लेखक- वीरेंद्र बहादुर सिंह 

एक सुखी दांपत्य के लिए क्या जरूरी है? इस बात से जरा भी इनकार नहीं किया जा सकता कि दांपत्य जीवन के लिए हेल्दी फिजिकल रिलेशन जरूरी है. अलबत्त, यह जरूरी नहीं कि इसके अलावा भी ऐसा बहुत कुछ है जो संबंध को हमेशा सजीव रखता है.हग, स्पर्श, प्यार , कद्र, सम्मान और संवाद कभी संबंध को सूखने नहीं देते.

शबाना आजमी से एक इंटरव्यू में पूछा गया था कि जावेद साहब इतनी सारी कविताएं, गीत और गजल लिखते हैं तो आप पर भी रोजाना एक गीत या गजल लिखते होंगें? शबाना आजमी ने इस सवाल के जवाब में कहा था कि जावेद साहब मेरे ऊपर कविता या गीत नहीं लिखते, इतने लंबे वैवाहिक जीवन में मेरे ऊपर गिनती की 3-4 कविताएं लिखी होंगीं. पर सच बात तो यह है कि मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है. क्योंकि उनके व्यवहार में मैं अपने प्रति भरपूर स्नेह देखती हूं. मेरी छोटीछोटी बातों का ध्यान रखना, मेरी हर बात को शांति से सुनना, मेरी कोई प्राब्लम हो तो उसे हल करना, रोजाना प्रेम से हग करना,  यह सब मेरे लिए कविता से विशेष है. मैं अपने प्रति उनके स्नेह को आज भी वैसा ही अनुभव कर रही हूं, जो मेरे लिए कविता से बढ़ कर है. शबाना आजमी की पूदी बात में आखिरी बात बारबार  पढ़ने और समझने लायक है कि 'मैं इतने सालों बाद भी उनके अपने प्रति स्नेह को उनके व्यवहार में अनुभव कर सकती हूं.' यही सब से महत्वपूर्ण बात है.

पूरे दिन की दौड़भाग के बाद घर आने पर मिलने वाला पत्नी का प्रेम भरा एक हग दिन भर की थकान उतार सकता है. यह वाक्य हम न जाने कितनी बार पढ़ या सुन चुकी होंगीं, शादी के बाद शुरू के दिनों में कुछ समय तक पति-पत्नी के बीच यह घटनाक्रम चलता है. पर जैसेजैसे समय बीतता जाता है, वैसेवेसे यह आदत छूटने लगती है. अलबत्त, पति थक कर आया हो, पूरे दिन घर और घर के सदस्यों की देखभाल करने वाली पत्नी की भी इच्छा होती है कि उसका भी कोई ख्याल रखे. जिस तरह पति आफिस से थकामांदा आता है और पत्नी के हाथ की गरमामरम चाय पी कर उसकी थकान उतर जाती है, उसी तरह रोज सवेरे जल्दी उठ कर नाश्ता तैयार करने वाली पत्नी को भी किसी दिन आराम दे कर पति नाश्ता बनाए तो पत्नी के लिए इससे बढ़कर खुशी की बात दूसरी नहीं होगी.

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