सवाल--

मेरी उम्र 31 साल है. मेरी शादी को 6 साल हो गए हैं. शादी से पहले मुझे TB हो गई थी. अब मैं गर्भधारण नहीं कर पा रही हूं. क्या इस का टीबी से कोई संबंध है?

जवाब-

टीबी भारत में एक बहुत ही सामान्य समस्या है. ज्यादातर यह फेफड़ों को प्रभावित करती है पर यह अंडेदानी और बच्चेदानी तक भी फैल सकती है. अगर समय रहते उपचार न कराया जाए तो गर्भधारण करने में यकीनन परेशानी आ सकती है. अगर यह बच्चेदानी को प्रभावित करती है तो फैलोपियन ट्यूब्स ब्लौक हो सकती हैं. यह स्थिति धीरेधीरे माहवारी को कम करती है या बंद भी कर सकती है. जांच कराएं कि कहीं यह बच्चेदानी तक तो नहीं पहुंच गई है. यदि पहुंच गई है तो समय रहते दवा शुरू करने से इसे प्रारंभिक चरण में ठीक किया जा सकता है. अगर इस के बारे में देर से पता चला है और यह ट्यूब्स तक पहुंच गई है तो लैप्रोस्कोपी या दूरबीन से ट्यूब्स को खोला जा सकता है. अगर ट्यूब्स इतनी क्षतिग्रस्त हो गई हैं कि उन्हें खोला नहीं जा सकता तो फिर आप को मां बनने के लिए आईवीएफ का विकल्प चुनना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें-

जिनको ये लगता है कि टीबी सिर्फ फेफड़ों की बीमारी है, तो उन्हें अपनी सोच पर दोबारा विचार करने की जरूरत है! मेडिकल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में टीबी के कुल मरीजों में से 5-10% मरीज हड्डी की टीबी से पीड़ित हैं और यह आंकड़ा नरंतर बढ़ता जा रहा है. स्पाइनल टीबी को लेकर जागरुकता में कमी ही इसका मुख्य कारण है. यही वजह है कि लोग अक्सर इसके लक्षणों को अन्देखा करते हैं, जिसके कारण टीबी का बेक्टीरिया हड्डियों और स्पाइन को प्रभावित करता रहता है. यदि हम संख्याओं की बात करें तो भारत में लगभग 1 लाख लोग ऑस्टियोआर्टिकुलर टीबी से पीड़ित हैं, जिसके कारण बढ़ते बच्चों के हाथ-पैर आवश्यकता अनुसार नहीं बढ़ पाते हैं और कुछ मामलों में पूरा शरीर लकवे की चपेट में आजाता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...