Family Matters: ज्यादातर बच्चों को अपनी मां के हाथ से बने खाने का स्वाद दिलोदिमाग पर इतना छाया रहता है कि शादी बाद उन को अपनी पत्नी का बनाया हुआ खाना बेस्वाद लगने लगता है. ऐसे में शुरुआत होती है झगड़े की, क्योंकि जब वही पत्नियां पूरे दिल से मेहनत कर के पति के लिए कुछ स्वादिष्ठ पकवान बनाती हैं और पति यह कह कर रिजैक्ट कर देता है कि उस को तो अपनी मां के हाथ का बना खाना ही स्वादिष्ठ लगता है, पत्नी के हाथ का नहीं तो ऐसे में पत्नी का नाराज होना जायज ही है.
ऐसे में, पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ जाता है और कई बार तो कई पत्नियां गुस्से में खाना बनाना ही छोड़ देती हैं, हालांकि कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें बाहर का जंक फूड, मैगी, पिज्जा, बर्गर आदि ज्यादा पसंद होता है. फिर मां चाहे जितना अच्छा खाना बनाए बच्चे बाहर का खाना ही खाना पसंद करते हैं.
ऐसा क्यों होता है
ऐसा इसलिए भी होता है कि पत्नी, मां के हाथ का बना खाना या जंक फूड खाने की बात नहीं होती, बल्कि मुंह में लगे स्वाद की बात होती है जिस को जो खाना पसंद आता है वह बारबार वही खाना खाना पसंद करता है. फिर चाहे वह खाना मां के हाथ का हो, जंक फूड हो या बीवी के हाथ का ही खाना क्यों न हो.
बच्चे शुरू से ही मां के हाथ का खाना खाते हैं, भले फिर वह कच्चापक्का खाना ही क्यों न बनाएं, लेकिन उस खाने का स्वाद बच्चे की जबान पर चढ़ जाता है और इसीलिए उस को अपनी मां के हाथ का बना खाना खाना ही अच्छा लगता है.
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