हमारी शादी को 7 साल हो गए हैं और आज भी हम एक दूसरे के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़े होते हैं. जब शादी करके मैं  घर में आई थी. तो एकदम से नए परिवेश में मुझे थोड़ा सा असहज महसूस होता था. लेकिन मेरे पति ने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया. परिवार में कोई बात भी होती थी तो वह सारी बातें अपने ऊपर ले लिया करते थे और मुझसे कहते कि तुम्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है. मैं हूं ना.

ऐसा था पहला वैलेंटाइन डे...

हमारी शादी नवंबर में हुई थी तो शादी के बाद के पहले वैलेंटाइन डे का हम दोनों को ही बहुत क्रेज था. हम दोनों ही ये सोच रहे थे कि एक-दूसरे को क्या गिफ्ट दें लेकिन मेरी तबीयत खराब होने के कारण में कुछ ज्यादा नहीं कर पाई. मैंने घर पर ही एक बहुत सुंदर सा ग्रीटिंग कार्ड तैयार किया. वैलेंटाइन डे भी आ गया. मेरे पतिदेव रोज की तरह ऑफिस चले गए एक गुलाब का फूल मेरे हाथ में थमा कर. मैंने सोचा लो हो गया वैलेंटाइन डे.

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सासू मां के साथ मिलकर दिया सरप्राइज...

मैं पूरे दिन अपने घर के काम में थोड़ा बिजी रही. तभी मेरे पतिदेव का फोन आता है और कहते हैं जरा मम्मी से बात कराना. मम्मी जी से बात करने के बाद मम्मी ने मुझसे कहा तुम तैयार हो जाओ हमें कहीं जाना है. मैंने कहा कहां जाना है तो मम्मी जी ने कहा तुम पहले तैयार होकर आओ. हम घर से थोड़ी दूर निकले ही थे. कि मोहित जी हमें रास्ते में मिल गए. मैं थोड़ी नाराज हुई कि मुझे बताया भी नहीं कि आज ऑफिस से जल्दी आ गए. यह मुझे और मां को लेकर मंदिर गए. वहां जाकर पहले इन्होंने अपनी मां के चरण स्पर्श किए और फिर कहां मां आपकी वजह से मैं आज इस दुनिया में हूं, आप से ही मेरा अस्तित्व है. मैं भगवान से आज के दिन प्रार्थना करता हूं कि आपका आशीर्वाद सदा मेरे ऊपर रहे और एक बहुत सुंदर साड़ी उन्हें गिफ्ट की और फिर मेरे हाथों में स्कूटी की चाबी थमा दी. क्योंकि मोहित जी को पता था कि मुझे स्कूटी चलाना बहुत पसंद है और कहा जैसे मां से मेरा अस्तित्व है. वैसे ही तुम मेरी जीवनसंगिनी जो पूरे जीवन मेरे सुख दुख में मेरे साथ होगी. तो ये खास तोहफा तुम्हारे लिए.

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