यह उन दिनों की बात है जिन दिनों हाथ में कीपैड वाले फोन तो आम हो गए थे पर स्मार्ट और डिजिटल फोन न के बराबर हुआ करते थे. स्कूल टौयलेट की दीवारों पर लड़कियों के फोन नंबर लिखे होते थे. कहींकहीं स्कूल के पिछवाड़े वाले हिस्से में नाम सहित किसी लड़की की अश्लील चित्रकारी होती थी. स्कूल के ज्यादातर लड़के उन चित्रों को देख कर मादक मुसकान लिए गुजर जाया करते थे.

आमतौर पर यह हरकत 2 तरह के लड़के किया करते थे- एक वे जिन्हें उक्त लड़की बिलकुल भाव न दे रही हो और दूसरे वे जो धोखा महसूस किए लंपट आशिक की तरह लड़की से खासा नफरत कर रहे हों. लेकिन इन दोनों में ही जो बात समान थी वह यह कि ये दोनों प्रवृत्ति के लड़के यह काम लड़की से बदला लेने और उसे बदनाम करने के मकसद से किया करते थे. यह बात उस समय सामान्य तो लगती थी, पर कहीं न कहीं रिवेंज पोर्न के दायरे वाली थी.

समय बदला. युवाओं के हाथ में स्मार्ट फोन के साथसाथ इंटरनैट आया, सर्च बौक्स में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू का औप्शन मिला तो लोग डिजिटली सोशल हो गए. छोटी दुनिया एकाएक सोशल मीडिया पर बड़ी हो गई. इस बड़ी सी आभासी दुनिया में जहां पूरे विश्व से जानकारी के आदानप्रदान के असीम विकल्प खुले, दूसरों से जुड़ने का मौका भी मिला, वहीं इस आदानप्रदान से कुछ खतरे भी पैदा हुए. इसी खतरे के तौर पर धड़ल्ले से उभरा इंटरनैट वाला रिवेंज पोर्न.

रिवेंज पोर्न के मामले

जैसाकि मरियम वैबस्टर डिक्शनरी द्वारा इसे परिभाषित किया गया, रिवेंज पोर्न- किसी व्यक्ति की अतरंग तसवीरों या क्लिपों को, विशेषरूप से बदला या उत्पीड़न के रूप में, उस व्यक्ति की सहमति के बिना औनलाइन पोस्ट करना है.

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