कई मायनों में, एक व्यवसाय खड़ा करना और एक बच्चे की परवरिश करना एक जैसे ही लगते हैं. दोनों में बिना शर्त प्यार, अटूट निरंतरता और भविष्य पर गहरा विश्वास जरूरी होता है. जब मैं अपने पहले बच्चे के साथ गर्भवती थी, तब मैंने त्राया की नींव रखनी शुरू की थी, और कुछ महीने पहले ही मैंने अपने दूसरे बच्चे का स्वागत किया, जबकि त्राया भी लगातार विकसित और आगे बढ़ रहा है.

सच कहूं तो, ऐसा लगता है कि अल्ताफ और मैंने मिलकर तीन बच्चों की परवरिश की है। हर एक की अपनी अलग ज़रूरतें, चुनौतियां और खुशियां हैं.

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