सवाल-

मेरी उम्र 23 वर्ष है. शुरू के 5 सालों में मेरे पीरियड्स अनियमित थे. अब यह समस्या नहीं है. 3 महीने बाद मेरा विवाह है. मेरी चिंता इस बात को ले कर है कि पहले पीरियड्स अनियमित रहने की वजह से कहीं विवाह के बाद मुझे मां बनने में अड़चन तो नहीं आएगी? कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप बिलकुल परेशान न हों. किशोर उम्र के शुरू के सालों में जब शरीर सयाना होने लगता है और पीरियड्स शुरू होते हैं, उस समय मासिकधर्म के दिनों में घटतबढ़त होना आम बात है. यह घटतबढ़त शरीर के अंदर टिकटिक कर रही जैविक घड़ी की लय से जुड़ी होती है. यों देखने पर मासिकधर्म की क्रिया चाहे मामूली नजर आती हो, लेकिन उस का 28-30 दिन का लयबद्ध चक्र स्त्री के शरीर के अंदर रचीबसी खासी जटिल कैमिस्ट्री की देन होता है. इस में मस्तिष्क में स्थित हाइपोथैलैमस और पिट्यूटरी ग्लैंड, साथ ही पेल्विस में काम कर रही ओवरीज का सीधा हाथ होता है. उन में बनने वाले कई तरह के हारमोन ही स्त्री के भीतरी संसार की रिद्म तय करते हैं. इसी चक्र के तहत प्रजनन योग्य उम्र में आने के बाद नारी हर माह संतानबीज बीजने की तैयारी करती है और गर्भधारण न होने पर गर्भाशय की मोटी परत मासिक रक्तस्राव के रूप में प्रवाहित कर देती है.

किशोर उम्र में जब मासिकधर्म शुरू होता है, तो पहले 2, 3 या 5 सालों तक मासिकचक्र अपनी लय स्थापित नहीं कर पाता. जैसे किसी भी नए काम में पारंगत होने में समय लगता है, उसी प्रकार शरीर को भी अपनी जैविक धुरी खोजने में थोड़ा समय लगता है. खास बात यह है कि इस मासिकचक्र की अनियमितता को सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के रूप में ही लिया जाना चाहिए. इस से विचलित नहीं होना चाहिए. अगर आप तन और मन से स्वस्थ और सामान्य हैं और आप के पति भी तो कोई कारण नहीं कि आप को संतानसुख पाने में दिक्कत हो.

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