डौक्टर प्रीती प्रवीण खरे (भोपाल)
दुख की रात विफल करता, सुख की भोर धवल करता
मुश्किल सारी हल करता
धूप हमारी वो हर लेता, छांव हमेशा हमको देता
धोखा हमसे कभी न करता, सच्चाई के रस्ते चलता
दिल में वो उल्लास जगाये, ख़ुशियों वाले दीप जलाये
मुस्कानों से प्यार लुटाये, साथ सदा त्यौहार मनाये
महकाये संसार हमारा, दूर करे अंधियार हमारा
विश्वासों का सार हमारा, मित्र ही है घर बार हमारा
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