया. उस की समझ में ही नहीं आ रहा था इस समस्या से कैसे निबटा जाए?

अगले दिन रविवार था. कपिल और सौरभ का एक अन्य बैचमेट राघव अपनी

बीवी नैना और बच्ची समेत सामने वाले ब्लौक में ट्रक से सामान उतरवा रहा था. उन दोनों के कहने पर उस ने भी उसी कालोनी में 2 बैडरूम का फ्लैट खरीद लिया था. ट्रक से सामान उतरवा कर सौरभ तो वापस आ गया, कपिल वहीं रुका रहा.

अगले दिन शालू और कपिल डिनर ले कर राघव और नैना से मिलने पुन: उस के घर गए. बातों ही बातों में राघव ने कहा, ‘‘यार, यह सौरभ तो बड़ा अजीब आदमी है. दोपहर में आया और बोला, घर में सिलैंडर खत्म हो गया है. बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं. अपना जरिकैन मुझे दे दे. शाम को दुकान खुलते ही वापस कर दूंगा.’’

‘‘तूने बताया ही क्यों कि तेरे पास जरिकैन भर मिट्टी का तेल है?’’

‘‘बताने की क्या जरूरत है? वह तो सामान उतरवा रहा था, सो उस की नजर पड़ गई. जब तक गैस का कनैक्शन चालू हो, हौट प्लेट से काम चलाना पड़ेगा.’’

‘‘जरिकैन वापस मिला की नहीं?’’

‘‘अरे जरिकैन तो नहीं मिला, मजेदार बात यह है कि थोड़ी देर पहले नैना आरुषि से बात कर रही थी, तो उस के मुंह निकल गया कि कानपुर में मिट्टी के तेल की तो बेहद किल्लत है, तो जानते हो आरुषि क्या बोली?’’

‘‘क्या?’’

‘‘पता नहीं तुम्हारे हसबैंड कहां गए ढूंढ़ने? मेरे हसबैंड तो दोपहर में निकले और 10 मिनट में ही तेल ले कर आ गए. अब बताओ भला, हमारे यहां से तेल ले गए और हमारे ऊपर ही रोब झाड़ रहे हैं.’’

कपिल और शालू दोनों के मुंह खुले के खुले रह गए. मियांबीवी दोनों ही उस्ताद हैं. दोनों को मांगने की तो बुरी आदत है ही, मांग कर भूलने का नाटक करना भी इन की आदत में शुमार है.

घर लौट कर कपिल ने शालू से इस समस्या का हल ढूंढ़ने के लिए कहा, तो शालू ने तुरंत हल सुझाया, ‘‘हम साफ मना कर दें कि कुछ नहीं देंगे.’’

‘‘नहीं, वे बुरा मान सकते हैं.’’

शालू ने अगला प्रयत्न किया, ‘‘अच्छा अगर हम दी हुई चीज वापस मांग लें?’’

‘‘हां, किया जा सकता है, पर इस में आपस के संबंधों में तनातनी हो सकती है.’’

शालू सोच में पड़ गई, ‘‘एक तरीका और है, हम मकान ही बदल लें?’’

‘‘इतना आसान नहीं है मकान बदलना शालू. अगर दूसरी जगह भी ऐसा ही मांगने वाला पड़ोसी मिल जाए, तो फिर क्या तीसरा मकान ढूंढ़ेंगे?’’

‘‘एक तरीका है,’’ अगली सुबह औफिस जाते समय कपिल ने शालू से कहा, ‘‘कोई भी सामान आरुषि या सौरभ को दो तो मुझे जरूर बता देना.’’

औफिस पहुंचने के बाद शालू के 3 फोन आए और उस ने जोजो सामान आरुषि को दिया, सब बता दिया. औफिस में लंच सब लोग साथ किया करते थे, मिलबांट कर खाते थे. जब सब लोग इकट्ठा हो गए तो कपिल ने सौरभ से कहा, ‘‘सौरभ, आज तेरे घर, प्याज, चीनी और डिटर्जैंट खत्म हो गया है लौटते समय ले कर जाना.’’

‘‘तुझे कैसे मालूम?’’ सौरभ का कौर मुंह तक आतेआते रुक गया.

‘‘अरे यार तुझ से लापरवाह कोई नहीं हो सकता. तू तो घर का सामान लाना भूल जाता है, उधर भाभीजी घरघर सामान मांगमांग कर तेरी गृहस्थी चलाती रहती हैं. मैं ने इसीलिए शालू से कह दिया था कि भाभीजी के घर जोजो सामान खत्म होता जाए मुझे फोन पर बताती जाए. अभी तक ये 3 चीजें भाभीजी मेरे घर से ले कर गई हैं.’’

सौरभ को इस तरह सब के बीच पोल खुलना रास नहीं आया. वह गुर्राते हुए बोला, ‘‘ऐसा क्या सामान मांग लिया मेरी बीवी ने? भले पड़ोसी होने के नाते थोड़ाबहुत लेनदेन तो चलता ही है, आरुषि भी तेरे यहां से कुछ ले गई होगी. इस का मतलब यह तो नहीं कि तू ढिंढोरा पीटता फिरे?’’

इस से पहले कि कपिल कुछ बोल पाता, राघव बीच में ही बोल पड़ा, ‘‘अरे सौरभ, तुझे मिट्टी का तेल मिला कि नहीं? तूने तो जरिकैन भी वापस नहीं किया.’’

सौरभ इस दोतरफा हमले के लिए तैयार नहीं था. उस ने चुप बैठने में ही भलाई समझी. अमन वर्मा उन के गु्रप में सब से ज्यादा मस्त था. जानतेबूझते हुए बोला, ‘‘भिंडी की सब्जी बहुत अच्छी बनी हुई है. यह कौन लाया है?’’

‘‘मैं लाया हूं,’’ सौरभ बोला.

‘‘यानी कपिल के घर की भिंडी पर अपनी मुहर लगा रहे हो?’’

सौरभ के मुंह से जोर से निकला, ‘‘खबरदार, आज की सब्जी मेरे घर की है.’’

‘‘इस का मतलब, रोज की सब्जी कपिल के घर की होती थी,’’ अमन वर्मा ने बात पकड़ ली. इस के साथ ही पूरे गु्रप का जोरदार ठहाका गूंजा.

शाम को कपिल ने सब्जी मंडी में स्कूटर रोक लिया और सौरभ से बोला,

‘‘जा, जोजो सामान घर में खत्म हो रहा है वह ले ले. मुझे बहुत बुरा लगता है, जब भाभी घरघर हाथ फैलाती हैं.’’

सौरभ एक हारे हुए सिपाही की तरह स्कूटर से उतरा और सामान लेने चला गया.

सौरभ को देखते ही दुकानदार बोला, ‘‘बहुत दिन बाद आए बाऊजी.’’

कपिल मन ही मन बोला, ‘‘जब मैं रोज आ रहा था, तो यह क्या करते आ कर? मगर अब चिंता न करो, ये रोज आएंगे.’’

सौरभ ने सामान पैक करवाना शुरू किया, तो कपिल ने दुकानदार से उसी सामान में से कई चीजों के अलगअलग पैकेट बनाने को कहा.

सौरभ ने टोका, तो कपिल बोला, ‘‘अरे यार, तेरी इस भूलने की आदत के

कारण मैं भाभी को अब और अपमानित होते नहीं देख सकता, इसलिए बजाय इस के कि वे मांगा हुआ सामान मुझे वापस करने आएं, मैं पहले ही उसे अपने घर ले जा रहा हूं.’’

सौरभ के पास इतने जोरदार तर्क का कोई जवाब नहीं था. उस ने चुपचाप दुकानदार के पैसे चुकाए और दोनों लोगों की थैलियां हाथ में पकड़े चुपचाप स्कूटर के पीछे बैठ गया.

सौरभ से अपनी थैली ले कर जब कपिल अपने घर पहुंचा, तो शालू ने उस के हाथ से थैली ली और बोली, ‘‘सुनो यह मांगी हुई चीजों की लिस्ट क्या रोजरोज तुम्हें फोन पर देनी पड़ेगी?’’

‘‘कल से शायद तुम्हें इस की जरूरत नहीं पड़ेगी.’’

उधर आरुषि सौरभ को क्व2 हजार का बिल पकड़ाते हुए बोली, ‘‘आज सर्विस स्टेशन से मैकैनिक आया था. स्कूटर ठीक कर गया है. कह रहा था सौरभ का फोन आया था. उन्होंने ही घर का पता और स्कूटर नंबर दिया है.’’

दोनों घर आसपास थे, पर दोनों में माहौल अलग था. इधर कपिल से अपनी जीत की मुसकराहट रोके नहीं रुक रही थी और उधर सौरभ परेशान था कि उस ने तो कोई फोन नहीं किया था पर बीवी के आगे अपनी हार का परदाफाश होने के डर से वह शांत खड़ा था.

दोस्ती करें और ब्रेकअप फीवर से बचें

अकसर ब्रेकअप के बाद प्रेमीप्रेमिका एकदूसरे को भूलने के लिए हर फंडा अपनाते हैं. एकदूसरे को सोशल साइट्स पर ब्लौक करते हैं. वैसी जगहों पर जाना छोड़ देते हैं जहां उन के पार्टनर आते हैं. कुछ तो कौमन फ्रैंड्स से भी दूरी बना लेते हैं ताकि उन्हें ब्रेकअप का कारण न बताना पड़े.

पर कभी ब्रेकअप के बाद अपने ऐक्स से दोस्ती करने के बारे में नहीं सोचते, जबकि ब्रेकअप के बाद अपने ऐक्स से दोस्ती रखना  न केवल फायदेमंद होता है, बल्कि यह आप को मानसिक रूप से भी सबल बनाता है, जिस से आप खुश रहते हैं और डिप्रैशन से बाहर निकलते हैं.

क्यों पसंद नहीं करते दोस्ती करना

आमतौर पर ब्रेकअप के बाद दोस्ती रखना इसलिए पसंद नहीं किया जाता, क्योंकि इस से साथी और उस की यादों से निकलने में काफी तकलीफ होती है, पर ब्रेकअप के बाद आपस में दोस्ती का रिश्ता रख कर आप एकदूसरे की मदद कर सकते हैं. इस में कोई बुराई नहीं है बल्कि इस से यह स्पष्ट होता है कि आप के दिल में एकदूसरे के प्रति कोई गलत धारणा नहीं है.

बौलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण ने अपने ऐक्स बौयफ्रैंड रणवीर कपूर से ब्रेकअप के बाद भी बहुत ही प्यारा और दोस्ताना रिश्ता रखा है. दीपिका की कई बातें ब्रेकअप के बाद मूवऔन करना और अपने ऐक्स के साथ दोस्ताना रिश्ता रखना सिखाती हैं. पर्सनल बातों को किनारे रखते हुए प्रोफैशनली दीपिका ने रणवीर कपूर के साथ फिल्म साइन की और दर्शकों ने इस फिल्म को काफी सराहा. इस बात से पता चलता है कि हमें प्यार और काम में कैसे बैलेंस बना कर रखना चाहिए. अगर आप और आप का ऐक्स एक ही जगह पढ़ते या काम करते हैं तो अपने काम को कभी भी रिश्ते की खातिर इग्नोर न करें और न ही ब्रेकअप को खुद पर हावी होने दें.

बौलीवुड कपल्स जिन्होंने ब्रेकअप के बाद भी निभाई दोस्ती

रणवीर दीपिका

रणवीर और दीपिका की दोस्ती को बौलीवुड सलाम करता है. ब्रेकअप के बाद दोस्ती के रिश्ते को मैंटेन रखना कोई इन से सीखे.

अनुष्का रणबीर

रणबीर सिंह और अनुष्का शर्मा ने अपनी पहली फिल्म ‘बैंड बाजा बरात’ के बाद एकदूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था. लेकिन इन का यह रिश्ता बहुत समय तक चल नहीं पाया और ब्रेकअप हो गया. ब्रेकअप के बाद ये कुछ समय के लिए एकदूसरे से दूर थे, लेकिन फिर दोनों ने दोस्ती कर ली.

शिल्पा अक्षय

90 के दशक में इन की हिट जोड़ी थी, लेकिन कुछ समय बाद ये अलग हो गए और अक्षय ने टिंवकल से शादी कर ली और शिल्पा ने राज कुंदरा में प्यार ढूंढ़ लिया, लेकिन आज भी दोनों अच्छे दोस्त की तरह मिलते हैं.

ऋषि डिंपल

रणवीर ने दीपिका से ब्रेकअप के बाद दोस्ती काफी अच्छे से बरकरार रखी. आखिरकार इतने अच्छे से मैनेज करना उन्होंने अपने पापा से सीखा है. ऋषि कपूर ने भी एक जमाने में डिंपल कापडि़या के साथ दोस्ती मैंटेन की थी.

क्या न करें

सोशल प्लेटफौर्म न छोड़ें

अकसर ऐसा होता है कि ब्रेकअप के बाद हम सोशल प्लेटफौर्म छोड़ देते हैं, अकाउंट डिऐक्टिवेट कर देते हैं या फिर पार्टनर को ब्लौक कर देते हैं. ऐसे में सोशल साइट्स पर बने रहें, लेकिन वहां अपने इमोशंस को ज्यादा पोस्ट न करें.

इंसल्ट करने की गलती न करें

ब्रेकअप की वजह से हम इतने तनाव में आ जाते हैं कि हम क्या करते हैं, हमें खुद भी पता नहीं होता, इसलिए इंसल्ट करने की गलती न करें. अगर आप ऐसा करती हैं तो नुकसान आप का ही है.

इमोशनल ब्लैकमेल न करें

युवतियां ब्रेकअप के बाद काफी इमोशनल ब्लैकमेल करती हैं, बारबार फोन पर रोती हैं. इस तरह की हरकत न करें. ऐसा करने से पार्टनर को लगने लगता है कि अगर वह आप के टच में रहेगा तो उसे हमेशा आप का यह ड्रामा झेलना पड़ेगा.

ब्रेकअप के बाद न दिखाएं पजैसिवनैस

कुछ युवतियां जब तक रिलेशन में होती हैं तब तक वे रिलेशन को तवज्जो नहीं देतीं, लेकिन जैसे ही ब्रेकअप होता है वे पजैसिव बनने लगती हैं, अजीबअजीब हरकतें करने लगती हैं और दोस्ती बरकरार रखने का मौका खो देती हैं.

शहर व जौब न छोड़ें

ब्रेकअप के बाद अकेलापन लगता है, किसी काम में मन नहीं लगता. ऐसे में कुछ तो जौब छोड़ देते हैं या फिर शहर बदल लेते हैं ताकि सबकुछ भूल जाएं. लेकिन ऐसा करना समस्या का हल नहीं है. ऐसा कर के आप खुद का भविष्य खराब करते हैं.

अवौइड करने की भूल न करें

ब्रेकअप के बाद आप पार्टनर को अवौइड न करें. ऐसा न करें कि जहां आप का पार्टनर जा रहा हो, आप वहां सिर्फ इसलिए जाने से मना कर दें कि वहां आप का ऐक्स बौयफ्रैंड भी आ रहा है. अवौइड कर के आप लोगों को बातें बनाने का मौका देती हैं.

क्या करें

मिलें तो नौर्मल बिहेव करें

ब्रेकअप के बाद जब पार्टनर से मिलें तो नौर्मल बिहेव करें, ऐसा न हो कि आप उसे हर बात पर पुरानी बातें याद दिलाते रहें, कहते रहें कि पहले सबकुछ कितना अच्छा था, हम कितनी मस्ती करते थे और आज देखो, हमारे पास बात करने के लिए भी कुछ नहीं है. ऐसा भी न करें कि ब्रेकअप के बाद मिलें तो ओवर ऐक्साइटेड बिहेव करें, यह दिखाने के लिए कि आप पहले से ज्यादा खुश हैं, बल्कि ऐसे रहें जैसे आप अपने बाकी फैं्रड्स के साथ रहती हैं.

चिल यार का फंडा अपनाएं

ब्रेकअप के बाद खुद को स्ट्रौंग रखने के लिए चिल यार का फंडा अपनाएं. आप सोच रही होंगी कि चिल यार का फंडा क्या है? चिल यार का फंडा है जैसे अपना मेकओवर करवाएं, फ्रैंड्स के साथ पार्टी करें, वे सारी चीजें करें जो आप रिलेशनशिप की वजह से नहीं कर पाती थीं.

अपनी तरफ से दें फ्रैंडशिप प्रपोजल

भले ही सामने वाला आप से फ्रैंडशिप रखने में रुचि न दिखाए, लेकिन आप फिर भी खुद से फ्रैंडशिप का प्रपोजल दें. आप के व्यवहार को देख कर सामने वाला भी आप से दोस्ती बरकरार रखेगा.

एक सीमा तय करें

ब्रेकअप के बाद की दोस्ती में एक दायरा तय करें, क्योंकि पहले की बात कुछ और थी. अब चीजें बदल चुकी हैं. अब आप दोनों दोस्त हैं. ऐसा न हो कि आप के बीच का रिश्ता तो खत्म हो गया है लेकिन इस के बाद भी आप के बीच कभी शारीरिक संबंध बन जाएं. इसलिए एक दायरा तय करें. अगर आप ने तय किया है कि दोस्ती का रिश्ता बरकरार रखेंगे तो इस रिश्ते की गरिमा को बना कर रखें.

‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ अवार्ड और सफाई

केंद्र सरकार अपने ‘स्वच्छ सुर्वेक्षण’ अवाड्र्स से देश के शहरों को सफाई के लिए हर साल अवार्ड देती है और इस बार फिर इंदौर (मध्य प्रदेश) व सूरत (गुजरात) पहले दूसरे नंबर पर आए हैं. 4534 शहरों में होने वाले इस सर्वे में छोटे शहरों में पंचगनी (महाराष्ट्र) व पाटन (छत्तीसगढ़) पहले व दूसरे नंबर पर  पाए गए.

यह अवार्ड सैरीकौनी एक अच्छा प्रयास है कि शहर का एडमिनिस्ट्रेशन कुछ करे कि हर साल उस की रैंङ्क्षकग बढ़े. आम आदमी को जो लाभ इन सर्वे की रैंङ्क्षकग से मिलता है वह भगत की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की रैंकिंग से कहीं ज्यादा सुखद है. लोग अपने आसपास का माहौल सही चाहते हैं न कि देश की राजधानी के राजपथ पर 20000-30000 करोड़ खर्च कर के नए भवन देखना. लोगों को असली प्राइड तब तक होता है जब पता चले कि वे देश के सब से साफ  शहर या सब से गंदे शहर में रहते हैं.

कानपुर का रैंक 4320वां है, झूंझूड का 4304, देवप्रयास का 4095, भीमताल जैसे पर्यटकों के शहर का रैंक 4077 है, शिवकाशी का रैंक 3949 है, बचाकर 3912 स्थान पर है.

पूर्वी दिल्ली शहर 34वें नंबर पर है जो थोड़ा साप्राइङ्क्षजग है. दक्षिणी दिल्ली जो जरा अमीरों की है 28वां स्थान पा सकी है. दिल्ली से सटा गुडगांव 19वें स्थान पर है. पर फरीदाबाद 36वें पर है.

इस तरह की रिपोर्ट हर शहर के एडमिनिस्ट्रेशन को चौकन्ना रखती है और यदि शहर साफ शहरों में गिना जाए तो वहां संपत्ति का दाम तो अपनेआप बढ़ जाता है. वहां नौकरी करने या शादी करने के बाद जुडऩे वालों की लाइन भी बढ़ जाती है. कोई भी न तो चाहकर गंदे शहर में नौकरी करना चाहता है और न ही वहां के लडक़े या लडक़ी से शादी करना.

गंदे शहरों के लोगों को सिर झुका कर चलना होता है जबकि शहरों को गंदा करने में एडमिनिस्टे्रशन से ज्यादा गलती शहरीयों की अपनी होती है.

किसी भी शहर, कस्बे को साफ रखना सिर्फ रैंकिंग के लिए जरूरी नहीं है, यह स्वास्थ्य और कमाई के मौकों के लिए भी जरूरी है. गंदे शहर में रहना ज्यादा मंहगा पड़ता है क्योंकि वहां बिमारियां ज्यादा फैलती हैं, लोग तनाव में रहते हैं, कमाई कम होती है, वाहन खराब ज्यादा होते हैं.

शहरों की साफसफाई से घर को साफ रखने की आदत पड़ती है अगर शहर साफ हो, सडक़ें ठीक हों, बाग हरेभरे हो तो लोग अपनेआप अपने घरों को भी साफ रखने लगती हैं कि कहीं मोहल्ले का या कालोनी का सब से गंदा मकान का खिताब न मिलने लगे. आप के शहर की रैंकिंग क्या है तुरंत ढूंढिए और कुछ वारिस.

ब्लीच के इस्तेमाल से फेस पर जलन हो रही है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरी उम्र 25 साल है. मैं हमेशा हर्बल ब्लीच इस्तेमाल करती हूं. कुछ दिन पहले मैं ने औक्सी ब्लीच इस्तेमाल किया था जिस से मेरे फेस पर बहुत जलन हो रही है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

हर्बल ब्लीच में कोई कैमिकल नहीं होता. इसलिए उसे इस्तेमाल करते वक्त आप को परेशानी नहीं होनी चाहिए. लेकिन औक्सी ब्लीच में कैमिकल होते हैं. हो सकता है कि उस के अंदर मौजूद कैमिकल आप की स्किन के लिए सूट न कर रहा हो, इसलिए आप को उस से जलन हो रही है. अत: आप हमेशा हर्बल ब्लीच ही इस्तेमाल करें. वैसे तो हमें किसी हर्ब से भी ऐलर्जी हो सकती है. कभीकभी नीबू या खीरे से भी किसी को ऐलर्जी हो जाती है.

मगर जो चीज आप को हमेशा सूट कर रही हो उसे बदलना नहीं चाहिए. औक्सी ब्लीच की खासीयत सुनने के बाद जरूर इच्छा होती है कि इसे इस्तेमाल कर के देखें. मगर जो चीज आप को सूट करती हो उस को न ही बदलें तो अच्छा रहता है. अगर किसी भी चीज से ऐलर्जी हो जाए तो उस वक्त दही में कुटी हुई बर्फ मिला कर चेहरे पर मसाज कर लें. इस से जलन खत्म हो जाती है.

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गोरी रंगत, स्मूद और ईवनटोन स्किन हर महिला की चाहत होती है और इसे पाने का ब्लीचिंग सब से कौमन ब्यूटी ट्रीटमैंट होता है, क्योंकि इस के इस्तेमाल से फेशियल हेयर का रंग हलका हो जाता है, जिस से वे दिखाई नहीं देते और त्वचा भी गोरी व सुंदर नजर आती है. आज मार्केट में कई तरह के ब्लीच उपलब्ध हैं. ब्लीच का इस्तेमाल करने से पहले जानिए कुछ अहम बातें:

प्रोटीन हाइड्रा ब्लीच

यह ब्लीच फ्रेकल्स, ऐजिंग, पिगमैंटेशन, डार्क स्पौट और अनईवन स्किनटोन जैसी समस्याओं पर असरकारक तरीके से काम करता है. यह फेशियल हेयर को तो लाइटटोन करता ही है, साथ ही पिगमैंटेशन की समस्या को भी दूर करता है. यह स्किनटोन को भी लाइट करता है. यह स्किन को डीप क्लीन कर के स्किन पोर्स को भी रिफाइन करता है. सनटैन को रिमूव करने में यह सर्वोत्तम है. यह हर तरह की स्किनटोन के अनुरूप काम करता है. ईवन सैंसिटिव स्किन पर भी बिना किसी रैडनैस और जलन के. मगर प्रोटीन हाइड्रा ब्लीच किसी अच्छे सैलून में जा कर कुशल हाथों से ही करवाएं.

ऐक्स्ट्रा औयल कंट्रोल

जैसाकि नाम से मालूम होता है यह ब्लीच खासतौर पर ऐक्स्ट्रा औयली स्किन के लिए उम्दा उत्पाद है. इस ब्लीच से स्किन में मैलानिन पिगमैंट कम होता है. मैलानिन पिगमैंट जितना कम होगा, स्किन उतनी ही फेयर नजर आएगी. इसी के साथ यह ब्लीच त्वचा के ऐक्स्ट्रा औयल को कंट्रोल कर के मृत कोशिकाएं भी हटाता है.

हाइड्रेटिंग ब्लीच

शुष्क त्वचा के लिए यह सर्वोत्तम है. यह स्किन में पैनिट्रेट हो कर उसे मौइश्चर प्रदान करता है, जिस से वह सौफ्ट, फेयर व हैल्दी नजर आती है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- जब कराएं ब्लीचिंग

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