एक अमेरिकी अर्थशास्त्री डेनियल हेमरमैश का कहना है कि जो जितना अमीर हो जाता है वह उतना ही ज्यादा तनाव में रहता है, क्योंकि उस के पास पैसा होता है पर उसे खर्च करने का समय नहीं. उस के पास तो अपनी पत्नी और बच्चों के लिए भी समय नहीं होता. अमेरिका में पिछले 50 सालों में बहुत पैसा आया है और अमीर ज्यादा अमीर हुए हैं पर वे बहुत खुश हों, जरूरी नहीं. अब अमीर कपड़ों पर पैसा नहीं खर्च करते, वे हाई ऐंड महंगे जिमों, होटलों, रेस्तराओं में खर्च करते हैं. यह बात दूसरी है कि जितनी देर वहां रहते हैं उन के ईमेल और फोन उन्हें पूरी तरह इन सेवाओं का लाभ नहीं उठाने देते.

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उन की पत्नियां महंगे कपड़े खरीदती हैं, ज्वैलरी खरीदती हैं पर हर समय डरी रहती हैं कि पति के इर्दगिर्द मंडराती स्मार्ट, लालची लड़कियों से पति को कैसे बचा कर रखें. वे पति से उस के घंटों का हिसाब नहीं मांग सकतीं. वह कब, कहां और किस के साथ है पूछ नहीं सकतीं. आमतौर पर वे पतियों के विशाल दफ्तरों तक में नहीं जा पातीं और पतियों को मिलने वाले पैसे के लालच में लंबी छूट देती हैं पर इस से तनाव में घुलती रहती हैं. अमीर लोगों की एक चिंता यह भी होती है कि कहीं आय कम न हो जाए जैसे अभी इस बार बजट में अचानक अमीरों पर आयकर 7-8% बढ़ गया. ऐसे सरकारी फैसले पतियों को हर समय परेशान रखते हैं.

कम आय वालों की पत्नियों को कम में गुजारा तो करना पड़ता है पर भरोसा होता है कि पति दफ्तर में कहां है और घर आ कर कौन से सोफे पर कौन सा टीवी चैनल देख रहा है. कम आय वाले पुरुषों पर लड़कियां डोरे नहीं डालतीं. वे घर पर काम नहीं लाते, रसोई में मदद करते हैं और जब छुट्टी पर जाते हैं, तो पूरी तरह पत्नी के होते हैं.

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