‘100करोड़ मूर्ख हिंदुओं के बीच 4 मुसलमान बौलीवुड में सुपर स्टार हैं तो गलती किस की.’’सोशल मीडिया पर यह पोस्ट सम्राट ‘पृथ्वीराज’ फिल्म के रिलीज होने के तुरंत बाद वायरल होनी शुरू हुई थी जिस में एक विदेशी युवती हाथ में एक तख्ती लिए खड़ी है, जिस में इस सवाल नसीहत या खिसियाहट कुछ भी कह लें लिखी हुई है. इस पोस्ट का मकसद यह मैसेज देना था कि हिंदुओ जागो और दौड़ कर ‘पृथ्वीराज’ फिल्म देख कर आओ नहीं तो हिंदू धर्म खतरे में पड़ जाएगा.

इस के पहले भी ऐसी दर्जनों पोस्टें वायरल हुई थीं, जिन में अपील की गई थी कि सभी सच्चे हिंदुओं को यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए. इस से हिंदुत्व को ताकत मिलेगी. सभी पोस्ट हिंदू डिजिटल वारियर्स की देन हैं जो सोशल मीडिया के जरीए पौराणिक राज जिस में वर्ण व्यवस्था रामायण युग की हो लागू की जा सके.

अब 100 करोड़ हिंदुओं के बीच एक भी हिंदू सुपर स्टार नहीं है तो गलती किस की इस सवाल के कई सटीक जवाब हैं जिन में से पहला यह है कि आप मारमार कर गधे को घोड़ा नहीं बना सकते. दूसरा यह है कि इस देश में सच्चे या पौराणिकवादी हिंदुओं की तादाद 3-4 करोड़ भी नहीं है. तीसरा यह है कि इन दिनों हिंदू ही हिंदू को मूर्ख बना रहा है. सभी एकदूसरे को उकसाते रहे कि फिल्म जरूर देखना, लेकिन खुद देखने नहीं गए.

चौथा जवाब यह है कि बुढ़ाते अक्षय कुमार में अब वह बात नहीं है जो दर्शकों को आकर्षित कर पाए. 5वां जवाब यह है कि आम दर्शक वाकई मूर्ख नहीं हैं जो महंगाई के इस दौर में एक रद्दी फिल्म देखने के लिए मल्टीप्लैक्स में क्व500 खर्चता. हिंदुत्व को मजबूत करने के लिए तो किसी मंदिर की दान पेटी में क्व11 की दक्षिणा डालना ही बहुत है.

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