दोबारा हार्टअटैक आने के खतरे से बचने के तरीके बताएं?

सवाल-

मेरे पति को पिछले महीने हार्ट अटैक आया था. मैं ने सुना है कि एक बार अटैक आने के बाद दोबारा इस के आने का खतरा काफी बढ़ जाता है. मैं उन के खानपान का किस तरह ध्यान रखूं कि वे और उन का दिल दोनों स्वस्थ रहें?

जवाब-

एक बार हार्ट अटैक आने के बाद अगले 10 वर्षों में दूसरा हार्ट अटैक आने की आशंका 90-95% तक होती है. लेकिन दूसरे हार्ट अटैक के खतरे को कम करना संभव है, आप को उन की जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाना होगा और उस बदलाव को बरकरार रखना होगा. दिल को दुरुस्त रखने के लिए पोषक और संतुलित भोजन का सेवन बहुत जरूरी है. उन के खानपान में हरी पत्तेदार और दूसरी सब्जियों, फलों, साबूत अनाज को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें. वसारहित दूध और दुग्ध उत्पाद भी दें. दिन में

1-2 छोटे चम्मच से अधिक तेल न खाने दें. लाल मांस को उन के डाइट चार्ट से पूरी तरह निकाल दें. मछली और चिकन को ग्रिल्ड, बेक्ड या रोस्टेड रूप में दें. तला हुआ भोजन, पेस्ट्री, केक मिठाई, जंक फूड आदि न खाने दें  क्योंकि इन में सैचुरेटेड वसा अधिक मात्रा में होती है, जिस से धमनियां ब्लौक हो जाती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. नमक, चीनी, चाय, कौफी आदि थोड़ी मात्रा में दें.

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बिग बॉस 13 के विनर और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का महज 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया. जिससे हर कोई सदमे में हैं. उनके फैंस इसलिए भी दुखी और हैरान हैं क्योंकि वो एक हेल्दी पर्सन थे और फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे. फिर भी वो हार्ट अटैक का शिकार हो गए.

मौजूदा समय में बदलती लाइफस्टाइल और तनाव के बीच आम लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. ताकी आपका दिल स्वस्थ रहे.

वो दौर गया जब सिर्फ 50 साल की उम्र के ही लोगों को हार्ट अटैक का खतरा होता था. आज की बदलती जीवनशैली के चलते अब 30 के उम्र के लोग भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं. जी हां, 30 से 40 उम्र के लोगों को दिल संबंधी बीमारियां होने लगी है. इन रोगों का कारण सिर्फ तनाव है और इससे मुक्ति पाने के लिए ये लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं, शराब का सेवन करते हैं. जो उन्हें दिल की बीमारी की तरफ ले जा रही है. आपको ये बीमारी ना हो और आप इससे खुद को बचाने के लिए पहले से ही सतर्क रहें, इसीलिए हम आपको दिल की बीमारी के शुरुआती लक्षण बता रहे हैं जिन्हें समय से पहले जानकर गंभीर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है.

बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे रखें दिल का ख्याल

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

75वीं आजादी और सफाई

भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री ने डिक्लेयर कर दिया कि देश से ओपन डिफेकेशन यानी खुल में शौच खत्म हो गया तो खत्म हो गया. जैसे 75वीं आजादी की वर्षगांठ अमृत महोत्सव बन गई और घरघर तिरंगा फहराने लगा वैसे ही एयरकंडीशंड कमरों में अटैच्ड बाथरूम वाले ने भक्तों ने कह दिया कि 8 साल में हर घर का शौचालय है तो है.

यह बात दूसरी कि दिल्ली का हिस्सा बन चुके गुडगांव के साथ रहने वाली एक 12 साल की लडक़ी का रेप कर मर्डर कर दिया गया क्योंकि उस के स्लम में कोई शौचालय नहीं है और उसे रेलकी पटरी पर हर रोज शौच के लिए जाना होता था.

हरेक के लिए शौचालय बनाना और उसे सीवर से जोडऩा आज के युग में असभव नहीं है क्योंकि आज टैक्नोलौजी के जरिए जब हर हाथ में जिंदा मोबाइल दिए जा सकते हैं तो पानी, सीवर और शौचालय की तकनीक तो सैंकड़ों साल पुरानी हो चुकी है. असल में मोबाइल, सीसीटीवी कैमरों से हरेक घर नजर रख जा रही है, हरेक को काबू में रखा जा पा रहा है और शौचालय बनाने से न कंट्रोल मिलता है, न नियमित मुनाफा होता है.

ऐसा नहीं है कि अमीर घरों के गरीबों के शौचालयों के न होने से फर्क नहीं पड़ता हो. पड़ता है पर दिखता नहीं, अगर इन स्लमों में रहने वालों के हाथ व बदन मार्क न होंगे तो कितना ही मैनेटाइजर लगा लो, अच्छों के घरों में बदबू रहेगी.

देश के अगर गंदगी, बदबूदार, फैले हुई सडक़ों पर चलना पड़ रहा है तो इसीलिए कि हमारा गरीबों को थोड़ीबहुत सुविधाएं देने में भी मुसीबत लगती है. हमारी सारी ताकत मंदिर बनाने में लगी है, कांवड़ ढोने में लगी है, फर्राटेदार गाडिय़ां दौड़ सकें. ऐसी सडक़ें बनाने में लग गई है. यह ठीक है पर इस की नींव तभी मजबूत होगी जब इन के बनाने वालों के पास ठीकठाक छत, बिजली के 2 बल्व और शौचालय हो.

लालकिले पर खड़े हो कर कह देने से कि ‘शौचालय मंत्र’ और शौचालय हो गए एक नितांत असंभव कल्पना है. अगर मंदिर, सडक़े, नया संसद भवन, नया प्रधानमंत्री कार्यालय, नए आलीशान हवाई जहाज बने हैं तो कड़ी योजना और जनता के टैक्स से बने हैं पर यह प्रायरोरिटी नहीं हैं क्योंकि देश का विकास सेहतमंद जनता के बलबूते पर हो सकता है. गरीब, दलित 12 साल की लडक़ी का रेप और मर्डर इस देश में आम है पर तभी भ्रष्टाचार, निक्मापन, हर काम में देरी, ट्रैफिक जाम, बारिश में जलभराव आम है.

कुछ लोग टैक्नोलौजी से भरे महलों में रहेंगे और बाकी बेसिक फैसिलिटी को तरसेंगे तो देश हवाई तरक्की ही करेगा.

जानलेवा साबित होती कौस्मैटिक सर्जरी

10मई, 2022 को बैंगलुरु में चेतना राज की एक क्लीनिक में दुखद मृत्यु तब हो गई जब वह वजन घटाने के लिए लाइपोसक्शन के लिए गई. वह कन्नड़ धारावाहियों में ऐक्टिंग करती थी और फैट रिमूव कराने के लिए साहेबगौडा शेट्टी के क्लीनिक में गई थी.

डाक्टरों ने उस की हालत बिगड़ने पर भी दूसरे बड़े अस्पताल में जाने की इजाजत नहीं दी. फैट फ्री प्लास्टिक सर्जरी वैसे बहुत सेफ है पर हर सर्जरी का अपना जोखिम भी होता है और डाक्टर सर्जरी से बचने की सलाह देते हैं. फिर भी युवतियां सर्जरी कराती हैं.

चेतना अपने मातापिता या किसी निकट संबंधी को बनाए बिना सर्जरी कराने पहुंची थी ताकि उस के पतले हो जाने का राज लोग न जान सकें. सर्जरी के दौरान उस के लंग्स में पानी भर गया जिस से उस की मृत्यु हो गई.

फैट फ्री सर्जरी में हिप्स, थाइज, आर्म्स आदि से फैट निकाल दिया जाता है. बदलते समय के साथ लोगों में खुद को सजानेसंवारने की चाह बढ़ी है. लोग सैलिब्रिटीज की तरह दिखना चाहते हैं. इस के लिए वे कोईर् भी कीमत चुकाने को तैयार हो जाते हैं. कौस्मैटिक सर्जनों का कहना है कि कई बार तो लोग ऐसी डिमांड कर बैठते है जिसे पूरा करना हमारे बस की बात नहीं होती. हालांकि बाहर के देशों में कौस्मैटिक सर्जरी बेहद आम है.

रिस्क के बावजूद क्रेज

प्लास्टिक सर्जरी हमेशा सफल हो यह जरूरी नहीं है. इस सर्जरी से आप को मनचाही खूबसूरती मिल ही जाए यह भी जरूरी नहीं है यह एक रिस्क है कई बार मनचाही खूबसूरती मिल जाती है तो कई बार इस के भयानक परिणाम भुगतने पड़ते हैं. कुछ सैलिब्रिटीज को तो सर्जरी के बाद कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. बहुतों की सर्जरी असफल रही और उन की शक्ल बिगड़ गई तो कुछ को इन्फैक्शन का सामना करना पड़ा. कौस्मैटिक सर्जरी मौत की वजह भी बन सकती है, इस के बावजूद लोगों में इस का क्रेज बरकरार है. चेहरे में तबदीली के अलावा ब्रैस्ट सर्जरी महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय है. नौनसर्जिकल में बोटोक्स सब से ज्यादा प्रचलित है.

आम लोग में भी लोकप्रिय

पहले चेतना राज जैसे ग्लैमर वर्ल्ड के गिनेचुने लोग ही प्लास्टिक सर्जरी कराते थे, लेकिन अब मनचाही शक्लसूरत पाने के लिए आम लोगों में भी यह काफी प्रचलित हो रही है. कौस्मैटिक सर्जन बताते हैं फैट कम करने के लिए लाइपोसक्शन कराने वालों की संख्या पुरुषों व स्त्रियों, दोनों में काफी तेजी से बढ़ी है. लड़कियों में स्लीमट्रिम रहने की चाहत बढ़ी है. कालेज जाने वाली आम लड़कियों में ब्रैस्ट इंप्लांटेशन सर्जरी, लाइपोसक्शन और पुरुषों में लार्ज मेल ब्रैस्ट रिडक्शन सर्जरी, राइनोप्लास्टी के मामले भी बढ़े हैं.

ज्यादा पसीना आने की समस्या को दूर करने के लिए लड़केलड़कियों में लेजर हेयर रिमूवल और बोटोक्स का क्रेज भी काफी बढ़ा है. 30 से 35 वर्ष की आयु के लोगों में यह ज्यादा प्रचलित है. अब कालेजगोइंग स्टूडैंट्स, प्रोफैशनल्स और आम लोग अधिकतर आते हैं जो अपनी शारीरिक बनावट से संतुष्ट नहीं होते. कौस्मैटिक सर्जरी कराने वाली अधिकतर स्त्रियां 35 से 50 वर्ष की होती हैं.

कौस्मैटिक सर्जरी हमेशा सफल नहीं होती

कई ऐसी नामीगिरामी हस्तियां है, जिन्होंने अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराई, लेकिन इस का परिणाम उलटा मिला. अपनी खूबसूरती बरकरार रखने की चाहत में मिस अर्जेंटीना रह चुकी सोलेग मेननेनो की मौत हो गई. सोलेग जुड़वां बच्चों की मां थी. प्रसव के बाद हर औरत की तरह उस के शरीर

में भी कुछ प्राकृतिक बदलाव आए, जिन से वह खुश नहीं थी. ऐसे में पहले सी काया पाने की चाहत में उस ने कूल्हों को शेप में लाने के लिए सर्जरी कराई. इस में उसे जो इंजैक्शन दिया गया, उस में से कुछ लिक्विड उस के फेफड़ों और मस्तिष्क में चला गया. सर्जरी के बाद अचानक हुई समस्या के कारण अस्पताल में भरती कराना पड़ा, जहां 2 दिन बाद उस की मौत हो गई.

महंगी पड़ी सर्जरी

हौलीवुड अभिनेत्री पैरिस हिल्टन ने भी अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराई थी. उस ने राइनोप्लास्टी, लिप्स इनहैंसमैंट और ब्रैस्ट की प्लास्टिक सर्जरी कराई थी. उसे अपना उन का नया अवतार कितना अच्छा लगा यह तो वही जानती होगी, लेकिन बहुत से लोगों को उस की नाक पहले से ज्यादा खराब लगती है. लोगों का कहना कि पामेला एंडरसन खूबसूरत और आकर्षक थी, लेकिन न जाने उन्हें क्या सू?ा जो नाक, गाल, होंठ और ब्रैस्ट की सर्जरी कराई. अब उस की यह फिगर असफल सर्जरी का ही परिणाम है.

बौलीवुड ऐक्ट्रैस कोयना मित्रा पर भी अपनी नाक की सर्जरी करने की धुन सवार हुई पर उसे यह सर्जरी काफी महंगी पड़ी. अचानक उस के गाल फूल गए जिस से मुसकराने में भी तकलीफ होने लगी. इस के बाद 5 महीने तक इंजैक्शन लगवाने पड़े और उस दौरान 2 फिल्मों से हाथ भी धोने पड़े.

स्टार्स में प्लास्टिक सर्जरी का क्रेज

कई छोटेबड़े स्टार्स ने प्लास्टिक सर्जरी कराई है. पौप सिंगर माइकल जैक्सन तो इस मामले में काफी महशूर रहे. उन्होंने गोरे रंग के लिए अपनी त्वचा की सर्जरी कराई थी. नाम की भी कई बार सर्जरी कराई थी. काफी समय तक वे इंफैक्शन से परेशान रहे. फिर उन्हें स्किन कैंसर हो गया.

अमेरिकन अभिनेत्री व गायिका ब्रिटनी मर्फी तो कौस्मैटिक सर्जरी की दीवानी थीं. वहीं ऐंजलीना जौली, पामेला एंडरसन, पैरिस हिल्टन, विक्टोरिया बेखम जैसे तमाम स्टार्स ने प्लास्टिक सर्जरी कराई है.

ऐसे में बौलीवुड की अभिनेत्रियां भी भला कैसे पीछे रहतीं. लोगों का कहना है कि ऐश्वर्या राय की ब्यूटी फेक ब्यूट है. वहीं करीना की खूबसूरती निखारने में भी कौस्मैटिक सर्जरी की अहम भूमिका रही है. करीना ने अपनी नाक और चीकबोंस की प्लास्टिक सर्जरी कराई है, तो प्रियंका चोपड़ा ने भी स्किन लाइटनिंग ट्रीटमैंट कराया है, जिस से त्वचा का कलर साफ हो गया है. रानी मुखर्जी ने भी अपनी नाक की प्लास्टिक सर्जरीकराई है.

ग्लैमरस अभिनेत्री सुस्मिता सेन पहली अभिनेत्री है, जिन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने सिलिकौन इंप्लांट कराया है. शिल्पा शेट्टी, सुष्मिता सेन, करीना, बिपाशा, मल्लिका सहरावत, श्रुति हासन, राखी सावंत, कंगना रानावत आदि अभिनेत्रियों ने कौस्मैटिक सर्जरी कराई है.

कौस्मैटिक सर्जरी के नुकसान

कौस्मैटिक सर्जरी के जरीए खूबसूरती बढ़ाने के लिए सर्जरी और चिकित्सीय पद्धतियों का सहारा लिया जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्जरी का हानिकारक प्रभाव नहीं होता, लेकिन कुछ सामान्य प्रभाव जैसे चोट लगना, धब्बा पड़ना आदि हो सकता है. इसे हेमाटोमा कहते हैं. इस में रक्तनलिकाओं के बाहर रक्त का जमाव हो जाता है. इस के अलावा सेरोमा जैसा दुष्प्रभाव भी हो हो सकता है.

Raksha Bandhan: मां की परछाई है मेरा छोटा भाई…

वैसे तो लोग अक्सर बड़ी बहन को मां की परछाई मानते हैं. लेकिन मेरे मामले में ऐसा नहीं है बल्कि मेरे साथ तो उल्टा ही हाल है क्योंकि मेरे लिए मेरा छोटा भाई ही मां की परछाई है. जो न सिर्फ मां की तरह मेरा  ख्याल रखता है बल्कि मुझसे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात का ख्याल रखता है. मेरी पसंद, नापसंद और मुझसे जुड़ी हर चीज के बारे में उसे पता है.

बचपन से ही समझदार…

अगर बचपन की बात करूं तो वो कभी बिगड़ैल भाई नहीं रहा बल्कि छोटे से ही अपनी हर चीज को संभालना, मेरे साथ शेयर करना और मेरी केयर करना उसके नेचर का हिस्सा था. बचपन में हम ज्यादा वक्त साथ नहीं बिता पाए क्योंकि मेरे पापा के निधन के बाद उसे होस्टल भेज दिया गया था. उसके बाद हम दोनों अपनी पढ़ाई में बिजी हो गए और हमारा मिलना कभी-कभी ही होता था. उस दौर में स्मार्ट फोन्स इतने एक्टिव नहीं थे. छुट्टियों में भी जब वो घर आता तो मां या बड़ी बहनों के साथ ही ज्यादा समय बिताता. कभी-कभी मुझे लगता था कि अब हम शायद पहले की तरह क्लोज नहीं थे लेकिन मैं कितनी गलत थी इसका एहसास मुझे बाद में हुआ.

हर मुश्किल में किया सपोर्ट…

ग्रेजुएशन के बाद मैं पढ़ने के लिए बाहर जाना चाहती थी लेकिन किसी ने मेरा सपोर्ट नहीं किया क्योंकि उस वक्त हमारे यहां लड़कियों को बाहर भेजना सही नहीं माना जाता था. उस वक्त मेरा छोटा भाई ही था जिसने मुझे पूरा सपोर्ट किया और मुझ पर भरोसा किया. मेरे दाखिले के लिए वहीं सबसे पहले मेरे कौलेज गया था. वो दौर काफी मुश्किल था पढ़ाई और करियर की टेंशन, पैसों की तंगी और डर इस बात का कि कहीं मेरा फैसला गलत न साबित हो जाए. उस वक्त भी वो मेरा सपोर्ट सिस्टम था. जब मां भी मेरे साथ नहीं थी तब मेरे भाई ने मुझे सपोर्ट किया.

अपनी जिंदगी की हर बड़ी खुशी मैंने सबसे पहले अपने भाई के साथ बांटी. क्योंकि वो भाई दोस्त भी था. दूसरे भाइयों की तरह नहीं जो हर वक्त हुक्म चलाए और बहनों को मजदूर ही समझे. जौब लगने के कई सालों बाद तक मेरा फोन वहीं रिचार्ज कराता था. पहली जौब से लेकर अपने ब्वौयफ्रेंड (जो अब पति हैं) को घरवालों से मिलवाने तक सबसे पहला राजदार वही था और आज भी है. लड़कियां अक्सर अपनी मां और अपनी बहनों के करीब होती हैं लेकिन मेरे लिए तो मेरा छोटा भाई ही मेरा पहला दोस्त था और आज भी है.

इस रक्षा बंधन पर मैं बस यहीं चाहती हूं कि तू हमेशा खुश रहे और हमेशा इस तरह मेरा दोस्त बनकर मुझे सपोर्ट करे. हर बहन को तेरे जैसा केयरिंग और सपोर्टिंग भाई मिले. तुझे लाइफ की हर खुशी मिले. लव यू बेटा…

गोलू (धनपुरी, मध्यप्रदेश)

GHKKPM: विराट की होगी बेटी सावी से मुलाकात! क्या रोक पाएगी सई

सीरियल ‘गुम हैं किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी में 8 साल का लीप देखने को मिला है, जिसके चलते जहां विराट और सई अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए हैं. हालांकि जल्द ही सई और उसकी बेटी का सामना विराट से होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे.

लीप के बाद सई और विराट हुए अलग


अब तक आपने देखा कि सई और सावी अपनी जिंदगी में खुश नजर आते हैं हालांकि सवी अपने पिता को ढूंढने के लिए पेड़ों पर लिखती है कि बाबा आप कब आओगे. लेकिन सई अपनी बेटी को विराट के बारे में राजी नहीं होती. दूसरी तरफ विराट अपने बेटे से बात करता हुआ दिखता है. वहीं अपना मिशन खत्म होने के बाद वह अपने बेटे से मिलने उसके कैंप में जाएगा.

 

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कैंप का हिस्सा बनेगी सई


अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि सावी अपने पिता का नाम जानने के लिए सई से नाराज होती नजर आएगी. हालांकि सई उसे मना लेगी. वहीं उसे एक कैंप में मेडिकल एडवाइजर बनने का मौका मिलेगा. हालांकि उसे पता चलेगा कि नागपुर से कुछ बच्चे भी वहां पहुंचेंगे, जिसे सुनकर वह परेशान दिखेगी. दूसरी तरफ सई, विनायक वाला हादसा याद करेगी और ऊषा से दोबारा पति के बारे में बात करने के लिए मना करेगी और कहेगी कि केवल सावी और उषा ही उनके परिवार हैं क्योंकि विराट एक पुलिस अधिकारी होने के बावजूद उसकी तलाश नहीं कर पाए. इसीलिए अब कभी वह उस जिंदगी में दोबारा नहीं लौटेगी.

विराट की होगी मुलाकात

इसके अलावा आप देखेंगे कि सावी के पेड़ पर लिखे मैसेज को विराट पढ़ेगा और जवाब में उस बच्चे के पिता से मिलने की प्रार्थना करता है, जिसे सावी छिपकर देखेगी. वहीं उषा, सई से कहेगी कि उसे एक दिन साईं के पिता का नाम बताना पड़ेगा. लेकिन सई कहेगी कि वह नहीं चाहती कि सावी को उसके पिता के बारे में पता चले और इसलिए वह गढ़चिरौली से कंकोली आ गई है. हालांकि देखना होगा कि क्या सई अपनी बेटी सावी को विराट से दूर रख पाएगी और क्या कैंप में सई और विराट का आमना सामना होगा.

ट्विस्ट लाने के चक्कर में Anupama के मेकर्स से हुई बड़ी गलती! पढ़ें खबर

रुपाली गांगुली स्टारर सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है, जिसके चलते सीरियल में कई नए ट्विस्ट लाने के लिए मेकर्स (Anupama Makers)  कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हालांकि हाल ही के एपिसोड में अनुपमा के मेकर्स से बड़ी चूक होते हुए नजर आई है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

किंजल की प्रैग्नेंसी पर उठे सवाल

 

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हाल ही में सीरियल अनुपमा में अनुज के एक्सीडेंट के बाद 7 महीने का लीप देखने को मिला था, जिसके चलते जहां वनराज अस्पताल से ठीक होकर शाह हाउस गया था तो वहीं अनुज को अनुपमा कपाड़िया हाउस लाती हुई नजर आई थीं. हालांकि इसी बीच किंजल की प्रैग्नेंसी जहां लीप से पहले लास्ट मंथ में थी तो वहीं 7 महीने के लीप के बावजूद वह प्रेग्नेंट नजर आई थी, जिसे देखकर फैंस हैरान हैं. हालांकि अभी तक इस खबर को लेकर कोई औफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन देखना होगा कि मेकर्स सीरियल की कहानी में कौनसा नया मोड़ लाते हुए दिखेंगे.

अनुपमा से बेइज्जती का बदला लेंगे बरखा-अंकुश

अब तक आपने देखा कि अनुपमा के कारण बरखा और अंकुश का गुस्सा बढ़ता हुआ नजर आ रहा है, जिसके चलते वह अनुपमा को घर से निकालने की साजिश करते दिख रहे हैं. इसी कारण उन्होंने कुछ कागजात बनवाए हैं, जिसके कारण अंकुश के नाम बिजनेस कर दिया है. वहीं बरखा इन कागजात को दिखाकर अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा को कपाड़िया हाउस से घर से बाहर का रास्ता दिखाती हुई नजर आने वाली हैं.

 

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बता दें, सीरियल अनुपमा में अनुज की हालत देखकर फैंस नाखुश नजर आ रहे हैं और उसे दोबारा ठीक होने की बात कहते दिख रहे हैं. वहीं मेकर्स से अनुज की बहन मालविका को दोबारा शो में एंट्री करवाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि देखना होगा कि मेकर्स सीरियल में और कौनसे नए ट्विस्ट लाते हुए दिखने वाले हैं.

जानें क्या है बीबी और सीसी क्रीम

बीबी और सीसी क्रीम का एक हिस्सा स्किन केयर प्रोडक्ट्स जैसे मौइश्चराइजर, सनस्क्रीन, ऐंटीऐजिंग क्रीम से बना होता है, तो दूसरे हिस्से में मेकअप प्रोडक्ट्स जैसे फाउंडेशन, कंसीलर, प्राइमर आदि होता है. इसलिए इसका इस्तेमाल करने के बाद चेहरे पर स्किन केयर या मेकअप प्रोडक्ट्स की अलग अलग परत चढ़ानी नहीं पड़ती है. आइए, बीबी और सीसी क्रीम की खूबियां और दोनों के अंतर के बारे में जानते हैं.

क्या है बीबी क्रीम

बीबी क्रीम को ब्लेमिश बेस और ब्यूटी बाम के नाम से जाना जाता है. यह एक मल्टीटास्किंग स्किन केयर प्रोडक्ट है, जो न सिर्फ स्किन केयर प्रोडक्ट्स, बल्कि मेकअप प्रोडक्ट्स का भी काम करता है. इस में मौइश्चराइजर, सीरम, सनस्क्रीन, प्राइमर, फाउंडेशन आदि के गुण होते हैं इसलिए इसे लगाने के बाद अलग से फाउंडेशन, सनस्क्रीन आदि लगाने की जरूरत नहीं होती.

बीबी क्रीम के ब्यूटी बैनिफिट्स

चूंकि इस में सनस्क्रीन के भी गुण होते हैं, इसलिए यह तेज धूप में सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की हिफाजत करती है. इस में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट उम्र से पहले त्वचा में फाइन लाइंस और झुर्रियों को उभरने से रोकते हैं. बीबी क्रीम में निहित मौइश्चराइजर त्वचा को कोमल बनाता है और फाउंडेशन की मौजूदगी चेहरे को मेकअप सा लुक देती है.

किसके लिए है बैस्ट बीबी क्रीम

बीबी क्रीम यंग स्किन के लिए ज्यादा असरदार होती है. इसका इस्तेमाल हर स्किन टाइप यानी नौर्मल, औयली और ड्राई स्किन टाइप की महिलाएं कर सकती हैं. बाजार में फाउंडेशन की तरह स्किनटोन के हिसाब से भी बीबी क्रीम उपलब्ध है. ऐसे में आप अपनी स्किनटोन को ध्यान में रख कर अपने लिए बैस्ट बीबी क्रीम चुन सकती हैं.

क्या है सीसी क्रीम

सीसी क्रीम में बीबी क्रीम के सारे गुण होते हैं जैसे बीबी क्रीम की तरह सीसी क्रीम का इस्तेमाल करने से त्वचा मुलायम बनती है, स्किन डैमेज का डर नहीं होता और चेहरे को मेकअप सा लुक भी मिलता है. लेकिन इस में कुछ खूबियां ऐसी भी होती हैं, जो बीबी क्रीम में नहीं होतीं जैसे सीसी क्रीम स्किनटोन को निखारती है यानी सांवली रंगत को उजली रंगत प्रदान करती है. इसलिए इसे कलर करैक्टर या कौंप्लैक्शन करैक्टर भी कहा जाता है.

सीसी क्रीम के ब्यूटी बैनिफिट्स

सीसी क्रीम डस्की स्किन कौंप्लैक्शन को फेयर इफैक्ट देती है. सन प्रोटैक्शन के साथ ही यह स्किन रिलेटेड प्रौब्लम्स जैसे पिंपल्स, डार्क स्पौट से भी छुटकारा दिलाती है. यह मुंहासों से चेहरे पर पड़े दागों को भी हलका करती है.

कुछ महिलाओं की त्वचा बहुत जल्दी लाल पड़ जाती है. अत: यह क्रीम उन के लिए भी फायदेमंद है.

किस के लिए है बैस्ट सीसी क्रीम

बीबी क्रीम की तरह सीसी क्रीम भी यंग स्किन के लिए ज्यादा फायदेमंद होती है. साथ ही यह हर स्किनटोन पर सूट करती है. लेकिन अगर आप के चेहरे पर अकसर मुंहासे उभर आते हैं, आपकी त्वचा मुरझाई सी नजर आती है या फिर आपके चेहरे पर डार्क स्पौट, अनचाही लालिमा है, तो समझ लीजिए कि सीसी क्रीम खास आप के लिए बनाई गई है.

कैसे लगाएं बीबी या सीसी क्रीम

माना कि बीबी और सीसी क्रीम में कंसीलर के साथ साथ सनस्क्रीन की भी क्वालिटी होती है, लेकिन इन्हें न तो कंसीलर की तरह थोड़ी मात्रा में लगाया जाता है और न ही सनस्क्रीन की तरह भरपूर मात्रा में. इन का इस्तेमाल फाउंडेशन की तरह किया जाना चाहिए यानी पहले उंगली से चेहरे पर कुछ डौट बना लें, फिर हलके से उन्हें पूरे चेहरे पर फैला लें. इस से नैचुरल लुक मिलेगा, जबकि मेकअप ब्रश या स्पंज का इस्तेमाल आप को आर्टिफिशियल लुक दे सकता है.

क्या है डीडी क्रीम

बीबी और सीसी क्रीम के बाद डीडी क्रीम इन दिनों कौस्मैटिक बाजार में अपनी जगह बनाने में जुटी है. ऐक्सपर्ट की मानें तो डीडी क्रीम में बीबी और सीसी दोनों की सारी खूबियां होती हैं. लेकिन निहित ऐंटीऐजिंग के गुण इसे बीबी और सीसी क्रीम से अलग पहचान दिलाते हैं. ऐक्सपर्ट के अनुसार, डीडी क्रीम में पाई जानी वाली ऐंटीऐजिंग क्रीम चेहरे पर फाइन लाइंस और रिंकल्स उभरने नहीं देती, साथ ही चेहरे पर उभर आए बढ़ती उम्र के निशानों को भी हलका करती है. मैच्योर स्किन के लिए डीडी क्रीम एक बैस्ट क्रीम है.

मेकअप आर्टिस्ट मनीष केरकर के अनुसार, ‘‘बीबी क्रीम कहने को एक क्रीम है, लेकिन इस में सीरम, मौइश्चराइजर, प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन, सनस्क्रीन आदि के भी गुण होते हैं, इसलिए इसे आल इन वन फेशियल कौस्मैटिक भी कहा जाता है.’’

सीसी क्रीम के विषय में मनीष कहते हैं, ‘‘सीसी क्रीम को बीबी क्रीम का लाइट वर्जन कहा जा सकता है, जिस में बीबी क्रीम के सारे गुण होने के साथसाथ स्किनटोन को निखारने की भी खूबी होती है.’’

स्मार्ट टिप्स

1. अगर आप बीबी क्रीम लगा रही हैं, तो सीसी क्रीम न लगाएं. खूबसूरती को निखारने के लिए दोनों में से किसी एक का चुनाव करें.

2. माना कि बीबी और सीसी क्रीम में मौइश्चराइजर की मात्रा अधिक होती है, लेकिन आप की स्किन अगर ड्राई है, तो त्वचा पर बीबी या सीसी क्रीम लगाने से पहले मौइश्चराइजर जरूर लगाएं.

3. अच्छे परिणाम के लिए चेहरे पर पहले बीबी या सीसी क्रीम लगाएं. जब यह अच्छी तरह सूख जाए तो ऊपर से सैटिंग पाउडर लगा लें. इस से बीबी या सीसी क्रीम लंबे समय तक टिकी रहेगी.

Food Special: फैमिली के लिए बनाएं राजस्थानी कांजी वड़ा

कांजी वड़ा राजस्थानी रेसिपी है, जो मुख्य रूप से त्यौहारों पर बनाया जाता है. तो फिर देर किस बात की, आप भी कांजी वड़ा बनाने की विधि जरूर ट्राय करें तो आइए बताते हैं.

हमें चाहिए

कांजी के लिए-

– लाल मिर्च पाउडर  (1/2 छोटा चम्मच)

– पिसी राई (02 बड़े चम्मच)

– हल्दी पाउडर (01 छोटा चम्मच)

– हींग ( 02 चुटकी)

– पानी (02 लीटर)

– काला नमक ( 1/2 छोटा चम्मच)

– नमक (स्वादानुसार)

वड़ों के लिए-

– मूंग दाल (100 ग्राम)

– नमक (1/4 छोटा चम्मच)

– तेल ( तलने के लिए)

कांजी वडा बनाने की विधि :

– एक बड़े बाउल में हल्दी, लाल मिर्च, पिसी राई, हींग, काला नमक और नमक लेकर उसमें 1/2 बाउल पानी डालें और सारी चीजों को अच्छी तरह से मिला लें.

– अब इसमें 2 लीटर पानी मिला लें और उसमें वड़े डाल कर कर अच्छी तरह से चलाएं.

– अब वड़ों को किसी गर्म जगह पर 2 दिनों के लिए रख दें.

– गर्म मौसम में इसमें दो दिन में एक सोंधी सी खटास आ जाएगी.

– पानी में डाले गये मसाले नीचे की ओर बैठ जाते हैं, इसलिए दिन में 1-2 बार इसे चला दें, जिससे कांजी अच्छी तरह से तैयार हो जाए.

– 2 दिन बाद आपके कांजी वड़ा तैयार हो जाएंगे. वैसे अगर मौसम में ठंडक हो, तो इन्हें तैयार होने में ज्यादा वक्त लग सकता है.

– जब कांजी का पानी आपके मुताबिक खट्टा हो जाए, तो उसे फ्रिज में रख दें और 1 सप्ताह तक इस्तेमाल करें.

क्या मल्टीविटामिन लेने से मुझे एनर्जी मिलेगी?

सवाल-

मैं 46 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. पिछले कुछ दिनों से मैं खुद में ऊर्जा की बहुत कमी महसूस कर रही हूं. क्या मल्टीविटामिन लेने से मैं बेहतर महसूस करूंगी?

जवाब-

आज मल्टीविटामिन लेना बहुत सामान्य प्रचलन है. लोग शरीर में कमजोरी महसूस होने या खुद को फिट रखने के लिए बिना डाक्टर की सलाह के ही विटामिन या मिनरल के सप्लिमैंट्स लेना शुरू कर देते हैं. विटामिंस के अधिक सेवन से विटामिन पौइजनिंग हो जाता है. इसलिए डाक्टर की सलाह के बिना इन का सेवन करना आप की सेहत के लिए खतरा बढ़ा सकता है. आप किसी डाक्टर को दिखाएं. जरूरी जांच करने पर ही पता चलेगा कि आप को ऊर्जा की कमी क्यों महसूस हो रही है और आप को किस विटामिन की कितनी मात्रा में जरूरत है.

थकान और कमजोरी से बचने के लिए अपने खानेपीने का भी ध्यान रखें. अपनी डाइट में सूखे मेवे, दूध व दुग्ध उत्पादों, मौसमी फलों और सब्जियों को ज्यादा मात्रा में शामिल करें. हर 2-3 घंटे में कुछ खाती रहें. अगर आप अपने खानेपीने का ध्यान रखेंगी तो आप को गोलियां खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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वीगन डाइट जिसे वीगानिज़्म भी कहा जाता है, एक ऐसी डाइट है, जिसमें मांस, अंडा, दूध, दही या पशु से बनने मिलने वाले उत्पादों को नहीं खाया जाता. बल्कि वीगन डाइट में सबसे अधिक पेड़पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों को खाया जाता है.  इस डाइट में कच्चे ऑर्गेनिक आहार का अधिक सेवन किया जाता है. साबुत फल, सब्जियां और अनाज इस डाइट की विशेषता हैं.  इसे शुद्ध शाकाहारी आहार या प्लांट बेस्ड डाइट भी कहा जाता है.

अब ऐसे में सवाल उठता है कि वीगन डाइट में मांस, अंडा, दूध, दही जैसे खाद्य पदार्थ न होने की वजह से प्रोटीन की कमी को कैसे पूरा किया जाए? इस संबंध में पल्लवबिहानी बोल्डफ़िट के फाउंडर ऐसे सुपरफूड्स के बारे में बताएंगे, जिनके सेवन से आप वीगन डाइट को फॉलो करते हुए प्रोटीन का भरपूर सेवन कर सकते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- Vegan Diet को हेल्दी बनाएंगे प्रोटीन से भरपूर ये 5 Food

क्या कीमती गहने मामूली नजर आने लगे हैं?

अगर आपको गहनों का शौक है तो आपके पास हो न हो सोने, चांदी और मोती के गहने तो होंगे ही. कई बार ऐसा होता है कि हम गहने खरीद तो लेते हैं लेकिन सही से नहीं रखने की वजह से कुछ ही दिनों में या तो उनका रंग फीका पड़ जाता है या फि‍र वो पुराने और नकली नजर आने लगते हैं.

ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आपकी ज्वैलरी हमेशा नई और चमकदार बनी रहें तो कुछ बातों को गांठ बांध लें. कोशि‍श कीजिए कि घर का काम करते समय, झाड़ू-पोंछा करते समय, बर्तन धोते समय या फिर बर्तन साफ करते समय इन्हें उतार दें. इससे उन पर धूल नहीं जमेगी और उनकी चमक फीकी नहीं पड़ेगी.

इन टिप्स को अपनाकर आप भी अपने गहनों को लंबे समय तक सुरक्षि‍त और चमकदार रख सकती हैं.

1. हीरे की ज्वैलरी:

हीरे के गहनों को ड्रॉयर या ड्रेसर के ऊपर नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे उनपर निशान पड़ सकते हैं और उनकी कटिंग खराब हो सकती है. इन्हें साफ करने के लिए बाजार में मिलने वाले क्लीनिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करना चाहिए. आप घर में अमोनिया और पानी को मिलाकर भी हीरे के गहनों को साफ कर सकती हैं.

2. सोने के गहने:

अगर सोने के गहनों की उचित देखभाल न की जाए तो इनकी चमक फीकी पड़ सकती है. इन्हें हमेशा सॉफ्ट डिटर्जेट, हल्के गुनगुने पानी और मुलायम कपड़े से साफ करना चाहिए.

सोने की चेन और कंगन को अलग-अलग रखना चाहिए क्योंकि एकसाथ रखने से ये उलझ सकते है. स्वीमिंग के दौरान इन्हें हटा देना चाहिए, क्योंकि स्वीमिंग पुल के पानी में मौजूद क्लोरीन से सोने के गहनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. यह केमि‍कल इन्हें कमजोर कर सकता है.

3. मोती के गहने:

जैसे सूरज की हानिकारक किरणें हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है, उसी तरह तेज रोशनी और गर्मी कीमती स्टोन्स और मोती को भी समय से पहले बेकार और रंगहीन बना देती है. वक्त बीतने के साथ ये फीके और धुंधले पड़ने लग जाते हैं, इसलिए इन्हें तेज रोशनी से बचाना चाहिए.

मोती के गहनों को मुलायम कपड़े से साफ करके एयरटाइट डिब्बे में रखना चाहिए. मेकअप करने के बाद ही इन्हें पहनना चाहिए. इन्हें परफ्यूम, मेकअप, हेयरस्प्रे से ये फीके पड़ सकते हैं. इन्हें साफ करने के लिए बेकिंग सोडा या ब्लीच का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

4. चांदी के आभूषण:

चांदी के आभूषणों को भी खतरनाक केमिकल्स से बचाना चाहिए क्योंकि केमिकल्स के प्रभाव से ये कमजोर हो सकते हैं. इन्हें स्वीमिंग के दौरान और घरेलू काम करते समय कभी नहीं पहनना चाहिए. चांदी को किसी दूसरे धातु के साथ रखने से ये जल्दी काले हो जाते हैं.

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