Ahmedabad Plane Crash : एयरहोस्टेस नगंथोई शर्मा केवल 20 साल की थी. तीन साल पहले ही स्वीट सी चेहरे वाली इस लड़की ने एयर इंडिया जॉइन किया था. मणिपुर की कोंगराबैलाटपम नगंथोई की फोटो और वीडियो देखने भर से आपको यह यकीन हो जाएगा कि यह लड़की जिंदगी से भरपूर थी लेकिन जिंदगी से उसे जीने की ज्यादा मोहलत नहीं दी थी.
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12 जून को अहमदाबाद में हुए भयंकर विमान हादसे (Ahmedabad Plane Crash ) में यह हसता मुसकराता चेहरा सदा के लिए शांत हो गया. उस चेहरे पर किसी तरह के भाव शेष नहीं रह गए थे. उसका परिवार उसके मुसकुराते चेहरे को अलबम में देख कर सिसकियां ले रहा है. पूरे घर में मातम पसरा है.
मणिपुर की दो एयर होस्टेस मारे गए क्रू में शामिल
नगंथोई शर्मा उन 12 क्रू (दो पायलट समेत) मेंबर्स में शामिल थी, जो इस प्लेन हादसे में चल बसे. मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान दुर्घटना में राज्य की दो युवा विमानकर्मी मारे गए हैं.
नगंथोई के परिवार को जब इसकी सूचना मिली, तो उन्होंने उसकी तस्वीरों का अलबम निकाला और उसे कलेजे से लगा कर फूटफूट कर रोने लगे. यह जानने के बाद भी प्लेन बुरी तरह से क्रैश हो गया है, उसके पापा बारबार बेटी के नंबर पर कॉल करते रहे.
फोन रिंग होता रहा और उस पिता को ऐसा लगता रहा कि उनकी बेटी जरूर कॉल उठाएगी. पड़ोसियों के पास इस परिवार को सांत्वना देने के लिए शब्द नहीं थे, वह चाह कर भी यह नहीं कह पा रहे थे कि नगंथोई अब कभी वापस नहीं आएगी.
मोबाइल रिंग होता रहा पर कॉल रिसीव नहीं हुआ
नगंथोई तीन बहनों में से एक थी. आखिरी उड़ाने के पहले अपनी बड़ी बहन को फोन करके उसने यह बताया था कि उसका विमान लंदन के लिए उड़ान भरनेवाला है इसलिए कुछ देर के लिए किसी से कॉन्टैक्ट नहीं हो पाएगा. उसने यह भी बताया कि अब वह 15 जून को वापस आएगी.
विमान क्रैश की घटना की खबर मिलते ही एयरहोस्टेस नगंथोई के पापा ने बेटी से संपर्क करने के लिए उसे तुरंत कॉल किया, फोन रिंग हुआ लेकिन उठा नहीं. बार बार घरवाले फोन करते रहे और मोबाइल के रिंग होने की आवाज आती रही लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया. हर कॉल को करते समय उसके पापा को लगता रहा कि शायद अगली कॉल को बेटी फोन उठा लेगी. घटना के बाद से सबकी आंखें रो रो कर सूज गई है.
Ahmedabad Plane Crash में प्लेन में बैठे 242 लोगों में से 241 मारे गए, जिसमें नगंथोई भी एक है, जिसकी यादें उसके पापा या बहनों के लिए फोन की गैलेरी में सिमट कर रह गई है.