हर महिला की ख्वाहिश होती है कि वह अपने घरपरिवार की बागडोर संभाले. मगर इस चाह को पूरा करने के लिए जरूरी है कि वह ऐकैडमिक स्तर पर सफल व वैल सैटल्ड हो. इस नए साल में हम लीप वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तो क्यों न हम महिलाओं के लिए प्रोफैशनल लैवल पर लीप फौरवर्ड यानी ‘चलें 4 कदम और आगे’ का मंत्र अपनाएं. ऐसा करने से न केवल महिलाओं को फाइनैंशियली सैटल होने में मदद मिलेगी वरन उन में आत्मविश्वास भी जाग्रत होगा.

‘चलें 4 कदम और आगे’ के इस मंत्र में हम ऐसे 4 कोर्सेज के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें वे अपनी नियमित शिक्षा के साथसाथ पार्टटाइम कर सकेंगी और अपनी योग्यता के साथसाथ रचनात्मकता को भी बढ़ा सकेंगी. नए साल में औरों से 4 कदम आगे रखने वाले इन कोर्सेज के अलावा आप अपनी रुचि के अनुसार टूरिज्म इंडस्ट्री, सोशल वर्क, फूड ऐंड न्यूट्रिशन, कैंडल मेकिंग, चौकलेट मेकिंग, गिफ्ट पैकिंग आदि क्षेत्रों में भी सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकती हैं. कई बार महिलाएं घरेलू जिम्मेदारियों के चलते 9 से 5 की औफिस जौब नहीं कर पातीं. ऐसे में ये कोर्सेज उन के कैरियर ग्राफ को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे. इन कोर्सेज को वे ईवनिंग में या वीकेंड में भी कर सकतीहैं. कोर्स की अवधि के अनुसार इन की फीस अलगअलग होती है. आप के हुनर को बढ़ाने वाले ये कोर्सेज आप को औरों से 4 कदम आगे रखेंगे और आप को प्रोफैशनल लैवल पर अधिक सक्षम व सशक्त हो कर उभरने में मदद करेंगे.  

पहला कदम

कुकिंग यानी कुलीनरी आर्ट्स: एक दौर था जब खाना बनाने को घरेलू काम समझा जाता था. लेकिन मौजूदा दौर में कुकिंग यानी कुलीनरी आर्ट्स एक आकर्षक कैरियर औप्शन के तौर पर उभरा है. नीता मेहता, पंकज भदौरिया ऐसे जानेमाने नाम हैं, जिन्होंने खाना बनाने की कला को स्थापित व्यवसाय का रूप दिया है. इस क्षेत्र को प्रोफैशन के रूप में अपनाने के लिए कोई भी महिला कुलीनरी आर्ट्स में डिप्लोमा हासिल कर सकती है. डिप्लोमा के अंतर्गत कुकिंग, बेकिंग की तकनीक, गार्निशिंग, नाइफ स्किल्स, फूड कर्विंग, प्लेटें सजाने व फूड फोटोग्राफी के साथसाथ रैस्टोरैंट मैनेजमैंट के गुर भी सीखे जा सकते हैं. इन कोर्सेज को करने के बाद कोई भी महिला कंसल्टिंग ऐंड डिजाइन प्रोफैशनल, फूड ऐंड बेवरेज कंट्रोलर, ऐंटरप्रेन्योरशिप, सेल्स पर्सन, फूड क्रिटिक्स, फूड राइटर्स, फूड स्टाइलिस्ट व फूड फोटोग्राफी का काम कर सकती है. कोई भी महिला अपनी कुकिंग क्लासेज या टिफिन सिस्टम का व्यवसाय भी शुरू कर सकती है.

इन कोर्सेज के जरीए महिलाएं मल्टीटास्किंग, टीम का नेतृत्व, पोषण के स्तर को नियंत्रित रखना व मेन्यू का विकास करना सीख जाती हैं, जो उन्हें औरों के मुकाबले 4 कदम आगे रखता है. दिल्ली में कुलीनरी आर्ट्स से संबंधित कोर्स दिल्ली इंस्टिट्यूट औफ होटल मैनेजमैंट ऐंड कैटरिंग टैक्नोलौजी, दिल्ली व इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट औफ कुलीनरी आर्ट्स, नई दिल्ली से किया जा सकता है.

दूसरा कदम

फैशन डिजाइनिंग: यदि किसी महिला को फैशन की समझ है और उस की क्रिएटिव स्किल अच्छी है तो वह फैशन मर्केडाइजिंग, फैशन स्टाइलिंग, फैशन कोऔर्डिनेटर और फैब्रिक बायर के क्षेत्र में पार्टटाइम कोर्स कर के इस क्रिएटिव क्षेत्र में कैरियर बना सकती है. इन सभी क्षेत्रों में कोई भी महिला 2-3 शौर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्सेज कर सकती है.

इन डिप्लोमा कोर्सेज को करने के बाद वह कौस्ट्यूम डिजाइनर, पर्सनल स्टाइलिस्ट, फैशन कोऔर्डिनेटर व फैब्रिकेशन के क्षेत्र में काम कर सकती है या फिर अपना स्वयं का व्यवसाय जैसे फैशन शो और्गेनाइजर, गारमैंट स्टोर चेन, बुटीक आदि खोल सकती है. देश में अनेक ऐसे संस्थान हैं, जो इस क्षेत्र में क्रिएटिव कोर्स कराते हैं.

तीसरा कदम

ब्यूटी बिजनैस में बनाएं कैरियर: आज हर कोई खूबसूरत और स्मार्ट दिखना चाहता है. यही कारण है कि आज ब्यूटी और वैलनैस इंड्रस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है. ब्यूटी बिजनैस आज फेयरनैस, हैल्दी स्किन क्रीम से आगे बढ़ कर ब्यूटी सैलून, स्पा तक जा पहुंचा है. इस क्षेत्र में कैरियर बनाने की इच्छुक महिलाओं के लिए अनेकानेक अवसर हैं. कोई भी महिला ब्यूटीशियन, ब्यूटीकल्चर, हेयरड्रैसर तथा हैल्थ स्लिम असिस्टैंट से जुड़ी जानकारी वाले तकनीकी कोर्स कर सकती है और कौस्मैटोलौजिस्ट, मेकअप प्रोफैशनल्स, हेयर ऐक्सपर्ट, नेल ऐक्सपर्ट, ब्यूटी मैनेजर, ब्यूटी थेरैपिस्ट, कलर थेरैपिस्ट के तौर पर कैरियर बना सकती है. इस के अतिरिक्त वह फैशन स्टाइलिस्ट, ब्यूटी मैगजीन राइटर, ब्यूटी प्रोडक्ट डिजाइनर, ब्यूटी बिजनैस कंसलटैंट, ब्यूटी स्कूल ओनर के तौर पर पहचान बना सकती है.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट शहनाज हुसैन, वंदना लूथरा, भारती तनेजा ऐसे जानेमाने नाम हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र की मौडर्न तकनीकों में महारत हासिल कर के विश्व स्तर पर नाम कमाया.

चौथा कदम

ज्वैलरी डिजाइनिंग: गहनों से हर महिला का भावनात्मक जुड़ाव होता है. अपने इसी जुड़ाव को महिलाएं अपनी आय का स्रोत भी बना सकती हैं. कैरियर विकल्प के तौर पर ज्वैलरी डिजाइनिंग व्यवसाय युवतियों के बीच खासा लोकप्रिय हो रहा है. इस से जुड़े अनेक डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स होते हैं. ज्वैलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में क्रिएटिव होने के साथसाथ प्रोफैशनल दिमाग के कौंबिनेशन की जरूरत होती है. कोई भी 12वीं कक्षा पास युवती इन कोर्सेज में दाखिला ले सकती है और कोर्स करने के बाद फ्रीलांसर के तौर पर ज्वैलरी डिजाइनिंग का काम कर सकती है. ऐसा वह अपने आसपास के ज्वैलर्स हाउसेज के लिए कर सकती है. बाद में वह कोई ज्वैलर्स कंपनी भी जौइन कर सकती है.

कानपुर की ज्वैलरी डिजाइनर कृति गर्ग का कहना है कि शुरुआती दौर में उन्होंने काशी ज्वैलर्स में मार्केटिंग हैड का काम किया जहां उन्होंने पीआर स्ट्रैटजी को प्लान करने का भी काम किया. आज वे अपने ज्वैलरी स्टोर कृति किएजियोन की मालिक हैं. कृति कहती हैं कि हर महिला को अपने कैरियर ग्राफ को आगे बढ़ाने के लिए अपनी क्वालिफिकेशन को बढ़ाते रहना चाहिए. ऐसा करने से वह अपनी योग्यता को बढ़ाने के साथसाथ रचनात्मकता को भी बढ़ा सकती है.

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