और मान बह गया- भाग 3: क्या दोबारा जुड़ पाया यशोधरा और गौतम का रिश्ता

अनिताजी बोलीं, ‘‘आयुष और आशी को याद कर के मैं बेचैन हूं. अकारण ही वे मासूम आप दोनों की लड़ाई में पिस कर रह गए हैं. जब तुम दोनों ने अलग होने का निर्णय ले ही लिया है तो फिर ये इस फालतू फसाद को क्यों तरजीह दी जा रही है? रहा बच्चों की कस्टडी का प्रश्न तो उन की मरजी के अनुसार वहीं रहने दीजिए जहां वे चाहें. ऐसे भी परिवार जब टूटते हैं तो ज्यादा प्रभावित बच्चे ही होते हैं. ऐसी अति महत्त्वाकांक्षिनी लड़कियां शादी की मर्यादा ज्यादा दिनों तक नहीं रख पाती हैं. उस समय हम ने तुम्हें कितना समझाया था, लेकिन उस के विश्व सुंदरी के ताज की चकाचौंध ने तुम्हारी सोचनेसमझने की शक्ति ही हर ली थी. फिर जिस की मां ने ही इस रिश्ते की पावनता का मान नहीं रखा, वह अपनी बेटी का घर बसाने के लिए कुछ करेगी उस से ऐसी उम्मीद रखने का कोई औचित्य ही नहीं है… अपने बचपन की संगिनी अनन्या का मन भी तो तुम ने कितनी निर्दयता से तोड़ा था, साथ में हमारे सपनों में भी तो तुम ने मायूसी भर दी थी. वह तुम्हारा इंतजार करती रही और तुम सेहरा पहन कर किसी और के नूर बन गए.’’

मां चुप बैठी रहीं. जब गौतम ने कुछ नहीं कहा तो उन्होंने फिर कहा, ‘‘जो भी हुआ उसे वापस तो मोड़ा नहीं जा सकता. अब कल की तारीख पर कोर्ट में सब कुछ पर निर्णय हो जाना चाहिए. जो भी वह चाहती है दे कर रफादफा कर दी. अब और जिल्लतें मैं बरदाश्त नहीं कर सकती,’’ कहते हुए अनिताजी का स्वर अवरुद्ध हो गया.

ऐसी ही ऊहापोह में दिन गुजर रहे थे. परिवार, रिश्तेदारों, संगेसंबंधियों, दोस्तों, मीडिया सभी के आक्षेपों से घबरा कर किसी एकांत की खोज में गौतम गोवा चला गया. एक समुद्र के तट पर बैठ कर गौतम एकाग्रता से आत्ममंथन कर रहा था. मन में आंधियां ही आंधियां थीं, जिन्होंने उस के हंसतेगाते, मुसकराते चमन को उजाड़ कर रख दिया था. बाहर लहरों को उछालते हुए समंदर था तो मन के अंदर भूत, वर्तमान एवं भविष्य का समंदर विकराल लहरों को घेर उन्हें अतल गहराई में डुबो रहा था कि यशोधरा के साथ कहीं उस से ज्यादती तो नहीं हो गई? क्या पता सच में इन सब के पीछे उस की कोई मजबूरी रही हो. अपनी निर्दोषिता को प्रमाणित करने के लिए वह जो कुछ भी कह रही थी उसे निर्विवाद सुनना था.

बेगुनाही की फरियाद करने का एक अवसर तो देना था. घर से निकलने की बात कह कर उस पर हाथ उठाने की गलती वह कैसे कर बैठा? यशोधरा के मानसम्मान का भी खयाल नहीं रखा. अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्किन दिखाने की जरूरत से अच्छी तरह वाकिफ होने के बावजूद यशोधरा को कुछ भी कहने का अवसर उस ने नहीं दिया. अविश्वास की अग्नि में अपनी पारिवारिक सुखशांति को स्वाहा कर दिया. यह सोच कर उस की आंखें भर आईं. बच्चों के साथ अब यशोधरा की याद में वह विह्वल हो उठा. चाहत की असीम वेदना से वह तड़प उठा. पर अब कर भी क्या सकता था. तीर कमान से निकल चुका था. यशोधरा के स्वाभिमान से वह अच्छी तरह वाकिफ था.

6 साल पहले इसी प्राइवेट बीच पर यशोधरा के साथ उस ने कितना आनंद उठाया था. उस की 1-1 अदाओं पर वह सम्मोहित हो कर बलिहार गया था. दूसरे पतिपत्नी का हर जोड़ा उसे अवसाद से भरने लगा था. वह अब यशोधरा और बच्चों से दूर नहीं रह सकता. जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ. सभी कुछ पहले की तरह हो जाए, जा कर पूरी कोशिश करेगा.

जल्दी से वह लौटने लगा तो दूसरी ओर समंदर को निहारते हुए जिसे देखा सहसा वह अपनी आंखों पर विश्वास नहीं कर सका. डूबते सूरज की किरणों को जल की अनंत धाराओं में प्रतिबिंबित होते देखना यशोधरा को बहुत भाता था और वह उसी को देख रही थी.

बिना शृंगार के, उदासी की प्रतिमूर्ति बनी यशोधरा वहीं उसी बीच पर थी. उस के पावन सौंदर्य की मोहकता अप्रतिभा थी. अपनी इस अमूल्य धरोहर को फिर कहीं खो न बैठे कल्पना कर के गौतम कांपते मन में क्षमायाचना की चाहत लिए यशोधरा की तरफ तेज कदमों में भागा, लेकिन एक बड़ी लहर में फंस कर रह गया. जब तक वह भीड़ से निकलता यशोधरा उस की नजरों से दूर जा चुकी थी. काउंटर पर जा कर पता चला कि यशोधरा अभीअभी चैक आउट कर गई है. गौतम एयरपोर्ट आया. बिजनैस क्लास की सीटें भरी हुई थीं और इकोनौमी में उसे सब से पीछे सीट मिली. वह इतनी बुरी तरह थका था कि जिस मकसद से आया था उसे भूल कर बैठते ही सो गया और जब हवाई जहाज उतर चुका था तो होस्टेस ने उसे जगाया. जहाज से उतरने के बाद गौतम की व्याकुल नजरें यशोधरा को ही ढूंढ़ रही थीं.

तनमन दोनों से थक गए थे पर पांव किसी अनजान दिशा में बढ़ते गए. उस ने गाड़ी मैरीन ड्राइव पर रुकवा ली. इसी मैरीन ड्राइव पर वह यशोधरा के साथ बैठा करता था जब वह इतनी जानीपहचानी नहीं थी. वह सर ढके रखती थी ताकि आनेजाने वाले तंग न करें. थक कर वह पत्थरों के चबूतरे पर जा कर बैठ गया. रात का अंधेरा फैल चुका था. आकाश में पूनम का चांद था. अचानक गौतम को बराबर में किसी के बैठने का आभास हुआ और जिसे बैठे पाया उसे अपनी आंखों का भ्रम समझा.

आहिस्ता से उठ कर गौतम यशोधरा के पास जा बैठा. छिटकती हुई श्वेत चांदनी में नहाते हुए यशोधरा के संगमरमरी बदन के चारों ओर गौतम ने अपनी बांहें क्या फैलाईं कि वह सिमट कर उस के आगोश में आ गई. पश्चात्ताप के अश्रुजल से दोनों की पलकें भीगी हुईं थीं. एकदूजे को बांहों में बांधे हुए सुधबुध खोए एकदूसरे को अपलक निहार रहे थे. मानो दोनों के विदग्ध तप्त मन में प्यार का अमृत बरस रहा हो. पल भर में सारे गिलेशिकवे जाते रहे. पानी की तरह सारा मान बह गया. एकदूसरे में समाए दिल की धड़कनों को सुन रहे थे. उन दोनों के मिलन को देख उत्साह और उमंग से आलोकित हो कर समंदर मानो अपनी प्यार भरी लहरों को उछाल कर उन्हें भिगो रहा था.

आज सदियों बाद कोई अनारकली फूलों के चादर के नीचे अपने साहबेआलम की बांहों में खोई पड़ी थी. फर्क सिर्फ इतना था कि यह अनारकली अपने सलीम की मलिका एवं उस के 2 प्यारेप्यारे बच्चों की मां थी.

उस सलीम की अनारकली ने अपने साहबेआलम को रुसवाई से बचाने के लिए दीवार में चुनवा देने से पहले केवल एक दिन की हिंदोस्ताने मलिका बनने की खवाहिश की गुहार अकबरेआजम से लगा कर कांटों का ताज पहना था तो आज इस अनारकली ने अपने सलीम और बच्चों के खातिर विश्वसुंदरी के ताज की गरिमा को गर्व से ठुकराते हुए अपने प्यार भरे आशियाने की ओर लौटने को प्रतिबद्व थी. यह अनारकली है, उस पर उस का ही नहीं हजारों दीवानों का हक भी है. उसे समझौता करना पड़ेगा. पर यह जबरन समझौता नहीं प्रेम की समझ है. प्रेम में लेना होता है तो देना भी.

मुंबई लोकल ट्रेन की यात्रा, जहां महिला गैंग का रहता है बोलबाला

अरे हटो-हटो मुझे अंदर आने दो… नहीं उतरों आंटी, क्या यही एक ट्रेन है, जो अंतिम है, उतरो, उतर जाओं जगह नहीं है, दूसरी में चढ़ जाना 3 से 4 मिनट में एक लोकल ट्रेन आती है, फिर भी घर जाने की जल्दी में इसी में चढ़ना है… ऐसी कहे जा रही थी, मुंबई की विरार लेडीज स्पेशल में एक युवा महिला, चढ़ने वाली 45 वर्षीय महिला को, जिसे हर रोज इसे सुनना पड़ता है, लेकिन घर का बजट न बिगड़े, इसलिए इतनी मुश्किलों के बाद भी वह जॉब कर रही है, हालाँकि कोविड के बाद उन्हें केवल 3 दिन ही ऑफिस आना पड़ता है, लेकिन इन 3 दिनों में ऑफिस आना भारी पड़ता है. कई महिलाएं भी उस दबंग महिला की हाँ में हाँ मिला रही थी और उस महिला को उतरने के लिए कह रही थी.

अबला नहीं सबला है यहाँ

यहाँ ये बता दें कि विरार लेडीज स्पेशल रोज चर्चगेट से चलकर हर स्टेशन पर रूकती हुई विरार पहुँचती है, लेकिन उतरने वालों से चढ़ने वालों की संख्या हमेशा अधिक रहती है.गेट के एक कोने में खड़ी महिला गोरेगांव उतरने का इंतजार कर रही थी, लेकिन वह मन ही मन सोच रही थी कि क्या वह उतर पाएगी? क्योंकि इस विरार लेडीज स्पेशल में बोरीवली तक की किसी महिला यात्री को चढ़ने या उतरने नहीं दिया जाता, क्योंकि बोरीवली लेडीज स्पेशल है, इसलिए विरार महिलाओं की कई गैंग,जो इस बात का इत्मिनान करती है कि बोरीवली तक उतरने वाली कोई महिला इस ट्रेन में चढ़ी है या नहीं.  4 से 5 महिला गैंग, जिसमें 7 से 8 महिलाएं हर एक गैंग में होती है. अगर गलती से से भी कोई महिला इस लोकल में चढ़ जाती है तो उसे ट्रेन की गैंग विरार तक ले जाती है. यहाँ यह समझना मुश्किल होता है कि अबला कही जाने वाली महिला इतनी सबला कैसे हो गयी?

कठिन सफर

असल में मुंबई की लोकल ट्रेन यात्रा के उस एक घंटे में एक महिला ही दूसरी महिला की शत्रु बन जाती है. मायानगरी की भागदौड़ में घर-परिवार के साथ कैरियर को भी संवारने का दबाव महिलाओं पर होता है. सुबह कार्यालय पहुंचने की जल्दी और शाम को घर लौटने की, इसके लिए महिलाएं बहुत कुछ झेलती है, इसमें सबसे दुखदायी है ऑफिस से घर पहुंचने के लिए मुंबई से विरार की ट्रेन यात्रा, जहां महिला डिब्बे में महिलाएं ही दूसरी महिलाएं की शत्रु बन जाती हैं. मुंबई से विरार के बीच की इस ट्रेन यात्रा में महिलाओं की गैंग का बोलबाला रहता है, ऐसे में कई बार कई महिलाओं ने अपनी नासमझी से जान तक गवां दी है, सुबह निकली महिला चलकर नहीं, स्ट्रेचर पर मृत अवस्था में घर पहुँचती है. यहाँ सीट भी उन्ही महिला को मिलती है, जो उस महिला गैंग की सदस्य है, अन्यथा कुछ भी कर लें, आपको मारपीट से लेकर अपनी जान भी गवानी पड़ सकती है.

दमदम मारपीट

ऐसी ही एक घटना पिछले दिनों ठाणे पनवेल लोकल ट्रेन के महिला कोच में तुर्भे स्टेशन पर सीट खाली होने पर एक महिला यात्री ने दूसरी महिला यात्री को सीट देने की कोशिश की, ऐसे में तीसरी महिला ने उस सीट को कब्ज़ा करने की कोशिश की, पहले तीनों में बहस हुई, बाद में बात इतनी बढ़ी कि वे आपस में मारपीट करने लगी. कुछ देर बाद मामला इस कदर बढ़ गया कि महिलाओं में बाल खींचना, घूंसा थप्पड़ तक शुरू हो गई.इस मारपीट में महिला पुलिस आ गयी, लेकिन वह भी घायल हो गयी.इस मामले में दोनों महिलाओं ने एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. महिला पुलिस सहित करीब तीन महिलाएं इस विवाद में घायल हुई है.

सूत्रों के अनुसार वाशी रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक एस कटारे ने जानकारी देते हुए बताया कि सीट को लेकर शुरू हुए विवाद में कुछ महिलाओं ने आपस में मारपीट की थी. इस मारपीट में एक महिला पुलिसकर्मी भी घायल भी हो गई है. उसका इलाज कराया गया है. इसके अलावा सरकारी कर्मचारी से मारपीट करने की वजह एक महिला को गिरफ्तार भी किया गया है.

शिकायत नहीं

मुंबई लोकल के ट्रेन की इस सफ़र में बहस, मारपीट, कपडे फाड़ना, धक्के देना आदि होते रहते है, लेकिन सही तरह से वही महिला इन लोकल्स में सफर कर पाती है, जो झगडे से अलग किसी कोने में खड़ी रहकर अपने पसंद के गाने हेड फ़ोन के द्वारा सुनते हुए खुश रहे. इन लोकल्स में सीट मिलना लक की बात होती है और कोई आपको सीट छोड़ देने को कहे, तो हंसती हुई तुरंत सीट छोड़कर खड़े हो जाना ही अच्छा होता है, ताकि आप सही सलामत अपनी जान लेकर घर पहुँच सकें.

करवा चौथ 2022: इन 7 टिप्स से दूर करें चेहरे के दाग धब्बे

अगर एक उम्र के बाद आपके चेहरे पर मुहांसे होते हैं तो इसमें परेशानी वाली कोई बात नहीं है पर आपको दिक्कत तब होती है जब वे काले-धब्बे आपके चेहरे पर वाले निशान दे जाते हैं. मुहांसे या पिम्पल्स तो कुछ दिन में ठीक हो ही जाते हैं लेकिन ये निशान जाने में फिर कई साल लग जाते हैं.

आप बाजार में रोज़ एक से बढ़कर एक और महंगे प्रोडक्टस देखते हैं, जिनमें ये दावा किया जाता है कि ये दाग हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे. हम घर पर इस परेशानी से निजात पा सकते हैं. इतने घरेलू नुस्खें आपके पास मौजूद होने के बावजूद आप पैसे फालतू ही खर्च कर देते हैं.

हमारे पास आपके लिए चेहरे से दाग धब्बे दूर करने के लिए कई घरेलू उपचार हैं. हम आपको बता रहे हैं कि घरेलू नुस्खे हैं कितने फायदेमंद हैं..

1. नींबू का रस : नींबू के रस को कॉटन में भींगो कर मुहांसो के दागों पर लगाएं. इस रस को तब तक रहने दें जब तक आपकी त्वचा रस को सुखा ना दे. थोड़ी देर बाद कुनकुने पानी से आपना चेहरा धो लें.

2. ओलिव ऑयल : ओलिव ऑयल को रोज दाग-धब्बों वाली जगह पर लगाइए. रोजाना इसका प्रयोग करने पर, आपको इसका कमाल दिखने लगेगा. ओलिव ऑयल से न सिर्फ चेहरे के दाग-धब्बे कम होते हैं बल्कि ये आपके चेहरे पर निखार लाने में भी मदद करता है.

3. मेथी है उपयोगी : आप मेथी के पत्तों का फेस-पैक बना सकते हैं या आप चाहें तो मेथी के बीजों को उबालकर उनका पेस्ट भी बना कर उसे चेहरे के दाग-धब्बो पर लगाने के लगभग 15-20 मिनट बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.

4. चन्दन व गुलाबजल : चेहरे के दाग धब्बों पर चन्दन व गुलाबजल को मिलाकर लेप बनाकर, इसे लगाकर, करीब 1 घंटे तक लगा हुआ छोड़ दें और फिर ठन्डे पानी से अच्छी तरह धो लें.

5. एलोवेरा : मुहांसो को दूर भगाने और इसके साथ ही दाग-धब्बों के निशान को भी हटाने के लिए एलोवेरा को प्रयोग किया जाता है. हम आपको बता दें कि एलोवेरा के जैल को चेहरे के किसी भी कील-मुहांसे पर लगाने से या अन्य किसी भी दोष को पूर्ण रूप से ठीक करने के लिए हमेशा उपयोग में लाया जाता है.

6.  खीरा : खीरा सिर्फ आपकी सेहत के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा को भी स्वस्थ रखने में कहा.ता करता है. आपके चेहरे से पिम्पल्स या मुहांसो को दूर करने और इसके दाग को भी हटाने में सहायता करती है.

7. आइस क्यूब का इस्तेमाल :  कपडे में आइस क्यूब लें और उसे रोज़ाना 10 से 15 मिनट तक आपके चेहरे के दाग धब्बों पर लगाते रहें. मुहांसों और उनके निशानों को आइस क्यूब की मदद से भी हटाया जा सकता है.

एक और मित्र: प्रिया की मदद किसने की

family story in hindi

कुछ दिनों से आईब्रोज के बाल झड़ रहे हैं?

सवाल-

मेरी उम्र 25 साल है. कुछ दिनों से आईब्रोज के बाल झड़ रहे हैं. कृपया कोई ऐसा उपाय बताएं जिस से आईब्रोज के बाल झड़ने बंद हो जाएं?

जवाब-

आप की आईब्रोज के बाल झड़ने का कारण तनाव हो सकता है. दरअसल, ज्यादा टैंशन लेने से बाल झड़ने लगते हैं. इसलिए तनाव लेना बंद करें. भोजन में जिंक, आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी12 की कमी से भी आईब्रोज के बाल झड़ने लगते हैं. अत: भोजन में इन्हें शामिल करें. जरूरत से ज्यादा प्लकिंग न करें. इस से भी आईब्रोज के बाल झड़ने लगते हैं. बालों को झड़ने से रोकने के लिए औलिव औयल से हलके हाथों से आईब्रोज की सर्कुलर मोशन में मसाज करें. 30 मिनट तक तेल लगा रहने दें. फिर कुनकुने पानी से चेहरा धो लें.

ये भी पढ़ें- मेरे चेहरे और बालों पर कौन सा रंग ज्यादा फबेगा?

आजकल घनी और मोटी आकार की आइब्रो काफी ट्रेंड में है. इस तरह की आइब्रो आपके चेहरे को सुंदर व आकर्षक बनाती है. वैसे तो अलग अलग फेसकट के अनुसार, अलग अलग आइब्रो शेप फबती है लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है आइब्रो का घना और मोटा होना. हालांकि कुछ लड़किया जिनकी आइब्रो हल्की होती है वो बाजार में मिलने वाली आइब्रो पेंसिल का इस्तेमाल कर अपने आइब्रो को अस्थायी रूप से मोटा दिखाने का प्रयास करती हैं जो देखने में सुंदर भी लगता है. लेकिन प्राकृतिक रूप से घने आइब्रो की बात ही कुछ अलग है, यह आपको नेचुरल रूप से खूबसूरत दिखाते हैं. अगर आपकी आइब्रो भी हल्की हैं तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि नीचे दिए हुए कुछ घरेलू उपाय अपनाकर आप घर बैठे ही इस समस्या से निजात पा सकती हैं-

आइब्रो घना करेगा एलोवेरा जेल

भौहों (Eyebrow) पर एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें. एलोवेरा जेल लगाने से न सिर्फ भौहें घनी होंगी बल्कि आंखों के आस पास की त्वचा भी मुलायम हो जाएगी.

मेथी का पेस्ट

मेथी के दानों को करीब 5 घंटों के लिए पानी में भिगो दें फिर इसे पीसकर कुछ बूंदे बादाम के तेल की मिला लें. रात को सोने से पहले इस पेस्ट को आइब्रो पर लगाएं, फिर सुबह गुनगुने पानी से धो लें. रोजाना ऐसा करने से कुछ ही हफ्तो में आपको फर्क दिखाई देने लगेगा.

पूरी खबर पढ़ें- ऐसे बनाएं अपने आइब्रो को मोटा, काला और घना

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

रोमांटिक पलों के 15 एनर्जी बूस्टर

नेहा की शादी को अभी सिर्फ 5 साल ही हुए और अभी से अपने लाइफ पार्टनर के साथ रोमांस में इतनी उदासी. हालांकि उन का रिश्ता उतना पुराना नहीं हुआ जितनी उदासी उन दोनों ने ओढ़ रखी है. बेडरूम में घुसते ही उन्हें बोरियत महसूस होती है ऐसा क्या हुआ जो उन के रिलेशन में वो गरमाहट, वो रोमांस और वो प्यार नहीं रहा जो शादी के तुरंत बाद का था.

एक रिसर्च के मुताबिक मस्तिष्क में मौजूद लव केमिकल डोपामाइन, नोपाइनफ्रिन और फिलेथाइलामान कुछ सालों तक के लिए बहुत एक्टिव रहते हैं पर उम्र के साथसाथ ये कैमिकल थोड़े धीमे पड़ने लगते हैं. जब पतिपत्नी अपने रूटीन शेड्यूल में बिजी हो जाते हैं तब रिलेशन में धीरेधीरे प्रेम की मिठास और उसे पाने की ललक की रफ्तार धीमी पड़ जाती है. ऐसे समय में दोनों पार्टनर को सैक्स लाइफ में फिर से रोमांस भरने के लिए कुछ अलग और अनूठा करने की सलाह दी जाती है.

रिलेशन को बनाएं रोमांटिक

इस बारे में मशहूर साइकोलौजिस्ट अनुजा कपूर का कहना है कि पतिपत्नी के बिजी शेड्यूल और समय की कमी के कारण सैक्स और रोमांस करने में वो बात नहीं रही. बेडरूम में घुसते ही अपने पार्टनर के साथ वही बोरिंग टच, वही घिसीपिटी बातें, वही संतुष्टि और वही अहसास, सैक्स लाइफ का कब स्विच औफ कर देता है, पता ही नहीं चलता, पर चिंता की बात नहीं रिलेशन को रोमांटिक बनाने के लिए दोनों तरफ से पहल की जरूरत होती है. दो लोगों की थिंकिंग, फीलिंग ही किसी रिश्ते को खास बनाती है, कहते हैं न खुशियां हमारे आसपास ही होती हैं बस उसे ढूंढ़ने की जरूरत होती है, तो देर किस बात की, उम्र का कोई भी दौर हो, हर दौर में बौडी की जरूरत को समझते हुए आप अपनी सैक्सुअल लाइफ को उम्रभर रोमांटिक बनाए रखने के लिए कुछ रोमांटिक टिप्स फालो करें. क्योंकि ये ही आप की बोरिंग लाइफ में एनर्जी बूस्ट का काम करेंगे.

रोमांटिक पलों को खास बनाए रोमांटिक एनर्जी बूस्ट

सैक्स भी एक वर्कआउट की तरह होता है. जिस में ढेर सारी कैलोरीज बर्न होती है ऐसे में प्रत्येक महिला को 30 की उम्र के बाद ऐसे ऐनर्जी बूस्ट सप्लीमैंट्स लेने चाहिए जो आप का एनर्जी लेवल बढ़ाए इस के साथ ही एक्सरसाइज, योगा, ऐरोबिक्स आदि करें जिस से बौडी फ्लैक्सीबल बने.

1. खुद को करें ब्यूटीफाई

बढ़ती उम्र के साथ आप की बौडी में भी काफी चेंजेज आते हैं जैसे चेहरे पर फाइन लाइंस, ढलती स्किन आदि ऐसे में अपने को अपटूडेट रखने के लिए अपना ब्यूटी ट्रीटमैंट हर महीने करवाइए जिस से आप की खूबसूरती में और भी निखार आ सके और आप के पार्टनर आप की खूबसूरती में ही खो जाए.

2. फ्लर्टिंग है जरूरी

रोमांटिक पलों को खास बनाने के लिए आप को अपनी लाईफ में फ्लर्टिंग जरूर करनी चाहिए और वो भी हैल्दी फ्लर्टिंग. अब आप अपने पार्टनर के अलावा किसी और से हैल्दी फ्लर्टिंग करती हैं तो बौडी में एक्साइटमैंट और एनर्जी आती है और यही एनर्जी आप को अपने पार्टनर के साथ सैक्स के समय गुड फील कराती है कि पार्टनर के अलावा और भी कोई आप को औब्जर्व करता है जिस में, आप के लुक, ड्रेस की तारीफ या आप की पर्सनाल्टी की तारीफ भी हो सकती है, एक औरत को आप बांध नहीं सकते अगर आप किसी लड़के के साथ हैल्दी रिलेशनशिप नहीं रखेंगी तो अपने पार्टनर के साथ भी उदासीन रहेंगी.

3. पार्टनर की गर्लफ्रैंड बनें

रोमांस के समय अपने लाइफ पार्टनर की वाइफ न बन कर गर्लफ्रैंड बनने की कोशिश करें उस की आंखों में प्यार से देखें और उसे अपनी सैक्सी बातों और अदाओं से फील गुड कराना बहुत जरूरी है तभी आप अपनी सैक्स लाइफ में रोमांस का रंग भर सकती हैं.

4. ओपननैस बहुत जरूरी

अपनी सैक्स लाइफ में रोमांच भरने के लिए ओपननैस बहुत जरूरी है ऐसे समय में आप अपने पार्टनर से हर तरह की बात कर सकती हैं, उस के साथ पार्न मूवी देखें, जिस से आप अपने अंदर ऐक्साइटमेंट महसूस करें, नौनवेज जोक्स का मजा लें. हफ्ते में एक बार रोमांटिक कैंडल लाइट डिनर पर जरूर जाएं. अगर घर में लाइफ बोरिंग हो रही हो तो सैक्स और रोमांस का मजा लेने के लिए आप दोनों किसी होटल व रिसौर्ट को भी चुन सकते हैं.

5. लव एंड टच का तड़का

अपने प्यार का प्रदर्शन करने के लिए एकदूसरे को समयसमय पर टच करना, हग करना और किस करने, प्यार की थपकी देना और पब्लिक प्लेस पर हाथ पकड़ने का अहसास ही काफी रोमांटिक होता है.

6. रूम को करें डेकोरेट

रोमांस में डूबने के लिए अगर मूड नहीं बन रहा है तो कुछ सुझाव आजमाएं. सेंटेड कैंडल और फूलों से कमरा सजाए. असैंसिशयल औयल की कुछ बूंदें चादर और तकिए पर भी छिड़क सकती हैं. इस से प्यार का असर दोगुना होगा.

म्यूजिक थेरेपी से अपनी लव लाइफ को बेहतर बनाने के लिए दोनों गीतसंगीत का आनंद लं. संगीत आप के अंदर छाई उदासीनता को एनर्जी से भर देता है, रोमांटिक संगीत सेक्स और रोमांस में फील गुड साबित होता है, तनाव के स्तर को कम करता है और मन को खुश रखता है. इस से मूड क्रिएट होता है.

7. यादें संजोए

पुरानी यादों को ताजा करें पुरानी पिक्चर व विडियो देख कर, पुरानी बातों को फिर से दोहराएं. इस से आप का प्यार और गहरा होगा.

8. कैद करें प्यार के पलों को

जब आप अपने पार्टनर के साथ हों तो उस खूबसूरत अहसास को कैमरे में कैद कर अपनी व अपने पार्टनर की शानदार तस्वीरें लें. इन पलों के कुछ विडियो बनाएं और सयसमय पर इस का आनंद लें.

9. सैक्सी लांजरी का चुनाव करें

अपनी लव लाइफ को और सैक्सी बनाने के लिए ऐसी लौंजरी का चुनाव करें जो ज्यादा कौंप्लीकेटेड न हो अगर आप की लौंजरी बड़ी सरता से पाट्रनर के हाथों से उतरती तो उस रोमांचित एहसास के कहने ही क्या.

एक नैटवर्किंग साइट के सर्वे के अनुसार 100 में से 80 पुरुष अपने पार्टनर को सैक्सी लौंजरी में देखना पसंद करते हैं, कोई अपने साथी को स्विमसूट में देखना चाहता है तो कोई नैट वाली बिकनी में तो कोई केवल हाफ कप वाली लौंजरी में इस के अलावा रंग भी बहुत मैटर करता है. रेड, ब्लैक जैसे कलर पुरुषों को बहुत पसंद आते हैं तो अगली बार जब भी लौंजरी की शौपिंग पर जाएं तो उन प्यार भरे एहसासों की छवि अपने जेहन में जरूर बना लें. जब यह सैक्सी लौंजरी पहन कर आप अपने पार्टनर के सामने जाएंगी तो आप का यह रूप आप की सैक्स लाइफ को बूस्ट करेगा.

10. फुल अटैंशन दें

रोमांस के समय एकदूसरे को फुल अटैंशन देना ही एक प्यारा एहसास है. अपने पार्टनर को यह एहसास दिलाएं कि सिर्फ आप की उस का सब कुछ हो उन के अलावा आप कुछ भी नहीं. ऐसे समय पर और कोई बात न कर के सिर्फ और सिर्फ सैक्स रोमांस की बातें करें.

11. सेक्सुअल प्लेजर दें

अपने पार्टनर को रोमांस के हर पहलू को समझाएं, उसे हर पौसिबल सैक्सुअल प्लेजर दें. सैक्स के बारे में कम्यूनिकेशन करें, यह जानने के लिए कि आप की रोमांटिक बातों का आप के पार्टनर पर क्या इफैक्ट पड़ता है.

12. गेम खेलें

अपनी लाइफ में रोमांस को बरकरार रखने के लिए सैक्स गेम्स खेले पर ये मस्ती भरे और एक्साइटमैंट वाले होने चाहिए, ये गेम्स नई चीजें ट्राई करने की नर्वसनेस से पीछा छुड़ाते हैं और आप अपने पार्टनर के साथ खुल कर मजा लेते हैं.

13. लव नोट्स लिखें

अपने पाट्रनर के लिए दिल की बातें कागज पर लिखें, लव नोट्स बहुत प्रभाव डालते हैं. आप के पार्टनर ने आप के लिए कुछ लिखा है यही सोच कर आप को एक अलग सी फीलिंग्स होगी जो आप के प्यार के पलों को और रोमांटिक बनाएगी.

14. मूड को करें फ्रेश

मूड को फ्रेश करने के लिए आप सैक्सी अंदाज में चौकलेट केक एक दूसरे को खिलाएं. ये अंदाज सामान्य मूड को भी सैक्सी मूड बना देगा और आप का मूड भी फ्रेश हो जाएगा.

15. हाइजीन जरूरी

मूड को फ्रेश करने के लिए आप दोनों एकसाथ हर्बल बाथ लें, एकदूसरे की मसाज एसेंशियल औयल करें. ये ही पल खुशनुमा पल आप को और ज्यादा एक्साइटमेंट देंगे. सैक्स और रोमांस के एंजौयमेंट के लिए जरूरी है बौडी पर किस का मजा उठाने के लिए ब्रश करें, माउथवाश से क्लीन करें, महकती साफसुथरी बौडी को किस करना आप का पार्टनर कभी नहीं भूलेगा.

प्यार और रोमांस सिर्फ फिजिकल नहीं होना चाहिए. प्यार में इमोशनल फीलिंग ही रिलेशन को स्ट्रांग बनाती है और अगर इस से आप सैक्स और रोमांस का तड़का लगा देंगी तो लाइफ बनेगी स्ट्रांग से भी स्ट्रांग. तो क्यों ना इन बातों का पालन अभी से किया जाए.

रिटायरमेंट के बाद नहीं होगी पैसे की दिक्कत

हर आदमी आम तौर पर चाहता है कि रिटायरमेंट के बाद या बुढ़ापे में उसका जीवन सुखमय रहे. अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद आज की तरह ही सुख सुविधाओं वाली जिंदगी जीना चाहते हैं तो इसके लिए आज से ही रिटायरमेंट प्‍लानिंग शुरू कर दें.फाइनेंशियल प्‍लानर के मुताबिक अगर आप 40 साल की उम्र के हैं और आप 60 वर्ष की उम्र में रिटायर हो रहे हैं.

भारत में इन दिनों आम तौर पर लोग 80 साल की उम्र तक जीते हैं. अगर इस समय आपका मासिक खर्च 50,000 रुपये है तो 7 फीसदी महंगाई के हिसाब से आपको 60 से 80 उम्र के बीच आपको प्रति माह 2 लाख रुपया महीना चाहिए.

कैसे करें प्‍लानिंग

– मौजूदा उम्र : 40 साल

– रिटायरमेंट उम्र : 60 साल

– संभावित लाइफ : 80 साल

-मौजूदा मासिक खर्च : 50 हजार रुपये

– रिटायरमेंट के बाद मासिक खर्च : 2 लाख रुपये

– रिटायरमेंट फंड : 4 करोड़ रुपए

– मासिक निवेश : 40 हजार रुपये

– महंगाई दर : 7 फीसदी

फंड कितना हो

– अगर आप 60 से 80 साल की उम्र के बीच प्रति माह 2 लाख रुपये चाहते है तो आपके पास रिटायरमेंट के समय 4 करोड़ रुपये होने चाहिए.

– आप इस 4 करोड़ रुपये को सही जगह निवेश करके 9 फीसदी रिटर्न हासिल कर सकेंगे.

कैसे बनाएं फंड

– अगर आपकी उम्र 40 साल है और आपने अब तक कोई भी निवेश नहीं किया है तो आप अभी से प्रति माह 40,000 हजार रुपये जोड़ना शुरू कर दें.

– अगर आपको इस पर सालाना 12 फीसदी रिटर्न मिलता है तो अगले 20 साल में आपका 4 करोड़ रुपये का कॉपर्स तैयार हो जाएगा.

20,000 रुपये प्रति माह से भी बन जाएगा कॉपर्स

– अगर आप को लगता है कि आपके खर्चे अधिक हैं और आप हर माह 40,000 रुपये निवेश नहीं कर सकते हैं तो आप हर माह 20,000 रुपये बचाना शुरू कर सकते हैं.

– अगर आपकी सैलरी या इनकम सालाना 10 फीसदी बढ़ती है तो आप हर साल 10 फीसदी निवेश बढ़ाते जाएं.

– अगले 20 साल में आपका 4 करोड़ रुपये का कॉपर्स तैयार हो जाएगा.

कहां करें निवेश

– एक्सपर्ट्स का कहना है कि बड़ा फंड बनाने के लिए आप म्‍यूचुअल फंड में निवेश करें.

– अगर आप जोखिम नहीं उठा सकते हैं तो इक्विटी फंड में न जाएं.

आपके लिए बैलेंस फंड बेहतर रहेगा. इसमें थोड़ा डेट फंड होता है और थोड़ा इक्विटी फंड होता है.

– इसमें आपको सालान 12 फीसदी का औसत रिटर्न मिल जाएगा.

– अगर आप थोड़ा रिस्‍क उठा सकते हैं तो आप इक्विटी फंड में जा सकते हैं. इसमें आपको 15 फीसदी तक रिटर्न मिल जाएगा.

इन्‍वेस्‍टमेंट का करें समीक्षा

– आप अपने इन्‍वेस्‍टमेंट और इस पर मिलने वाले रिटर्न को हर साल रिव्‍यू करें कि आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न मिल रहा है या नहीं.

– इस बारे में अपने फाइनेंशियल प्‍लानर से भी बात करें.

– आम तौर पर लांग टर्म इन्‍वेस्‍टमेंट में रिटर्न में उतार चढ़ाव आता है.

– ऐसे में इसको लेकर घबड़ाना नहीं चाहिए.

इन बीमारियों से बचाए मां का दूध

बच्चे के सही विकास के लिए जन्म के बाद घंटे भर के अंदर उसे मां का दूध पिलाना शुरू कर देना चाहिए. मां का दूध ढेर सारी खासीयतों से भरा होता है. इसका मुकाबला किसी अन्य दूध से नहीं हो सकता है. यह मुफ्त मिलता है, आसानी से उपलब्ध है और सुविधाजनक भी. मां जब गर्भधारण करती है तब से ले कर प्रसव होने तक उस में ढेरों बदलाव आते हैं और ये शारीरिक तथा भावनात्मक दोनों होते हैं.

जब बच्चा पैदा हो जाता है तो उसे दूध पिलाने के चरण की शुरुआत होती है. कुछ शुरुआती सप्ताह में यह संभवतया सब से चुनौतीपूर्ण चरण होता है. दूध पिलाने के इस चरण को अकसर गर्भावस्था की चौथी तिमाही कहा जाता है. इस अवधि में स्थापित होना बहुत आसान है, बशर्ते बच्चे और मां की त्वचा का संपर्क जल्दी से जल्दी हो जाए.

आदर्श पोषण

नवजातों के लिए सिर्फ स्तनपान आदर्श पोषण है और यह जीवन के शुरू के 6 महीने के सर्वश्रेष्ठ विकास के लिए पर्याप्त है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नवजात को शुरू के 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाया जाना चाहिए. इस के बाद कम से कम 2 साल तक मां का दूध पिलाते रहना चाहिए. तभी बच्चे का स्वस्थ विकास होता है और उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ रहती है.

रोट्टेरडैम, नीदरलैंड स्थित इरैसमस मैडिकल सैंटर में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि जन्म के बाद 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध पीने वाले बच्चों के बचपन में दमा जैसे लक्षण का विकास होने का जोखिम कम रहता है. इस अनुसंधान के तहत 5 हजार बच्चों का परीक्षण किया गया है, जिस से पता चला कि जो बच्चे मां का दूध पीए बगैर बड़े हो जाते हैं उन्हें शुरू के 4 वर्षों तक सांस फूलने, सूखी खांसी और लगातार बलगम निकलने की शिकायत रहती है (कभी भी मां का दूध नहीं

पीने वाले बच्चों में इस जोखिम की आशंका 1.5 गुना) और घर्रघर्र की आवाज (कभी भी मां का दूध नहीं पीने वाले बच्चों में इस जोखिम की आशंका 1.4 गुना) होती है.

अध्ययन में इस बात का भी उल्लेख है कि शुरू के 4 महीने तक जिन बच्चों को फौर्मूला दूध पिलाया जाता है और अन्य विकल्प दिए जाते हैं उन में सिर्फ मां का दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में इन लक्षणों के विकसित होने की आशंका ज्यादा रहती है. इसलिए सांस संबंधी समस्याओं से शिशुओं की मौत रोकने का सब से आसान और सस्ता विकल्प है स्तनपान. सिर्फ मां का दूध पीने वाले बच्चों की शुरू के 6 महीने तक मौत की आशंका अन्य बच्चों की तुलना में 14 गुना कम होती है. देखा गया है कि स्तनपान कराने से सांस संबंधी गंभीर समस्या के कारण बच्चे की मौत की आशंका बहुत कम हो जाती है, जबकि बच्चों की मौत के कारणों में यह प्रमुख है.

नवजात को रखे स्वस्थ

एक मां के रूप में स्तनपान कराना बहुत ही अच्छा अनुभव है, क्योंकि मांएं अपने बच्चे का अच्छा भविष्य सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. प्रसव के घंटे भर के अंदर स्तनपान शुरू कर के एक मां अपने बच्चे को कोलस्ट्रम पिलाती है, जो बच्चे की स्वास्थ्य की समस्याओं को दुरुस्त रखने के लिहाज से बहुत ही महत्त्वपूर्ण है. यह प्रसव के पहली बार निकलने वाला गाढ़ा, पीला तरल होता है, जिस के कई फायदे होते हैं. यह बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है.

मां का दूध बच्चे में ऐंटीबौडीज पहुंचाने का भी काम करता है और इस के जरीए मां से बच्चे में बीमारियों से लड़ने की ताकत पहुंचती है. यह हर तरह के संक्रमण और ऐलर्जी से बच्चे की रक्षा करता है. मां का दूध बच्चे के लिए संपूर्ण आहार है. अगर बच्चा स्तनपान से वंचित रहता है, तो इस बात की आशंका बढ़ जाती है कि वह किसी संक्रमण का शिकार हो जाएगा. इन में कान का संक्रमण, सांस की समस्या, ऐक्जिमा, सीने में संक्रमण, मोटापा, पेट का संक्रमण और बचपन में डायबिटीज शामिल है.

मां का दूध बच्चों के लिए खासतौर से तैयार होता है. इस में शामिल तत्त्व जरूरत और समय के अनुसार बदलते रहते हैं. इस से बच्चे का सही विकास होता है. इसलिए नए जमाने की मांओं को समझना चाहिए कि स्तनपान कितना महत्त्वपूर्ण है. उन्हें इसे बच्चे के विकास और प्रगति के लिए सब से बड़ा सहायक मानना चाहिए. कायदे से 6 महीने तक के बच्चे को स्तनपान के दौरान और कुछ देने की जरूरत नहीं होती है. अगर आप ऐसा कर सकें तो बच्चे को कई बीमारियों से बचा सकेंगी.

मां के लिए श्रेयस्कर

माताओं का स्तनपान से गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ वजन काफी हद तक कम हो जाता है. गर्भाशय अपने स्थान पर जा पहुंचता है और पोस्टपार्टम डिस्चार्ज कम होता है, यानी रक्त की कमी नहीं रहती. इस के अलावा दूध पिलाने से प्रतिदिन 500 कैलोरीज बर्न हो जाती हैं, यानी मां आराम से 500 कैलोरीज खर्च कर सकती है. स्तनपान स्वास्थ्य की दृष्टि से भी उत्तम माना गया है. स्तनपान कराने वाली मां को गर्भाशय, ओवरीज और ब्रैस्ट कैंसर की संभावना भी बहुत कम हो जाती है. गठिया जैसे रोग की आशंका भी स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में बहुत कम होती है. जबकि वे महिलाएं जो अपना दूध शिशु को नहीं पिलातीं उन्हें अकसर बड़ी उम्र में जा कर इस का शिकार होना पड़ता है.

डा. प्रिया शशांक

प्रसव विशेषज्ञा, संस्थापक वात्सल्यम

जिजीविषा: अनु पर लगे चरित्रहीनता के आरोपों ने कैसे सीमा को हिला दिया- भाग 3

‘‘उस वक्त जोश में मुझे इस बात का होश ही न रहा कि समाज में हमारे इस संबंध को कभी मान्य न किया जाएगा. मुझ से वाकई बहुत बड़ी गलती हो गई,’’ भैया हाथ जोड़ कर बोले.

‘‘गलती… सिर्फ गलती कह कर तुम जिस बात को खत्म कर रहे हो, उस के लिए मेरी सहेली को कितनी बड़ी सजा भुगतनी पड़ी है, क्या इस का अंदाजा भी है तुम्हें? नहीं भैया नहीं तुम सिर्फ माफी मांग कर इस पाप से मुक्ति नहीं पा सकते. यह तो प्रकृति ही तय करेगी कि तुम्हारे इस नीच कर्म की भविष्य में तुम्हें क्या सजा मिलेगी,’’ कहती हुई मैं पैर पटकती तेजी से नीचे चल दी. सच कहूं तो उस वक्त उन के द्वारा की गई गलती से अधिक मुझे बेतुकी दलील पर क्रोध आया था.

फिर उन की शादी भी एक मेहमान की तरह ही निभाई थी मैं ने. अपनी शादी के कुछ ही महीनों बाद भैयाभाभी मांपापा से अलग हो कर रहने लगे थे. ज्यादा तो मुझे पता नहीं चला पर मम्मी के कहे अनुसार भाभी बहुत तेज निकलीं. भैया को उन्होंने अलग घर ले कर रहने के लिए मजबूर कर दिया था. मुझे तो वैसे भी भैया की जिंदगी में कोई रुचि नहीं थी.

हां, जब कभी मायके जाना होता था तो मां के मना करने के बावजूद मैं अनु से मिलने अवश्य जाती थी. मुझे याद है हमारी पिछली मुलाकात करीब 10-12 साल पहले हुई थी जब मैं मायके गई हुई थी. अनु के घर जाने के नाम पर मां ने मुझे सख्त ताकीद की थी कि वह लड़की अब पुरानी वाली अनु नहीं रह गई है.

जब से उसे सरकारी नौकरी मिली है तब से बड़ा घमंड हो गया है. किसी से सीधे मुंह बात नहीं करती. सुना है फिर किसी यारदोस्त के चक्कर में फंस चुकी है. मैं जानती थी कि मां की सभी बातें निरर्थक हैं, अत: मैं  उन की बातों पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा.

पर अनु से मिल कर इस बार मुझे उस में काफी बदलाव नजर आया. पहले की अपेक्षा उस में अब काफी आत्मविश्वास आ गया था. जिंदगी के प्रति उस का रवैया बहुत सकारात्मक हो चला था. उस के चेहरे की चमक देख कर आसानी से उस की खुशी का अंदाजा लग गया था मुझे. बीती सभी बातों को उस ने जैसे दफन कर दिया था. मुझ से बातों ही बातों में उस ने अपने प्यार का जिक्र किया.

‘‘अच्छा तो कब कर रही है शादी?’’ मेरी खुशी का ठिकाना न था.

‘‘शादी नहीं मेरी जान, बस उस का साथ मुझे खुशी देता है.’’

‘‘तू कभी शादी नहीं करेगी… मतलब पूरी जिंदगी कुंआरी रहेगी,’’ मेरी बात में गहरा अविश्वास था.

‘‘क्यों, बिना शादी के जीना क्या कोई जिंदगी नहीं होती?’’ उस ने कहना जारी रखा, ‘‘सीमा तू बता, क्या तू अपनी शादी से पूरी तरह संतुष्ट है?’’ मेरे प्रश्न का उत्तर देने के बजाय उस ने मेरी ओर कई प्रश्न उछाल दिए.

‘‘नहीं, लेकिन इस के माने ये तो नहीं…’’

‘‘बस इसी माने पर तो सारी दुनिया टिकी है. इंसान का अपने जीवन से संतुष्ट होना माने रखता है, न कि विवाहित या अविवाहित होना. मैं अपनी जिंदगी के हर पल को जी रही हूं और बहुत खुश हूं. मेरी संतुष्टि और खुशी ही मेरे सफल जीवन की परिचायक है.

‘‘खुशियों के लिए शादी के नाम का ठप्पा लगाना अब मैं जरूरी नहीं समझती. कमाती हूं, मां का पूरा ध्यान रखती हूं. अपनों के सुखदुख से वास्ता रखती हूं और इस सब के बीच अगर अपनी व्यक्तिगत खुशी के लिए किसी का साथ चाहती हूं तो इस में गलत क्या है?’’ गहरी सांस छोड़ कर अनु चुप हो गई.

मेरे मन में कोई उत्कंठा अब बाकी न थी. उस के खुशियों भरे जीवन के लिए अनेक शुभकामनाएं दे कर मैं वहां से वापस आ गई. उस के बाद आज ही उस से मिलना हो पाया था. हां, मां ने फोन पर एक बार उस की तारीफ जरूर की थी जब पापा की तबीयत बहुत खराब होने पर उस ने न सिर्फ उन्हें हौस्पिटल में एडमिट करवाया था, बल्कि उन के ठीक होने तक मां का भी बहुत ध्यान रखा था. उस दिन मैं ने अनु के लिए मां की आवाज में आई नमी को स्पष्ट महसूस किया था. बाद में मेरे मायके जाने तक उस का दूसरी जगह ट्रांसफर हो चुका था. अत: उस से मिलना संभव न हो पाया था.

एक बात जो मुझे बहुत खुशी दे रही थी वह यह कि आज अकेले में जब मैं ने उस से उस के प्यार के बारे में पूछा तो उस ने बड़े ही भोलेपन से यह बताया कि उस का वह साथी तो वहीं छूट गया, पर प्यार अभी भी कायम है. एक दूसरे साथी से उस की मुलाकात हो चुकी है औ वह अब उस के साथ अपनी जिंदगी मस्त अंदाज में जी रही है. मैं सच में उस के लिए बहुत खुश थी. उस का पसंदीदा गीत आज मेरी जुबां पर भी आ चुका था, जिसे धीरेधीरे मैं गुनगुनाने लगी थी…

‘हर घड़ी बदल रही है रूप जिंदगी… छांव है कभी, कभी है धूप जिंदगी… हर पल यहां जी भर जियो… जो है समा, कल हो न हो.’

शादी के 4 महीने बाद पेरेंट्स बने Nayanthara-विग्नेश, Twins का नाम है खास

साउथ एक्ट्रेस नयनतारा (Nayanthara) ने बीते चार महिने पहले डायरेक्टर विग्नेश शिवन से शादी की थी, जिसकी फोटोज आज भी सोशलमीडिया पर छाई रहती हैं. इसी बीच इस कपल ने अपने पेरेंट्स बनने की खबर फैंस को दे दी है. साथ ही अपने जुड़वा बच्चों (Nayanthara Twin Name) का नाम भी फैंस के साथ शेयर किया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

पेरेंट्स बने नयनतारा-विग्नेश

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Vignesh Shivan (@wikkiofficial)

9 जून को शादी के बंधन में बंधने वाली एक्ट्रेस नयनतारा और विग्नेश ने अपने पेरेंट्स बनने की खबर से फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, नयनतारा के पति विग्नेंश ने अपने बच्चों के साथ फोटोज शेयर करते हुए लिखा, ‘नयन और मैं अम्मा और अप्पा बन गए हैं. हम जुड़वा बच्चों के माता-पिता बने हैं. हमारी सभी प्रार्थनाएं, आशीर्वाद और सभी अच्छे भावों को मिलाकर, हमें 2 धन्य बच्चों के रुप में मिले हैं. हमें हमारे उइरो और उलगम के लिए आप सभी का आशीर्वाद चाहिए. जिंदगी और भी खूबसूरत लग रही है.’ इस पोस्ट पर फैंस और सेलेब्स कपल को बधाई दे रहे हैं.

सरोगेसी के जरिए बने पेरेंट्स

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Vignesh Shivan (@wikkiofficial)

बौलीवुड हो या साउथ, इन दिनों सरोगेसी काफी चर्चा में हैं, जिसके बाद अब एक्ट्रेस नयनतारा ने भी सरोगेसी के जरिए मां बनने का सुख प्राप्त किया है. हालांकि इससे पहले कई एक्ट्रेसेस ने मां बनने के लिए इस रास्ते को अपनाया है, जिसमें बौलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा, शिल्पा शेट्टी और प्रिटी जिंटा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. वहीं फैंस भी इस फैसले से एक्ट्रेस के लिए बेहद खुश हैं.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Vignesh Shivan (@wikkiofficial)

बता दें, एक्ट्रेस नयनतारा की शादी काफी सुर्खियों में रही थीं, क्योंकि इस शादी में बौलीवुड एक्टर शाहरुख खान से लेकर रजनीकांत जैसे सितारे शामिल हुए थे. वहीं प्रौफेशनल लाइफ की बात करें तो एक्ट्रेस नयनतारा जल्द ही जल्द ही शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ में स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आने वाली हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें