सवाल-

मैं 20 साल की हूं और जब मेरे पीरियड्स आते हैं, तो मैं बहुत उदासी महसूस करती हूं. मेरा कुछ भी करने का मन नहीं होता. मैं इसी कारण कालेज भी नहीं जा पाती. मेरे साथ ऐसा क्यों होता है?

जवाब-

पीरियड्स से पहले और उस दौरान उदास या बीमार होना आम बात है. जब मासिकधर्म चक्र के दौरान लड़की के हारमोन का स्तर बढ़ता या घटता है, तो उसे शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से प्रभावित कर सकता है. इसे प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है. यह लड़की को बिस्तर में रहने तक के लिए मजबूर कर सकता है.

प्रीमैंस्ट्रुअल के लक्षणों को कम करने के लिए ताजा फल और सब्जियों के साथसाथ संतुलित आहार लें. चिप्स जैसे प्रोसैस्ड खाद्यपदार्थों से परहेज करें. नमक कम खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. कैफीन के सेवन से बचें. रात को भरपूर नींद लें. अगर ज्यादा परेशानी हो तो तुरंत डाक्टर से मिलें.

ये भी पढ़ें-

कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स का सामना करती हैं तो कुछ लड़कियों को कोई खास बदलाव महसूस नहीं होता है. ऐसे ही कुछ लड़कियां डिप्रैशन और इमोशनल आउटबर्स्ट का शिकार होती हैं. इसे कहते हैं प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम और 90 प्रतिशत लड़कियां वर्तमान में इसे महसूस कर रही हैं.

पीरियड के दौरान अनेक परेशानियां भी आती हैं. महीने में 2 बार पीरियड्स क्यों हो रहे हैं? मसलन, फ्लो इतना ज्यादा या इतना कम क्यों है ? पीरियड्स और लड़कियों के समान क्यों नहीं हैं? अनियमित पीरियड्स क्यों हैं? ये सब प्रश्न अकसर हमारे दिमाग में घर कर लेते हैं.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...